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विविधा

डीजी शक्ति के तहत क्राइस्ट चर्च कॉलेज विद्यार्थियों को टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरित

कानपुर 6 जनवरी, भारतीय स्वरूप संवाददाता, उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वकाक्षी डीजी शक्ति के तहत विद्यार्थियों को टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण महाविद्यालय के कुल 500 चयनित विद्यार्थियों को एम०एल०सी० अरूण जी ने महाविद्यालय परिसर में टैबलेट/स्मार्ट फोन का वितरण किया गया। माननीय एम०एल०सी० पाठक जी ने विद्यार्थियों उत्तर प्रदेश सरकार की बिजी शक्ति की महत्ता के सन्दर्भ में विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। माइक का संचालन एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डा० सुनीता वर्मा ने किया। कार्यवाहक प्राचार्या डा० सूफिया सहाब ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि को नोडल आफीसर डा० सबीना आख्बोदरा ने बुके भेंट की महाविद्यालय की परम्परागत प्रार्थना डा० सवीना आरबोदरा की गई जा रवि महलवाल  ने सभी विद्यार्थियों को ब्रमबद्ध तरीकों से प्रवेश कराया । कार्यक्रम बहुत ही सफल सम्पन्न हुआ। अन्त में वोट आफ थैंक्स डा० मीतकमल के द्वारा किया गया । महाविद्यालय की डिजी शक्ति के अन्तर्गत तकनीकी स्टाफ रिषभ जार्ज, राहुल कुमार, समीर व स्वामीनाथ एवं हेल्पर स्टाफ  अजय दिग्गा एल्गोन्स एवं दिनेश कुमार का व्यक्तिगत सहयोग रहा। अन्ततः कार्यक्रम में सहभागिता निभाने वाले सभी शिक्षकों कर्मचारियों को नोडल आफीसर धन्यवाद दिया।

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एस .एन. सेन. बा. वि .पी .जी .कालेज, कानपुर नवाचार समिति द्वारा ग्राफिक डिजाइन की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

कानपुर 6 जनवरी, छात्राओं को व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत तकनीकी ज्ञान से अवगत कराने हेतु एस एन सेन बा वि पीजी कॉलेज में नवाचार समिति संबंध छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के अंतर्गत ग्राफिक डिजाइन से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के अध्यक्ष महोदय श्री पी के मिश्रा, सचिव महोदय श्री पी के सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभो् सेन ,सदस्या श्रीमती दीपा श्री सेन तथा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल जी ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन करके किया तथा सभी अतिथियों ने छात्राओं को शुभ आशीष दिया।

इस कार्यक्रम में मैक इंस्टीट्यूट द्वारा छात्राओं को डिजाइन को ग्राफिक के माध्यम से कैसे बनाया जाए तथा इसे अपना रोजगार के रूप में कैसे अपनाया जाए इसकी शिक्षा दी गई।
महाविद्यालय की सभी छात्राओं ने इस तकनीक के माध्यम से ग्राफिक्स के विभिन्न आयामों से इस विधा को सीखा अवश्य व इससे रोजगार के रूप में स्थापित करेंगे।
नवाचार समिति के प्रभारी डॉ रचना निगम में सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा सेल की सदस्य श्रीमती मोनिका शुक्ला ने संचालन किया, श्रीमती मयूरिका गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कियाव श्रीमती अपर्णा निगम ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया तथा अन्य जानकारी दी
इस कार्यक्रम में लगभग 200 छात्राओं ने भाग लिया तथा कार्यक्रम में महाविद्यालय की सभी प्रवक्ता उपस्थित रही

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लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं का समाधान करवाया जायेगाः के. डी. चन्दोला

-राष्ट्रीय परिषद की मीटिंग में लघु एवं मझोले वर्ग की समस्याओं पर हुई चर्चा-

डीएवीपी की विज्ञापन नीति की खामियों को दूर करने की मांग

कानपुर 6 जनवरी, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसोसियेशन ऑफ स्माॅल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की मीटिंग वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चन्दोला ने की। वर्चुअल मीटिंग में देश के कई राज्यों से पदाधिकारीगण व सदस्यगण शामिल हुए और अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित मीटिंग में सहभाग करने वाले पदाधिकारियों ने सर्व प्रथम श्री बी0 आर0 कुमार को श्रद्धाँजलि दी और श्री कुमार के देहावसान को एसोसिएशन के लिये अपूर्णीय क्षति बताया।
मीटिंग में लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं पर चर्चा की गई और डीएवीपी विज्ञापन पालिसी-2020 की खामियों को दूर करवाने की मांग रखी गई। देशभर के कई राज्यों से शामिल हुए पदाधिकारियों ने अपने-अपने राज्यों के समाचारपत्रों के सामने आ रही समस्याओं को सामने रखा। डीएवीपी की विभागीय कार्यशैली के प्रति नाराजगी जाहिर की और कहा कि बी ओ सी की कार्यशैली से लघु एवं मझोले वर्ग के समाचार पत्रों की विकासदर प्रभावित हो रही है। इतना ही नहीं लघु एवं मझोले समाचारपत्रों को बी ओ सी द्वारा नियम-कायदों के नाम पर बहुत परेशान किया जा रहा है जो कि निन्दनीय है। समस्याओं को सुन राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चन्दोला ने आश्वासन दिया कि समाचारपत्रों की समस्याओं से सूचना एवं प्रसारण मन्त्रालय, भारत सरकार एवं डीएवीपी (बीओसी) को अवगत कराया जायेगा और उनका उचित हल निकालने की बात रखी जायेगी।
वर्चुअल मीटिंग में उप्र से श्याम सिंह पंवार, डी0 के0 मैथानी, अतुल दीक्षित, महाराष्ट्र से अप्पा साहिब पाटिल, गोरख तावरे, जितेन्द्र जोगड़, राजस्थान से डाॅ0 अनन्त शर्मा, उत्तराखंड से निशा रस्तोगी, डी0 डी0 मित्तल, आन्ध्र प्रदेश से भूपालम सतीश बाबू, कोंडलराव सेंडीरेड्डी, विजय राजू, पश्चिम बंगाल से नारायण चटर्जी, गुजरात से शंकर एम कतीरा, मयूर बारीचा, कर्नाटक से विद्याधर, असम से किरि रांगहेंग, मध्य प्रदेश से नितिन गुप्ता, राजेन्द्र प्रसाद बिंजवे शामिल हुए।

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दिसंबर 2021 में सकल जीएसटी राजस्‍व संग्रह 1,29,780 करोड़ रुपये का रहा

दिसंबर, 2021 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,29,780 करोड़ रुपये रहा, जिसमें सीजीएसटी 22,578  करोड़ रुपये, एसजीएसटी 28,658  करोड़ रुपये, आईजीएसटी 69,155 करोड़ रुपये (वस्‍तुओं के आयात पर संग्रह किए गए  37,527 करोड़ रुपये सहित) और उपकर (सेस) 9,389  करोड़ रुपये (वस्‍तुओं के आयात पर संग्रह किए गए 614 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं।

सरकार ने नियमित निपटान के रूप में सीजीएसटी के लिए 25,568 करोड़ रुपये और आईजीएसटी से एसजीएसटी के लिए  21,102 करोड़ रुपये का निपटान किया है। दिसंबर 2021 में नियमित निपटान के बाद केन्‍द्र सरकार और राज्‍य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्‍व सीजीएसटी के लिए 48,146  करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 49,760 करोड़ रुपये है।

दिसंबर 2021 के महीने के लिए राजस्व पिछले साल के इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 13% अधिक और दिसंबर 2019 में जीएसटी राजस्व से 26% अधिक है। महीने के दौरान, माल के आयात से राजस्व 36% अधिक था और राजस्व घरेलू लेनदेन से (सेवाओं के आयात सहित) पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान इन स्रोतों से प्राप्त राजस्व से 5% अधिक है।

अक्टूबर, 2021 (7.4 करोड़) के महीने की तुलना में नवंबर, 2021 (6.1 करोड़) के दौरान ई-वे बिलों की संख्या में 17% की कमी के बावजूद महीने में जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये के करीब है।  केंद्रीय और राज्य दोनों कर प्राधिकरणों द्वारा बेहतर कर अनुपालन और बेहतर कर प्रशासन के कारण यह संभव हुआ।

चालू वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह 1.30 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि पहली और दूसरी तिमाही में औसत मासिक संग्रह क्रमशः 1.10 लाख करोड़ रुपये और 1.15 लाख करोड़ रुपये था। आर्थिक सुधार के साथ, चोरी-रोधी गतिविधियों, विशेष रूप से नकली बिलर्स के खिलाफ कार्रवाई, जीएसटी को बढ़ाने में योगदान दे रही है। राजस्व में सुधार शुल्क ढांचे को ठीक करने के लिए परिषद द्वारा उठाए गए विभिन्न युक्तिकरण उपायों के कारण भी हुआ है। उम्मीद है कि राजस्व में सकारात्मक रुझान अंतिम तिमाही में भी जारी रहेगा।

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समर्थनारी संगठ द्वारा संजय वन में नववर्ष के साथ नयी चेतना जागृत हुई

कानपुर 4 जनवरी, संजय वन में नववर्ष के साथ नयी चेतना भी जागृत हुई। समर्थनारी संगठक की कानपुर अध्यक्ष रेनू चतुर्वेदी जी ने 3 जनवरी को स्व.सावित्रीबाई फुले जी की जयंती में अपने संगठन की प्रमुख महिलाओं के साथ स्व०सावित्रीबाई फुले जी के जयन्ती पर उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनीषा रोहतगी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती नीरा सिन्हा वर्षा जी के साथ सावित्रीबाई फूले जैसी महान भारत की शक्शियत जिन्होंने नारी शिक्षा,की दिशा मे विद्यालय उस समय खुलवाये जब स्त्री को शिक्षा और दलित को शिक्षा अपराध मानते थे शिक्षा सिर्फ उच्च जाति के पुरुषों की धरोहर मानी जाती थी।आपने 19वीं सदी मे अशिक्षा, सतिप्रथा, छूआछूत,बाल और विधवा विवाह, जैसी कुरीतियों पर आवाज़ उठाने वाली भारत की पहली महिला थी।साथ ही नीरा जी ने समस्त महिलाओं को जागरूक करते हुवे कहा की न हम दहेज लेगे न हम दहेज़ देगें।क्योंकि दहेज जहाँ वायलेंस वहां । वहीं कोविड 19 के चलते कई परिवार बेरोजगार हो गये उनको परिवार की सहयोगी स्वरोजगार निर्मित होने की राह दी।
बैठक में उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती मनीषा शुक्ला जी,शिक्षा संयोजिका डा०नीना श्रीवास्तव जी ,कानपुर अध्यक्ष रेनू चतुर्वेदी जी,डा०श्वेता श्रीवास्तव गुप्ता जी काउंसलर और फिजिकल ट्रेनर,इकबाल कौर महाराजपुर विधानसभा संयोजिका ,तृप्ति शुक्ला दक्षिण विधानसभा संयोजिका,रोटी से रोजगार की कानपुर संयोजिका अर्चना गुप्ता जी,अनुराधा श्रीवास्तव जी,और नीलम मैसी मिश्रा जी,पूजा जायसवाल जी बैठक में मौजूद रहीं।
बैठक में अमृत वर्ष पर भी चर्चा हुई और स्थाना दिवस की तैयारी पर चर्चा हुई।साथ ही आनेवाले मकरसंक्रान्ति त्यौहार पर संगठन की बहनो के साथ पुराने वस्त्र वितरण ,और खिचडी भोजन करने जैसे धार्मिक कार्यों को बल दिया।कल्याण मंत्र के साथ बैठक सम्पन्न हुई

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15 वर्ष से 18 वर्ष की आयु वाले युवाओं को जनपद के 24 सेंटरों पर वैक्सीनेशन

 भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 3 जनवरी, आज से 15 वर्ष से 18 वर्ष की आयु वाले युवाओं को जनपद के 24 सेंटरों पर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। जिसके दृष्टिगत जिलाधिकारी द्वारा उर्सला अस्पताल के वैक्सीनेशन सेंटर का निरीक्षण किया।जिलाधिकारी ने बताया कि आज से 15 से 18 वर्ष की आयु के युवाओं का वैक्सिनेशन किया जा रहा है। जिसके लिए जनपद में शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के 24 वैक्सीनेशन सेंटरों में वैक्सीनेशन किया जा रहा। जनपद के समस्त विद्यालयों के प्राचार्यो के साथ पूर्व में बैठक कर उनके विद्यालयों में पढ़ने वाले 15 से 18 वर्ष की आयु के छात्र/ छात्राओं की सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ऑनसाइट भी वैक्सीनेशन सेंटर बनाकर बच्चों का वैक्सीनेशन किया जा सके। जिलाधिकारी ने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करें । सभी लोग मास्क की अनिवार्यता का पालन सुनिश्चित करें। सैनेटाइजर का प्रयोग करें ।किसी भी प्रकार का लक्षण प्रदर्शित होने पर स्वास्थ्य टीम से संपर्क कर अपनी जांच अवश्य कराएं। निरीक्षण के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नेपाल सिंह उपस्थित रहे।

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ख्वाहिशों के दौर में सुकून कहां

भारतीय स्वरूप 3 january, वक़्त बहुत तेज़ी से भाग रहा है और हम सब वक़्त के साथ भाग रहे है ,अपनी अपनी आकांक्षाओं के पीछे।
ये बात इश्क़ की हो, मोह की हो,या कोई दुनियावी लगाव,या हो सकता है कोई ख़ास इच्छा जिसको पाने के लिए हम सब पल पल मर रहे होते ख़ुवाईशो के इस दौर में ,कौन है ? जो आज ख़ुशी से रह पा रहा है।सुकून से जी पा रहा है।इतनी भागदौड़ करने के बाद भी सन्तोष ..तो कहीं भी नहीं नज़र नही आता। जैसे बाज़ार तो लगा हुआ हैअभिलाषाओं का, ख़ुवाईशो का ,आकांक्षाओं का..मगर उन्हें ख़रीद पाना..हर किसी के बस मे नहीं। जो होता है हमारे पास,उसकी क़दर नहीं ,कुछ और ,कहीं और ,ख़ुशी ढूँढने में लगे हैं सभी। दोस्तों !अगर कुछ और मिल भी जाये तो भी ख़ुवाईशे कहाँ ख़त्म होगी।हम सब रोज़ देख ही रहे हैं अपने आसपास।बहुत कुछ टूटा बहुत कुछ रूठा बहुत मिले ..बहुत गये .,बहुत बिछड़े भी ,इस गुजरते हुये सालों मे।वक़्त ने करवट ली और बहुतो के घर बने और बहुतों के उजड़ भी गये वक़्त है साहेब बदलेगा भी। हर हाल मे हमे मुस्कुराना है ..हर पल हमे ज़िन्दादिली से निभाना है।दोस्तों नया साल ,नया आग़ाज़ होगा, नया अंदाज़ होगा ,हर हाल मे ख़ुश रहने का नया अंदाज़ अपनाना होगा ,हर बात मे शुक्र करे क्यूँकि बहुत लोग तरसते है वो जीवन जीने के लिए,जो आप जी रहे है ..
दुनिया की कोई भी ताक़त आप को परेशान नही कर सकती ।किसी को खोने का दर्द ,किसी चीज़ को न पा सकने का गम।अगर दिल से ये दर्द ही निकल जाये तो यक़ीनन ज़िन्दगी बहुत ख़ुशनुमा हो सकती है बहुत कुछ हालात हमने ही खुद अपने लिए चुने होते है
दुख या डिप्रेशन के अहसास को अपनी इजाज़त के बग़ैर,अपने दिल मे कभी भी न पनपने दे .. “दिल “आप के बस मे हो ,न की “आप “दिल के बस मे हो ..कभी कभी दिल बहुत तकलीफ़ में होता है और तकलीफ़ देने वाला भी कोई और नही हमारे ही दिल मे होता है।वो कोई भी हो सकता है हमारे हालात ,हमारी खुवाईशे हमारी कमज़ोरियाँ ,हमारी खुद की आदतें।वो सब चीजे जो हमे तंग करती है उनमे से आप खुद ही,खुद को बाहर निकाल सकते है दूसरा और कोई नही।
दोस्तों कभी कभी खुद से बात किया करें अपने आप से भी हमें माफ़ी माँगनी चाहिए क्योंकि हम ही अक्सर खुद अपना दिल दुखा देते हैं किसी और को ख़ुश करते करते।कई रिश्तों को निभाते निभाते हम खुद ही टूट रहे होते है ।तो क्या बेहतर नही उन रिश्तों का टूट जाना,जिनसे आप अन्दर ही अन्दर टूट रहे होते है।
ख़ुद के लिये हम ही ऐसे हालात पैदा कर लेते हैं जिसकी वजह से हम अपनी ख़ुशी के मालिक हम न रह कर ..दूसरे के हाथों में दे देते हैं और फिर कोई भी हमारे लिये सजाये मुक़र्रर कर देता है। हमारी हंसी ,हमारी गमी ,दूसरों के व्यावहार पर निर्धारित हो जाती
है।ये कोई और नहीं करता हम ख़ुद ही उसे ऐसा करने की इजाज़त देते हैं।
आने वाले नये वर्ष में विचारे और सोचे कि आप को क्या करना है ।छोटी छोटी बातों के लिये उदास या डिप्रेशन मे जाना है या इक फ़ौजी की तरह हर हालात मे आगे बढ़ना है अपने दिल और दिमाग मे जो अव्यवस्था या हलचल है उसे परखे उसे शान्त करे या बाहर निकाल फेंके ।खुद मे नई ऊर्जा से भरीये।हँसिये हसांये..कुछ नये संकल्प ,कुछ नये लक्ष्य, कुछ नया ,कुछ अलग से जिससे आप भी सकून से रहे और दूसरे भी।हर समस्या का हल हमारे ही पास है आज नये साल मे हम सब को अपनी नाकारातमक ऊर्जाओं को सकारात्मक ऊर्जाओं मे बदलना है अपनी सकारात्मक ऊर्जा सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड मे भेजनी है यही इस वक़्त सारे विश्व के कल्याण के लिये आवश्यक है नये वर्ष की ढेरों शुभ कामनाओं के साथ आप की अपनी दोस्त 🙏 स्मिता

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राज्यपाल आनंदीबेन द्वारा जिला कारागार में महिला बन्दियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गर्मशाल, गर्म वस्त्र, पुस्तकें खिलौने, फल, चिप्स, चाकलेट, बिस्कुट वितरित

कानपुर 29 दिसम्बर, 2021(सू0वि0) महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में जिला कारागार में महिला बन्दियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गरमशाल, गरम वस्त्र, पुस्तकें खिलौने, फल, चिप्स, चाकलेट, बिस्कुट इत्यादि का वितरण किया गया। इस अवसर पर महिला बन्दियों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि यह हमारे जो बच्चें है जिन्होंने कोई काम नही किया है फिर भी जो सजा भुगत रहे है। उनकी शिक्षा व पढाई के लिये पर्याप्त अवसर मिले इसी लिये यह कार्यक्रम किया गया है। सरकार ने बच्चों के शिक्षा के लिये पर्याप्त प्रबंध किया है। उन्होंने महिला बन्दियों का आवहन किया कि जेल में रहकर भी थोडा सा समय निकाल कर अपने बच्चों को अवश्य पढायें। उन्होंने कहा कि सभी महिला बन्दी समय को फिजूल की बातों में मत विताये। बच्चों को अच्छा संस्कार दीजिये। घर पर जो संस्कार मिलता है वह जेल में नही मिलता, ऐसा वातावरण बनाये जिससे बच्चे अच्छा संस्कार प्राप्त करके आगे बढे।
महामहिम राज्यपाल ने महिला बंदियो को नसीहत देते हुये कहा कि वह मन से बदला लेने की भावना निकाल दें। कोई ऐसा काम न करे जिससे फिर से उन्हें यहॉ न आना पडे, यह संकल्प ले कर जायें। उन्होंने कहा कि जेल में जो काम आप लोगो को सिखाया जाता है वह काम दिल लगाकर सीखे। उन्होंने कहा कि देश में पहले महिलाओं को घर से निकलने नही देते थे। सरकार ने महिलाओं के हित में ऐसी योजना बनायी कि आज महिलायें अपना घर का काम करके बाहर निकल कर भी पैसा कमा रही है। जो महिलाये पढ नही पायी है वे अपने बच्चों को आगे बढा रही है। उन्होंने कहा कि जेल में जो भी कार्य आपसे लिया जाता है उसे परिश्रम से सीखे ताकि घर जाने पर पॉच-दस हजार रुपये कमा सके। उन्होंने कहा कि महिला बंदियो एवं उनके बच्चों के लिये पॉच कम्प्यूटर सीखने के लिये दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिलाई मशीन व जेल में उपलब्ध संसाधनों से जो आप तैयार करोगे बिक्री होने पर आपकी धनराशि बैंक एकाउन्ट में जमा होती है। जेल से छूटने पर घर वापस जाने पर चेक मिलता है। उन्होंने महिला बंदियो से कहा कि वह सुबह प्रार्थना करे, शाम को भजन र्कीतन करे व बच्चों को अवश्य पढाये। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिये सेवा का अवसर है। सरकार द्वारा समाज में जागृति लाने के लिये पूरा प्रयास किया जा रहा है। पिंक बूथों के माध्यम से भी महिलाओं की सुरक्षा, स्वाभिमान की रक्षा की जा रही है। उन्होंने इस मौके पर चीफ बालंटियर डा0 सोहेब अहसन द्वारा महिला बंदियो एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गरम वस्त्र एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराने में बधाई देते हुये प्रसन्शा की। उन्होंने इस मौके पर महिला बन्दियो के बच्चों को दुलारा व पुचकारा भी।
इस मौके पर उन्होंने महिला बैरक जिला करागार में महिला बंदी हेतु पुनर्वास कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रयोगशाला कम्प्यूटर कक्ष का उद्घाटन किया। उन्होंने कम्प्यूटर प्रशिक्षण ले रही प्रिया सिंह एवं वेदिका से उनकी पढाई एवं प्रशिक्षण संबंधित आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने आगे पढते रहने के लिये प्रेरित किया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी डा0 महेन्द्र कुमार, अपर जिलाधिकारी नगर श्री अतुल कुमार, जेल अधीक्षक कारागार श्री आर0के0 जायसवाल, उप महानिरीक्षक कारागार श्री शैलेन्द्र मैत्रेय, समाजसेवी डा0 सोहेबे अहसन आदि उपस्थित रहे।

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छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का 36वां दीक्षांत समारोह रंगारंग कार्यक्रम के साथ सम्पन्न

कानपुर 29 दिसम्बर (सू0वि0) छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय का 36वां दीक्षांत समारोह राज्यपाल/कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में एवं मुख्य अतिथि  सांसद राज्यसभा डा0 सुधांशु त्रिवेदी तथा विशिष्ट अतिथि प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री नीलिमा कटियार की उपस्थित में सम्पन्न हुआ।
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये मा0 राज्यपाल/कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह में उपस्थित होकर गर्व महसूस कर रही हूॅ। आपके इस विश्वविद्यालय को छत्रपति शाहू जी महाराज नाम दिया गया है, छत्रपति शाहू जी महाराज को इतिहास में सामाजिक विषमताओं के खिलाफ संघर्ष करने और समाज में सामाजिक समानता को स्थापित करने के लिये जाना जाता है। वह समाज उत्थान के लिये महिला शिक्षा के उनके अधिकारों को सुनिश्चित करने पर विशेष जोर देते थे। उन्होंने इस अवसर पर उनको कोटि-कोटि प्रणाम करते हुये एवं उपाधि प्राप्त करने वाले एवं पदक विजेताओं, उनके शिक्षकों एवं अभिभावकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस दीक्षांत समारोह में दो लाख पैंतीस हजार दो सौ छप्पन विद्यार्थियों को उपाधियॉ प्रदान की जा रही है जिसमें एक लाख छब्बीस हजार आठ सौ पन्चानवें छात्राओं को उपाधियॉ दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी बेटिया उच्च शिक्षा की ओर आगे बढ रही है, आज प्रत्येक क्षेत्र में हमारी बेटियों ने अपनी प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज की है। समान अवसर मिलने पर हमारी बेटिया लडकों से आगे निकल चुकी है। इससे हमारे समाज में हो रहे परिर्वतन की झलक और नये भारत की तस्वीर साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि आज पचास प्रतिशत से भी ज्यादा मेडल लेकर आगे बढ रही है।
दीक्षांत समारोह में मा0 राज्यपाल ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों एवं कालेजो में जो बालिकाये शिक्षा ग्रहण कर रही है उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये उनका हीमोग्लोबिन चेक कराना होगा। उन्होंने कहा कि हम एक ओर बालिकाओं को शिक्षित करें दूसरी ओर उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखें। भारत सरकार महिलाओं को दो डिलवरी तक पौष्टिक भोजन व आहार के लिये पॉच हजार रुपये देती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने के साथ देश का भविष्य उज्जवल एवं सशक्त होना चाहिए तभी देश आगे बढेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के विषय में स्वामी विवेकानन्द जी ने कहा था कि जो शिक्षा साधारण व्यक्ति को जीवन संग्राम में समर्थ नही बना सकती जो मनुष्य में चरित्रबल व परहित भावना नही ला सकती वह भी कोई शिक्षा होती है, वास्तव में जिस शिक्षा के द्वारा जीवन में अपने पैरों पर खडा होना चाहता है वही शिक्षा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा के उद्देश्य में ऐसी ही परिकल्पना की गयी है, जिसमें कहा गया है कि शिक्षा से चरित्र निर्माण होना चाहिये, विद्यार्थियों में नैतिकता, तार्कितता, करुणा और संवेदनशीलता विकसित की जानी चाहिये और इसके साथ ही विद्यार्थियों को रोजगार के लिये सक्षम बनाना चाहिये। इसका उद्देश्य शिक्षा नीति में सुधार करना और छात्रों में मौलिक दायित्व एवं समाजिक मूल्यों एवं देश के साथ जुडाव होना चाहिये।
उन्होंने कहा कि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के अनुरुप कौशल विकास को शामिल कर इस दिशा में आगे बढ रहा है। विश्वविद्यालय नित नये अनुप्रयोगों के लिये प्रयत्नशील है। विश्वविद्यालय में शोद्य व नवाचार को बढावा दिया जा रहा है तथा श्री रमन लघु शोद्य परियोजना की शुरुआत की गयी है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्वरोजगार को बढावा देना बहुत महत्वपूर्ण हो रहा है। इस विश्वविद्यालय ने छात्र-छात्राओं को स्वरोजगार परक बनाने के लिये इनोवेशन, स्टार्टअप हेतु प्रेरित करने के लिये एक सेन्टर की स्थापना की है। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों को सुलभ रोजगार के लिये केन्द्रीय पलेस्मेन्ट सेल की स्थापना की। उन्होंने कहा कि मुझे प्रशन्नता है कि विश्वविद्यालय द्वारा सामाजिक उत्थान एवं पुनर्वास में सक्रिय भूमिका का निर्वान्ह किया जा रहा है। इस दिशा में ग्रामीण अंचलो के आंगनबाडी केन्द्रों में सामग्री वितरित की है। विश्वविद्यालय द्वारा महिला ग्राम प्रधान को जागरुक करने के लिये कई प्रशिक्षण कार्यक्रम, सामाजिक कुरीतियों को हटाने के लिये आयोजित किये है। उन्होंने कहा कि हर प्रधान अपने गांव को टीवी मुक्त व कुपोषण मुक्त करने का कार्य करे।
इस अवसर पर मा0 राज्यपाल ने सर्वप्रथम मा0 सांसद राज्यसभा डा0 सुधांशु त्रिवेदी को डिलीट की मानद उपाधि प्रदान की इसके पश्चात उन्होंने विश्वविद्यालय की छात्र-छात्राओं को उपाधियॉ प्रदान की, जिसमें गुलिस्तानाज को विश्वविद्यालय के समस्त संकायों को सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के लिये कुलाधिपति स्वर्ण पदक, रजत पदक सहित पॉच पदक, इसिका सिंह, इसानी द्विवेदी एवं सायनावानों को कुलाधिपति कास्य पदक प्रदान किये। विश्वविद्यालय के चिकित्सा संकाय में सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थी के लिये साक्षी त्रिपाठी, उच्चतर सामाजिक विज्ञान संकाय में अंकित कुमार को कुलपति स्वर्ण पदक प्रदान किया। इसी क्रम में उन्होंने विभिन्न संकायों के 47 छात्र-छात्राओं को विभिन्न पदक प्रदान किये। कार्यक्रम में कला संकाय के 27, विज्ञान संकाय के 06, वाणिज्य संकाय के 04, शिक्षा प्रशिक्षण संकाय के 04, जीव विज्ञान व कृषि संकाय के एक-एक, व्यवसाय एवं प्रबंधन संकाय के 02 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की उपाधि कुलपति द्वारा प्रदान की गयी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि मा0 सांसद राज्यसभा डा0 सुधांशु त्रिवेदी ने संबोधित करते हुये कहा कि भारत की परम्परा में दीक्षा का महत्व शिक्षा के महत्व से अधिक है, शिक्षा तो निरन्तर प्राप्त की जा सकती है। शिक्षा आपके बुद्धि व मस्तिस्क का विकास करती है, जबकि दीक्षा आपकी चेतना का विकास करती है। इस अवसर पर राज्यमंत्री उच्च शिक्षा विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी श्रीमती नीलिमा कटियार ने अपने उद्बोधन में कहा कि वोकल फॉर लोकल के साथ छात्र छात्राओं को आगे बढ़ना चाहिए। जिन मूल्यों आदर्शों और परम्पराओं को पूरे विश्व ने स्वीकारा है, हमें उन्हें लेकर ही आगे बढ़ना है और भारत को विश्वगुरू के रूप में स्थापित करना है।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय पहला ऐसा विश्वविद्यालय है जिसने नई शिक्षा नीति 2020 का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया। साथ ही उन्होंने बताया कि यहां पर 26 नए वोकेशनल कोर्स भी शुरू किए गए हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को राज्य सांसद सुधांशु त्रिवेदी द्वारा 50 लाख की धनराशि दी गई है उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन सेंटर के लिए सरकार द्वारा डेढ़ करोड़ की धनराशि दी गई है। साथ ही उन्होंने बताया कि 30 टी.बी से ग्रसित बच्चों को गोद लिया है और उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी ली है।
विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 45 पीएचडी छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा उपाधि दी गयी जिसमें 25 छात्र (55.56प्रतिशत) तथा 20 (44.44 प्रतिशत) छात्राएं हैं। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों में स्थित परिषदीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा को प्रोत्साहन पुरस्कार दिया गया । कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल द्वारा कुल 86 पदक 55 छात्र-छात्राओं को दिए गए। पदक पाने वालों में 19 छात्र(34.55प्रतिशत) और 36 छात्राएं (65.45प्रतिशत) हैं।
विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं के अंकतालिका, प्रमाणपत्र, उपाधि पत्र, माइग्रेशन प्रमाणपत्र इत्यादि को डिजिटली सुरक्षित रखने के लिए “डिजिलॉकर” एप को भी लांच किया गया। इस सुविधा का उपयोग करते हुए छात्र-छात्राएं अपने विविध डॉक्यूमेंट्स को ऑनलाइन सुरक्षित रख सकेगें। इसके साथ ही विश्वविद्यालय ने अपने पहले प्रकाशन के रूप में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित अधिकांश व्यक्तियों का परिचय करवाने वाली एक पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस पुस्तक में विगत 3 वर्षाे के विजेताओं के बारे में जानकारी संकलित की गई।
दीक्षांत समारोह में सभी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक रहेगा। इस ऐप के लिए वि.वि. कुलपति प्रो0 विनय कुमार पाठक द्वारा छात्रों को 20 हजार की धनराशि दी गई थी, जिसके लिए छात्रों ने कुलपति महोदया को धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सीडीसी डॉ0 आर0के0 द्विवेदी, पी0एस0 चौधरी (वित्त अधिकारी), प्रो0 संजय कुमार स्वर्णकार, कुलसचिव डॉ0 अनिल यादव, प्रो0 सुधीर अवस्थी, प्रो0 नंदलाल, प्रो0सुधांशु पांडिया, डॉ0राशि अग्रवाल, सहायक मीडिया प्रभारी विवेक सचान, प्रो0सुविज्ञा अवस्थी, डॉ0 जितेंद्र डबराल, सुरक्षा प्रभारी डॉ0 आर0पी0सिंह, डॉ0प्रवीन कटियार, डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, आदि विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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भूतपर्व सैनिक के आश्रितों/शहीद सैनिकों की वीर नारियों को कम्प्यूटर फैशन डिजाइंनिग प्रशिक्षण वित्तीय वर्ष 2021-2022 में निःशुल्क संचालित किया जाएगा

कानपुर  24 दिसम्बर, (सू0वि0) जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी, कर्नल बी0एस0 शुक्ला के अनुसार, निदेशालय सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, उ0प्र0, लखनऊ के माध्यम से जनपद- कानपुर नगर के भूतपर्व सैनिक के आश्रितों/शहीद सैनिकों की वीर नारियों को कम्प्यूटर फैशन डिजाइंनिग प्रशिक्षण वित्तीय वर्ष 2021-2022 में निःशुल्क संचालित किया जाना है। कृपया इच्छुक पूर्व सैनिक आश्रितों/शहीद सैनिकों की वीर नारियों को यह अवगत कराना है कि प्रशिक्षण हेतु अपना नाम जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय, कानपर नगर मे माह जनवरी 10 तक अपना नाम दर्ज कराने की कृपा करें।

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