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5वां गणतंत्र दिवस: राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों के 12 कर्मियों को मरणोपरांत सहित 80 सैन्य कर्मियों को वीरता पुरस्कार प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों के 12 कर्मियों को मरणोपरांत सहित 80 सैन्य कर्मियों को वीरता पुरस्कार प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है। इनमें छह कीर्ति चक्र शामिल हैं, जिनमें से तीन मरणोपरांत होंगे; 16 शौर्य चक्र दो मरणोपरांत सहित; 53 सेना पदक सात मरणोपरांत सहित; एक नौसेना पदक (वीरता) और चार वायु सेना पदक (वीरता) दिये जाएंगे।

राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों एवं अन्य कर्मियों के लिए 311 रक्षा सम्मान पदकों को भी मंजूरी दी है। इनमें 31 परम विशिष्ट सेवा पदक; चार उत्तम युद्ध सेवा पदक; अति विशिष्ट सेवा पदक के लिए दो बार; 59 अति विशिष्ट सेवा पदक; 10 युद्ध सेवा पदक; सेना मेडल (कर्तव्य के प्रति समर्पण) हेतु आठ बार; 38 सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण); 10 नौसेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण); 14 वायु सेना पदक (कर्तव्य के प्रति समर्पण); विशिष्ट सेवा पदक के लिए पांच बार और 130 विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 19,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में 19,100 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ये परियोजनाएं रेल, सड़क, तेल एवं गैस और शहरी विकास एवं आवास जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों से संबंधित हैं।

एकत्रित जनसमूह को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने बुलंदशहर के लोगों, विशेषकर भारी संख्या में उपस्थित माताओं और बहनों द्वारा दिखाए गए स्नेह और विश्वास के लिए आभार व्यक्त किया। श्री मोदी ने 22 जनवरी को भगवान श्री राम के दर्शन और आज उत्तर प्रदेश के लोगों की उपस्थिति को अपनी खुशकिस्‍मती बताते हुए धन्यवाद दिया। उन्होंने रेलवे, हाईवे, पेट्रोलियम पाइपलाइन, पानी, सीवेज, मेडिकल कॉलेज और औद्योगिक टाउनशिप जैसे क्षेत्रों में आज 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं के लिए बुलंदशहर और पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने यमुना और राम गंगा नदियों के स्वच्छता अभियान से जुड़ी परियोजनाओं के उद्घाटन का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र ने देश को कल्याण सिंह जैसा सपूत दिया है, जिन्होंने अपना जीवन राम काज और राष्ट्र काज दोनों के लिए समर्पित कर दिया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि देश ने श्री कल्याण सिंह और उनके जैसे लोगों का अयोध्या धाम का सपना पूरा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”एक मजबूत राष्ट्र और सच्चे सामाजिक न्याय के उनके सपने को साकार करने के लिए हमें और गति हासिल करनी होगी।”

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समापन पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने ‘राष्ट्र प्रतिष्ठा’को प्राथमिकता देने और इसे नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर जोर दिया। श्री मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित भारत में बदलने के सरकार के संकल्प पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमें देव से देश और राम से राष्ट्र के मार्ग को आगे बढ़ाना चाहिए।” उच्च लक्ष्यों को पूरा करने के बारे में, प्रधानमंत्री ने सबका प्रयास की भावना के साथ आवश्यक संसाधनों को इकट्ठा करने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि, विज्ञान, शिक्षा, उद्योग और उद्यम के क्षेत्रों को फिर से मजबूत करने की आवश्यकता पर ध्यान देते हुए कहा, “विकसित भारत के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश का तेज गति से विकास जरूरी है।” उन्होंने कहा, “आज का अवसर इस दिशा में एक बड़ा कदम है।”

प्रधानमंत्री ने आजादी के बाद के भारत में विकास के क्षेत्रीय असंतुलन का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने ‘शासक’मानसिकता, और पूर्व में सत्ता की खातिर सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देने की की आलोचना की, जिसके परिणामस्वरूप राज्य और देश को भारी कीमत चुकानी पड़ी। प्रधानमंत्री ने सवाल किया, “अगर देश का सबसे बड़ा राज्य कमजोर था, तो देश कैसे मजबूत हो सकता था?”

उत्तर प्रदेश में 2017 मेंडबल इंजन की सरकार के गठन के साथ, प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य ने पुरानी चुनौतियों से निपटने के नए तरीके खोजे हैं और आर्थिक विकास को गति प्रदान की है और आज का अवसर सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाल के विकास का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने भारत में दो रक्षा गलियारों में से एक के विकास और कई नए राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक एक्सप्रेसवे के माध्यम से यूपी के सभी हिस्सों में कनेक्टिविटी बढ़ाने, पहली नमो भारत ट्रेन परियोजना की शुरुआत, कई शहरों में मेट्रो कनेक्टिविटी और राज्य को पूर्वी और पश्चिमी समर्पित माल गलियारों का केन्‍द्र बनाने पर सरकार विशेष रूप से जोर दे रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “ये विकास परियोजनाएं आने वाली सदियों तक प्रभावशाली रहेंगी।”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट के पूरा होने से इस क्षेत्र को नई ताकत और उड़ान मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”सरकार के प्रयासों से आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश देश में प्रमुख रोजगार प्रदाता क्षेत्रों में से एक बन रहा है।”प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार 4 विश्वस्तरीय औद्योगिक स्मार्ट शहरों पर काम कर रही है। इनमें से एक शहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में है, प्रधानमंत्री ने आज इस महत्वपूर्ण टाउनशिप का उद्घाटन किया। इससे क्षेत्र के उद्योग और लघु एवं कुटीर व्यवसायों को लाभ होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टाउनशिप कृषि आधारित उद्योग के लिए नए रास्ते खोलेगी और स्थानीय किसानों और श्रमिकों को अत्यधिक लाभ प्रदान करेगी।

पहले के समय में कनेक्टिविटी की कमी के कारण कृषि पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका समाधान नए हवाई अड्डे और नए समर्पित माल गलियारे में देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री ने गन्ने की कीमतों में बढ़ोतरी और मंडी में उपज बिकने के बाद सीधे किसानों के खाते में त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने के लिए डबल इंजन सरकार की सराहना की। इसी तरह, इथेनॉल पर ध्यान देना गन्ना किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है।

श्री मोदी ने जोर देकर कहा, “किसानों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।” उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने भारतीय किसानों के लिए कम लागत वाले उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाने का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि भारत के बाहर यूरिया का एक थैला जिसकी कीमत 3,000 रुपये है, किसानों को 300 रुपये से भी कम कीमत में उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नैनो यूरिया के निर्माण के बारे में भी बात की, जिसकी एक छोटी बोतल उर्वरक की एक बोरी के बराबर काम करती है। इससे खपत कम और पैसे की बचत होती है। श्री मोदी ने बताया कि सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के बैंक खातों में 2.75 लाख करोड़ रुपये भेजे हैं।

प्रधानमंत्री ने कृषि और कृषि-अर्थव्यवस्था में किसानों के योगदान को रेखांकित करते हुए, सहकारी समितियों के दायरे के निरंतर विस्तार का उल्लेख किया। उन्होंने छोटे किसानों को मजबूत करने के उपायों के रूप में पीएसी, सहकारी समितियों और एफपीओ को गिनाया। बिक्री-खरीद, ऋण, खाद्य प्रसंस्करण या निर्यात के लिए सहकारी संस्थाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्री मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण संबंधी योजनाओं का भी जिक्र किया जिसके तहत पूरे देश में कोल्ड स्टोरेज का नेटवर्क बनाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए सरकार के प्रयासों को दोहराया और इस तथ्य को रेखांकित किया कि नारी शक्ति इसका एक बड़ा माध्यम बन सकती है। उन्होंने नमो ड्रोन दीदी योजना का उल्लेख किया जहां महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “नमो ड्रोन दीदी भविष्य में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि के लिए एक बड़ी ताकत बनने जा रही है।”

छोटे किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने हेतु पिछले 10 वर्षों के दौरान शुरू की गई लोक कल्याण योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने करोड़ों पक्के मकानों, शौचालयों, नल के पानी के कनेक्शन, किसानों एवं मजदूरों के लिए पेंशन सुविधाओं, पीएम फसल बीमा योजना जिसके तहत फसल बर्बाद होने की स्थिति में किसानों को 1.5 लाख करोड़ रुपये दिए जाते हैं, मुफ्त राशन योजना और आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख किया। श्री मोदी ने कहा, “सरकार का प्रयास है कि कोई भी लाभार्थी सरकारी योजना से वंचित न रहे और इसके लिए मोदी की गारंटी वाहन हर गांव तक पहुंच रहे हैं और उत्तर प्रदेश में भी लाखों लोगों का नामांकन कर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “यह मोदी की गारंटी है कि हर नागरिक को सरकारी योजनाओं का लाभ मिले। आज देश मोदी की गारंटी को किसी भी गारंटी के पूरा होने की गारंटी मानता है।” प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हम यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रहे हैं कि सरकारी योजना का लाभ हर लाभार्थी तक पहुंचे। इसीलिए मोदी संतृप्ति की गारंटी दे रहा है। मोदी शत प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने पर जोर दे रहा है।” इससे भेदभाव या भ्रष्टाचार की कोई भी संभावना नहीं रह जाती है। उन्होंने कहा, “यही सच्ची धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय है।” उन्होंने कहा कि किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं के सपने हर समाज में एक जैसे होते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के वास्तविक प्रयासों से पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया।

अपने संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरे लिए आप ही मेरा परिवार हैं। आपका सपना ही मेरा संकल्प है।” उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि देश के सामान्य परिवारों के सशक्तिकरण ही मोदी की संपत्ति बनी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि चाहे गांव हों, गरीब हों, युवा हों, महिलाएं हों या किसान हों, सभी को सशक्त बनाने का अभियान जारी रहेगा।

इस अवसर पर, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक और भारत के केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी उपस्थित थे।

 

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मालगाड़ियों को हरी झंडी दिखाकर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पर न्यू खुर्जा-न्यू रेवाड़ी के बीच 173 किलोमीटर लंबी डबल लाइन विद्युतीकृत खंड को राष्ट्र को समर्पित किया। यह नया डीएफसी खंड काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पश्चिमी और पूर्वी डीएफसी के बीच अहम संपर्क स्थापित करता है। इसके अलावा, यह खंड इंजीनियरिंग की उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए भी जाना जाता है। इसमें ‘उच्च विद्युतीकरण के साथ एक किलोमीटर लंबी डबल लाइन रेल सुरंग’ है, जो दुनिया में अपनी तरह की पहली सुरंग है। इस सुरंग को डबल-स्टैक कंटेनर ट्रेनों को निर्बाध रूप से चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मालगाड़ियां अब इस नए डीएफसी ट्रैक पर चलेंगी जिससे यात्री ट्रेनों के संचालन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने मथुरा-पलवल खंड और चिपियाना बुजुर्ग-दादरी खंड को जोड़ने वाली चौथी लाइन भी राष्ट्र को समर्पित की। ये नई लाइनें राष्ट्रीय राजधानी की दक्षिणी पश्चिमी और पूर्वी भारत तक रेल कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी।

प्रधानमंत्री ने कई सड़क विकास परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित कीं। इन परियोजनाओं में अलीगढ़ से भदवास फोर-लेन कार्य पैकेज-1 (एनएच-34 के अलीगढ़-कानपुर खंड का हिस्सा); शामली (एनएच-709ए) के माध्यम से मेरठ से करनाल सीमा का चौड़ीकरण; और एनएच-709 एडी पैकेज-II के शामली-मुजफ्फरनगर खंड को चार लेन का बनाना शामिल हैं। 5000 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से विकसित ये सड़क परियोजनाएं कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी और क्षेत्र में आर्थिक विकास में मदद करेंगी।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने इंडियन ऑयल की टूंडला-गवारिया पाइपलाइन का भी उद्घाटन किया। करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह 255 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन परियोजना तय समय से काफी पहले पूरी हो गई है। यह पाइपलाइन परियोजना मथुरा और टूंडला में पंपिंग सुविधाओं और टूंडला, लखनऊ और कानपुर में डिलीवरी सुविधाओं के साथ बरौनी-कानपुर पाइपलाइन के टूंडला से गवारिया टी-पॉइंट तक पेट्रोलियम उत्पादों के परिवहन में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को ‘ग्रेटर नोएडा में एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप’ (आईआईटीजीएन) भी समर्पित किया। इसे पीएम-गतिशक्ति के तहत बुनियादी ढांचा कनेक्टिविटी परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप विकसित किया गया है। इस परियोजना पर 1,714 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह परियोजना 747 एकड़ में फैली हुई है। यह दक्षिण में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और पूर्व में दिल्ली-हावड़ा ब्रॉड गेज रेलवे लाइन के साथ पूर्वी और पश्चिमी समर्पित माल गलियारों के चौराहे के पास स्थित है। आईआईटीजीएन का रणनीतिक स्थान अद्वितीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है क्योंकि मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए अन्य बुनियादी ढांचे जैसे नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (5 किमी), यमुना एक्सप्रेसवे (10 किमी), दिल्ली एयरपोर्ट (60 किमी), जेवर एयरपोर्ट (40 किमी), अजायबपुर रेलवे स्टेशन (0.5 किमी) और न्यू दादरी डीएफसीसी स्टेशन (10 किमी) इस परियोजना के आसपास मौजूद हैं। यह परियोजना क्षेत्र में औद्योगिक विकास, आर्थिक समृद्धि और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने लगभग 460 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण सहित पुनर्निर्मित मथुरा सीवरेज योजना का उद्घाटन किया। इस कार्य में मसानी में 30 एमएलडी एसटीपी का निर्माण, ट्रांस यमुना में मौजूदा 30 एमएलडी और मसानी में 6.8 एमएलडी एसटीपी का पुनर्वास और 20 एमएलडी टीटीआरओ प्लांट (तृतीयक उपचार और रिवर्स ऑस्मोसिस प्लांट) का निर्माण शामिल है। उन्होंने मुरादाबाद  (रामगंगा) सीवरेज प्रणाली और एसटीपी कार्यों (चरण I) का भी उद्घाटन किया। लगभग 330 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस परियोजना में 58 एमएलडी एसटीपी, लगभग 264 किमी लंबा सीवरेज नेटवर्क और मुरादाबाद में रामगंगा नदी के प्रदूषण निवारण के लिए नौ सीवेज पंपिंग स्टेशन शामिल हैं।

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युवा संगम (चरण- IV) में हिस्सा लेने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया गया

शिक्षा मंत्रालय ने आज एक भारत-श्रेष्ठ भारत (ईबीएसबी) के तहत युवा संगम के चौथे चरण के लिए पंजीकरण पोर्टल को शुरू किया। युवा संगम, भारत सरकार की ओर से भारत के विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के युवाओं के बीच लोगों के बीच आपसी संबंध को मजबूत करने की एक पहल है।18-30 वर्ष के आयु वर्ग के इच्छुक युवा, मुख्य रूप से छात्र, एनएसएस/एनवाईकेएस स्वयंसेवक, नियोजित/स्व-रोजगार वाले व्यक्तिआदि साल 2023 में शुरू की गई इस अनूठी पहल के आगामी चरण में हिस्सा लेने के लिए युवा संगम पोर्टल के माध्यम से अपना पंजीकरण कर सकते हैं।इसके लिए पंजीकरण 4 फरवरी, 2024 तक स्वीकार किए जाएंगे।

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इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर, 2015 को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच एक निरंतर और सुव्यवस्थित सांस्कृतिक जुड़ाव का विचार रखा था। इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए ईबीएसबीको 31 अक्टूबर, 2016 को लॉन्च किया था।

ईबीएसबी के तहत शुरू किया गया युवा संगम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)- 2020 से प्रेरित है और अनुभवात्मक शिक्षा व प्रत्यक्ष आधार पर भारत की समृद्ध विविधता के ज्ञान को आत्मसात करने पर ध्यान केंद्रित है।विविधता का उत्सव मनाने पर केंद्रित यह एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान है, जिसमें प्रतिभागियों को जीवन के विविध पहलुओं, प्राकृतिक भू-आकृतियों, विकास संबंधित वहालिया उपलब्धियों और मेजबान राज्य के युवाओं से जुड़ने का व्यापक अनुभव प्राप्त होता है। युवा संगम के चौथे चरण के लिए पूरे भारत में 22 प्रतिष्ठित संस्थानों की पहचान की गई है। युवा संगम-IV के दौरान इन राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिभागीक्रमशः राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के नोडल एचईआई के नेतृत्व मेंअपने जोड़े वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश का दौरा करेंगे।

युवा संगम भारत सरकार की एक पहल है, जो ऑन-कैंपस और ऑफ-कैंपस छात्रों सहित युवाओं के लिए एक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश से दूसरे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश तक शैक्षणिक-सह-सांस्कृतिक पर्यटन आयोजित करने पर केंद्रित है। इन दौरों के दौरान प्रतिभागियों कोपांच व्यापक क्षेत्रों- पर्यटन, परंपरा, प्रगति, परस्पर संपर्क और प्रौद्योगिकी के तहत बहुआयामी एक्सपोजर प्रदान किया जाता है।विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के युवा 5-7 दिनों (यात्रा के दिनों को छोड़कर) के लिए अपने समकक्षों से मिलेंगे।इस दौरान उन्हें राज्य के विभिन्न पहलुओं का गहन अनुभव होगा और स्थानीय युवाओं के साथ बातचीत करने व उनके साथ गहराई से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

ईबीएसबी के प्रतिभागी मंत्रालय/विभाग/एजेंसी ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के उदाहरण हैं। इनमें शिक्षा, गृह, संस्कृति, पर्यटन, युवा कार्यक्रम व खेल, सूचना व प्रसारण मंत्रालय और रेल मंत्रालय के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास विभाग शामिल हैं।इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए हर एक प्रतिभागी हितधारकों की अलग-अलग भूमिकाएं और जिम्मेदारियां हैं। इसके तहत प्रतिनिधियों का चयन और युवा संगम दौरों का संपूर्ण कार्यान्वयन नोडल उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) द्वारा किया जाता है,जो इस पहल को संचालित करता है।

युवा संगम के पिछले चरणों में युवाओं की ओर से अच्छी भागीदारी देखी गई है और तीन चरणों में क्रमशः 16767, 21380 तथा 29151 पंजीकरण हुए थे। युवा संगम को काशी तमिल संगमम् (केटीएस) के मॉडल पर सहयोगात्मक रूप से आयोजित किया गया और इसे भारत के सभी हिस्सों से व्यापक प्रतिक्रिया एवं भागीदारी प्राप्त हुई है। पूरे भारत में 2,870 से अधिक युवाओं ने युवा संगम के विभिन्न चरणों के तहत 69 दौरों में हिस्सा लिया है।इसने देश के युवाओं में स्वयंसेवा की भावना का संचार किया है और युवा संगम के प्रतिनिधियों ने एनईपी समारोह और जुलाई 2023 में दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम, आजादी का अमृत महोत्सव समारोह, मेरी माटी मेरा देश अभियान और राष्ट्र निर्माण की कई अन्य गतिविधियों में गहन योगदान दिया है।

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गणतंत्र दिवस-2024 के अवसर पर पुलिस, अग्निशमन सेवा, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवा के 1132 कर्मियों को वीरता/सेवा पदक से सम्मानित किया गया

गणतंत्र दिवस, 2024 के अवसर पर, पुलिस, अग्निशमन सेवा, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवा के कुल 1132 कर्मियों को वीरता/सेवा पदक से सम्मानित किया गया है।

सरकार ने हाल के वर्षों में विभिन्न पुरस्कारों की संपूर्ण पुरस्कार व्यवस्था प्रणाली को तर्कसंगत बनाने और इसमें बदलाव लाने के लिए कई पहल की हैं। इस संबंध में, सोलह वीरता/सेवा पदकों (पुलिस, अग्निशमन सेवा, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवा के लिए) को तर्कसंगत बनाया गया है और निम्नलिखित चार पदकों में शामिल कर दिया गया है:

  1. वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी)
  2. वीरता पदक (जीएम)
  3. विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम)
  4. सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम)

हाल ही में पदकों के पुनर्गठन के बाद, पुलिस, अग्निशमन सेवा, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवा के कुल 1132 कर्मियों को गणतंत्र दिवस, 2024 के अवसर पर वीरता/सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। विवरण इस प्रकार है: –

 

वीरता पदक – पुलिस सेवा

पदकों के नाम

 

प्रदान किये गये पदकों की संख्या
वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी) 02
वीरता पदक (जीएम) 275

 

वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी) और वीरता के लिए पदक (जीएम) क्रमशः जीवन और संपत्ति को बचाने, या अपराध को रोकने अथवा अपराधियों को गिरफ्तार करने में अदम्य साहसपूर्ण वीरता कार्य और वीरता के विशिष्ट कार्य के आधार पर प्रदान किए जाते हैं, जिससे संबंधित अधिकारी के दायित्वों और कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए होने वाले जोखिम का अनुमान लगाया जाता है।

277 वीरता पुरस्कारों में से अधिकांश में, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के 119 कर्मियों, जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के 133 कर्मियों और अन्य क्षेत्रों के 25 कर्मियों को उनकी वीरतापूर्ण कार्यों के लिए सम्मानित किया जा रहा है।

वीरता पदक प्राप्त करने वाले कर्मियों में से बीएसएफ कर्मियों को 02 पीएमजी बुटेम्बो में मोरक्कन रैपिड डिप्लॉयमेंट बटालियन (एमओआरडीबी) कैंप में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (मोनुस्को) में 15वें सदस्य के रूप में बीएसएफ के कांगो दल के तौर पर संयुक्त राष्ट्र संगठन स्थिरीकरण मिशन के हिस्से के अंग के रूप में शांति स्थापना के प्रतिष्ठित कार्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किए गए हैं।

277 वीरता पदकों में से, 275 जीएम जम्मू-कश्मीर पुलिस के 72 कर्मियों, महाराष्ट्र के 18 कर्मियों, छत्तीसगढ़ के 26 कर्मियों, झारखंड के 23 कर्मियों, ओडिशा के 15 कर्मियों, दिल्ली के 08 कर्मियों, सीआरपीएफ के 65 कर्मियों, एसएसबी के 21 कर्मियों और शेष अन्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और सीएपीएफ के सुरक्षा कर्मियों को प्रदान किए गए हैं।

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) और सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम)

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) सेवा में विशेष विशिष्ट रिकॉर्ड के लिए प्रदान किया जाता है और सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) संसाधन और कर्तव्य के प्रति समर्पण की विशेष सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।

विशिष्ट सेवा के लिए 102 राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) में से 94 पुलिस सेवा को, 04 अग्निशमन सेवा को और 04 नागरिक सुरक्षा एवं होम गार्ड सेवा को प्रदान किए गए हैं। सराहनीय सेवा (एमएसएम) के लिए 753 पदकों में से 667 पुलिस सेवा को, 32 अग्निशमन सेवा को, 27 नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड सेवा को और 27 सुधार सेवा को प्रदान किए गए हैं।

प्रदान किए गए पदकों का सेवा-वार विवरण

 

पदक का नाम पुलिस सेवा

 

अग्निशामक सेवा नागरिक सुरक्षा एवं होम गार्ड सेवा सुधारात्मक सेवा
विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) ( कुल दिए गए पदक: 102 ) 94 04 04
सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम)

कुल दिए गए पदक: 753 )

 

667 32 27 27
 

कुल

 

761

 

36

 

31

 

27

 

पुरस्कार विजेताओं की सूची का विवरण नीचे दिया गया है:

क्रमांक विषय

 

व्यक्तियों की संख्या अनुलग्नक

 

1 वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी) 02 सूची-1
2 वीरता पदक (जीएम) 275 सूची-11
3 विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) 102 सूची-III
4 सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम) 753 सूची IV
5 पदक प्राप्तकर्ताओं की राज्यवार/बलवार सूची सूची के अनुसार सूची- V

 

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प्रधानमंत्री आज लाल किले में पराक्रम दिवस कार्यक्रम में भाग लेंगे

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शाम लाल किले में पराक्रम दिवस समारोह में भाग लेंगे। स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले महान लोगों के योगदान का सम्मान करने के लिए कदम उठाने के प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को 2021 में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। इस वर्ष लाल किले में आयोजित होने वाला कार्यक्रम ऐतिहासिक प्रतिबिंबों तथा जीवंत सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों को एक साथ बुनने वाला बहुआयामी उत्सव होगा। उत्सव की गतिविधियां नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज की प्रगाढ़ विरासत पर आधारित होंगी। आगंतुकों को अभिलेखागार की प्रदर्शनियों, दुर्लभ तस्वीरों तथा दस्तावेजों के प्रदर्शन के माध्यम से नेताजी और आजाद हिंद फौज की उल्लेखनीय यात्रा का विवरण वाले गहन अनुभव से जुड़ने का अवसर मिलेगा। ये उत्सव 31 जनवरी तक मनाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री कार्यक्रम के दौरान भारत पर्व का भी शुभारंभ करेंगे, जो 23 से 31 जनवरी तक चलेगा। यह गणतंत्र दिवस झांकी और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के साथ देश की समृद्ध विविधता को दिखाएगा। इसमें 26 मंत्रालयों और विभागों के प्रयास शामिल होंगे। इसमें नागरिक केंद्रित पहलों पर प्रकाश डाला जाएगा, वोकल फॉर लोकल, विविध पर्यटक आकर्षण को विशिष्ट रूप से दिखाया जाएगा। यह लाल किले के सामने राम लीला मैदान और माधव दास पार्क में होगा।

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प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के तहत 1 करोड़ परिवारों को अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा मिलेगी

प्रधानमंत्री  मोदी ने सूर्यवंशी भगवान श्री राम की प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर अपनी अयोध्या यात्रा के तुरंत बाद, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापित करने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” शुरू करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि सूर्य की ऊर्जा का उपयोग छत वाले प्रत्येक घर द्वारा अपने बिजली के बिल को कम करने और उन्हें अपनी बिजली की जरूरतों के लिए वास्तव में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का लक्ष्य निम्न और मध्यम आय वाले व्यक्तियों को रूफटॉप सौर ऊर्जा की स्थापना के माध्यम से बिजली उपलब्ध करना है, साथ ही अतिरिक्त बिजली उत्पादन के लिए अतिरिक्त आय का अवसर उपलब्ध करना है।

प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि आवासीय क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बड़ी संख्या में रूफटॉप सौर ऊर्जा अपनाने को लेकर प्रेरित करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाना चाहिए। इस योजना अंतर्गत देश के 1 करोड़ परिवारों को अपने घर की छत पर सौर ऊर्जा मिलेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि आज अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा संकल्प और भी दृढ हुआ है कि भारत के लोगों के घर की छत पर उनका स्वयं का सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो।

अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय यह लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों की छत पर रूफटॉप सोलर प्रणाली लगाने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” का शुभारंभ करेगी।

इससे न केवल गरीबों और मध्यम वर्ग के बिजली के बिल में कमी आएगी, बल्कि इससे भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट किया:

“सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं।

आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफ टॉप सिस्टम हो।

अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” प्रारंभ करेगी।

इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।

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भारत-किर्गिस्तान संयुक्त विशेष बल अभ्यास खंजर हिमाचल प्रदेश में प्रारंभ

भारत-किर्गिस्तान का 11वां संयुक्त विशेष बल अभ्यास खंजर हिमाचल प्रदेश के बकलोह स्थित विशेष बल प्रशिक्षण स्कूल में प्रारंभ हो गया है। यह अभ्यास 22 जनवरी से 3 फरवरी 2024 तक चलेगा। यह अभ्यास दोनों देशों में वैकल्पिक रूप से आयोजित एक वार्षिक कार्यक्रम है।

20 कर्मियों वाले भारतीय सेना के दल का प्रतिनिधित्व पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है और किर्गिस्तान दल में 20 कर्मियों का प्रतिनिधित्व स्कॉर्पियन ब्रिगेड द्वारा किया जाता है।

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय-VII के अंतर्गत निर्मित क्षेत्र तथा पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद विरोधी और विशेष बलों के संचालन में अनुभवों एवं श्रेष्ठ व्यवहारों का आदान-प्रदान करना है। यह अभ्यास विशेष बल कौशल, प्रवेशन और निष्कर्षण की उन्नत तकनीकों को विकसित करने पर बल देगा।

यह अभ्यास अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद तथा चरमपंथ की साझी समस्याओं का समाधान करते हुए दोनों पक्षों को रक्षा संबंधों को मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करेगा। इस अभ्यास से साझे सुरक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के अतिरिक्त अत्याधुनिक स्वदेशी रक्षा उपकरणों की क्षमताओं को दिखाने का अवसर भी मिलेगा।

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भारतीय मजदूर संघ और भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के अखिल भारतीय आवाहन पर NPS के विरोध में तथा आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग हेतु कर्मचारी आंदोलित

कानपुर 19 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारतीय मजदूर संघ और भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के अखिल भारतीय आवाहन पर दिनांक 17/01/2024 से दिनांक 19/01/2024 तक केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के अधीनस्थ विभागों के कर्मचारियों ने NPS के विरोध में तथा आठवें वेतन आयोग के गठन की मांग हेतु आंदोलन किया। जिसके अंतर्गत दो सूत्रीय मांग पर आयुध पैराशूट फैक्ट्री कानपुर के द्वार पर दिनांक 19/01/2024 को प्रातः 8 बजे से सायं 4.30 बजे तक धरना कार्यक्रम किया गया तथा संस्थान प्रमुख के द्वारा वित्त मंत्री महोदया को संबोधित ज्ञापन के माध्यम से महोदया से मांग की।
ज्ञापन में मुख्य रूप से दो मांगों को लेकर किया गया ।
1) NPS को रद्द कर OPS को बहाल करो- क्योंकि वर्ष 1 जनवरी 2004 के बाद जो केंद्र सरकार के कर्मचारी नियुक्त किए है उनको एनपीएस के दायरे में रखा गया है। जिसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं अर्थात किसी कर्मचारी को 1200 रुपए पेंशन प्राप्त हो रही गई तो किसी को 2800 रुपए प्राप्त हो रही है। यहां तक कि मिनिमम पेंशन की भी निश्चितता नही है।
2) 8वें वेतन आयोग के गठन करो- सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर 01 जनवरी 2016 को नए वेतनमान कर्मचारियों के ऊपर लागू हुए थे, इनको 10 वर्ष, 31 दिसम्बर 2025 को पूरे हो जायेगे और 01 जनवरी 2026 से नए वेतन आयोग अर्थात आठवें वेतन आयोग के वेतनमान के लिए कर्मचारी अधिकृत हो जाएंगे।
8वें वेतन आयोग से न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी होगी जिससे सरकारी कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा तथा कर्मचारियों द्वारा बेहतर जीवन शैली वहन की जा सकेगी। सेवानिवृत्त कर्मचारी महंगाई से आसानी से निपट सकेंगे। इससे न सिर्फ सरकारी कर्मचारियों बल्कि सैन्यकर्मियों और पेंशनभोगियों को भी फायदा होगा। आठवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन से कर्मचारियों के विभिन्न समूहों के वेतन के बीच असमानता खत्म हो जाएगी और उन्हें मुद्रास्फीति से निपटने में भी मदद मिलेगी।
उक्त धरने में प्रमुख रूप से यूनियन के अध्यक्ष श्री सुधीर कुमार त्रिपाठी, महामंत्री श्री वेद प्रकाश शर्मा, कार्यवाहक अध्यक्ष श्री प्रेम कुमार, उपाध्यक्ष श्री अजय कुमार जायसवाल, श्री अमरबाबू तिवारी, श्री प्रवीण कुमार यादव, मंत्री के रूप में श्री संजीव कश्यप, श्री अवधेश शुक्ला, श्री अखिलेश प्रताप सिंह, श्री जय कुमार, श्री राज कुमार विश्वकर्मा, श्री जितेन्द्र कुमार चोपड़ा, श्री रवि शंकर, श्री सचिन वर्मा, श्री सुधीर संख्वार, श्री राम नारायण, श्री संजीत सिंह, श्री दीपक यादव, श्री अमित शुक्ला, श्री वीरेन्द्र यादव सहित अन्य कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित थे।

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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी कानपुर दक्षिण द्वारा स्वच्छता अभियान कार्यक्रम संपन्न

कानपुर 17 जनवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, प्रधानमंत्री मोदी के आवाहन पर श्याम नगर में विभिन्न मंदिरों में स्वच्छता अभियान चलाया गया। मुक्तेश्वर मंदिर ,विंध्यवासिनी मंदिर,गौ माता मंदिर,हरिहर धाम,काली मठिया,गिरजेश्वर मंदिर, रामजनकी मंदिर,शिवशक्ति दुर्गा मंदिर, नारायण धाम मंदिर एलआईसी पार्क, सिद्धेश्वर मंदिर,हनुमान मंदिर सी ब्लॉक,शनिदेव मंदिर रक्षा विहार बंद गेट,हनुमान मंदिर मंगला विहार ,हनुमान मंदिर पीएसी मोड़ इत्यादि मंदिरों में बृहद स्वच्छता अभियान चलाया गया। इसी कड़ी में बाबा मुक्तेश्वर धाम मंदिर ई ब्लॉक श्याम नगर में सांसद सत्यदेव पचौरी के नेतृत्व में बद्री चरण शुक्ला के संयोजन में बृहद स्वच्छता अभियान चलाया गया एवम रंग रोगन भी किया गया। सांसद द्वारा स्वयं झाड़ू , पोछा लगाकर स्वच्छता का संदेश दिया गया और कहा कि ये सिलसिला रूकना नहीं चाहिए।

आने वाली 22 तारीख इतिहास के पन्नो में दर्ज हो रही है 500 साल बाद हमारे राम लला अयोध्या में गर्भ गृह में विराजमान हो रहे है ।ये बड़े सौभाग्य कि बात है कि हम सभी उसके साक्षी बनने जा रहे है। सांसद ने क्षेत्रीय पार्षदों को साफ सफाई के लिए नगर निगम की स्वच्छता टीम लगा कर और अभियान को गति देने के आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला मंत्री स्वच्छता अभियान के जिला संयोजक अर्जुन बेरिया,बद्री चरण शुक्ला,पार्षद नीलम उमेश शुक्ला,निर्देश चौहान,पिछड़ा मोर्चा जिलाध्यक्ष रमा कांत शर्मा,जिला महामंत्री राम बहादुर यादव, बंधु बाजपेई,एलबी सिंह पटेल ,आशीष साहू,प्रेमनाथ विश्नोई,संजय शर्मा, अश्वनी साहू,राघवेंद्र दीक्षित,चंदन सिंह,दिनेश मिश्र,गोपी पांडे,लल्लन दुबे,विपिन राजपूत,ममता राजपूत,आशा पांडे,प्रेमलता तिवारी,सोनी मौर्या,संजीव त्रिपाठी,मलखान सिंह,सागर कुमार ,सर्वेश सिसोदिया,गोविंद मिश्र,राकेश कुलश्रेष्ठ,शशांक मिश्र,नीरज रावत,इत्यादि रहे ।

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भारत और यूएई द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं: पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत और यूएई अपने द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना चाहते हैं। आज गुजरात के गांधीनगर में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 10वें संस्करण में आयोजित ‘यूएई भारत व्यापार शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने भारत-यूएई साझेदारी की बहुमुखी प्रकृति को रेखांकित किया, जिसमें अंतरिक्ष अन्वेषण, सुरक्षा, शिक्षा और जलवायु के क्षेत्र में सहयोग शामिल है।

श्री गोयल ने कहा कि दोनों देश अपनी साझेदारी को और बढ़ाने के लिए उद्योग और व्यापार क्षेत्र से नए प्रस्तावों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत यूएई व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के तहत द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा है। उन्होंने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे और रुपे को बढ़ावा देने तथा रुपये और दिरहम के बीच सीधे व्यापार को सुविधाजनक बनाने की पहल जैसे प्रमुख सहयोगों पर भी प्रकाश डाला।

द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की संभावना से खुशी प्रकट करते हुए, मंत्री ने यूएई भारत व्यापार शिखर सम्मेलन के महत्व पर जोर दिया और कहा कि यह यूएई-भारत साझेदारी द्वारा प्रदान की जाने वाली क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के असाधारण नेतृत्व की प्रशंसा की।

केंद्रीय मंत्री ने नई साझेदारियां तलाशने, अवसरों की पहचान करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की असीमित संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने 21वीं सदी के निर्णायक गठजोड़ के रूप में भारत-यूएई साझेदारी की कल्पना की, जो साझा इतिहास और आपसी प्रगति की आकांक्षाओं में निहित है।

श्री गोयल ने भारत और यूएई के बीच स्थायी मित्रता को बढ़ावा देने में अमूल्य योगदान के लिए संयुक्त अरब अमीरात के विदेश व्यापार राज्य मंत्री महामहिम डॉ. थानी बिन अहमद अल जायौदी; और डीपी वर्ल्ड ग्रुप के चेयरमैन एवं सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलेयम के प्रति आभार व्यक्त किया।

श्री गोयल ने विभिन्न क्षेत्रों में यूएई-भारत व्यापार संबंधों को मजबूत करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया और विशेष रूप से सुल्तान अहमद बिन सुलेयम के मार्गदर्शन में जेबेल अली फ्री जोन में भारत पार्क स्थापित करने की योजना का उल्लेख किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पहल से दोनों देशों के बीच और उससे आगे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के तमाम अवसर खुलेंगे, जिससे भारत की वैश्विक दृश्यता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।

केंद्रीय मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अबू धाबी चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष यूसुफ अली अब्दुलकादर के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। इस क्रम में कश्मीर में एक शॉपिंग मॉल की स्थापना जैसे भारत की विकास कहानी में किए जा रहे महत्वपूर्ण निवेशों का उल्लेख किया गया।

राष्ट्रों के बीच बढ़ते रक्षा, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, श्री गोयल ने परस्पर विकास और समृद्धि के लिए अनुकूल कारकों के रूप में संयुक्त अरब अमीरात की राजनीतिक स्थिरता, व्यापार-अनुकूल नीतियों और ढांचागत प्रगति की सराहना की।

श्री पीयूष गोयल ने फरवरी में अबू धाबी में आयोजित होने वाले डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 13 की अध्यक्षता करने के लिए डॉ. थानी के नेतृत्व की सराहना की और इसकी सफलता सुनिश्चित करने में भारत की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

भारत के जनसांख्यिकीय लाभ और इसकी युवा, आकांक्षी आबादी का हवाला देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने निवेशकों को भारत की विकास की कहानी में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जिससे देश को पर्याप्त लाभ होने और अपने 1.4 अरब लोगों के सपनों और आकांक्षाओं में योगदान करने की क्षमता पर जोर दिया गया।

मजबूत आशावाद और भविष्य के लिए साझा दृष्टिकोण के साथ अपनी बात को समाप्त करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने एक स्थायी साझेदारी बनाने के लिए भारत और यूएई की प्रतिबद्धता दोहराई जिसका दोनों देशों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।

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