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शिक्षा

एसएन सेन महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के परामर्श केंद्र द्वारा आत्महत्या रोकथाम सप्ताह ” के अंतर्गत भाषण प्रतियोगिता एवं व्याख्यान का आयोजन

कानपुर 17 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एसएन सेन महाविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग के परामर्श केंद्र द्वारा दिनांक 16.09.22 को एक भाषण प्रतियोगिता एवं व्याख्यान का आयोजन “आत्महत्या रोकथाम सप्ताह ” के अंतर्गत किया गया, कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती पूजन से हुआ दीप प्रज्वलन के पश्चात महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सुमन ने अपने आशीर्वचन से कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान समय में आत्महत्या एक गंभीर समस्या है इस तरह के कार्यक्रमों द्वारा हम छात्राओं को जागरूक करते हैं इसके दुष्परिणामों से ताकि वह आत्महत्या करने का कदम कभी ना उठाएं l इसके बाद मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मोनिका सहाय ने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि आत्महत्या एक अभिशाप है और हम छोटे-छोटे प्रयासों के द्वारा इस समस्या का समाधान प्राप्त कर सकते हैं,

इसके उपरांत डॉक्टर आभा सक्सेना जो मनोवैज्ञानिक है pious vision मैं ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हमारे आस पास कोई व्यक्ति असामान्य व्यवहार करता दिखे या स्वयं के लिए ऐसा महसूस करें तो वह किसी परामर्शदाता से ,दोस्तों से, या परिवार के सदस्यों को इस बात को जरूर बताएं जिससे कि उनकी इस समस्या का समाधान हो सके और आत्महत्या के लिए वे प्रेरित ना हो जाए, इसके बाद प्रतियोगिता के विजेताओं का नाम घोषित किया गया जो निम्न प्रकार से हैं:-
प्रथम स्थान सुरभि श्रीवास्तव

द्वितीय स्थान अदिति साहू

तृतीय स्थान अंशिका पाल

सांत्वना पुरस्कार 1 भूमिका सिंह

सांत्वना पुरस्कार 2 शिवानी यादव

कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभाग की प्रवक्ता असिस्टेंट प्रोफेसर प्रीति यादव ने किया कार्यक्रम का सफल संचालन मनोविज्ञान विभाग की प्रवक्ता डॉ अंजना गुप्ता द्वारा किया गया, मनोविज्ञान विभाग की अन्य प्रवक्ताओं सुश्री सौम्या श्रीवास्तव एवं सुश्री मयूरिका गुप्ता का भी कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग रहा, कार्यक्रम में सभी शिक्षिकाएं एवं छात्राएं उपस्थित रहे।

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एस एन सेन बा• वि• पी• जी• कॉलेज के विज्ञान संकाय में अंतरमहाविद्यालयीय मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन

कानपुर 16 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा• वि• पी• जी• कॉलेज के विज्ञान संकाय में अंतरमहाविद्यालयीय मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें 10 महाविद्यालयों ने प्रतिभाग किया।
वर्तमान समय में ओजोन परत जो हमारी पृथ्वी का सुरक्षा आवरण है, क्षतिग्रस्त होने के कारण पृथ्वी पर हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों का प्रवेश मानव जाति तथा पृथ्वी को हानि पहुंचा रहा है जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं और जलवायु परिवर्तन, असामान्य वर्षा, बढ़ता तापमान, बर्फ का पिघलना तथा समुद्र तल में उन्नयन हो रहा है।
इसीलिए ओज़ोन दिवस के अवसर पर छात्रों तथा समाज में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ• सुमन ने फीता काटकर किया।प्राचार्या डॉ• सुमन, दलहन अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ• अकरम, चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय के पादप रोग विज्ञान के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ• एस• के• बिस्वास, रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ• गार्गी यादव तथा वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ• प्रीति सिंह ने दीप प्रज्वलित कर के किया। डॉ• अकरम तथा डॉ• बिस्वास ने छात्र- छात्राओं के मॉडलों का निरीक्षण एवं मूल्यांकन किया। मॉडलों के प्रदर्शन तथा छात्र-छात्राओं ने सरल शब्दों में अनेक समस्याओं तथा समाधानों को बताया। सभी ने छात्रों के प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की। प्रतियोगिता के परिणाम में –
प्रथम पुरस्कार -एस एन सेन महाविद्यालय की अमल सिद्दीक़ी, गरिमा कुशवाह तथा मुस्कान बी एस सी।तृतीय वर्ष

द्वितीय पुरस्कार -डी ए वी महाविद्यालय की सलोनी गंगवर,वर्तिका वर्मा तथा आकांशा शर्मा बी एस सी तृतीय वर्ष

तृतीय पुरस्कार -डी ऐ वी महाविद्यालय की कुमारी रागिनी तथा अक्षय कुमार बी एस सी द्वितीय वर्ष

सांत्वना पुरस्कार – डी बी एस महाविद्यालय रवि अहिरवार तथा आशी बी एस सी द्वितीय
ब्रह्मावर्त महाविद्यालय वर्तिका बाजपेई तथा स्नेहा शर्मा
पी पी एन महाविद्यालय की अस्ना खान बी एस सी प्रथम वर्ष

कार्यक्रम का संचालन डॉ• प्रीति सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्या डॉ• सुमन ने किया। डॉ• शैल वाजपाई, डॉ• शिवांगी यादव, डॉ• अमिता सिंह, डॉ• समीक्षा सिंह, कु• ज़ेबा आफरोज़ तथा कु• स्नेह त्रिवेदी ने कार्यक्रम में सक्रिय योगदान दिया।

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विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर रसायन विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज द्वारा लघु कार्यक्रम का आयोजन

कानपुर 16 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर रसायन विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर द्वारा एक लघु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर ज्योत्सना लाल की प्रार्थना से हुई। स्वागत भाषण डॉ. सुधीर गुप्ता, एसोसिएट प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, रसायन विज्ञान विभाग ने दिया। उन्होंने संगोष्ठी के लिए कॉलेज के संकाय सदस्यों और छात्रों का स्वागत किया। इस अवसर का विषयगत परिचय प्रो. मीत कमल, प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में एक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी दिखाई गई।

इस अवसर की अध्यक्ष श्रीमती अन्नू गोयल, संस्थापक, संरक्षण एवं सामाजिक संगठन, थीं। उन्होंने यह कहकर दर्शकों को अवगत कराया कि यह वर्ष वियना कन्वेंशन के 35 वर्ष और वैश्विक ओजोन परत संरक्षण के 35 वर्ष हैं। उन्होंने कहा कि सूर्य के प्रकाश के बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होगा। लेकिन सूर्य से निकलने वाली ऊर्जा पृथ्वी पर जीवन के फलने-फूलने के लिए बहुत अधिक होगी यदि यह ओजोन परत नहीं होती। यह समतापमंडलीय परत पृथ्वी को सूर्य की अधिकांश हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से बचाती है। सूरज की रोशनी जीवन को संभव बनाती है, लेकिन जैसा कि हम जानते हैं, ओजोन परत उस जीवन का संरक्षण करती है।
सचिव, कॉलेज गवर्निंग बॉडी और प्रिंसिपल, प्रो जोसेफ डैनियल ने ओजोन परत संरक्षण की सामयिक प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हर साल यह दिवस ओजोन परत के क्षरण के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने और इसे संरक्षित करने के संभावित समाधान खोजने के लिए मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर से लोग ओजोन परत पर बातचीत और सेमिनार करते हैं। शिक्षक छात्रों को ओजोन परत के लाभों के बारे में पढ़ाते हैं और जागरूकता फैलाने के लिए विशेष कार्यक्रम और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इसलिए, छात्रों को प्रासंगिक मुद्दे की दिशा में काम करना चाहिए।
विभाग के कुछ छात्रों ने स्वयं रचित कविताओं और गीतों का पाठ किया। धन्यवाद प्रस्ताव प्रो. अनिंदिता भट्टाचार्य, प्रोफेसर, रसायन विज्ञान विभाग ने दिया। पूरे कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशिम कुमार नथानिएल, एसोसिएट प्रोफेसर रसायन विज्ञान विभाग, द्वारा किया गया था। इस अवसर पर आयोजन समिति के सदस्यों सहित समस्त प्राध्यापक एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज में अंग्रेजी विभाग द्वारा स्वच्छता पखवाड़ा (01-15 सितंबर 2022) के अंतर्गत “Beat Plastic Pollution” विषय पर वेबीनार का आयोजन

कानपुर 15 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पी जी कॉलेज, कानपुर में अंग्रेजी विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्देशित स्वच्छता पखवाड़ा (०1-15 सितंबर 2022) के तत्वावधान में “Beat Plastic Pollution” विषय पर एक वेबीनार का आयोजन किया गया| कार्यक्रम का शुभारंभ अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका श्रीमती कोमल सरोज ने किया| अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर (डॉ) अलका टंडन ने विषय का परिचय दिया| महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ सुमन कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एवं वक्ता रही| प्राचार्या महोदया ने अपने वक्तव्य में वर्तमान जीवन में प्लास्टिक के अतिशय प्रयोग पर प्रकाश डालते हुए एकल प्रयोग प्लास्टिक का बहिष्कार करने की बात कही| उन्होंने जीव, जंतुओं, नदियों एवं समुद्रों पर प्लास्टिक के भयानक दुष्प्रभाव को उजागर किया तथा कपड़े के बैग के प्रयोग पर जोर दिया| महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने आम जीवन में प्लास्टिक का प्रयोग न करने पर बल दिया| रसायन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ गार्गी यादव ने प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने की बात कही| शारीरिक शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति पांडे ने प्लास्टिक के दुष्प्रभाव पर एक सुंदर कविता प्रस्तुत की| वनस्पति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह ने गाय एवं मनुष्य के स्वास्थ्य पर प्लास्टिक के परस्पर दुष्प्रभाव पर पीपीटी प्रस्तुत किया| समाजशास्त्र की डॉ मीनाक्षी व्यास ने प्रत्येक व्यक्ति को भावी पीढ़ी के भविष्य हेतु स्वयं प्लास्टिक का प्रयोग न करने का प्रण लेने की बात कही| शिक्षा विभाग की श्रीमती रिचा सिंह ने गाय एवं समुद्री जीव के कल्याण हेतु सरकार के प्रयास के बारे में हमें जागरूक किया| इस वेबिनार में महाविद्यालय की समस्त शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया| श्रेया दीक्षित और ओमाक्षी पंडित ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये।अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉ पूजा गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया|

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज, के हिंदी विभाग द्वारा हिंदी दिवस आयोजित

कानपुर 13 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता क्राइस्ट चर्च कॉलेज, के हिंदी विभाग द्वारा आज हिंदी दिवस का आयोजन किया गया. इस अवसर की विशिष्टता यह थी कि हिंदी विभाग के पुस्तकालय का नवीनीकरण एवं नूतन नामकरण किया गया. उसे “बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुस्तकालय” का नाम दिया गया. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के पूर्व छात्र थे. उन्होंने स्नातक करने हेतु प्रवेश कला संकाय में लिया था, किन्तु स्वाधीनता संग्राम में असहयोग आन्दोलन में सक्रीय भागीदारी के कारण स्नातक पूर्ण न कर सके और 1921 में उन्हें पढ़ाई छोडनी पड़ी. वे आधुनिक काल में द्विवेदी युग के ऊर्जावान कवि, सतर्क गद्यकार और सचेत पत्रकार थे. आज जब भारत स्वतंत्रता के अमृत काल में है, तो हिंदी विभाग द्वारा उनके नाम से पुस्तकालय का नामकरण एवं नवीनीकरण करना बहुत उपयुक्त है. नवीन जी को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था और 1989 में उन पर डाक टिकट भी भारत सरकार द्वारा जारी किया गया. क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जोज़ेफ़ डेनियल ने इस पुस्तकालय एवं शोध कक्ष के नाम – “बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ पुस्तकालय” की उद्घोषणा की.
इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत विभागाध्यक्ष प्रो. अरविन्द सिंह ने किया. महाविद्यालय के छात्रों ने हिंदी भाषा और हिंदी दिवस पर अपने विचार प्रस्तुत किए और बहुत सुन्दर स्वरचित कविताएँ भी साझा कीं. इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष, दर्शनशास्त्र विभाग) ने भारत की बहुभाषिकता को उसकी ताकत बताया और मातृभाषा में शिक्षा का महत्व उजागर किया. उन्होंने नई शिक्षा नीति द्वारा भाषाओं के विकास और हिंदी के उन्नयन पर भी प्रकाश डाला.
हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी विभाग द्वारा एक निबंध-लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित की गई थी, जिसका विषय था – “बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ और भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन”. इस प्रतियोगिता के विजयी छात्रों को आज इस कार्यक्रम में प्राचार्य महोदय द्वारा पुरस्कृत भी किया गया. परिणाम इस प्रकार है – प्रथम – अंजलि सचान ; द्वितीय – ईशा विश्वकर्मा ; तृतीय – हर्षिता आर्या.
तत्पश्चात कार्यक्रम के अध्यक्ष, महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ. जोज़ेफ़ डेनियल का अध्यक्षीय भाषण संपन्न हुआ. प्राचार्य ने हिंदी भाषा के महत्व और उसके प्रचार पर जोर देते हुए छात्रों को हिंदी सीखने व पढने के प्रति जागरूक किया. भाषा के रूप में हिंदी का महत्व केवल देश ही नहीं अपितु विश्व-भर में बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है और साथ ही इसके पढने व बोलने वालों की संख्या में भी अप्रतिम वृद्धि हुई है.
कार्यक्रम के अंत में हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफ़ेसर श्री अवधेश मिश्र द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया. समस्त कार्यक्रम का कुशल संचालन हिंदी विभाग की प्रो. सुजाता चतुर्वेदी द्वारा किया गया. इस समारोह में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ सभी विभागों के शिक्षक-गण के बहुत उत्साह से भागीदारी की.

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किरण बजाज को मिला शिक्षा रत्न सम्मान

भारतीय स्वरुप संवाददाता, विगत दिवस सर्व जागरूक संगठन की जिला अध्यक्ष व किरण क्लासेस की फाउंडर किरण बजाज को पैरामाउंट इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली में शिक्षा रत्न सम्मान से नवाजा गया। परिवार के फाउंडर राजू गावरी को गेस्ट ऑफ ऑनर मिला, जिस तरह आज चारों तरफ शिक्षा के क्षेत्र में आशातीत प्रयास हो रहे हैं उसी तरह से जीनियस ब्रेन एवं एचआरडी मिशन में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए जीत तोड़ प्रयास कर रहे हैं, जिस प्रकार एक राष्ट्र के लिए पैसे व इकनोमिक की महत्वता होती है वह तभी प्राप्त हो सकती है जब वह शैक्षिक रूप से मजबूत हो हमारे देश के अध्यापक राष्ट्र के निर्माण के लिए अहम भूमिका निभा रहे हैं आज पैरामाउंट इंटरनेशनल स्कूल दिल्ली के प्रांगण में जीनियस ब्रेन विद एचआरडी मिशन ने शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रयास कर रहे एनजीओ, स्कूल, प्रिंसिपल, एजुकेटर को शिक्षा रत्न प्रदान करते हुए आज देश के राष्ट्र निर्माता यानी शिक्षक को सम्मानित किया गया| सर्व जागरूक संगठन व किरण क्लासेस की फाउंडर किरण बजाज जो कि बहुत से पिछड़े वर्ग के बच्चों व फिजिकल चैलेंज बच्चों को उठाने का निरंतर प्रयास कर रही हैं| उन्हें उनके सराहनीय प्रयास के लिए सम्मानित किया गया| वहीं हम सब साथ सम्मिलित परिवार जो कि एक ऐसा परिवार है जो तारक मेहता का उल्टा चश्मा से इंस्पायर्ड हुआ है| परिवार की ताकत को समझता हुआ वसुदेव कुटुंबकम को साबित करता है |जहां एक तरफ परिवार एकल हो रहे हैं और अपना मूल्य खो रहे हैं वही हम सब साथ सम्मिलित परिवार जो कि बढ़ चढ़कर परिवारिक रुप को महत्व देता हुआ सबका साथ व सबके विकास को सिद्ध करता हुआ आगे बढ़ रहा है| इनके फाऊंडर राजू गावरी जी जो कि सर्व जागरूक संगठन में भी सराहनीय कदम उठा रहे हैं| बाकी पूरे देश में से 100 स्कूल के शिक्षक वहां पर उपस्थित रहे| गुजरात से दिल्ली से सिरसा से हरियाणा से पंजाब से चंडीगढ़ से बहुत सारे जिलों से शिक्षक पहुंचे| वहां हम सब साथ सम्मिलित परिवार व सर्व जागरूक संगठन की टीम और किरण बजाज जिला अध्यक्ष व राजू गावरी फाउंडर चेयरपर्सन ऑफ हम सब साथ सम्मिलित परिवार, संदीप दीक्षित जी, प्राची अरोड़ा , मीना रानी जी, नीरज मलिक , कुसुमलता राठौर भी उस मौके पर मौजूद रहे

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एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज में 5 दिवसीय शिक्षक पर्व का संपन्न

कानपुर 10 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. एन. सेन बी. वी. पी. जी. कॉलेज कानपुर में उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशानुसार शिक्षक दिवस के परिप्रेक्ष्य में दिनांक 5 सितंबर 2022 से 9 सितंबर 2022 तक मनाए जा रहे शिक्षक पर्व के पांचवे और अंतिम दिवस का शुभारंभ महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव एवम् प्रथम विशिष्ट अतिथि श्री प्रोबीर कुमार सेन, संयुक्त सचिव एवम् द्वितीय विशिष्ट अतिथि श्री शुभ्रो सेन, कोषाध्यक्ष एवम् आज की मुख्य अतिथि श्रीमति दीपाश्री सेन, आज के कार्यक्रम की अध्यक्षा एवम् प्राचार्या प्रो. सुमन, समापन सत्र प्रभारी प्रो. निशी प्रकाश एवम् शिक्षक पर्व प्रभारी प्रो. रेखा चौबे ने मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के द्वारा किया। श्रीमति ऋचा सिंह ने अपनी मधुर वाणी में सरस्वती वंदन कर सभागार को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंचासीन अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ के द्वारा किया गया। प्रो. निशी प्रकाश ने स्वागत उद्बोधन दिया एवम् प्रो. रेखा चौबे ने पंच दिवसीय शिक्षक पर्व के अन्तर्गत संपादित कार्यक्रम – संकाय शिक्षकों का अभिवादन, अतिथि व्याख्यान, आशुवाचन प्रतियोगिता, वेबीनार, पोस्टर प्रदर्शनी, पुस्तक वाचन एवम् पैनल चर्चा आदि को समग्र रूप से सदन में प्रस्तुत किया जिसे श्रीमति रोली मिश्रा द्वारा एक वीडियो में संग्रहित कर प्रदर्शित किया गया। कार्यक्रम श्रृंखला में आज छात्राओं हेतु लघु चल चित्र प्रदर्शन में शैक्षिक फिल्मों की स्क्रीनिंग की गई जिससे सभी छात्राएं आनन्दित थीं।

प्राचार्या प्रो. सुमन ने मुख्य अतिथि श्रीमति दीपाश्री सेन को उत्तरीय तथा सरस्वती सम्मान प्रदान कर सम्मानित किया। सेन महाविद्यालय एक महिला शिक्षक के रूप में श्रीमति दीपाश्री सेन को सम्मानित कर हर्ष का अनुभव कर रहा है। मुख्य अतिथि ने अपने वक्तव्य में सेन परिवार के शैक्षिक कार्यों पर विस्तृत प्रकाश डालते हुए समस्त महिला शिक्षकों का भावविभोर अभिवादन किया। विशिष्ट अतिथि श्री शुभ्रो सेन ने महाविद्यालय उत्थान में शिक्षकों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। अंत में प्रो. सुमन की ओजस्वी वाणी ने कार्यक्रम के समापन में चार चांद लगा दिए। मंच संचालन श्रीमति किरन एवम् डॉ. प्रीती पांडेय ने संयुक्त रूप से किया। शैक्षिक पर्व समिति ने कार्यक्रम आयोजन में सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया। इस अवसर महाविद्यालय परिवार की उपस्थिति ने वातावरण को जीवंतता प्रदान की।

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प्राकृतिक खेती व कृषि नवाचार कार्यशाला एवं आत्मा योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन

कानपुर नगर, दिनांक 09 सितम्बर, 2022(सू0वि0) प्राकृतिक खेती व कृषि नवाचार कार्यशाला एवं आत्मा योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी का आयोजन आज विकल्प फार्म ग्राम पलरा ढोढर, विकास खण्ड बिधनू, कानपुर नगर में किया गया। कार्यशाला/मेले का शुभारम्भ मा0 मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग उ0प्र0 श्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। मेले में कृषि (बीज/कृषि रक्षा/मृदा परीक्षण), रेशम, गन्ना, उद्यान, यू०पी०एग्रो, इफको, कृभकों, मत्स्य, पशुपालन, दुग्ध, विद्युत, खाद्य प्रसंस्करण, बाल विकास परियोजना, लघु सिंचाई, आदि पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर के स्टाल लगाये गये। कार्यशाला में कानपुर, प्रयागराज, बॉदा एवं झॉसी मण्डल के जनपदों से आये कृषकों ने साहित्य प्राप्त कर तकनीकी जानकारी प्राप्त की। कार्यशाला/मेले में मुख्य सचिव, उ0प्र0 श्री दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव (कृषि) उ0प्र0 डा0 देवेश चतुर्वेदी, मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्वप्निल वरूण, मा0 विधायक बिठूर श्री अभिजीत सिंह सॉगा, मण्डलायुक्त कानपुर डा0 राजशेखर, जिलाधिकारी श्री विशाख जी0, कृषि निदेशक, उ0प्र0 श्री विवेक सिंह, मुख्य विकास अधिकारी श्री सुधीर कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक श्री महेन्द्र सिंह, उप कृषि निदेशक श्री चौधरी अरूण कुमार सहित कानपुर, प्रयागराज, झॉसी एवं बॉदा मण्डल के उप कृषि निदेशक तथा अन्य राज्य स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें साथ ही जनपद कानपुर नगर के कृषि तथा कृषि से सम्बन्धित जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहें।
सर्वप्रथम मेले/कार्यशाला में विकल्प फार्म के संस्थापक श्री विवेक चतुर्वेदी द्वारा मा0 अतिथिगणों को अपने फार्म का अवलोकन कराते हुये स्वविकसित कृषि यंत्रों यथा बैल चालित डिस्क हैरो, बैल चालित ट्रैक्टर, बैट्री वीडर विद ब्रश कटर, हस्तचालित वीडर, ब्रश कटर, सोलर चालित पोर्टेबल स्प्रिंकलर सेट, बैल चालित पोर्टेबल स्प्रिंकलर सेट, सोलर पम्प से संचालित चैफ कटर, ई-बाइक, सोलर पम्प से पावर थ्रेसर का संचालन करके दिखाया गया जिसे अतिथिगणों द्वारा सराहा गया।
कार्यशाला/मेले में विकल्प फार्म एवं कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत प्राकृतिक खेती सम्बन्धी तकनीकी फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यशाला में उपस्थित प्राकृतिक खेती करने वाले कृषक डा0 विपिन शुक्ला, श्री श्याम बिहारी गुप्ता, श्री हिमांशु गंगवार, श्री संजीव शुक्ल एवं श्री श्रीकृष्ण चौधरी द्वारा प्राकृतिक खेती करने में प्राप्त अपने अनुभवों को अन्य कृषकों के साथ साझा करते हुये प्राकृतिक खेती करने हेतु प्रेरित किया गया। कार्यशाला में डा0 अरिवन्द कुमार, के0वी0के0 कन्नौज द्वारा प्राकृतिक खेती करने के सम्बन्ध में कृषकों को तकनीकी ज्ञान दिया गया। श्री सतीश पाल, मा0 पूर्व राज्यमंत्री, उ0प्र0 द्वारा एफ0पी0ओ0 के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी।
मा० कृषि मंत्री जी, उ0प्र0 सरकार द्वारा अपने सम्बोधन के पूर्व एक एफ0पी0ओ0, एक ऐसे कृषक जो प्राकृतिक खेती कर रहे तथा एक ऐसे कृषक जो परम्परागत खेती कर रहे, से उनकी समस्याओं के सम्बन्ध में अवगत कराने हेतु आमंत्रित किया गया। मा0 कृषि मंत्री जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार कृषकों के हित में कार्य रही है। बुन्देलखण्ड को प्राकृतिक खेती हेतु हब के रूप में विकसित किया जायेगा, जिसके लिये प्रत्येक विकास खण्ड में 10-10 क्लस्टर बनाये जायेगें। नमामि गंगे योजनान्तर्गत गंगा के किनारे जैविक खेती के क्लस्टर बनाये गये ताकि कीटनाशी का प्रयोग कम कर गंगा को प्रदूषित होने से बचाया जा सके। परम्परागत कृषि विकास योजना, नमामि गंगे तथा प्राकृतिक खेती को मिलाकर 03 वर्षों के लिये 50 हे0 क्षेत्रफल के क्लस्टर बनाये जा रहे है। प्राकृतिक खेती की कार्यशाला जो सुदूर ग्रामीण क्षेत्र विकल्प फार्म में करायी गयी जहाँ कृषकों द्वारा नवाचार तथा विकसित कृषि यंत्रों को नजदीक से देखा। सोलर पम्प का मल्टीपरपज उपयोग, गोबर गैस का अद्भुत नमूना दिखाया गया है। उ0प्र0 के किसानों के लिये चुनौती है कि तिलहन तथा दलहन में आत्म निर्भरता बढ़ाये जिससे विदेशों से आयात कम हो सके। कृषि हमारी पारम्परिक धरोहर रही है, कृषकों को मल्टी लेयर कापिंग करने हेतु प्रेरित किया गया।
मुख्य सचिव, उ0प्र0 शासन ने अपने सम्बोधन में कहा कि हरित क्रान्ति के माध्यम से रसायनों का तेजी से प्रयोग हुआ जिसके परिणामस्वरूप जमीन में सूक्ष्म जीवाणू मृत हो गये तथा केचुआ नीचे चले गये जिस कारण मृदा की उर्वरता शक्ति कम हो गयी। प्राकृतिक खेती में बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत के प्रयोग से मृदा की उर्वरता एवं सूक्ष्म जीवाणू की संख्या बढ़ाकर कम लागत में गुणवत्तायुक्त उत्पाद का उत्पादन किया जा सकता है। प्राकृतिक खेती हमें आत्मनिर्भर बनाती है। उनके द्वारा प्राकृतिक खेती एवं कृषि नवाचार कार्यशाला का आयोजन ग्रामीण क्षेत्र में कराने हेतु अपर मुख्य सचिव, कृषि की सराहना की गयी।
अपर मुख्य सचिव, कृषि, उ0प्र0 शासन ने अपने सम्बोधन में कहा कि विकल्प फार्म द्वारा जो नवाचार के अन्तर्गत कृषकों के उपयोग हेतु बुवाई से लेकर कटाई तक की प्रक्रिया हेतु लघु एवं सीमान्त कृषकों हेतु छोटे कृषि यंत्रों को विकसित किया गया है जिससे कृषि लागत तथा श्रम की बचत होगी। पूर्व से प्राकृतिक खेती कर रहे कृषकों का क्लस्टर बनाकर प्राकृतिक खेती करने हेतु निर्देश दिये गये। साथ ही यह भी निर्देशित किया गया कि विकल्प फार्म के आस-पास के ग्रामों में प्राकृतिक खेती हेतु अन्य क्लस्टर बनाये जाये। कृषक किसी कार्य को देखकर ही करता है उनके खेत पर फार्म स्कूल चलाये जाये। देशी गाय की व्यवस्था सहभागिता योजना से गौशाला से हो सकती है।
मण्डलायुक्त डा0 राजशेखर ने सभी अतिथिगणों का स्वागत करते हुये अपने सम्बोधन में कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि किसान गोष्ठी का आयोजन गांव में आकर किसान के खेत में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह विशेष कृषि गोष्ठी प्राकृतिक खेती व विचार गोष्ठी के रूप में आयोजित की जा रही है, इस गोष्ठी में विभिन्न जनपदों से आए किसानों को तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा जानकारी प्रदान की जायेगी तथा किसानों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का समाधान कराया जायेगा।
कार्यशाला/मेले में चन्द्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के वैज्ञानिक डा0 खलील खान द्वारा रसायनमुक्त खेती के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी, डा0 जितेन्द्र सिंह, के0वी0के0 फतेहपुर द्वारा कृषकों एफ0पी0ओ0 गठन के सम्बन्ध में जानकारी दी गयी तथा डा0 वी0के0 सचान, उप कृषि निदेशक (शोध) अलीगढ़ द्वारा प्राकृतिक खेती करने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी कृषकों को दी गयी तथा समय-समय पर कृषि की जानकारी लेने हेतु वैज्ञानिकों ने अपने-अपने मोबाइल नं0 कृषकों को उपलब्ध कराये।
इस अवसर पर आई0आई0टी0 कानपुर के वैज्ञानिक श्री पल्लव द्वारा रसायन मुक्त मृदा परीक्षण यंत्र से मिट्टी की जॉच करने का प्रदर्शन किया गया तथा श्री किशोर, वैज्ञानिक, आई0आई0टी0 कानपुर द्वारा ड्रोन का प्रदर्शन करके दिखाया गया। कानपुर, प्रयागराज, झॉसी एवं बॉदा मण्डल से आये किसानों ने विकल्प फार्म का भ्रमण कर प्राकृतिक खेती करने का अनुभव प्राप्त किया गया। कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया जिसमें जनपद कानपुर नगर के कृषक श्री विपिन शुक्ला, ग्राम बरहट बॉगर, विकास खण्ड कल्यानपुर को भी सम्मानित किया गया साथ ही जनपद कानपुर नगर के चयनित कृषकों को तोरिया मिनीकिट वितरित किया गया।

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सुसाइड प्रिवेंशन दिवस तथा नशा मुक्ति अभियान कार्यक्रम

कानपुर 10 अगस्त भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज में एनएसएस इकाई द्वारा उर्सला डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के सहयोग से सुसाइड प्रिवेंशन दिवस तथा नशा मुक्ति आभियान के अंतर्गत महाविद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसका आरंभ कॉलेज के प्राचार्य डॉ जोसेफ डेनियल तथा एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ सुनीता वर्मा के निर्देशन में हुआ।

इस अवसर पर आमंत्रित किए गए अतिथि डॉ एस के निगम,डॉ चिरंजीवी प्रसाद, डॉ आरती कुशवाहा, श्रीमति निधि बाजपाई, एस पी मिश्रा,कृति प्रभा पाल,अरुण यादव, संदीप कुमार सिंह, सुनील पाठक उपस्थित रहे।कार्यक्रम में विद्यार्थियो को नशे से होने वाले दुष्प्रभाव से अवगत कराया और उससे बचने के उपाय बताए साथ ही मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण युवा पीढ़ी सुसाइड करने का प्रयास करती है इससे बचने के लिए तथा मानसिक रूप से स्वस्थ होने के उपाय बताए। कार्यक्रम का समापन डॉ सुनीता वर्मा ने अपनी एनएसएस इकाई प्रमुख हर्षवर्धन दिक्षित,सह प्रमुख विलायत फातिमा व मोमिन अली तथा कार्यक्रम सचिव अरबाज खान ने अपनी टीम जिनमें सुप्रिया,अर्फिया,मानवी,सौम्या,स्तुति,ज़रीन,इरम,साद,फरीना,मेनका,दिया,मुस्कान,सौम्यातिवारी,रितेश,सिमरन,आयुषी,हर्षिता,रिया,अंजली के साथ मिल कर कार्यक्रम का सफलता पूर्वक समापन किया।

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केन्द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद

केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी; पृथ्वी विज्ञान; प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज कहा, भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र 2025 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।

“सीजिंग द ग्लोबल ऑपर्चुनिटी” शीर्षक से 14वें सीआईआई ग्लोबल मेडटेक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा पिछले दो वर्षों में नवाचार और प्रौद्योगिकी पर अधिक केन्द्रित हो गई है और 80 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल पद्धतियों का आने वाले पांच वर्षों में डिजिटल स्वास्थ्य साधनों में अपना निवेश बढ़ाने का लक्ष्य है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, टेलीमेडिसिन भी 2025 तक 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तकनीकी योजना ई-संजीवनी ने वर्चुअल डॉक्टर परामर्श को सक्षम बनाया है और देश के दूरदराज के हिस्सों में रहने वाले हजारों लोगों को अपने घरों में आराम से बैठकर बड़े शहरों के प्रमुख डॉक्टरों से जोड़ा है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य अगले 10 वर्षों में आयात निर्भरता को 80 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत से कम करना है और विशेष उपलब्धि- स्मार्ट (एसएमएआरटी) के साथ मेक इन इंडिया के माध्यम से मेड-टेक में 80 प्रतिशत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में भारत सरकार ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए संरचनात्मक और निरंतर सुधार किए हैं और एफडीआई को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतियों की भी घोषणा की है। इससे रुख में बदलाव आया है, देश मेडटेक नवाचार का केन्द्र बन गया है और पश्चिमी उत्पादों को अपनाने के बजाय, भारतीय नवप्रवर्तनकर्ता अग्रणी मेडटेक उत्पाद और समाधान विकसित कर रहे हैं। भारत महत्वपूर्ण परिवर्तन बिंदु पर पहुंच गया है, जिससे हेल्थटेक/मेडटेक इकोसिस्टम का तेजी से विस्तार हो रहा है।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जोर देकर कहा कि इस क्षेत्र में तेजी से वृद्धि के लिए भारत के पास सभी आवश्यक सामग्री है, जिसमें एक बड़ी आबादी, एक मजबूत फार्मा और चिकित्सा आपूर्ति श्रृंखला, 750 मिलियन से अधिक स्मार्टफोन उपयोगकर्ता, वीसी फंडिंग तक आसान पहुंच के साथ विश्व स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप पूल और वैश्विक स्वास्थ्य समस्याओं को हल करने के लिए नवीन तकनीकी उद्यमी शामिल हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने यह भी कहा कि महामारी ने इस क्षेत्र में व्यापार करने के परिदृश्य को बदलकर एक अतिरिक्त गति प्रदान की है। उन्होंने कहा, इसने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए विशेष रूप से टेली-परामर्श, एआई-आधारित निदान और दूरस्थ स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में व्यापक अवसर खोले हैं।

विजन @ 2047 पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि उम्मीद है कि भारत 14 से 15 प्रतिशत से ऊपर चिकित्सा उपकरणों के शीर्ष बाजारों में से एक बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक स्थिति को घरेलू खपत बढ़ाने और स्वास्थ्य देखभाल सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 73 नए मेडिकल कॉलेज बनाकर राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन 2020 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करके प्राप्त किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार की मसौदा नीति के आधार पर भारत का लक्ष्य 100-300 अरब डॉलर के उद्योग तक पहुंचने के लिए चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र के वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का 10 से 12 प्रतिशत हासिल करना है। देश में उत्पाद विकास और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा उपकरणों का तेजी से नैदानिक परीक्षण करने के लिए लगभग 50 क्लस्टर होंगे। उन्होंने कहा कि जीवन प्रत्याशा, स्वास्थ्य समस्याओं के प्रभाव में बदलाव, वरीयताओं में बदलाव, बढ़ते मध्यम वर्ग, स्वास्थ्य बीमा में वृद्धि, चिकित्सा सहायता, बुनियादी ढांचे के विकास और नीति समर्थन और प्रोत्साहन इस क्षेत्र को आगे बढ़ाएंगे।

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है जब यह वास्तव में विनिर्माण केन्द्र और दुनिया भर में चिकित्सा उपकरणों के प्रमुख निर्यातक बनकर वैश्विक पदचिह्न स्थापित किए जाने चाहिए, क्योंकि यह मेक इन इंडिया अभियान का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है, जिसमें भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को सूर्योदय खंड के रूप में पहचाना गया है। उन्होंने कहा कि इस मान्यता ने उद्योग को निम्न-तकनीक खंड से लेकर उपकरणों की अधिक परिष्कृत श्रेणियों तक के उपकरण-खंडों की मूल्य श्रृंखला में अपना कौशल गहरा करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन दिया है।

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