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राज्यपाल आनंदीबेन द्वारा जिला कारागार में महिला बन्दियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गर्मशाल, गर्म वस्त्र, पुस्तकें खिलौने, फल, चिप्स, चाकलेट, बिस्कुट वितरित

कानपुर 29 दिसम्बर, 2021(सू0वि0) महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में जिला कारागार में महिला बन्दियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गरमशाल, गरम वस्त्र, पुस्तकें खिलौने, फल, चिप्स, चाकलेट, बिस्कुट इत्यादि का वितरण किया गया। इस अवसर पर महिला बन्दियों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि यह हमारे जो बच्चें है जिन्होंने कोई काम नही किया है फिर भी जो सजा भुगत रहे है। उनकी शिक्षा व पढाई के लिये पर्याप्त अवसर मिले इसी लिये यह कार्यक्रम किया गया है। सरकार ने बच्चों के शिक्षा के लिये पर्याप्त प्रबंध किया है। उन्होंने महिला बन्दियों का आवहन किया कि जेल में रहकर भी थोडा सा समय निकाल कर अपने बच्चों को अवश्य पढायें। उन्होंने कहा कि सभी महिला बन्दी समय को फिजूल की बातों में मत विताये। बच्चों को अच्छा संस्कार दीजिये। घर पर जो संस्कार मिलता है वह जेल में नही मिलता, ऐसा वातावरण बनाये जिससे बच्चे अच्छा संस्कार प्राप्त करके आगे बढे।
महामहिम राज्यपाल ने महिला बंदियो को नसीहत देते हुये कहा कि वह मन से बदला लेने की भावना निकाल दें। कोई ऐसा काम न करे जिससे फिर से उन्हें यहॉ न आना पडे, यह संकल्प ले कर जायें। उन्होंने कहा कि जेल में जो काम आप लोगो को सिखाया जाता है वह काम दिल लगाकर सीखे। उन्होंने कहा कि देश में पहले महिलाओं को घर से निकलने नही देते थे। सरकार ने महिलाओं के हित में ऐसी योजना बनायी कि आज महिलायें अपना घर का काम करके बाहर निकल कर भी पैसा कमा रही है। जो महिलाये पढ नही पायी है वे अपने बच्चों को आगे बढा रही है। उन्होंने कहा कि जेल में जो भी कार्य आपसे लिया जाता है उसे परिश्रम से सीखे ताकि घर जाने पर पॉच-दस हजार रुपये कमा सके। उन्होंने कहा कि महिला बंदियो एवं उनके बच्चों के लिये पॉच कम्प्यूटर सीखने के लिये दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिलाई मशीन व जेल में उपलब्ध संसाधनों से जो आप तैयार करोगे बिक्री होने पर आपकी धनराशि बैंक एकाउन्ट में जमा होती है। जेल से छूटने पर घर वापस जाने पर चेक मिलता है। उन्होंने महिला बंदियो से कहा कि वह सुबह प्रार्थना करे, शाम को भजन र्कीतन करे व बच्चों को अवश्य पढाये। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिये सेवा का अवसर है। सरकार द्वारा समाज में जागृति लाने के लिये पूरा प्रयास किया जा रहा है। पिंक बूथों के माध्यम से भी महिलाओं की सुरक्षा, स्वाभिमान की रक्षा की जा रही है। उन्होंने इस मौके पर चीफ बालंटियर डा0 सोहेब अहसन द्वारा महिला बंदियो एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गरम वस्त्र एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराने में बधाई देते हुये प्रसन्शा की। उन्होंने इस मौके पर महिला बन्दियो के बच्चों को दुलारा व पुचकारा भी।
इस मौके पर उन्होंने महिला बैरक जिला करागार में महिला बंदी हेतु पुनर्वास कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रयोगशाला कम्प्यूटर कक्ष का उद्घाटन किया। उन्होंने कम्प्यूटर प्रशिक्षण ले रही प्रिया सिंह एवं वेदिका से उनकी पढाई एवं प्रशिक्षण संबंधित आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने आगे पढते रहने के लिये प्रेरित किया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी डा0 महेन्द्र कुमार, अपर जिलाधिकारी नगर श्री अतुल कुमार, जेल अधीक्षक कारागार श्री आर0के0 जायसवाल, उप महानिरीक्षक कारागार श्री शैलेन्द्र मैत्रेय, समाजसेवी डा0 सोहेबे अहसन आदि उपस्थित रहे।