कानपुर 11 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज परिसर में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड द्वारा” प्लेसमेंट ड्राइव” कार्यक्रम, महाविद्यालय के कैरियर काउंसलिंग सेल द्वारा अयोजित किया गया।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की ओर से सोनू वर्मा ( ब्रांच हेड कानपुर), उपेंद्र सिंह (एच.आर.), शोभित और ऐश्वर्या(टीम लीड)के नेतृत्व में पहले चरण का साक्षात्कार किया गया, साथ ही उन्होंने बताया कि वे सब इसी प्रकार से प्रतिभागियों का मार्ग दर्शन आगे भी करते रहेंगे जो कि उनके भविष्य के लिए अत्यंत फलदायी होगा ,
इस सत्र में महाविद्यालय के स्नातक अंतिम वर्ष तथा परास्नातक के कुल 86 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग लिया , जिसमे से पहले चरण के साक्षात्कार के लिए 27 छात्र-छात्राओं को चयनित किया गया।
सभी प्रतिभागियों ने अपने कौशल के अनुसार साक्षात्कार में अपना बेहतर प्रदर्शन किया और इसे प्लेसमेंट की दिशा में एक शुभ अवसर बताया ।
सत्र में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जोसेफ डेनियल के मार्गदर्शन में किया गया। कॅरियर काउंसलिंग सेल की संयोजिका प्रो. मीत कमल तथा अन्य स्टाफ प्रो. ज्योत्षना लाल,अंकिता ब्रगेंज़ा, आशीष दुबे,अरुनेश शुक्ला, तथा छात्र प्रतिनिधि सुंदरम मिश्रा, वैष्णवी, अनंत, उज्जवल, ,अंजलि, अभिषेक, यश, एवम महाविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे सभी ने इस सत्र को अत्यंत प्रभावपूर्ण बताया।
महिला जगत
तालाश उसकी.. जो रूह को छुए
न ही मोहताज हूँ मैं…
और .. न ही आरज़ू है कोई..
कि वो मुझे गुलाब देता …
बेहतरीन सौग़ातों से नवाज़ा हुआ है उसने मुझे …
शिद्दत दी ..
लम्हे दिये..
यादे दी ..
इन्तज़ार दिया ..
उसपर वो ..
उसका
बेशक़ीमती इश्क़ जो
आज भी
मेरी रूह को
महका रहा है
🌹♥️🌹♥️
ये फूल है .. या फिर तेरा ख़याल .. जिसे छूते ही ..महक जाती हूँ मैं .,
दोस्तों !
वैलेण्टाइन बहुत ख़ास दिन होता है उन लोगों के लिए जो प्यार का इज़हार करना चाहते हैं मेरे हिसाब से प्यार बताने की ..या जताने की चीज है ही नहीं .. इसे दिल और रूह अपने आप ही महसूस कर लेती है …
वैलेण्टाइन पर कुछ शेयर करना चाहती हूँ आप सब से .. 🙏
आज सब कन्फ़्यूज है सोचते हैं उन्हें मोहब्बत हो गई है..मगर कई बार वो महज़ एक आकर्षण या फिर ज़रूरत से बढ़ कर कुछ भी नहीं ..मोहब्बत तो इक पाक जज़्बा है जो सिर्फ़ इक बार ही होती है बार बार नही .. मगर लोगों का कहना है कि ये कभी भी हो सकता है।
..असल में ..ये एक अनियंत्रित मन की अवस्था है जिसे अपने मन पर ..इन्द्रियों पर कंट्रोल नही ।
हम सब…दोस्तों से
रिश्तेदारों से ..
बच्चों से और माँ बाप से करते है।
मगर हर प्यार मे फ़र्क़ होता है ..
शिद्दत का ..
तासीर का ..
केवल एक प्यार ,एक सम्बन्ध जो हमे सकून देता है जिसका सम्बंध हमारे जिस्म और रूह के साथ होता है वो एक ही हो सकता है ।
हमारे ऋषि मुनि कहा करते थे घर में रह कर ही ..
सब भोगों को ..भोग सकते है
भोगों को भोगते भोगते मन विरक्त होने लगता है .. और हम विरह की ओर चल पढ़ते हैं ।
विरह बहुत क्षरेठ अवस्था है जो इन्सान को भगवान की ओर ले जाने में सहायक होती है ..
जब इन्सान जीवन भोग चुकता है कुछ समय पश्चात कहने लगता है अब वो चीज़ नहीं रही ..चाहे वो रिश्ता हो या दुनियादारी हो ।
तब इन्सान उदासीनता को महसूस करने लगता है तो ऐसे मे ध्यान भटकता है यानि इधर उधर जाता है
जब कि वो ही अवस्था होती है जब हम अपने असली उद्देश्य की तरफ़ चल सके जिस कारण हम देह में आये हैं इक उम्र के बाद सहज होना .. रूक जाना और गहरा सोचना ज़रूरी है जो हम सब नहीं कर रहे ।
आज के दौर में लोग शादी को ले कर भी बड़े कन्फ़्यूज.है हर कोई यही चाहता कि उसकी शादी बड़े घर में हो … पैसे वाले के साथ हो .. जब कि हम सब जानते हैं कि पैसा हमें वो सुख नहीं दे सकता जिसे हम सकून कहते है।
दोस्तों !
लोगों की सूरतों पर न जा कर बल्कि दिल और संस्कारों को परखना लेना।
जीवन साथी पोटेन्षियिलटी …क्षमताओं .. और
क़ाबलियत के हिसाब से ही ढूँढना।याद ये भी रखना ..हर इन्सान पहले थोड़े से ही शुरू करता है फिर आगे बढ़ता है।जिन को पहले से ही सब बना बनाया मिल जाता है उनकी अपनी.. क्या क़ाबलियत हो सकती है। इन्सान वही है जो खुद खड़ा हो कर.. अपना रास्ता बनाता है गिर गिर कर संभलने वाला इन्सान ही असल मे सफल कहलाने के काबिल है ।
किसी ऐसे की तालाश…जो सिर्फ़ आप ही का हो .. जिसमें मर्यादा हो।
किसी ऐसे की तालाश.. जो तुम्हारी रूह को महका दे।
पैसा तो वक़्त के साथ बन भी जाता है और कई बार आप को दुख दे चला भी जाता है..देखा जा रहा है ..कई बार बच्चों की ..जहां शादियाँ हो रही होती है ..वहाँ सिर्फ़ पैसा ही पैसा होता है मगर सच्चाई ,लौयलटी ..,प्यार बिलकुल नहीं होते।लोग एक दूसरे से बहुत जल्दी ऊब रहे है ।
हर चीज़ की तरह ..उन्हें रिश्तो मे भी वैरायइटी चाहिए होती है।
यही वजह है कि लोग अपने रिश्तो मे ज़्यादा देर तक ख़ुश नहीं रह पा रहे ..और फिर शुरू हो जाती है किसी और की तालाश …जो लोगों के घुटन और डिप्रेशन की ख़ास वजह बन रही हैं समाज में।
दोस्तों ।
आज के दौर में प्यार जिस्मों तक ही सीमित है, जो बेहद अफ़सोस की बात है …इन्सान उस जिस्म की चाह में रहता है जो ख़त्म हो जायेगा ..किसी को अगर अपना बनाने की चाह हो, तो कोशिश करो कि उसकी रूह को छू पाओ या कोई …तुम्हारी रूह को छू पाये …जो वाक़ई में तुम्हारे सकून का सबब होगा ..सच्चे प्यार की तलाश अगर है तो पहले खुद सच्चा बनना पढ़ता .. अगर सीता जैसा पार्टनर चाहिए तो खुद को राम बनाना होगा ..केवल यही एक रास्ता है
जो आप को सकून की ओर ले जायेगा 🙏🌹
एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज द्वारा मतदाता जागरुकता विषय पर एक-दिवसीय शिविर आयोजित
कानपुर 7 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की एन एस एस इकाई द्वारा मतदाता जागरुकता विषय पर एक-दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभ आरम्भ महाविद्यालय में ऍन एस ऐस यूनिट की स्वयंसेविकाओं द्वारा स्लोगन के द्वारा किया गया एवम ऍन एस एस प्रभारी प्रोफ चित्रा सिंह तोमर ने मतदाता जागरुकता पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया जिसमें महाविद्यालय की सब शिक्षिकाओं ने तथा छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया । इसके पश्च्यात स्वयंसेविकाओं ने रैली निकल कर मतदाता जागरुकता के विषय में आम नागरिकों को जागरूक किया साथ ही गॉड ली हुई बस्ती ‘छोटी बीवी का हाता’ के प्रत्येक घर में जाकर महिलाओं, पुरुषों व युवाओं को मतदान के विषय में जानकारी प्रदान की तथा उन्हें मतदान के महत्व को समझाते हुए मतदान करने के लिए प्रेरित किया। शिविर का समापन महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. सुमन के स्वयंसेविकाओं को दिए गए मार्ग दर्शन के द्वारा किया गया । इस अवसर पर ऍन सी सी की इकाई प्रमुख डॉ प्रीति यादव भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं । एवम शिविर का सफलतापूर्वक संचालन ऍन एस एस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने किया।
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तंत्र छोटे से शब्द की बड़ी कहानी भाग 10
जय श्री महाकाल
आज हम जानेंगे कन्फ्यूजन स्पेल/ इल्यूजन स्पेल
इल्यूजन स्पेल का अर्थ है विभभ्र्म, भ्रम, जा ल, मिथ्या भ्रांति या माया
इस क्रिया में इंद्रियों से प्राप्त ज्ञान में गड़बड़ ( अ सत्य ) यानी जो कुछ आपने सीखा है या जानते हैं उसमें हेर फेर कर देना जैसे वास्तविकता की जगहकुछ और हो दिखाई देना जैसे आप सोते हुए सपने देखते हैं उन सपनों में आपकी परिस्थिति भयावह कर दी जाती है नॉर्मल सपने कुछ देर चलते हैं और आप उन सपनों से विचलित नहीं होते ना ही डरते हैं क्योंकि आप उन सपनों को भूल जाते हैं जबकि जब आप पर इस तरह की क्रिया की जाती है तो वह सपने लंबे समय तक चलते हैं आपको याद रहते हैं और उठने के बाद आप खुद को काफी लो फील करते हैं बीमार महसूस करते हैं और बहुत थक गए हो जैसे ऐसा आपको महसूस होता है।
इन सपनों में आप खुद को किसी भी भयानक स्थिति में देख सकते हैं जैसे
1 ) आप किसी रेगिस्तान में चले जा रहे हैं आपको भूख प्यास लगी है लेकिन आपके आसपास कोई नहीं है तेज धूप है और आप सिर्फ दूर तक रेतीले टी लों में चलते-चलते जा रहे हैं और प्यास के मारे आपका गला पूरी तरह से सूखा जा रहा है जैसे आप अभी गिर पड़ेंगे !
2 ) आप कुछ बिल्डिंगों के ऊपर से, छतो पर पानी की टंकियों से कूदते हुए भाग रहे हैं, आपके पीछे कोई पड़ा है जिसे आप देख नहीं सकते लेकिन आपको महसूस हो रहा है कि कोई आपके पीछे पड़ा है जिससे आपको खुद को बचाना है।
3 ) आप किसी समुद्र या नदी में डूब रहे हैं कोई बड़ी मछली जानवर आपके पीछे पड़ा है और आप उससे बचने की कोशिश किया जा रहे हैं हाथ पांव मार रहे हैं तैरने की कोशिश कर रहे हैं!
4) जैसे जंगल से गुजर रहे हैं वहां दलदल में आप फस गए और जोर-जोर से ची ख रहे हैं बचाओ बचाओ कोई तो बचाओ कई बार आपके पीछे कोई जानवर पड़ जाता है और आप उससे बचने के लिए कहीं गुफाओं में घुस रहे हैं एवं किसी पेड़ के ऊपर चढ़ रहे हैं।
5) आप महसूस करते हैं जैसे आप किसी कमरे में हैं और उस कमरे की दीवारें आपके पास आती चली जा रही हैं और आप उन चारों दीवारों के बीच फंस जाने वाले हो, दब जाने वाले हो इस तरह के सीन कई बार पुरानी पिक्चरों में भी दिखाए जाते थे।
6) आप महसूस कर सकते हैं जैसे आपके शरीर पर कुछ कीड़े जैसे कॉकरोच,बिच्छू, सांप,कनखजूरे,चींटी,जोक,चूहे आदि आपके ऊपर चढ़ रहे हैं और आप वास्तव में उनसे डर कर उन्हें खुद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं एवं नींदों में आपके हाथ पांव चलने लगते हैं उनको हटाने के लिए।
7) आपको अपने शरीर में जलन महसूस हो सकती है जैसे किसी ने पेट्रोल मिट्टी का तेल आदि डालकर जला दिया हो और आप बचने के लिए भाग रहे हैं जहां पानी दिख रहा है पानी में कूद रहे हैं मिट्टी दिख रही है मिट्टी में लो ट रहे हैं और वह आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही।
8) कई बार आपको आपके परिवार के ही मरे हुए लोग दिखाई देते हैं जो आपको मार रहे होते हैं पीट रहे होते हैं या खींचकर अपने साथ ले जा रहे होते हैं इस तरह के के बुरे सपने आते हैं पूरी तरह से नेगेटिव।
इस तरह के स्वप्न पूरी रात चलते रहते हैं आप डरते रहते हैं और जब सुबह उठते हैं तो पूरी तरह से हैरान परेशान बीमार जैसे किसी ने आपकी पूरी एनर्जी ही खींच ली हो इसी तरह से कई बुरे अनुभव उस इंसान को हो सकते हैं। इससे बचने के लिए कोशिश करें जैसे ही आपको पहला हल्का अनुभव होता है उसी वक्त से मंत्र जाप करे,अपनी नजर उतारे औरा क्लीन करें खुद की भी और घर की भी, रात को कोई ना कोई कवच सुने जिस भी ईस्ट को आप मानते हैं, खुद को पैक करके सोए खुद को सकारात्मक रखें किसी भी नकारात्मकता को स्वयं पर हावी न होने दें ऐसी क्रिया करने वाले लोग तो चाहते ही यही है कि आप कई रातों तक डर से सो ना पाए आपके व्यक्तित्व में नकारात्मकता झलके,आप परेशान रहे और किसी भी तरह का कार्य आप ना कर सके।
आपको कुछ भी हो रहा हो तुरंत उस परेशानी से संबंधित डॉक्टर से मिले लेकिन अपने कॉन्शियस लेवल को बनाए रखें क्योंकि इस तरह की क्रिया जो भी करता है वह आपके पास का ही आपका अपना खास व्यक्ति, दोस्त,रिश्तेदार होता है ऐसा ना हो कि वह आपको किसी गलत डॉक्टर के पास ले जाए या गलत दवाइयां दे जिससे आपकी स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ जाए।
कन्फ्यूजन स्पेल इसका अर्थ है उलझा हुआ, उलझन में डालना अ स्पष्ट जैसे
1) कई प्रश्न पूछ कर उलझन में डाल देना
2) क्लियर रोड साइन ना होने पर उलझा जाना गलत दिशा में जाना
3) इतने ऑप्शन दे देना या दिखाना की आप समझ ही ना पाए आपको करना क्या है आप चाहते क्या है?
नर्सिंस्ट या आपका बुरा चाहने वाला आपके आसपास होता है और यह क्रिया आप पर की जाती है तो आप अपने लिए कभी भी सही समय पर सही जगह सही निर्णय नहीं ले पाते वह आपके कार्य,रिश्तो, खुशियों पर ग्रहण लगने के लिए तैयार रहता है इसलिए जब आप कोई कार्य करने की शुरुआत करना चाहते हैं तो वह आपके सामने कई प्रकार के सवाल खड़े कर देगा जैसे वह पैसा कहां से आएगा – अगर लाभ नहीं हुआ तो चूकाओगे कैसे- जिससे पैसा ले रहे हैं यदि वह गलत इंसान हुआ तो – इस काम को करने से अच्छा तो ऐसा कर ले – वैसा कर ले इस तरह के अनगिनत सवाल आपके सामने रख दिए जाते हैं और आप पहली ही सिढ़ी पर कन्फ्यूजन होकर खड़े रह जाते हैं आगे बढ़ ही नहीं पाते।
इसी तरह आपके रिश्तों पर भी यह सवाल उठाते हैं कभी आपकी गलतियां दिखाते हैं जो पास्ट में कभी अा पने की थी या आपके साथी ने अनजाने में की थी, कभी आपके स्टेटस का हवाला दिया जाता है कभी धर्म का तो कभी कार्य पर सवाल उठा दिए जाते हैं आपके अहंकार को इतनी हवा दे दी जाती है कि आपको समझ ही नहीं आता कि रिश्ते निभाने के लिए हमेशा दिमाग को नहीं लगना चाहिए आपकी खुद की गलती हो और आप अपने साथी से माफी मांगना चाहते हैं तो भी यह लोग आपको इतनी बातें सुनते हैं आपके अहम को आपके अहंकार को और सामने वाले की कुछ ऐसी बातों को जिससे कि आप उन रिश्तो को सुधारने की जगह और बिगाड़ देते हैं और फिर अंत में अकेले रह जाते हैं।
आपकी खुशी किसमे है जब आप यह जानकर उस दिशा में बढ़ने लगते हैं तो आपसे जलन ईर्ष्या द्वेष का भाव रखने वाले लोग आपके ही प्रिय बन कर आपके सामने ऑप्शन का पिटारा खोल देते हैं जैसे काम करने के लिए कई ऑप्शन रिश्तो में ऑप्शन घूमने में ऑप्शन कई तरह की बातों में उलझा कर आपको सबसे गलत जो होगा वही आपको चुनने में मदद करते हैं आपसे वह चुनवाते हैं जिससे आप उनसे ज्यादा आगे ना बढ़ सके आप तरक्की ना कर सके और आपके सामने रोज एक नई समस्या नई परेशानी खड़ी हो आपके रिश्ते इतने कलुषित क्लेश वाले हो जाए की मानसिक शांति पूरी तरह से खत्म हो जाए आपकी आप जीवन से पूरी तरह निराश हो जाए और यह सोचने पर मजबूर हो जाए कि मैं आखिर मेरी गलती कहां थी आखिर मेरी किस्मत इतनी खराब क्यों है एवं आप कई बार आत्महत्या तक की सोच को हवा देने लगते हैं और ऐसा लगता हैं कि आपके लिए इस जीवन में कुछ बचा ही नहीं है।
ऐसी स्थिति अगर आपको महसूस होती है तो सबसे पहले खुद को कुछ दिन के लिए अकेला कर लीजिए उस भीड़ से अलग जो आपके मार्ग में अवरोध डाल रहे हैं आपको गलत डायरेक्शन दे रहे हैं शांत मन से स्वयं से बात कीजिए आपकी स्वयं की खुशी किस में है खुद को समझते हुए आपको आगे बढ़ना होता है और जैसे ही आप अपनी खुशी को समझते हैं खुद को समझते हैं आपकी जीत निश्चित हो जाती है आप किसी पर आश्रित नहीं रहते हैं आपके जो निर्णय होते हैं वह आपके अपने होते हैं जो दूसरों के बताए हुए सलाहों से कहीं ज्यादा बेहतर होते हैं क्योंकि यदि आप इसमें कुछ गलत भी करते हैं तो भी आप उनसे सीखते हैं और उन गलतियों के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होते हैं खुद को जिम्मेदार ठहराते हैं ना कि किसी और को इसलिए सबसे पहले स्वयं से सवाल कीजिए आपको अपने जीवन से क्या चाहिए आपको क्या काम करने से खुशी मिलेगी आपके साथी धनी होनी चाहिए या साथ देने वाले संस्कारी, इंसानियत,प्रेम का,सम्मान का भाव रखने वाले होने चाहिए इन सवालों का जवाब मिलते ही आप सही दिशा में आगे बढ़ते हैं सही समय पर सही निर्णय लेते हैं इस तरह से किसी भी स्थिति में स्वयं को शांत रखने का प्रयास करें और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़े।
जय श्री महाकाल
जय श्री महाकाली
यदि आपको किसी भी तरह की सहायता की आवश्यकता है तो आप संपर्क कर सकते हैं ज्योतिष राखी हीलर तंत्र विशेषज्ञ सुनीता वाधवानी जी से 9784862029
मां हमेशा जिंदा रहती है
मां हमेशा जिंदा रहती है…
कभी रसोई में तो कभी बगीचे में
दिख जाती है….
अक्सर सुई धागे में भी दिख जाती है
यूं ही बातों बातों में भी कभी याद बनकर
दिख जाती है…
मंदिर में, अलमारी में, पल पल पर घटते जा रहे हैं जीवन में
अक्सर मां दिख जाती है …. कोई व्यंजन कब सीखा.. याद नहीं
पर किसने कैसे सिखाए यह याद आ जाता है बगीचे का पौधा जो अब बड़ा हो गया है
अपने बड़े होने की बात बताता है…
न जाने कितनी बातें हैं याद आती….
मां घर के हर कोने में यूंही चलती रहती है
शायद…. हमेशा.
~प्रियांका वर्मा माहेश्वरी
Read More »एस.एन. सेन बी.वी. पी.जी . महाविद्यालय तथा सी.एस.जे.एम. यू. कानपुर के ट्रेनिंग, नवाचार एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में उद्यमिता विकास : अवसर और कैरियर की संभावना ” विषय पर व्याख्यान आयोजित
एस.एन. सेन बी.वी. पी.जी . महाविद्यालय तथा सी.एस.जे.एम. यू. कानपुर के ट्रेनिंग, नवाचार एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक 07/02/2024 को महाविद्यालय की छात्राओं हेतु “नवप्रवर्तन प्रौद्योगिकी में अभिनव विचारों के माध्यम से उद्यमिता विकास : अवसर और कैरियर की संभावना ” विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथि एवं वक्ता डॉ. अनिल त्रिपाठी (इनक्यूबेशन मैनेजर, सी.एस.जे.एम.आई.एफ.), डॉ.अजय जैन (ई.बी., सी.एस.जे.एम.यू.), प्राचार्या प्रोफेसर सुमन, सचिव श्री पी.के. सेन द्वारा सरस्वती माँ के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया गया। डॉ.अनिल कुमार त्रिपाठी ने नवाचार के संबंध में छात्रों का दृष्टिकोण, कंटेंट क्रिएटर्स के रूप में करियर, नए नवोन्वेषी रुझानों के रूप में सामग्री निर्माताओं की भूमिका तथा तीन प्रकार के इनोवेशन -प्रोडक्ट इनोवेशन, सेवा नवाचार, प्रक्रिया नवाचार आदि मुख्य पक्षों पर विस्तृत जानकारी छात्राओं को प्रदान के अंत में, नए कैरियर अवसर के रूप में नए नवीन रुझानों और तकनीकों के निर्माण में छात्रों के विचार भी जाने गए कार्यक्रम का समापन समन्वयक प्रो.गार्गी यादव ने धन्यवाद ज्ञापन से किया कार्यक्रम में प्रो. निशी प्रकाश, प्रो. रेखा चौबे, डॉ. रचना निगम (इनोवेशन सेल प्रभारी), डॉ प्रीति सिंह ,डॉ. शुभा बाजपेयी, डॉ.कोमल सरोज, डॉ. अनामिका, डॉ. प्रीता अवस्थी, डॉ. सपना रॉय आदि शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं|
Read More »डी जी कॉलेज में मनाया गया विश्व कैंसर दिवस
कानपुर 4 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, डी जी कॉलेज में सेंचरी क्लब , मिशन शक्ति तथा एन एस एस के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के निर्देशन में विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। जिसमें प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिवर्ष विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। इस अवसर पर छात्राओं ने भी अपने विचार रखें तथा पोस्टर बनाकर, नुक्कड़ नाटक के द्वारा पास में स्थित मलिन बस्ती अस्पताल घाट में जाकर लोगों को कैंसर के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कर स्वस्थ कानपुर, स्वस्थ समाज के निर्माण का संदेश दिया। इस अवसर पर छात्राओं ने लोगों से बातचीत कर उन्हें तंबाकू, सिगरेट, नशीले पदार्थों का सेवन न करने तथा एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाने एवं योग के द्वारा निरोग रहने की अपील की। कार्यक्रम को सफल बनाने में एनएसएस वालंटियर आकांक्षा यादव ने अग्रणी भूमिका निभाई साथ ही महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापिका डॉ निवेदिता टंडन समेत बायोटेक्नोलॉजी विभाग से अन्य प्राध्यापिकाओं डॉ मिली दुआ, डॉ पूनम, एवं डॉ मेहविश आदि का सहयोग भी सराहनीय रहा।
Read More »“वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरुर डालेंगे हम” विषय पर निबंध एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित
कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज द्वारा 14वें राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2024 की थीम “वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरुर डालेंगे हम” विषय पर राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी एवं इलेक्टोरल लिटरेसी क्लब की प्रभारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में निबंध प्रतियोगिता तथा पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन कर शपथ एवं रैली का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा ने छात्रा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए, यही मजबूत लोकतंत्र की नींव है। कार्यक्रम को सफल बनाने में सेल्फ फाइनेंस की डायरेक्टर प्रो वंदना निगम, भूगोल विभाग से डॉक्टर अंजना श्रीवास्तव एवं श्वेता गोंड, हिंदी विभाग से डॉ मंजुला श्रीवास्तव, रसायन शास्त्र विभाग से डॉ अंजली शुक्ला, कार्यालय अधीक्षक कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत महाविद्यालय की समस्त छात्राओं का योगदान सराहनीय रहा।
Read More »एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में श्रीराम जी का सांकेतिक पदार्पण
भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में श्रीराम जी का सांकेतिक पदार्पण किया गया जिसमें राम सीता और लक्ष्मण के रूप में महाविद्यालय की शारीरिक शिक्षा विभाग की छात्राओं ने अद्वितीय छवि दिखाते हुए श्री राम सीता मैया और श्री लक्ष्मण जी के रूप में महाविद्यालय सभागार में प्रवेश किया। कार्यक्रम का शुभारंभ माननीय कानपुर खो खो संघ सचिव एवं रोटरी क्लब के क्रीड़ा विभाग के अध्यक्ष अजय शंकर दीक्षित द्वारा किया गया। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया साथी उन्हें एक रामायण उपहार के रूप में भेद करते हुए उनका स्वागत और अभिनंदन किया। सभी आगंतुकों ने राम सीता लक्ष्मण जी की आरती उतारी तदुपरांत उनके ऊपर फूलों की वर्षा की गई और सभी ने ईश्वर के रूप को अपने हृदय में उतारा। अजय ने छात्राओं को श्री राम के द्वारा किए गए त्याग और समर्पण के साथ-साथ उनके पुरुषोत्तम होने की विशेषताओं और व्यक्तित्व गुडों को अपनाने के लिए छात्रों को प्रेरित किया। मीडिया प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने बताया पूरे कार्यक्रम को संचालित और आयोजन शारीरिक शिक्षा विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर प्रीति पांडे के द्वारा किया गया महाविद्यालय में सभी शिक्षिका, छात्राएं एवं शिक्षक कर्मचारियों ने कार्यक्रमों में कार्यक्रम में सहभागिता की ।
Read More »कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. ऍन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज, कानपुर में शासन के निर्देशानुसार १४ जनवरी से २१ जनवरी २०२४ के मध्य स्वच्छता का विशेष अभियान चलाए जाने के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुमन ने स्वच्छ भारत अभियान के अपने अनुभवों को साझा करते हुए छात्र-छात्राओं को इसमें सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम संयोजक प्रो चित्र सिंह तोमर ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा रखना है। स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य की पहचान है। छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय परिसर को स्वच्छ कर स्वच्छता अभियान प्रारंभ किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।
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