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माँ तेरे रूप अनेक विषय पर अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी संपन्न

कानपुर 9 मई भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारत उत्थान न्यास महिला समिति के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी माँ तेरे रूप अनेक का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया गया। संगोष्ठी की शुरुआत कविता सिंह व सोनल बादल द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुति और न्यास की राष्ट्रीय सचिव डॉ नीरा तोमर के स्वागत भाषण से हुई। मुख्य अतिथि कानपुर महानगर की महापौर प्रमिला पांडे ने उपस्थित अतिथियों व वक्ताओं को अपनी शुभकामनाएं दीं। विशिष्ट अतिथियों में पोर्टलैंड प्रभु सतीश ने बताया कि कर्नाटक के मध्यम परिवार में उनका जन्म हुआ और बचपन से ही संघर्षों का सामना करते हुए आज पोर्टेलेंड में एक कंपनी के निदेशक पद पर कार्यरत हैं तो इसके पीछे उनकी माँ ही प्रेरणा बनीं जिन्होंने उन्हें प्रत्येक अवसर पर उनका साथ दिया। पीएसआईटी की वाइस चेयरमैन निर्मला सिंह ने उपस्थित सभी महिलाओं को समाज में बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता प्रदान करने की बात कही। न्यास की राष्ट्रीय मंत्री कल्पना पांडे ने बताया कि वे झांसी में जरूरतमंदों के लिए सेवाकार्य करने के साथ-साथ ज्योतिष के

क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक कार्य कर रही हैैं। संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए मथुरा से डॉ दीपा अग्रवाल ने अपने वक्तव्य के माध्यम से संगोष्ठी को सार्थकता प्रदान की उन्होंने प्राचीन काल से लेकर आधुनिक भारत की सभी विद्वान व वीरांगना महिलाओं की पृष्ठभूमि से अवगत कराकर उपस्थित सभी मातृशक्ति को प्रेरित करने का कार्य किया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉक्टर चंपा कुमारी सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बबोधन में भावुक होते हुए कहा की पुराने समय में अभावों में भी रहकर परिवार अपनी माताओं और बहनों का ख्याल रखता था और उन्हें कभी वृद्धआश्रम की ओर जाना नहीं पड़ता था लेकिन आज आधुनिकता की अंधी दौड़ में अनेकों परिवारों की माता और बहने वृद्ध आश्रम जाने को मजबूर हैं। इसके पीछे उन्होंने कई कारण बताऐ जिसमें प्रमुख कारण बच्चों का विदेश जाना बताया। वक्ताओं में मथुरा से डॉ सुनीता अवस्थी बंगलुरु से मंजुला पै ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन न्यास की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ चित्रा सिंह तोमर ने किया धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष डॉ के. स्वर्णा ने किया। इस अवसर पर गोष्ठी के संरक्षक व न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुजीत कुंतल डॉ अनीता निगम मंजुला गुप्ता निवेदिता चतुर्वेदी डॉ आनंदेश्वरी अवस्थी, संजय कुमार मिश्रा आदि उपस्थित रहे।