जीआई पैवेलियन में हर आयु वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए कृषि, खाद्य से लेकर हस्तशिल्प और हथकरघा तक से संबंधित 200 से ज्यादा विशेष भौगोलिक संकेतक (जीआई) उत्पादों के साथ 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 600 से अधिक कारीगरों की भागीदारी देखी जा रही है। जीआई उत्पादों में खास तरह की विशेषताएं होती हैं और उनमें भौगोलिक उत्पत्ति से जुड़े गुण मौजूद होते हैं।
इसमें विभिन्न जनजातियों के कारीगरों और महिला उद्यमियों को अपनी कला की प्रस्तुति के लिए केंद्रीय मंच उपलब्ध कराया गया है। भारी जोश के साथ कारीगरों की भागीदारी इस जीआई पैवेलियन को सांस्कृतिक आदान-प्रदान और व्यापार के अवसरों का संगम का रूप दे रही है।
पैवेलियन में, पद्म श्री और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं के द्वारा गोंड पेंटिंग, वर्ली पेंटिंग, पिथोरा पेंटिंग, शैम्फी लैंफी, संदुर लंबानी कढ़ाई, ओडिशा पट्टचित्रा इत्यादि जैसी पारंपरिक कलाकृतियों का जीवंत प्रदर्शन और चित्रण आगंतुकों को भारत की समृद्ध पारंपरिक और सांस्कृतिक आत्मा का अनुभव देता है।
युवा प्रतिभागियों के लिए दिन का लुत्फ देने के उद्देश्य से, पैवेलियन ने शारीरिक और डिजिटल गतिविधि के संयोजन के साथ किड्स प्ले जोन भी तैयार किया गया है।