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राजनीति

आर्मी बेस हॉस्पिटल ने संतुलन विकार और वर्टिगो रोगियों के लिए अत्याधुनिक वेस्टिबुलर लैब स्थापित की

दिल्ली कैंट स्थित आर्मी बेस अस्पताल ने एक समग्र वेस्टिबुलर प्रयोगशाला की स्थापना करके अपने पहले से ही उन्नत अस्पताल में एक और अत्याधुनिक उपचार प्रक्रिया को शामिल किया है। इस लैब की स्थापना के बाद संतुलन विकारों और वर्टिगों रोगियों को अत्यधिक लाभ होने की उम्मीद है। इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला का उद्घाटन 7 नवंबर, 2023 को महानिदेशक चिकित्सा सेवा (सेना) और सेना चिकित्सा कोरके कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने किया।

सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा महानिदेशक और सीनियर कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने अत्याधुनिक समग्र वेस्टिबुलर लैब की स्थापना पर बेस अस्पताल, दिल्ली कैंट की टीम को बधाई दी। लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह ने वेस्टिबुलर विकारों का पता लगाने और उनके उपचार की दिशा में क्षमता का विकास करने तथा स्वास्थ्य सेवा का विस्तार करने के मामले में अस्पताल की सफलता की कामना की।

डीजीएएफएमएस ने कहा कि प्रयोगशाला से नई उपचार पहल के साथ-साथ ईएनटी सर्जनों के प्रशिक्षण में सर्वोत्तम प्रक्रिया शुरू होगी। डीजीएमएस (सेना) लेफ्टिनेंट जनरल अरिंदम चटर्जी ने कहा कि इस सुविधा को कई एएफएमएस ईएनटी केंद्रों में उपलब्ध कराया जाना चाहिए और बहु-विषयक अनुसंधान की क्षमता को बढ़ाया जाना चाहिए।

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केन्द्र सरकार ने नवंबर 2023 के लिए सभी राज्य सरकारों को किए जाने वाले 72,961.21 करोड़ रुपये के कर हस्तांतरण को जारी करने को सामान्य तिथि यानी 10 नवंबर से तीन दिन पहले ही स्वीकृति दी

आगामी त्योहारों के सीजन को देखते हुए, केंद्र सरकार ने नवंबर 2023 के महीने के लिए राज्य सरकारों को किए जाने वाले 72,961.21 करोड़ रुपये के कर हस्तांतरण को सामान्य तिथि 10 नवंबर के बजाय 7 नवंबर 2023 को जारी करने के लिए स्वीकृति दी है।

इससे राज्य सरकारें समय पर जारी कर सकेंगी और लोग त्योहार व उत्सव मनाने में सक्षम होंगे। जारी की गई राशि का राज्य-वार ब्यौरा निम्नलिखित तालिका में दिया गया हैः

नवंबर 2023 के लिए केंद्रीय करों और शुल्कों की कुल प्राप्ति का राज्य-वार वितरण

क्र.सं. राज्य का नाम कुल (₹ करोड़)
1 आंध्र प्रदेश 2952.74
2 अरुणाचल प्रदेश 1281.93
3 असम 2282.24
4 बिहार 7338.44
5 छत्तीसगढ़ 2485.79
6 गोवा 281.63
7 गुजरात 2537.59
8 हरियाणा 797.47
9 हिमाचल प्रदेश 605.57
10 झारखंड 2412.83
11 कर्नाटक 2660.88
12 केरल 1404.50
13 मध्य प्रदेश 5727.44
14 महाराष्ट्र 4608.96
15 मणिपुर 522.41
16 मेघालय 559.61
17 मिजोरम 364.80
18 नगालैंड 415.15
19 ओडिशा 3303.69
20 पंजाब 1318.40
21 राजस्थान 4396.64
22 सिक्कम 283.10
23 तमिलनाडु 2976.10
24 तेलंगाना 1533.64
25 त्रिपुरा 516.56
26 उत्तर प्रदेश 13088.51
27 उत्तराखंड 815.71
28 पश्चिम बंगाल 5488.88
  कुल 72961.21

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शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्री डॉ. अहमद अल फलासी से भेंट की  

शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शिक्षा मंत्री माननीय डॉ. अहमद अल फलासी से भेंट की। इन दोनों ही मंत्रियों ने मौजूदा शैक्षणि‍क सहयोग को मजबूत करने के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जिससे छात्रों और संकाय के आवागमन के साथ-साथ विभिन्न अन्य पहलों में भी काफी सुविधा होगी। इसके साथ ही मंत्री महोदय ने अभिनव और परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूल ‘42 अबू धाबी’ का दौरा किया। मंत्री महोदय संयुक्त अरब अमीरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरे से शिक्षा और कौशल क्षेत्र में आपसी हित वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग, भागीदारी और सामंजस्‍य को काफी बढ़ावा मिलेगा।

यूएई के शिक्षा मंत्री के साथ बैठक के दौरान, प्रधान ने कहा कि यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉटस्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट है, इस लिहाज से दोनों देशों को अपने सभ्यतागत जुड़ावों को मजबूत करने के लिए एक ज्ञान सेतु निर्मित करने हेतु साथ मिलकर काम करना चाहिए।

दोनों मंत्रियों ने शिक्षा और कौशल विकास में द्विपक्षीय गतिविधियों की समीक्षा की। विशेष रूप से जी-20 इंडिया के हिस्से के रूप में चौथी ईडीडब्ल्यूजी के दौरान अलग से हुई आपसी बैठक के दौरान जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई थी, उनकी प्रगति की समीक्षा हुई। उन्होंने शैक्षणिक और कौशल योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता, यूएई में भारतीय संस्थानों की मान्यता के लिहाज से हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और इस क्षेत्र में निरंतर काम करने की ज़रूरत बताई। दोनों मंत्रियों ने संस्थागत तंत्रों को सुदृढ़ करने और छात्रों तथा कार्यबल की सुगम गतिशीलता के लिए प्रक्रियाओं में तेजी लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। धर्मेंद्र प्रधान ने यूएई में भारतीय पाठ्यक्रम का पालन करने वाले स्कूलों को समर्थन देने के लिए डॉ. अहमद बेलहौल को धन्यवाद दिया। साथ ही, भारत और यूएई के बीच छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों को सुगम करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई

बैठक के दौरान, मंत्रियों ने एक महत्वपूर्ण सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। सहमति पत्र का उद्देश्य, छात्र और संकाय के आवागमन; संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम; पाठ्यक्रम डिजाइन करना; सम्मेलनों, व्याख्यानों, संगोष्ठियों, पाठ्यक्रमों, दोनों देशों के आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रों में वैज्ञानिक और शैक्षिक प्रदर्शनियों का आयोजन और भागीदारी; आदि की सुविधा प्रदान करके दोनों देशों में शैक्षणिक संस्थानों के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग को मजबूत करना है।

यह निम्नलिखित क्षेत्रों में सूचनाओं के आदान-प्रदान की भी सुविधा प्रदान करेगा:

• दोनों देशों के सामान्य और उच्च शिक्षा में विनियम, कानूनी संरचनाएं और सर्वोत्तम तौर-तरीके।

• दोनों देशों के बीच योग्यता की पारस्परिक मान्यता को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय योग्यता फ्रेमवर्क सहित सामान्य और उच्च शिक्षा के लिए फ्रेमवर्क और नीतियां।

• प्रतिभाशाली कौशल विकास, परामर्श और कल्याण के क्षेत्रों में फ्रेमवर्क व नीतियां।

• दोहरी व्यवस्था, संयुक्त डिग्री और दोहरी डिग्री कार्यक्रमों की पेशकश के लिए दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग की सुविधा।

• इस सहमति पत्र के तहत तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी) शिक्षण कर्मियों के क्षमता-विकास के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना की गई है।

• सहमति पत्र एक संयुक्त कार्यसमूह के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा, जिसकी अध्यक्षता भारत और संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि करेंगे। इस सहमति पत्र के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए संयुक्त कार्यसमूह (जेडब्लूजी) वर्ष में कम से कम एक बार बारी-बारी से बैठक आयोजित करेगा।

श्री प्रधान ने 42 अबू धाबी का भी दौरा किया, जोकि एक कोडिंग स्कूल है। यह स्कूल प्रोजेक्ट-आधारित और गेमिफाइड पाठ्यक्रम के माध्यम से नवाचार, रचनात्मकता एवं एक सहकर्मी-से-दूसरे सहकर्मी के सीखने की प्रक्रिया को प्रोत्साहित करने पर गहराई से ध्यान केन्द्रित करता है। श्री प्रधान ने कहा कि, 42 अबू धाबी जीसीसी में अपनी तरह का पहला स्कूल है और इसके द्वारा तकनीकी रूप से समर्थ भविष्य के दृष्टिकोण को साकार करने के क्रम में शिक्षा की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने पर दिया जाने वाला जोर बेहद प्रशंसनीय है। पूरे वर्ष 24/7 खुला रहने वाला, यह स्कूल शिक्षार्थियों को अपनी दिनचर्या के अनुसार सीखने और कमाने के प्रति पर्याप्त लचीलापन दर्शाता है। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि एनईपी 2020 में भी लचीलापन और कमाई के साथ सीखने को लेकर प्रमुख रूप से सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रगतिशील तरीकों का समावेश करके भारत के प्रतिभाशाली युवाओं और श्रमशक्ति को सशक्त बनाना ही आगे की राह है।

प्रधान ने अबू धाबी इंडियन स्कूल (एडीआईएस) में छात्रों और शिक्षकों के साथ सार्थक चर्चा की। प्रधान ने कहा कि अबू धाबी में भारतीय समुदाय के सबसे बड़े स्कूलों में से एक, एडीआईएस भारतीय छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन कर रहा है और उन्हें भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात, दोनों देशों की संस्कृति, मूल्यों एवं लोकाचार से ओतप्रोत कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये छात्र भविष्य के वैश्विक नागरिक और भारत एवं इसके सभ्यतागत लोकाचार के दूत हैं।

बाद में शाम को, केन्द्रीय मंत्री ने उड़िया समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत की। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

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भारतीय रेल 16 नवंबर को दिल्ली से पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भारत गौरव ट्रेन टूर का संचालन करेगी

रेल मंत्रालय, भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) लिमिटेड के साथ एक सहयोगात्मक पहल में, पूर्वोत्तर राज्यों के संबंध में अनछुए स्थानों को बढ़ावा देने के लिए “नॉर्थ ईस्ट डिस्कवरी” टूर संचालित कर रहा है। भारत गौरव डीलक्स वातानुकूलित पर्यटक ट्रेन पर विशेष रूप से आयोजित किए जाने वाला यह टूर 16 नवंबर, 2023 को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से अपनी यात्रा शुरू करेगा। इस टूर में असम के गुवाहाटी, शिवसागर, जोरहाट और काजीरंगा, त्रिपुरा के उनाकोटि, अगरतला और उदयपुर, नागालैंड के कोहिमा और दीमापुर तथा मेघालय के शिलांग और चेरापूंजी शहर शामिल हैं, जिनका 15 दिनों के दौरे में भ्रमण किया जाएगा।

भारत गौरव डीलक्स वातानुकूलित पर्यटक ट्रेन में दो डाइनिंग कार/रेस्तरां, एक समकालीन रसोईघर (फ्लेमलेस), एसी I और एसी II कोचों में शॉवर क्यूबिकल, सेंसर-आधारित वॉशरूम फ़ंक्शन, फुट मसाजर और एक मिनी लाइब्रेरी सहित अनेक आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। पूरी तरह से वातानुकूलित इस ट्रेन में एसी I, एसी II और एसी III तीन प्रकार की आवास सुविधा उपलब्ध हैं। ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे, इलेक्ट्रॉनिक तिजोरियां और प्रत्येक कोच के लिए नियुक्त किए गए समर्पित सुरक्षा गार्ड जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।

14 रातों और 15 दिनों के इस टूर के लिए चलने वाली इस ट्रेन का पहला पड़ाव गुवाहाटी है जहां पर्यटक कामाख्या मंदिर और उसके बाद उमानंद मंदिर तथा ब्रह्मपुत्र नदी में सूर्यास्त क्रूज का भ्रमण करेंगे। इसके बाद यह ट्रेन रात्रिकालीन यात्रा पर नाहरलागुन रेलवे स्टेशन के लिए रवाना होगी जो अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। यात्रा का अगला पड़ाव शहर शिवसागर है- जो असम के पूर्वी हिस्से स्थित है और अहोम साम्राज्य की पुरानी राजधानी है। यहां के प्रसिद्ध शिव मंदिर सिवाडोल के साथ-साथ तलातल घर और रंग घर (पूर्व का कोलोसियम) जैसे अन्य विरासत स्थलों की यात्रा भी इस कार्यक्रम का हिस्सा है। इसके अलावा पर्यटकों को जोरहाट में चाय के बागानों और काजीरंगा में रात भर रुकने के साथ-साथ काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में सुबह की जंगल सफारी का अनुभव भी कराया जाएगा। इसके बाद यह ट्रेन त्रिपुरा राज्य के लिए प्रस्थान करेगी, जहां मेहमानों को सघन जम्पुई पहाड़ियों में प्रसिद्ध विरासत स्थल उनाकोटि के दर्शनीय स्थलों की यात्रा कराई जाएगी। इसके बाद वे राजधानी अगरतला के लिए आगे बढ़ेगें, जहां की यात्रा में उन्हें प्रसिद्ध उज्जयंता पैलेस, नीरमहल और उदयपुर में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर की यात्रा कराई जाएगी।

त्रिपुरा के बाद, यह ट्रेन नागालैंड राज्य को कवर करने के लिए दीमापुर के लिए प्रस्थान करेगी। बदरपुर स्टेशन से लुमडिंग जंक्शन के बीच की प्राकृति सौंदर्य से भरी इस सुंदर ट्रेन यात्रा का मेहमान सुबह के शुरुआती घंटों में अपनी सीटों से ही लुत्फ उठा सकते हैं। दीमापुर स्टेशन से पर्यटकों को बसों द्वारा कोहिमा ले जाया जाएगा जहां वे नागा जीवन शैली का अनुभव करने के लिए खोनोमा गांव का भ्रमण करने सहित अन्य स्थानीय स्थलों का भी अवलोकन करेंगे। इस पर्यटक ट्रेन का अगला पड़ाव गुवाहाटी होगा जहां से पर्यटकों को सड़क मार्ग से मेघालय की राजधानी शिलांग ले जाया जाएगा और उनका रास्ते में राजसी उमियम झील पर रुकने का कार्यक्रम है। अगले दिन की शुरुआत पूर्वी खासी पहाड़ियों में बसे चेरापूंजी की यात्रा से होगी। जहां पर्यटक शिलांग पीक, एलिफेंट फॉल्स, नवाखलिकाई फॉल्स और मावसमाई गुफाओं जैसे दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करेंगे। चेरापूंजी से पर्यटक वापसी यात्रा में दिल्ली वापस लौटने के लिए गुवाहाटी स्टेशन पर ट्रेन में सवार होंगे। इस यात्रा के दौरान यह ट्रेन लगभग 5800 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

यह उल्लेखनीय है कि भारत गौरव पर्यटक ट्रेन का शुभारंभ घरेलू पर्यटन को बढावा देने के लिए भारत सरकार की पहल “एक भारत श्रेष्ठ भारत” और “देखो अपना देश” के अनुरूप है। आईआरसीटीसी पर्यटक ट्रेन का यह 15 दिनों का सर्व-समावेशी टूर पैकेज होगा, जिसमें संबंधित श्रेणी में ट्रेन यात्रा, वातानुकूलित होटलों में रात्रि प्रवास, सभी भोजन (केवल शाकाहारी), बसों में सभी स्थानांतरण और दर्शनीय स्थलों की सैर, यात्रा बीमा, टूर एस्कॉर्ट की सेवाएं शामिल होंगी। इसके अलावा इसमें सभी आवश्यक स्वास्थ्य निवारक उपायों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और आईआरसीटीसी मेहमानों को एक सुरक्षित और यादगार अनुभव प्रदान करने का पूरा प्रयास करेगा।

अधिक जानकारी के लिए आप https://www.irctctourism.com/bharatgaurav पर जा सकते हैं, जहां बुकिंग ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर ऑनलाइन उपलब्ध है।

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भारतीय रेलवे ने अक्टूबर 2023 तक 887.24 मीट्रिक टन माल की ढुलाई की

अप्रैल-अक्टूबर 2023 से संचयी आधार पर, भारतीय रेलवे द्वारा 887.25 मीट्रिक टन की माल ढुलाई हासिल की गई, जबकि पिछले साल की माल ढुलाई 855.64 मीट्रिक टन थी। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 31.61 मीट्रिक टन का सुधार है। रेलवे ने पिछले वर्ष की तुलना में 92345.27 करोड़ रुपये की तुलना में 95929.30 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 3584.03 करोड़ रुपये अधिक हैं।

अक्टूबर 2023 के दौरान, अक्टूबर 2022 में 118.95 मीट्रिक टन के लदान की तुलना में, 129.03 मीट्रिक टन की प्रारंभिक माल ढुलाई की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.47 प्रतिशत का सुधार है। अक्टूबर 2022 में 13353.81 करोड़ रुपये की माल ढुलाई आय की तुलना में, अक्टूबर 2023 में 14231.05 करोड़ रुपये का माल ढुलाई राजस्व हासिल किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 6.57 प्रतिशत का सुधार है।

भारतीय रेल ने, अक्टूबर 2023 के दौरान, कोयला 64.82 मिलियन टन, लौह अयस्क 14.81 मिलियन टन,  कच्‍चा लोहा और फिनिश्ड स्टील 5.74 मिलियन टन, सीमेंट (इएक्‍ससीएल़. क्लिंकर) 6.32 मिलियन टन , क्लिंकर 4.77 मिलियन टन , खाद्यान्न 3.62 मिलियन टन, उर्वरक 5.72 मिलियन टन, खनिज तेल 4.35 मिलियन टन, कंटेनर 7.15 मिलियन टन और शेष अन्य वस्तुओं में 8.55 मिलियन टन माल ढुलाई की।

“हंगरी फॉर कार्गो” मंत्र का पालन करते हुए, भारतीय रेलवे ने व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवा देने में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किया है। ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण और चुस्त नीति निर्माण द्वारा समर्थित व्यवसाय विकास इकाइयों के काम ने रेलवे को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर बढ़ने में मदद की।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कानपुर में संबोधन

सीएम योगी आदित्यनाथ ने 84 परियोजनाओं का लोकार्पण किया

बेटियों की शादी के लिए सरकार पैसे दे रही- सीएम योगी

डबल इंजन सरकार में बेटियों को हर सुविधा- सीएम योगी

बस्ता, किताब और ड्रेस सबकुछ मुफ्त – सीएम योगी

अब विकास में किसी के साथ भेदभाव नहीं- सीएम योगी

लोगों को मुफ्त गैस सिलेंडर दे रहे हैं – सीएम योगी

हर घर को नल से जल पहुंचा रहे हैं – सीएम योगी।।

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कानपुर की पहचान थे विधार्थी जी

कानपुर 26 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, औद्योगिक नगरी कानपुर की पहचान में चार चांद लगाने वाले पत्रकारिता शिरोमणि गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंती पर आज उन्हें याद किया गया। मुरारीलाल पुरी सामाजिक सेवा संस्थान के बैनर तले परेड कार्यालय में आज जयंती पर एक सभा आयोजित की गयी । विद्यार्थी जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि विद्यार्थी जी कानपुर की पहचान ही नहीं थे बल्कि गंगा जमुना सभ्यता के प्रतीक थे । समाजसेवी भारतेंदु पुरी के मुताबिक विद्यार्थी जी ने अंग्रेज़ सरकार के खिलाफ अपनी कलम से आम जनमानस में क्रांति लाने का काम किया था । डॉ संजय भारती और अधिवक्ता मोहित गुप्ता के मुताबिक विद्यार्थी का जीवन हम सभी के प्रेरणा स्रोत है और युवा पीढ़ी को उससे कुछ सीखने की जरूरत है । समाज सेवी अनिल थापा और जितेंद्र मिश्रा ने गणेश शंकर विद्यार्थी जी के बताएं मार्गों परचने का संकल्प लिया । अरुण पाण्डेय और अतुल सक्सेना के मुताबिक विद्यार्थी जी कलम के तो धनी थे ही साथ ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी के माध्यम से समाज सेवा का भी काम किया जो हम सबके लिए अनुकरणीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शिक्षक एवं साहित्यकार डॉ सुधांशु त्रिपाठी के मुताबिक प्रताप शताब्दी समारोह का आयोजन पूरे वर्ष हुआ जिससे नई पीढ़ी को विद्यार्थी जी के विचारों से रूबरू होने का मौका मिला। मोहम्मद मूर्तजा , संजय मिश्रा , विजय गुप्ता , pradeep पाण्डेय और सुनील साहू ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन कवि मुकेश श्रीवास्तव ने किया । इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे

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अंतरिक्ष क्षेत्र के “अनशेकलिंग” से स्टार्टअप में तेजी आई हैः डॉ. जितेंद्र सिंह

केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी; पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज हैदराबाद में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को “मुक्त” करने से स्टार्टअप में तेजी आई है। इसके परिणामस्वरूप, बहुत ही कम समय में लगभग चार वर्षों में, स्पेस स्टार्टअप्स की संख्या मात्र एक अंक से बढ़कर 150 से अधिक हो गई है, जिसमें “स्काईरूट” जैसे स्टार्टअप प्रमुख उद्यमियों के रूप में परिवर्तित हो चुके हैं।

हैदराबाद में 60,000 वर्ग फुट के परिसर में स्काईरूट की सबसे बड़ी रॉकेट फैक्ट्री का दौरा करने के बाद डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट न केवल भारत की उत्कृष्ट प्रतिभा और वैज्ञानिक कौशल का बेहतरीन उदाहरण है, बल्कि यह हम सभी के लिए यह संदेश भी है कि प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने से पहले भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए खोलने की संभावनाएं निष्क्रिय पड़ी थीं।

“स्काईरूट एयरोस्पेस” पहला अंतरिक्ष स्टार्टअप था जिसने तीन साल पहले अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों के लिए खोल दिए जाने के बाद पिछले साल श्रीहरिकोटा में इसरो स्टेशन से एक निजी रॉकेट लॉन्च किया था। आईआईटी से उत्तीर्ण दो प्रमुख विशेषज्ञों पवन और भरत के नेतृत्व में अत्याधुनिक तकनीक के साथ भारत की सबसे बड़ी रॉकेट विकास सुविधा स्थापित की गयी है। यह मांग पर आधारित लागत के अनुरूप रॉकेट विकसित करने की क्षमता रखता है।

अमृतकाल और प्रधानमंत्री के “इंडिया@2047” के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में अंतरिक्ष क्षेत्र के साथ कुछ ऐसे क्षेत्रों से आने वाले है जिनकी संभावनाएं अभी नहीं खोजी गई हैं, उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण योगदान देने जा रही है। जब स्वतंत्र भारत अपना 100वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा तो वह दुनिया का अग्रणी राष्ट्र होगा।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री  मोदी के कुशल नेतृत्व के कारण पिछले 9 वर्षों में देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के हर क्षेत्र में तेजी से उन्नति की है।”

स्काईरूट एक ही छत के नीचे भारत की सबसे बड़ी निजी रॉकेट विकास सुविधा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्काईरूट के विक्रम-1 कक्षीय रॉकेट का भी अनावरण किया। भारतीय निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक और मील का पत्थर है। आशा है कि विक्रम-1 भारत के लिए महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि देश ने 2020 में एक ऐतिहासिक सुधार के अंतर्गत अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमियों के लिए खोल दिया था।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि स्काईरूट की सफलता भारत की उन विशाल युवा प्रतिभाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो विशेष रूप से अंतरिक्ष, बायोटेक, कृषि और ऊर्जा सहित नए और उभरते क्षेत्रों में अपने स्टार्टअप उद्यम स्थापित करने की इच्छुक हैं।”

मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को देश की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार क्षमताओं के लिए वैश्विक पहचान बनाने में सक्षम किया है और आज हमारे स्टार्टअप की बहुत मांग है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो के पहले अध्यक्ष और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक जनक डॉ. विक्रम साराभाई ने इसरो को “राष्ट्रीय स्तर पर” सार्थक भूमिका निभाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के नौ वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की युवा प्रतिभाओं को नये आयाम और संभावनाओं को नये पंख दिये। यह इसरो की राष्ट्रीय स्तर पर सार्थक भूमिका निभाने की पुष्टि भी करता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के अंतरिक्ष मिशन मानव संसाधन और कौशल पर आधारित लागत के अनुरूप डिज़ाइन किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि “अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन” वैज्ञानिक अनुसंधान में एक बड़े सार्वजनिक निजी भागीदारी प्रारूप के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा और हमें नये क्षेत्रों में नवीन अनुसंधान का नेतृत्व करने वाले चुनिंदा विकसित देशों की श्रेणी में शामिल कर देगा।

उन्होंने कहा कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) बजट में पांच वर्षों में 50,000 करोड़, रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा 70 प्रतिशत से अधिक यानी 36,000 करोड़ रुपये गैर-सरकारी स्रोतों, उद्योगों, जनहितैषियों और घरेलू तथा बाहरी स्रोतों से आने का अनुमान है।

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भारतीय रेलवे ने इस त्योहारी मौसम के दौरान यात्रियों की सुगम और आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए 283 विशेष रेल सेवाओं को अधिसूचित किया है

भारतीय रेलवे इस समय चल रहे वर्तमान त्योहारी मौसम में रेल यात्रियों की सुविधा के लिए और यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को कम करने के लिए, इस वर्ष छठ पूजा तक 283 विशेष रेल सेवाओं की 4480 फेरे संचालित कर रहा है। दिल्ली-पटना, दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा, दानापुर-सहरसा, दानापुर-बेंगलुरु, अंबाला-सहरसा, मुजफ्फरपुर-यशवंतपुर, पुरी-पटना, ओखा- नाहरलागुन, सियालदह-न्यू जलपाईगुड़ी, कोचुवेली-बेंगलुरु, बनारस-मुंबई, हावड़ा-रक्सौल आदि जैसे रेलवे मार्गों पर देश भर के प्रमुख स्थलों को जोड़ने के लिए विशेष ट्रेनों की योजना बनाई गई है। वर्ष 2022 के दौरान, भारतीय रेलवे ने 216 पूजा स्पेशल रेलगाड़ियों के 2614 फेरे अधिसूचित किए थे।

 

                        अधिसूचित पूजा/दिवाली/छठ विशेष रेलगाड़ियां -2023 (19.10.23 तक)
क्रम संख्या रेलवे अधिसूचित विशेष रेलगाड़ियों की संख्या अधिसूचित फेरों की कुल संख्या
1 मध्य रेलवे 14 100
2 पूर्व मध्य रेलवे 42 512
3 पूर्व तटीय रेलवे 12 308
4 पूर्वी रेलवे 8 42
5 उत्तर रेलवे 34 228
6 पूर्वोत्तर रेलवे 4 26
7 पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे 22 241
8 उत्तर पश्चिम रेलवे 24 1208
9 दक्षिण रेलवे 10 58
10 दक्षिण पूर्वी रेलवे 8 64
11 दक्षिण मध्य रेलवे 58 404
12 दक्षिण पश्चिम रेलवे 11 27
13  पश्चिम रेलवे 36 1262
  कुल योग 283 4480

 

अनारक्षित यानों में यात्रियों के व्यवस्थित प्रवेश के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कर्मचारियों की देखरेख में टर्मिनस स्टेशनों पर कतार बनाकर भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं।

यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर अतिरिक्त रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) जवानों को तैनात किया गया है। रेलगाड़ियों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर अधिकारियों को आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात किया गया है। रेल सेवा में किसी भी व्यवधान को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने के लिए विभिन्न अनुभागों में कर्मचारियों को तैनात किया गया है।

प्लेटफॉर्म नंबरों के साथ रेलगाड़ियों के आगमन/प्रस्थान की लगातार और समय पर घोषणा के लिए उचित उपाय किए गए हैं।

महत्वपूर्ण स्टेशनों पर “मे आई हेल्प यू” यानी मैं आपकी क्या सहायता कर सकता हूँ जैसे बूथ चालू रखे गए हैं जहां यात्रियों की उचित सहायता और मार्गदर्शन के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) कार्मियों और चल टिकट निरीक्षकों (टीटीई) को तैनात किया गया है। चिकित्सा टीमें कॉल पर प्रमुख स्टेशनों पर उपलब्ध हैं। पैरामेडिकल टीम के साथ एम्बुलेंस भी उपलब्ध है।

सुरक्षा एवं सतर्कता विभाग के कर्मचारियों द्वारा किसी भी कदाचार पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। विशेष रूप से प्रतीक्षलय, विश्राम गृह, प्लेटफॉर्म और सामान्य तौर पर स्टेशनों पर सफाई बनाए रखने के निर्देश क्षेत्रीय मुख्यालय द्वारा दिए गए हैं।

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भविष्य के लिए तैयार भारतीय सेना का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से आज सेना के कमांडरों का सम्मेलन संपन्न हुआ

2023 के लिए आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस का दूसरा संस्करण 16 से 20 अक्टूबर, 2023 के बीच हाइब्रिड मोड में संपन्न हुआ। वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्तमान घटनाक्रम के संदर्भ में सुरक्षा संबंधी व्यापक पहलुओं पर चर्चा की।

माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 18 अक्टूबर, 2023 को भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को संबोधित किया। इस अवसर पर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस)जनरल अनिल चौहान, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (सीओएएस) जनरल मनोज पांडेऔर चीफ ऑफ एयर स्टाफ (सीएएस) एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने भी संबोधन दिया।

माननीय रक्षा मंत्री ने अप्रत्याशित की उम्मीद करते हुए हमेशा तत्पर रहने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए मध्य पूर्व में चल रहे भू-राजनीतिक संकट और संघर्ष से सबक लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने टिप्पणी की कि ताकत में असमानता की गलत व्याख्या करने और प्रतिद्वंद्वी को कम आंकने की प्रवृत्ति किसी भी संघर्ष में जीत या हार के बीच की निर्णायक रेखा होगी।

सीडीएस ने बदलते प्रतिमान के अनुकूल राष्ट्रीय सुरक्षा के ढांचे और सैन्य मामलों में क्रांति की आवश्यकता को स्पष्ट किया। सीओएएस ने वर्तमान में जारी बदलाव की प्रक्रिया में उत्साहपूर्ण भागीदारी के लिए सेना की सराहना की। उन्होंने वरिष्ठ नेतृत्व से परिवर्तन की इस प्रक्रिया को जारी रखने का भी आह्वान किया। सीएएस ने परिचालन पहलुओं पर बात की और अधिकतम परिचालन परिणामों के लिए सेवाओं के बीच तालमेल के महत्व पर जोर दिया।

शीर्ष नेतृत्व ने वर्तमान/उभरते सुरक्षा परिदृश्यों पर विचारकिया और भारतीय सेना की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने संगठनात्मक संरचनाओं और बदलती प्रशिक्षण व्यवस्थाओं के मूलभूत पहलुओं पर भी गहराई से चर्चा की।

इस अवसर पर भारतीय सेना के लिए जरूरी सबक लेने के उद्देश्य से सैन्य नेतृत्व द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-हमास संघर्ष सहित भू-रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई।

सिक्किम में हाल ही में आई ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लड (जीएलओएफ) और उसके परिणामस्वरूप हुए नुकसान और तैयारियों की स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया गया। बचाव, राहत और संचार संबंधी बुनियादी ढांचे की त्वरित बहाली के लिए सरकार की सभी एजेंसियों के बीच तालमेल पर चर्चा हुई। साथ ही, इसी तरह की आपात स्थितियों में बेहतर प्रतिक्रिया के उद्देश्य से तंत्र स्थापित करने पर भी विचार-विमर्श किया गया।

‘राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का दोहन’विषय पर अपनी बातचीत के दौरान, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार श्री अजय कुमार सूद ने भविष्य के युद्ध पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव के बारे में बात की। उन्होंने क्वांटम कंप्यूटिंग में प्रगति, साइबर खतरों को कम करने और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास पर जोर दिया।

शीर्ष स्तर के इस कार्यक्रम से रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों और वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व को विचार-मंथन करने और कई पहलों को आगे बढ़ाने का अवसर भी मिला। बातचीत के माध्यम से शॉर्ट सर्विस कमीशन को और अधिक आकर्षक बनाने, सभी आंतरिक परीक्षाओं को ‘ऑनलाइन’ मोड में आयोजित करने और बुजुर्ग सैनिकों की चिंताओं को दूर करने का तंत्र तैयार करने जैसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाले गए।

इसके अलावा, सैन्य नेतृत्व ने डिजिटलीकरण और स्वचालन पहल सहित नए युग में भारतीय सेना के लिए प्रशिक्षण के तौर तरीकों और उसके स्वरूप पर विचार-विमर्श किया, ताकि खतरों और संघर्षों के उभरतेस्वरूपों के अनुरूप सेना को “भविष्य के लिए तैयार” बनाया जा सके।

भारतीय सेना के बदलाव की दिशा में जारी प्रक्रिया के अनुरूप संचालन, प्रशिक्षण, रसद और अन्य क्षेत्रों से जुड़ी एक ठोस नीति तैयार करने के लिए वरिष्ठ कमांडरों के विचार लिए गए। वैचारिक स्तर पर चर्चा की गई,जिससे भविष्य के लिए महत्वपूर्ण नीतियों के निर्माण का

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