Breaking News

महिला जगत

मां से… मायका

मायके से लगाव ताउम्र रहता है। कहीं भी घूम आओ मगर जब तक मायके ना घूम आओ तब तक घूमना अधूरा रहता है। मैं भी मायके जाने के लिए उल्लासित थी। सोचा भाभी को खबर तो कर ही दूं आने की और फोन लगा दिया भाभी को।

मैं:- “भाभी मैं होली के बाद आने वाली हूं लेकिन अभी तारीख तय नहीं है।
भाभी:- “अए बच्ची होली यहीं मना लेती हमरे पास। आ जाओ ईहां।” भाभी बोली
मैं:- “होली में ही नहीं आ सकती, बच्चों के एग्जाम हैं उसके बाद ही आना हो पाएगा। बाद में तारीख बताती हूं आपको।” फोन रख कर मैं कैलेंडर देखने लगी कि कौन सी तारीख निश्चित करना उचित रहेगा।
मैं भी सोच रही थी कि बहुत समय हो गया है पीहर गये हुए। पहले कोविड में नहीं जा पाई फिर लॉकडाउन के चलते कैंसिल हो गया और अब व्यस्तता के कारण टलता जा रहा था मायके जाने का प्रोग्राम और वैसे भी बहुत मन लगा हुआ था कि एक बार घूम कर आ जाऊं वहां से। आखिरकार होली के बाद का प्रोग्राम बना ही लिया।
जाने की खुशी तो थी ही लेकिन सब से मिलने की उत्सुकता ज्यादा थी। कपड़ों की पैकिंग भी शुरू कर दी जबकि जाने में अभी एक हफ्ते का समय था। क्या ले जाना क्या नहीं, खरीदारी की लिस्ट, क्या खाना क्या बनवाना भाभियों से, कहाँ घूमना सब दिमाग में घूमने लगा। पूरे हफ्ते भर का प्लान दिमाग में सेट हो गया था। एक सवाल यह भी दिमाग में कौंध रहा था कि पहली बार घर पर मम्मी पापा नहीं होंगे तो पता नहीं कैसा माहौल होगा, कैसा लगता होगा घर बिना मम्मी पापा के, यह  सोच कर ही मन भर आया। हालांकि भाभी से रोज बात करते हुए यह आभास हो गया था कि सब अपना सामान्य जीवन जी रहे हैं जैसा कि आमतौर पर सभी घरों में होते आया है।
खैर वो दिन भी आ ही गया जब घर की दहलीज पर पैर रखा। घर जरा बदला हुआ सा लगा। भैया जरा प्रौढ़ता ओढ़े हुये से दिखे। भाभी भी घर का दायित्व उठाती कुछ बड़ी सी नजर आईं। लेकिन फिर भी आंखे़ कुछ और ढूंढ रही थी। दरवाजे पर बाट जोहती मां नहीं दिखी, इंतजार करते पापा नहीं दिखे, पानी लाओ चाय बनाओ कहती आवाज नहीं सुनाई दी, बिट्टू थक गई होगी आओ बैठो कहीं सुनाई नहीं दे रहा था। यह भाव किसी पर इल्जाम नहीं बस मां की कमी अखर रही थी। नजर तलाश रही थी उसे जिससे मैं जोर से गले लग जाया करती थी और किसी की कमी तो कमी ही होती है जो उसके नहीं रहने पर ज्यादा महसूस होती है। इन भावों से मुझे भाभी ने उबार लिया जब उन्होंने मुझे गले लगाया और बोली, “रिशी बहुत राह दिखाती हो”। भाभी के गले लगने पर एहसास हुआ कि अभी मेरा मायका है और मेरा इंतजार भी।
घर को निहारते हुए दीवार पर लगी मम्मी पापा की तस्वीर को देखकर मन उदास हो गया। अभी कुछ समय पहले की बात थी कि हम साथ में बैठकर बातें करते थे, खाना खाते थे और आज उन्हें तस्वीर में देख रही हूं। हालांकि जीवन का सत्य है यही है पर स्वीकार मुश्किल से होता है।
मैं:- “भाभी सर में बहुत दर्द है, चाय पीनी है”।
भाभी:- ” हां! बन गई है बस लाई। एक दिन में आना मतलब भागदौड़ तो हो ही जाता है।”
मैं:- “हां! बहुत थक गई हूं”।
भाभी:- “और रिशी कहां कहां जाने का प्रोग्राम है तुम्हारा?”
मैं:- ” बस भाभी अपनी दौड़ तो वहीं तक है बाजार दौड़ेंगे, चाट खाएंगे” और हम दोनों हंस पड़ते हैं।
अगले दिन सुबह भाभी ने पूछा, “अच्छा रिशी क्या बना दूं तुम्हारे लिए?”
मैं:- “भाभी मुझे तो कढ़ी चावल, कटहल की सब्जी फरे और चाट खाना है और गुझिया भी। यहां आने वाली थी इसलिए मैंने गुझिया नहीं बनाई। मुझे आपके हाथ की खानी थी।”
भाभी;- “लो सबसे पहले गुजिया ही खाओ। बहुत अच्छी बनी है।” और भाभी मेरा मनपसंद खाना बनाने में लग गई।
दिनभर दौड़भाग के बाद रात में जब हम बैठे तब भाभी बोली,  “तुम्हारा घर है ये,  बेटियों को सोचना नहीं पड़ता मायके आने के लिए और मम्मी पापा नहीं हैं तो  क्या हुआ हम तो हैं, हम तुम्हारा इंतजार करते हैं।” माहौल जरा सा बोझिल हो गया था।
एकबारगी एहसास हुआ कि मां की तरह दुलराने वाली भाभी है फिर सामान्य होकर हंसते हुए कहने लगी मैं,” कि आप इंतजार करते हो, बुलाते हो, इतना प्यार देते हो तभी तो दौड़ी हुई आ गई मैं।”
परिचितों से मिलते जुलते, बाजार में घूमते, खरीदी करते हुए समय कब निकल गया मालूम नहीं पड़ा और घर वापसी का समय आ गया।
मैं:; “चलो भाई अब फिर से घर की ओर और वही रूटीन।”
भाभी:- “हां! वह तो है ही मगर अब इतना समय नहीं लगाना। घर जल्दी आना।”
मैं:- “कोशिश रहेगी।” और हंस देती हूं।
विदा लेकर मैं घर वापसी के लिए रवाना हो गई।
स्त्रियां अपना मायका कभी नहीं भुला पाती चाहे वो बूढ़ी ही क्यों ना हो जायें। : प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

Read More »

एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलज में मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग समारोह आयोजित

कानपुर 19 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग समारोह (MoU Ceremony) का आयोजन महाविद्यालय सभागार में किया गया। महाविद्यालय ने अपना प्रथम समझौता ज्ञाप (MoU) वरदान इंस्टीट्यूट ऑफ़ अल्टरनेटिव मेडिसिंस एंड एलाइड साइंसेज मेरठ के साथ किया। वरदान इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन डॉ. पल्लवी रस्तौगी, सेन महाविद्यालय के सचिव श्री प्रोबीर कुमार सेन, प्राचार्य प्रो. सुमन ने MoU पर हस्ताक्षर किए। प्रो. सुमन ने अपने वक्तव्य में कहा कि विद्यार्थी हित हेतु महाविद्यालय आगे भी ऐसी ही कड़ियां जोड़ता रहेगा। श्री पी. के. सेन जी ने इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार को बधाई एवम् शुभकामनाएं दी। डॉ. पल्लवी रस्तौगी ने छात्राओं को अवगत कराया कि वरदान इंस्टीट्यूट के सहयोग से सेन महाविद्यालय में व्यवसायपरक शिक्षा के अंतर्गत एक्यू फिजियो कोर्स, चक्र संतुलन, कलर थैरेपी, एक्यूप्रेशर व नेचुरोपैथी का बेसिक कोर्स, डाइट एंड न्यूट्रीशन कोर्स आदि विभिन्न पाठ्यक्रम तथा कार्यशालाएं संचालित की जाएंगी। साथ ही मेधावी छात्राओं को इन पाठक्रमों हेतु छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी। इस MoU सेरेमनी के अवसर पर प्रबंध तंत्र सदस्य श्रीमती दीपाश्री सेन सहित समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा।

Read More »

एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज मे कार्यशाला: ईथनोबॉटनी तथा आयुर्वेद का आयोजित

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा वि पी जी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग ने कार्यशाला: ईथनोबॉटनी तथा आयुर्वेद का आयोजन किया ।
कार्यशाला का शुभारंभ प्रबंध तंत्र के सचिव श्री पी के सेन , संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन , प्राचार्या प्रो सुमन , मुख्य अतिथि डॉ वंदना पाठक, की नोट स्पीकर डॉ संजीव ओझा तथा वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया। पी के सेन ने महान चिकित्सकों तथा वैज्ञानिकों का स्वागत करते हुए छात्राओ को प्रेरित किया कि वे ध्यान से इस प्रकार के वक्तव्यों को सुनें यही व्यावहारिक ज्ञान का माध्यम हैं ।प्राचार्या प्रो सुमन ने कार्यशाला के शुभारम्भ की औपचारिक घोषणा की ।मुख्य अतिथि डॉ वंदना पाठक सुप्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य ने आयुर्वेद , उसकी प्राचीनता और भव्यता को उजागर किया और कहा आयुर्वेद ही प्राचीनतम और दीर्घकालिक प्रभाव देने वाली चिकित्सा पद्धति है।डॉ संजीव ओझा ने नयी शिक्षा नीति द्वारा सम्मिलित नये पाठ्यक्रम पर आधारित अपने साथ लाए औषधीय पौधों एवं जड़ी बूटियों से छात्राओ को परिचित करवाते हुए किया। डॉ ओझा राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं जाने माने आयुर्वेदाचार्य हैं। सी एस आई आर- एन बाई आर आई द्वारा प्रदत्त हर्बल ड्रिंक तथा बी जी आर -34 जैसी औषधियों को प्रदान करने में विशेष योगदान दिया है। आज महाविद्यालय में उपस्थित छात्राओ को उन्होंने पुरानी जनजातियों द्वारा उपयोग में लाए जाने वाले पौधों की जानकारी दी और उपयोग के बारे में बताया।अपने वक्तव्य में उन्होंने सिद्धा, आयुर्वेद और यूनानी औषधीय पद्धतिओं की जानकारी दी ।आयुष, एन एम बी पी , सीमैप तथा सी ए आर आई जैसे संस्थानों का परिचय देते हुए उनकी कार्य पद्धति पर प्रकाश डाला। विज्ञान संकाय की कॉर्डिनेटर प्रो गार्गी यादव ने मुख्य अतिथि डॉ पाठक और डॉ ओझा को कोटि कोटि धन्यवाद देते हुए छात्राओं के ज्ञान वर्धन के सार्थक प्रयास के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रीति सिंह ने किया। विभाग की अन्य प्रवक्ता डॉ राइ घोष ने सक्रिय योगदान दिया।प्रो गार्गी यादव , डॉ शैल बाजपेयी, डॉ अमिता सिंह ,कु वर्षा एवं तैयबा कार्यशाला में उपस्थित रहे।

Read More »

थोड़ी सी फ़िक्र ही काफ़ी है ..मेरे इश्क़ को ज़िन्दा रखने के लिए

कहता है .. बोलो क्या दूँ तुझे ऐसा ..जो तुम्हें मेरे इश्क़ की याद दिलाये। मैंने कहा! बेशक़ीमती है तू.. और ये तेरी बेमिसाल नज़र. और उस पे तेरी थोड़ी सी तवज्जो .. थोड़ी सी फ़िक्र ही काफ़ी है ..मेरे इश्क़ को ज़िन्दा रखने के लिए… हर इक शय इस जमाने की तवज्जो ही माँगती है चाहे वो कोई रिश्ता हो या कुछ और … प्यार हमें अधूरे से पूरा करता है। ये कहानी मेरी ही आप बीती है आप से शेयर करना चाहती हूँ बात उन दिनों की है जब मैं अपने नये घर में शिफ़्ट हुई थी लोग कहते थे कि वहाँ की ऊजा अच्छी नही है मगर मैं इन बातों पर विश्वास नहीं करती थी इक निडर निर्भय सा स्वभाव है मेरा।
जब मैं अपने नये घर में आई तो मेरे पुराने घर से लाये गये बहुत से पौधे नये घर में आकर हफ़्ते में ही सूख गये। विज्ञान के हिसाब से देखा जाये तो कहा जा सकता है कि जगह बदली तो पौधे मर गए .. उन दिनों मेरे पति के पैर में अचानक से दर्द हो रहा था मेरी इक सहेली के भेजने पर ,मेरे यहाँ इक रोज़ इक गोरा जिस का नाम एडविन था ,रेकी करने आया तो मैंने इस बात का ज़िक्र एडविन से भी कर दिया ,कि पता नहीं कयू ? आज कल मेरे प्लांट बहुत मर रहे हैं और मैं बहुत दुखी हूँ इस बात से, और ये भी बताया कि लोग मेरे नये घर की ऊर्जा को सही नहीं बताते। वो हंसने लगा और कहने लगा!
मैं लोगों को अपनी ऊर्जा से अच्छा करता हूँ और रेकी करते हुए मेरी अपनी एनर्जी कम हो जाती है मगर तुम्हारे घर से और तुम से मुझे,अच्छी हीलिगं वाली ऊर्जा मिल रही है इसने मुझे पूछा? कि क्या है ऐसा इस घर में ? तुम कोई मंत्र जाप कर रही हो ? मै सोचने लगी, कि कर तो रही थी और हैरान भी थी कि इसे कैसे पता चल गया । एडविन कहने लगा तुम्हारे पौधों को तुम्हारी ही ऊर्जा चाहिए।कल से अपने गार्डन में जाना और इनसे बातें करना ,सब ठीक हो जाएँगे। मुझे तब ये बात अटपटी सी ही लगी थी कि मैं कैसे भला इन पौधों को ठीक कर सकूँगी । मगर दोस्तों ! अगले ही दिन मैंने अपने पौधों से बातें करनी शुरू कर दी । उन्हें प्यार से छूती अपना स्पर्श देतीं।अपनी आग़ोश में लेती ।आप यक़ीन नहीं करेंगे। मेरे पौधे हफ़्ते भर में ठीक होने लगे पिछले बीस सालों से वो पौधे आज भी मेरे घर में है .. ऐसे ही दो साल पहले ,मैं फ़रवरी के महीने भारत में थी और वहाँ करोना की वजह से वहाँ मुझे रूकना पड़ा।मई के पहले हफ़्ते में वापस आने पर देखा कि मेरे बहुत ही महँगे प्लांट मर गए थे। मुझे बहुत दुख हुआ था इस बात का।मैंने किसी ख़ास गार्डनर को बुलाया जो पौधों का विशेषज्ञ था।आ कर मुझे कहने लगा ! कि आप के ये पौधे मर गये हैं आप इन्हें फ़ैक दीजिए। अब ये दोबारा नहीं जीवित नहीं होंगे।मेरा मन बहुत उदास हुआ उसकी बात सुन कर ,क्योंकि मुझे पता था कि वो इन्सान पौधों की अच्छी जानकारी रखता है। उस रात मुझे नींद नहीं आई और मैंने ठान लिया कि मैं इन्हें ठीक कर के ही रहूँगी । सुबह सुबह उठ कर मै अपने बैक गार्डन में चली गई। सब पौधों से बाते करने लगी । एक पौधा जो बिलकुल मर चुका था उसको मैंने हाथों में ले कर चूमा और पूछा ! कि तुमने मुझे इतना मिस किया जब मैं भारत में थी और अपने आलिंगन में भर कर कहा ! अब मैं आ गई हूँ और अब तुम जल्दी से ठीक हो जाओ। ऐसा मैं रोज़ रोज़ करती । इस बात को तक़रीबन दो महीने हो चुके थे ।इक रोज़ मैंने देखा कि उस पौधे की जड़ से आ रही टहनी का थोड़ा सा हिस्सा हरा होने लगा .. मेरी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था मुझे याद है मैं ख़ुशी से चिल्ला रही थी कि ये मेरा पौधा ,ठीक होने वाला है फिर तीन हफ़्ते बाद इक रोज़ उसपर इक छोटी सी पत्ती आई । उस दिन जो मेरे मन की अवस्था थी उसको समझा पाना मेरे लिए तो बहुत ही मुश्किल है । मैं ख़ुशी से नाच रही थी कि मेरा पौधा जीवित हो गया है ।
दोस्तों !
आज भी जब मैं इस बात का ज़िक्र कर रही हूँ तो मेरे रोंगटे खड़े हो रहे हैं ये सोच कर ,कि कैसे रब ने हम सब में इतनी बड़ी ताक़त रखी हुई है प्यार की। मगर अफ़सोस शायद हम सब ही इस ताक़त का इस्तेमाल करना भूल जाते है।
हम चाहे तो प्यार से सब कुछ ठीक कर सकते हैं ऐसा मेरा मानना है
🌹🌹🌹
लेखिका स्मिता ✍️

Read More »

एस. एन. सेन बा. वि. पी. जी. कॉलेज में डॉ. भीमराव राव अंबेडकर और ज्योतिबा फुले जयंती के उपलक्ष्य में सिंपोजियम और लघु नाटिका का आयोजन किया गया

कानपुर 17 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बा. वि. पी. जी. कॉलेज कानपुर में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव राम जी अंबेडकर और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती के उपलक्ष्य में महाविद्यालय के एनसीसी, एनएसएस, रोवर रेंजर, शिक्षा शास्त्र ,समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान तथा अर्थशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वाधान में सिंपोजियम और लघु नाटिका का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. ब्रजेश सिंह (एसोसिएट प्रोफेसर, एच. बी. टी. यू. कानपुर), महाविद्यालय सचिव श्री पी. के. सेन तथा प्राचार्या प्रोफेसर सुमन के द्वारा दीप प्रज्वलन से किया। अतिथि स्वागत एवम् सरस्वती वंदन की परंपरा का निर्वहन करते हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह तथा पुष्प गुच्छ भेंट किए गए। समाजशास्त्र विभाग से प्रो. निशी प्रकाश, अर्थशास्त्र विभाग से प्रो. निशा वर्मा, शिक्षाशास्त्र विभाग से प्रो. चित्रा सिंह तोमर तथा राजनीति विज्ञान विभाग से कुमारी पूनम ने महात्मा फुले व बाबा साहेब की विचारधारा पर विस्तृत प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन प्रो. प्रीती पांडेय तथा डॉ. प्रीति सिंह ने किया। कार्यक्रम का संयोजन राष्ट्रीय पर्व समिति प्रभारी डॉ रचना निगम और सदस्यों द्वारा किया गया l इस अवसर पर समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित रहा। राष्ट्रगान के द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ।

Read More »

एस एन सेन महाविद्यालय में “व्यक्तित्व विकास एवं मानसिक स्वास्थ्य” विषय पर कार्यशाला आयोजित

कानपुर 12 अप्रैल, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के परामर्श केंद्र तथा स्कूल साइकॉलजी द्वारा ” पायस विजन काउंसलिंग सेंटर ” इस 11.04.2023 के साथ मिलकर दिनांक 11.04.2023 को एक ‌‍‌‍‍‍‍‍ द्विदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका विषय था ,” व्यक्तित्व विकास एवं मानसिक स्वास्थ्य” । कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन से हुआ दीप प्रज्वलन के पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो॰(डॉ॰) सुमन ने अपने आशीर्वचन से कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए यह विषय छात्राओं के लिए बहुत ही लाभकारी है जिसके द्वारा वे अपने व्यक्तित्व का विकास कर के भविष्य के लिए स्वयं को तैयार कर सकती हैं ।इस तरह के कार्यक्रमों द्वारा हम छात्राओं मैं विभिन्न कौशलों को विकसित करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं । इसके बाद मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मोनिका सहाय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि व्यक्तित्व विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जिसके लिए हम कभी भी व्यवहारिक कौशलों या सॉफ्ट स्किल्स को अर्जित करके स्वयं को बेहतर बना सकते हैं। कार्यक्रम में इसके बाद प्रोफेसर गार्गी यादव वोकेशनल कोर्स इंचार्ज ने वोकेशनल कोर्स को नई शिक्षा प्रणाली में शामिल करने के महत्व को बताया lइसके बाद पायस विजन सेंटर से आई हुई टीम ने छात्राओं को विभिन्न तरीकों से अपने व्यक्तित्व को विकसित करने तथा और बेहतर बनाने के लिए मार्गदर्शन दिया और उन्हें यह भी बताया और कैसे विभिन्न परिस्थितियों में हम अपने गुणों और कौशलों को प्रदर्शित कर सकते हैं।

कार्यशाला के दूसरे दिन दिनांक, 12.04.2023 को भी पायस विजन टीम के, आशीष पांडे के द्वारा छात्राओं को विभिन्न व्यवहारिक कौशलों को अर्जित करने व अपने व्यक्तित्व में नए गुणों का समावेश करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन परामर्श केंद्र की इंचार्ज डॉ मोनिका सहाय ने दिया। अंत में छात्राओं को सर्टिफिकेट वितरित किया गया। लगभग डेढ़ सौ छात्राओं ने इस कार्यशाला में प्रतिभाग किया था। कार्यक्रम को सफल बनाने में मनोविज्ञान विभाग की सुश्री प्रीति यादव ,डॉ अंजना गुप्ता, सुश्री मयूरिका गुप्ता एवं सुश्री सौम्या श्रीवास्तव का विशेष योगदान रहा l

Read More »

बदलाव जरूरी है

सालभर देश में कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं और चुनावी सरगर्मियां तेज करने के लिए कोई न कोई घटनाएं घटती रहती हैं। घटती हुई घटनाएं और बदलते हुए परिप्रेक्ष्य 2024 की आहट देते महसूस हो रहे हैं।

देश में घटनाएं कितनी तेजी से घट रही हैं साथ ही घटनाओं पर प्रतिक्रियाएं भी। कोई भी घटना स्थिर नहीं रह पाती है। उस पर विवाद, टिप्पणियां चलती रहती हैं और जैसे ही नियम कानून के फैसले की बात आती है तब तक एक दूसरी घटना घट चुकी होती है। लोग पुरानी घटना को भुलाकर नई घटना पर अपना ध्यान केंद्रित कर लेते हैं। नोटबंदी, काला धन, बैंक घोटाले, नेताओं की मनमर्जियां, अभद्र टिप्पणियां, चुनावी हमले, अभद्र बयानबाजी, धर्मांधता, संसद में हंगामा, अडाणी मामला इन पर लगातार घटनाएं घट रही हैं और प्रतिक्रिया स्वरुप अन्य घटना घट जा रही है। एक घटना पर फैसला लंबित रहता है कि दूसरी अचंभित कर देती है। इन सारे मुद्दों में अभी तक कोई हल नहीं निकला है बस दबा दी गई है जैसे सरकारी दफ्तरों में फाइलें एक टेबल से दूसरे टेबल पर सरकती रहती है और धूल खाती रहती है और मीडिया भी सवाल पूछने से ज्यादा मामले को ढकने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाती है।
और यदि आज के मौजूदा हालात पर नजर डालें तो विपक्ष ने जो सवाल पूछा वो गलत नहीं था और सवाल पूछने का हक तो सांसद के साथ-साथ जनता को भी है लेकिन सवाल पूछने का खामियाजा संसद की सदस्यता समाप्ति और पंद्रह हजार जुर्माना मिला। उससे इतर सवाल यह भी है कि अडाणी मामले पर सरकार चुप्पी क्यों साधे हुए है? उसकी जांच क्यों नहीं की जा रही है? पिछले कुछ समय पहले सत्ता पक्ष के बयानों पर नजर डालें तो सत्ता पक्ष द्वारा ऐसे तमाम निम्न स्तरीय बयान है जिनमें नेताओं पर मानहानि के दावे और कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। एक सम्मानित महिला पर अभद्र टिप्पणी और सत्तापक्ष के नेताओं की ऊटपटांग बयानबाजी उनके निम्न स्तरीय सोच को ही दर्शाती है।
लोकतंत्र के नाम पर अलग-अलग वक्त पर होने वाली तमाम राजनीतिक बहसों से परे निकल कर देखें तो अटल बिहारी बाजपेई ने अपने एक भाषण में लोकतंत्र का बहुत सुंदर उदाहरण पेश किया है उन्होंने बताया  कि कैसे नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद भी उन्हें सरकार की ओर से जिनेवा में सरकार का पक्ष रखने के लिए भेजा गया था। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि, “ऐसा नहीं है कि मेरे नेहरू जी से मतभेद नहीं हैं और मतभेद चर्चा में उभरकर आता भी है। एक दिन मैंने कह दिया कि आपका व्यक्तित्व मिलाजुला हुआ है। आपमें चर्चिल और चेंबरलिन दोनों हैं। नेहरू जी नाराज नहीं हुए और शाम को किसी इवेंट पर मुलाकात होने पर उन्होंने कहा कि आज बड़ा जोरदार भाषण दिया है तुमने और हंसते हुए चले गए। आजकल ऐसी आलोचना करना मतलब दुश्मनी को न्योता देने जैसा है। लोग बोलना बंद कर देंगे”। आज इस तरह की शालीनता कल्पना की बातें हैं। लोग सिर्फ एक दूसरे को नीचा दिखाने में ही लगे हुए हैं। यूं भी आजकल की राजनीति अवसरवादीता हो गई है।
संकीर्ण मानसिकता से किसी राष्ट्र का हित नहीं हुआ है और यदि हम फिर से जाति धर्म भाषा और क्षेत्र में बटेंगे तो क्या लंबे समय तक एक राष्ट्र के रूप में टिके रह पाएंगे? आज क्या सिर्फ गलत का विरोध करने के बजाय सिर्फ विरोध करना ही उद्देश्य रह गया है। जब सत्तायें समाज परिवर्तन और जन विश्वास को हासिल किए बगैर टिके रहना चाहती हैं तो वह अतिवाद के खंभों का सहारा लेती है और यह खंबे ज्यादा समय तक नहीं टिक रहते हैं। लगातार घटती हुई घटनाएं इशारा कर रही हैं कि राजनीति में परिपक्वता जरूरी हो गई है। अपनी मर्यादाओं और आचरण पर लक्ष्मण रेखा स्वयं ही खींचनी होगी। राष्ट्र को एक सूत्र में बांधे रखने के लिए अपने समकालीन नेताओं के आदर्शों को समझना जरूरी हो गया है।

Read More »

दयानंद गर्ल्स कॉलेज में एक दिवसीय सामुदायिक नेत्र एवम दंत जांच शिविर का आयोजन

कानपुर 31मार्च भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स कॉलेज, कानपुर में महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा एक दिवसीय सामुदायिक नेत्र एवम दंत जांच शिविर का आयोजन कनिका हॉस्पिटल एवं शिव नेत्रालय के सहयोग से किया गया। इस शिविर में डॉ.सौरभ यादव, डॉ.शिवम शर्मा, डॉ दीक्षा पंत ने छात्राओं, प्राध्यापिकाओं एवं कर्मचारियों की आंखों की जांच की। डॉक्टर्स के द्वारा उन्हें आंखों से संबंधित रोग मोतियाबिंद, दृष्टि दोष आंखों में ड्राइनेस, खुजली तथा दांतों से संबंधित रोग सेंसटिविटी, केविटी, दांत दर्द, पायरिया, टेढ़े दांत आदि की जांच कर चिकित्सकीय परामर्श दिया गया तथा मुफ्त दवाएं व चश्में भी वितरित किए गए। शिविर में टेक्निकल स्टाफ यश का सहयोग रहा। इस शिविर में 200 से ज्यादा व्यक्तियों के नेत्रों एवं दांतो का परीक्षण किया गया। चिकित्सकों के द्वारा खान-पान एव योग की जानकारी भी दी। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा जी ने किया। परीक्षण शिविर का आयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने किया l डॉ अंजना श्रीवास्तव, डॉक्टर श्वेता, डॉ विनीता श्रीवास्तव, श्री कृष्णेंद्र कुमार व लैब सहायक अनुराधा चंदेल का विशेष योगदान रहा l सिमरन, योगिता, मुस्कान, शिखा व नंदिनी समेत सभी वॉलिंटियर्स ने ने शिविर में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया एवं जांच कराने में सहयोग प्रदान किया।

Read More »

रोवर रेंजर समागम इलाहाबाद में संपन्न एस एन सेन पी जी कॉलेज को तृतीय स्थान

कानपुर 30 मार्च भारतीय स्वरूप संवाददाता, प्रदेशीय रोवर रेंजर समागम जो कि इलाहाबाद में कल संपन्न हुआ वहां एस.एन सेन महाविद्यालय की रेंजर्स टीम छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय को प्रतिनिधित्व करते हुए ने तृतीय स्थान हासिल कर महाविद्यालय का नाम गौरवान्वित किया। परिणाम इस प्रकार है गणवेश (यूनिफॉर्म ) – प्रथम स्थान , प्रश्नोत्तरी ( क्विज) – प्रथम स्थान , लोकनृत्य – प्रथम स्थान, सेंड स्टोरी – प्रथम स्थान , रोल प्ले- द्वितीय स्थान, झांकी – द्वितीय स्थान, निबंध- द्वितीय स्थान , वाद विवाद – प्रतियोगिता द्वितीय स्थान, नाटक – तृतीय स्थान, माइंड गेम्स – तृतीय स्थान। महाविद्यालय ने पहली बार प्रादेशिक स्तर पर रेंजर टीम ने प्रतिभाग कर के तृतीय स्थान हासिल किया था ।महाविद्यालय के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है। ये प्रतियोगिताएं प्रातः 6:00 बजे से आरंभ होकर रात्रि 10:00 बजे तक चलती थी ,जिसमें अपने महाविद्यालय की रेंजर्स ने कुल 18 प्रतियोगिताओं में पूरी शक्ति के साथ प्रतिभाग करते हुए अपना सर्वोत्तम दिया। मैं अपने महाविद्यालय के प्रबंधक तंत्र एवं प्राचार्य महोदय का हृदय से धन्यवाद देती हूं जिन्होंने समय-समय पर मुझे ना केवल दिशा निर्देश दिया वरन आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करते रहे। रेंजर्स प्रभारी डॉ प्रीति पांडे के मार्गदर्शन में सारे कार्यक्रमों में अपना सर्वोत्तम प्रस्तुत किया। प्रबंध समिति के सचिव एवं प्राचार्य प्रभारी एवं सभी को बधाई दी।

Read More »

दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज में एनएसएस के सात दिवसीय विशेष शिविर का भव्य समारोह के साथ समापन

कानपुर 29 मार्च भारतीय स्वरूप संवाददाता,दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज एनएसएस के सात दिवसीय विशेष शिविर का आज समापन हुआ। कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने बताया कि यह शिविर 23 मार्च, 2023 से 29 मार्च, 2023 तक निरंतर 7 दिनों तक महाविद्यालय तथा अस्पताल घाट बस्ती में एनएसएस वॉलिंटियर्स के द्वारा चलाया गया। जिसमें आत्मनिर्भर भारत, महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, संसाधन– विशेषकर जल, मिट्टी एवं पर्यावरण संरक्षण, टी बी मुक्त भारत, सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता, सड़क सुरक्षा, साइबर क्राइम, महिलाओं का भावनात्मक शोषण आदि जैसे ज्वलंतशील मुद्दों पर रैली, पोस्टर प्रदर्शन, कविता, गीत, नुक्कड़ नाटक, आपसी वार्तालाप, व्याख्यान, ग्रुप डिस्कशन आदि गतिविधियों के द्वारा जन जागरूकता फैलाई गई।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एडीएम सिटी, श्री अतुल कुमार जी, विशिष्ट अतिथि, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, कानपुर मंडल, श्री रिपुदमन सिंह जी तथा कार्यक्रम समन्वयक, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, प्रोफेसर के एन मिश्रा जी रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की सीनियर प्रोफेसर, डॉ निवेदिता टंडन ने तथा संचालन स्वयं वॉलिंटियर्स ने किया।
मुख्य अतिथि एडीएम सिटी, श्री अतुल कुमार जी ने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि संसाधन संरक्षण व राष्ट्र निर्माण में महिलाओं का विशेष योगदान है इसीलिए सितंबर माह में दिल्ली में होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन में भी W–20 एवम् Y–20 को विकास के लक्ष्य का मुख्य बिंदु माना गया है। विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, कानपुर मंडल, श्री रिपुदमन सिंह जी ने सभी वॉलिंटियर्स के द्वारा किए गए समाज हित व सामुदायिक सेवा के कार्यों की भूरी–भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सभी मुद्दे ना केवल कानपुर या भारत वरन विश्व भर में परिचर्चा का मुख्य विषय हैं तथा इन पर और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम समन्वयक, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, प्रोफेसर के एन मिश्र जी ने एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी तथा वॉलिंटियर्स को सफलतापूर्वक शिविर संपन्न करने की बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना केवल एक कार्य नहीं है बल्कि समाज के साथ जुड़कर अनुभव प्राप्त करना व यथासंभव समस्या का समाधान करना है। शिविर को सफल बनाने में सभी वॉलिंटियर्स ने उत्साह के साथ अपना सक्रिय योगदान किया। जिनमें से विशिष्ट योगदान करने वाले कुछ वॉलिंटियर्स मुख्य रुप से सौम्या उपाध्याय, दीक्षा तिवारी, शिखा, वैष्णवी, शान्या, अभिव्यंजना सिंह, नूर सना, नूर अनमता, नंदिनी, मुस्कान यादव को अतिथियों के द्वारा मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अर्चना दीक्षित, डॉ अंजना श्रीवास्तव , डॉ श्वेता, डॉ ज्योत्सना, डॉ हिना, श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव, आकांक्षा, दीपा, श्री रामचंद्र समेत महाविद्यालय के समस्त टीचिंग में नॉन टीचिंग स्टाफ का सराहनीय योगदान रहा। समारोह में महाविद्यालय की समस्त छात्रायें, विभागाध्यक्ष व प्राध्यापिकायें सम्मिलित रही।
दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर

Read More »