कानपुर 24 सितंबर, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर के मिशन शक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत पोषण संबंधी वेबिनर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महाविद्यालय की उप प्राचार्या डॉ सबीना बोदरा द्वारा प्रार्थना से की गई। डॉ विभा दीक्षित ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ बी एन आचार्य जी का परिचय देकर उनका स्वागत किया।
इस वेबिनार में मुख्य वक्ता डॉ बी एन आचार्य (निर्देशक : आरोग्य भारती कानपुर महानगर ) ने सभी को “उत्तम आहार उत्तम विचार” की मानसिकता के प्रति जागरूक कर पोष्टिक आहार से जीवन को सहज बनाने को प्रेरित किया एवं स्वास्थ्य संबंधित बातों पर जोर देते हुए संतुलित पोषण को निरोगी जीवन का आधार बताया ।
मिशन शक्ति की प्रभारी डॉ मीतकमल ने बताया कि पोषड़ का ये कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण हैं और साथ ही साथ उन्होंने धन्यवाद प्रस्ताव द्वारा कार्यक्रम की समाप्ति की। कार्यक्रम का संचालन खुशी मल्होत्रा द्वारा किया गया। बदलाव के अभिकर्ता के स्वयं सेवक के रूप में शफक नाज़ , वेदांत मिश्रा ,नमन अग्रवाल ,अनिरुद्ध द्विवेदी, आदि ने प्रशंसनीय कार्य किया । यह पूरा कार्यक्रम प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल के निर्देश नेतृत्व में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में १०० से भी अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
शिक्षा
शक्ति कानपुर प्रांत, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं क्राइस्टचर्च कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान अल्जाइमर नामक बीमारी के बारे में महिलाओं को एनएसएस यूनिट द्वारा इसके बचाव व रोकथाम की जानकारी दी गई
कानपुर 21 सितंबर, शक्ति कानपुर प्रांत एवं राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं क्राइस्टचर्च कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान द्वारा जूम प्लेटफार्म पर ऑनलाइन अवेयरनेस प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा है जिसमें अल्जाइमर नामक बीमारी के बारे में महिलाओं को एनएसएस यूनिट द्वारा इसके बचाव व रोकथाम और कैसे यह बीमारी होती है इसके बारे में जानकारी दी जा रही है इस प्रोग्राम में क्राइस्टचर्च कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुनीता वर्मा एनएसएस प्रोग्राम आफिसर, डॉ के.एन. मिश्रा, डॉ. उमेश पालीवाल, डॉ. राज लक्ष्मी त्रिपाठी, डॉ जोसेफ डेनियल डॉ सबीना बोदरा एवं शक्ति कानपुर से मीडिया प्रभारी संध्या सिंह एवं मिथिलेश अवस्थी अर्चना सपना निषाद संजू शर्मा आज सभी लोग शामिल हुए
Read More »मिशन शक्ति के अंतर्गत क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की टीम ने उच्चतम सामाजिक सोच को बढ़ावा देते हुए महिलाओं के बीच में सेनेटरी पैड का वितरण किया
कानपुर 15 सितंबर 2021 भारतिय स्वरूप संवाददाता, मिशन शक्ति के अंतर्गत क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर की टीम ने उच्चतम सामाजिक सोच को बढ़ावा देते हुए महिलाओं के बीच में सेनेटरी पैड का वितरण किया। बच्चों ने पेंसिल रबड़ शार्पनर और कुछ बुक्स वितरित की, कार्यक्रम की संचालक के रूप में डॉ सूफिया सहाब ( आईसीसी संयोजक ) एवं डॉ शिप्रा श्रीवास्तव ( वूमेन सेल संयोजक) ने नारियों के ऊपर किए जाने वाले उत्पीड़नो को न सहने को और उसके खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित किया एवं जरूरत पड़ने पर भारत सरकार द्वारा वुमन हेल्पलाइन नंबर से भी अवगत कराया । मिशन शक्ति प्रभारी डॉ मीत कमल ने महिलाओं को शिक्षित होने पर एवं उनके सशक्त होने पर जोर दिया। बदलाव के अभिकर्ता के स्वयंसेवक के रूप में अनिरुद्ध दिवेदी , अंजली सचान , तयबा अख्तर, विवेक पटेल, मैत्री पन्ना, वेदांत मिश्रा आदि इस कार्यक्रम के प्रतिभागी बनकर अत्यंत प्रशंसनीय कार्य किया । यह पूरा कार्यक्रम प्रिंसिपल डॉ जोसेफ डेनियल तथा वाइस प्रिंसिपल डॉ सबीना बोदरा के सफल मार्गदर्शन एवं निर्देश नेतृत्व में संपन्न हुआ
Read More »हिंदी सिर्फ भाषा ही नहीं वरन हमारी संस्कृति भी है
प्रियंका वर्मा माहेश्वरी
अक्सर मैंने अपने बड़ों को कहते सुना है कि अगर अच्छी हिंदी सीखना चाहते हो तो अखबार पढ़ो। अखबार वह माध्यम है जो आपकी भाषा का विस्तार करता है। देश-विदेश की खबरों के साथ साहित्य से भी जोड़कर रखता है। वरिष्ठ साहित्यकारों, लेखकों, कवियों की रचनाओं के द्वारा भाषा का स्तर बढ़ता है और हिंदी का विकास होता है। सबसे प्रमुख बात है कि हिंदी भाषा के विकास में हिंदी पत्रकारिता का बहुत योगदान रहा है। इसी के जरिए बड़े – बड़े लेखक, कवि, विद्वान और साहित्यकारों से लोगों को परिचय प्राप्त हुआ।
आज हिंदी विश्व में लोकप्रिय भाषा है। लोग हिंदी में बातचीत करना और उसे अपनाना पसंद करते हैं। लघु भारत कहे जाने वाले मॉरीशस में हिंदी की उच्च शिक्षा के लिए कई व्यवस्थाएं हैं। डिप्लोमा कोर्स, बीए ऑनर्स हिंदी. एम. ए. हिंदी की व्यवस्था है। नेपाल, श्रीलंका, जापान में भी हिंदी की शिक्षण व्यवस्था अच्छी है। अमेरिका में हिंदी भाषा प्रचलित नहीं है लेकिन वहां हिंदी की अच्छी मांग है और वहां के कई विश्वविद्यालयों में हिंदी की शिक्षण व्यवस्था है।
यह तो रही विदेशों की बात लेकिन मौजूदा वक्त में हमारे यहां हिंदी भाषा का प्रचलन कम होता जा रहा है। समय की मांग और आधुनिकीकरण ने हिंदी भाषा के स्तर को कम कर दिया है और धीरे-धीरे उसका स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। आजकल लोग जरूरत के मुताबिक हिंदी बोलते हैं या फिर खिचड़ी भाषा का इस्तेमाल करते हैं ताकि आमजन को भाषा समझ में आ सके, लेकिन पहले भी लोग हिंदी बोलते, पढ़ते और समझते थे। इस तरह खिचड़ी भाषा का चलन नहीं था। आज हमारा प्रयास होना चाहिए कि फिर से भाषा की उसी सभ्यता और संस्कृति को वापस लाया जाए। हिंदी भाषा ने कई विद्वानों और साहित्यकारों को जन्म दिया है, जिन्हें हम आज भी पूजते हैं। आज जरूरत है कि आज की पीढ़ी उन्हें जाने, पढ़े और समझे ताकि वह अपने साहित्य से परिचित हो।
आज सबसे बड़ी समस्या बच्चों की है जो अपने कैरियर और स्टेटस को बनाए रखने के लिए अंग्रेजियत अपनाए हुए हैं और वैसे ही समाज का निर्माण भी कर रहे हैं और उससे भी बड़ी त्रासदी यह है कि आज के शिक्षक भी अशिक्षित होते है। उन्हें ठीक ढंग से हिंदी बोलना और पढ़ना भी नहीं आता है तो वह बच्चे को क्या सिखाएंगे? किस तरह भविष्य का निर्माण करेंगे और हिंदी भाषा को किस तरह से आगे ले जाएंगे?
आज का युग तकनीकी युग है और भाषा को भी दो भागों में बांटा जा सकता है। एक भाषा वह जो जगह जगह पर देशज शब्दों और लहजों में बोली जाती है और दूसरी साहित्य की भाषा जो उच्च स्तर पर लिखी व पढ़ी जाती है। आजकल के साहित्य में क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग बढ़ गया है और वह स्वागतीय भी बन गया है ताकि भाषा की मौलिकता और देशज शब्दावली बनी रहे। आज की तकनीक ने लोगों को भाषाई तौर पर बहुत जोड़ा है। तकनीकी शब्दावली का विकास हो रहा है मगर फिर भी आज जरूरत है हिंदी को तकनीकी तौर पर और ज्यादा विकसित किया जाए।
हिंदी एक दिवस का नाम नहीं है बल्कि यह हमारी सभ्यता और संस्कृति है और हमें अपनी मातृभाषा को सम्मान देना होगा और सबसे बड़ी बात कि हमारे हिंदी साहित्य को बढ़ावा देने के लिए विद्वानों को प्रथम पंक्ति में खड़ा होना होगा।
एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न
कानपुर 11 सितम्बर, शुक्रवार को होटल के. डी. पैलेस में एसोसिएशन ऑफ एलाइंस क्लब कानपुर भूमिजा एवं कानपुर सृजन का अधिष्ठापन समारोह संपन्न हुआ,
समारोह में शिक्षा ओर कला क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले करीब 30 शिक्षको को महापौर प्रमिला पांडेय द्वारा सम्मानित किया गया,
इस मौके पर राजीव शुक्ल, राजेंद्र गर्ग, नलिन श्रीवास्तव, डा शिप्रा श्रीवास्तव, डा प्रियंका सिंह, अंजू शुक्ल, डा राजकिशोर सिंह, आदि उपस्थित रहे।
Read More »मिशन शक्ति के तृतीय चरण में एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में “पोषण एवम जागरूकता” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित
कानपुर 11 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, मिशन शक्ति के तृतीय चरण महिलाओं एवम बालिकाओं के सुरक्षा, सम्मान एवम स्वावलंबन के लिए एस. एन. सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज की इकाई के अंतर्गत प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल एवम मिशन शक्ति तथा एन एस एस प्रभारी डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने ” पोषण एवम जागरूकता” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें छात्राओं ने पूर्ण उत्साह के साथ बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया तथा विषय से संबंधित पोस्टर बनाएं। पोस्टर प्रतियोगिता का निरीक्षण निर्णायक मंडल की सदस्या डॉ. अलका टंडन विभागाध्यक्ष अंग्रेजी तथा डॉ. गार्गी यादव विभागाध्यक्ष रसायन विभाग ने किया। विजयी छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। प्रतियोगिता का परिणाम निम्नवत है
प्रथम स्थान – आयुषी शुक्ला (पोषाहार) बी. ए. II
द्वितीय स्थान – यास्मीन बानो ( कुपोषण) बी ए
II
तृतीय स्थान – श्रेया श्रीवास्तव (पोषण एवम कुपोषण) बी ए III
सांत्वना पुरस्कार – सोनम शर्मा ( स्वस्थ रहो) बी ए π
महाविद्यालय की हेल्थ इकाई की प्रभारी डॉ. प्रीति सिंह ने बालिका स्वास्थ्य एवम स्वच्छता ( Women Health and Hygiene) विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन करवाया जिसमें गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज के गाइनी विभाग की प्रोफेसर डॉ.सीमा द्विवेदी ने छात्राओं का मार्गदर्शन किया तथा उन्हें फर्स्ट एड मेडिकल किट तैयार करने के विषय में बताया। छात्राओं को फर्स्ट एड मेडिकल किट वितरित भी किए गए। हेल्थ क्लब की सह प्रभारी डॉ. मोनिका शुक्ला ने छात्राओं को पोषण, खाद्य पदार्थों को प्रभावी ढंग से स्वास्थ्य की लाभप्रद अवस्था में प्रयोग करने के गुर बताए।
Read More »अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क के बारे में जानें सब कुछ – एक वित्तीय डेटा-साझा प्रणाली
पिछले सप्ताह, भारत ने वित्तीय डेटा-साझा प्रणाली – अकाउंट एग्रीगेटर (एए) नेटवर्क का अनावरण किया, जो निवेश और ऋण के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है। इससे लाखों उपभोक्ताओं को अपने वित्तीय रिकॉर्ड के उपयोग पर आसान पहुंच और नियंत्रण मिल सकता है और ऋण प्रदाता तथा फिनटेक कंपनियों के लिए ग्राहकों की संभावित संख्या में अत्यधिक विस्तार हो सकता है। अकाउंट एग्रीगेटर व्यक्ति को अपने व्यक्तिगत वित्तीय डेटा पर नियंत्रण के साथ सशक्त बनाता है, जो डेटा सामान्यतया अलग-थलग और आसान पहुँच से बाहर रहते हैं।
यह भारत में ओपन बैंकिंग की व्यवस्था शुरू करने की दिशा में पहला कदम है, जो लाखों ग्राहकों को सुरक्षित और कुशल तरीके से अपने वित्तीय डेटा तक डिजिटल रूप में पहुँचने और इसे अन्य संस्थानों के साथ साझा करने के लिए सशक्त बनाता है।
बैंकिंग में अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली, भारत के आठ सबसे बड़े बैंकों के साथ शुरू की गई है। अकाउंट एग्रीगेटर प्रणाली ऋण और धन प्रबंधन को बहुत तेज और किफायती बना सकता है।
1) अकाउंट एग्रीगेटर क्या है?
अकाउंट एग्रीगेटर (एए) आरबीआई द्वारा विनियमित एक ऐसी इकाई है, (एनबीएफसी-एए लाइसेंस के साथ) जो किसी व्यक्ति को सुरक्षित और डिजिटल रूप में एक वित्तीय संस्थान से प्राप्त अपने खाते की जानकारी को एए में शामिल किसी अन्य विनियमित वित्तीय संस्थान के साथ साझा करने में मदद करती है। व्यक्ति की सहमति के बिना डेटा को साझा नहीं किया जा सकता है।
ऐसी सुविधा देने वाले कई अकाउंट एग्रीगेटर होंगे और उपभोक्ता जिसे चाहे उसे चुन सकता है।
अकाउंट एग्रीगेटर; आपके डेटा के प्रत्येक उपयोग के लिए ‘रिक्त चेक’ स्वीकृति के लंबे नियम और शर्तों के बदले एक संक्षिप्त, चरण-दर-चरण अनुमति और नियंत्रण का प्रस्ताव देता है।
2) नया अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क, व्यक्ति के वित्तीय कामकाज को कैसे आसान बनाएगा?
भारत की वित्तीय प्रणाली में उपभोक्ताओं को कई परेशानियां का सामना करना पड़ता है, जैसे बैंक खता विवरण की भौतिक रूप से हस्ताक्षरित और स्कैन की गई प्रतियों को साझा करना, दस्तावेजों को नोटरी से हस्ताक्षर करवाने या मुहर लगाने के लिए इधर-उधर परेशान होना या किसी तीसरे पक्ष को अपना वित्तीय विवरण देने के क्रम में व्यक्तिगत उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड साझा करना। अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क इन सभी समस्याओं के बदले एक सरल, मोबाइल-आधारित और सुरक्षित तरीके से डिजिटल डेटा तक पहुँचने व साझा करने की प्रक्रिया की पेशकश करता है। यह नई प्रकार की सेवाओं के लिए अवसर सृजित करेगा — जैसे नए प्रकार के ऋण।
एक बैंक को केवल अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क से जुड़ने की आवश्यकता है। आठ बैंक पहले से ही सहमति के आधार पर डेटा साझा कर रहे हैं, चार बैंक यह सुविधा शुरू कर चुके हैं, (एक्सिस, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और इंडसइंड बैंक) और चार जल्द ही शुरू करने वाले हैं (भारतीय स्टेट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और फेडरल बैंक)।
3) अकाउंट एग्रीगेटर, आधार ईकेवाईसी डेटा साझा, क्रेडिट ब्यूरो डेटा साझा और सीकेवाईसी जैसे प्लेटफॉर्म से कैसे अलग है?
आधार ईकेवाईसी और सीकेवाईसी; केवल केवाईसी उद्देश्यों (जैसे नाम, पता, लिंग, आदि) के लिए ‘पहचान’ आधारित केवल चार प्रकार के डेटा साझा करने की अनुमति देते हैं। इसी तरह, क्रेडिट ब्यूरो डेटा केवल ऋण इतिहास और/या क्रेडिट स्कोर दिखाता है। अकाउंट एग्रीगेटर नेटवर्क बचत/जमा/चालू खातों से लेनदेन डेटा या बैंक खाता विवरण साझा करने की अनुमति देता है।
4) किस प्रकार का डेटा साझा किया जा सकता है?
आज, बैंकिंग लेनदेन डेटा, उन बैंकों के साथ साझा किये जाने के लिए उपलब्ध है, (उदाहरण के लिए, एक चालू या बचत खाते से बैंक विवरण) जो अभी नेटवर्क पर लाइव हैं।
धीरे-धीरे एए व्यवस्था साझा करने के लिए सभी वित्तीय डेटा उपलब्ध कराएगी, जिसमें कर डेटा, पेंशन डेटा, प्रतिभूति डेटा (म्यूचुअल फंड और ब्रोकरेज) शामिल होंगे, जबकि बीमा डेटा उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध होगा। वित्तीय क्षेत्र के अलावा भी इस सुविधा का विस्तार होगा, ताकि एए के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा और दूरसंचार डेटा भी लोगों के लिए सुलभ हो सके।
5) क्या एए व्यक्तिगत डेटा को देख या ‘एकत्रित‘ कर सकते हैं? क्या डेटा साझा करना सुरक्षित है?
अकाउंट एग्रीगेटर डेटा देख नहीं सकते हैं; केवल व्यक्ति के निर्देश और सहमति के आधार पर वे इसे एक वित्तीय संस्थान से दूसरे वित्तीय संस्थान में भेज सकते हैं। नाम के विपरीत, वे आपके डेटा को ‘एकत्रित’ नहीं कर सकते। एए प्रौद्योगिकी कंपनियों की तरह नहीं हैं, जो आपके डेटा को एकत्रित करती हैं और आपका विस्तृत व्यक्तिगत विवरण (प्रोफाइल) तैयार करती हैं।
एए डेटा को कूटभाषा (एन्क्रिप्ट) में साझा करता है और केवल प्राप्तकर्ता द्वारा इसे समझा (डिक्रिप्ट) जा सकता है। एक छोर से दूसरे छोर तक कूटभाषा और ‘डिजिटल हस्ताक्षर’ जैसी तकनीक का उपयोग, कागजी दस्तावेजों को साझा करने की तुलना में, इस साझा प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाता है।
6) क्या कोई उपभोक्ता यह तय कर सकता है कि वे डेटा साझा करना नहीं चाहते हैं?
हां। एए के साथ पंजीकरण करना उपभोक्ताओं के लिए पूरी तरह से स्वैच्छिक है। यदि उपभोक्ता जिस बैंक का उपयोग कर रहा है और वह नेटवर्क में शामिल हो गया है, तो कोई व्यक्ति एए पर पंजीकरण करने का विकल्प चुन सकता है। व्यक्ति यह भी तय कर सकता है कि वे किन खातों को इससे जोड़ना चाहते हैं और वह अपने किसी एक खाते से डेटा को किसी विशेष उद्देश्य के लिए किसी एक अकाउंट एग्रीगेटर के माध्यम से ‘सहमति’ देने के चरण में किसी नए ऋण प्रदाता या वित्तीय संस्थान से साझा कर सकता है। एक ग्राहक किसी भी समय साझा करने संबंधी सहमति को वापस ले सकता है। यदि किसी उपभोक्ता ने एक अवधि (जैसे ऋण अवधि के दौरान) में आवर्ती तरीके से या बार-बार डेटा साझा करना स्वीकार किया है, तो इस सहमति को भी बाद में किसी भी समय उपभोक्ता द्वारा रद्द किया जा सकता है।
7) यदि किसी उपभोक्ता ने अपना डेटा किसी संस्थान के साथ एक बार साझा किया है, तो संस्थान कितनी अवधि तक इसका उपयोग कर सकता है?
डेटा साझा करने के लिए सहमति के समय प्राप्तकर्ता संस्थान द्वारा उपयोग की समयावधि उपभोक्ता को बतायी जाएगी।
8) ग्राहक एए के साथ कैसे पंजीकृत हो सकता है?
आप एए के साथ उनके ऐप या वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण कर सकते हैं। एए एक हैंडल (जैसे उपयोगकर्ता नाम) प्रदान करेगा, जिसका उपयोग सहमति प्रक्रिया के दौरान किया जा सकता है।
आज, चार ऐप डाउनलोड के लिए उपलब्ध हैं, (फिनव्यू, वनमनी, सीएएमएस फिनसर्व, और एनएडीएल) जिनके पास एए होने के लिए परिचालन लाइसेंस हैं। तीन और को (फोनपे, योडली और परफियोस) आरबीआई से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है और वे जल्द ही ऐप लॉन्च कर सकते हैं।
9) क्या ग्राहक को प्रत्येक एए के साथ पंजीकरण करने की आवश्यकता है?
नहीं, ग्राहक नेटवर्क पर किसी भी बैंक से डेटा तक पहुँचने के लिए किसी एक एए के साथ पंजीकरण कर सकता है।
10) क्या इस सुविधा का उपयोग करने के लिए ग्राहक को एए को भुगतान करने की आवश्यकता है?
यह एए पर निर्भर करेगा। कुछ एए निःशुल्क हो सकते हैं, क्योंकि वे वित्तीय संस्थानों से सेवा शुल्क लेते हैं। कुछ अन्य एए उपयोगकर्ता शुल्क के रूप में एक छोटी राशि ले सकते हैं।
11) यदि ग्राहक का बैंक डेटा साझा के एए नेटवर्क में शामिल हो गया है, तो ग्राहक किन नई सेवाओं का लाभ उठा सकता है?
किसी व्यक्ति के लिए दो प्रमुख सेवाओं में सुधार किया जाएगा- ऋण प्राप्ति और धन प्रबंधन की सुविधा। यदि कोई ग्राहक आज एक छोटे व्यवसाय के लिए या व्यक्तिगत ऋण प्राप्त करना चाहता है, तो ऐसे कई दस्तावेज हैं, जिन्हें ऋणदाता के साथ साझा करने की आवश्यकता होती है। यह आज एक बोझिल और कई चरणों में पूरी की जाने वाली प्रक्रिया है, जो ऋण प्राप्त करने और ऋण तक पहुंचने में लगने वाले समय को प्रभावित करती है। इसी तरह, आज धन प्रबंधन कठिन है, क्योंकि डेटा का संग्रह कई अलग-अलग स्थानों में किया जाता है और विश्लेषण के लिए आसानी से एक साथ नहीं लाया जा सकता है।
अकाउंट एग्रीगेटर के माध्यम से, एक कंपनी बिना किसी त्रुटि के तथा सुरक्षित तरीके से डेटा तक जल्दी और कम खर्च में पहुँच सकती है और ऋण मूल्यांकन प्रक्रिया को तेजी से पूरा कर सकती है, ताकि ग्राहक को ऋण मिल सके। साथ ही, एक ग्राहक जीएसटी या जीईएम जैसी सरकारी प्रणाली से सीधे नकदी प्रवाह पर या भविष्य के चालान संबंधी विश्वसनीय जानकारी साझा करके, बिना कोई सम्पत्ति दस्तावेज को गिरवी रखे, ऋण का उपयोग करने में सक्षम हो सकता है।
Read More »जब 1996 बैच के आईएएस ऑफिसर ने कक्षा 4 के अनुराग को दिया अपना पाईलेट पेन
कानपुर 6 सितंबर, जब 1996 बैच के आईएएस ऑफिसर ने कक्षा 4 के अनुराग को दिया अपना पाईलेट पेन। कल्याणपुर ब्लॉक के कुरसौली गांव में डेंगू के मरीज निकले थे ।गांव की व्यवस्थाओं का जायजा लेने प्रमुख सचिव ,सिंचाई एवं जल संसाधन /नोडल अधिकारी, कानपुर नगर श्री अनिल गर्ग पहुचे थे कुरसौली गांव । गाँव के निरीक्षण के बाद प्राथमिक पाठशाला पहुचे जहाँ पर अध्यापिका बच्चों को पोयम पढा रही थी अचानक कक्षा में नोडल अधिकारी पहुचे और शांति से पीछे खड़े हो गए । उन्होंने पढ़ाई जा रही पोयम के विषय में and come and play का हिंदी मतलब अनुराग से पूछा तो कक्षा 4 की आकांक्षा और अनुराग ने बताया कि and come and play का मतलब आओ खेले तब नोडल अधिकारी अनिल गर्ग ने अनुराग को अपना पाइलेट पेन उपहार स्वरूप दिया। तथा आकांक्षा को जिलाधिकारी से उनका पाइलेट पेन दिलवाया । क्लास में सभी बच्चों से उन्होंने कुछ न कुछ पूछा और सभी बच्चों को पेन दिए दिलवाए । एडीएम आपूर्ति व बीएसए ने भी बच्चों को अपने पेन दिए ।नोडल अधिकारी ने बच्चों से पूछा कि आप को खाना क्या मिलता है ? इस पर बच्चों ने बताया कि खिचड़ी, डाल रोटी सब्जी आदि मिलता है। इस पर जिलाधिकारी ने पूछा कि खाना स्वादिष्ट रहता है कि नही तो बच्चे ने बताया कि खाना स्वादिष्ट मिलता है ।
Read More »कानपुर मास्टर एथलेटिक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों तथा जूनियर नेशनल के पदक विजेता बच्चों का सम्मान
कानपुर 6 सितंबर, कानपुर मास्टर एथलेटिक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में विवेक गेस्ट हाउस आवास –विकास 3 में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों तथा जूनियर नेशनल के पदक विजेता बच्चों का एक भव्य सम्मान समारोह में सम्मान किया गया कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए डॉक्टर सुरेंद्र रैयत ने कहा कि खिलाड़ियों का इतना बड़ा सम्मान समारोह में पहली बार देखा । इस तरह के आयोजनों से खेलों को बढ़ावा मिलता है।
सम्मान समारोह में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हरीश कनोहत्रा , संजय सिंह , सर्वजीत कौर , सुक्खू पहलवान , नीरज शर्मा , राम नारायण , डॉक्टर अजयपाल , रामकृपाल के साथ राष्ट्रीय खिलाड़ी श्री राम भरोसे , मोती लाल , कौशलेंद्र सिंह , ओम प्रकाश, दिनेश दिवेदी , सूर्यदेव , सुभाष तिवारी , जगन्नाथ , नूतन शुक्ला, सुनीता यादव , रंजीत सिंह , जितेंद्र सिंह , पंचरतन सिंह , सतीश मिश्रा तथा जूनियर नेशनल मेडलिस्ट शिवानी , नेहा कश्यप , आर्यन शर्मा (जूडो) भूमि सम्राट , अंबिका भट्टाचार्य (तीरंदाजी), सत्यम विस्ट , (फुटबाल) अजय कुमार (एथलेटिक) का मोमेंटो भेंटकर सम्मान किया गया , कार्यक्रम को आयोजित करने में मुख्य रूप से श्री बृजेश दुबे , अजय मिश्रा , आदित्य पोद्दार , विनय अवस्थी , राजेश सिंह , मनीषा शुक्ला , माला सिंह , अमर सिंह , शेर बहादुर , रमेश श्रीवास्तव , संतोष जैसवाल , शिवकुमार पांडे , सुनील आदि के साथ अन्य खिलाड़ी भी मौजूद रहे ।
सिखाते आप हमे हर समस्या का समाधान
विद्यार्थी का जीवन सफलता से होता है रसपूर्ण,
इसके पथ पर कोई प्रयास नहीं रह जाता है अपूर्ण,
अगर शिक्षक इसके जीवन का नहीं बनते महत्त्वपूर्ण व्यक्ति,
तो क्या विद्यार्थी सदगुणों को समावेश कर बन पाता सदाचारी व्यक्ति,
ज्ञान का स्त्रोत बन कर हमें सिखाते उसका जीवन में उपयोग,
ताकि हम भारतीय नागरिक बन, कर सके देश में विकास का सहयोग ,
बहुत अपेक्षा, निरंतर प्रयत्न, तर्कसंगति से उत्पन्न मति जैसे विशेषताओं का संकलन हो हम छात्रों की अंतरात्मा में,
जीवन की सीढ़ियों में वृद्धि की क्षमता तबदील होती आपके मार्गदर्शन से,
सिखाते आप हमें हर समस्या का समाधान जो आती हर दिवस,
आपको बहुत शुभकामनाएं इस महोत्सव जिसका नाम हैं छात्रों का प्रिय शिक्षक दिवस
शौर्य मोहन
कक्षा – 11
डॉ वीरेंद्र स्वरूप एजुकेशन सेंटर