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यमनोत्री यात्रा और रोमांच

कुछ यात्राएं बेहद सुखद होती हैं जिनमें सिर्फ मौज मस्ती होती है। मंदिरों के दर्शन किया, दर्शनीय स्थल घूम लिए, बाजारों की रौनक बढ़ा ली और घूमना फिरना पूरा हो जाता है लेकिन कुछ यात्राएं रोमांचक होती है। चार धाम की यात्रा मेरे लिए किसी रोमांच से कम नहीं रही। यह एक तरह से कहा जाए तो मेरे लिए ट्रैकिंग से कम अनुभव नहीं रहा। चार धाम यात्रा में सबसे पहला पड़ाव यमुनोत्री का रहा। धार्मिक स्थलों से जुड़ी हुई यात्राएं अपने साथ कुछ ना कुछ पौराणिक कथाएं जरूर लिये हुये होती है। यमनोत्री के लिए कहा जाता है कि सूर्य देव की पुत्री युमना और पुत्र यमराज है। जब मां युमना नदी के रूप में पृथ्वी पर बहने लगी तो उनके भाई यमराज को मृत्यु लोक दिया गया। मां यमुना ने भाई दूज का त्योहार मनाया और यमराज ने मां गंगा से वरदान मांगने के लिए बोला। यमराज ने बहन यमुना की बात को सुनकर वरदान दिया जो कि तेरे पवित्र जल में स्नान करेगा वह कभी भी यमलोक का रास्ता नहीं देखेगा। इसीलिए कहा जाता है कि जो भी इस जल में स्नान करता है वह अकाल मृत्यु के भय से दूर रहता है और इसी वजह से हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं। यमनोत्री उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 3235 मी. ऊँचाई पर स्थित है।

उत्साह, रोमांच, कड़ाके की ठंड और हल्की बारिश के साथ यात्रा की शुरुआत हुई। चढ़ाई बहुत ज्यादा नहीं थी सिर्फ छह किलोमीटर की थी लेकिन चढ़ाई पूरी करने में बहुत शक्ति लगी और यदि खड़ी चढ़ाई हो तो दिक्कत ज्यादा होती है। एक किलोमीटर चढ़ाई मतलब एक घंटा। हमारी यात्रा की शुरुआत जानकीचट्टी से शुरू हुई। मुझे धीरे धीरे समझ में आने लगा यह चढ़ाई इतनी आसान नहीं है। मैं ऊपर देखते जाती और सोचते जाती कि कैसे और कब यह चढ़ाई पूरी होगी। एक बारगी मन में खयाल आया कि पालकी कर ली जाए लेकिन भीड़ का नजारा देखकर इरादा छोड़ दिया, जबकि लोगों को मैंने कहते हुए सुना कि भीड़ तो अभी शुरू ही नहीं हुई है। चढ़ते – चढ़ते पालकी वाले साइड साइड चिल्लाते हुए बाकायदा दौड़ लगा रहे थे। घोड़े वाले भी इसी तरह हांक लगाते हुये चल रहे थे। पिट्ठू माताजी माताजी बोलकर अपनी जगह बना रहे थे और पैदल यात्री अपने आप को इन सबसे बचाता हुआ अपनी यात्रा तय कर रहा था। रास्ता छोटा और जगह-जगह पहाड़ी पत्थर निकले हुए थे जिन से अपने आप को बचाना पड़ता था। हर कुछ दूरी पर चाय कोल्डड्रिंक और खीरे वाले बैठे थे।
चढ़ते चढ़ते पहाड़ों का मनमोहक दृश्य आंखों और कैमरे में कैद करते जा रही थी मैं। पहाड़ों से बहते हुये झरने, जमी हुई बर्फ, कोई कोई तो पूरा पहाड़ ही बर्फ से ढका हुआ, बादल सब कुछ अद्भुत था। फोटो में देखना, फिल्मों में देखना और जीवंत देखना एक अलग अनुभव रहा। मेरी यात्रा कभी ना भूलने वाली यात्रा रही जिसमें डर के साथ रोमांच भी रहा। डर इसलिए क्योंकि पहाड़ के दूसरी ओर खाई थी और कहीं रेलिंग थी तो कहीं नहीं थी। जरा सा धक्का लगा और आप नीचे। बारिश और फिसलन के कारण मैं कछुआ गति से धीरे-धीरे चढ़ती जा रही थी और मन ही मन सोच रही थी कि नीचे उतरुंगी तो पालकी से ही। मैंने ऊपर देखना छोड़ दिया और चलते रही जब तक मंजिल नहीं आ गई। आखिरकार चढ़ाई पूरी हुई और जान में जान आई। भीड़ के बीच में घुसकर यमुनोत्री माता के दर्शन किए। यहाँ पर पानी के मुख्य स्रोतों में से एक सूर्यकुण्ड है जो गरम पानी का स्रोत है। भूगर्भ से उत्पन्न नब्बे डिग्री तक गर्म पानी के जल का कुंड सूर्य-कुंड है और पास ही ठन्डे पानी का गौरीकुंड यहाँ सबसे उल्लेखनीय स्थल हैं| कुछ देर वहां रुककर फोटो शूट किया और फिर वापसी शुरू हो गई।
जिस तरह से पालकी और घोड़े वाले बदमाशी कर रहे थे मतलब बाकायदा धक्का देकर वो आगे बढ़ रहे थे, पैदल यात्रियों को परेशान कर रहे थे, घोड़े को खींचकर ले जा रहे थे। एक पालकी वाले ने एक महिला को गिरा दिया, तो कुछ दूरी पर एक घोड़ा गिर गया। फिसलन के कारण यात्री घोड़े और पालकी वालों से झगड़ा कर रहे थे। यह सब देखकर पालकी पर सवार होने की हिम्मत जवाब दे गई और मैं फिर से कछुए की गति से नीचे उतरने लगी। इस छह किलोमीटर की चढ़ाई में करीब छह घंटा लगा। ऊपर भी बारिश और ओले पड़ रहे थे।
इतनी बड़ी और कठिन यात्रा में व्यवस्था का होना बहुत जरूरी है। पैदल यात्रियों के लिए अलग से चलने की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि वह किसी हादसे का शिकार ना हो। मंदिर में दर्शन करने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं दिखी। एक भीड़ जिसमें धक्का मुक्की ज्यादा थी। वहाँ पुलिस प्रशासन व्यवस्था मूक दिखाई दे रही थी। कहीं कोई लाइन की व्यवस्था नहीं जो कि सही नहीं है। इतनी बड़ी और मेहनत से चढ़ाई के बाद दर्शन करने के बजाय लड़ाई झगड़ा धक्का मुक्की शोभनीय नहीं है। एक बड़े धाम के रूप में चर्चित यमुनोत्री में समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

प्रियंका वर्मा महेश्वरी 

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में सेंचुरी क्लब, विजन कानपुर@2047 के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य के अंतर्गत सरोज देवी फाउंडेशन के सहयोग से मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया गया

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर में सेंचुरी क्लब, विजन कानपुर@2047 के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा, स्वावलंबन व सशक्तिकरण के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए सरोज देवी फाउंडेशन के सहयोग से मासिक धर्म स्वच्छता दिवस मनाया गया। इस दिन पूरी दुनिया में ‘मासिक धर्म स्वच्छता दिवस’ मनाया जाता है। 2014 में जर्मन के ‘वॉश यूनाइटेड’ नाम के एक एनजीओ ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य – लड़कियों और महिलाओं को महीने के उन 4-5 दिन यानी मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता रखने के लिए जागरूक करना है।
महाविद्यालय सेंचुरी क्लब समन्वयक डॉ संगीता सिरोही ने बताया कि सरोज देवी फाउंडेशन से हाइजीन एजुकेटर श्रीमती अनुपमा चौधरी ने अपने व्याख्यान में छात्राओं को मासिक धर्म के समय रखी जाने वाली सावधानियों से अवगत कराते हुए उस समय होने वाली कठिनाइयों को कम करने, संतुलित भोजन, उचित व्यायाम, आहार-विहार आदि के बारे में सुझाव दिए। इस अवसर पर एक जागरूकता रैली का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व प्राचार्य डॉ साधना सिंह, डॉ निवेदिता टंडन, आई क्यू ए सी इंचार्ज प्रो वंदना निगम, प्रो पप्पी मिश्रा, प्रो प्रज्ञा सहाय, प्रो मुकुलिका हितकारी, प्रो सुमन सिंह, प्रो स्वाति सक्सेना, डॉ कृष्णेंद्र कुमार श्रीवास्तव, स्वस्थ संसार संस्थान से श्री प्रमोद श्याम जी व उनकी टीम, सरोज देवी फाउंडेशन से श्री अरविंद चौधरी, श्रीमती संध्या एवम उनकी संपूर्ण टीम तथा समस्त छात्राओं की प्रतिभागिता सराहनीय रही।

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सोशल रिसर्च फाउंडेशन और पीपीएन कॉलेज के मध्य हस्ताक्षरित हुआ एमओयू

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, शोध और रोज़गार युक्त एमओयू से बेहतर राष्ट्र की एक पहल सोशल रिसर्च फाउंडेशन और पीपीएन कॉलेज कानपुर के मध्य एमओयू (MOU), प्राचार्य प्रो अनूप सिंह एवं सोशल रिसर्च फाउंडेशन के सचिव डॉ राजीव मिश्रा के हस्ताक्षर से संपन्न हुआ। प्राचार्या द्वारा अवगत कराया गया कि यह संस्था शोध के क्षेत्र में,समय समय पर रोज़गार मेला, संगोष्ठी और भविष्य के राष्ट्र निर्माता आज के छात्रों को नैतिक, सामाजिक एवं बौद्धिक विषयों पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती रहेगी। इस मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग में सोशल रिसर्च फाउंडेशन की उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ अर्चना दीक्षित (डीजी कॉलेज के रसायन विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर), कानपुर जिला इकाई के उपाध्यक्ष प्रो० शैलेंद्र कुमार शुक्ला (रसायन विज्ञान, डीबीएस कॉलेज), विषय विशेषज्ञ डॉ० आर०बी० तिवारी (सांख्यिकी विभाग डीएवी कॉलेज) एवं कार्यक्रम की सूत्रधार डॉ आभा सिंह (मनोविज्ञान विभाग, पीपीएन कॉलेज) भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर सोशल रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर अशोक कुमार जी (पूर्व कुलपति सीएसजेएमयू ) ने हर्ष व्यक्त करते हुए भविष्य में ऐसे करार के जरिए रिसर्च एक्टिविटीज के बढ़ने की आशा व्यक्ति की और अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।
स्वैच्छिक दुनिया समाचार पत्र के संरक्षक दिलीप कुमार मिश्रा ने कहा कि सोशल रिसर्च फाउंडेशन जल्द ही माध्यमिक विद्यालय मे भी जाकर सेमिनार करके शिक्षको व छात्रो से संवाद कर जागरूक
करने की शुरुआत करने जा रही है।

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प्रधानमंत्री देहरादून से दिल्ली के बीच पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे

उत्तराखंड में यह पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन होगी। विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस यह एक्सप्रेस ट्रेन यात्रियों, विशेष रूप से राज्य की यात्रा करने वाले पर्यटकों के लिए आरामदायक यात्रा अनुभव के एक नए युग की शुरुआत करेगी। ट्रेन पूरी तरह स्वदेश में निर्मित है और कवच तकनीक समेत सभी उन्नत सुरक्षा सुविधाओं से लैस है।

प्रधानमंत्री के, सार्वजनिक परिवहन के स्वच्छ साधन उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से प्रेरणा लेकर भारतीय रेल देश में रेल मार्गों को पूरी तरह से विद्युतीकृत करने की ओर बढ़ रही है। इसी प्रक्रिया के तहत प्रधानमंत्री उत्तराखंड में नव विद्युतीकृत रेल लाइन खंडों का लोकार्पण करेंगे। इससे राज्य का पूरा रेल मार्ग शत प्रतिशत विद्युतीकृत हो जाएगा। विद्युतीकृत खंडों पर इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन द्वारा चलाई जाने वाली ट्रेनों से न सिर्फ ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी, बल्कि ढुलाई क्षमता भी बढेगी।

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उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी करेंगे नए संसद भवन में ऐतिहासिक व पवित्र “सेन्गोल” की स्थापना

रविवार को इतिहास की पुनरावृत्ति होगी, जब नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी न्यायपूर्ण और निष्पक्ष शासन के पवित्र प्रतीक सेन्गोल को ग्रहण कर उसे नए संसद भवन में स्थापित करेंगे। यह वही सेन्गोल है जिसे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहर लाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की रात को अपने आवास पर, कई नेताओं की उपस्थिति में स्वीकार किया था।

भारत की आजादी के उपलक्ष्य में हुए पूरे कार्यक्रम को याद करते हुए गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा, “आज आजादी के 75 साल बाद भी, अधिकांश भारत को इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है। 14 अगस्त, 1947 की रात को वह एक विशेष अवसर था, जब जवाहर लाल नेहरू जी ने तमिलनाडु के थिरुवदुथुराई आधीनम (मठ) से विशेष रूप से पधारे आधीनमों (पुरोहितों) से सेन्गोल ग्रहण किया था। पंडित नेहरू के साथ सेन्गोल का निहित होना ठीक वही क्षण था, जब अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के हाथों में सत्ता का हस्तांतरण किया गया था। हम जिसे स्वतंत्रता के रूप में मना रहे हैं, वह वास्तव में यही क्षण है।”

प्रधानमंत्री मोदी जी ने अमृत काल के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में सेन्गोल को अपनाने का निर्णय लिया है। संसद का नया भवन उसी घटना का साक्षी बनेगा, जिसमें आधीनम उस समारोह की पुनरावृत्ति करेंगे और प्रधानमंत्री मोदी को सेन्गोल प्रदान करेंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने आगे सेन्गोल के बारे में विस्तार से बताया। “सेन्गोल का गहरा अर्थ होता है। ‘‘सेन्गोल’’ शब्द तमिल शब्द “सेम्मई” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “नीतिपरायणता”। इसे तमिलनाडु के एक प्रमुख धार्मिक मठ के मुख्य आधीनम (पुरोहितों) का आशीर्वाद प्राप्त है। ‘न्याय’ के प्रेक्षक के रूप में, अपनी अटल दृष्टि के साथ देखते हुए, हाथ से उत्कीर्ण नंदी इसके शीर्ष पर विराजमान हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सेन्गोल को ग्रहण करने वाले व्यक्ति को न्यायपूर्ण और निष्पक्ष रूप से शासन करने का ‘आदेश’ (तमिल में‘आणई’) होता है और यह बात सबसे अधिक ध्यान खींचने वाली है- लोगों की सेवा करने के लिए चुने गए लोगों को इसे कभी नहीं भूलना चाहिए।” 1947 के उसी सेन्गोल को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लोकसभा में अध्यक्ष के आसन के पास प्रमुखता से स्थापित किया जाएगा। इसे राष्ट्र के देखने के लिए प्रदर्शित किया जाएगा और विशेष अवसरों पर बाहर ले जाया जाएगा।

गृहमंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि इस ऐतिहासिक ‘‘सेन्गोल’ के लिए संसद भवन ही सबसे अधिक उपयुक्त और पवित्र स्थान है। ‘‘सेन्गोल’ ’की स्थापना 15 अगस्त, 1947 की भावना को अविस्मरणीय बनाती है। यह असीम आशा, अनंत संभावनाओं और एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण का संकल्प है। यह अमृतकाल का प्रतिबिंब होगा, जो नए भारत को विश्व में अपने यथोचित स्थान को ग्रहण करने के गौरवशाली क्षण का साक्षी बनेगा।

तमिलनाडु सरकार ने 2021-22 के ‘हिन्दू रिलिजियस एंड चैरिटेबल एंडोमेंट डिपार्टमेंट’- हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (एचआर एंड सीई) के पॉलिसी नोट में राज्य के मठों द्वारा निभाई गई भूमिका को गर्व से प्रकाशित किया है। इस दस्तावेज़ के पैरा 24 में मठों द्वारा शाही परामर्शदाता के रूप में निभाई गई भूमिका पर स्पष्ट रूप से प्रकाश डाला गया है।

यह ऐतिहासिक योजना आधीनम के अध्यक्षों से विचार-विमर्श करके बनाई गई है। सभी 20 आधीनम के अध्यक्ष इस शुभ अवसर पर आकर इस पवित्र अनुष्ठान की पुनर्स्मृति में अपना आशीर्वाद भी प्रदान कर रहे हैं। इस पवित्र समारोह में 96 साल के श्री वुम्मिडी बंगारु चेट्टी जी भी सम्मिलित होंगे, जो इसके निर्माण से जुड़े रहे हैं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने सेन्गोल के बारे में विवरण और डाउनलोड करने योग्य वीडियो के साथ एक विशेष वेबसाइट https://sengol1947.ignca.gov.in को भी लॉन्च किया। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि भारत के लोग इसे देखें और इस ऐतिहासिक घटना के बारे में जानें, यह सभी के लिए गर्व की बात है।”

इस प्रेस वार्ता में केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण और खेल एवं युवा मामलों के मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर और संस्कृति मंत्रालय के सचिव श्री गोविन्द मोहन भी उपस्थित थे।

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भारत जल्द ही अपना सबसे तेज सुपरकंप्यूटर हासिल कर लेगा और अगले मार्च तक इसका संचालन शुरू हो जाएगा- किरेन रीजीजू

केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि भारत जल्द ही 900 करोड़ रुपये लागत का अपना सबसे तेज सुपरकंप्यूटर हासिल कर लेगा और इसके अगले साल मार्च तक काम करना शुरू करने की उम्मीद है। कार्यभार संभालने के बाद से मंत्रालय के तहत एक अनुसंधान केंद्र के अपने पहले दौरे में, श्री रिजिजू ने कहा कि इसके अधिग्रहण के साथ भारत संभाव्य पूर्वानुमान के उच्चतम रेसोलुशन वाला मौसम निगरानी तंत्र हासिल कर लेगा। मंत्री आज नोएडा, उत्तर प्रदेश में नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग (एनसीएमआरडब्ल्यूएफ) के अपने दौरे के दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे। रीजीजू ने कहा “नया कंप्यूटर 12 से 6 किलोमीटर तक के पूर्वानुमान में सुधार कर सकता है। वर्तमान में भारत के सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर क्रे एक्ससी-40 सुपरकंप्यूटर ‘मिहिर’ के 6.8 पेटाफ्लॉप्स (पीएफएलओपीएस) के प्रदर्शन के साथ की तुलना में, नए सुपरकंप्यूटर की क्षमता लगभग तीन गुना होगी – अर्थात 18 पीएफएलओपीएस।” उन्होंने आगे कहा, “इस विश्व स्तरीय केंद्र की सुविधाओं से सभी क्षेत्रों को, समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा, वास्तव में देश के प्रत्येक व्यक्ति को इस संस्थान से सीधे लाभ मिलने वाला है।”

श्री रीजीजू ने कहा कि भारत की मौसम पूर्वानुमान क्षमता में दिन-ब-दिन सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हम आस-पड़ोस और उससे आगे के देशों में भी मौसम की भविष्यवाणी का विस्तार कर रहे हैं।”

एनसीएमआरडब्ल्यूएफ का परिसर, मौसम और जलवायु मॉडलिंग में उत्कृष्टता केंद्र, क्षेत्रीय समूह “बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन” (बिम्सटेक) के मौसम और जलवायु पर बिम्सटेक केंद्र (बीसीडब्ल्यूसी) की भी मेजबानी करता है। इसमें ये सात सदस्य देश शामिल हैं – बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका सहित दक्षिण एशिया से पांच और म्यांमार और थाईलैंड सहित दक्षिण पूर्व एशिया से दो।

रीजीजू ने कहा कि एनसीएमआरडब्ल्यूएफ दुनिया में अपनी तरह का एक अग्रणी संस्थान है। उन्होंने कहा, “यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि हमारा एनसीएमआरडब्ल्यूएफ विश्व स्तरीय केंद्र बनने जा रहा है।”  रीजीजू को डॉ. एम. रविचंद्रन, सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय; डॉ. वी.एस. प्रसाद, प्रमुख, एनसीएमआरडब्ल्यूएफ; और एनसीएमआरडब्ल्यूएफ के अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने ब्रीफ किया।

 

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कल मिलेगा कानपुर हवाई अड्डे को अधिक यात्री क्षमता वाला एक नया सिविल एन्क्लेव

डेवलपमेंट थ्रू कनेक्टिविटी’ यानी जुडाव से विकास की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कानपुर एक नया सिविल एन्क्लेव पाने के लिए तैयार है। कानपुर हवाई अड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव का उद्घाटन 26 मई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया द्वारा किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय नागरिक उड्डयन और इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मैनपुरी में स्वर्गीय माधवराव जीवाजीराव सिंधिया की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक साथ नए टर्मिनल के उद्घाटन के लिए कानपुर हवाई अड्डे जाएंगे।

नई टर्मिनल बिल्डिंग की मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:

  • नया टर्मिनल भवन 6243 वर्गमीटर के क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये की परियोजना लागत पर बनाया गया है और ये मौजूदा टर्मिनल से 16 गुना बड़ा है।
  • पहले के 50 यात्रियों की तुलना में पीक ऑवर्स के दौरान 400 यात्रियों को संभालने के लिए तैयार किया गया है।
  • यात्रियों के लिए कुशल और त्वरित चेक-इन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए 08 चेक-इन काउंटर।
  • सामान के आसान रखरखाव और संग्रह की सुविधा के लिए 3 कन्वेयर बेल्ट जिसमें से एक प्रस्थान हॉल में स्थित है और दो आगमन हॉल में स्थित है।
  • 850 वर्ग मीटर में फैला एक विशाल कंसेशिनेयर एरिया, जो यात्रियों के लिए खरीदारी और भोजन की विविध रेंज पेश करता है।
  • दृष्टिबाधित यात्रियों की सुविधा के लिए स्पर्श पथ प्रावधान किए गए हैं।
  • टर्मिनल के शहर की ओर, 150 कार पार्किंग स्थान और 2 बस पार्किंग स्थान हैं, जो यात्रियों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधाएं सुनिश्चित करते हैं।
  • नव विकसित एप्रन 713मी X 23मी के एक नए लिंक टैक्सी ट्रैक के साथ-साथ तीन ए-321/बी-737 प्रकार के विमानों की पार्किंग के लिए उपयुक्त है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन और सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री सेवानिवृत्त जनरल डॉ. वी. के. सिंह, उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष  सतीश महाना, उत्तर प्रदेश सरकार में औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन मंत्री और सांसद नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, लोकसभा सांसद देवेंद्र सिंह, लोकसभा सांसद सत्यदेव पचौरी और कानपुर नगर निगम की मेयर श्रीमती प्रमिला पांडे तथा अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

कानपुर चमड़ा, कपड़ा और रक्षा संबंधी उत्पादन उद्योगों का एक प्रमुख केंद्र है। यहां कई ऐतिहासिक और पवित्र स्थान हैं और आईआईटी कानपुर, नेशनल शूगर इंस्टीट्यूट, यूपी लैदर एंड टैक्सटाइल टैक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट जैसे विभिन्न प्रमुख शैक्षणिक संस्थान हैं जो बड़ी संख्या में हवाई यात्रियों को आकर्षित करते हैं। वर्तमान में कानपुर मुंबई और बेंगलुरु एयरपोर्ट से सीधे जुड़ा हुआ है।  कानपुर, जिसे अक्सर ‘उत्तर प्रदेश का मैनचेस्टर’ कहा जाता है, के उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों और देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ने की संभावना है।

कानपुर हवाईअड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव का टर्मिनल भवन डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम, ऊर्जा की बचत के लिए कैनोपी का प्रावधान, एलईडी लाइटिंग, लो हीट गेन डबल ग्लेज़िंग यूनिट, भूजल तालिका को रिचार्ज करने के लिए वर्षा जल संचयन, जल उपचार संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र और भूनिर्माण के लिए पुनर्नवीनीकरण पानी का उपयोग, 100 केडब्लूपी की क्षमता वाला एक सौर ऊर्जा संयंत्र जैसी विभिन्न स्थिरता सुविधाओं से सुसज्जित है। इसे जीआरआईएच-IV रेटिंग प्रदान की गई है, जो देश में सतत विकास और जिम्मेदार संसाधन प्रबंधन को दर्शाने वाली एक राष्ट्रीय ग्रीन बिल्डिंग रेटिंग प्रणाली है।

टर्मिनल बिल्डिंग का अग्रभाग शहर और वायुमार्ग दोनों से कानपुर के प्रसिद्ध जेके मंदिर की मंदिर वास्तुकला को दर्शाता है। टर्मिनल बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्सा विभिन्न स्थानीय विषयों जैसे कपड़ा, चमड़ा उद्योग और शहर की प्रसिद्ध हस्तियों जैसे कवि श्यामलाल गुप्ता और ऋषि महर्षि वाल्मीकि पर आधारित हैं। टर्मिनल को कानपुर और उत्तर प्रदेश राज्य की संस्कृति और विरासत को एक करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे आगंतुकों के लिए क्षेत्र की संस्कृति और इतिहास के प्रति भावना जागृत हो सके।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में जनगणना भवन का उद्घाटन किया

अमित शाह ने जन्म और मृत्यु पंजीकरण के लिए वेबपोर्टल, जियोफेंसिंग के साथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन और जनगणना प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री के वेबपोर्टल का भी शुभारंभ किया।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने जनगणना संग्रह (1981 से आगामी जनगणना) का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री श्री नित्यानंद राय, श्री अजय कुमार मिश्रा और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किसी भी देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और ये दो जनगणनाओं के बीच विकास की योजनाओं को बनाने में मदद करता है, अब मोदी सरकार इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर आसान बना रही है। उन्होंने कहा कि आज 1981 से अभी तक की सभी जनगणनाओं के इतिहास को एक पुस्तक में संकलित करके प्रकाशित किया गया है। उन्होंने कहा कि जब तक ज़िम्मेदारी तय नहीं होती है तब तक उसका निर्वहन करना मुश्किल होता है और आज लॉंच हुआ जियोफेंसिंग के साथ अपग्रेडेड एसआरएस मोबाइल एप्लीकेशन निचले स्तर तक के कर्मचारी को रिस्पॉंसिबल बनाएगा। श्री शाह ने कहा कि जनगणना देश के विकास को रेखांकित करने वाली प्रक्रिया है और इसके लिए ये ज़रूरी है कि जियोफेंसिंग के साथ एसआरएस अपग्रेडेड मोबाइल एप्लीकेशन एक ऐसा अलर्ट सिस्टम बनाए जिससे जनगणना करने वाले आवंटित क्षेत्र से बाहर ना जा सकें। उन्होंने कहा कि देश में कई संस्थाएं बन रही हैं जो राज्यों, ज़िलों और तहसीलों को विकास में विश्लेषण के साथ प्रोफेशनल सलाह देने की कुव्वत रखती हैं और इन सबकी प्रोफेशनल कम्पीटेंस का उपयोग देश के विकास में होना चाहिए। इसके लिए उन्हें विश्लेषण के लिए जनगणना का सारा साहित्य उपलब्ध होना चाहिए और आज से जनगणना के सारे प्रकाशनों की ऑनलाइन बिक्री शुरू हो गई है, जिससे प्लानिंग और शोध करने वालों को सबसे बड़ा फायदा होगा।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि काफी सालों तक हमारे देश का विकास मांग-आधारित और टुकड़ों में होता रहा। उन्होंने कहा कि इतने बड़े भौगोलिक विविधता वाले देश में अगर सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशक विकास करना है तो ये बहुत ज़रूरी है कि विकास की प्लानिंग डेटा के आधार पर हो और डेटा के लिए हमारे पास जनगणना के सिवा और कोई साधन नहीं है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश को पूरी तरह सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी रूप से विकसित करने का आधार नई जनगणना होगी। उन्होंने कहा कि पहले जनगणना और विकास की योजना बनाने वाले लोगों के बीच कोई कड़ी भी नहीं थी।  अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार अब इलेक्ट्रॉनिक तरीके से जनगणना कराएगी, जिसमें हर व्यक्ति को  डेटा भरने का अधिकार होगा, उसका सत्यापन और ऑडिट होगा, और इसमें सामाजिक-आर्थिक स्थिति के 35 से अधिक पैरामीटर्स को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि पहले की जनगणनाओं में विकास के लिए जो डेटा उपलब्ध होना चाहिए, वो नहीं था और ना ही उसके विश्लेषण की व्यवस्था थी। उन्होंने कहा कि आज़ादी के लगभग 70 सालों बाद योजना बनी कि हर गांव में बिजली पहुंचनी चाहिए, हर व्यक्ति को घर, नल से स्वच्छ पीने का पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और हर घर में शौचालय बन जाए। श्री शाह ने कहा कि आजादी के लगभग 70 सालों बाद तक पानी, बिजली, घर, स्वास्थ्य आदि मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं क्योंकि इनके लिए आवश्यक बजट उपलब्धता किसी को नहीं पता थी, मोदी सरकार डेटा का उचित विश्लेषण कर गरीबों तक सुविधाएं पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि योजनाएं बनती रहीं, लक्ष्य तय होते रहे लेकिन सबको घर देने का लक्ष्य तय करने का साहस नहीं था क्योंकि किसी को नहीं पता था कि इसके लिए कितना बजट चाहिए। उन्होंने कहा कि जनगणना का उपयोग, सटीकता, ऑनलाइन उपलब्धता और प्लानिंग और जनगणना के बीच सेतु के अभाव में ये सब पहले नहीं हो सका। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि जैसे ही एक व्यक्ति 18 वर्ष का होता है, चुनाव आयोग उससे सूचना लेकर उसका वोटर कार्ड बना देगा। इसी प्रकार किसी की मृत्यु होने पर जनगणना रजिस्ट्रार से चुनाव आयोग के पास इसकी सूचना जाएगी और फिर प्रक्रियानुसार उसका नाम मतदाता सूची से हटा लिया जाएगा।

 

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस प्रकार की जनगणना के प्रयास से जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन और जनगणना कम्प्लीट हो सकेगी जिससे देश को बहुआयामी फायदे होंगे। उन्होंने कहा कि जनगणना का डेटा विकास की मूल योजना बनाने में और वंचितों, शोषितों को आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने में सहायक होता है

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अधिक महिला कर्मचारियों वाले कार्य स्थलों पर ज्यादा  शिशु गृह (क्रेच) खोले जाएँ: -स्मृ‍ति इरानी

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी ने राज्य सरकार से अधिक महिला कर्मचारियों वाले कार्य स्थलों पर ज़्यादा शिशु गृह (क्रेच) खोलने का आग्रह किया है। केंद्रीय मंत्री तिरुवनंतपुरम में श्रम-20 के एक भाग के रूप में बीएमएस राज्य महिला सम्मेलन का उद्घाटन कर रही थी। मंत्री ने कहा तकनीक की मदद से केरल में आंगनवाड़ियों के आधुनिकीकरण की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य की 33 ह़जार आंगनवाड़ियों में पर्यवेक्षकों के 13 प्रतिशत पद खाली हैं उन्होंने राज्य सरकार से इन रिक्तियों को भरने का आग्रह किया। श्रीमती इरानी ने आगे कहा लाभार्थियों की पहचान और उन्हें सीधे लाभ पहुंचाने में तकनीक के उपयोग का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण ‘प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना’ है। उन्होंने यह भी कहा कि अधिक लाभार्थियों की पहचान होने पर केंद्र सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करने को तैयार है।

विदेश और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री वी० मुरलीधरन ने भी इस अवसर पर संबोधन किया। उन्होंने राज्य सरकार से राज्य की महिलाओं को कार्य स्थलों पर सुरक्षा प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता पूरे समाज को प्रगतिशील बनाने का एक विशाल उपक्रम बन रहा है।

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पावरग्रिड का कर पश्चात लाभ (पीएटी) 11 प्रतिशत से बढ़कर ₹15,417 करोड़ हुआ; वित्त वर्ष 2023 के लिए कुल आय 9 प्रतिशत बढ़कर ₹46,606 करोड़ हुई

भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के तहत महारत्न कंपनी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पावरग्रिड) ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 15,417 करोड़ रुपये के कर-पश्चात लाभ (पीएटी) और 46,606 करोड़ रुपये की कुल आय की घोषणा की है, जिसमें वित्त वर्ष 2022 की तुलना में क्रमशः 11 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के लिए, कंपनी ने समेकित आधार पर ₹4,320 करोड़ का पीएटी पोस्ट किया, जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही से 4प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के लिए समेकित आधार पर कुल आय में 13प्रतिशत की वृद्धि के साथ 12,557 करोड़ रुपये हो गई जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 11,068 करोड़ रुपये थी।

कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 के लिए पहले से भुगतान किए गए ₹ 10/- प्रति शेयर के पहले और दूसरे अंतरिम लाभांश के अलावा 47.50 प्रतिशत (₹ 10/- प्रत्येक के अंकित मूल्य पर ₹ 4.75 प्रति शेयर) का अंतिम लाभांश प्रस्तावित किया है। इस प्रकार वर्ष के लिए कुल लाभांश ₹ 14.75 प्रति शेयर है जो पिछले वर्ष के समान है।

कंपनी ने वित्त वर्ष के दौरान समेकित आधार पर ₹ 9,212 करोड़ का पूंजीगत व्यय और ₹ 7,413 करोड़ (एफईआरवी को छोड़कर) की पूंजीगत संपत्ति खर्च की। समेकित आधार पर कंपनी की सकल अचल संपत्ति 31 मार्च, 2023 को 2,70,107 करोड़ रुपये रही, जबकि 31 मार्च, 2022 को यह 2,62,726 करोड़ रुपये थी।

वित्त वर्ष 2023 में, कंपनी ने अपनी सहायक कंपनियों के साथ 24,900 एमवीए ट्रांसफॉर्मेंशन क्षमता, 7 सब-स्टेशन और 1,676 सीकेएम ट्रांसमिशन लाइनें जोड़ीं। पावरग्रिड ने अपनी 4 टीबीसीबी सहायक कंपनियों- पावरग्रिड रामपुर संभल ट्रांसमिशन लिमिटेड, पावरग्रिड भिंड गुना ट्रांसमिशन लिमिटेड, पावरग्रिड मेदिनीपुर-जीरत ट्रांसमिशन लिमिटेड और पावरग्रिड भुज ट्रांसमिशन लिमिटेड को सफलतापूर्वक चालू किया है।

31 मार्च 2023 तक, पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल ट्रांसमिश एसेट्स 1,74,110 सीकेएम ट्रांसमिश लाइनें, 272 सब-स्टेशन और 4,99,360 एमवीए ट्रांसफॉर्मेंशन क्षमता रही है।

वर्ष के दौरान, पावरग्रिड ने कंपनी ने लगभग ₹9,500 करोड़ अनुमानित लागत के साथ एक इंट्रा-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम और 11 इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम टीबीसीबी सहायक कंपनियों का अधिग्रहण किया है।

वित्त वर्ष 2023 में भी 99.80प्रतिशत से अधिक की उच्च औसत ट्रांसमिशन सिस्टम उपलब्धता को बनाए रखना जारी रखा। इस वर्ष औसत ट्रांसमिशन सिस्टम की उपलब्धता 99.82प्रतिशत थी। 2021-22 के लिए इंटरनेशनल ट्रांसमिशन ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस स्टडी (आटीओएमएस) में लाइन और सबस्टेशन मेंटेनेंस दोनों के लिए पावरग्रिड को पहले चार में स्थान दिया गया है। पहले चार में स्थान होने का मतलब उच्च प्रदर्शन स्तरों के साथ कम लागत पर किए जा रहे परिसंपत्ति रखरखाव का संकेत है।

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