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पर्यटन

हर्ष मल्होत्रा ​​ने दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा के लिए साइट का दौरा किया

केन्‍द्रीय कॉरपोरेट कार्य; सड़क, परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने 29.06.2024 को सांसद श्री मनोज तिवारी, करावल नगर विधायक श्री मोहन सिंह बिष्ट, गांधी नगर विधायक श्री अनिल वाजपेयी, निगम पार्षद  श्री  सत्यपाल सिंह, सुश्री नीता बिष्ट, श्री बृजेश सिंह, श्री संदीप कपूर, सुश्री नीमा भगत और दिल्ली नगर निगम के क्षेत्रीय पार्षदों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा के लिए साइट का दौरा किया। उन्होंने जलभराव की समस्या और इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर अन्य मुद्दों से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 709बी का भी निरीक्षण किया। साइट का दौरा एनएच-709बी के शमशान घाट (चेनेज किमी 5+100) के पास गीता कॉलोनी से शुरू हुआ और सोनिया विहार (चेनेज किमी 14+350) और सभापुर गांव (चेनेज किमी 15+300) तक जारी रहा। मंत्री ने दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह एक्सप्रेसवे पूर्वी दिल्ली के गांधी नगर क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने में सहायक होगा और दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर भी भार कम करेगा। उन्होंने एक्सप्रेसवे को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया ताकि इसे तय समय पर आम जनता के लिए खोला जा सके।

राष्ट्रीय राजमार्ग-9 पर जलभराव के संबंध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों ने बताया कि एनएच के साथ एमसीडी/पीडब्ल्यूडी का एक समानांतर मास्टर ड्रेन है, जो कई वर्षों से अवरुद्ध है और उसमें पानी भरा हुआ है। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजमार्ग का सतही नाला भी राजमार्ग के हिस्से के सतही पानी की निकासी के लिए समानांतर मास्टर ड्रेन से जुड़ा हुआ है। चूंकि एमसीडी/पीडब्ल्यूडी का समानांतर मास्टर ड्रेन अवरुद्ध है, इसलिए एनएच का सतही पानी मास्टर ड्रेन (जो पहले से ही अवरुद्ध है और सीमित क्षमता के कारण भरा हुआ है) में जाने के बजाय वापस एनएचएआई की सर्विस रोड पर भर जाता है। श्री मल्होत्रा ने एनएचएआई के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस मुद्दे को एमसीडी/पीडब्ल्यूडी के साथ उठाएं, ताकि वे आवश्यक कार्रवाई कर सकें। श्री मल्होत्रा ने मौके पर निवासियों द्वारा उठाए गए मुद्दों का संज्ञान लिया और एनएचएआई के अधिकारियों को विकास कार्यों की तीव्र प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि कार्यों से स्थानीय निवासियों को किसी प्रकार की समस्या न हो। उन्होंने शमशान घाट गीता कॉलोनी, दिल्ली के पास पहले से प्रस्तावित दो यू टर्न (एक एलिवेटेड फ्लाईओवर के पास और एक मौजूदा फ्लाईओवर के पास) के निकट हल्के वाहनों को दोनों तरफ आवश्यक पहुंच प्रदान करने के लिए दो अतिरिक्त यू टर्न प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने लोगों को यह भी आश्वासन दिया कि फ्लाईओवर के नीचे हरित पट्टी क्षेत्र विकसित किया जाएगा, जो पर्यावरण के लिए वरदान साबित होगा।

सोनिया विहार के निवासियों द्वारा टोल प्लाजा को स्थानांतरित करने के अनुरोध के जवाब में, श्री मल्होत्रा ने आश्वासन दिया कि टोल प्लाजा को उत्तर प्रदेश की ओर 300 मीटर स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सोनिया विहार, दिल्ली के स्थानीय निवासियों को कोई टोल टैक्स न देना पड़े। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि उत्तर प्रदेश की ओर से नाले का पुनः नहरीकरण किया जाएगा। सभापुर गांव में, श्री मल्होत्रा ने एनएचएआई के अधिकारियों को जलभराव की समस्या का शीघ्र समाधान करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि आज से ही काम शुरू हो जाए। अधिकारियों को वहां पाइपलाइनों की समीक्षा करने और जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान करने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने आश्वासन दिया कि सर्विस रोड का निर्माण किया जाएगा, ताकि स्थानीय निवासियों को आस-पास के गांवों में आने-जाने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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भारतीय नौसेना ने यूएच-3एच हेलीकॉप्टर को विदाई दी

भारतीय नौसेना ने 28 जून, 24 को आईएनएस डेगा, विशाखापत्तनम में आयोजित एक डी-इंडक्शन समारोह के दौरान 17 वर्ष की शानदार सेवा के बाद यूएच-3एच हेलीकॉप्टर को विदाई दी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान के चीफ ऑफ स्टाफ वाइस एडमिरल समीर सक्सेना ने की। यूएच-3एच स्क्वाड्रन के अनुभवी अधिकारी और नाविक अपने परिवारों के साथ इस कार्यक्रम में शामिल हुये और हेलीकॉप्टर की महान सेवा को याद किया। यूएच-3एच हेलीकॉप्टर को ऑपरेशनल पावर और क्षमता को जारी रखने और इसे प्रदान करने के लिये आईएनएएस 350 में सी किंग 42सी हेलीकॉप्टर द्वारा प्रतिस्थापित किया जायेगा।

यूएच-3एच हेलीकॉप्टर का डी-इंडक्शन समारोह एक उल्लेखनीय युग का अंत दर्शाता है, जिसने विशेष संचालन और खोज और बचाव (एसएआर) मिशनों में अभिनव क्षमताओं को पेश किया। लगातार विकसित और गतिशील समुद्री वातावरण में यूएच-3एच की परिचालन भूमिका भारतीय नौसेना विमानन के इतिहास में हमेशा अंकित रहेगी।

वर्ष 2007 में आईएनएच जलाश्व के साथ भारतीय तटों पर लाये गये यूएच-3एच हेलीकॉप्टर को 24 मार्च, 2009 को आईएनएच डेगा, विशाखापत्तनम में ‘सारस’ नाम से आईएनएएस 350 में शामिल किया गया था। इस प्रतिभाशाली हेलीकॉप्टर ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन, अपतटीय प्रतिष्ठानों की सुरक्षा और विशेष अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इसकी उन्नत खोज और बचाव (एसएआर) क्षमताएं और रसद सहायता प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बहुत अहम थीं, जो प्राय: निराशा और राहत के बीच अंतर करती थीं और अनगिनत लोगों की जान बचाती थीं। शक्तिशाली ‘सारस’ स्क्वाड्रन के शिखर को ‘शक्ति, वीरता और दृढ़ता’ के आदर्श वाक्य के रूप में सुशोभित करता है। हेलीकॉप्टर ने अपनी प्रतिबद्धता को पूरी लगन से निभाया, सतर्क निगरानी बनाये रखी और अटूट समर्पण के साथ हमारे देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की।

सेवा जीवन के अंत में, एक यूएच-3एच को ‘भाग्य के शहर’, विशाखापत्तनम में प्रमुख स्थान पर स्थायी रूप से प्रदर्शित किया जायेगा, जो भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। इस मौके पर चीफ ऑफ स्टाफ, पूर्वी नौसेना कमान समीर सक्सेना ने राज्य सरकार को एक स्मारक पट्टिका सौंपी। विमान के हस्तांतरण को चिह्नित करने के लिये पट्टिका को विशाखापत्तनम के संयुक्त कलेक्टर श्री के. मयूर अशोक विशाखापत्तनम ने प्राप्त किया।

 

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‘रद्द उड़ानों का पूरा रिफंड सुनिश्चित करने अथवा वैकल्पिक मार्ग का टिकट उपलब्ध कराने के लिए 24/7 वॉर रूम स्थापित किया जाएगा’

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राममोहन नायडू ने आज प्रमुख अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव, नागरिक उड्डयन महानिदेशक, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव भी शामिल थे। बैठक में मौजूदा स्थिति से निपटने और यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:
  1. 24/7 वॉर रूम की स्थापना और टर्मिनल 2 एवं टर्मिनल 3 का कुशल प्रबंधन: नागरिक उड्डयन मंत्रालय की कड़ी निगरानी में एक 24/7 वॉर रूम की स्थापना की जाएगी। यह वॉर रूम यात्रियों को रद्द की गई उड़ानों का पूरा रिफंड सुनिश्चित करेगा अथवा उपलब्धता के अनुसार वैकल्पिक मार्ग का टिकट प्रदान करेगा। सभी रिफंड 7 दिनों के निर्धारित समय के भीतर प्रॉसेस किए जाएंगे। तत्काल सहायता के लिए यात्रियों को फोन नंबर सहित संपर्क विवरण प्रदान किए जाएंगे।

वॉर रूम हेल्पलाइन नंबर:

  • इंडिगो एयरलाइन
  1. टी2 टर्मिनल: 7428748308
  2. टी3 टर्मिनल: 7428748310
  • स्पाइसजेट
  1. टी3 टर्मिनल: 0124-4983410/ 0124-7101600
  2. 9711209864 (रोहित)

यात्रियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और टी1 के अस्थायी रूप से बंद होने के कारण टी2 एवं टी3 टर्मिनलों पर पड़ने वाले अतिरिक्त दबाव को संभालने के लिए विभिन्‍न उपायों को लागू करने पर जोर दिया गया।

  1. हवाई किराया संबंधी परामर्श: सभी विमानन कंपनियों को परामर्श जारी किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मौजूदा स्थिति के कारण हवाई किराए में भारी वृद्धि न होने पाए। यात्रियों की असुविधा से बचने के लिए विमानन कंपनियों को किराये में स्थिरता बनाए रखनी होगी।
  2. ढांचागत मजबूती का निरीक्षण: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को सभी छोटे और बड़े हवाई अड्डों की ढांचागत मजबूती का व्‍यापक निरीक्षण करने के लिए एक परिपत्र जारी करने का निर्देश दिया गया है। ये निरीक्षण अगले 2 से 5 दिनों के भीतर पूरे किए जाने चाहिए और रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय को प्रस्तुत की जानी चाहिए।
  3. उन निष्कर्षों के आधार पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने की जरूरत पर गौर किया जाएगा। साथ ही भविष्‍य में ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को रोकने के लिए दीर्घकालिक नीतियां प्राथमिकता के आधार पर तैयार की जाएंगी।
  4. शुरुआती जांच दल की तैनाती: आईआईटी दिल्ली के स्ट्रक्चरल इंजीनियरों को दिल्ली टी1 पर हुई घटना का तुरंत आकलन करने के लिए कहा गया है। उनके शुरुआती निष्कर्षों के आधार पर आगे की जांच तय की जाएगी। इसी तरह भारतीय विमानपत्‍तन प्राधिकरण जबलपुर घटना की जांच करेगा।

केंद्रीय मंत्री श्री राममोहन नायडू ने जोर देकर कहा कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय सभी संबंधित एजेंसियों के साथ मिलकर मौजूदा चुनौतियों का तत्‍काल समाधान सुनिश्चित करने और हमारे हवाई अड्डों के समग्र सुरक्षा मानकों को बेहतर करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है।

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भारतीय तटरक्षक बल ने केरल तट के पास छह भारतीय नागरिकों के साथ ईरानी नौका को हिरासत में लिया

भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने 05 मई, 2024 की देर रात केरल के तट से दूर बेपोर के पश्चिम में छह भारतीयों वाले चालक दल के साथ एक ईरानी मछली पकड़ने की नौका को हिरासत में लिया। तेज समुद्री-हवाओं के बीच संचालित ऑपरेशन में भारतीय तटरक्षक के जहाज और विमान शामिल थे।

भारतीय तटरक्षक की एक टीम नौका को रोकने के बाद उस पर चढ़ गई और किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि की संलिप्तता का पता लगाने के लिए इसकी गहन जांच की।  इस नौका की से प्राप्त प्रारंभिक जानकारी में यह पता चला कि जहाज का मालिक एक ईरानी व्यापारी था, जिसने तमिलनाडु के रहने इन भारतीय मछुआरों को अनुबंधित किया था और उन्हें ईरान तट पर मछली पकड़ने के लिए ईरानी वीजा जारी किया गया था।

चालक दल ने ऐसी सूचना दी है कि उस ईरानी व्यापारी ने इन लोगों साथ दुर्व्यवहार किया और उनके पासपोर्ट जब्त करने के अलावा उन्हें बुनियादी जीवन सुविधाओं से भी वंचित कर दिया। चालक दल ने बताया है कि उन्होंने उसी नौका का उपयोग करके ईरान से भाग कर भारत आने का फैसला किया था।

हिरासत में लिए गए जहाज को 06 मई, 2024 को आगे की जांच के लिए सुरक्षित रूप से कोच्चि लाया गया।

 

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ग्रीष्म ऋतु 2024 में रिकॉर्ड संख्या में अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन कर रही है भारतीय रेल

यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने और गर्मियों के दौरान यात्रा की मांग में अपेक्षित वृद्धि को प्रबंधित करने के लिए भारतीय रेल गर्मियों के मौसम के दौरान रिकॉर्ड 9111 फेरों का संचालन कर रही है।

2023 की गर्मियों की तुलना में यह पर्याप्त वृद्धि दर्शाता है, जहां कुल 6369 फेरों की पेशकश की गई थीं। यह 2742 फेरों की वृद्धि दर्शाता है, जो यात्रियों की मांगों को प्रभावी ढंग से पूरा करने के प्रति भारतीय रेल की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।

प्रमुख रेल मार्गों पर निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए देश भर के प्रमुख गंतव्यों को जोड़ने के लिए अतिरिक्त ट्रेनों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है। समस्‍त जोनल रेल द्वारा देश भर में गर्मियों के मौसम में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली जैसे राज्यों से यात्रियों की भीड़भाड़ को कम करने के लिए इन अतिरिक्त फेरों को संचालित करने की तैयारी कर ली गई है।

रेलवे जोनल रेल अधिसूचित फेरे
मध्य रेलवे 488
पूर्वी रेलवे 254
पूर्व मध्य रेलवे 1003
पूर्वी तट रेलवे 102
उत्तर मध्य रेलवे 142
पूर्वोत्‍तर रेलवे 244
पूर्वोत्तर सीमा रेलवे 88
उत्तर रेलवे 778
उत्तर पश्चिम रेलवे 1623
दक्षिण मध्य रेलवे 1012
दक्षिण पूर्व रेलवे 276
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे 12
दक्षिण पश्चिम रेलवे 810
दक्षिणी रेलवे 239
पश्चिम मध्य रेलवे 162
पश्चिमी रेलवे 1878
कुल योग 9111

अतिरिक्त ट्रेनों की योजना बनाना और संचालित करना एक सतत प्रक्रिया है जिसके लिए किसी मार्ग विशेष पर चलने वाली रेलगाड़ियों की मांग का आकलन करने के लिए पीआरएस प्रणाली में प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों के विवरण के अलावा मीडिया रिपोर्ट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, रेलवे इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन नंबर 139 जैसे सभी संचार चैनलों से 24×7 इनपुट लिए जाते हैं। इस आवश्यकता के आधार पर, ट्रेनों की संख्या और फेरों की संख्या बढ़ाई जाती है। पूरे सीज़न के लिए न तो ट्रेनों की संख्या और न ही अतिरिक्त ट्रेनों द्वारा संचालित फेरों की संख्या स्थिर रहती है।

गर्मियों के मौसम में जोनल रेल को रेलवे स्टेशनों पर पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। सभी प्रमुख और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर भीड़भाड़ के नियंत्रण की व्यापक व्यवस्था की गई है। भीड़भाड़ को व्यवस्थित तरीके से नियंत्रित करने के लिए सभी गतिविधियों की निगरानी के लिए इन स्टेशनों पर वरिष्ठ अधिकारी तैनात हैं।

सामान्य श्रेणी के डिब्बों में प्रवेश के लिए कतार प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभिक स्टेशनों पर आरपीएफ कर्मियों की तैनाती की गई है। भीड़भाड़ वाली जगहों पर कड़ी नजर रखने और यात्रियों को वास्तविक समय पर सहायता प्रदान करने के लिए सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष में कुशल आरपीएफ कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

भारी भीड़ के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए भीड़ को सुचारू रूप से नियंत्रित करने के लिए सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मचारी फुट-ओवर ब्रिज पर तैनात किए जाते हैं।

भारतीय रेल सभी यात्रियों को सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यात्री इन अतिरिक्त ट्रेनों में अपना टिकट रेलवे टिकट काउंटर या आईआरसीटीसी वेबसाइट/ऐप के माध्यम से बुक कर सकते हैं।

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समुद्री क्षेत्र में नाविकों की अनुकरणीय भूमिका का कीर्तिगान : प्रधानमंत्री को प्रथम “मर्चेंट नेवी फ्लैग” लगाने के साथ हुई सप्ताह भर के राष्ट्रीय समुद्री समारोहों की शुरुआत

पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री टी.के. रामचंद्रन ने 29 मार्च, 2024 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को ‘मर्चेंट नेवी फ्लैग’ लगाकर 5 अप्रैल के राष्ट्रीय समुद्री दिवस के लिए सप्ताह भर के समारोहों की शुरुआत की। इस अवसर पर पोत परिवहन महानिदेशक श्री श्याम जगन्नाथन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री को एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।

इस उत्सव का महत्व नाविकों की सेवाओं का सम्मान करने और भारत के समुद्री इतिहास की इस गौरवपूर्ण घटना का जश्‍न मनाने में निहित है। 29 मार्च से 5 अप्रैल तक चलने वाला राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह नाविकों के अमूल्य योगदान के प्रति श्रद्धांजलि है। यह मैसर्स सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड, मुंबई के स्‍वामित्‍व वाले पहले भारतीय स्टीमशिप ‘एस. एस. लॉयल्टी’ के वर्ष 1919 में इस दिन मुंबई से लंदन (यूके) तक की अपनी पहली यात्रा के लिए अंतर्राष्ट्रीय जल में प्रवेश करने को चिन्हित करता है। अब इस दिन को “राष्ट्रीय समुद्री दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री टी.के. रामचंद्रन ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में भारतीय नाविकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने दोहराया कि राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह समारोह समुद्र के इन गुमनाम नायकों के प्रति श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा गर्व से मर्चेंट नेवी का झंडा धारण करना सप्ताह भर चलने वाले उत्सव की शुरुआत को इंगित करता है।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, कांडला, विशाखापत्तनम जैसे प्रमुख बंदरगाहों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मध्यवर्ती, छोटे और अंतर्देशीय जल पत्‍तनों सहित देश भर में मनाया जाएगा। ये समारोह आजादी के बाद से भारतीय समुद्री उद्योग द्वारा हासिल की गई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डालते हैं और हमारे राष्ट्रीय जीडीपी में इसके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हैं।

पोत परिवहन को आगे बढ़ाने और देश की समृद्धि को बढ़ावा देने में हमारे नाविकों की बहुमूल्य सेवा और महत्वपूर्ण भूमिका को स्‍वीकार करते हुए सप्ताह भर सिलसिलेवार कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में मर्चेंट नेवी फ्लैग डे, सेमिनार, चिकित्सा शिविर, रक्तदान अभियान तथा प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान समुद्र में अपने प्राणों की आहुति देने वाले नाविकों की बहादुरी और बलिदान के प्रति सम्‍मान व्‍यक्‍त करने के लिए पुष्पांजलि समारोह शामिल है।

हर साल 5 अप्रैल को आयोजित होने वाला मुख्य समारोह इन समारोहों का केंद्र है। यह कार्यक्रम हमारे समुद्री उद्योग की उपलब्धियों के कीर्तिगान और अटल समर्पण के साथ हमारे देश की सेवा करने वाले साहसी नाविकों को श्रद्धांजलि देने का केंद्र बिंदु है ।

पिछले 9 वर्षों में नाविकों की संख्या में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में, सक्रिय भारतीय नाविकों की कुल संख्या 117,090 थी, जो 2023 में 280,000 हो गई। मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के तहत, भारत समुद्री क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण में विश्व स्तरीय मानक स्थापित करके एक प्रमुख समुद्री नाविक देश के रूप में उभरने की आकांक्षा रखता है। भारत ने एसटीसीडब्ल्यू कन्वेंशन और समुद्री श्रम कन्वेंशन (एमएलसी) दोनों पर हस्ताक्षर किए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुद्री नौकरियों में 12 प्रतिशत पर भारतीय नाविकों का कब्‍जा है, और मैरीटाइम विजन 2030 इस आंकड़े को 2030 तक 20 प्रतिशत तक पहुंचाने की अनुशंसा करता है।

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वर्ष 2014-23 की अवधि के दौरान, 10867 रोड ओवर ब्रिज/रोड अंडरब्रिज का काम पूरा हुआ

मॉडल स्टेशन स्कीम जून, 1999 और नवंबर, 2008 के बीच प्रचलन में थी। रेल मंत्रालय ने भारतीय रेल पर रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन स्कीम लांच की है। इस स्कीम में एक दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ निरंतर आधार पर स्टेशनों के विकास की परिकल्पना की गई है।

इसमें प्रत्येक स्टेशन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए स्टेशनों पर स्टेशन एक्सेस ,सर्कुलेटिंग क्षेत्रों, प्रतीक्षालयों, शौचालयों, जहां आवश्यकता हो, वहां लिफ्ट/एस्केलेटर, स्वच्छता, निशुल्क वाई-फाई, ‘ एक स्टेशन एक उत्पाद ‘ जैसी योजनाओं के माध्यम से स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणालियां, एक्सेक्यूटिव लौंज, व्यवसाय बैठकों के लिए नामित स्थान, लैंडस्केपिंग आदि सुविधाओं में सुधार लाने के लिए चरणों में मास्टर प्लानों की तैयारी करना और उनका कार्यान्वयन करना शामिल है।

इस स्कीम में भवन में सुधार, स्टेशन को शहर के दोनों तरफों के साथ समेकित करना, मल्टीमॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाओं, टिकाऊ एवं प्र्यावरण अनुकूल समाधान, गिट्टीरहित ट्रैक का प्रावधान, आवश्यकता के अनुरुप ‘ रूफ प्लाजा ‘ दीर्घ अवधि में स्टेशन पर सिटी सेंटरों की चरणबद्धता और व्यवहार्यता तथा निर्माण की भी परिकल्पना की गई है। इस स्कीम के तहत, भारतीय रेल के उन्नयन/आधुनिकीकरण के लिए बीकानेर मंडल के 23 स्टेशनों और जोधपुर मंडल के 18 स्टेशनों सहित 1318 स्टेशनों की पहचान की गई है।

वर्ष 2014-23 की अवधि के दौरान, कुल 10867 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) पूरे किए गए, जबकि 2004-14 की अवधि के दौरान, केवल 4148 नंबर आरओबी/आरयूबी पूरे किए गए। वर्ष 2023-24 के दौरान दिसंबर 2023 तक 612 आरओबी/आरयूबी का काम पूरा हो चुका है। वर्ष 2023-24 के दौरान दिसंबर 2023 तक आरओबी और आरयूबी के निर्माण पर 3970 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

मानवयुक्त लेवल क्रॉसिंग गेटों को खत्म करने के लिए रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/रोड अंडर ब्रिज ( आरयूबी ) का निर्माण किया जाता है। लेवल क्रॉसिंग (एलसी) के बदले रोड ओवर ब्रिज (आरओबी)/रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) के कार्यों को मंजूरी देना भारतीय रेलवे की एक सतत और गतिशील प्रक्रिया है। ऐसे कार्य ट्रेन संचालन में सुरक्षा, ट्रेनों की गतिशीलता और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए प्रभाव और व्यवहार्यता आदि पर इसके प्रभाव के आधार पर किए जाते हैं।

31.01.2024 तक, भारतीय रेलवे पर कुल 1948 आरओबी और 2325 आरयूबी स्वीकृत किए गए हैं, जो योजना निर्माण, आकलन  और निष्पादन आदि के विभिन्न चरणों में हैं।

ट्रेन संचालन में सुरक्षा बढ़ाने, गतिशीलता बढ़ाने और सड़क क्रॉसिंग कार्यों में तेजी लाने के लिए रेलवे ने 02.03.2023 को नई नीति जारी की है। नीति की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं :

1. एलसी उन्मूलन की प्राथमिकता ट्रेन परिचालन में सुरक्षा, ट्रेनों की गतिशीलता और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए प्रभाव, निष्पादन की व्यवहार्यता और लागत पर विचार पर आधारित है।

2. जहां भी संभव हो रेलवे द्वारा एकल इकाई के आधार पर कार्य का निष्पादन। यदि कोई सड़क स्वामित्व प्राधिकरण/राज्य सरकार चाहे तो रेलवे उन्हें एकल इकाई के आधार पर कार्य निष्पादित करने की अनुमति दे सकता है।

यह जानकारी रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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फेम इंडिया योजना के चरण-II के तहत 13,41,459 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को 5,790 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई

हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों का तीव्र अंगीकरण और विनिर्माण (फेम) योजना के चरण-II के तहत बजटीय आवंटन और धनराशि के परिव्यय का विवरण निम्नलिखित है:

क्रम संख्या वित्तीय वर्ष बजट आवंटन धनराशि का उपयोग (31.01.2024 की स्थिति के अनुसार)
1 2019-20 500 करोड़ रुपये 500 करोड़ रुपये
2 2020-21 318.36 करोड़ रुपये 318.36 करोड़ रुपये
3 2021-22 800 करोड़ रुपये 800 करोड़ रुपये
4 2022-23 2897.84 करोड़ रुपये 2402.51 करोड़ रुपये
5 2023-24 5171.97 करोड़ रुपये 1980.83 करोड़ रुपये

 

भारी उद्योग मंत्रालय ने 25 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की मंजूरी दी है। इन चार्जिंग स्टेशनों में से 148 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण किया जा चुका है और इनका परिचालन किया जा रहा है।

इसके अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तीन तेल विपणन कंपनियों को 7,432 इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 800 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

31 जनवरी, 2024 की स्थिति के अनुसार फेम इंडिया योजना के चरण-II के तहत इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं को 13,41,459 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर 5790 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। (31 जनवरी, 2024 की स्थिति के अनुसार फेम-II पोर्टल पर दावाकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नीचे दिए गए ब्यौरे के अनुसार)

क्रम संख्या वाहन का प्रकार कुल वाहन संख्या
1 दोपहिया 11,85,829
2 तिपहिया 1,38,639
3 चौपहिया 16,991
  कुल 13,41,459

इसेक अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने शहर के भीतर परिचालन के उद्देश्य से विभिन्न शहरों/एसटीयू/राज्य सरकार की इकाइयों के लिए 6862 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी है। 29 नवंबर, 2023 की स्थिति के अनुसार इन 6,862 ई-बसों में से 3487 बसों की आपूर्ति एसटीयू को की जा चुकी है।

यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

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रेल स्टेशनों पर भीड़भाड़ के कारण होने वाली भगदड़ और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय रेल के उठाए गए कदम

भारतीय रेल ने यात्रियों की जरूरतों को पूरा करने और अतिरिक्त स्थान प्रदान करने के लिए नई सेवाएं शुरू करने के साथ उनका विस्तार किया है, उनकी उपलब्धता और सवारी डिब्बों की संख्या में बढ़ोतरी की जाती है, जो परिचालन संबंधित व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता, प्रतिस्पर्धी मांगों आदि के अधीन संचालित प्रक्रियाएं हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान आरंभिक आधार पर यात्रियों की संख्या 639 करोड़ है।

इसके अलावा त्यौहारों के मौसम और छुट्टियों आदि के दौरान यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ की जरूरतों पूरा करने के लिए विशेष ट्रेनों का परिचालन व इनकी संख्या में अस्थायी बढ़ोतरी भी की जाती है।

भारतीय रेल ने स्टेशनों पर अधिक भीड़ के कारण होने वाली भगदड़ और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:-

  1. भीड़ प्रबंधन के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मियों को वाणिज्यिक विभाग और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के साथ समन्वय से स्टेशनों व रेल परिसरों में तैनात किया गया है।
  2. आरपीएफ की ओर से त्यौहारों के मौसम के दौरान ट्रेनों के लगने से पहले प्लेटफार्म पर यात्रियों की कतार बनाकर अनारक्षित कोचों में यात्रियों के व्यवस्थित प्रवेश के लिए हरसंभव प्रयास किए जाते हैं।
  3. भीड़ नियंत्रण के लिए सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से बार-बार उद्घोषणा की जाती हैं।
  4. यात्रियों के आवागमन को व्यवस्थित करने के लिए जीआरपी के समन्वय से आरपीएफ कर्मियों द्वारा फुट ओवर ब्रिज, प्रवेश और निकास द्वारों, प्लेटफॉर्मों पर सुरक्षा प्रदान की जाती है।
  5. भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों की निगरानी और संभावित भीड़ के आवागमन की सूचना स्टेशन परिसर में तैनात कर्मियों को देने के लिए क्लोज्ड सर्किट टेलिविजन (सीसीटीवी) निगरानी कमरों में प्रशिक्षित रेल सुरक्षा बल के कर्मियों की तैनाती की गई है।
  6. रेलवे सुरक्षा विशेष बल (आरपीएसएफ) बटालियनों से सुरक्षा कर्मियों की अतिरिक्त जनशक्ति उपलब्ध कराई जाती है।
  7. सादे कपड़ों में कर्मियों को तैनात कर आपराधिक गतिविधियों पर निगरानी और सतर्कता सुनिश्चित की जाती है।

31 मार्च, 2023 की स्थिति के अनुरूप परिचालन के लिए 65301 सवारी डिब्बे उपलब्ध हैं।

कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए भारतीय रेल ने 23 मार्च, 2020 से सभी नियमित यात्री रेलगाड़ियों को बंद कर दिया था और केवल विशेष रेलगाड़ी सेवाएं चलाई जा रही थीं। इस दौरान भारतीय रेल ने आईआईटी बॉम्बे की सहायता से समय-सारणी का एक वैज्ञानिक विधि से युक्तिकरण किया था। इस अभ्यास को अन्य बातों के साथ-साथ अनुरक्षण गलियारा ब्लॉकों का सृजन करके बेहतर यात्री सुरक्षा उपलब्ध कराने, मौजूदा समय-सारणी में विरोधाभासों को न्यूनतम करने, जिसमें अन्य बातों के साथ- साथ यात्री सेवाओं को मेल/एक्सप्रेस सेवाओं परिवर्तित करना शामिल है, शुरू किया गया। नवंबर, 2021 से मेल/एक्सप्रेस सेवाओं को परिवर्तित समय-सारणी और नियमित गाड़ी संख्या के साथ-साथ परिचालित किया जा रहा है।

यह जानकारी रेल, संचार व इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

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प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 19,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में 19,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं रेल, सड़क, तेल एवं गैस और शहरी विकास एवं आवास जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित हैं।

एकत्रित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने बुलंदशहर के लोगों, विशेषकर भारी संख्या में उपस्थित माताओं और बहनों द्वारा दिखाए गए स्नेह और विश्वास के लिए आभार व्यक्त किया। श्री मोदी ने 22 जनवरी को भगवान श्री राम के दर्शन और आज उत्तर प्रदेश के लोगों की उपस्थिति को अपनी खुशकिस्‍मती बताते हुए धन्यवाद दिया। उन्होंने रेलवे, हाईवे, पेट्रोलियम पाइपलाइन, पानी, सीवेज, मेडिकल कॉलेज और औद्योगिक टाउनशिप जैसे क्षेत्रों में आज 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के लिए बुलंदशहर और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने यमुना और राम गंगा नदियों के स्वच्छता अभियान से जुड़ी परियोजनाओं के उद्घाटन का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र ने देश को कल्याण सिंह जैसा सपूत दिया है, जिन्होंने अपना जीवन राम काज और राष्ट्र काज दोनों के लिए समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि देश ने श्री कल्याण सिंह और उनके जैसे लोगों का अयोध्या धाम का सपना पूरा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”एक मजबूत राष्ट्र और सच्चे सामाजिक न्याय के उनके सपने को साकार करने के लिए हमें और गति हासिल करनी होगी।”

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समापन पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्र प्रतिष्ठा’को प्राथमिकता देने और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर जोर दिया। श्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित भारत में बदलने के सरकार के संकल्प पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमें देव से देश और राम से राष्ट्र के मार्ग को आगे बढ़ाना चाहिए।” उच्च लक्ष्यों को पूरा करने के बारे में, प्रधानमंत्री ने सबका प्रयास की भावना के साथ आवश्यक संसाधनों को इकट्ठा करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, विज्ञान, शिक्षा, उद्योग और उद्यम के क्षेत्रों को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए कहा, “विकसित भारत के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश का तेज गति से विकास जरूरी है।” उन्होंने कहा, “आज का अवसर इस दिशा में एक बड़ा कदम है।”

प्रधानमंत्री ने आजादी के बाद के भारत में विकास के क्षेत्रीय असंतुलन का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने ‘शासक’मानसिकता, और पूर्व में सत्ता की खातिर सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देने की की आलोचना की, जिसके परिणामस्वरूप राज्य और देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी। प्रधानमंत्री ने सवाल किया, “अगर देश का सबसे बड़ा राज्य कमजोर था, तो देश कैसे मजबूत हो सकता था?”

उत्तर प्रदेश में 2017 मेंडबल इंजन की सरकार के गठन के साथ, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य ने पुरानी चुनौतियों से निपटने के नए तरीके खोजे हैं और आर्थिक विकास को गति प्रदान की है और आज का अवसर सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाल के विकास का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत में दो रक्षा गलियारों में से एक के विकास और कई नए राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक एक्सप्रेसवे के माध्यम से यूपी के सभी हिस्सों में कनेक्टिविटी बढ़ाने, पहली नमो भारत ट्रेन परियोजना की शुरुआत, कई शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी और राज्य को पूर्वी और पश्चिमी समर्पित माल गलियारों का केन्‍द्र बनाने पर सरकार विशेष रूप से जोर दे रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “ये विकास परियोजनाएं आने वाली सदियों तक प्रभावशाली रहेंगी।”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट के पूरा होने से इस क्षेत्र को नई ताकत और उड़ान मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”सरकार के प्रयासों से आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश देश में प्रमुख रोजगार प्रदाता क्षेत्रों में से एक बन रहा है।”प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार 4 विश्वस्तरीय औद्योगिक स्मार्ट शहरों पर काम कर रही है। इनमें से एक शहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में है, प्रधानमंत्री ने आज इस महत्वपूर्ण टाउनशिप का उद्घाटन किया। इससे क्षेत्र के उद्योग और लघु एवं कुटीर व्यवसायों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टाउनशिप कृषि आधारित उद्योग के लिए नए रास्ते खोलेगी और स्थानीय किसानों और श्रमिकों को अत्यधिक लाभ प्रदान करेगी।

पहले के समय में कनेक्टिविटी की कमी के कारण कृषि पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका समाधान नए हवाई अड्डे और नए समर्पित माल गलियारे में देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी और मंडी में उपज बिकने के बाद सीधे किसानों के खाते में त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए डबल इंजन सरकार की सराहना की। इसी तरह, इथेनॉल पर ध्यान देना गन्ना किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है।

श्री मोदी ने जोर देकर कहा, “किसानों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने भारतीय किसानों के लिए कम लागत वाले उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाने का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि भारत के बाहर यूरिया का एक थैला जिसकी कीमत 3,000 रुपये है, किसानों को 300 रुपये से भी कम कीमत में उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नैनो यूरिया के निर्माण के बारे में भी बात की, जिसकी एक छोटी बोतल उर्वरक की एक बोरी के बराबर काम करती है। इससे खपत कम और पैसे की बचत होती है। श्री मोदी ने बताया कि सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में 2.75 लाख करोड़ रुपये भेजे हैं।

प्रधानमंत्री ने कृषि और कृषि-अर्थव्यवस्था में किसानों के योगदान को रेखांकित करते हुए, सहकारी समितियों के दायरे के निरंतर विस्तार का उल्लेख किया। उन्होंने छोटे किसानों को मजबूत करने के उपायों के रूप में पीएसी, सहकारी समितियों और एफपीओ को गिनाया। बिक्री-खरीद, ऋण, खाद्य प्रसंस्करण या निर्यात के लिए सहकारी संस्थाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्री मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण संबंधी योजनाओं का भी जिक्र किया जिसके तहत पूरे देश में कोल्ड स्टोरेज का नेटवर्क बनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को दोहराया और इस तथ्य को रेखांकित किया कि नारी शक्ति इसका एक बड़ा माध्यम बन सकती है। उन्होंने नमो ड्रोन दीदी योजना का उल्लेख किया जहां महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “नमो ड्रोन दीदी भविष्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि के लिए एक बड़ी ताकत बनने जा रही है।”

छोटे किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु पिछले 10 वर्षों के दौरान शुरू की गई लोक कल्याण योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने करोड़ों पक्के मकानों, शौचालयों, नल के पानी के कनेक्शन, किसानों एवं मजदूरों के लिए पेंशन सुविधाओं, पीएम फसल बीमा योजना जिसके तहत फसल बर्बाद होने की स्थिति में किसानों को 1.5 लाख करोड़ रुपये दिए जाते हैं, मुफ्त राशन योजना और आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, “सरकार का प्रयास है कि कोई भी लाभार्थी सरकारी योजना से वंचित न रहे और इसके लिए मोदी की गारंटी वाहन हर गांव तक पहुंच रहे हैं और उत्तर प्रदेश में भी लाखों लोगों का नामांकन कर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “यह मोदी की गारंटी है कि हर नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। आज देश मोदी की गारंटी को किसी भी गारंटी के पूरा होने की गारंटी मानता है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हम यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि सरकारी योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे। इसीलिए मोदी संतृप्ति की गारंटी दे रहा है। मोदी शत प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने पर जोर दे रहा है।” इससे भेदभाव या भ्रष्टाचार की कोई भी संभावना नहीं रह जाती है। उन्होंने कहा, “यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय है।” उन्होंने कहा कि किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं के सपने हर समाज में एक जैसे होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के वास्तविक प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया।

अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरे लिए आप ही मेरा परिवार हैं। आपका सपना ही मेरा संकल्प है।” उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि देश के सामान्य परिवारों के सशक्तिकरण ही मोदी की संपत्ति बनी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि चाहे गांव हों, गरीब हों, युवा हों, महिलाएं हों या किसान हों, सभी को सशक्त बनाने का अभियान जारी रहेगा।

इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक और भारत के केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी उपस्थित थे।

 

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मालगाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पर न्यू खुर्जा-न्यू रेवाड़ी के बीच 173 किलोमीटर लंबी डबल लाइन विद्युतीकृत खंड को राष्ट्र को समर्पित किया। यह नया डीएफसी खंड काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पश्चिमी और पूर्वी डीएफसी के बीच अहम संपर्क स्थापित करता है। इसके अलावा, यह खंड इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए भी जाना जाता है। इसमें ‘उच्च विद्युतीकरण के साथ एक किलोमीटर लंबी डबल लाइन रेल सुरंग’ है, जो दुनिया में अपनी तरह की पहली सुरंग है। इस सुरंग को डबल-स्टैक कंटेनर ट्रेनों को निर्बाध रूप से चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मालगाड़ियां अब इस नए डीएफसी ट्रैक पर चलेंगी जिससे यात्री ट्रेनों के संचालन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने मथुरा-पलवल खंड और चिपियाना बुजुर्ग-दादरी खंड को जोड़ने वाली चौथी लाइन भी राष्ट्र को समर्पित की। ये नई लाइनें राष्ट्रीय राजधानी की दक्षिणी पश्चिमी और पूर्वी भारत तक रेल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी।

प्रधानमंत्री ने कई सड़क विकास परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में अलीगढ़ से भदवास फोर-लेन कार्य पैकेज-1 (एनएच-34 के अलीगढ़-कानपुर खंड का हिस्सा); शामली (एनएच-709ए) के माध्यम से मेरठ से करनाल सीमा का चौड़ीकरण; और एनएच-709 एडी पैकेज-II के शामली-मुजफ्फरनगर खंड को चार लेन का बनाना शामिल हैं। 5000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से विकसित ये सड़क परियोजनाएं कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी और क्षेत्र में आर्थिक विकास में मदद करेंगी।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने इंडियन ऑयल की टूंडला-गवारिया पाइपलाइन का भी उद्घाटन किया। करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह 255 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन परियोजना तय समय से काफी पहले पूरी हो गई है। यह पाइपलाइन परियोजना मथुरा और टूंडला में पंपिंग सुविधाओं और टूंडला, लखनऊ और कानपुर में डिलीवरी सुविधाओं के साथ बरौनी-कानपुर पाइपलाइन के टूंडला से गवारिया टी-पॉइंट तक पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को ‘ग्रेटर नोएडा में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप’ (आईआईटीजीएन) भी समर्पित किया। इसे पीएम-गतिशक्ति के तहत बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप विकसित किया गया है। इस परियोजना पर 1,714 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह परियोजना 747 एकड़ में फैली हुई है। यह दक्षिण में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और पूर्व में दिल्ली-हावड़ा ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के साथ पूर्वी और पश्चिमी समर्पित माल गलियारों के चौराहे के पास स्थित है। आईआईटीजीएन का रणनीतिक स्थान अद्वितीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है क्योंकि मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए अन्य बुनियादी ढांचे जैसे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (5 किमी), यमुना एक्सप्रेसवे (10 किमी), दिल्ली एयरपोर्ट (60 किमी), जेवर एयरपोर्ट (40 किमी), अजायबपुर रेलवे स्टेशन (0.5 किमी) और न्यू दादरी डीएफसीसी स्टेशन (10 किमी) इस परियोजना के आसपास मौजूद हैं। यह परियोजना क्षेत्र में औद्योगिक विकास, आर्थिक समृद्धि और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग 460 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण सहित पुनर्निर्मित मथुरा सीवरेज योजना का उद्घाटन किया। इस कार्य में मसानी में 30 एमएलडी एसटीपी का निर्माण, ट्रांस यमुना में मौजूदा 30 एमएलडी और मसानी में 6.8 एमएलडी एसटीपी का पुनर्वास और 20 एमएलडी टीटीआरओ प्लांट (तृतीयक उपचार और रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट) का निर्माण शामिल है। उन्होंने मुरादाबाद  (रामगंगा) सीवरेज प्रणाली और एसटीपी कार्यों (चरण I) का भी उद्घाटन किया। लगभग 330 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना में 58 एमएलडी एसटीपी, लगभग 264 किमी लंबा सीवरेज नेटवर्क और मुरादाबाद में रामगंगा नदी के प्रदूषण निवारण के लिए नौ सीवेज पंपिंग स्टेशन शामिल हैं।

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