समुद्री बचाव समन्वय केंद्र
इस अत्याधुनिक समुद्री बचाव समन्वय केंद्र के निर्माण का उद्देश्य समुद्र में संकट में फंसे नाविकों और मछुआरों के लिए समुद्री बचाव कार्यों के समन्वय एवं प्रभावशीलता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। यह जीवन की रक्षा करने और गंभीर परिस्थितियों में त्वरित सहायता सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प को दर्शाता है। यह केंद्र स्थलीय और उपग्रह प्रणालियों के माध्यम से संकट की निगरानी के लिए नवीनतम उपकरणों के साथ स्थापित किया गया है और बचाव विमानों, जहाजों और अन्य के साथ खोज एवं बचाव प्रक्रियाओं में विशेषज्ञता वाले भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के उच्च प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा चेतावनी के वास्तविक समय प्रबंधन के लिए उन्नत संचार प्रणालियों और अन्य सुविधाओं से सुसज्जित है।
क्षेत्रीय समुद्री प्रदूषणरोधी कार्रवाई केंद्र
क्षेत्रीय समुद्री प्रदूषणरोधी कार्रवाई केंद्र का यह प्रतिष्ठान हिंद महासागर क्षेत्र में तटीय राज्यों से सटे समुद्री जल में समुद्री प्रदूषण, विशेष रूप से तेल और रासायनिक प्रदूषण को समाप्त करने की कार्रवाई के समन्वय के लिए अपनी तरह का पहला केंद्र है। इस केंद्र के निर्माण की घोषणा पहली बार रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 22 नवंबर, 2022 को कंबोडिया में आयोजित पहली भारत-आसियान बैठक के दौरान की थी।
इस केंद्र की स्थापना का नेतृत्व भारतीय तटरक्षक बल के पूर्वी क्षेत्रीय मुख्यालय ने चेन्नई बंदरगाह के परिसर में किया था। इसमें एक आपातकालीन सहायता केंद्र है जो समुद्री तेल प्रदूषण की घटनाओं की निगरानी के लिए भारतीय तटरक्षक बल के कर्मियों द्वारा चौबीसों घंटे कार्रवाई के लिए उपलब्ध रहेगा। यह केंद्र बंदरगाहों, तेल प्रबंधन एजेंसियों, सरकारी संगठनों और निजी प्रतिभागियों जैसे विभिन्न संगठनों को प्रदूषणरोधी कार्रवाई की तकनीकों में प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा। यह समुद्र में तेल प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए मित्र देशों के कर्मियों को भी प्रशिक्षित करेगा। व्यावहारिक प्रशिक्षण में वास्तविक समय तेल रिसाव परिदृश्यों के अधिकतम जोखिम के लिए विभिन्न तेल प्रबंधन उपकरणों की वास्तविक तैनाती शामिल होगी।
भारतीय तटरक्षक बल एयर एन्क्लेव
यह सुविधा भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और पुदुचेरी और तमिलनाडु के दक्षिणी तट पर समुद्री सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। एयर एन्क्लेव चेतक और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन से सुसज्जित होगा। ये दोनों हेलीकॉप्टर स्वदेश निर्मित हैं और जमीन से तथा समुद्र में गश्त करने वाले तटरक्षक जहाजों से समुद्री गश्त, खोज एवं बचाव तथा ऐसे अन्य अभियानों को पूरा करने में सक्षम हैं।
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी, राज्य सरकारों के गणमान्य व्यक्ति और मित्र देशों के अतिथि सम्मिलित हुए।