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युवा जगत

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मुकदमेबाजी को कम करने के लिए विवाद समाधान योजना (ई-डीआरएस), 2022 शुरू की

आयकर अधिनियम, 1961 (जिसे इसके बाद “अधिनियम” कहा जाएगा) में धारा 245 एमए के अनुसरण में, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मुकदमेबाजी को कम करने और पात्र करदाताओं को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से ई-डिस्प्यूट रेजोल्यूशन स्कीम, 2022 (ई-डीआरएस) को अधिसूचित किया था। अधिनियम की धारा 245 एमए में विवाद समाधान समितियों (डीआरसी) के गठन का भी प्रावधान है।

ई-डीआरएस करदाता को विवाद समाधान के लिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से आवेदन करने में सक्षम बनाता है, जो अधिनियम की धारा 245 एमए में निर्धारित कुछ निर्दिष्ट शर्तों को पूरा करता है और जो करदाता पर क्षेत्राधिकार वाले प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त के क्षेत्र के लिए नामित डीआरसी को आवेदन कर सकता है। इस उद्देश्य के लिए, देश भर में सभी 18 अधिकार क्षेत्र वाले पीआर.सीसीआईटी क्षेत्रों में डीआरसी का गठन किया गया है। ऐसे डीआरसी की सूची उनके ई-मेल पते के साथ उपलब्ध है:

https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/help/all-topics/statutory-forms/file-statutory-form/popular-form/form-34-BC.

ई-डीआरएस के अनुसार, करदाता अधिनियम की धारा 245एमए के स्पष्टीकरण के खंड (बी) में परिभाषित ‘निर्दिष्ट आदेश’ के विरुद्ध ई-विवाद समाधान का विकल्प चुन सकता है, जिसमें ऐसा आदेश शामिल है जिस मामले में प्रस्तावित या किए गए बदलावों की कुल राशि 10 लाख रुपये से अधिक नहीं है और संबंधित कर निर्धारण वर्ष के लिए रिटर्न की गई आय 50 लाख रुपये से अधिक नहीं है। इसके अलावा, ऐसा आदेश अधिनियम की धारा 90 या 90ए के तहत संदर्भित किसी समझौते के तहत खोज/सर्वेक्षण या प्राप्त सूचना पर आधारित नहीं होना चाहिए।

ई-डीआरएस के अनुसार, डीआरसी निर्दिष्ट आदेश में बदलावों में संशोधन कर सकता है और आयकर नियमावली, 1962 (जिसे इसके बाद “नियमावली” कहा जाएगा) के नियम 44डीएसी के प्रावधान के अनुसार दंड और अभियोजन में रियायत/माफी देने का निर्णय ले सकता है। डीआरसी को विवाद समाधान के लिए आवेदन स्वीकार किए जाने वाले महीने के अंत से छह महीने के भीतर अपना आदेश पारित करना अनिवार्य है।

ई-डीआरएस के लिए आवेदन आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर नियम 44डीएबी में निर्दिष्ट फॉर्म संख्या 34बीसी में निर्दिष्ट आदेश की प्राप्ति की तारीख से एक महीने के भीतर दाखिल किया जाना है। ऐसे मामलों में जहां अपील पहले ही दाखिल की जा चुकी है और आयकर आयुक्त (अपील) के समक्ष लंबित है, ई-डीआरएस के लिए आवेदन 30.09.2024 को या उससे पहले दाखिल किया जाना है। ऐसे मामलों में जहां निर्दिष्ट आदेश 31.08.2024 को या उससे पहले पारित किया गया है और सीआईटी (अपील) के समक्ष ऐसे आदेश के खिलाफ अपील दायर करने का समय समाप्त नहीं हुआ है, विवाद समाधान के लिए आवेदन 30.09.2024 को या उससे पहले दाखिल किया जा सकता है।

करदाता आयकर पोर्टल https://eportal.incometax.gov.in पर लॉगिन करके ई-डीआरएस मॉड्यूल तक पहुंच सकता है। उपयोगकर्ता आईडी के रूप में पैन/टैन का उपयोग करके अपने खाते में लॉग इन करें -> डैशबोर्ड पर जाएं -> ई-फाइल -> आयकर फॉर्म -> आयकर फॉर्म फाइल करें -> ‘आय के किसी भी स्रोत पर निर्भर न होने वाले व्यक्ति (आय का स्रोत प्रासंगिक नहीं है)’ टैब के अंतर्गत> कुछ मामलों में विवाद समाधान समिति (फॉर्म 34बीसी) -> फॉर्म संख्या 34बीसी भरें -> विवरण की समीक्षा करें -> आधार ओटीपी, ईवीसी या डीएससी का उपयोग करके फॉर्म संख्या 34बीसी को ई-सत्यापित करें।

मुकदमों को कम करने की दिशा में सरकार द्वारा यह एक और पहल है।

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इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक अपने प्रमुख कार्यक्रम ‘आपका बैंक, आपके द्वार’ के माध्यम से लोगों को विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान कर रहा है – पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

डाक विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में एक उपक्रम के रूप में कार्यरत इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने ‘आपका बैंक, आपके द्वार’ कार्यक्रम को विस्तार देते हुए पिछले 6 वर्षों की अपनी यात्रा के दौरान कई अभूतपूर्व सफलताएं अर्जित की हैं। बैंक की ग्रामीण इलाकों में वित्तीय सेवाओं के विस्तार और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके माध्यम से केन्द्र और राज्य सरकार की अनेकों जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम छोर पर रहने वाले लोगों तक भी आसानी से पहुंचाया जा रहा है। उत्तर गुजरात क्षेत्र, अहमदाबाद में बड़े डाकघर के पोस्टमास्टर जनरल  कृष्ण कुमार यादव ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के 7वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित किये गए कार्यक्रम में यह बात कही। इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक-आईपीपीबी की स्वतंत्र निदेशक सुश्री जयश्री वृजलाल दोशी, आईपीपीबी के सहायक महाप्रबंधक डॉ. राजीव अवस्थी, मुख्य प्रबंधक श्री कपिल मंत्री और मुख्य पोस्टमास्टर श्री रितुल गांधी के साथ केक काटकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। श्री कृष्ण कुमार यादव ने आईपीपीबी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 1 सितंबर, 2018 को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का राष्ट्रव्यापी शुभारंभ किया था। यह जानकारी देना महत्वपूर्ण है कि गुजरात मण्डल में 33 लाख से अधिक आईपीपीबी खाते संचालित हो रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में गुजरात में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के द्वारा अब तक 1.19 लाख खाता धारकों का सामान्य सुरक्षा बीमा, सीईएलसी के तहत 1.80 लाख लोगों का घर बैठे मोबाइल अद्यतन और 2571 बच्चों का आधार नामांकन किया गया है। इसके अलावा, 15 लाख से अधिक लोगों को 242 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए भुगतान भी हुआ है। इस अवसर पर पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने दूरदराज के इलाकों में भी अनेक लोगों को उनके द्वार पर ही कागज रहित, नकदी रहित और समयसीमा रहित बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करके बैंकिंग परिदृश्य को एक नया स्वरूप प्रदान किया है। उन्होंने बताया कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की विभिन्न सेवाओं का फायदा उठाने वाले प्रमुख लाभार्थी वित्तीय रूप से समाज के सबसे अधिक वंचित व कमजोर वर्ग के लोग हैं और बैंक ने किफायती नवाचार तथा सरल एवं सहज उपयोगकर्ता इंटरफेस के माध्यम से समाज के अंतिम छोर तक सहायक व आसान बैंकिंग को सुलभ बनाया है।  कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि आईपीपीबी की 44% ग्राहक महिलाएं हैं और यह संख्या महिला सशक्तिकरण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को भी प्रदर्शित करती है। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक पहुंचाने वाले हमारे डाकिये और ग्रामीण डाक सेवक आईपीपीबी के माध्यम से एक चलते-फिरते बैंक के रूप में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक अपने डाकियों के माध्यम से घर-घर तक विभिन्न सेवाएं उपलब्ध करा रहा है, जिनमें सीईएलसी सुविधा के माध्यम से 5 वर्ष तक के बच्चों का आधार नामांकन और मोबाइल अद्यतन करना, डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, आधार सक्षम भुगतान प्रणाली, बिलों का भुगतान, वाहन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना आदि शामिल हैं। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति के पास इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक का खाता है तो डाकघर की सुकन्या योजना, आरडी, पीपीएफ और डाक जीवन बीमा में उनका धन ऑनलाइन भी जमा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आईपीपीबी उन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के प्रति वचनबद्ध है, जिन्हें बीमा और अन्य वित्तीय सेवाओं तक आसानी से पहुंच उपलब्ध नहीं है।

इस अवसर पर इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के सहायक महाप्रबंधक डॉ. राजीव अवस्थी ने कहा कि उनका बैंक डाक विभाग के विस्तृत एवं भरोसेमंद नेटवर्क के माध्यम से अपने ग्राहकों को वृहद पैमाने पर वित्तीय समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

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सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को नवरत्न का दर्जा प्राप्त हुआ

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को वित्त मंत्रालय द्वारा 30 अगस्त, 2024 को नवरत्न का दर्ज़ा प्राप्त हुआ।

अपने गठन के 13 वर्ष पूरे करने के बाद, एसईसीआई एक अग्रणी सीपीएस  है जो भारत में अक्षय ऊर्जा क्षमता के विकास और विस्तार के लिए समर्पित है, जिसकी संचयी उत्पादन क्षमता 69.25 जीडब्ल्यू है और वार्षिक बिजली व्यापार मात्रा 42 बिलियन यूनिट से अधिक है। एसईसीआई भारत की अग्रणी अक्षय ऊर्जा कार्यान्वयन एजेंसी (आरईआईए) है जो जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने और सतत विकास के लिए प्रयासरत है।

कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में 20.85% की वृद्धि दर्ज करते हुए 13,118.68 करोड़ रुपये का समेकित वार्षिक कारोबार और वित्तीय वर्ष 2023-24 में 34.89% की वृद्धि दर्ज करते हुए 510.92 करोड़ रुपये का कर-पश्चात लाभ (पीएटी) दर्ज किया है।

नवरत्न सीपीएसई के रूप में वर्गीकरण से एसईसीआई को वित्तीय और परिचालन मामलों में स्वायत्तता बढ़ाने में मदद मिलेगी और बेहतर चपलता, बेहतर भौगोलिक उपस्थिति और प्रौद्योगिकी फोकस के माध्यम से कंपनी के विकास पथ को गति मिलेगी। यह भारत के सतत ऊर्जा की ओर संक्रमण पर सरकार के फोकस का एक और संकेत है।

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डॉ. टी.वी. सोमनाथन ने नए कैबिनेट सचिव का पदभार संभाला

डॉ. टी.वी. सोमनाथन ने आज राजीव गौबा की सेवानिवृत्ति के बाद भारत सरकार में नए कैबिनेट सचिव के रूप में पदभार संभाला। डॉ. सोमनाथन तमिलनाडु कैडर (1987 बैच) के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की है। उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एग्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम भी पूरा किया है, और वे एक योग्य चार्टर्ड अकाउंटेंट, कॉस्ट अकाउंटेंट और कंपनी सचिव हैं।

डॉ. सोमनाथन ने इससे पहले केंद्र में प्रधानमंत्री कार्यालय में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्होंने कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया। साथ ही उन्हें वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक में कॉर्पोरेट मामलों के निदेशक के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया। कैबिनेट सचिव के रूप में पदभार संभालने से पहले, वे वित्त सचिव और व्यय विभाग के सचिव का प्रभार संभाल रहे थे।

तमिलनाडु राज्य सरकार में, डॉ. सोमनाथन ने चेन्नई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, मुख्यमंत्री के सचिव और जीएसटी के क्रियान्वयन के महत्वपूर्ण चरण के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव और वाणिज्यिक कर आयुक्त जैसे कई प्रमुख पदों पर कार्य किया। उन्होंने आयुक्त, अनुशासनात्मक कार्यवाही के रूप में भी कार्य किया। चेन्नई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के संस्थापक प्रबंध निदेशक के रूप में, वह फाइनेंशियल क्लोजर प्राप्त करने और चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना को लागू करने के लिए प्रारंभिक निविदाएं प्रदान करने के लिए उत्तरदायी थे। 

डॉ. सोमनाथन 1996 में वाशिंगटन में यंग प्रोफेशनल्स प्रोग्राम के माध्यम से पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्रीय उपाध्यक्ष के रूप में वित्तीय अर्थशास्त्री के रूप में विश्व बैंक में शामिल हुए थे। जब ​​उन्हें बजट नीति समूह का प्रबंधक नियुक्त किया गया था, तब वह बैंक के सबसे कम उम्र के सेक्टर प्रबंधकों में से एक बन गए। उन्होंने 2011 से 2015 तक विश्व बैंक में निदेशक के रूप में कार्य किया।

डॉ. सोमनाथन के अर्थशास्त्र, वित्त एवं सार्वजनिक नीति पर पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में 80 से अधिक शोधपत्र और लेख प्रकाशित हुए हैं, तथा मैकग्रॉ हिल, कैम्ब्रिज/ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों के लेखक हैं।

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जुलाई 2024 तक भारत सरकार के खातों की मासिक समीक्षा

जुलाई 2024 तक भारत सरकार के मासिक खातों को समेकित करके रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। इसके मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

भारत सरकार को जुलाई, 2024 तक 10,23,406 करोड़ रुपये (कुल प्राप्तियों के संगत बजट अनुमान 2024-25 का 31.9 प्रतिशत) प्राप्त हुए हैं। इसमें से 7,15,224 करोड़ रुपये कर राजस्व (केंद्र को निवल राजस्व), 3,01,796 करोड़ रुपये गैर-कर राजस्व और 6,386 करोड़ गैर-ऋण पूंजी प्राप्तियों के रूप में हासिल हुए हैं। इस अवधि तक करों के हिस्से के हस्तांतरण के रूप में भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों को 3,66,630 करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 57,109 करोड़ रुपये अधिक हैं।

भारत सरकार द्वारा कुल 13,00,351 करोड़ रुपये (संबंधित बजट अनुमान 2024-25 का 27.0 प्रतिशत) का व्यय किया गया है, जिसमें से 10,39,091 करोड़ रुपये राजस्व खाते और 2,61,260 करोड़ रुपये पूंजी खाते में खर्च हुए। कुल राजस्व व्यय में से 3,27,887 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के लिए और 1,25,639 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडियों के लिए खर्च किए गए।

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9 फॉर्मों को मिलाकर एकल फॉर्म बनाया गया: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए नया एकल एकीकृत पेंशन फॉर्म जारी किया”

पूरे देश में वरिष्ठ नागरिकों और पेंशनभोगियों के जीवन को आसान बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज नौ अलग-अलग प्रपत्रों (फॉर्म) को मिलाकर एक एकीकृत फॉर्म शुरू करने की घोषणा की। यह पहल वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता को दिखाती है, जिससे वे अपने बहुमूल्य समय की बचत करते हुए अपनी ऊर्जा और विशेषज्ञता को संरक्षित करके “विकसित भारत” की सोच में प्रभावी रूप से अपना योगदान करने में सक्षम हो सकेंगे।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image00208E8.jpg
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग व अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री ने डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस सुधार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एकल सरलीकृत पेंशन आवेदन फॉर्म और ई-एचआरएमएस के साथ भविष्य का डिजिटल एकीकरण‘ की शुरुआत पेंशन विभाग की एक और उपलब्धि है, जिसने हमारे वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार सुधार प्रस्तुत किए हैं। यह कदम केवल सुविधा के बारे में नहीं है, बल्कि यह हमारे बुजुर्गों के समय व अनुभव का सम्मान करने और यह सुनिश्चित करने के संबंध में है कि वे सम्मानजनक, कठिनाई मुक्त जीवन जी सकें।”

कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्राथमिकता को साकार करने और वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को लेकर दोनों विभागों को इन संयुक्त प्रयासों के लिए बधाई दी। पेंशन विभाग पिछले कुछ वर्षों में कई ऐतिहासिक सुधार लागू करने में अग्रणी रहा है। इनमें डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, पेंशन अदालतें, अनुभव पुरस्कार और सेवानिवृत्ति पूर्व परामर्श कार्यशालाएं शामिल हैं। ये पहल पूरे देश में पेंशनभोगियों के लिए पारदर्शिता, दक्षता और सुगम अनुभव सुनिश्चित करने में सहायक रही हैं। मंत्री ने पारिवारिक पेंशन शिकायतों के लिए विशेष अभियान का उल्लेख किया। उन्होंने आगे बताया कि इसने 96 प्रतिशत निवारण दर का आंकड़ा पार कर लिया है, जिसमें आश्रित नाबालिग बच्चों, दिव्यांग बेटियों, विधवा/तलाकशुदा बेटियों, आश्रित माताओं और योद्धाओं की विधवाओं के लंबे समय से लंबित कई मामलों का समाधान शामिल है।

मंत्री ने विवरणों की व्याख्या की। उन्होंने कहा, “सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी, जो ई-एचआरएमएस पर हैं, वे ई-एचआरएमएस के माध्यम से प्रपत्र 6-ए भरेंगे (केवल पेंशन मामले) और सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी, जो ई-एचआरएमएस पर नहीं हैं, वे भविष्य पर प्रपत्र 6-ए भरेंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि पेंशनभोगी की ओर से एकल ई-साइन (आधार आधारित ओटीपी) के साथ प्रपत्र जमा करना पर्याप्त होगा।

डॉ. सिंह के अनुसार इस नए एकीकृत फॉर्म को पेंशनभोगियों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है, जिससे विभिन्न फॉर्मों को संभालने की जटिलता कम होगी और जरूरी समय और प्रयास में भी काफी कमी आएगी। इस उपयोगकर्ता-अनुकूल दृष्टिकोण से लाखों वरिष्ठ नागरिकों को लाभ प्राप्त होने की आशा है, जिससे वे अपने पेंशन संबंधी मामलों को अधिक आसानी और सुविधा के साथ प्रबंधित कर सकेंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “सरकार वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बनाने और राष्ट्र के विकास के लिए उनके ज्ञान व अनुभव का उपयोग करने के अपने दृष्टिकोण को लेकर प्रतिबद्ध है। यह नई पहल हमारी बुजुर्ग आबादी के जीवन को सीधे प्रभावित करने वाली प्रणालियों को सुगम और बेहतर बनाने के निरंतर प्रयासों का प्रमाण है।” चूंकि, सरकार इस तरह के सुधारों को निरंतर लागू कर रही है, डॉ. सिंह ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई कि बुजुर्ग लोग सम्मान व मानसिक शांति के साथ अपने स्वर्णिम वर्षों का आनंद ले सकें और “विकसित भारत” के विकास में भी अपना योगदान कर सकें।

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प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस पैरालिंपिक में आर2 महिला 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर अवनि लेखरा को बधाई दी

प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस पैरालिंपिक 2024 में आर2 महिला 10 मीटर एयर राइफल एसएच1 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर भारतीय निशानेबाज अवनि लेखरा को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अवनि लेखरा ने भी इतिहास रच दिया है, क्योंकि वह तीन पैरालिंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;

“भारत ने #पैरालिंपिक 2024 में अपना पदक खाता खोला!

आर2 महिला 10एम एयर राइफल एसएच1 स्पर्धा में प्रतिष्ठित स्वर्ण जीतने के लिए @अवनीलेखरा को बधाई। उन्होंने इतिहास भी रचा है क्योंकि वह 3 पैरालिंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं! उनका समर्पण भारत को गौरवान्वित करता है

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प्रधानमंत्री तीन वंदे भारत रेलगाड़ियों को रवाना करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी 31 अगस्त, 2024 को दोपहर साढ़े 12 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन वंदे भारत रेलगाड़ियों को रवाना करेंगे। प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करते हुए, अत्याधुनिक वंदे भारत एक्सप्रेस तीन मार्गों: मेरठ-लखनऊ; मदुरै-बेंगलुरु और चेन्नई-नागरकोइल पर कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी।

ये वंदे भारत रेलगाड़ियां वर्तमान में तीव्र गति से चल रही गाड़ियों की तुलना में यात्रा समय को कम करेंगी। मेरठ सिटी-लखनऊ वंदे भारत से लगभग 1 घंटा, चेन्नई एग्मोर-नागरकोइल वंदे भारत से 2 घंटे और मदुरै-बेंगलुरु वंदे भारत से यात्रा समय में डेढ़ घंटे की बचत होगी।

ये नई वंदे भारत रेलगाड़ियां क्षेत्र के लोगों को तीव्रगति और सुविधा के साथ यात्रा करने के लिए विश्व स्तरीय सेवा प्रदान करेंगी और तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक के लोगों की लंबी समय से चल रही मांग को पूरा करेंगी। इन वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की शुरुआत नियमित यात्रियों, पेशेवरों, व्यापारियों और छात्र समुदाय की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेल सेवा के एक नए मानक का शुभारंभ करेगी।

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पहला दो दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन 4 सितंबर से लखनऊ में शुरू होगा

पहला दो दिवसीय संयुक्त कमांडर सम्मेलन (जेसीसी) 04-05 सितंबर, 2024 को लखनऊ के मध्य कमान मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा। रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह ‘सशक्त एवं सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों का रूपांतरण’ विषय पर आयोजित इस सम्मेलन में भाग लेंगे और यह सम्मेलन सशस्त्र बलों के भीतर आंतरिक ‘प्रक्रिया सुधार’ करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करेगा।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान 4 सितंबर को इस समारोह का उद्घाटन करेंगे, जिसमें रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के शीर्ष स्तरीय अधिकारी एक साथ उपस्थित होंगे।

इस दो दिवसीय विचार-विमर्श सम्मेलन में क्षेत्रीय एवं वैश्विक भू-राजनीतिक व्यवधानों के प्रभाव का विश्लेषण करने तथा सशस्त्र बलों द्वारा किए जा रहे विभिन्न सुधारों हेतु संभावित मांगों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। भविष्य के संघर्षों के लिए तैयारी, सैन्य सेवाओं के बीच संयुक्तता और एकीकरण तथा प्रौद्योगिकी उपयोग, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सरकार की ‘आत्मनिर्भरता’ पहल पर आधारित कुछ ऐसे क्षेत्र होंगे, जिन पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाएगा।

संयुक्त कमांडर सम्मेलन को भारत के शीर्ष सैन्य नेतृत्व के बीच विचारों, रणनीतियों तथा सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के आदान-प्रदान के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में विकसित करने की योजना है, जिससे एक सशक्त व सुरक्षित भविष्य के लिए देश की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा और रक्षा क्षेत्र में रणनीतिक स्वायत्तता हासिल होगी।

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आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.1 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा

आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.1 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा

आठ प्रमुख उद्योगों (आईसीआई) का संयुक्त सूचकांक जुलाई, 2023 के सूचकांक की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.1 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा। जुलाई 2024 में इस्पात, बिजली, कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, सीमेंट और उर्वरकों के उत्पादन में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। वार्षिक सूचकांकों, मासिक सूचकांकों और विकास दरों का विवरण अनुलग्नक I और अनुलग्नक II में दिया गया है।

आईसीआई आठ प्रमुख उद्योगों जैसे सीमेंट, कोयला, कच्चा तेल, बिजली, उर्वरक, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद एवं इस्पात के उत्पादन के संयुक्त और विशिष्ट निष्पादन को मापता है। आठ प्रमुख उद्योगों में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल वस्तुओं का 40.27 प्रतिशत हिस्सा शामिल है।

अप्रैल 2024 के लिए आठ प्रमुख उद्योगों के सूचकांक की अंतिम वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत है। अप्रैल से जुलाई, 2024-25 के दौरान आईसीआई की संचयी वृद्धि दर पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 6.1 प्रतिशत (अनंतिम) रही।

आठ कोर उद्योगों के सूचकांक का सारांश नीचे दिया गया है:

सीमेंट– सीमेंट उत्पादन (भारांक: 5.37 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

कोयला– कोयला उत्पादन (भारांक: 10.33 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 9.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

कच्चा तेल – कच्चे तेल के उत्पादन (भार: 8.98 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 2.9 प्रतिशत कम रहा। इसका संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इभी अवधि की तुलना में 1.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई।।

बिजली– बिजली उत्पादन (भारांक: 19.85 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 7.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 9.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

उर्वरक– उर्वरक उत्पादन (भारांक: 2.63 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 1.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

प्राकृतिक गैस– प्राकृतिक गैस का उत्पादन (भारांक: 6.88 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 1.3 प्रतिशत कम रहा। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद– पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादन (भारांक: 28.04 प्रतिशत) में जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

इस्पात– इस्पात उत्पादन (भार: 17.92 प्रतिशत) जुलाई, 2023 की तुलना में जुलाई, 2024 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके संचयी सूचकांक में अप्रैल-जुलाई, 2024-25 के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

नोट 1: मई, 2024, जून, 2024 और जुलाई, 2024 के आंकड़े अनंतिम हैं। प्रमुख उद्योगों के सूचकांक को स्रोत एजेंसियों से प्राप्त अद्यतन डेटा के अनुसार संशोधित/अंतिम रूप दिया जाता है।

नोट 2: अप्रैल 2014 से, नवीकरणीय स्रोतों से विद्युत उत्पादन के डेटा को भी शामिल किया गया है।

नोट 3: ऊपर दर्शाए गए उद्योग-वार भारांक आईआईपी से प्राप्त व्यक्तिगत उद्योग भारांक हैं और आईसीआई के संयुक्त भार के बराबर 100 के अनुपात में बढ़ाए गए हैं।

नोट 4: मार्च 2019 से, फिनिश्ड स्टील के उत्पादन में ‘कोल्ड रोल्ड (सीआर) कॉइल्स’ आइटम के तहत हॉट रोल्ड पिकल्ड एंड ऑयल्ड (एचआरपीओ) नामक एक नया स्टील उत्पाद भी शामिल किया गया है।

नोट 5: अगस्त, 2024 का सूचकांक सोमवार 30 सितंबर, 2024 को जारी किया जाएगा।

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