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लेख/विचार

क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में मतदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 30 नवंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में मतदान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। आज के कार्यक्रम में क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ जोसेफ डेनियल, उप प्रधानाचार्य डॉ सबीना बोदरा , प्रोग्राम ऑफिसर डॉ सुनीता वर्मा एवं हमारे मुख्य अतिथि एनएसएस कोऑर्डिनेटर सीएसजेएम कानपुर डॉ के एन मिश्रा आदि मौजूद थे।

प्रधानाचार्य और मुख्य अतिथि ने एनएसएस इकाई के छात्र एवं छात्राओं को मतदान के प्रति जागरूक किया तथा उन्हें कई महत्वपूर्ण सूचनाओं से अवगत कराया। एनएसएस के छात्र एवं छात्राओं ने आज मतदान जागरूकता के संबंध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम में एनएसएस इकाई के छात्रों के प्रतिनिधि हर्षवर्धन दीक्षित एवं खुशी मल्होत्रा ने अपनी एनएसएस की टीम जिनमें आयुष कुमार, अरबाज खान, गिरीशा माथुर, वर्षा आनंद, आयुषी पाठक, सय्यद मोमीन, दीपांशी, मैत्री पन्ना, कांची त्रिपाठी, आशुतोष शुक्ला, पवन श्रीवास्तव, सिमरन गौतम, मुस्कान मिश्रा, मानसी त्रिपाठी, बिना खातून, सृष्टि त्रिपाठी, साक्षी, शालिनी सिंह, श्रद्धा गुप्ता, संस्कृति सिंह। इन्होंने कार्यक्रम का आयोजन किया।

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आयुक्त, डॉ. राज शेखर ने मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक बुलायी

कानपुर 30 नवंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, आयुक्त, डॉ. राज शेखर की अध्यक्षता में आज मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक बुलायी गयी। बैठक में उद्योग संघों के सदस्य एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। पनकी और दादा नगर औद्योगिक क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क के कार्यों के संबंध में आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि दादा नगर और पनकी को जोड़ने वाले पुल तक पहुंचने वाले मार्ग को तत्काल पूरा किया जाए। इस संबंध में एक समयरेखा अगले 2 दिनों में उपलब्ध कराई जानी चाहिए। दादा नगर के पास रिटेनिंग वॉल का कार्य भी निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरा किया जाए। जैनपुर औद्योगिक क्षेत्र में हाई मास्ट लाइट के संबंध में बताया गया कि दिसंबर में काम शुरू हो जाएगा. आयुक्त ने आरएम, यूपीएसआईडीए को इस कार्य को पूरा करने के लिए समय सीमा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। जैनपुर औद्योगिक क्षेत्र में सीईटीपी के मुद्दे पर भी चर्चा हुई और बताया गया कि अगले 10 दिनों में काम शुरू हो जाएगा । रनिया औद्योगिक क्षेत्र की जल निकासी समस्या के संबंध में आयुक्त ने संयुक्त आयुक्त उद्योग को दिनांक 04.12.2021 को कानपुर देहात में स्टेकहोल्डर्स के साथ बैठक बुलाने का निर्देश दिया । लगातार कोशिशों के बावजूद हाउस टैक्स की समस्या अनसुलझी है। आयुक्त ने संयुक्त आयुक्त उद्योग को मामले को आगे बढ़ाने के लिए उद्योगपतियों के प्रतिनिधिमंडल के साथ ए.सी.एस. नगर विकास से मिलने का निर्देश दिया। सीएफओ, कानपुर देहात एवं डीसी, कानपुर देहात को डीएम कानपुर देहात के समन्वय से 15.12.2021 तक रानिया में फायर स्टेशन के लिए भूमि को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया गया था। इसी तरह यह निर्देश दिया गया था कि सीएफओ, कानपुर नगर को तुरंत पनकी फायर स्टेशन के लिए शेष बजट की मांग प्रेषित करें । यह भी निर्देश दिया गया था कि संयुक्त आयुक्त उद्योग, एडीएम (नगर), सी.एफ.ओ. और उद्योग संघों की एक समिति को फायर स्टेशन का दौरा करना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसे पूरा होने तक आपातकालीन उपयोग के लिए संचालित किया जा सकता है या नहीं। अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग ने समिति को बताया कि मेधनीपुरवा से बिठूर को जोड़ने वाली सड़क का कार्य फरवरी 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा आयुक्त ने उद्योग संघों को अगले तीन दिनों में अपने सदस्यों की बैठक आयोजित करने और सख्ती से कोई भी कूड़ा न जलाने के निर्देश दिए। अगर ऐसा पाया जाता है तो उद्योगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। नगर निगम को औद्योगिक क्षेत्रों में साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। समिति के संज्ञान में लाया गया कि भौंती-भीमसेन मार्ग को चौड़ा करते समय सड़क के बीचो-बीच बिजली के पोल आ गए। आयुक्त ने इसे बहुत गंभीरता से लिया और एस.ई., पीडब्ल्यूडी को यह जिम्मेदारी तय करने का निर्देश दिया कि मूल आंगणन में इसे क्यों नहीं सम्मिलित किया गया। निर्देश दिया गया कि सड़क के बीचों-बीच खंभों को अविलंब हटाया जाए। अधिशाषी अभियंता, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने बंसल और कैलाश फीडर में ट्रिपिंग रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों से समिति को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि 33 के.वी. पावर स्टेशन के कंडक्टर बदलने का कार्य 15 जनवरी, 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा। एन.एच.ए.आई. के प्रतिनिधि रनिया में ओवर ब्रिज और अतिक्रमण के मुद्दे को विशेष रूप से स्पष्ट नहीं कर सके।

आयुक्त ने एन.एच.ए.आई. के प्रतिनिधि को चेतावनी दी और संयुक्त आयुक्त उद्योग को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बैठक में जी.एम., एनएचएआई पूरे विवरण के साथ मौजूद रहे। यह भी निर्देश दिया गया कि डीएम, कानपुर देहात उद्योग संघों और एन.एच.ए.आई. के अधिकारियों के साथ साइट का दौरा करें और 07.12.2021 तक संयुक्त रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सभी विभागीय अधिकारियों को विभिन्न कार्यों के लिए दी गई समय-सीमा का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए गए। बैठक का संचालन श्री सर्वेश्वर शुक्ला, संयुक्त आयुक्त उद्योग, कानपुर मण्डल द्वारा किया गया।

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एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज में विज्ञान संकाय ने जगदीश चंद्र बसु की जयंती मनाई

कानपुर 30 नवंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज, कानपुर में विज्ञान संकाय द्वारा श्री जगदीश चंद्र बसु की जयंती मनाई गई।

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल, जंतु विज्ञान की अध्यक्षा डॉ पूनम अरोड़ा, वनस्पति विज्ञान की अध्यक्षा डॉ संध्या सिंह और रसायन शास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ गार्गी यादव ने दीप प्रज्वलित कर और श्री जगदीश चंद्र बसु के चित्र पर माल्यार्पण कर उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला।
प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने बताया कि डॉ बसु एक महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने पौधों पर अध्ययन कर सिद्ध किया कि वे भी संवेदनशील होते हैं।
डॉ गार्गी यादव ने बताया कि डॉ बसु ने विद्युत तरंगों पर शोधकार्य किए। उनको अनेक सम्मान मिले, वे बहुत सारी वैज्ञानिक संस्थानों के सदस्य रहे। बी एससी की छात्रा कु प्रेमिका पाल ने उनके वैज्ञानिक जीवन से जुड़े तथ्यों को बताया।
इस इस अवसर पर डॉ निशा वर्मा, श्रीमती किरन, डॉ शैल बाजपेई, कु वर्षा सिंह, कु तैयबा, डॉ राई घोष श्रीमती प्रतिभा समेत सभी शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित रहीं।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज एलुमनाई एसोसिएशन के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने पूर्व प्राचार्य एवं अध्यक्ष के 100 वर्ष पूरे होने पर बधाइयां दीं एवं हर्षोल्लास के साथ जन्म सप्ताह मनाया|

कानपुर 27 नवंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एलुमनाई एसोसिएशन, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, के सचिव एवं प्रेस समिति के सदस्य डॉ रवि महलवाल ने बताया कि एलुमनाई एसोसिएशन के सभी सदस्य एवं पदाधिकारियों ने अपने पूर्व प्राचार्य एवं अध्यक्ष के 100 वर्ष पूरे होने पर बधाइयां दीं एवं हर्षोल्लास का सप्ताह मनाया| प्रोफेसर निनन अब्राहम 1957 से लेकर 1982 तक कालेज के प्राचार्य रहे | 22 नवंबर को उन्होंने 100 वर्ष पूरे कर लिये | उन्हें बधाई देने वालों में क्राइस्ट चर्च कॉलेज के पूर्व छात्र, माननीय श्री अजीत डोभाल साहब, एन. एस. ए., गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, फोन पर बधाई देने में अग्रणी रहे | श्री आलोक जोशी, आई.पी.एस. (रिटायर्ड), पूर्व निदेशक रॉ (R&AW), और अध्यक्ष, एन.टी.आर.ओ., गवर्नमेंट ऑफ इंडिया; श्री संजय कोठारी, आई.ए.एस. (रिटायर्ड), प्रधान सचिव (सी. वी. सी.), ने भी बधाई दी |कॉलेज के प्राचार्य, डॉक्टर जोसेफ डेनियल, पूर्व वाइस प्रिंसिपल डॉक्टर बी. के. श्रीवास्तव, डॉक्टर नीता जैन, कोषाध्यक्ष डॉक्टर आर. के. जुनेजा, आदि ने इस अवसर पर कोटिशः बधाइयां दीं | 100 वर्ष की आयु होने के बाद भी प्रोफेसर निनन अब्राहम साहब ने न केवल सभी को पहचाना वरन उन दिनों की विशिष्ट घटनाओं एवं उपलब्धियों को भी याद किया और सब को आशीर्वाद दिया

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एस .एन. सेन बी वी पी जी कॉलेज कानपुर के सभागार में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा व्याख्यान श्रृंखला आयोजित

कानपुर 26 नवंबर एस .एन. सेन बी वी पी जी कॉलेज कानपुर के सभागार में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के द्वारा एक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया गया। व्याख्यान श्रंखला के प्रथम व्याख्यान का उद्घाटन मुख्य वक्ता श्री धनेश चतुर्वेदी Group HR Head DFM foods, महाविद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव श्री पी.के सेन संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन, प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल और प्लेसमेंट इंचार्ज डॉ गार्गी यादव द्वारा दीप प्रज्वलित किया गया। मुख्य प्रवक्ता श्री धनेश चतुर्वेदी जी नवीनतम उद्योग प्रथाओं के अनुरूप छात्राओं के ज्ञान के आधार को समृद्ध करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि छात्राओं की तार्किक शक्ति और संप्रेषण कौशल को निखारने की जरूरत है। रोजगार के लिए छात्राओं की आवश्यक बुनियादी अवधारणाएं स्पष्ट हो। उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी को अपने प्रेजेंटेशन स्किल को बढ़ाना चाहिए ग्रुप डिस्कशन तकनीक का भरपूर उपयोग और ज्यादा से ज्यादा मॉक साक्षात्त्मक के द्वारा खुद को तैयार करना चाहिए और प्रभावशाली बायोडाटा बनाना चाहिए। इन सबसे ऊपर आत्मविश्वास से साक्षात्कार में शामिल होना चाहिए। प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन ने छात्राओं के लिए गाइडेंस व्याख्यानो और व्यक्तिगत परामर्श के माध्यम से उनकी करियर की रूचि परिभाषित करने की आवश्यकता बताई। प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि छात्राओं के हित के लिए महाविद्यालय का प्लेसमेंट सेल आगे भी विभिन्न कार्यक्रम करवाता रहेगा। कार्यक्रम का संचालन प्लेसमेंट सेल के इंचार्ज डॉक्टर गार्गी यादव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ निशा वर्मा ने किया।

व्याख्यान में प्लेसमेंट सेल समिति की कु कोमल सरोज व समस्त शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित रहे।

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किसान आंदोलन क्या वाकई समाप्ति पर

करीब एक साल के लंबे अंतराल के बाद किसान आंदोलन का स्वर धीमा पड़ा है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की है और एम एस पी से जुड़े मुद्दे पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की है। हालांकि किसानों ने आंदोलन को अभी समाप्त नहीं किया है और यह जीत किसानों की अभी अधूरी ही है क्योंकि जब तक एम एस पी पर कोई कानून नहीं बन जाता है तब तक उनका संघर्ष अधूरा ही है।
काफी समय से फसल के समर्थन मूल्य पर विवाद होते आ रहे हैं और अभी तक इस मसले का कोई स्थाई हल भी नहीं निकाला जा सका है। इस नए किसान बिल में छोटे किसानों को लाभ जरूर दर्शाया गया है और बिचौलियों से राहत की बात दर्शायी गयी लेकिन किसानों में इस बिल को लेकर संदेह बना रहा और वे इस कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े रहे। सरकार ने समर्थन मूल्य के मसले पर समिति बनाने की बात तो कही लेकिन इस समस्या का कोई स्थाई हल देने का कोई वायदा नहीं किया। गौरतलब है कि इस मसले को अभी तक नजरअंदाज ही किया जा रहा है। समर्थन मूल्य देने से सरकार को कोई नुकसान हो सकता है क्या? या भंडारण व्यवस्था पर कोई असर पड़ेगा? किसानों में अस्सी फीसदी से ज्यादा आबादी छोटे और सीमांत किसानों की है, बड़े किसान छह सात फीसदी से ज्यादा नहीं है और मध्यम दर्जे की किसान दस फीसदी से ज्यादा नहीं है। अगर कृषि कानूनों का लाभ बड़े किसानों को मिलता रहेगा तो छोटे किसान क्या करेंगे?
यह जरूरी है कि किसानों के संदेह को समाप्त करने के लिए समर्थन मूल्य के मुद्दे को कानूनी जामा पहनाया जाए। साथ ही यह भी जरूरी हो जाता है कि सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों में पारदर्शिता हो ना कि बिचोलियों और उद्योगपतियों के हाथ की वो कठपुतली बन जाए। कानून को थोपने के बजाय किसानों की समस्या का समाधान हो। उनकी आय बढ़ाने की बात की जाये। फसल बीमा योजना का पैसा किसानों के हाथ में ना जाकर बीमा कंपनियों को मिल जाता है। किसान सम्मान निधि का पैसा पचास फीसदी भी किसानों तक नहीं पहुंचता है। इस मसले पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है।
हालांकि आजकल राजनीति सिर्फ चुनाव जीतने भर तक ही रह गई है और असल मतलब सिर्फ सत्ता हासिल करना रह गया है। किसान अभी भी सिर्फ वोटर ही है। उत्तर प्रदेश और पंजाब के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज के माहौल में किसानों के मुद्दे में राजनीतिक लाभ ना खोजा जाए यह बात संदेहास्पद लगती है लेकिन फिर भी किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी हो जाता है कि इस मसले को राजनीतिक गलियारों से दूर रखा जाए। -प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

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राष्ट्रपति, श्री रामनाथ कोविन्द ने हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर छात्र-छात्राओं, पूर्व छात्रों एवं शिक्षकों को बधाई देते हुये उनके उनके योगदान की सराहना की

कानपुर 25 नवम्बर(सू0वि0)हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम का मुख्य अतिथि मा0 राष्ट्रपति, भारत, श्री रामनाथ कोविन्द जी एवं अति विशिष्ट अतिथि मा0 राज्यपाल महोदया, उत्तर प्रदेश, श्रीमती आनंदीबेन पटेल तथा विशिष्ट अतिथि मा0 प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री जितिन प्रसाद एवं मा0 औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना जी के द्वारा दीप प्रज्जवलन कर शुभारम्भ किया गया।
माननीय राष्ट्रपति, भारत, श्री रामनाथ कोविन्द जी ने हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के अवसर पर छात्र-छात्राओं, पूर्व छात्रों एवं शिक्षकों को बधाई देते हुये उनके दिये गये योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि कानपुर के किसी शिक्षण संस्थान में आने पर उन्हें अपने विद्यार्थी जीवन की स्मृतियां ताजा हो जाती है, क्योकि मेरी शिक्षा भी कानपुर में हुयी है। उन्होंने हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष की विकास यात्रा के योगदान में सभी कुलपतियों, अधिकारियों तथा वर्तमान एवं पूर्व शिक्षकों, विद्यार्थियों को बधाई देते हुये कहा कि आपके संस्थान का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस विश्वविद्यालय की उपलब्धियों में 20वीं सदी में कानपुर के औद्योगिक विकास, विकास का मानचेस्टर ऑफ ईस्ट तथा लेदर सिटी ऑफ वर्ल्ड व इंडस्ट्रियल हब बनाने में जो उपलब्धि मिली उसमें इस संस्थान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इस विश्वविद्यालय का फूड तकनीकी,पेन्ट तकनीकी,प्लास्टिक तकनीकी इत्यादि के विकास के क्षेत्र में इस संस्थान ने अपनी अलग पहचान बनाई है। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भी इस विश्वविद्यालय ने कीर्तिमान स्थापित किये हैं। देश विदेश में यहां के छात्रो ने संस्थान व कानपुर का नाम स्थापित किया है। इस संस्थान को वर्ष 2016 में उ0प्र0 सरकार द्वारा विश्वविद्यालय का दर्जा प्रदान किया गया है। जिसका यह संस्थान प्रभावी उपयोग करते हुये औद्योगिक अनुसंधान, शिक्षण में गुणवत्तापूर्ण सुधार होगा। उन्होंने 2020 की नई शिक्षा नीति की उपयोगिता को बताते हुये कहा कि हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय में इस हेतु समुचित प्रयास किये जा रहे है। विश्वविद्यालय द्वारा भारतीय परम्पराओं से प्रेरित व दृष्टिकोण में आधुनिक तथा रोजगार परक तथा सृजनात्मक शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि इस नई शिक्षा पद्वति में त्रिभाषा सूत्र की संस्तुति की गयी है,जिससे कि विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमता विकसित होगी तथा भारतीय भाषाओं की ताकत और बढेगी। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की सोंच को साकार करने के लिये राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति में वैज्ञानिक व तकनीकि शिक्षा व शोध को भारतीय भाषाओं में जोड़ने की संस्तुति की है। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि नई शिक्षा नीति के प्रमुख आयामों को जोड़कर एचबीटीयू इस क्षेत्र में काम करेगा एवं भारत को सुपर पावर बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में अपना उल्लेखनीय योगदान देगा।
उन्होंने कहा कि हम सभी जानते है कि विश्व में वही देश विकसित हुये है जिन्होंने इनोवेशन व तकनीकी ज्ञान को प्राथमिकता दी है। भारत ने भी तकनीकी व शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विश्व स्तर पर साख बढ़ाई है, परन्तु इस संबंध में हमारे देश को और कार्य करना है। इस दिशा में एचबीटीयू जैसे संस्थानो की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हमारे देश के तकनीकी संस्थानों को अपने छात्रों में नवोन्मेष, अन्वेषण व नवाचार, उद्यमिता की सोच विकसित करने का प्रयास करते रहना चाहिये तथा उन्हे शुरु से ही ऐसा वातावरण का निर्माण करना चाहिये, जिससे कि वे जॉब सीकर की जगह जॉब गिवर बनकर देश के विकास में अपना योगदान दें सके। उन्होंने डिजिटल तकनीकी की उपयोगिता को हरियाणा के एक गांव के अपने अनुभव का उदाहरण देकर बताया कि वहां स्वावलम्बन व डिजिटल तकनीकी से तीन सौ करोड का टर्नओवर एक युवा ने किया है। एक सर्वेक्षण के अनुसार 1990 के बाद जन्मे 21 वर्ष से कम सेल्फमेड मिलेनियम क्लब में अपना स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि तकनीकी ज्ञान की वास्तविक सफलता को तभी मानी जा सकती है जब इसका लाभ समाज के वंचित,शोषित व दलित व्यक्तियों को मिले। मुझे जानकर प्रसन्नता है कि यह विश्वविद्यालय कानपुर आई0आई0टी के साथ मिलकर शिक्षा,स्वास्थ्य, आजीविका,पर्यावरण के क्षेत्र को विकसित करने में सतत प्रयत्नशील है। उन्होंने एचबीटीयू के पूर्व छात्रों को जिक्र करते हुये कहा कि उन्होंने देश विदेश में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है। इस अवसर पर उन्होंने एचबीटीयू के एल्युमिनाई से अपील करते हुये कहा कि वह स्वेच्छा से समाज के शोषित, दलित, पिछड़े, वंचित वर्ग के बच्चो की सहायता में अपना योगदान प्रदान करें। उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों की भागीदारी कम है, उन्होंने इस क्षेत्र में बालिकाओ की भागीदारी को बढाये जाने पर जोर दिया, जिससे महिला सशक्तीकरण को नया आयाम मिल सके। उन्होंने कहा कि कानपुर भी इन्दौर की तरह स्वच्छता के क्षेत्र में देश के पांच शीर्ष शहरो में अपना स्थान बनाते हुये शामिल हो। उन्होंने प्रशन्नता व्यक्त करते हुये कानपुर को 173वे स्थान से 2021 की रैकिंग में 21वॉ स्थान प्राप्त करने पर प्रशन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि यह उपलब्धि संतोषजनक है लेकिन इसमे सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने स्वच्छता को अपनाने हेतु जन आंदोलन बनाने एवं इस कार्य में जनप्रतिनिधियों, शिक्षण संस्थाओं, नगर निगम, नगर पालिका व शहरवासियों से अपील करते हुये कहा कि कानपुर के सभी निवासी स्वच्छता अभियान में अपने योगदान को देते हुये बढ़कर हिस्सा ले और कानपुर शहर को कचरा मुक्त शहर बनाने में अपना विशेष योगदान दें। उन्होंने बटन दबाकर एचबीटीयू के विभिन्न भवनों व नवनिर्मित द्वार जिसमें नवनिर्मित ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेन्ट सेल, लेक्चर हॉल काम्प्लेक्स, यांत्रिकी अभियंत्रण कक्ष, 36 सीटेड छात्र छात्रावास, 200 सीटेड छात्रा छात्रावास में मेस ब्लाक आदि का लोकार्पण किया। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम का जिक्र करते हुये एचबीटीयू के अधिकारियों एवं शिक्षकों से आवाह्न किया कि एचबीटीयू की जब 125वीं स्थापना दिवस होगा तब देश वर्ष 2047 में अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी वर्ष मना रहा होगा। इस अवसर पर एचबीटीयू अपनी शिक्षण संस्थानों की रैकिंग में 166वां स्थान से 25वें स्थान में लाने के लिये संकल्पबद्व होकर कार्य करें।
इस अवसर पर मा0 राष्ट्रपति जी द्वारा भारतीय डाक विभाग द्वारा एचबीटीयू के गौरवशाली सौ वर्षो पर एक डाक टिकट का अनावरण व विमोचन किया गया। वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इस अवसर पर 100 रुपये के मूल्य वर्ग के स्मारक सिक्के को राष्ट्रपति जी द्वारा जारी किया गया तथा कार्यक्रम में एचबीटीयू द्वारा अपने शताब्दी वर्ष के अवसर पर कॉफी टेबिलबुक, इतिहास पुस्तिका का मा0 राज्यपाल महोदया द्वारा विमोचन किया गया तथा इसकी प्रथम प्रति मा0 राष्ट्रपति जी को भंेट की गयी।
अति विशिष्ट अतिथि मा0 राज्यपाल,उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि मा0 राष्ट्रपति महोदय एक समाज सेवी, वकील व संासद के रुप में सेवा की और गरीब वर्ग के लिये संवेदनशीलता के साथ महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मा0 राष्ट्रपति उच्च शिक्षा के प्रति सजग हैं और इस अवसर पर उनका मार्गदर्शन हम सबको प्राप्त हो रहा है। किसी भी संस्थान के लिये 100 वर्ष पूर्ण करना गौरव का अवसर होता है। यह संस्थान आज अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है यह खुशी की बात है। उन्होंने कहा कि देश के नव निर्माण में विश्वविद्यालय के शिक्षको, विद्यार्थियों की अहम भागीदारी होती है। उन्होंने कहा कि हम सभी जानते है कि प्रगति के द्वार शिक्षा से खुलते है, बिना शिक्षा के देश प्रगतिशील नही बन पायेगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में इस संस्थान ने अपना महत्वपूर्ण स्थान बनाया है, इसका श्रेय यहां के प्रबुद्व शिक्षक वर्ग व छात्रों व सशक्त एलुमिनाई को जाता है। इस संस्थान द्वारा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना एक जिला एक उत्पाद में अपना योगदान दे रहे हैं और राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय की कंपनियों में शीर्ष स्थानों में पहुंचकर उस कंपनी तथा देश के औद्योगिक विकास में अपनी अहम भूमिका निभाकर रोजगार के अवसर प्रदान करने का कार्य रहे है। उन्होने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमो को बढ़ाकर एवं उच्चीकरण वर्तमान आवश्यकतों के अनुरुप कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराये जाते हैं। साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य किया जा रहा है। उच्च शिक्षा महत्वपूर्ण है और इसमें तकनीकी शिक्षा विशेष महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को प्रयास करना चाहिये कि सभी क्षेत्रो में अद्वतन,पारदर्शी व जबाब देही प्रणाली तैयार करें जिससे कि इस विश्वविद्यालय को अच्छी ग्रेडिंग व अच्छा अनुदान मिले तथा यह संस्थान देश, विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों की सूची में सम्मिलित होकर प्रदेश का नाम रोशन करें। उन्होंने कहा कि देश को समृद्वशाली बनाने के लिये प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने की आवश्यकता है, इसी से उच्च शिक्षा में भी सुधार होगा। हमे शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कारवान बनाना होगा जिससे उनके चरित्र की सुद्वढ नीव मजबूत हो सके। विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी केवल पठन-पाठन तक ही सीमित नही रहती, छात्रों के मन मस्तिक में देश व समाज सेवा का भाव विकसित करना भी है। विश्वविद्यालय को कुपोषण जैसी समस्या के प्रति सजग होना चाहिये। उन्होंने बताया कि एक सर्वे के अनुसार 15 से 19 वर्ष की बालिकाओं में 40 प्रतिशत बालिकायें एनिमिक पायी गयी जो कि चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओ में अध्यनरत सभी बालिकाओं का ब्लड टेस्ट होना चाहिये जिससे उन्हे एनिमिक होने से बाहर निकाल कर उन्हे सशक्त बनाया जा सके। शिक्षा सार्थक वही होती है जब आप मिलनशील व संवेदनशील हो। राष्ट्रपिता महात्मागांधी ने कहा था कि सारे शोध व विकास का लाभ समाज के अन्तिम छोर तक पहुंचना चाहिये, तभी हमारे देश का सच्चे अर्थो में विकास होगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपेक्षा की कि वह शिक्षा के माध्यम से गरीबों व वंचितो के परिवारों को जोड़कर उनके सहायक बने। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा 10 टी0वी मरीजो को गोद लिया गया जो कि अब पूरी तरह से स्वस्थ्य हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी ने पूरे भारत को 2025 तक टी0वी0 रोग से मुक्त कराने का जो संकल्प लिया है, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये टी0वी0 रोग के प्रति जागरुकता अभियान में सबलोग बढ़चढ कर योगदान दें। इस अवसर पर उन्होंने मा0 राष्ट्रपति जी का कार्यक्रम में उपस्थित होने पर आभार व्यक्त करते हुये शताब्दी वर्ष के आयोजन के अवसर पर विश्वविद्यालय के एलुमिनाई, शिक्षकों, छात्रों को बधाई देते हुये उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने संबोधित करते हुये कहा कि वर्ष 1921 में स्थापित यह तकनीकी शिक्षण संस्थान आज अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है जो कि सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान ने तकनीकी विकास को तीव्र गति प्रदान की है तथा विश्वविद्यालय के पुराने छात्रों ने देश, विदेश में शीर्ष पदों में स्थापित रहकर नीति निर्माण का कार्य कर रहे हैं। विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं को शतप्रतिशत रोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ स्टार्टअप योजना व इनोवेशन के कार्य में छात्र विशेष रुचि ले रहे हैं। विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति को अपना कर युवा शक्ति को और बेहतर रोजगार अवसर प्रदान करेगा।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 शमशेर सिंह ने विश्वविद्यालय के द्वारा 100 वर्षो में किये गये उल्लेखनीय कार्यो का विस्तार से विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने टाइम कैप्सूल का जिक्र करते हुये विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर मा0 औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती नीलिमा कटियार, महापौर श्रीमती प्रमिला पाण्डेय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्वप्निल वरुण, मा0 सांसद श्री देवेन्द्र सिंह भोले, श्री सत्यदेव पचौरी, श्री सुखराम सिंह यादव सहित मा0 विधायकगण एवं विश्वविद्यालय के एलुमिनाई, शिक्षक एवं छात्र-छात्रायें तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
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हमें ही सोचना है कि हमें क्या माँगना है।

हमारी हर ख्वाहिश पूरी होती है आज नही तो कल, ये कुदरत का नियम है। इसीलिए विवेकशील लोग कहते है।अपनी ख्वाहिश करते समय ज़रा सावधान रहे।इच्छा तो सब पूरी होगी हमें ही सोचना है कि हमें क्या माँगना है।
इक बार किसी ने मुझ से कहा कि उन्हें इक डर रहता है वो अकसर सोचते है कि इस जन्म मे हमे बहुत कुछ मिला।मान सम्मान ,पैसा ऐश्वर्य ,अच्छी सेहत ,अच्छा घर अच्छे बच्चे ,मगर आगे क्या होगा ?पता नही हम कहा जन्म लेंगे ?कही हम दोबारा किसी ग़रीब के यहाँ पैदा न हो जाये।कही हम किसी रोग से ग्रसित न हो जाये।वग़ैरह वग़ैरह तरह तरह के नाकारातमक विचारों से घिरें रहते है ।
मेरे विचार से हमारा सिर्फ़ अपने करमो पर या हम किस तरह से चीजों को देखते है हमारी वाणी पर और विचारों पर ही इख़्तियार है बाकि सब तो अपने आप ही होता चला जाता है आप इस तरह न सोच कर पाजीटिव ,ऊँचे,सुविचार ही सोचे अच्छा करम ही करे तो सब आगे भी अच्छा ही रहेगा ।
हमारे विचारों से बहुत शक्तिशाली चुम्बकीय तरंगे निकलती है और उन के ज़रिये ही हम अच्छा या बुरा अपनी ओर आकर्षित करते है।जो हम सोचते है वही फलने फूलने लगता है अगर पहले ही कह दिया जाये कि ये नही होगा या हो ही नहीं सकता तो यकीन मान कर चले वो नहीं होगा।
विपरीत इसके,हालात कैसे भी हो मगर बोलना अच्छा ही चाहिए और हमेशा ये ही कहना चाहिए..कि ये होगा ही होगा।मुझे करना ही है।दुनिया की कोई ताक़त मुझे रोक नहीं सकती।दोस्तों!
इक बात शेयर करना चाहूँगी।
ये सच पर आधारित भी है।
इक बार दो दोस्त अपने गुरू जी के पास जा रहे थे रास्ते में गली से गुजरते हुए उन्हें इक घर दिखा।जो बहुत ही सुन्दर था।उनमें से एक लड़का जो साफ़ मन,सुन्दर चित का स्वामी था ,जो सब मे अच्छाई ही देखता था हालाँकि बेहद गरीब था।मुश्किल से रोज़मर्रा की ज़रूरतें ही पूरी कर पाता था। कहने लगा !वाह !
कितना सुन्दर किसी का महल है जैसे किसी राजा का हो ।
मैं कल्पना कर सकता हूँ कि भीतर से भी घर बहुत ही सुन्दर होगा। आज तो मन बहुत ख़ुश हो गया।
वाह वाह ! क्या नजारा होगा ।
ये कह कर वो एक मीठी मुस्कान और असीम श्रद्धा से भर गया। उसके चेहरे से लग रहा था जैसे उसका रोम रोम खिल उठा हो।
दूसरी तरफ़ दूसरा दोस्त वो मध्यम वर्ग के परिवार से ताल्लुक़ रखता था।काम भी ठीक ठाक था।
कहने लगा !छोड़ो यार !
ऐसे लाले बहुत देखे हैं ।जो बेईमानी से धन कमाते हैं ।
बात करते करते गुरू जी का घर भी आ गया। गुरू जी को प्रणाम किया और दोनों बैठ गए।
गुरू जी ने बड़े प्यार से उन्हें देखा
और पूछा !सब ठीक तो है घर मे?
रास्ते में कोई तकलीफ़ तो नहीं हुई ?दोनों को बड़े प्यार से अपने पास बिठा लिया।वो लड़का जो सच्चे मन का स्वामी था ,बोला !
गुरू जी यहाँ आते आते रास्ते में इक घर देखा।
वाह वाह !! क्या महल था !
मैं तो सोच रहा था जैसे किसी राजा का महल देख लिया हो।उसके खिड़की दरवाज़े देखने लायक़ थे बड़े बड़े गेट ,गमलों की क़तारें और फुववारा तो सच मे देखने लायक़ था गुरूजी ।
उत्तेजित हो कर अपनी धुन मे बोले ही जा रहा था।
कहने लगा !गुरू जी !
यू आभास हो रहा था जैसे उस घर के अंदर इक बड़ी सी खाने की मेज़ होगी।सोने चाँदी के बरतनो से सजी हुई।इक लाला जी वहाँ अपने बेटों के साथ बैठे खाना खा रहे होंगे और बहुयें खाना परोस रही होगीं ।
आ हा हा !
पूरा घर पोते पोतियों की हंसी से गूंज रहा होगा।
गुरू जी !आज तो आनन्द आ गया।वाह वाह !क्या घर था।
गुरू जी उस की मन की स्थिति को देख मुस्कुराये और उसका हाथ अपने हाथ मे ले लिया।
दूसरे लड़के ने भी अपने विचार कह डालें जो उसने महसूस किया।कि ऐसे लोग कैसे लोगों को लूट कर धन इकट्ठा करते हैं फिर किस तरह अस्पतालो में रोगों से मरते है फिर कैसे रो रो कर अकेले ही ज़िन्दगी गुज़ार देते है।अंत में न तो पैसा ही इनके काम आता है न ही परिवार ।सब छोड़ जाते हैं इन्हें।
वग़ैरह वग़ैरह !अपनी ही धुन मे नेगेटिव बातें कहता ही जा रहा था।
ऐसी बातें कह रहा था जिसको सुनने मात्र से भी मन अशांत हो जाये।
गुरूजी शांत मन से मुस्कुराये।दोनों के सिर पर हाथ रख दिया और लम्बी गहरी साँस ले कर उस लड़के को ,जो सब में अच्छाई ही देखता था कहने लगें! बेटा जैसे तुम सोच रहे हो ,जो तुम ने महसूस किया।जिस को देख कर तुम इतने आनंदित हुए हो,तुम्हारे लिए ये
सब कभी न कभी,आज नहीं तो कल,ज़रूर फलीभूत होगा ही होगा
दूसरे लड़के को देख कर कहने लगे बेटा !जो तुमने देखा ,महसूस किया या बता रहे हो।कभी न कभी आज नहीं तो कल ,तुम्हारे साथ भी वैसा ही होगा।तुम भी ऐसे ही पैसा कमाओगे।ऐसी ही दशा में खुद को पाओगे।
कहने का भाव ये है हमारी सोच कितनी साफ़ सुथरी और बड़ी होनी चाहिए इसका अन्दाज़ा आप खुद ही लगा सकते है।हमारी इक सोच हमारी जीवन शैली को बिगाड़ या बना सकती हैं ।हर बात को नाप तोल कर ही बोले अन्यथा नही बोले।तभी तो कहा जाता रहा है कि हम अपनी ही सोच और करमो से अपने भावी जीवन का निर्माण करते है ।
दोस्तों ! हमें कैसे और क्या बोलना
चाहिए ।ये फ़ैसला मैं आप पर ही छोड़ती हूँ ।आप सब बेहद समझदार है 🙏और मुझ से कहीं बेहतर मन के स्वामी भी 🙏🙏 स्मिता

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प्रदेश सरकार ने किसानों को मण्डी समितियों के माध्यम से दी अनेक रियायते

कानपुर 15 नवम्बर (सू.वि.) प्रदेश सरकार ने भारत सरकार के अध्यादेश/अधिनियम के क्रम में मण्डी परिसरों के बाहर के व्यापार को पूरी तरह लाईसेन्स व मण्डी शुल्क से मुक्त कर दिया है। इससे किसान अपना सामान कहीं भी और किसी भी व्यापारी को तत्काल बेच सकते हैं। कृषकों के हितार्थ फल एवं सब्जियों के 45 कृषि जिन्सों को गैर अधिसूचित कर मण्डी शुल्क समाप्त किया गया ताकि इनके विपणन में कृषकों को सुविधा रहे। गेहूं व धान की खरीद पर रू. 20/-प्रति कुन्तल की दर से उतराई व छनाई पर अतिरिक्त सहायता देकर वर्तमान सरकार द्वारा अब तक रू. 444.05 करोड़ का अनुदान सीधे कृषकों के खाते में हस्तान्तरित करते हुए उन्हें लाभान्वित किया है।
प्रदेश में पोस्ट हार्वेस्ट लॉसेस को न्यून करने के उद्देश्य से लगभग 2.33 लाख प्लास्टिक क्रेटस तथा 70000 प्लास्टिक शीट्स का कृषकों/व्यापारियों के मध्य निःशुल्क वितरण किया गया। दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से प्रथम बार व्यापारियों एवं आढ़तियों के हितार्थ ’’मुख्यमंत्री कृषि उत्पादन मण्डी समिति के व्यापारी एवं आढ़ती दुर्घटना सहायता योजना’’ एवं ’’मुख्यमंत्री मण्डीस्थल/उपमण्डी स्थल अग्निकाण्ड दुर्घटना सहायता योजना’’ लागू करते हुए सहायता प्रदान की जा रही है।
कृषकों को वित्तीय वर्ष 2017-18 से जुलाई, 2021 तक कृषकों के हितार्थ ’’मुख्यमंत्री कृषक कल्याणकारी योजनाओं’’ के अन्तर्गत 62798 कृषकों को रू. 104.8 करोड़ से भी अधिक की अनुदान सहायता राशि प्रदान की गयी। न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनान्तर्गत अभिनव कदम उठाते हुए पहली बार मण्डी परिषद स्वयं क्रय एजेन्सी के रूप में प्रदेश के 24 जनपदों में 57 क्रय केन्द्र स्थापित कर 25782 कृषकों से धान खरीद की गयी तथा रबी विपणन वर्ष 2021-22 में 130 क्रय केन्द्र स्थापित कर 37192 कृषकों से गेहूं खरीद की व्यवस्था सम्पादित की गयी है। कोरोना काल के दौरान प्रदेश की सभी समितियों में आक्सीमीटर, थर्मल स्कैनिंग मीटर युक्त हेल्पडेस्क स्थापित किये गये हैं। साथ ही शासन की मंशानुसार मण्डी समितियों को कोरोना काल के दौरान नियमित रूप से संचालित कराया गया।
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2020 में पल्लेदारों/श्रमिकों के बैंक खातों में रू. 1,000 हस्तान्तरित किये जाने संबंधी योजना के अन्तर्गत मण्डी समितियों में कार्यरत पल्लेदारों के बैंक खाता विवरण व आधार कार्ड आदि की सूचना एकत्र कराते हुए 20,000 से अधिक श्रमिकों की सूचना नगर निगम व अन्य जनपदीय प्राधिकारियों को उपलब्ध कराकर लाभान्वित कराया गया। गड्ढामुक्तिकरण योजनान्तर्गत मण्डी परिषद के आन्तरिक संसाधनों से विगत साढ़े चार वर्षों में कुल 10709.23 कि.मी. सम्पर्क मार्गों को रू. 1228 करोड़ की लागत से गड्ढामुक्त किया गया। इस वर्ष भी यह कार्य किया जा रहा है। कृषि शिक्षा को बढ़ावा हेतु बांदा में छात्रावास का निर्माण कार्य पूर्ण कराकर बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बांदा को हैण्डओवर किया जा चुका है तथा कुमारगंज (अयोध्या) एवं कानपुर में शासकीय कृषि विश्वविद्यालयों में 100 छात्रों हेतु 50 कमरों के कृषक छात्रावासों के निर्माण कार्य अन्तिम चरण में प्रगति पर है।
मण्डी परिषद द्वारा प्रदेश में लगभग रू. 25 करोड़ की लागत से 54 नग ग्रामीण हाठ बाजारों का निर्माण एवं विकास कार्य कराया गया है। जनपद अमरोहा एवं वाराणसी में मण्डी परिषद द्वारा आर.के.वी.आई. योजनान्तर्गत रू. 30.20 करोड़ की लागत से इन्टीग्रेटेड पैकहाउस बनाये जाने की परियोजना स्वीकृत हो गई है, दोनों मण्डी परिसरों यथा-अमरोहा एवं वाराणसी में निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चुका है। इन्टीग्रेटेड पैकहाउस के निर्माण से प्रदेश के कृषकों को फल तथा सब्जियों के राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में मांग के अनुसार सार्टिंग, ग्रेडिंग एवं आधुनिक तकनीक के अनुसार उपचारित करके आपूर्ति/विक्रय करने की सुविधा प्राप्त होगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। कृषि निर्यात को बढ़ावा देने हेतु मैंगो पैक हाउस, रहमानखेड़ा (मलिहाबाद), लखनऊ में अन्तर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप भाप उष्मा उपचार (वी.एच.टी.)/ Vapour heat treatment (V.H.T.) प्लान्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
प्रदेश की 27 प्रमुख मण्डी समितियों को आधुनिक किसान मण्डी के रूप में विकसित कराये जाने का कार्य अन्तिम चरण में है, जिनमें से 17 प्रमुख मण्डियों में Value addition हेतु राइपनिंग चौम्बर/कोल्ड चौम्बर एवं अन्य आधुनिक सुविधा के माध्यम से विकसित किया जाना प्रस्तावित है। भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजना ई-नाम योजनान्तर्गत प्रदेश की 125 मण्डी समितियों को जोड़ा गया है। मण्डी समितियों में लाईसेन्स की प्रक्रिया को पारदर्शी व सुगम बनाने के लिए ई-लाइसेन्स प्रणाली लागू की गयी है। जिनके अन्तर्गत 99019 ई-लाइसेन्स निर्गत किये गये हैं। व्यापारियों को सहूलियत देने के लिए ई-मण्डी (डिजिटल व्यापार) की व्यवस्था लागू की गयी है, जिसके अन्तर्गत 23 लाख आनलाइन प्रपत्र यथा प्रपत्र-6, प्रपत्र-9, गेटपास एवं लाइसेन्स निर्गत किये गये। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाकर प्रदेश में मण्डी परिषद, उ.प्र. द्वारा सम्भागीय कार्यालयों एवं मण्डी समितियों के माध्यम से लगभग 40 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया गया है। प्रदेश की मण्डी समितियाँ किसानों के हित में लगातार कार्य कर रही हैं।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज और ऋषिकुलशाला के संयुक्त तवाधान में “मिशन शक्ति” “बाल दिवस” के उपलक्ष्य पर गरीब बच्चों को शिक्षण सामग्री एव चॉकलेट वितरित की गई

कानपुर 14 नवंबर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज ने  ऋषिकुलशाला केंद्र नं.12 के सहयोग से  “मिशन शक्ति” तृतीय चरण के तहत “बाल दिवस” के उपलक्ष्य पर गरीब बच्चों को शिक्षण सामग्री एव चॉकलेट वितरित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन सीटीआई नहर गोविंद नगर  स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ। बच्चे उपहार पाकर आनंदित थे। बच्चों ने भी नृत्य प्रदर्शन एवं भारत माता के गीत गाते  हुए बाल दिवस मनाया गया ऋषिकुलशाला की स्थापना अध्यात्मिक गुरु एवं पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्थापक , श्री पवन सिन्हा ने की है जिसका उद्देश्य गरीब बच्चों को शिक्षित करना है। यह संस्थान वृद्धाश्रम,बच्चों में संस्कार जागृत करने जैसे अनेक सामाजिक कार्य करती है। यह कार्यक्रम प्राचार्य डॉक्टर जोसेफ डेनियल एवं उप प्राचार्य सबीना बोथरा के नेतृत्व में आयोजित किया गया कार्यक्रम में ऋषिकुलशाला कानपुर इकाई के मुख्य प्रशिक्षक संतोष विश्वकर्मा, क्राइस्ट चर्च कॉलेज “मिशन  शक्ति” की संयोजिका डॉ. मीत कमल द्विवेदी के कुशल मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ /मिशन शक्ति अभिकर्ता के रूप में उदित ,अंजली, मैत्री ,कल्पना, रिद्धिमा, अभिषेक आदि मौजूद रहे

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