कानपुर 7 फरवरी भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की एन एस एस इकाई द्वारा मतदाता जागरुकता विषय पर एक-दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभ आरम्भ महाविद्यालय में ऍन एस ऐस यूनिट की स्वयंसेविकाओं द्वारा स्लोगन के द्वारा किया गया एवम ऍन एस एस प्रभारी प्रोफ चित्रा सिंह तोमर ने मतदाता जागरुकता पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया जिसमें महाविद्यालय की सब शिक्षिकाओं ने तथा छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया । इसके पश्च्यात स्वयंसेविकाओं ने रैली निकल कर मतदाता जागरुकता के विषय में आम नागरिकों को जागरूक किया साथ ही गॉड ली हुई बस्ती ‘छोटी बीवी का हाता’ के प्रत्येक घर में जाकर महिलाओं, पुरुषों व युवाओं को मतदान के विषय में जानकारी प्रदान की तथा उन्हें मतदान के महत्व को समझाते हुए मतदान करने के लिए प्रेरित किया। शिविर का समापन महाविद्यालय में प्राचार्य प्रो. सुमन के स्वयंसेविकाओं को दिए गए मार्ग दर्शन के द्वारा किया गया । इस अवसर पर ऍन सी सी की इकाई प्रमुख डॉ प्रीति यादव भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं । एवम शिविर का सफलतापूर्वक संचालन ऍन एस एस कार्यक्रम अधिकारी प्रो. चित्रा सिंह तोमर ने किया।
देश प्रदेश
मां हमेशा जिंदा रहती है
मां हमेशा जिंदा रहती है…
कभी रसोई में तो कभी बगीचे में
दिख जाती है….
अक्सर सुई धागे में भी दिख जाती है
यूं ही बातों बातों में भी कभी याद बनकर
दिख जाती है…
मंदिर में, अलमारी में, पल पल पर घटते जा रहे हैं जीवन में
अक्सर मां दिख जाती है …. कोई व्यंजन कब सीखा.. याद नहीं
पर किसने कैसे सिखाए यह याद आ जाता है बगीचे का पौधा जो अब बड़ा हो गया है
अपने बड़े होने की बात बताता है…
न जाने कितनी बातें हैं याद आती….
मां घर के हर कोने में यूंही चलती रहती है
शायद…. हमेशा.
~प्रियांका वर्मा माहेश्वरी
Read More »600 एलएमटी से अधिक की धान की खरीद और 1,30,000 करोड़ रुपये से अधिक के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के प्रवाह से 75 लाख किसान लाभान्वित हुए
खरीफ विपणन सीजन 2023-24 (खरीफ फसल) के दौरान 600 लाख एमटी से अधिक धान की खरीद पूरी हो चुकी है। इससे 1,30,000 करोड़ रुपये से अधिक का एमएसपी परिव्यय प्रदान करके 75 लाख किसानों को लाभान्वित किया गया है। यह खरीद अक्टूबर 2023 में शुरू हुई थी।
600 मीट्रिक टन धान की खरीद के मौजूदा स्तर के साथ, केंद्रीय पूल में पीएमजीकेएवाई/टीपीडीएस और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत लगभग 400 एलएमटी वार्षिक आवश्यकता की तुलना में 525 एलएमटी से अधिक चावल उपलब्ध है। सरकार की ओर से मार्च, 2024 में शुरू होने वाले आगामी रबी सीजन के दौरान गेहूं की अधिकतम खरीद के लिए भी तैयारी की जा रही है, जिसके लिए प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के परामर्श से विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं।
जर्मनी के न्यूरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेले में भारतीय खिलौना विनिर्माताओं को बड़ी संख्या में ऑर्डर प्राप्त हु
निर्यातकों का कहना है कि 30 जनवरी 2024 से 3 फरवरी, 2024 तक चलने वाले जर्मनी के न्यूरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेले में भाग लेने वाले भारतीय खिलौना विनिर्माताओं को 10 मिलियन डॉलर से अधिक के बराबर के बड़ी संख्या में ऑर्डर प्राप्त हुए हैं, क्योंकि उन्होंने वहां उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों को प्रदर्शित किया था। भारतीय खिलौना उद्योग ने रेखांकित किया कि सरकार की अनिवार्य गुणवत्ता मानदंडों, सीमा शुल्क में वृद्धि और खिलौनों पर राष्ट्रीय कार्य योजना ( एनएपीटी ) जैसी पहलों ने उच्च गुणवत्ता वाले खिलौनों के विनिर्माण में सहायता की है जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर काफी सराहना प्राप्त की। भारतीय खिलौना सेक्टर एक स्वस्थ विकास दर से आगे बढ़ रहा है और वैश्विक कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है। मेले में सबसे लोकप्रिय वर्गों के बीच लकड़ी से बने खिलौनों और शैक्षणिक शिक्षण खिलौनों से संबंधित उत्पादों की प्रधानता रही।
शीर्ष निर्यातकों के अनुसार, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और जर्मनी जैसे देशों के खरीदारों ने उनमें दिलचस्पी प्रदर्शित की और अच्छी संख्या में ऑर्डर दिए। इस वर्ष भारत से 55 से अधिक प्रतिभागी थे। न्यूरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेले में भारतीय खिलौना विनिर्माताओं ने कहा कि खरीदारों के दृष्टिकोण और व्यवहार में उल्लेखनीय परिवर्तन देखा गया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की खिलौना अर्थव्यवस्था की व्यापक अपील के कारण भारत को अब एक आकर्षक वैकल्पिक सोर्सिंग गंतव्य के रूप में सराहना प्राप्त हो रही है।
भारतीय खिलौना विनिर्माताओं ने यह भी कहा कि इस प्रतिष्ठित मंच ने अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त उद्यमों के लिए द्वार खोल दिए हैं क्योंकि भारतीय विनिर्माण इकोसिस्टम को वैश्विक स्वीकृति प्राप्त हो रही है। भारतीय उद्योग के साथ साझीदारी करने में वैश्विक कंपनियों की दिलचस्पी ने घरेलू विनिर्माताओं को बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय दोनों ही बाजारों में मांग की पूर्ति करने के लिए अपनी विनिर्माण क्षमता को बढ़ाने का प्रोत्साहन प्रदान किया है।
‘ मेड इन इंडिया ‘ खिलौनों की उभरती अंतर्राष्ट्रीय पहचान से निर्यात में वृद्धि में योगदान मिलने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2014-15 में 332.55 मिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में 158.7 मिलियन डॉलर के खिलौनों के समग्र आयात में उल्लेखनीय 52 प्रतिशत की कमी और वित्त वर्ष 2014-15 में 96.17 मिलियन डॉलर की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में 325.72 मिलियन डॉलर के खिलौनों के समग्र निर्यात में 239 प्रतिशत की भारी वृद्धि पहले ही दर्ज की जा चुकी है।
जहां घरेलू विनिर्माताओं को पहले ही जर्मनी में सफलता प्राप्त हो चुकी है, स्नैपडील और वॉलमार्ट सहित अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुकी बड़ी कंपनियों के साथ गठबंधन पाइपलाइन में है। सरकार और उद्योग के समेकित प्रयासों के साथ, इस सेक्टर का भविष्य में सफलता अर्जित करना तय है।
न्यूरेमबर्ग अंतर्राष्ट्रीय खिलौना मेला 3 फरवरी, 2024 को संपन्न हुआ। विश्व के सबसे बड़े खिलौना मेलों में से एक इस मेले में 65 देशों के 2,000 से अधिक प्रदर्शकों ने भाग लिया।
अनुसूचीबद्ध विमानन सेवा प्रदाताओं ने वर्ष 2023 के दौरान अपने बेड़े में 112 हवाई जहाज शामिल किए
हवाई परिवहन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए विमानन सेवा प्रदाता अपने बेड़े में नए विमान शामिल कर रहे हैं। प्रमुख विमानन सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा हवाई जहाजों के लिए दिए गए ऑर्डरों का उल्लेख अनुलग्नक-II में संलग्न किया गया है।
अनुलग्नक-I
31.12.2023 तक विभिन्न विमानन सेवा प्रदाता कंपनियों के साथ एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट (एयर ऑपरेटर सर्टिफिकेट) पर स्वीकृति प्राप्त विमानों की संख्या
क्रम संख्या | विमानन सेवा प्रदाता का नाम | बेड़े की संख्या |
निर्धारित संचालक | ||
1 | एआईएक्स कनेक्ट प्रा. लिमिटेड
(जिसे पूर्व में एयरएशिया (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था) |
24 |
2 | एयर इंडिया लिमिटेड (एयर इंडिया) | 124 |
3 | एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड (एयर इंडिया एक्सप्रेस) | 34 |
4 | एलायंस एयर एविएशन लिमिटेड (एलायंस एयर) | 21 |
5 | ब्लू डार्ट एविएशन लिमिटेड (ब्लू डार्ट) | 8 |
6 | गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड (गो फर्स्ट)* | 54* |
7 | इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) | 342 |
8 | क्विकजेट कार्गो एयरलाइंस प्रा. लिमिटेड (क्विकजेट) | 2 |
9 | एसएनवी एविएशन प्रा. लिमिटेड (अकासा एयर) | 20 |
10 | स्पाइस जेट लिमिटेड (स्पाइस जेट) | 57 |
11 | टाटा एसआईए एयरलाइंस लिमिटेड (विस्तारा) | 66 |
12 | ज़ेक्सस एयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (ज़ूम) | 2 |
अनुसूचीबद्ध नियमित आने-जाने वाले संचालक | ||
13 | बिग चार्टर प्रा. लिमिटेड (फ्लाई बिग) | 2 |
14 | जीएसईसी मोनार्क और डेक्कन एविएशन प्रा. लिमिटेड (इंडिया वन एयर) | 3 |
15 | घोड़ावत इंटरप्राइजेज प्रा. लिमिटेड (स्टार एयर) | 8 |
16 | पवन हंस लिमिटेड (एससीओ)28 | 4 |
कुल संख्या | 771 |
* गो एयरलाइंस (इंडिया) लिमिटेड (गो फर्स्ट) वर्तमान में दिवाला और दिवालियापन संहिता की धारा 10 के अनुसार कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है।
अनुलग्नक- II
प्रमुख विमानन सेवा प्रदाताओं द्वारा दिए गए विमान ऑर्डर
(एयरलाइंस कंपनियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार)
क्रम संख्या | संचालक का नाम | विमान का प्रकार | आदेशित विमानों की संख्या | वर्ष |
1 | एयर इंडिया ग्रुप | ए320/ए321 | 210 | 2023 |
ए350 | 40 | 2023 | ||
बी787 | 20 | 2023 | ||
बी777 | 10 | 2023 | ||
बी737-8 | 190 | 2023 | ||
2 | इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) | ए320 फैमिली | 400 | 2015 |
ए320 फैमिली | 300 | 2019 | ||
ए320 फैमिली | 500 | 2023 | ||
एटीआर 72-212ए (600 संस्करण) | 50 | 2017 | ||
3 | एसएनवी एविएशन प्रा. लिमिटेड (अकासा एयर) | बी737-8 | 76 | 2021 |
बी737-8 | 150 | 2024 | ||
4 | स्पाइसजेट लिमिटेड
(स्पाइसजेट) |
बी737-8 | 155 | 2016 |
कुल | 2101 |
नोट:
- विमान सेवा प्रदाता कंपनियों द्वारा विमान शामिल करने के साथ-साथ पट्टा अवधि की समाप्ति होने के बाद उनके मौजूदा विमानों की पुनः सुपुर्दगी/निर्यात भी किया जाएगा। इस तरह से विमान शामिल होने से एयरलाइन के बेड़े में संख्या बढ़ोतरी के अलावा समय के साथ मौजूदा बेड़े के बदलाव की भी आवश्यकता पूरी होगी।
- विमान सेवा प्रदाता कंपनियों व्यावसायिक विचारों के आधार पर समय के साथ अपने बेड़े की योजना बनाएंगे/अनुकूलन करेंगे।
नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
प्रथम सर्वेक्षण विशाल मालवाहक जहाज, आईएनएस संध्याक को विशाखापत्तनम में रक्षा मंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया
रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में जलावतरण को ऐतिहासिक बताया और विश्वास जताया कि आईएनएस संध्याक भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करेगा और भारतीय नौसेना को शांति और सुरक्षा बनाए रखने में सहयोग करेगा। उन्होंने किसी भी देश की सुरक्षा के महत्व को मनुष्य के विकास के साथ जोडते हुए बताया। उन्होंने कहा “जीवन के प्रारंभिक वर्षों में अपने परिवार पर निर्भर रहने से, एक बच्चा समाज में ज्ञान का प्रसार करने से पहले धीरे-धीरे आत्मनिर्भर हो जाता है। इसी प्रकार, कोई भी देश अपने विकास के प्रारंभिक चरण में अपनी सुरक्षा की क्षमता विकसित करने से पहले सुरक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता है। अंतत: तृतीय चरण का प्रादुर्भाव होता है जब वह इतना शक्तिशाली हो जाता है कि न केवल अपने हितों की रक्षा करता है, बल्कि अपने मित्र देशों की रक्षा करने में भी सक्षम हो जाता है”।
रक्षा मंत्री ने आशा व्यक्त की कि आईएनएस संध्याक महासागरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और देश के साथ-साथ अन्य देशो की रक्षा करने के दोहरे उद्देश्य को प्राप्त करने में सहयोगी होगा। उन्होंने कहा “समुद्र विशाल और अथाह है। हम जितना अधिक इसके तत्वों को जानने में सक्षम होंगे, हमारे ज्ञानकोष में उतनी ही वृद्धि होगी और हम मजबूत बनेंगे। जितना अधिक हम महासागर, इसकी पारिस्थितिकी, इसकी वनस्पतियों और जीवों के बारे में जानकारी एकत्र करेंगे, हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेंगे। जितना अधिक हम महासागर के बारे में जानेंगे, उतना ही अधिक सार्थक रूप से हम अपने रणनीतिक सुरक्षा हितों को पूरा करने में सक्षम होंगे”।
श्री राजनाथ सिंह ने बताया कि आजादी के बाद, कई विषम चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करते हुए, भारत अपनी सुरक्षा के लिए आगे बढ़ता रहा और स्वयं को खतरों से बचाता रहा। उन्होंने कहा, आज देश विकास के पथ पर अग्रसर है, हमारी मजबूत नौसेना हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पहले से कहीं अधिक उत्तरदायित्व निभाते हुए सुरक्षा प्रदान कर रही है।
रक्षा मंत्री ने हिंद महासागर को वैश्विक व्यापार के लिए हॉटस्पॉट बताया। उन्होंने अरब सागर में व्यापारिक जहाजों के अपहरण के प्रयासों और समुद्री डाकुओं से जहाजों की रक्षा करने के लिए भारतीय नौसेना के साहस और फुर्ती की बात करते हुए कहा “हिंद महासागर में अदन की खाड़ी, गिनी की खाड़ी आदि जैसे कई चोक पॉइंट स्थित हैं, जिनके माध्यम से विशाल स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होता है। इन अवरोध बिंदुओं पर कई खतरे विद्यमान हैं, जिनमें से सबसे बड़ा खतरा समुद्री डाकुओं से है”।
श्री राजनाथ सिंह ने ‘न्यू इंडिया’ की प्रतिज्ञा बताते हुए आश्वासन दिया कि समुद्री डकैती और तस्करी में शामिल गतिविधियों को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभी हाल ही में आईएनएस इंफाल के जलावतरण के अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा था कि भारत नापाक गतिविधियों में संलिप्त तत्वों को समुद्र की गहराई से भी ढूंढ निकालेगा और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा।
रक्षा मंत्री ने आईएनएस संध्याक के जलावतरण समारोह के अवसर पर न केवल भारतीय जहाजों, बल्कि मित्र देशों के जहाजों को भी सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की। उन्होंने हाल ही में अदन की खाड़ी में एक ब्रिटिश जहाज पर ड्रोन हमले का हवाला देते हुए बताया, जिसके परिणामस्वरूप तेल टैंकरों में आग लग गई। उन्होंने आग बुझाने में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए भारतीय नौसेना की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रयास को विश्व ने पहचाना और सराहा।
श्री राजनाथ सिंह ने विगत कुछ दिनों में पांच समुद्री डकैती के प्रयासों को विफल करने व ड्रोन और मिसाइलों से हमला किए गए जहाजों की सहायता करने के अलावा 80 मछुआरों/नौसैनिकों को बचाने के लिए भारतीय नौसेना के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा “हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना शांति और समृद्धि सुनिश्चित करते हुए सुरक्षित व्यापार की सुविधा प्रदान कर रही है। कई रक्षा विशेषज्ञ इसे एक महाशक्ति का उदीयमान बता रहे हैं। यही हमारी संस्कृति है – हर किसी की रक्षा करना”।
रक्षा मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि बढ़ती ताकत के साथ, भारत न केवल क्षेत्रीय स्तर पर, बल्कि पूरे विश्व से अराजकता को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विभिन्न देशों के बीच नौवहन, व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता बनाए रखने के भारत के दर्शन को दोहराया। “हमारी बढ़ती शक्ति का उद्देश्य नियम-आधारित विश्व व्यवस्था सुनिश्चित करना है। हमारा उद्देश्य हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अवैध और अनियमित मत्स्याखेट को रोकना है। नौसेना इस क्षेत्र में नशीले पदार्थों और मानव तस्करी को रोक रही है। यह न केवल समुद्री डकैती रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि इस पूरे क्षेत्र को शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। आईएनएस संध्याक हमारे उद्देश्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार जिस उद्देश्य से नौसेना को मजबूत कर रही है, उससे विश्व शांति का प्रवर्तक बनने की हमारी नियति साकार होगी।”
इस अवसर पर अपने संबोधन में, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि एसवीएल परियोजना सरकार और नौसेना द्वारा समुद्र में कार्य करने की सर्वोत्कृष्ट शर्त – महासागरों की अथाह गहराई के सर्वेक्षण – को दिए जा रहे बढ़ते महत्व को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं और कार्यों को करने के लचीलेपन का लाभ उठाने के लिए नौसेना द्वारा स्वदेशी तौर पर अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म लॉन्च किए जा रहे है। उन्होंने कहा “चाहे वह शक्तिशाली विमानवाहक पोत विक्रांत हो, विशाखापत्तनम क्लास के घातक विध्वंसक, बहुमुखी नीलगिरि क्लास फ्रिगेट्स, गुप्त कलवरी क्लास पनडुब्बियां, फुर्तीला शैलो वॉटर एएसडब्ल्यू क्राफ्ट या विशेष डाइविंग सपोर्ट वेसल्स हों – हम सावधानीपूर्वक सशक्त भारत की सेवा में एक संतुलित ‘आत्मनिर्भर’ शक्तिबल का निर्माण कर रहे हैं”।
एडमिरल आर हरि कुमार ने बताया कि 66 जहाजों और पनडुब्बियों के आर्डर में से 64 का निर्माण कार्य भारतीय शिपयार्ड में किया जा रहा है। इसका अर्थ है कि नौसेना इस क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपये का निवेश करेगी, जिससे शिपयार्ड की क्षमता और श्रमिकों के साथ-साथ सहायक उद्योगों में कार्यरत लोगों की क्षमताओं में वृद्धि होगी।
रक्षा मंत्री के इस आश्वासन पर कि हिंद महासागर में शांति भंग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, नौसेना प्रमुख ने कहा: “न केवल भारत तथापि पूरी दुनिया ने पिछले चार-पांच सप्ताहों में श्री राजनाथ सिंह के निर्देशों का प्रभाव देखा है। भारतीय नौसेना तब तक नहीं रुकेगी जब तक हिंद महासागर पूरी तरह से मुक्त, सुरक्षित और स्वतंत्र नहीं हो जाता। हम तैयार हैं!”
गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता में निर्माणाधीन एसवीएल परियोजना के चार जहाजों में से पहले जहाज को जलावतरण समारोह में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। इस परियोजना का संचालन भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा किया गया है।
जहाज की आधारशिला 12 मार्च, 2019 को रखी गई थी और जहाज को 05 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था। यह बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षणों से गुजर चुका है, जिसके बाद इसे लॉन्च किया जाएगा। जहाज का विस्थापन 3,400 टन और कुल लंबाई 110 मीटर और बीम 16 मीटर है।
आईएनएस संध्याक गहरे और उथले पानी के मल्टी-बीम इको-साउंडर्स, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, दूर से संचालित वाहन, साइड स्कैन सोनार, डेटा अधिग्रहण और प्रसंस्करण प्रणाली, उपग्रह-आधारित पोजिशनिंग सिस्टम सहित अत्याधुनिक जलमाप चित्रण संबंधी जलीय उपकरणों से सुसज्जित है। स्थलीय सर्वेक्षण उपकरण जहाज दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित है और 18 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में सक्षम है। इसमें लागत के हिसाब से 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री लगी हुई है और यह एमएसएमई सहित भारतीय नौसेना और उद्योग के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के लिए एक श्रद्धांजलि स्वरूप है। इसका शामिल होना राष्ट्र के बढ़ते समुद्री हितों और क्षमताओं को दर्शाता है।
‘संध्याक’ का अर्थ है विशेष खोज करने वाला। इसके शिखर पर स्थित शिखा एक नाविक के कम्पास के सोलह बिंदुओं को दर्शाती है, जिसमें समुद्र पर सवार एक ‘डिवाइडर’ और एक ‘लंगर’ शामिल है, जो महासागरों की स्थिति का दर्शाता है, यह सर्वेक्षण
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को एनआईटी- गोवा के परिसर का उद्घाटन करेंगे
इस परियोजना की परिकल्पना गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनोहर पर्रिकर ने की थी। वे राज्य में राष्ट्रीय महत्व का एक संस्थान स्थापित करना चाहते थे, जिससे गोवा शिक्षा के लिए भी एक गंतव्य के रूप में अपनी सेवा दे सके।
साल 2010 में एनआईटी गोवा ने राज्य में पोंडा के फार्मागुडी स्थित गोवा इंजीनियरिंग कॉलेज के परिसर स्थित अपने पारगमन (ट्रांसिट) परिसर में काम करना शुरू किया था। इसके बाद शिक्षा मंत्रालय की सहायता से साल 2023 में दक्षिण गोवा स्थित कुनकोलिम में संस्थान के अपने परिसर का निर्माण कार्य पूरा हुआ। अपने स्थायी परिसर के लिए गोवा सरकार ने जुलाई 2017 में कुनकोलिम गांव में 4,56,767 वर्गमीटर (113 एकड़) भूमि हस्तांतरित की थी। इस परिसर का शिलान्यास गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. मनोहर पर्रिकर ने 15 दिसंबर, 2018 को किया था। इस अवसर पर तत्कालीन केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर भी उपस्थित थे।
मई, 2019 में एनआईटी गोवा परिसर के निर्माण की योजना सीपीडब्ल्यूडी के साथ परियोजना निगरानी समिति के रूप में शुरू की गई थी और पहले चरण के तहत 46 एकड़ भूमि पर काम करने की परिकल्पना की गई। इस परिसर का निर्माण आरसीसी प्रीकास्ट 3एस तकनीक का उपयोग करके किया गया है। इस परिसर का कुल निर्मित क्षेत्र 70,750 वर्गमीटर है, जिसकी निर्माण लागत 390.83 करोड़ रुपये है। इसकी कुल क्षमता 1,260 छात्र की है।
इस परिसर में विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध हैं। इनमें शैक्षणिक परिसर, विभागीय परिसर, संगोष्ठी परिसर, प्रशासनिक परिसर, छात्रावास, स्वास्थ्य केंद्र, स्टाफ क्वार्टर, सुविधा केंद्र, खेल मैदान व और अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
इसके अलावा परिसर की कई पर्यावरण-अनुकूल विशेषताएं भी हैं। इनमें सौर संयंत्र, सीवेज उपचार संयंत्र, जल की बचत करने वाली फिटिंग व सैनिटरीवेयर में फिक्स्चर, कुशल विद्युत प्रकाश व्यवस्था और सौर ऊर्जा संचालित स्ट्रीट लाइट शामिल हैं। इसके निर्माण के दौरान राज्य में मौसम की स्थिति के अनुकूल बागवानी कार्यों के तहत स्थानीय पौधों का रोपण किया गया और सौर पैनलों को लगाया गया है। इसके अलावा भवनों में बिजली के उपयोग को कम करने और प्रकाश व्यवस्था प्रदान करने के लिए बेहतर प्राकृतिक वेंटिलेशन डिजाइन किया गया है।
एक राष्ट्र एक चुनाव पर उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) की 5वीं बैठक हुई
भारतीय उद्योग परिसंघ (कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज-सीआईआई) के प्रतिनिधिमंडल में महा निदेशक श्री चंद्रजीत बनर्जी, महानिदेशक, अध्यक्ष श्री आर दिनेश, अध्यक्ष, नामित अध्यक्ष श्री संजीव पुरी,, उप महानिदेशक श्री मारुत सेन गुप्ता, उप महानिदेशक, सुश्री अमिता सरकार, कार्यकारी निदेशक, श्री बिनॉय जॉब शामिल थे। मुख्य आर्थिक रणनीति और परियोजना समन्वय श्री जी श्रीवास्तव ने समिति के समक्ष एक प्रस्तुति दी जिसमें एक राष्ट्र एक चुनाव (वन नेशन वन इलेक्शन –ओएनओई) और इसके प्रभाव पर उद्योग के विचारों पर प्रकाश डाला गया, जिसके बाद उन्होंने एक औपचारिक ज्ञापन प्रस्तुत किया।
उच्च स्तरीय समिति (एचएलसी) के अध्यक्ष श्री कोविंद ने आज बिहार सरकार के मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार सुमन के साथ भी बातचीत की, जिन्होंने एक साथ चुनाव कराने पर अपनी पार्टी का विचार प्रस्तुत किया।
कल 1 फरवरी को संपन्न अपनी बैठकों में श्री कोविंद ने राजनीतिक दलों के साथ उनके परामर्श, के एक अंग के रूप में सांसद श्री राहुल शेवाले, लोकसभा में शिवसेना पार्टी के नेता (एकनाथ संभाजी शिंदे), सांसद श्री राजेंद्र गावित, सांसद श्री श्रीरंग बार्ने और श्री आशीष कुलकर्णी के साथ बातचीत की। जिन्होंने इस विषय पर अपनी सुविचारित राय दी।
फेम इंडिया योजना के चरण-II के तहत 13,41,459 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को 5,790 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई
हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों का तीव्र अंगीकरण और विनिर्माण (फेम) योजना के चरण-II के तहत बजटीय आवंटन और धनराशि के परिव्यय का विवरण निम्नलिखित है:
क्रम संख्या | वित्तीय वर्ष | बजट आवंटन | धनराशि का उपयोग (31.01.2024 की स्थिति के अनुसार) |
1 | 2019-20 | 500 करोड़ रुपये | 500 करोड़ रुपये |
2 | 2020-21 | 318.36 करोड़ रुपये | 318.36 करोड़ रुपये |
3 | 2021-22 | 800 करोड़ रुपये | 800 करोड़ रुपये |
4 | 2022-23 | 2897.84 करोड़ रुपये | 2402.51 करोड़ रुपये |
5 | 2023-24 | 5171.97 करोड़ रुपये | 1980.83 करोड़ रुपये |
भारी उद्योग मंत्रालय ने 25 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 68 शहरों में 2,877 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन की मंजूरी दी है। इन चार्जिंग स्टेशनों में से 148 इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण किया जा चुका है और इनका परिचालन किया जा रहा है।
इसके अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की तीन तेल विपणन कंपनियों को 7,432 इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 800 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।
31 जनवरी, 2024 की स्थिति के अनुसार फेम इंडिया योजना के चरण-II के तहत इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं को 13,41,459 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर 5790 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई है। (31 जनवरी, 2024 की स्थिति के अनुसार फेम-II पोर्टल पर दावाकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नीचे दिए गए ब्यौरे के अनुसार)
क्रम संख्या | वाहन का प्रकार | कुल वाहन संख्या |
1 | दोपहिया | 11,85,829 |
2 | तिपहिया | 1,38,639 |
3 | चौपहिया | 16,991 |
कुल | 13,41,459 |
इसेक अलावा भारी उद्योग मंत्रालय ने शहर के भीतर परिचालन के उद्देश्य से विभिन्न शहरों/एसटीयू/राज्य सरकार की इकाइयों के लिए 6862 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी है। 29 नवंबर, 2023 की स्थिति के अनुसार इन 6,862 ई-बसों में से 3487 बसों की आपूर्ति एसटीयू को की जा चुकी है।
यह जानकारी भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने आज राज्य सभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी।
Read More »सरकार ने तमिलनाडु के समुद्र तट पर 4 गीगावॉट अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं
अपतटीय पवन के अनेक लाभ हैं। यह भूमि की उपलब्धता की बाधाओं को दूर करता है; इसमें उच्च क्षमता उपयोग फ़ंक्शन (सीयूएफ) है – जो लगभग 50 प्रतिशत है। इसके अलावा, अपतटीय पवन टर्बाइनों की क्षमताएं ऑन-शोर पवन टर्बाइनों की तुलना में अधिक हैं; प्रत्येक टरबाइन 15 मेगावाट की है।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत भारत सरकार के उपक्रम सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेकी) के माध्यम से ऑफ-शोर पवन ऊर्जा बोलियां आमंत्रित की गई हैं। सभी आवश्यक पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने के बाद बोलियां आमंत्रित की जा रही हैं। निविदा आमंत्रण सूचना यहाँ पर प्राप्त की जा सकती है।
भारत पहले ही नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व के रूप में उभरा है। यह कदम भारत की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा को एक और आयाम में ले जाएगा।