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महिला जगत

साथी

नंदा लेट हो रहा है जल्दी चलो हम वैसे ही लेट हो गये हैं। मूवी निकल जाएगी

नंदा:- “हां! बस आ रही लॉक लगाकर।”

नितिन जल्दी-जल्दी गाड़ी ड्राइव कर रहा थे ताकि समय पर पहुंच कर मूवी शुरू से देख सके।
नितिन:- “तुम्हारी भी बड़ी खराब आदत है एकआध काम छोड़ दिया करो, बाद में कर लेना था। जब पता था कि मूवी जाना है तो समय से काम निपटा लेना था। इस तरह से भाग दौड़ तो नहीं होती।”
नंदा:- “अब तुम मुझे ही दोष दो, सुबह से लगी हुई हूं काम में। जल्दी-जल्दी सब काम निपटा तो रही थी। घर में पचासों काम होते हैं। वापस आने में देर हो जाएगी तो बाद के काम भी निपटा रही थी।”
नितिन:- “अच्छा छोड़ो! इस बहस में मूड खराब हो रहा है। निकले हैं मूवी देखने और इस बहस से मूवी देखने के मूड का सत्यानाश हो रहा है।”
नंदा कुछ बोली नहीं लेकिन उसका मूड खराब हो गया था यह बात नितिन ने भांप लिया था। पार्किंग में गाड़ी खड़ी रखकर दोनों जल्दी-जल्दी थिएटर हॉल में पहुंचे। आधी मूवी नंदा ने अनमने ढंग से देखी। ब्रेक में नितिन दो कॉफी और पॉपकॉर्न ले आया। थोड़ी देर बाद नंदा नॉर्मल हो गई। दोनों मूवी देख कर बाहर निकले तो नितिन बोला, “चलो डोसा खाने चलते हैं।”
नंदा:- “और जो घर पर बनाया है वह?”
नितिन:- “अरे बाबा वह सुबह खा लेंगे, अभी डोसा खाने का मन है तो बोलो।”
नंदा:- ” ठीक है! चलो।”
एक साउथ इंडियन रेस्त्रां में दोनों गए और डोसे का आर्डर दिया। आर्डर आने में समय था तो नितिन ने पूछा, “नीलू का कुछ फोन आया क्या ?”
नंदा:- “हां आया था तो मैंने कह दिया था कि तेरे जीजा जी से बात करके बताऊंगी। क्या सोचा आपने उस बारे में?”
नितिन:- “तुम बताओ जैसा कहोगी हो जाएगा।”
नंदा:- “दो लाख मांग रहा है नीलू, इस कोविड में काम धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है। मदद तो करनी ही चाहिए लेकिन पैसे जल्दी वापस नहीं आएंगे यह बात तय है।”
नितिन:- “ठीक है। वह कोई चिंता नहीं। देखता हूं कि क्या कर सकता हूं मैं।”
दोनों डोसा खाकर घर आ गये। दूसरे दिन सुबह नाश्ते की टेबल पर नंदा ने नितिन से कहा कि, “तुम सोच समझकर ही पैसे देना, बाद में परेशान मत होना।”
नितिन:- “वह मैं देख लूंगा, तुम परेशान मत हो उसके लिए। मैं नीलू से बात करके उसे रुपए भिजवा देता हूं।” नंदा सिर हिला कर किचन में चली गई।
घर के काम निपटा कर नंदा अपने मायके चली गई। नंदा:- “मम्मी नीलू कहां है? मुझे उससे बात करनी है।” मां:- “ऊपर कमरे में है। क्या हुआ?”
नंदा:- “कुछ नहीं! बस ऐसे ही। आती हूं उससे मिलकर।” और वह ऊपर जाने लगी।
नंदा:- ” नीलू तुम्हें तुम्हारे जीजा जी का फोन आया था क्या?”
नीलू:- “हां दीदी आया था। उन्हीं के पास जाने के लिए तैयार हो रहा हूं लेकिन तुम इस वक्त यहां? कुछ काम था क्या?”
नंदा:- “नहीं! कुछ काम नहीं था, बस तुमसे यही कहने आई थी कि कोशिश करना कि समय से पैसे वापस कर दो ताकि भविष्य में वह फिर से मदद कर सके।” नीलू:- “हां दीदी कोशिश तो पूरी रहेगी बाकी देखते हैं।” और नीलू चला जाता है।
नंदा भी मम्मी, भाभी से मिलकर घर वापस आ जाती है।
कुछ समय बाद नितिन नंदा से पूछता है, “अरे नंदा! नीलू का काम कैसा चल रहा है? इस बीच उसका कोई फोन भी नहीं आया और मैं भी जरा काम में व्यस्त रहा तो बात ही नहीं हो पाई।”
नंदा:- “हां…. ठीक है। अब गाड़ी पटरी पर तो आ गई है। फिर से काम जमा रहा है तो थोड़ा वक्त तो लगेगा ही।”
नितिन:-  “हम्म। अरे कभी अपने जीजा जी को भी याद कर लिया करे। सिर्फ काम के समय ही याद करेगा क्या?”
बात सही थी लेकिन यह व्यंग्य नंदा को चुभ गया वह मुस्कुरा कर बोली, “सही है। अब मेहनत कर रहा है तो समय नहीं मिलता होगा उसे लेकिन उसे बोलूंगी कि आप से बात कर ले।”
नितिन:- “अरे नहीं! मैंने तुमसे मजाक में कही यह बात। अब क्या तुमसे मस्ती भी नहीं कर सकता।” नंदा हंसकर रह गई।
दिवाली का त्यौहार करीब आ रहा था और मेरा काम भी बढ़ता जा रहा था। एक पैर घर में तो एक बाजार में रहता। दिन कैसे जा रहे थे मालूम ही नहीं पढ़ रहा था। दोपहर में आराम करने लेटी तो ध्यान आया कि इस बीच घर से कोई फोन नहीं आया। मम्मी का भी नहीं। भाभी भी शायद काम में बिजी होंगी। शाम को चाय पीते हुए घर पर फोन लगाया।
मैं:- “हेलो, हां भाभी कैसी हो? क्या बात है बहुत व्यस्त हो? एक फोन भी नहीं!”
भाभी:- “हां… नंदा दीवाली करीब आ रही है तो घर की साफ सफाई चल रही है। साथ में घर के पचासों और काम तो रहते ही है। बच्चों को भी ट्यूशन छोड़ने जाना लाने जाना यह भी तो एक काम ही रहता है। कितनी बार तुम्हारे भैया से कहा है कि एक गाड़ी दिला दो बच्चों को। बच्चे अपने आप ट्यूशन आना जाना कर लेंगे, मगर वह सुनते ही नहीं। अब देखो कल अम्मा की तबीयत भी खराब हो गई। डॉक्टर के पास ले गए थे चेकअप चल रहा है, पैरों में दर्द बहुत था। उनके घुटने में सूजन थी चल ही नहीं पा रही थी। तुम्हारे भैया गए हैं एक्सरे निकलवाने फिर डॉक्टर के पास जाएंगे। देखो रिपोर्ट में क्या आता है?
मैं:- “अरे ! आपने कुछ बताया ही नहीं! रिपोर्ट आए तो मुझे भी बताना। मैं कल आती हूं।”
भाभी:- “हां ठीक है।”
फोन काट कर मैं सोचने लगी कि एक ना एक परेशानी लगी रहती है। अब यह नई परेशानी और मैं अपने काम में बिजी हो गई। रात के खाने पर मैंने नितिन से कहा, “सुनो! मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है उन्हें पैरों में तकलीफ है तो मैं कल उनसे मिलने घर जा रही हूं।”  नितिन:- “हां ठीक है।”
सुबह होते ही घर के सारे काम जल्दी जल्दी निपटा कर मैं मम्मी के पास जाने के लिए तैयार होने लगी। बच्चे स्कूल से दोपहर तक आएंगे तो निश्चिंत थी मैं।
घर पहुंच कर मैं मां के पास गई। मम्मी लेटी हुई थी और उनके कराहने की आवाज आ रही थी।
मैं:- “मम्मी अचानक घुटने में दर्द क्यों होने लगा?”
मम्मी:- “अरे बेटा, बुढ़ापा है तो कुछ ना कुछ तो लगा ही रहेगा। एक घुटना घिस गया हैं इसी से बहुत दर्द है। डॉक्टर ने ऑपरेशन बताया है। अब डॉक्टर को कैसे बोलूं कि अभी ऑपरेशन नहीं करवा सकते। पास में इतने पैसे नहीं है। तीन लाख का खर्चा बता रहा है। कैसे हो पाएगा यह सब। मैं भी यह सब सुनकर परेशान हो गई लेकिन मां को तसल्ली दी, “सब हो जाएगा परेशान मत हो।” घर वापस आते समय रास्ते भर यही सोचती रही कि भैया कैसे कर पाएंगे ये सब? नीलू ने नितिन से अभी-अभी आर्थिक मदद ली थी, अब वापस नितिन को कैसे बोलूं?
रात में खाना परोसते समय नितिन ने पूछा, “घर गई थी क्या?”
मैं:- “हां गई थी। मम्मी के घुटने में दर्द है। डॉक्टर ने ऑपरेशन बताया है आपरेशन का खर्चा भी बहुत ज्यादा है।”
नितिन:- “हम्म…. कितना बताया है?”
नंदा:- “तीन लाख बोल रहा डॉक्टर।”
नितिन कुछ बोले नहीं और सोचनीय मुद्रा में बैठे रहते हैं। हम दोनों ही कुछ कह नहीं पा रहे थे। सुबह नितिन ने भैया से बात की।
नितिन:- “हेलो! नीलू अरे भाई कैसे हो? बिल्कुल भूल ही गए? अरे कुछ खोज खबर अपने जीजा जी की भी ले लिया करो।
नीलू:- “अरे जीजा जी! प्रणाम! सब ठीक है। बस ऑफिस ही जा रहा था। नंदा ने बताया होगा कि मम्मी के बारे में, बस उसी में परेशान लगा पड़ा हूं।”
नितिन:- “हां बताया मुझे। कितनी रकम है तुम्हारे पास?
नीलू:- “पौने दो लाख तक जैसे-तैसे अरेंज कर लूंगा। बाकी का देखता हूं कि कैसे अरेंज होता है।”
नितिन:- “ठीक है। ऑपरेशन कब करवाना है।”
नीलू:- “डाक्टर महीने के आखिर में बोला है तभी तारीख भी देंगे।”
नितिन:- “ठीक है।”
अगले दिन सुबह नंदा भाभी से पूछती है।
नंदा:- “भाभी! मम्मी कैसी है? और भैया ने कितना जमा कर लिया है?”
भाभी:- “मम्मी ऐसे तो ठीक है, बस चलना फिरना दूभर है। तुम्हारे भैया टेंशन में दुबले हुए जा रहे हैं इस बीमारी और पैसे के कारण। अभी तक कुछ भी व्यवस्था नहीं हो पाई है।”
नंदा:- “देखती हूं इनसे बात करके लेकिन हिम्मत नहीं होती, इतनी बड़ी रकम जो है।”
भाभी:- “हां यह बात तो है। जमाई बाबू पहले ही इतनी मदद कर चुके हैं कि अब और कैसे कहें मदद के लिए फिर भी एक बार बात करके देखो।”
नंदा:- “हां भाभी देखती हूं।”
नंदा:- “एक हफ्ता बचा है मम्मी के ऑपरेशन को और भैया अभी तक पूरा पैसा नहीं जमा कर सके हैं। भैया भाभी दोनों बहुत परेशान लग रहे थे।”
नितिन:- “तुम परेशान मत हो वह जो डेढ़ लाख की एफडी पड़ी है उसे तोड़ दो और नीलू को दे दो। पैसा जमा ही इसीलिए किया जाता है कि वक्त पर काम आ सके। रखे रखे तो कुछ काम आएगा नहीं।”
नंदा रोने लगती है। नितिन का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा कि, “मैं कितनी खुशनसीब हूं कि आप जैसा पति मिला। मेरे पीहर के दुख को अपना दुख समझकर मेरा साथ देते हैं और मुझे समझते हैं।”
नितिन:- “तुम मेरी अर्धांगिनी हो मतलब आधा अंग हो तो मैं मेरे आधे अंग को कष्ट में कैसे देख सकता हूं। तुम्हारा दुख मेरा दुख है और यह जरूरी नहीं कि बेटी की शादी हो गई तो वह मायके से संबंध तोड़ दे या मायके की तकलीफ में काम ना आये या मायके के लोग बेटी से मदद की अपेक्षा नहीं रख सकते। तुम वह पैसे ले जाओ और नीलू को दे दो तो उसे राहत मिलेगी। नंदा खुशी-खुशी घर जाने के लिए तैयार होने लगी। उसके चेहरे पर संतोष था।

प्रियंका वर्मा महेश्वरी

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क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय द्वारा ऑनलाइन संगोष्ठी इंपैक्ट ऑफ नॉइस पोलूशन ऑन एनवायरनमेंट का आयोजन

कानपुर 24 जनवरी क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय द्वारा एक ऑनलाइन संगोष्ठी जिसका शीर्षक इंपैक्ट ऑफ नॉइस पोलूशन ऑन एनवायरनमेंट का आयोजन किया गया / इस संगोष्ठी में समस्त छात्र छात्राओं को ध्वनि प्रदूषण के बचाव से संबंधित उपाय तथा होने वाली हानियों से अवगत कराया गया कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ श्वेता चंद ने प्रार्थना द्वारा किया प्राचार्य  प्रोफेसर जोसफ डेनियल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा संगोष्ठी को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया मुख्य वक्ता के रूप में डॉ श्रद्धा सिन्हा प्रोफेसर बाबू बनारसी दास कॉलेज लखनऊ ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से कैसे बचा जा सकता है तथा दूसरे मुख्य वक्ता डॉ डी एस राव, मैनेजर ,एन टी पी सी ओडीशा  ने बताया कि आज का युवा कैसे एक फैशन के तौर पर मॉडिफाइड साइलेंसर का इस्तेमाल करते हैं जो कि इल्लीगल है तथा सेंटर मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 190 का उल्लंघन करता है ध्वनि प्रदूषण से हमारे मस्तिष्क पर घातक प्रभाव पड़ता है तथा सुनने की शक्ति भी लगातार घटती जाती है हृदय गति बढ़ जाती है जिससे रक्तचाप सर दर्द अनिद्रा जैसे रोग भी उत्पन्न होते हैं संयोजिका डॉ मीत कमल ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय एवं उच्च शिक्षा विभाग प्रयागराज की प्रेक्षा के क्रम में   यह बहुत ही अच्छी पहल है जिसमें कि युवाओं को इस विषय में जागृत करना बहुत ही अहम है तथा पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखना हमारी प्रथम जिम्मेदारी है  विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता ने छात्रों को सभी प्रकार के मानकों का पालन करने  का सुझाव दिया धन्यवाद ज्ञापन डॉ आनंदिता भट्टाचार्य ने करा कार्यशाला का कुशल संचालन जूही सिंह ने किया डॉ ज्योत्सना ,डॉ असीम के साथ कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागी मौजूद रहे

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चुनावी समर, 2022 विधान सभा चुनाव

चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान करने की घोषणा की है और विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। भारतीय जनता पार्टी से लेकर समाजवादी पार्टी, बसपा और कांग्रेस अपने – अपने स्तर पर जोर आजमाइश कर रहे हैं। बड़ी पार्टियों के साथ – साथ तमाम छोटे दल भी अपना भविष्य तलाश रहे हैं।

भारतीय जनता पार्टी के सियासी दौरे ने अन्य राजनीतिक दलों में हलचल पैदा कर दी है। धर्म और आस्था से लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की है। इस समय लगभग सभी दलों को अब आम आदमी की चिंता सताने लगी है और उन्हें वादों में मुफ्त बिजली, पानी, सस्ता अनाज, तेल, गैस, फोन और लैपटॉप जैसी चीजों से लुभाने की कोशिशें की गई है।
उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में पूर्वांचल विशेष महत्व रखता है। ऐसा कहा जाता है कि पूर्वांचल ने जिसका साथ दिया उसी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सत्ता का सुख भोगा है। विकास के तौर पर चुनावी माहौल में उत्तर प्रदेश को सौगातें दी जा रही हैं। गोरखपुर में एआईआईएमएस के साथ खाद फैक्ट्री, बलरामपुर में सरयू कनाल प्रोजेक्ट, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस वे और प्रयागराज में मातृशक्ति महाकुंभ में महिलाओं को कई सौगातें दी गई। ये सारे प्रयास मतदाताओं को लुभाने और चुनावी रणनीति के तहत ही है।
हालांकि इस चुनावी रणनीति में भाजपा के अलावा और कोई दल मजबूत नजर नहीं आ रहा। विपक्ष प्रयास जरूर कर रहा लेकिन सशक्त हमलावर नहीं हो पा रहा है। राजनीतिक गलियारों में मतदाताओं को लेकर जो ध्रुवीकरण चल रहा है उसमें बीजेपी कितनी सफल होगी यह अभी गर्भ में है। भाजपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे ने भाजपा की संघर्ष को बढ़ा दिया है।
अखिलेश यादव पूरी मजबूती से हमलावर हो रहे हैं और उन्हें अल्पसंख्यकों का वोट बिना प्रयास के ही हासिल है। इससे इतर भाजपा से ब्राह्मण वर्ग नाराज है। अल्पसंख्यकों का कितने प्रतिशत मत मिलेंगे इसमें भी संशय है फिर बेरोजगारी, महंगाई, अपराध, पेट्रोलियम, बढ़ती जीडीपी, गिरता रुपया और कोरोना  ऐसे मुद्दे हैं जिस पर सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है। फिर भी विकल्प के तौर पर अभी भाजपा के अलावा और कोई नहीं है, क्योंकि बाकी दलों में संगठन की कमी और मुद्दों पर पकड़ नहीं है। कांग्रेस अपना कोई मजबूत पक्ष नहीं रख पा रही है। प्रियंका गांधी का महिला कार्ड कितना असर दिखायेगा ये आने वाले समय में पता चलेगा।

प्रियंका वर्मा माहेश्वरी

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में भारतीय युवाओं में स्वामी विवेकानंद के विचारों की उपयोगिता ” विषय पर कार्यक्रम आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता,कानपुर 13 जनवरी एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज मे एन एस एस इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस को युवा दिवस के रूप में मनाया गया।युवा दिवस के उपलक्ष्य एनएसएस इकाई कोमोदनी द्वारा ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन किया गया । जिसका विषय ”भारतीय युवाओं में स्वामी विवेकानंद के विचारों की उपयोगिता ” था।कार्यक्रम का संचालन एन एस एस प्रभारी डॉक्टर चित्रा सिंह तोमर द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल एवं शिक्षाशास्त्र विभाग की सभी शिक्षिका तथा छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान बीए प्रथम वर्ष की छात्राओं के लिए विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से संबंधित ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी तथा अन्य सभी कक्षाओं में व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने अपने व्याख्यान में सभी छात्राओं में ऊर्जा का संचार करते हुए विवेकानंद के पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया। डॉक्टर चित्रा सिंह तोमर ने वर्तमान परिदृश्य में विवेकानंद एवं उनके दर्शन को अति आवश्यक बताया तथा उसे अपनाने पर बल दिया तथा विभाग की समस्त शिक्षिकाओं ने अपने व्याख्यान द्वारा छात्राओं को अभिभूत किया। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए।

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एस .एन. सेन. बा. वि .पी .जी .कालेज, कानपुर नवाचार समिति द्वारा ग्राफिक डिजाइन की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

कानपुर 6 जनवरी, छात्राओं को व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत तकनीकी ज्ञान से अवगत कराने हेतु एस एन सेन बा वि पीजी कॉलेज में नवाचार समिति संबंध छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के अंतर्गत ग्राफिक डिजाइन से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के अध्यक्ष महोदय श्री पी के मिश्रा, सचिव महोदय श्री पी के सेन, संयुक्त सचिव श्री शुभो् सेन ,सदस्या श्रीमती दीपा श्री सेन तथा महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल जी ने मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन करके किया तथा सभी अतिथियों ने छात्राओं को शुभ आशीष दिया।

इस कार्यक्रम में मैक इंस्टीट्यूट द्वारा छात्राओं को डिजाइन को ग्राफिक के माध्यम से कैसे बनाया जाए तथा इसे अपना रोजगार के रूप में कैसे अपनाया जाए इसकी शिक्षा दी गई।
महाविद्यालय की सभी छात्राओं ने इस तकनीक के माध्यम से ग्राफिक्स के विभिन्न आयामों से इस विधा को सीखा अवश्य व इससे रोजगार के रूप में स्थापित करेंगे।
नवाचार समिति के प्रभारी डॉ रचना निगम में सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा सेल की सदस्य श्रीमती मोनिका शुक्ला ने संचालन किया, श्रीमती मयूरिका गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत कियाव श्रीमती अपर्णा निगम ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया तथा अन्य जानकारी दी
इस कार्यक्रम में लगभग 200 छात्राओं ने भाग लिया तथा कार्यक्रम में महाविद्यालय की सभी प्रवक्ता उपस्थित रही

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समर्थनारी संगठ द्वारा संजय वन में नववर्ष के साथ नयी चेतना जागृत हुई

कानपुर 4 जनवरी, संजय वन में नववर्ष के साथ नयी चेतना भी जागृत हुई। समर्थनारी संगठक की कानपुर अध्यक्ष रेनू चतुर्वेदी जी ने 3 जनवरी को स्व.सावित्रीबाई फुले जी की जयंती में अपने संगठन की प्रमुख महिलाओं के साथ स्व०सावित्रीबाई फुले जी के जयन्ती पर उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनीषा रोहतगी जी और राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती नीरा सिन्हा वर्षा जी के साथ सावित्रीबाई फूले जैसी महान भारत की शक्शियत जिन्होंने नारी शिक्षा,की दिशा मे विद्यालय उस समय खुलवाये जब स्त्री को शिक्षा और दलित को शिक्षा अपराध मानते थे शिक्षा सिर्फ उच्च जाति के पुरुषों की धरोहर मानी जाती थी।आपने 19वीं सदी मे अशिक्षा, सतिप्रथा, छूआछूत,बाल और विधवा विवाह, जैसी कुरीतियों पर आवाज़ उठाने वाली भारत की पहली महिला थी।साथ ही नीरा जी ने समस्त महिलाओं को जागरूक करते हुवे कहा की न हम दहेज लेगे न हम दहेज़ देगें।क्योंकि दहेज जहाँ वायलेंस वहां । वहीं कोविड 19 के चलते कई परिवार बेरोजगार हो गये उनको परिवार की सहयोगी स्वरोजगार निर्मित होने की राह दी।
बैठक में उत्तर प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती मनीषा शुक्ला जी,शिक्षा संयोजिका डा०नीना श्रीवास्तव जी ,कानपुर अध्यक्ष रेनू चतुर्वेदी जी,डा०श्वेता श्रीवास्तव गुप्ता जी काउंसलर और फिजिकल ट्रेनर,इकबाल कौर महाराजपुर विधानसभा संयोजिका ,तृप्ति शुक्ला दक्षिण विधानसभा संयोजिका,रोटी से रोजगार की कानपुर संयोजिका अर्चना गुप्ता जी,अनुराधा श्रीवास्तव जी,और नीलम मैसी मिश्रा जी,पूजा जायसवाल जी बैठक में मौजूद रहीं।
बैठक में अमृत वर्ष पर भी चर्चा हुई और स्थाना दिवस की तैयारी पर चर्चा हुई।साथ ही आनेवाले मकरसंक्रान्ति त्यौहार पर संगठन की बहनो के साथ पुराने वस्त्र वितरण ,और खिचडी भोजन करने जैसे धार्मिक कार्यों को बल दिया।कल्याण मंत्र के साथ बैठक सम्पन्न हुई

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ख्वाहिशों के दौर में सुकून कहां

भारतीय स्वरूप 3 january, वक़्त बहुत तेज़ी से भाग रहा है और हम सब वक़्त के साथ भाग रहे है ,अपनी अपनी आकांक्षाओं के पीछे।
ये बात इश्क़ की हो, मोह की हो,या कोई दुनियावी लगाव,या हो सकता है कोई ख़ास इच्छा जिसको पाने के लिए हम सब पल पल मर रहे होते ख़ुवाईशो के इस दौर में ,कौन है ? जो आज ख़ुशी से रह पा रहा है।सुकून से जी पा रहा है।इतनी भागदौड़ करने के बाद भी सन्तोष ..तो कहीं भी नहीं नज़र नही आता। जैसे बाज़ार तो लगा हुआ हैअभिलाषाओं का, ख़ुवाईशो का ,आकांक्षाओं का..मगर उन्हें ख़रीद पाना..हर किसी के बस मे नहीं। जो होता है हमारे पास,उसकी क़दर नहीं ,कुछ और ,कहीं और ,ख़ुशी ढूँढने में लगे हैं सभी। दोस्तों !अगर कुछ और मिल भी जाये तो भी ख़ुवाईशे कहाँ ख़त्म होगी।हम सब रोज़ देख ही रहे हैं अपने आसपास।बहुत कुछ टूटा बहुत कुछ रूठा बहुत मिले ..बहुत गये .,बहुत बिछड़े भी ,इस गुजरते हुये सालों मे।वक़्त ने करवट ली और बहुतो के घर बने और बहुतों के उजड़ भी गये वक़्त है साहेब बदलेगा भी। हर हाल मे हमे मुस्कुराना है ..हर पल हमे ज़िन्दादिली से निभाना है।दोस्तों नया साल ,नया आग़ाज़ होगा, नया अंदाज़ होगा ,हर हाल मे ख़ुश रहने का नया अंदाज़ अपनाना होगा ,हर बात मे शुक्र करे क्यूँकि बहुत लोग तरसते है वो जीवन जीने के लिए,जो आप जी रहे है ..
दुनिया की कोई भी ताक़त आप को परेशान नही कर सकती ।किसी को खोने का दर्द ,किसी चीज़ को न पा सकने का गम।अगर दिल से ये दर्द ही निकल जाये तो यक़ीनन ज़िन्दगी बहुत ख़ुशनुमा हो सकती है बहुत कुछ हालात हमने ही खुद अपने लिए चुने होते है
दुख या डिप्रेशन के अहसास को अपनी इजाज़त के बग़ैर,अपने दिल मे कभी भी न पनपने दे .. “दिल “आप के बस मे हो ,न की “आप “दिल के बस मे हो ..कभी कभी दिल बहुत तकलीफ़ में होता है और तकलीफ़ देने वाला भी कोई और नही हमारे ही दिल मे होता है।वो कोई भी हो सकता है हमारे हालात ,हमारी खुवाईशे हमारी कमज़ोरियाँ ,हमारी खुद की आदतें।वो सब चीजे जो हमे तंग करती है उनमे से आप खुद ही,खुद को बाहर निकाल सकते है दूसरा और कोई नही।
दोस्तों कभी कभी खुद से बात किया करें अपने आप से भी हमें माफ़ी माँगनी चाहिए क्योंकि हम ही अक्सर खुद अपना दिल दुखा देते हैं किसी और को ख़ुश करते करते।कई रिश्तों को निभाते निभाते हम खुद ही टूट रहे होते है ।तो क्या बेहतर नही उन रिश्तों का टूट जाना,जिनसे आप अन्दर ही अन्दर टूट रहे होते है।
ख़ुद के लिये हम ही ऐसे हालात पैदा कर लेते हैं जिसकी वजह से हम अपनी ख़ुशी के मालिक हम न रह कर ..दूसरे के हाथों में दे देते हैं और फिर कोई भी हमारे लिये सजाये मुक़र्रर कर देता है। हमारी हंसी ,हमारी गमी ,दूसरों के व्यावहार पर निर्धारित हो जाती
है।ये कोई और नहीं करता हम ख़ुद ही उसे ऐसा करने की इजाज़त देते हैं।
आने वाले नये वर्ष में विचारे और सोचे कि आप को क्या करना है ।छोटी छोटी बातों के लिये उदास या डिप्रेशन मे जाना है या इक फ़ौजी की तरह हर हालात मे आगे बढ़ना है अपने दिल और दिमाग मे जो अव्यवस्था या हलचल है उसे परखे उसे शान्त करे या बाहर निकाल फेंके ।खुद मे नई ऊर्जा से भरीये।हँसिये हसांये..कुछ नये संकल्प ,कुछ नये लक्ष्य, कुछ नया ,कुछ अलग से जिससे आप भी सकून से रहे और दूसरे भी।हर समस्या का हल हमारे ही पास है आज नये साल मे हम सब को अपनी नाकारातमक ऊर्जाओं को सकारात्मक ऊर्जाओं मे बदलना है अपनी सकारात्मक ऊर्जा सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड मे भेजनी है यही इस वक़्त सारे विश्व के कल्याण के लिये आवश्यक है नये वर्ष की ढेरों शुभ कामनाओं के साथ आप की अपनी दोस्त 🙏 स्मिता

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राज्यपाल आनंदीबेन द्वारा जिला कारागार में महिला बन्दियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गर्मशाल, गर्म वस्त्र, पुस्तकें खिलौने, फल, चिप्स, चाकलेट, बिस्कुट वितरित

कानपुर 29 दिसम्बर, 2021(सू0वि0) महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में जिला कारागार में महिला बन्दियों एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गरमशाल, गरम वस्त्र, पुस्तकें खिलौने, फल, चिप्स, चाकलेट, बिस्कुट इत्यादि का वितरण किया गया। इस अवसर पर महिला बन्दियों को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि यह हमारे जो बच्चें है जिन्होंने कोई काम नही किया है फिर भी जो सजा भुगत रहे है। उनकी शिक्षा व पढाई के लिये पर्याप्त अवसर मिले इसी लिये यह कार्यक्रम किया गया है। सरकार ने बच्चों के शिक्षा के लिये पर्याप्त प्रबंध किया है। उन्होंने महिला बन्दियों का आवहन किया कि जेल में रहकर भी थोडा सा समय निकाल कर अपने बच्चों को अवश्य पढायें। उन्होंने कहा कि सभी महिला बन्दी समय को फिजूल की बातों में मत विताये। बच्चों को अच्छा संस्कार दीजिये। घर पर जो संस्कार मिलता है वह जेल में नही मिलता, ऐसा वातावरण बनाये जिससे बच्चे अच्छा संस्कार प्राप्त करके आगे बढे।
महामहिम राज्यपाल ने महिला बंदियो को नसीहत देते हुये कहा कि वह मन से बदला लेने की भावना निकाल दें। कोई ऐसा काम न करे जिससे फिर से उन्हें यहॉ न आना पडे, यह संकल्प ले कर जायें। उन्होंने कहा कि जेल में जो काम आप लोगो को सिखाया जाता है वह काम दिल लगाकर सीखे। उन्होंने कहा कि देश में पहले महिलाओं को घर से निकलने नही देते थे। सरकार ने महिलाओं के हित में ऐसी योजना बनायी कि आज महिलायें अपना घर का काम करके बाहर निकल कर भी पैसा कमा रही है। जो महिलाये पढ नही पायी है वे अपने बच्चों को आगे बढा रही है। उन्होंने कहा कि जेल में जो भी कार्य आपसे लिया जाता है उसे परिश्रम से सीखे ताकि घर जाने पर पॉच-दस हजार रुपये कमा सके। उन्होंने कहा कि महिला बंदियो एवं उनके बच्चों के लिये पॉच कम्प्यूटर सीखने के लिये दिया गया है। उन्होंने कहा कि सिलाई मशीन व जेल में उपलब्ध संसाधनों से जो आप तैयार करोगे बिक्री होने पर आपकी धनराशि बैंक एकाउन्ट में जमा होती है। जेल से छूटने पर घर वापस जाने पर चेक मिलता है। उन्होंने महिला बंदियो से कहा कि वह सुबह प्रार्थना करे, शाम को भजन र्कीतन करे व बच्चों को अवश्य पढाये। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिये सेवा का अवसर है। सरकार द्वारा समाज में जागृति लाने के लिये पूरा प्रयास किया जा रहा है। पिंक बूथों के माध्यम से भी महिलाओं की सुरक्षा, स्वाभिमान की रक्षा की जा रही है। उन्होंने इस मौके पर चीफ बालंटियर डा0 सोहेब अहसन द्वारा महिला बंदियो एवं उनके साथ रह रहे बच्चों को कम्बल, रजाई, गरम वस्त्र एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराने में बधाई देते हुये प्रसन्शा की। उन्होंने इस मौके पर महिला बन्दियो के बच्चों को दुलारा व पुचकारा भी।
इस मौके पर उन्होंने महिला बैरक जिला करागार में महिला बंदी हेतु पुनर्वास कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्रयोगशाला कम्प्यूटर कक्ष का उद्घाटन किया। उन्होंने कम्प्यूटर प्रशिक्षण ले रही प्रिया सिंह एवं वेदिका से उनकी पढाई एवं प्रशिक्षण संबंधित आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने आगे पढते रहने के लिये प्रेरित किया।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी डा0 महेन्द्र कुमार, अपर जिलाधिकारी नगर श्री अतुल कुमार, जेल अधीक्षक कारागार श्री आर0के0 जायसवाल, उप महानिरीक्षक कारागार श्री शैलेन्द्र मैत्रेय, समाजसेवी डा0 सोहेबे अहसन आदि उपस्थित रहे।

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एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर पोस्टर ,स्लोगन एवं भाषण प्रतियोगिता अयोजित

कानपुर 23 दिसंबर एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज कानपुर के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर पोस्टर ,स्लोगन एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल , निर्णायक मंडल की सदस्य डॉ गार्गी यादव (विभागाध्यक्ष, रसायन शास्त्र विभाग।) एवं डॉ किरण( विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र विभाग) के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया। अर्थशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ निशा वर्मा ने सभी का स्वागत किया तत्पश्चात उन्होंने चौधरी चरण सिंह के द्वारा किसानों के हितों के लिए जो प्रयास किए गए उसके बारे में संक्षिप्त में छात्राओं को अवगत कराया। प्राचार्य जी ने छात्राओं को लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। भाषण प्रतियोगिता में रितिका तिवारी और निकिता सविता ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि दिव्यांशी बाजपेई ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया एवं वैष्णवी मिश्रा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। पोस्टर प्रतियोगिता में स्वाति गौतम ने प्रथम, रुखसार बानो ने द्वितीय और दीपाली पाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। स्लोगन प्रतियोगिता में निशा सिद्दीकी ने प्रथम स्थान, प्रीति कश्यप ने द्वितीय स्थान और सोनाली साहू ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अंत में डॉक्टर प्रीता अवस्थी के द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया गया। इसके पश्चात राष्ट्रगान के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ।

 

 

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एस.एन.सेन बा.वि.पी.जी. कॉलेज, में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा कैरियर वार्ता आयोजित।

कानपुर 18 दिसंबर, एस.एन.सेन बा.वि.पी.जी. कॉलेज, कानपुर में ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा कैरियर वार्ता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य वक्ता श्री सुजीत सिंह, कैरियर मोटीवेटर, श्री अजय जैन जी, सदस्य विश्वविद्यालय एंप्लॉयमेंट ब्यूरो, प्रबंध समिति के सचिव श्री पी. के. सेन एवं प्राचार्य डॉ. निशा अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया।

मुख्य वक्ता ने छात्राओं से उनके कैरियर के प्रति जागरूक रहने और सामर्थ्य अनुसार अपना लक्ष्य निर्धारित करने की सलाह दी उन्होंने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं छात्राओं को अपना व्यक्तित्व विकास, भाषा शैली और आत्मविश्वास विकसित करना चाहिए। आज के प्रतियोगी युग में छात्राओं को पढ़ाई के साथ साथ नवीनतम जानकारियों को जानने की आवश्यकता है।

विश्वविद्यालय के एंप्लॉयमेंट ब्यूरो के सदस्य श्री अजय जैन जी ने छात्राओं के लिए गाइडेंस व्याख्यानों और व्यक्तिगत परामर्श के माध्यम से उनकी करियर की रुचि परिभाषित करने की आवश्यकता बताई।

प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्थापित हुआ ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल छात्राओं के आगे भी विभिन्न कार्यक्रम करवाता रहेगा।
कार्यक्रम का संचालन प्लेसमेंट सेल की इंचार्ज डॉ गार्गी यादव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ निशा वर्मा ने किया।
व्याख्यान में प्लेसमेंट सेल समिति की कु कोमल सरोज व समस्त शिक्षिकाएं और छात्राएं उपस्थित रहीं।

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