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देश में कोयला उत्पादन सालाना आधार पर 7.12 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 370 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा

कोयला मंत्रालय ने 25 अगस्त 2024 तक कोयले के समग्र उत्पादन में वृद्धि हासिल की है। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 25.08.24 तक संचयी कोयला उत्पादन में महत्‍वपूर्ण वृद्धि होने से यह  370.67 मिलियन टन हो गया है जो वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में हुए 346.02 मिलियन टन उत्‍पादन की तुलना में 7.12 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

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इसके अलावा कोयले की कुल आवाजाही में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 25 अगस्त, 2024 तक 397.06 मिलियन टन तक पहुंच गई है। यह पिछले वर्ष के 376.44  मिलियटन टन आवाजाही की तुलना में 5.48 प्रतिशत की उल्‍लेखनीय वृद्धि दर को दर्शाती है।

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बिजली क्षेत्र को कोयले के प्रेषण के संदर्भ में, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 25 अगस्त 2024 तक संचयी उपलब्धि 325.97 मिलियन टन है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 313.44 मिलियन टन थी। यह वृद्धि 01.04.2024 के अनुसार टीपीपी में 47 मिलियन टन के विशाल शुरुआती भंडारण के बावजूद हासिल की गई है। यह बिजली क्षेत्र की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कोयले की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है।

खानों, टीपीपी और पारगमन में पिटहेड्स सहित कोयले के कुल स्टॉक की स्थिति 25 अगस्त 2024 तक 121.57 मिलियन टन तक पहुंच गई। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के 89.28 मिलियन टन के स्टॉक की तुलना में 36.2 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि को दर्शाती है। इसके अतिरिक्त, 25 अगस्त, 2024 तक ताप विद्युत संयंत्रों (डीसीबी) में कोयले का स्टॉक 37.55 मिलियन टन है, जबकि पिछले वर्ष यह 29.47 मिलियन टन था, जो लगभग 27.41 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।

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कोयला स्टॉक की यह उच्च स्थिति कोयला मंत्रालय की कोयले की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। उत्पादन, प्रेषण और स्टॉक स्तरों में निरंतर वृद्धि, देश के ऊर्जा सुरक्षा लक्ष्यों का समर्थन करते हुए एक विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने के बारे में मंत्रालय के प्रयासों को दर्शाती है।

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केन्द्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह से मिला भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ का प्रतिनिधिमंडल

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 24 अगस्त सरकारी कर्मचारियों के वेतन संबंधित एवम लंबित पड़े कई प्रमुख विषयो को लेकर केंद्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह के कार्यालय पर भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के महामंत्री मुकेश सिंह ने डा. जितेंद्र सिंह के समक्ष विस्तार से विषयो को रखा जिसने उन्होंने पुरानी पेंशन को लागू करना, 8वां वेतन आयोग का गठन,, सभी शहरों में सीजीएचएस की सुविधा उपलब्ध कराना, विभागो में रिक्त पदों को भरना, मृतक आश्रितों को नौकरी प्रदान करना , आयकर की सीमा को बढ़ाना , कम्युटेशन पेंशन को कटौती अवधि को कम करना इत्यादि प्रमुख विषय थे । इस बैठक में माननीय जितेंद्र सिंह ने भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ के प्रतिनिधी मण्डल को आश्वासन भी दिया कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखा जाएगा तथा उचित फोरम पर इसका समाधान भी कराया जायेगा । तथा उन्होंने यह भी कहा की रक्षा संस्थानों से संबंधित विषयो को रक्षामंत्री महोदय के समक्ष भी रखा जाएगा, जिससे की मजदूरों को मांगो का शीघ्र समाधान हो सकें । वार्ता में विस्तार से चर्चा हुए विषय निम्नवत है –

1. नई पेंशन योजना (एनपीएस) को समाप्त करना तथा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करना क्योंकि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की तुलना में एनपीएस कम सुरक्षित तथा अधिक अनिश्चित साबित हुई है । ओपीएस की बहाली से सरकारी कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा तथा स्थिरता सुनिश्चित होगी।
2. आठवें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाना चाहिए क्योंकि वेतन आयोग न केवल वेतन तथा भत्तों की समीक्षा करता है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए सेवा शर्तों का मूल्यांकन भी करता है l
3. बड़े पैमाने पर सेवानिवृत्ति और पदों को न भरने के कारण विभिन्न केंद्र सरकार के विभागों/संस्थाओं में कई पद रिक्त पड़े हैं। इससे सरकारी विभागों की कार्यकुशलता बुरी तरह प्रभावित होती है। इसलिए केंद्र सरकार के विभागों/संस्थाओं में रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए।
4. आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 800,000 रुपये किया जाना चाहिए और मानक कटौती को बढ़ाया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी और 80डी के अंतर्गत मौद्रिक सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए।
5. केंद्रीय कर्मचारी समूह बीमा योजना 1980 का संशोधन: 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सीजीईजीआईएस को संशोधित किया जाना चाहिए। तथा15 हजार,30 हजार,60 हजार एवम 1 लाख 20 हजार रुपए बीमा राशि के स्थान पर न्यूनतम 15 लाख रुपये लागू करने की मांग करते हैं।
6. माननीय सर्वोच्च न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों और कैट के अनुकूल निर्णयों के बावजूद, केवल उन कर्मचारियों को यह लाभ मिला है जिन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, इन तिथियों पर सेवानिवृत्त होने वाले सभी कर्मचारियों को पेंशन लाभ के लिए नोटेशनल इंक्रीमेंट प्रदान करने के लिए एक समान कार्यकारी आदेश जारी करने की मांग करते हैं।
7. पेंशन के कम्यूटेशन के लिए रिकवरी अवधि को 15 वर्ष से घटाकर 12 वर्ष किया जाना चाहिए। क्योंकि यह रिकवरी 12 वर्ष में पूर्ण हो जाती है।
8. रक्षा मंत्रालय में समान रूप से स्थित गैर-याचिकाकर्ताओं के लिए न्यायालय के निर्णयों का काल्पनिक विस्तार करना ,एमईएस, डीजीओएस, आयुध कारखानों आदि के औद्योगिक कर्मचारियों को ड्रेस भत्ते का भुगतान, आयुध कारखानों में ओवरटाइम भत्ते का भुगतान (01.01.2006 से बकाया सहित), जिसमें एचआरए, परिवहन भत्ता और लघु परिवार भत्ता,रेलवे कर्मचारियों के बराबर रात्रि ड्यूटी भत्ते का भुगतान और 01.01.1996 से बकाया भुगतान किया जाना चाहिए।
9. आयुध कारखानों के कर्मचारियों के लिए प्रसार भारती मॉडल का क्रियान्वयन करना क्योंकि इस मॉडल को अपनाने से आयुध कारखानों की दक्षता और उत्पादकता बढ़ेगी और कर्मचारियों के भविष्य को सुरक्षित करके रक्षा क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।
10. रक्षा प्रतिष्ठानों के विघटन, जनशक्ति में कमी, ठेकाकरण,निजीकरण को रोका जाना चाहिए क्योंकि इस तरह के उपायों से रक्षा नागरिकों की नौकरी की सुरक्षा और कल्याण पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसलिए इसके स्थान पर स्थाई रोजगार प्रदान किया जाना चाहिए।
11. रक्षा प्रतिष्ठानों में अनुकंपा नियुक्तियों के लिए 5% की अधिकतम सीमा पर एक बार छूट देकर सामाजिक सुरक्षा और कल्याण का विस्तार होना चाहिए जिससे रक्षा नागरिकों की असामयिक मृत्यु से प्रभावित परिवारों को राहत और सहायता मिलेगी तथा ऐसे कठिन समय में उनका वित्तीय बोझ कम होगा।
12. स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे जिनमे सेवारत कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार सुविधा का विस्तार ,निजी नर्सिंग होम को CGHS से मान्यता, सीएस (एमए) लाभार्थियों को पहचान पत्र जारी करना, मेडिकल इम्प्लांट के मापदंडों को तय करना, पुरानी बीमारियों के लिए रेफरल वैधता को न्यूनतम 6 माह करना इत्यादि मांग प्रमुख रूप से है ।

इस बैठक में प्रमुख रूप से बी. सुरेंद्रन,अखिल भारतीय संगठन मंत्री भारतीय मजदूर संघ, देवेन्द्र पाण्डेय, मुकेश सिंह, अखिल भारतीय महामंत्री, भारतीय प्रतिरक्षा मजदूर संघ उपस्थित थे।

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पीवीटीजी बहुल जनजातीय क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने और सरकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ सुनिश्चित करने के लिए 23 अगस्त से 10 सितंबर, 2024 तक पीएम-जनमन मिशन पर आईईसी अभियान का आयोजन

देश भर के 194 जिलों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की बस्तियों और पीवीटीजी परिवारों तक पहुंचने के उद्देश्य से, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय 23 अगस्त, 2024 से 10 सितंबर, 2024 तक प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के लिए एक राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान और लाभार्थी शिविर का संचालन कर रहा है।

अभियान गतिविधियाँ और पहुंच

पिछले वर्ष 100 जिलों में एक व्यापक आईईसी अभियान चलाया गया था, जिसके तहत 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लगभग 500 ब्लॉक और 15,000 पीवीटीजी बस्तियों को शामिल किया गया था। इस वर्ष, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 194 जिलों की 28,700 पीवीटीजी बस्तियों में 10.7 लाख पीवीटीजी परिवारों के 44.6 लाख पीवीटीजी व्यक्तियों तक पहुंचने के लिए और व्‍यापक अभियान की परिकल्पना की जा रही है। राज्यों से लेकर जिलों तक, ब्लॉक से गांव तक और  पीवीटीजी बस्ती स्तर तक जागरूकता जगाने के कार्य को सभी स्तरों पर अंजाम दिया जाएगा।

इस अभियान का उद्देश्य पीवीटीजी परिवारों को प्रमुख व्यक्तिगत अधिकारों का लाभ प्रदान करना और पीवीटीजी बस्तियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए पीएम-जनमन हस्तक्षेपों के बारे में जानकारी प्रदान करना है, ताकि इन जनजातीय समुदायों को केंद्र और राज्य की योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया जा सके। इस पहल में हर उस पीवीटीजी परिवार को शामिल किया जाएगा जिनसे दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण संपर्क नहीं हो सका है। ऐसे परिवारों को उनके घर पर ही सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए हाट बाजार, सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वनधन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए माईभारत स्वयंसेवकों, नेहरू युवक केंद्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों, एनएसएस, एनसीसी, एसएचजी/एफपीओ और अन्य ऐसे निकायों से सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा की जा रही है।

  • पूरी अभियान अवधि के दौरान, आधार कार्ड, सामुदायिक प्रमाण पत्र, जन धन खाते और वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) के लाभार्थियों को पट्टे प्रदान किए जाएंगे क्योंकि ये अन्य योजनाओं के लिए बुनियादी आवश्यकताएं हैं।
  • पीएम जनमन हस्तक्षेप कार्ड पीवीटीजी की भाषा में वितरित किए जाएंगे।
  • अभियान के एक हिस्से में लाभार्थी संतृप्ति शिविर और स्वास्थ्य शिविर भी शामिल होगा। ये शिविर व्यक्तियों/परिवारों के लिए योजनाओं के तहत तत्काल लाभ प्रदान करने और पीवीटीजी समूहों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों जैसे सिकल सेल रोग के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
  • स्थानीय और जनजातीय भाषाओं में पैम्फलेट, वीडियो, क्रिएटिव, इन्फोग्राफिक्स आदि जैसी जागरूकता सामग्री का उपयोग किया जाएगा।
  • पीएम-जनमन के प्रमुख संदेशों से युक्‍त विषयों को दीवारों पर पेंटिंग के रूप में पीवीटीजी बस्तियों में सजाया जाएगा।
  • यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाएंगे कि छात्रवृत्ति, मातृत्व लाभ योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, किसान सम्मान निधि, एससीडी के रोगियों के लिए विकलांगता प्रमाण पत्र आदि जैसी विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ पात्र पीवीटीजी लाभार्थियों तक पहुंचे।
  • योजना के लाभार्थी और उपलब्धि प्राप्त करने वाले लोग विशेष सत्रों में अपनी सफलता की कहानियां सुनाएंगे ताकि समुदाय के अन्य सदस्यों को आगे आने के लिए प्रेरित किया जा सके।

अभियान की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में जिला स्तर पर अधिकारियों को नियुक्त किया गया है, जबकि राज्य स्तर के अधिकारी अभियान और मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करेंगे। सभी संबंधित विभागों के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के लिए नियमित अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ सलाहकारों और निचले स्तर तक के अन्य संविदा कर्मियों के लिए अभिविन्यास कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में जनजातीय अनुसंधान संस्थान जिला, ब्लॉक और जनजातीय आवास स्तरों पर इन गतिविधियों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में सहायता करेंगे।

मिशन का उद्देश्य

पीएम-जनमन मिशन अनुसूचित जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक 24,104 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्सा: 15,336 करोड़ रुपये और राज्य हिस्सा: 8,768 करोड़ रुपये) के बजटीय परिव्यय के साथ 9 प्रमुख संबद्ध मंत्रालयों/विभागों से संबंधित 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है।

अन्य योजनाओं और मंत्रालयों/विभागों से जुड़े 10 अन्य हस्तक्षेपों की भी पहचान की गई है जो पीवीटीजी के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं जैसे आधार में नामांकन, सामुदायिक प्रमाण पत्र जारी करना, पीएम-जनधन योजना, पीएम गरीब कल्याण योजना, आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड, व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकारों के लंबित मामलों का समाधान आदि।

15 दिसंबर, 2023 को आयोजित राष्ट्रीय मंथन शिविर के दौरान मिशन की कार्यान्वयन रणनीति पर चर्चा की गई, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के 700 से अधिक अधिकारियों ने संयुक्त रूप से विचार-विमर्श किया। इसके बाद, इस वर्ष 18-19 जुलाई, 2024 को पीएम-जनमन के तहत की गई गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा के लिए दो दिवसीय मंथन शिविर आयोजित किया गया, जिसमें राज्य आदिवासी कल्याण विभागों के प्रमुख सचिव, सचिव, निदेशक और अधिकारी शामिल हुए। पीएम-जनमन के दूसरे चरण के लिए नई पहलों पर भी चर्चा की गई।

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मंत्रिमंडल ने बागडोगरा और बिहटा हवाई अड्डों पर प्रमुख नागरिक उड्डयन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने आज बागडोगरा और बिहटा हवाई अड्डों पर नए सिविल एन्क्लेव के विकास को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट के फैसले पर खुशी जताते हुए केंद्रीय नागर विमानन मंत्री श्री राममोहन नायडू ने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कैबिनेट ने दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है, जो बागडोगरा और बिहटा हवाई अड्डों की क्षमता और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगी। 2962.00 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश वाली ये परियोजनाएं क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार और पूरे भारत में हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने की हमारी व्यापक रणनीति का एक अभिन्न अंग हैं।”

बागडोगरा में नए सिविल एन्क्लेव, 1549.00 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, 3,000 पीक ऑवर पैसेंजर्स (पीएचपी) के लिए डिज़ाइन किया गया 70,390 वर्ग मीटर का टर्मिनल और 10 मिलियन यात्रियों की वार्षिक क्षमता प्रदान करेगा। इस परियोजना में ए-321 प्रकार के विमानों के लिए 10 पार्किंग बे, दो लिंक टैक्सीवे और एक बहु-स्तरीय कार पार्किंग सुविधा के साथ एक एप्रन का निर्माण शामिल है। टर्मिनल एक ग्रीन बिल्डिंग होगी, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को शामिल किया जाएगा और स्थिरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप प्राकृतिक प्रकाश को अधिकतम किया जाएगा।

पटना हवाई अड्डे पर बढ़ते यातायात को ध्यान में रखते हुए, बिहटा हवाई अड्डे पर एक नई नागरिक उड्डयन सुविधा का रणनीतिक निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना के तहत बनने वाला नया टर्मिनल 1413 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा और यह 66,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनेगा। इसे एक समय में 3,000 (पीक ऑवर) यात्रियों की क्षमता और 5 मिलियन की वार्षिक यात्री प्रबंधन क्षमता के साथ लॉन्च किया जाएगा। वार्षिक क्षमता को 10 मिलियन तक विस्तारित किया जाएगा। इस परियोजना में A-321/B-737-800/A-320 प्रकार के विमानों के लिए 10 पार्किंग बे और दो टैक्सीवे शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “ये परियोजनाएं सिर्फ बुनियादी ढांचे के विस्तार के बारे में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये लोगों की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने और आसपास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में योगदान देने की दूरदर्शिता का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम इन परियोजनाओं को समय पर और उच्चतम मानकों के साथ पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इन्हें वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए डिजाइन कर रहे हैं।”

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कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने पूरे भारत में रोजगार पाने योग्य हजारों युवाओं को नए कौशल सीखने (अप-स्किलिंग) के लिए फ्लिपकार्ट की आपूर्ति श्रृंखला संचालन अकादमी (एससीओए) के साथ एक समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने 2047 में विकसित भारत की परिकल्पना के अनुरूप वैश्विक मांगों को देखते हुए युवाओं को कौशल युक्त बनाने पर सरकार के दृढ़निश्चय पर जोर दिया। उन्होंने भारत के कारीगरों, बुनकरों, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी), महिलाओं और ग्रामीण उद्यमियों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित भारत के घरेलू ई-कॉमर्स बाजार फ्लिपकार्ट के समर्थ प्रोग्राम की पांच साल की यात्रा का उत्सव मनाने के आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया।

समर्थ कार्यक्रम के दौरान फ्लिपकार्ट की आपूर्ति श्रृंखला संचालन अकादमी (एससीओए) ने कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान किया। इसका उद्देश्य पूरे भारत में रोजगार पाने योग्य हजारों युवाओं को कौशल युक्त बनाना है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 4.0 के तहत इस साझेदारी का लक्ष्य भारत भर में हजारों युवाओं को कौशल युक्त बनाना, ई-कॉमर्स और आपूर्ति श्रृंखला क्षेत्रों में उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाना है। फ्लिपकार्ट की टीम उम्मीदवारों को 7-दिवसीय गहन क्लासरूम प्रशिक्षण के साथ एक समग्र अनुभव और प्रशिक्षण प्रदान करती है। इसके बाद फ्लिपकार्ट की फैसिलिटी (इन जगहों पर रोजमर्रा के काम होते हैं) में 45-दिवसीय व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाता है। इस सहयोग से देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है साथ ही विशेष प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम के जरिए युवा शक्तियों को सफल करियर के लिए भी तैयार किया जाता है।

इस अवसर पर जयंत चौधरी ने कहा कि भारत सरकार कारीगरों को सशक्त बनाने और हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के अभिन्न अंग विविध शिल्पों को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ है। फ्लिपकार्ट समर्थ की यात्रा के उत्सव में एमएसडीई और फ्लिपकार्ट की आपूर्ति श्रृंखला संचालन अकादमी (सप्लाई चेन ऑपरेशंस अकेडमी) {एससीओए} के बीच सहयोग को औपचारिक रूप दिया गया। यह प्रयास हमारे युवाओं को आधुनिक बाजार में आगे बढ़ने के लिए कौशल से युक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पारंपरिक शिल्प को डिजिटल क्षेत्र में एकीकृत करके हम मजबूत साझेदारी बना रहे हैं और समर्थ कार्यक्रम के माध्यम से नवाचार को अपना रहे हैं। इससे भारत के एमएसएमई क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
उद्योग सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि उद्योग के साथ साझेदारी सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। इंटर्नशिप कार्यक्रमों और समर्थ जैसे प्रयासों के माध्यम से हम युवाओं के लिए विकसित हो रही कार्य संस्कृति के साथ जुड़ने और भविष्य के लिए आवश्यक दक्षता हासिल करने के अवसर खोल रहे हैं। वैश्विक आकांक्षाओं वाला एक घरेलू ब्रांड फ्लिपकार्ट ने महिला उद्यमियों और वंचित पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को सशक्त बनाकर अपना प्रभाव प्रदर्शित किया है। इससे 1.8 मिलियन आजीविका (रोजगार) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। लॉजिस्टिक्स, वेयरहाउसिंग और संबद्ध क्षेत्रों पर केंद्रित अपनी अकादमी के शुभारंभ के साथ फ्लिपकार्ट भारत के विकास को आगे बढ़ाते हुए व्यापक ई-कॉमर्स पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देना जारी रखे हुए है।

इस कार्यक्रम में 250 से अधिक उद्योग जगत के दिग्गजों, विक्रेताओं, कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों और एसएचजी ने भाग लिया। इसका उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाना और उसे उन्नत करना था। इसमें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरीएमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी (आईएएस)एमएसडीई की संयुक्त सचिव श्रीमती सोनल मिश्रा (आईएएस) सहित सम्मानित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।  फ्लिपकार्ट समूह के मुख्य कॉरपोरेट मामलों के अधिकारी रजनीश कुमार ने कहा कि यह समर्थ 5-वर्षीय यात्रा मील का पत्थर उत्सव कार्यक्रम पूरे भारत में कारीगरोंबुनकरों और एमएसएमई को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। अपनी समर्थ पहल के माध्यम से हमने अपनी यात्रा के पिछले वर्षों में 1.8 मिलियन आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। 100 से अधिक पारंपरिक कला रूपों को संरक्षित किया है और हजारों विक्रेताओं की वृद्धि को बढ़ावा दिया है। हम भविष्य की ओर देखते हैं। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के साथ हमारी साझेदारी भारत के युवाओं को डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कौशल से युक्त करेगीजिससे यह सुनिश्चित होगा कि हमारे अतीत की विरासत भविष्य की पीढ़ियों के हाथों में फलती-फूलती रहेगी। फ्लिपकार्ट समर्थ कार्यक्रम में कारीगर सशक्तिकरण के भविष्य पर एक विचारोत्तेजक पैनल चर्चा भी हुई। पैनल में एमएसएमई मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अतीश कुमार सिंह, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी श्री महेंद्र पायल, बीयूनिक की सह-संस्थापक, निदेशक श्रीमती सिम्मी नंदा और अखिल भारतीय कारीगर और शिल्पकार कल्याण संघ की कार्यकारी निदेशक श्रीमती मीनू चोपड़ा ने आज के तेजी से विकसित हो रहे माहौल में भारत के कारीगर समुदाय के भविष्य, कौशल विकास के महत्व और बाजार पहुंच के विस्तार में ई-कॉमर्स की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में चर्चा की। फ्लिपकार्ट ने इवेंट के दौरान अपने ऐप पर ‘समर्थ स्टोरफ्रंट’ इंडियन रूट्स का अनावरण किया। यह वर्चुअल प्लैटफॉर्म कारीगरों, बुनकरों और एमएसएमई को राष्ट्रीय बाजार तक अभूतपूर्व पहुंच प्रदान करता है। इससे उन्हें पूरे भारत में 500 मिलियन से अधिक ग्राहकों को अपने अद्वितीय उत्पाद दिखाने में मदद मिलती है। इस कार्यक्रम ने सरकारी से जुड़े दिग्गजों, उद्योग विशेषज्ञों और प्रमुख हितधारकों के लिए डिजिटल युग में कारीगर सशक्तिकरण के भविष्य पर चर्चा करने और पता लगाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। सभा ने लाखों लोगों के लिए स्थायी आजीविका बनाने के लिए पारंपरिक शिल्प कौशल को आधुनिक तकनीक के साथ एकीकृत करने के महत्व को रेखांकित किया।

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उद्यमियों की विभिन्न विभागों से सम्बन्धित समस्याओं के निराकरण के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक सम्पन्न

भारतीय स्वरूप कानपुर 23 अगस्त उद्यमियों की विभिन्न विभागों से सम्बन्धित समस्याओं के निराकरण के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष, कानपुर विकास प्राधिकरण, नगर आयुक्त, मुख्य अभियंता दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधीक्षण अभियंता उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय), अधिशाषी अभियंता उ0प्र0 जल निगम (नगरीय), महाप्रबंधक जलकल विभाग, सचिव जलकल विभाग, अधीक्षण अभियंता केस्को अधिशाषी अभियंता केस्को, उपायुक्त जी0एस0टी0, क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, उपायुक्त उद्योग कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया तथा उद्यमी श्री मनोज बंका, श्री उमंग अग्रवाल, श्री बृजेश अवस्थी, श्री लाडली प्रसाद, श्री सुशील शर्मा, श्री सुशील टकरू, श्री अमन घई सहित एसोसिएशन के अनेक प्रतिनिधि, उद्यमी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
श्री उमंग अग्रवाल महासचिव फीटा द्वारा विगत बैठक में पनकी अग्निशमन केन्द्र, पनकी से कन्ट्रोल रूम और जी0 डी0 का संचालन कराये जाने की मांग की गयी थी। मुख्य अग्निशमन अधिकारी, कानपुर नगर द्वारा अवगत कराया गया कि मण्डलीय उद्योग बंधु समिति की बैठक में उद्यमियों की मांग के अनुसार कन्ट्रोल रूम और जी0 डी0 का संचालन करा दिया गया है। उपस्थित उद्यमीगण द्वारा त्वरित कार्यवाही करने के लिए मण्डलायुक्त महोदय का करतल ध्वनि से धन्यवाद दिया गया।
श्री बृजेश अवस्थी नगर अध्यक्ष पी0आई0ए0 द्वारा पनकी साइट-2 में पानी संचय हेतु टैंक बनाये जाने का अनुरोध किया गया है, जिससे अग्निकाल में पानी की आपूर्ति हो सके। इस सम्बन्ध में सचिव, जलकल विभाग नगर निगम, कानपुर द्वारा अवगत कराया गया कि क्षेत्र में 2 टैंकर प्रतिदिन नियमित रूप से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रश्नगत क्षेत्र में 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत डीप बोर नलकूप के अधिष्ठान का कार्य किया जा रहा है तथा 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत 1500 मी0 पाइप लाइन बिछाये जाने के कार्य की स्वीकृति प्राप्त हो गयी है। उपस्थित उद्यमीगण द्वारा त्वरित कार्यवाही करने के लिए मण्डलायुक्त महोदय का करतल ध्वनि से धन्यवाद दिया गया। मण्डलायुक्त महोदय द्वारा सचिव, जलकल को निर्देशित किया गया कि अपने प्लान में पानी संचय हेतु टैंक को भी सम्मिलित करें।
कानपुर में औद्योगिक क्षेत्रों में सीवर लाइन डाले जाने के सम्बन्ध में अब तक की स्थिति की समीक्षा की गयी। अधीक्षण अभियंता, उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा अवगत कराया गया कि एस0टी0पी0 एवं आई0एस0टी0 की स्थापना कराये जाने हेतु भूमि की चिन्हित कराये जाने हेतु प्रयास किया जा रहा है। मण्डलायुक्त महोदय द्वारा नगर आयुक्त को निर्देशित किया गया कि तत्काल भूमि का चिन्हांकन करायें।
दादानगर विद्युत सब स्टेशन की भूमि हेतु अधीक्षण अभियंता, केस्को को निर्देशित किया गया कि क्षेत्रीय प्रबंधक यूपीसीडा से समन्वय करते हुए तीन दिन के अन्दर स्थलीय निरीक्षण कर भूमि का चिन्हांकन कर अवगत करायें।
एल0एम0एल0 चैराहे से भौंती बाईपास तक सड़क के किनारे ग्रीन बेल्ट बनाये जाने के सम्बन्ध में पी0आई0ए0 द्वारा किये गये अनुरोध के क्रम में नगर निगम तथा वन विभाग के सहयोग से 1.4 कि0 मी0 की बाउण्ड्रीवाल बन गयी है तथा उसमें वृक्षारोपण का कार्य कराया जा रहा है। औद्योगिक संगठनों द्वारा मांग की गयी कि इस क्षेत्र का अतिक्रमण हटवाये जाने की दिशा में आवश्यक कार्यवाही की जाये। इस सम्बन्ध में मण्डलायुक्त महोदय द्वारा नगर आयुक्त को अतिक्रमण हटाये जाने की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये।
अन्त में उद्यमी संगठनों द्वारा उनकी समस्याओं को संयमित रूप से सुनने एवं उनके समयबद्ध रूप से निस्तारण करने हेतु मण्डलायुक्त महोदय का धन्यवाद अर्पित किया गया।

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आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा को नकल विहीन सम्पन्न कराने के लिए जिलाधिकारी द्वारा मुख्य कोषागार का निरीक्षण

भारतीय स्वरूप 23 अगस्त,2024 कानपुर नगर आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा को नकल विहीन सम्पन्न कराने के लिए जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा आज प्रातः काल मुख्य कोषागार का निरीक्षण किया गया। जनपद के 69 पुलिस परीक्षा केन्द्रो पर कड़ी सुरक्षा के बीच स्टेटिक मजिस्ट्रेट के द्वारा प्रश्नपत्र पहुंचाया गया। तदोपरांत जिलाधिकारी द्वारा जनपद के विभिन्न परीक्षा केन्द्रो का निरीक्षण किया गया। उ०प्र० पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ द्वारा दिनांक 23, अगस्त 2024 को आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 की लिखित परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया गया।

नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए जनपद के 69 परीक्षा केन्द्रो पर सेक्टर ,स्टेटिक मजिस्ट्रेट/केन्द्र व्यवस्थापक/सहायक केन्द्र व्यवस्थापक/परीक्षा सहायक की ड्यूटी लगाई गई हैं।जनपद के 69 परीक्षा केन्द्रो में ,69 स्टेटिक मजिस्ट्रेट(प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट),69सेक्टर मजिस्ट्रेट(प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एकसेक्टर मजिस्ट्रेट), सहायक केंद्र व्यवस्थापक 69(प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक सहायक केंद्र व्यवस्थापक), परीक्षा सहायक 69(प्रत्येक परीक्षा केन्द्र पर एक परीक्षा सहायक),की ड्यूटी लगाई गई हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ आरक्षी की तैनाती की गई है एवं परीक्षा केन्द्रों, रेलवे स्टेशन, बस अड्‌डे व अन्य महत्वपूर्ण स्थानो पर पुलिस की तैनाती की गई हैं।

उक्त परीक्षा के संबंध में आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी, को एकर्ट मोड़ में रहने के निर्देश दिए गए हैं। परीक्षार्थियों व उनके परिजनो हेतु रेलवे विभाग तथा परिवहन विभाग को अतिरिक्त ट्रेनों/बसों के सचालन हेतु निर्देशित किया गया है। जनपद कानपुर नगर में दो पालियों में पूर्वान्ह10-00 बजे से12-00 बजे तक अपरान्ह 3-00 बजे से 5-00 बजे तक परीक्षा सम्पन्न होगी। जनपद में 25800 परीक्षार्थी द्वारा प्रति पाली (प्रतिदिन) में परीक्षा दी जाएगी ।

जिलाधिकारी द्वारा आज जनपद के विभिन्न परीक्षा केन्द्रो का निरीक्षण किया गया। जिलाधिकारी द्वारा कैलाश नाथ बालिका इंटर कॉलेज ,जी0एन0के0 इंटर कॉलेज,डी0ए0वी0 इंटर कॉलेज,डी0ए0वी0 डिग्री कॉलेज, दयानंद गर्ल्स डिग्री कॉलेज सिविल लाइन, दयानंद कॉलेज ऑफ़ लॉ सिविल.लाइन, पी0पी0एन0 पी0जी0 कॉलेज का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया ।

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भारत निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा के आम चुनावों के लिए सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों को जानकारी देने के लिए एक दिवसीय सत्र आयोजित किया

भारतीय निर्वाचन आयोग ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा के आम चुनावों के लिए आज जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों को जानकारी देने के लिए एक बैठक का आयोजन किया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और डॉ. एसएस संधू के साथ पर्यवेक्षकों को उनके आवंटित निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में व्यक्तिगत रूप से जानकारी दी।
नई दिल्ली के रंग भवन सभागार में आयोजित इस बैठक में आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय राजस्व सेवा और कुछ अन्य केंद्रीय सेवाओं के 400 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में करीब 200 सामान्य पर्यवेक्षक, 100 पुलिस पर्यवेक्षक और 100 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पर्यवेक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाते हुए जोर दिया कि आयोग के प्रतिनिधि के रूप में पर्यवेक्षकों से अपेक्षा की जाती है कि वे पेशेवर तरीके से व्यवहार करें और उम्मीदवारों तथा आम जनता सहित सभी हितधारकों के लिए सुलभ रहें। उन्होंने उन्हें भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने तथा यह सुनिश्चित करने की भी सलाह दी कि परस्‍पर संवाद में कोई अंतराल न रहे। उन्होंने कहा कि पर्यवेक्षकों पर पार्टियों, उम्मीदवारों, मतदाताओं तथा आयोग की भी सतर्क निगाह रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनावों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में उनके सुझाव महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश करने वाली भ्रामक खबरों के प्रति सतर्क रहने तथा समय पर कार्रवाई करने की भी सलाह दी।

चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए पर्यवेक्षकों को पूरे चुनाव तंत्र का निरीक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव अत्यधिक कड़ी टक्कर वाले होते हैं और इन चुनावों में पर्यवेक्षकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

चुनाव आयुक्त डॉ. संधू ने पर्यवेक्षकों को संबोधित करते हुए आयोग की आंख और कान के रूप में उनकी भूमिका के बारे में तीन बिंदुओं पर जोर दिया। डॉ. संधू ने कहा कि चुनाव के संचालन को बेहतर बनाने के लिए सुगमता, दृश्यता और जवाबदेही आवश्यक है।

सभी पर्यवेक्षकों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई ताकि उन्हें आयोग की विभिन्न नई पहलों और निर्देशों के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके। जानकारी सत्र के दौरान निम्नलिखित बातों पर जोर दिया गया:

  1. पर्यवेक्षकों को सख्त निर्देश दिए गए कि वे सभी दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं की शिकायतों के समय पर निवारण के लिए उनके पास उपलब्ध बने रहें। इस संबंध में किसी भी शिकायत को आयोग द्वारा गंभीरता से लिया जाएगा।
  2. पर्यवेक्षकों के विवरण जैसे मोबाइल/लैंडलाइन नंबर/ई-मेल पते/ठहरने के स्थान आदि को सीईओ/जिला वेबसाइटों पर, इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से प्रचारित किया जाना चाहिए तथा इसे जिला निर्वाचन अधिकारियों/आरओ द्वारा अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पर्यवेक्षकों के आगमन के दिन उम्मीदवारों/मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बीच प्रसारित किया जाना चाहिए।
  3. पर्यवेक्षकों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे जिला निर्वाचन अधिकारियों/क्षेत्रीय अधिकारियों द्वारा उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों की बुलाई जाने वाली बैठकों का निरीक्षण करें तथा यह सुनिश्चित करें कि उनकी शिकायतों को उचित ढंग से सुना जाए तथा उन पर कार्रवाई की जाए।
  4. जमीनी स्तर पर आयोग की आंख और कान के रूप में पर्यवेक्षकों को पूरी ईमानदारी के साथ निरंतर सतर्कता बरतने को कहा गया। एक मार्गदर्शक के रूप में पर्यवेक्षकों को प्रत्येक निर्देश और प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से समझना होगा।
  5. सभी प्रयोजनों के लिए, पर्यवेक्षक निर्वाचन मशीनरी, उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों और मतदाताओं के साथ इंटरफेस के रूप में क्षेत्र से आयोग को सीधे इनपुट प्रदान करेंगे।
  6. पर्यवेक्षकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए कि चुनाव से संबंधित अधिनियमों, नियमों, प्रक्रियाओं, निर्देशों और दिशानिर्देशों का सभी संबंधितों द्वारा सख्ती और निष्पक्षता से अनुपालन किया जाए।
  7. पर्यवेक्षकों को मतदान केंद्रों का दौरा करना चाहिए तथा दिव्यांगजनों और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए मतदान सुलभ बनाने हेतु ए.एम.एफ., विशेषकर रैम्प और व्हीलचेयर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।

दिन भर चले जानकारी सत्रों के दौरान, वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त, डीईसी और ईसीआई के महानिदेशकों द्वारा चुनाव प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं के बारे में अधिकारियों को व्यापक और गहन जानकारी प्रदान की गई। चुनाव नियोजन, पर्यवेक्षक की भूमिका और जिम्मेदारियों, मतदाता सूची के मुद्दों, आदर्श आचार संहिता लागू किए जाने, चुनाव व्यय निगरानी, ​​कानूनी प्रावधानों, ईवीएम/वीवीपीएटी प्रबंधन, मीडिया की भागीदारी और आयोग के प्रमुख एसवीईईपी (प्रणालीगत मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी) कार्यक्रम के तहत मतदाता सुविधा के लिए की जाने वाली गतिविधियों की विस्तृत विषयगत प्रस्तुतियाँ दी गईं।

पर्यवेक्षकों को मतदाता सुविधा के लिए आयोग की विभिन्न आईटी पहलों और मोबाइल एप्लीकेशन के साथ-साथ क्षेत्र में चुनाव प्रक्रियाओं के प्रभावी और कुशल प्रबंधन से भी अवगत कराया गया। पर्यवेक्षकों को ईवीएम और वीवीपैट का कार्यात्मक प्रदर्शन दिखाया गया और ईवीएम इकोसिस्टम को पूरी तरह से सुरक्षित, मजबूत, विश्वसनीय, छेड़छाड़-रहित और विश्वसनीय बनाने के लिए इसके विविध तकनीकी सुरक्षा सुविधाओं, प्रशासनिक प्रोटोकॉल और प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपायों के बारे में जानकारी दी गई। पर्यवेक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे अपने काम को सुविधाजनक बनाने के लिए चुनाव प्रबंधन से संबंधित सभी विषयों पर अद्यतन और व्यापक मैनुअल, हैंडबुक, निर्देशों का संग्रह, क्या करें और क्या न करें का अध्ययन करें। ये सभी निर्देश और दिशा-निर्देश ईसीआई की वेबसाइट पर ई-बुक और खोज योग्य प्रारूप में उपलब्ध हैं, ताकि किसी भी निर्देश और दिशा-निर्देश तक सुगमता से पहुँचा जा सके।

पृष्ठभूमि

आयोग जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी तथा संविधान की पूर्ण शक्तियों के अंतर्गत पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है। पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रक्रिया, भेद-भाव रहित, निष्पक्षता और विश्वसनीयता के अनुपालन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाती है, जो हमारी लोकतांत्रिक राजनीति का आधार है। आयोग अपने सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों पर अत्यधिक विश्वास करता है तथा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने में ऐसे पर्यवेक्षकों की भूमिका आयोग के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये केंद्रीय पर्यवेक्षक न केवल स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी चुनाव कराने के अपने संवैधानिक दायित्व को पूरा करने में आयोग की मदद करते हैं, बल्कि मतदाताओं की जागरूकता और चुनाव में भागीदारी को भी बढ़ाते हैं। चुनाव पर्यवेक्षण का मुख्य उद्देश्य सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना और ठोस और प्रभावी अनुशंसाएं तैयार करना है। ये पर्यवेक्षक आयोग की आंख और कान माने जाते हैं।

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जेएनसीएएसआर ने स्वदेशी जिंक-आयन बैटरी प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए एचजेडएल के साथ भागीदारी की

जिंक सामग्री के नए प्रकार के साथ स्वदेशी जिंक-आयन बैटरी प्रौद्योगिकियां जल्द ही कम लागत वाले ग्रिड-स्केल ऊर्जा भंडारण और अन्य संबंधित अनुप्रयोगों को सुगम बना सकती हैं। जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर),  जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त संस्थान है, ने जिंक सामग्री के नए प्रकार विकसित करने और जिंक-आधारित बैटरियों के व्यावसायीकरण को बढ़ावा देने के लिए 21 अगस्त, 2024 को हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

कम लागत और बेहतर प्रदर्शन वाली जिंक-आयन बैटरियों को भारत में महंगी और आयातित लिथियम-आयन बैटरियों के लिए अभिनव विकल्प के रूप में सराहा जाता है। जिंक-आयन बैटरियों में कम लागत और पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कच्चे माल के कारण बड़े पैमाने पर ऊर्जा भंडारण की अपार संभावनाएं हैं। जिंक-आधारित बैटरियां बाजार में काफी अच्छा और सुरक्षित विकल्प प्रदान करती हैं और विभिन्न तापमान सीमाओं में सामग्री स्थिरता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता में हाल की प्रगति के साथ, जिंक बैटरियां ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में क्रांति ला सकती हैं। जिंक-आयन बैटरियों में प्रयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रोड, इलेक्ट्रोलाइट और इंटरफेस में कुछ उपयुक्त बदलाव कर देने से बाजार में मौजूदा लिथियम-आधारित बैटरी विकल्पों की तुलना में कहीं बेहतर परिणाम दे सकते हैं।

हालांकि, उनका व्यावसायीकरण सामग्री के प्रदर्शन को स्थिर करने पर निर्भर है। उदाहरण के लिए, जिंक जल-आधारित घोलों के साथ ऊष्मागतिकीय रूप से अस्थिर है और इसलिए इलेक्ट्रोड, इलेक्ट्रोलाइट और इंटरफेस पर उपयुक्त संशोधनों की आवश्यकता होती है। इन मुद्दों को संबोधित करते हुए, साझेदारी सामग्री नवाचार को बढ़ावा देने और स्वदेशी जिंक-आयन बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास में तेजी लाने के लिए तैयार है। जेएनसीएएसआर में प्रो. प्रेमकुमार सेनगुट्टुवन के समूह ने जिंक-आधारित बैटरियों में मजबूत अनुसंधान आधार तैयार किया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा वित्त पोषित समूह की अत्याधुनिक बैटरी लक्षण-वर्णन सुविधा ने इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। परिणामी शोध ने महत्वपूर्ण प्रकाशनों को जन्म दिया है, जिसने जिंक क्षेत्र में हिंदुस्तान जिंक जैसे अग्रणी उद्योगपतियों की रुचि को आकर्षित किया है। जेएनसीएएसआर टीम जिंक-आयन पाउच बैटरी का प्रदर्शन करने की भी योजना बना रही है, जिसे बड़े पैमाने पर व्यावसायिक अनुप्रयोगों के लिए आसानी से निर्माण किया जा सकता है। नवपरिवर्तनकारी नए उत्पाद समाधान प्रदान करके, हिंदुस्तान जिंक का लक्ष्य चल रहे वैश्विक ऊर्जा संक्रमण का समर्थन करने के लिए बैटरी क्रांति में सबसे आगे रहना है। यह अनुसंधान समझौता दो प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों एसडीजी 7 (सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा) और एसडीजी 13 (जलवायु कार्रवाई) को लक्षित करता है – सभी के लिए सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना तथा जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभाव से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करना, जो बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास में एक महत्वपूर्ण क्षण को चिह्नित करता है।

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प्रधानमंत्री मोदी 25 अगस्त को 11 लाख लखपति दीदीयों को प्रमाण पत्र देंगे और करेंगे संवाद : शिवराज सिंह चौहान

केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदियों के सम्मान के लिए होने वाले प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम को लेकर नई दिल्ली में आज प्रेसवार्ता की।  केंद्रीय राज्य मंत्री चंद्र शेखर पेम्मासानी भी प्रेसवार्ता के दौरान मौजूद थे।  चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 25 अगस्त 2024 को महाराष्ट के जलगांव में आयोजित समारोह में लखपति दीदियों के साथ संवाद करेंगे, साथ ही 2500 करोड़ रु का रिवॉल्विंग फंड – सामुदायिक निवेश फंड भी जारी करेंगे जिससे 4.3 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लगभग 48 लाख सदस्यों को लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री 5000 करोड़ रूपये का बैंक ऋण जारी करेंगे जिससे 2,35,400 स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के 25.8 लाख सदस्यों को लाभ होगा। लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र दिये जायेंगे। देशभर में 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों यानी राज्यों की राजधानियों में लगभग 30,000 स्थानों के जिला मुख्यालय, सीएलएफ वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय कार्यक्रम से जुड़ेंगे।  शिवराज सिंह चौहान ने  कहा कि लखपति दीदियाँ ऐसी महिलाएँ हैं जो सालाना एक लाख रुपये या उससे ज़्यादा कमाती हैं। इन लखपति दीदियों ने न सिर्फ़ अपने परिवार को ग़रीबी से बाहर निकाला है, बल्कि वे बाकी समाज के लिए भी आदर्श बन रही हैं। हम पहले ही 1 करोड़ लखपति दीदियाँ बना चुके हैं। हमारा लक्ष्य अगले 3 सालों में 3 करोड़ लखपति दीदियाँ बनाना है। यह जानकर खुशी होती है कि इनमें से एक सीआरपी ने 95 लखपति दीदियाँ बनाई हैं।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने स्वयं सहायता समूहों के परिवारों को एक लाख रुपये या उससे अधिक की वार्षिक आय अर्जित करने में सक्षम बनाने के लिए एक संरचित प्रक्रिया अपनाई है। इसमें राष्ट्रीय संसाधन व्यक्तियों को सक्षम बनाना, फिर प्रत्येक राज्य में मास्टर प्रशिक्षकों को विकसित करना शामिल है। ये मास्टर प्रशिक्षक व्यवसाय योजना, वित्तपोषण और अभिसरण प्रक्रिया पर सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) को आगे प्रशिक्षित करते हैं।3 लाख सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (सीआरपी) का कैडर, जिन्हें विशेष रूप से व्यवसाय नियोजन और एसएचजी सदस्यों के कौशल में प्रशिक्षित किया गया है, इस संबंध में एक महान सेवा कर रहे हैं। इनमें से कुछ सीआरपी को सम्मानित भी किया जाएगा।  ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 100 दिनों में 11 लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था जबकि अब तक 15 लाख लखपति दीदियां बना दी हैं जिन्हें प्रधानमंत्री सम्मानित करेंगे।

15 लाख लखपति दीदीयों की राज्यवार सूची

क्रम संख्या राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के नाम  एसएचजी सदस्यों का लक्ष्य क्रम संख्या राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के नाम  एसएचजी सदस्यों का लक्ष्य
1 अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

 

240 18 मध्य प्रदेश

 

96,240

 

2 आंध्र प्रदेश

 

1,22,160 19 महाराष्ट्र

 

1,04,520

 

3 अरूणाचल प्रदेश

 

1,260

 

20 मणिपुर

 

3,060

 

4 असम

 

52,800

 

21 मेघालय

 

6,120
5 बिहार

 

1,81,260

 

22 मिजोरम

 

1,080
6 छतीसगढ़

 

46,920

 

23 नागालैंड

 

1,800
7 दादरा नगर हवेली

 

180

 

24 ओड़िशा

 

97,200

 

8 गोवा

 

660 25 पुडुचेरी

 

660

 

9 गुजरात

 

44,580

 

26 पंजाब

 

9,660

 

10 हरियाणा

 

10,740 27 राजस्थान

 

67,620

 

11 हिमाचल प्रदेश

 

4,980

 

28 सिक्किम

 

840

 

12 जम्मू और कश्मीर

 

13,980

 

29 तमिलनाडु

 

54,000

 

13 झारखंड

 

50,640 30 तेलंगाना

 

67,500

 

14 कर्नाटक

 

47,580 31 त्रिपुरा

 

6,780

 

15 केरल

 

53,580 32 उत्तर प्रदेश

 

1,73,520

 

16 लद्वाख

 

180

 

33 उत्तराखंड

 

7,200

 

17 लक्षद्वीप 60

 

34 पश्चिम बंगाल

 

1,70,400

 

कुल 15,00,000

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