कानपुर 17 अगस्त, 2024 (सू0वि0)*
प्रधानाचार्य राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पाण्डु नगर कानपुर ने बताया कि प्रदेश के राजकीय/निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में शैक्षणिक सत्र अगस्त 2024 हेतु प्रवेश प्रक्रिया अन्तिम तिथि 16 अगस्त, 2024 तक निर्धारित थी, को राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद अलीगंज लखनऊ द्वारा जनहित में पुनरीक्षित कर प्रवेश की अंतिम तिथि दिनांक 20 अगस्त, 2024 रात्रि 12ः00 तक (अवकाश सहित) विस्तारित किया गया है। अतः प्रथम चरण चयन परिणाम में चयनित अभ्यर्थी जिनके द्वारा निर्धारित समयावधि में प्रवेश नहीं लिया गया है, वे अभ्यर्थी अब दिनांक 20 अगस्त, 2024 तक प्रवेश ले सकते हैं।
राजनीति
महानिदेशक प्रान्तीय रक्षक दल/विकास दल एवं युवा कल्याण उ0प्र0 ने जनपद कानपुर नगर में 28वें युवा उत्सव 2024 के आयोजन हेतु दिशा- निर्देश जारी किए
कानपुर नगर (सू0वि0)* मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन ने बताया कि महानिदेशक प्रान्तीय रक्षक दल/विकास दल एवं युवा कल्याण उ0प्र0 के द्वारा जनपद कानपुर नगर में 28वें युवा उत्सव 2024 के आयोजन हेतु दिशा- निर्देश दिये गये है।
राष्ट्रीय युवा उत्सव- 2024 हेतु युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों को Innovation in Science and Technology की थीम आवंटित की गयी है। जिसमें निम्न प्रतियोगिताओं का आयोजन जनपद स्तर से लेकर राज्य स्तर तक किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि थीमेटिक अवयव के अन्तर्गत प्रतिभागियों द्वारा Innovation in Science and Technology की थीम पर आधारित प्रोजेक्ट का प्रदर्शन किया जायेगा, जिसमें एकल एवं समूह दोनों अलग-अलग रूप में प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।
सांस्कृतिक अवयव के अन्तर्गत 04 प्रतियोगिताओं Group Folk Dance, Group Folk Song, Solo Folk Dance, Solo Folk Song का आयोजन जनपद से राज्य स्तर पर कराया जायेगा। इसके अतिरिक्त जीवन कौशल अवयव के अन्तर्गत 04 प्रतियोगिताओं Story Writing, Poetry, Declamation, Painting का आयोजन जनपद स्तर से लेकर राज्य स्तर तक किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि युवा उत्सव 2024 के आयोजन के सम्बन्ध में भारत सरकार की गाईड लाइन के अनुसार प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की आयु 12 जनवरी, 2025 को 15 वर्ष से 29 वर्ष होनी अनिवार्य है एवं जनपद स्तर पर विजेता प्रतिभागी मण्डल स्तर पर प्रतिभाग करेंगें। जनपद स्तर के युवा उत्सव का आयोजन माह सितम्बर, 2024 में कराया जाना प्रस्तावित है।
उन्होंने बताया कि जनपद में आयोजित होने वाले युवा उत्सव में आयोजित होने वाली विधाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार अपने स्तर से कराकर अधिक से अधिक युवाओं की प्रतिभागिता आपसे अपेक्षित है। युवा उत्सव में प्रतिभागिता हेतु प्रतिभागियों के आवेदन दिनांक 10 सितम्बर, 2024 तक कार्यालय जिला युवा कल्याण एवं प्रा०वि०द० अधिकारी, विकास भवन, कानपुर नगर अथवा dywokanpurnagar@gmail.com पर प्रेषित कराना सुनिश्चित करें। जिससे कि इच्छुक प्रतिभागी जनपद स्तरीय युवा उत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग कर सकें।
डा० अफ़रोज़ अहमद, सदस्य/न्यायाधीश राष्ट्रीय हरित अधिकरण,प्रधान न्यायपीठ की अध्यक्षता में आज सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में जिला पर्यावरण समिति की समीक्षा बैठक संपन्न
डा० अफ़रोज़ अहमद, सदस्य/न्यायाधीश मां० राष्ट्रीय हरित अधिकरण,प्रधान न्यायपीठ, नई दिल्ली की अध्यक्षता में आज सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में जिला पर्यावरण समिति की समीक्षा बैठक संपन्न हुई।बै ठक में क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पॉवर प्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया गया। अध्यक्ष द्वारा जिला पर्यावरण समिति की बैठक में उपस्थित समस्त संबंधित विभागों के अधिकारियों को निम्नलिखित निर्देश दिए:-
* नगर आयुक्त नगर निगम यह सुनिश्चित करे कि c&d waste, कंटामिनेटेड वेस्ट एवं legacy waste का निस्तारण उचित प्रकार से हो।
* मेट्रो निर्माण के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग रवेंसिंग सिस्टम का कार्य कराया जाए ।
* नगरीय क्षेत्र में नगर निगम तथा ग्रामीण क्षेत्रों में नगर पंचायतों से निकलें वाले कूड़े का उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाए।
* वन विभाग यह सुनिश्चित करे कि प्राथमिक विद्यालयों में अधिक से अधिक वृक्षारोपण कराया जाए तथा बाल वन निर्मित किए जाने हेतु कॉलेजों तथा विश्विद्यालयों में जागरूकता कार्य्रकम आयोजित किए जाए ।
* चिकित्सा विभाग यह सुनिश्चित करे कि etp/stp तथा bio medical waste की निगरानी एवं निस्तारण उचित प्रकार से कराया जाए ।
* E वेस्ट के उचित निस्तारण हेतु e waste recyclers की निगरानी की जाय तथा ई वेस्ट जनित करने वाले उद्योगों द्वारा स्वयं निस्तारण की व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए।
* यातायात विभाग द्वारा शहर में ध्वनि प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाए ।
* जल निगम द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए की शहर के शेष अनटैप्ड नालों को टैप किए जाने हेतु शीघ्र DPR प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें ।
* प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जाजमऊ क्षेत्र के भूगर्भ जल का नमूना लेकर लखनऊ स्थित प्रयोगशाला से टेस्ट कराना सुनिश्चित किया जाए ।
* नमामि गंगे २० एमएलडी CETP प्लांट एवं ३० एमएलडी panka STP plant में वृक्षारोपण करवाए।
* परियोजना प्रबंधक उत्तर प्रदेश जल निगम को निर्देशित करते हुए कहा कि सीवेज प्रबंधन हेतु समस्त एसटीपी का संचालन पूर्ण क्षमता एवम् नियमानुसार किया जाए ।
जिला वन अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि वेटलैंड एरिया में जियो टैगिंग के साथ पिलर्स लगाना सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, नगर आयुक्त सुधीर कुमार , उपध्यक्ष, केडीए,क्षेत्रीय अधिकारी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,पर्यावरण अभियंता,पर्यावरण अभियंता, उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , मुख्य चिकित्सा अधिकारी, यूपी जलनिगम(नगरीय), परियोजना प्रबंधक यूपी जलनिगम(ग्रामीण) समेत अन्य संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
Read More »छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस आयोजित
कानपुर 14 अगस्त, (सू0वि0)* विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के आडिटोरियम में किया गया।
इस अवसर पर अतिथिगणों द्वारा ऑडिटोरियम परिसर में विभाजन विभीषिका से सम्बन्धित लगायी गयी अभिलेख प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया तथा उपस्थित सभी ने विभाजन विभीषित से प्रभावित हुए लोगों के लिए 02 मिनट का मौन रखा। इसके पश्चात् विभाजन विभीषिका से पीड़ित परिवार के परिवारिकजनों को सम्मानित किया गया, जिसमें महेश मेघानी, लालचन्द्र, रमेश राजपाल, बालचंद लालवानी, शांति प्रकाश पूरास्वानी, राजेन्द्र आडवाणी, दिलीप बालानी, सरदार दलजीत सिंह, मुरलीधर आहूजा, नरेश तकवानी, शामिल रहे, इसी प्रकार सिख वेलफेयर सोसाइटी के गुरविंदर सिंह छाबड़ा (प्रदेश अध्यक्ष), डॉ0 मनप्रीत सिंह भट्टी (प्रदेश महामंत्री), हरमिंदर सिंह बिंद्रा (प्रदेश उपाध्यक्ष), हरमिंदर सिंह पुनी (प्रदेश उपाध्यक्ष), चरणजीत सिंह, गगनदीप सिंह, गगन सोनी, जसबीर जुनेजा, गुरविंदर सिंह छाबडा (विक्की) शामिल रहे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि 14 अगस्त विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के पश्चात् देश को दो भागों में विभाजित किया गया, जिसमें आबादी को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना था। विभाजन विभीषिका के दौरान काफी परिवार उससे प्रभावित हुये तथा लाखों लोगों की जान गयी, ऐसे प्रभावित हुये लोगों की स्मृति में विभाजन विभीषिका दिवस मानाया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा विभाजन दोबारा न हो, इसके लिये हमे एक राष्ट्र की अवधारणा के साथ चलना है, हमे अपने अन्दर राष्ट्र प्रेम की भावना को जागाना होगा। उन्होंने कहा कि तुम यह न सोचो की देश तुम्हारे लिये क्या कर रहा है, तुम यह सोचो की देश के लिये तुम क्या कर रहे हो। हम सब को मिलकर देश को आगे बढाने में अपना योगदान देना है और देश में अमन, चैन कायम रखना है।
मा0 महापौर प्रमिला पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि विभाजन विभीषिका 14 अगस्त वह दिन है, जिसको भुलाया नही जा सकता, देश का किस प्रकार विभाजन हुआ और उसमें कितने परिवार प्रभावित हुये और इसमें सबसे ज्यादा सिख व पंजाबी समाज के लोग प्रभावित हुये उसका स्मरण कर जान गवानें वाले लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनको नमन करने का दिन है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक देशवासी के मन में देश प्रेम की भावना होनी चाहिये, आज का दिन राष्ट्र में एकता और भाईचारे के बंधन की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराने का दिन है। इसलिये हम सब मिलकर वही कार्य करें, जो देश हित में हो।
मा0 विधायक सरोज कुरील ने कहा कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर हम उन अनगिनत लोगों को याद करते है, जो विभाजन की भयावहता के कारण प्रभावित व पीड़ित हुये यह उनके साहस को नमन् करने का दिन है।
मा0 विधायक नीलिमा कटियार ने कहा कि देश के लिये यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाना पड रहा है। हमे आजादी कैसे मिली, इसकी क्या कीमत चुकानी पड़ी, किसको चुकानी पडी और विभाजन कैसे हुआ इसकी जानकारी हमारे देश की युवा पीढ़ी को देनी होगी।
उन्होंने कहा कि विद्यालय के बच्चों को यह जानना आवश्यक है कि विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 1947 की दुखद घटनाओं और प्रभावित हुये लोगों की दृढता का सम्मान करने के महत्व पर जोर दिया जाये। 14 अगस्त विभाजन की मानवीय कीमत की याद दिलाता है जिसके कारण भारत के इतिहास में सबसे बडा सामूहिक पलायन हुआ, जिससे करोडो लोग प्रभावित हुये। इस विभाजन की पुनरावृत्ति देश में दोबारा न हो ऐसा लगातार प्रयास किया जाना चाहिये।
इस अवसर पर सिख समाज के महेश मेघानी व विक्की छाबडा ने अपने परिवार पर बीते हुये दर्द को भी साझा किया।
कार्यक्रम में मा0 मेयर प्रमिला पाण्डेय, मा0 विधायक कल्याणपुर नीलिमा कटियार, मा0 विधायक घाटमपुर सरोज कुरील, मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन, अपर जिलाधिकारी (नगर) डॉ0 राजेश कुमार, अपर नगर आयुक्त मो0 आवेश सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
भारत सरकार ने ‘पीएम-सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना’ के तहत ‘मॉडल सौर गांव’ के कार्यान्वयन के लिए परिचालन दिशानिर्देश जारी किए
योजना के घटक ‘मॉडल सौर गांव’ के अंतर्गत देश के हर जिले में एक मॉडल सौर गांव बनाने पर जोर दिया गया है। इसका लक्ष्य सौर ऊर्जा को अपनाने को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में आत्मनिर्भर बनाना है। इस घटक के लिए कुल 800 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय आवंटित किया गया है, जिसमें से चयन किए गए प्रत्येक मॉडल सौर गांव को एक करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
गांव को प्रतियोगिता मोड के तहत मानने के लिए उस गांव को 5,000 (विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए 2,000) से अधिक आबादी वाला राजस्व गांव होना चाहिए। चयन प्रक्रिया में एक प्रतिस्पर्धी मोड शामिल है। इसमें गांवों का मूल्यांकन जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) द्वारा संभावित उम्मीदवारी की घोषणा के 6 महीने में उनकी समग्र वितरित नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) क्षमता के आधार पर किया जाता है।
प्रत्येक जिले में सबसे अधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाले विजेता गांव को एक करोड़ रुपये का केंद्रीय वित्तीय सहायता अनुदान दिया जाएगा। इस योजना का कार्यान्वयन जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) की देखरेख में राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी द्वारा किया जाएगा। इससे चयनित गांव प्रभावी रूप से सौर ऊर्जा से चलने वाले समुदायों में परिवर्तित होकर देश के अन्य गांवों के लिए मॉडल के रूप में काम करेंगे।
भारत सरकार ने 29 फरवरी 2024 को पीएम-सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना को मंज़ूरी दी है। इसका उद्देश्य सौर रूफटोप क्षमता की हिस्सेदारी बढ़ाना और आवासीय घरों को अपनी बिजली पैदा करने के मामले में सशक्त बनाना है। इस योजना का परिव्यय 75,021 करोड़ रुपये है और इसे वित्त वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाएगा।
भारत, मालदीव ने 1,000 सिविल सेवा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के समझौता ज्ञापन का नवीनीकरण किया
विदेश मंत्रालय के मार्गदर्शन में, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) अब तक बांग्लादेश, तंजानिया, गाम्बिया, मालदीव, श्रीलंका और कंबोडिया के सिविल सेवकों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के साथ-साथ लैटिन अमेरिकी देशों और भारत-प्रशांत द्वीप-समूह सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) तथा हिन्द महासागर तटीय सहयोग संघ (आईओआर) देशों के लिए बहु-देशीय कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक संचालन कर चुका है।
क्षमता निर्माण पहल के अंतर्गत, 8 जून, 2019 को मालदीव के 1000 सिविल सेवकों के क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए भारत सरकार के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी), और मालदीव गणराज्य के मालदीव सिविल सेवा आयोग के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
2024 तक, राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने मालदीव के सिविल सेवकों के लिए क्षेत्रीय प्रशासन में कुल 32 क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए। इन कार्यक्रमों में मालदीव के स्थायी सचिवों, महासचिवों और उच्च-स्तरीय प्रतिनिधियों सहित कुल 1000 सिविल सेवकों को प्रशिक्षित कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गई है। इसके तहत एक कार्यक्रम भ्रष्टाचार विरोधी आयोग (एसीसी) के लिए और एक कार्यक्रम मालदीव के सूचना आयोग कार्यालय (आईसीओएम) के लिए किया गया।
इस सहयोग की सफलता के मद्देनजर मालदीव के विदेश मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों के लिए समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण का अनुरोध किया। 9 अगस्त, 2024 को इस समझौता ज्ञापन को आधिकारिक रूप से नवीनीकृत किया गया, जिसमें 2029 तक मालदीव के 1,000 अन्य सिविल सेवकों को प्रशिक्षित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। इस नवीनीकृत साझेदारी से न सिर्फ मालदीव के सिविल सेवकों की सार्वजनिक नीति, शासन और क्षेत्र प्रशासन में क्षमताओं में वृद्धि होगी बल्कि भारत और मालदीव के बीच संबंध और मजबूत होंगे।
भारत सरकार का राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) कई देशों में सार्वजनिक नीति और शासन संबंधी ज्ञान के आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके मध्य-करियर क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में नागरिक-केंद्रित शासन, सेवा वितरण में सुधार और शासन में नवाचारों को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाता है। इन कार्यक्रमों से नागरिकों के डिजिटल सशक्तिकरण और संस्थानों के डिजिटल परिवर्तन के मामले में भारत के प्रयासों का पता चलता है ।
बांग्लादेश में हो रही हिंसा के विरोध में घंटाघर से विशाल जुलूस निकला
भारतीय स्वरूप संवाददाता, बांग्लादेश में हो रही हिंसा के विरोध में एक विशाल जुलूस घंटाघर के पास श्री गणेश मंदिर से निकल गया जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए लीडर्स ग्रुप के बहुत से साथी हिंदुओं की ताकत बढ़ाने के लिए शामिल हुए शामिल होने वालों में प्रमुख रूप से शैलेंद्र त्रिपाठी अमिताभ पांडे धर्मेंद्र भदोरिया अनुराग शुक्ला समीक तिवारी करुणेश तिवारी पुनीत गुप्ता अजय अग्निहोत्री, (भैया जी)राम मिश्रा वरुण शुक्ला प्रदीप मिश्रा अनुराग बाजपेई लाल जी यादव पुष्कर अवस्थी रुद्र प्रताप शर्मा धीरू त्रिपाठी आशीष मिश्रा गुड्डू भोपाल संजय तिवारी बाल जी शुक्ला अनिल बाजपेई पुनीत निगम हिमांशु पाल ऋषभ साहू भवानी शंकर राय अभिषेक राठौर गोविंद त्रिपाठी भूपेंद्र निगम का अग्रवाल आनंद मिश्रा आदि उपस्थित हुए सभी साथियों ने कार्यक्रम में पहुंचकर हिंदू एकता को आगे बढ़ने का कार्य किया, गर्व से कहो हम हिंदू हैं।
सरकार ने किसानों को सस्ते मुल्य पर डीएपी की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकता के आधार पर एनबीएस सब्सिडी दरों के अलावा डीएपी पर विशेष पैकेज प्रदान किए हैं
इसके अलावा, किसानों को सस्ते मूल्यों पर डीएपी की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने आवश्यकता के आधार पर एनबीएस सब्सिडी दरों के अलावा डीएपी पर विशेष पैकेज प्रदान किया है। भू-राजनीतिक स्थिति के कारण हाल ही में, 2024-25 में, उर्वरक कंपनियों द्वारा डीएपी की खरीद की व्यवहार्यता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के कारण, सरकार ने किसानों को सस्ती कीमतों पर डीएपी की स्थायी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पीएंडके उर्वरक कंपनियों को 01.04.2024 से 31.12.2024 की अवधि के लिए डीएपी की वास्तविक पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) बिक्री 3500 रुपये प्रति मीट्रिक टन पर एनबीएस दरों से परे डीएपी पर एकमुश्त विशेष पैकेज को मंजूरी प्रदान की है। इसके अलावा, पीएंडके उर्वरक कंपनियों द्वारा तय एमआरपी की तर्कसंगतता के मूल्यांकन पर जारी दिशानिर्देश भी किसानों को सस्ते दरों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।
किसानों को यूरिया वैधानिक रूप से अधिसूचित एमआरपी पर उपलब्ध कराया जाता है। यूरिया के 45 किलोग्राम बैग की एमआरपी 242 रुपये प्रति बैग है (नीम कोटिंग और लागू करों के शुल्क को छोड़कर) और यह एमआरपी 01.03.2018 से लेकर आज तक अपरिवर्तित उतनी ही है। फार्म गेट पर यूरिया की आपूर्ति लागत और यूरिया इकाइयों द्वारा शुद्ध बाजार प्राप्ति के बीच का अंतर भारत सरकार द्वारा यूरिया निर्माता/आयातक को सब्सिडी के रूप में दिया जाता है। तदनुसार, सभी किसानों को रियायती दरों पर यूरिया की आपूर्ति की जा रही है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने प्रमुख फसल प्रणालियों के अंतर्गत विभिन्न मृदा प्रकारों में रासायनिक उर्वरकों के दीर्घावधिक उपयोग के प्रभाव का मूल्यांकन किया है। पिछले कुछ दशकों में किए गए जांच से पता चला है कि केवल एनपीके प्रणाली (केवल रासायनिक उर्वरक) में सूक्ष्म और गौण पोषक तत्वों की कमी के संदर्भ में पौषण विकार पाए गए हैं जो मृदा स्वास्थ्य और फसल उत्पादकता को प्रभावित करते हैं। अनुशंसित खुराक पर अकार्बनिक उर्वरक + जैविक खाद, फसल की उपज और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखते हैं। असंतुलित उर्वरक और केवल यूरिया प्राप्त करने वाले भूखंड में फसल की उपज में सबसे अधिक गिरावट देखी गई। इसलिए, आईसीएआर अकार्बनिक और जैविक दोनों स्रोतों के संयुक्त उपयोग के माध्यम से मिट्टी परीक्षण आधारित संतुलित और एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन प्रथाओं की सिफारिश करता है।
सरकार ने उर्वरकों के सतत और संतुलित उपयोग को बढ़ावा देकर, वैकल्पिक उर्वरकों को अपनाकर, जैविक खेती को बढ़ावा देकर और संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकियों को लागू करके धरती के स्वास्थ्य को बचाने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा शुरू किए गए जन आंदोलन का समर्थन करने के लिए जून, 2023 से “पीएम प्रोग्राम फॉर रेस्टोरेशन, अवेयरनेस जनरेशन, नरिशमेंट एंड ऐमेलिओरेशन ऑफ मदर अर्थ (पीएम-प्रणाम)” को लागू किया है। उक्त योजना के तहत, पिछले तीन वर्षों की औसत खपत की तुलना में रासायनिक उर्वरकों (यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी) की खपत में कमी के माध्यम से एक विशेष वित्तीय वर्ष में राज्य/केंद्र शासित प्रदेश द्वारा उर्वरक सब्सिडी का जो 50 प्रतिशत बचाया जाएगा, उसे अनुदान के रूप में उस राज्य/संघ राज्य क्षेत्र को दिया जाएगा।
इसके अलावा, सरकार ने 1,500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर से बाजार विकास सहायता (एमडीए) को मंजूरी दे दी है, ताकि जैविक उर्वरकों को बढ़ावा दिया जा सके। इसका अर्थ है गोबरधन पहल के तहत संयंत्रों द्वारा उत्पादित खाद को प्रोत्साहन देना। इस पहल में विभिन्न बायोगैस/सीबीजी समर्थन योजनाएं/कार्यक्रम शामिल हैं। ये सभी हितधारक मंत्रालयों/विभागों से संबंधित हैं, जिनमें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की किफायती परिवहन के लिए सतत विकल्प (एसएटीएटी) योजना, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का अपशिष्ट से ऊर्जा’ कार्यक्रम, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग का स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) को शामिल किया गया है। इनका कुल परिव्यय 1451.84 करोड़ रुपये (वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26) है, जिसमें अनुसंधान संबंधी वित्त पोषण के लिए 360 करोड़ रुपये की निधि शामिल है।
यह जानकारी केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में दी।
समुद्री पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई पहल शुरू की हैं।
- 19 अक्टूबर 2023 की अधिसूचना संख्या 60/2023-सीमा शुल्क के अनुसार, सरकार द्वारा विदेशी ध्वज वाले विदेशी जहाज़ों के लिए एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) छूट प्रदान की गई है, जब वे कोस्टल रन में परिवर्तित हो जाते हैं, बशर्ते छह महीने के भीतर उन्हें विदेश जाने वाले जहाज़ में पुन: परिवर्तित कर दिया जाए।
- लंगरगाह के लिए, क्रूज़ जहाज़ को मालवाहक जहाज पर प्राथमिकता दी जाती है।
- युक्तिसंगत क्रूज़ टैरिफ़ को शुरू किया गया है।
- बंदरगाह शुल्क 0.085 डॉलर/जीआरटी (निश्चित दर) पर वसूला जाता है और लंगरगाह पर रहने के पहले 12 घंटों के लिए 6 डॉलर का नाममात्र यात्री हेड टैक्स लिया जाता है।
- क्रूज़ जहाजों को उनकी कॉल के परिमाण के आधार पर 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक की छूट दी जाती है।
- क्रूज जहाजों को आकर्षित करने के लिए ऑस्टिंग शुल्क हटा दिए गए हैं।
- ई-वीजा और आगमन पर वीजा सुविधाओं का विस्तार किया गया है।
- एकल ई-लैंडिंग कार्ड शुरू किया गया है, जो समुद्री पर्यटन कार्यक्रम में सभी बंदरगाहों के लिए मान्य है।
- विदेशी क्रूज जहाजों के लिए कॉबोटेज माफ कर दिया गया है। यह छूट विदेशी क्रूज जहाज को अपने घरेलू चरण के दौरान भारतीय नागरिकों को एक भारतीय बंदरगाह से दूसरे भारतीय बंदरगाह तक ले जाने की अनुमति देती है।
- वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2023 का आयोजन मुंबई में किया गया और इसे भारत के समुद्री उद्योग जगत में एक महत्वपूर्ण क्षण माना गया, जिसने अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त की। इस आयोजन के दौरान, “2047 तक भारत में 50 मिलियन क्रूज यात्रियों को आकर्षित करने के लिए समुद्री यात्रा पर निकलें” पर एक समर्पित सत्र आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया भर के प्रतिष्ठित क्रूज लाइनों के अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं ने भाग लिया।
यह जानकारी केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज (9 अगस्त 2024) लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
ऑनलाइन कानूनी सेवाओं के लिए विनियमन
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को अधिवक्ताओं द्वारा न्यायालय में, ग्राहकों के साथ और साथी अधिवक्ताओं के प्रति बनाए रखने वाले आचरण एवं पेशेवर शिष्टाचार के मानकों से संबंधित नियम निर्धारित करने का अधिकार है। बीसीआई ने सूचित किया है कि अधिवक्ताओं द्वारा विज्ञापन या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से काम की मांग करना बीसीआई नियम, 1975 के नियम 36 के तहत निषिद्ध है। माननीय मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा 2019 के डब्ल्यूपी संख्या 31281 और 31428 में सुनाए गए निर्णय के आलोक में, दिनांक 08.07.2024 की प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जारी बीसीआई के हालिया निर्देशों के तहत यह निषेध बरकरार है और वह इन्हें बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
दिनांक 08.07.2024 की अपनी हालिया प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, बीसीआई ने इस निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वाले अधिवक्ताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने हेतु अपने निर्देशों की रूपरेखा तैयार की, जिसमें सभी राज्य बार काउंसिलों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर नोटिस रोकने और बंद करने का निर्देश देना शामिल है।
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से अधिवक्ता के विज्ञापन और आग्रह पर प्रतिबंध लगाने का बार काउंसिल ऑफ इंडिया का अधिकार बार काउंसिल ऑफ इंडिया नियम, 1975 के नियम 36 से आता है, जो इस प्रकार है:
“एक अधिवक्ता सीधे या परोक्ष रूप से काम की मांग नहीं करेगा या विज्ञापन नहीं करेगा, चाहे वह परिपत्रों, विज्ञापनों, दलालों, व्यक्तिगत संचार, व्यक्तिगत संबंधों द्वारा जरूरी न किए गए साक्षात्कारों, समाचार पत्रों की टिप्पणियों को प्रस्तुत करने या प्रेरित करने या उन मामलों, जिसमें वह संलग्न या संबद्ध रहा हो, के संबंध में प्रकाशित अपनी तस्वीरों को पेश करने के जरिए हो।”
यह नियम विधि से संबंधित पेशे की पेशेवर मर्यादा और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए बनाया गया है। यह किसी भी प्रकार के विज्ञापन या काम के आग्रह पर रोक लगाता है और यह सुनिश्चित करता है कि विधि का पेशा एक व्यावसायिक उद्यम के बजाय एक सेवा-उन्मुख कार्य बना रहे।
यह मामला बीसीआई के अधिकार क्षेत्र में आता है और यह सूचित किया गया है कि नोटिस जारी करने और रोकने के निर्देश जारी करके ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से विज्ञापन और आग्रह करने वाले अधिवक्ता पर प्रतिबंध लागू करने के लिए सक्रिय कदम उठाए गए हैं। बीसीआई सख्ती से पालन सुनिश्चित करने हेतु राज्य बार काउंसिल के साथ समन्वय करते हुए इन निर्देशों के अनुपालन की निगरानी करता है। सरकार के प्रशासन के तहत बीसीआई मौजूदा नियमों को लागू करने और अपने निर्देशों के माध्यम से उल्लंघनों के खिलाफ कार्रवाई करने पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है। नए नियमों या दिशानिर्देशों की कोई भी आवश्यकता उभरती स्थिति और प्रवर्तन के वर्तमान उपायों की प्रभावशीलता पर आधारित होगी।
यह जानकारी विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा संसदीय कार्य राज्यमंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में दी।
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