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एस एन सेन बा• वि• पी• जी• कॉलेज के विज्ञान संकाय में अंतरमहाविद्यालयीय मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन

कानपुर 16 सितंबर, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बा• वि• पी• जी• कॉलेज के विज्ञान संकाय में अंतरमहाविद्यालयीय मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें 10 महाविद्यालयों ने प्रतिभाग किया।
वर्तमान समय में ओजोन परत जो हमारी पृथ्वी का सुरक्षा आवरण है, क्षतिग्रस्त होने के कारण पृथ्वी पर हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों का प्रवेश मानव जाति तथा पृथ्वी को हानि पहुंचा रहा है जिसके कारण ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं और जलवायु परिवर्तन, असामान्य वर्षा, बढ़ता तापमान, बर्फ का पिघलना तथा समुद्र तल में उन्नयन हो रहा है।
इसीलिए ओज़ोन दिवस के अवसर पर छात्रों तथा समाज में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु इस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ• सुमन ने फीता काटकर किया।प्राचार्या डॉ• सुमन, दलहन अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ• अकरम, चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय के पादप रोग विज्ञान के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ• एस• के• बिस्वास, रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ• गार्गी यादव तथा वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ• प्रीति सिंह ने दीप प्रज्वलित कर के किया। डॉ• अकरम तथा डॉ• बिस्वास ने छात्र- छात्राओं के मॉडलों का निरीक्षण एवं मूल्यांकन किया। मॉडलों के प्रदर्शन तथा छात्र-छात्राओं ने सरल शब्दों में अनेक समस्याओं तथा समाधानों को बताया। सभी ने छात्रों के प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की। प्रतियोगिता के परिणाम में –
प्रथम पुरस्कार -एस एन सेन महाविद्यालय की अमल सिद्दीक़ी, गरिमा कुशवाह तथा मुस्कान बी एस सी।तृतीय वर्ष

द्वितीय पुरस्कार -डी ए वी महाविद्यालय की सलोनी गंगवर,वर्तिका वर्मा तथा आकांशा शर्मा बी एस सी तृतीय वर्ष

तृतीय पुरस्कार -डी ऐ वी महाविद्यालय की कुमारी रागिनी तथा अक्षय कुमार बी एस सी द्वितीय वर्ष

सांत्वना पुरस्कार – डी बी एस महाविद्यालय रवि अहिरवार तथा आशी बी एस सी द्वितीय
ब्रह्मावर्त महाविद्यालय वर्तिका बाजपेई तथा स्नेहा शर्मा
पी पी एन महाविद्यालय की अस्ना खान बी एस सी प्रथम वर्ष

कार्यक्रम का संचालन डॉ• प्रीति सिंह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्या डॉ• सुमन ने किया। डॉ• शैल वाजपाई, डॉ• शिवांगी यादव, डॉ• अमिता सिंह, डॉ• समीक्षा सिंह, कु• ज़ेबा आफरोज़ तथा कु• स्नेह त्रिवेदी ने कार्यक्रम में सक्रिय योगदान दिया।