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प्रधानमंत्री धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य क्षेत्र से सम्बंधित 12,850 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं का शुभारंभ, उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे

धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली में लगभग 12,850 करोड़ रुपये की लागत वाली स्वास्थ्य क्षेत्र से सम्बंधित विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ, उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार शुरू करेंगे। इससे सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी आय को महत्व दिये बिना स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री देशभर में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे हैं। स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कई स्वास्थ्य संस्थानों का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

प्रधानमंत्री भारत के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान के दूसरे चरण का उद्घाटन करेंगे। इस चरण में, एक पंचकर्म अस्पताल, औषधि निर्माण के लिए एक आयुर्वेदिक फार्मेसी, एक खेल चिकित्सा इकाई, एक केंद्रीय पुस्तकालय, एक आईटी और स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन सेंटर और 500 सीटों वाला ऑडिटोरियम शामिल है। श्री मोदी मध्य प्रदेश के मंदसौर, नीमच और सिवनी में तीन मेडिकल कॉलेजों का भी उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा, वे हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर, पश्चिम बंगाल के कल्याणी, बिहार के पटना, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, असम के गुवाहाटी और नई दिल्ली विभिन्न एम्स में सुविधा और सेवा विस्तार का उद्घाटन करेंगे, जिसमें एक जन औषधि केंद्र भी शामिल होगा। प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक और ओडिशा के बरगढ़ में एक क्रिटिकल केयर ब्लॉक का भी उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के शिवपुरी, रतलाम, खंडवा, राजगढ़ और मंदसौर में पांच नर्सिंग कॉलेजों, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, तमिलनाडु और राजस्थान में 21 क्रिटिकल केयर ब्लॉकों और नई दिल्ली स्थित एम्स तथा हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में अनेक सुविधाओं और सेवा विस्तारों की आधारशिला भी रखेंगे।

प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के इंदौर में एक ईएसआईसी अस्पताल का उद्घाटन करेंगे और हरियाणा के फरीदाबाद, कर्नाटक के बोम्मासंद्रा और नरसापुर, मध्य प्रदेश के इंदौर, उत्तर प्रदेश के मेरठ और आंध्र प्रदेश के अचुतापुरम में ईएसआईसी अस्पतालों की आधारशिला रखेंगे। इन परियोजनाओं से करीब 55 लाख ईएसआई लाभार्थियों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलेगा।

प्रधानमंत्री विभिन्न क्षेत्रों में सेवा सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को विस्तार देने के प्रबल पक्षधर रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुलभ बनाने वाली ड्रोन प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री 11 तृतीयक स्वास्थ्य सेवा संस्थानों में ड्रोन सेवाओं का शुभारंभ करेंगे। उत्तराखंड में एम्स ऋषिकेश, तेलंगाना में एम्स बीबीनगर, असम में एम्स गुवाहाटी, मध्य प्रदेश में एम्स भोपाल, राजस्थान में एम्स जोधपुर, बिहार में एम्स पटना, हिमाचल प्रदेश में एम्स बिलासपुर, उत्तर प्रदेश में एम्स रायबरेली, छत्तीसगढ़ में एम्स रायपुर, आंध्र प्रदेश में एम्स मंगलगिरी और मणिपुर में रिम्स इंफाल इसमें शामिल हैं। श्री मोदी एम्स ऋषिकेश से हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का भी शुभारंभ करेंगे, इससे तेजी से चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में मदद करेगी।

प्रधानमंत्री यू-विन पोर्टल का शुभारंभ करेंगे। यह टीकाकरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बनाकर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को लाभान्वित करेगा। यह गर्भवती महिलाओं और जन्म से 16 वर्ष तक के बच्चों को 12 वैक्सीन-निवारणीय बीमारियों के खिलाफ जीवन रक्षक टीकों का समय पर दिया जाना सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, प्रधानमंत्री संबद्ध और स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के लिए एक पोर्टल भी लॉन्च करेंगे। यह मौजूदा स्वास्थ्य पेशेवरों और संस्थानों के केंद्रीकृत डेटाबेस के रूप में कार्य करेगा।

प्रधानमंत्री देश में स्वास्थ्य सेवा इको-सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए अनुसंधान एवं विकास तथा परीक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई पहलों की भी शुरुआत करेंगे। प्रधानमंत्री ओडिशा में भुवनेश्वर के गोथापटना में एक केंद्रीय औषधि परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन करेंगे।

प्रधानमंत्री ओडिशा के खोरधा और छत्तीसगढ़ के रायपुर में योग और प्राकृतिक चिकित्सा के दो केंद्रीय अनुसंधान संस्थानों की आधारशिला रखेंगे। श्री मोदी चिकित्सा उपकरणों के लिए गुजरात के एनआईपीईआर अहमदाबाद, थोक दवाओं के लिए तेलंगाना के एनआईपीईआर हैदराबाद, फाइटोफार्मास्युटिकल्स के लिए असम के एनआईपीईआर गुवाहाटी और एंटी-बैक्टीरियल एंटी-वायरल दवा खोज और विकास के लिए पंजाब के एनआईपीईआर मोहाली में चार उत्कृष्टता केंद्रों की आधारशिला भी रखेंगे।

प्रधानमंत्री चार आयुष उत्कृष्टता केंद्रों का शुभारंभ करेंगे, जिनके नाम हैं भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में मधुमेह और उपापचयी विकारों के लिए उत्कृष्टता केंद्र; आईआईटी दिल्ली में रस औषधियों के क्षेत्र में स्टार्ट-अप समर्थन तथा ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के समाधान और उन्नत तकनीकी समाधान के लिए टिकाऊ आयुष उत्कृष्टता केंद्र, केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में आयुर्वेद में मौलिक और अनुवाद सम्बंधी अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केंद्र; और जेएनयू, नई दिल्ली में आयुर्वेद और प्रणाली चिकित्सा पर उत्कृष्टता केंद्र।

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए गुजरात के वापी, तेलंगाना के हैदराबाद, कर्नाटक के बेंगलुरु, आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में चिकित्सा उपकरणों और बल्क दवाओं के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत पांच परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। ये इकाइयां महत्वपूर्ण बड़ी मात्रा में दवाओं के साथ-साथ बॉडी इम्प्लांट और क्रिटिकल केयर उपकरण जैसे उच्च-स्तरीय चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करेंगी।

प्रधानमंत्री देशभर के लिए, “देश का प्रकृति परीक्षण अभियान” भी शुरू करेंगे, जिसका उद्देश्य नागरिकों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। श्री मोदी जलवायु परिवर्तन के अनुकूल स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए अनुकूलन रणनीति तैयार करने के लिए प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के लिए जलवायु परिवर्तन और मानव स्वास्थ्य पर राज्य-विशिष्ट कार्य योजना भी शुरू करेंगे।

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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मोहाली में भारत के पहले बॉयोमैनुफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट “ब्रिक-नेशनल एग्री-फूड बॉयोमैनुफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट” के नए परिसर का उद्घाटन किया

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, तथा कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने मोहाली में भारत के पहले बॉयोमैनुफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट “ब्रिक-नेशनल एग्री-फूड बॉयोमैनुफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट” के नए परिसर का उद्घाटन किया जिसका उद्देश्य उन्नत जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से भारत के कृषि-खाद्य क्षेत्र को बढ़ावा देना है।

वैज्ञानिकों, उद्योग जगत के नेताओं और हितधारकों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कृषि में नवाचार को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर पैदा करने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत” के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए आवश्यक तत्व हैं।

उद्घाटन के दौरान डॉ. जितेंद्र सिंह ने हाल ही में लॉन्च की गई बायोई3 नीति जैसे ऐतिहासिक निर्णयों का हवाला देते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी को मोदी सरकार की मजबूत प्राथमिकता पर जोर दिया। यह पहल, जो अर्थव्यवस्था, रोजगार और पर्यावरण की सेवा में जैव प्रौद्योगिकी के लिए खड़ी है, उच्च प्रभाव वाले विज्ञान क्षेत्र को बढ़ावा देने पर प्रशासन के फोकस का उदाहरण है। मंत्री ने कहा, “जैव प्रौद्योगिकी और सिंथेटिक उत्पादन न केवल कृषि को बदल देगा बल्कि वैश्विक वैज्ञानिक प्रगति में भारत की भूमिका को फिर से परिभाषित करेगा।”

अपने संबोधन में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत एक विशेष जैव प्रौद्योगिकी नीति लागू करने वाले पहले देशों में से एक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बदलाव आधुनिक, लागत प्रभावी प्रौद्योगिकी पर निर्भर टिकाऊ, पर्यावरण अनुकूल समाधानों के माध्यम से पारंपरिक विनिर्माण से सिंथेटिक उत्पादन में महत्वपूर्ण परिवर्तन को बढ़ावा देगा। मंत्री ने वैश्विक आर्थिक स्थिति में “कमजोर पांच” से “पहले पांच” तक भारत की तेजी से वृद्धि की सराहना की, इस प्रगति का श्रेय सरकार की विज्ञान-केंद्रित रणनीति को दिया।

ब्रिक-नेशनल एग्री-फूड बायोमैन्युफैक्चरिंग इंस्टीट्यूट (ब्रिक-एनएबीआई), जिसका गठन एनएबीआई और सीआईएबी के रणनीतिक विलय के माध्यम से किया गया है, जैव प्रौद्योगिकी और जैव प्रसंस्करण विशेषज्ञता को एकजुट करके भारत के कृषि परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार है। इस नव स्थापित संस्था का उद्देश्य अनुसंधान से लेकर व्यावसायीकरण तक की यात्रा को सुव्यवस्थित करना, पायलट-स्केल उत्पादन की सुविधा प्रदान करना और बाजार में अभिनव कृषि-तकनीक समाधान प्रदान करना है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह एकीकरण कृषि अनुसंधान एवं विकास में दक्षता को बढ़ाएगा, जिससे उच्च उपज वाली, रोग प्रतिरोधी फसलों, जैव उर्वरकों और जैव कीटनाशकों का मार्ग प्रशस्त होगा। ये प्रगति न केवल किसानों की आय को दोगुना करने की सरकार की महत्वाकांक्षा के अनुरूप है, बल्कि टिकाऊ, पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को भी बढ़ावा देती है, किसानों के लिए आय के नए रास्ते बनाती है और व्यापक पर्यावरणीय उद्देश्यों का समर्थन करती है।

बायोनेस्ट इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, जिसे उद्योग भागीदारी, नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक-निजी पहल के लिए एक सहयोगी केंद्र के रूप में डिज़ाइन किया गया था। बायोनेस्ट ब्रिक-नाबी (BioNEST BRIC-NABI) इनक्यूबेशन सेंटर का उद्देश्य कृषि, खाद्य और जैव प्रसंस्करण में स्टार्टअप का समर्थन करके स्थानीय युवाओं, महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाना है, कृषि-खाद्य नवाचारों के तेज़ व्यावसायीकरण के लिए उद्योग के साथ अनुसंधान को जोड़ना है।

मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के साथ संयुक्त प्रयासों के माध्यम से, बायोनेस्ट समावेशी आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने, “मेक इन इंडिया” दृष्टिकोण के साथ तालमेल बिठाने और आत्मनिर्भरता की ओर भारत की यात्रा को आगे बढ़ाने का प्रयास करता है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने सक्रिय निजी क्षेत्र की भागीदारी की आवश्यकता पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि ऐसे इनक्यूबेटरों में निवेश से बाजार की संभावनाओं को खोला जा सकता है और भारत के युवा कार्यबल के लिए स्थायी रोजगार प्रदान किया जा सकता है।

जैव विनिर्माण को आगे बढ़ाने के अपने मिशन के अनुरूप डॉ. जितेंद्र सिंह ने जैव विनिर्माण कार्यशाला 1.0 की घोषणा की, जो दिसंबर 2024 में आयोजित की जाएगी। यह अग्रणी कार्यशाला कृषि, खाद्य, फार्मास्यूटिकल्स और ऊर्जा में जैव विनिर्माण के अनुप्रयोगों पर गहन चर्चा करेगी, तथा टिकाऊ उत्पादन के लिए जैविक प्रणालियों का उपयोग करने वाली अत्याधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी।

मंत्री ने कहा कि शोधकर्ताओं और उद्योग पेशेवरों को ध्यान में रखकर आयोजित यह कार्यक्रम सरकार की बायोई3 नीति का समर्थन करता है और पर्यावरण अनुकूल, नवाचार-संचालित औद्योगिक विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारतीय वैज्ञानिकों के प्रतिभा पलायन पर भी बात की, युवा प्रतिभाओं को भारत में ही शोध और उद्यमिता को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया, देश के प्रतिस्पर्धी संसाधनों और वैश्विक संस्थानों को टक्कर देने वाले बढ़ते वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र पर जोर दिया। उनका मानना ​​है कि स्वदेशी विशेषज्ञता विकसित करने पर यह राष्ट्रीय ध्यान विज्ञान और नवाचार में भारत के वैश्विक प्रभाव को मजबूत करेगा।

।ब्रिक-राष्ट्रीय कृषि-खाद्य जैव-विनिर्माण संस्थान की स्थापना मोदी सरकार के महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों के अनुरूप एकीकृत, विज्ञान-संचालित अर्थव्यवस्था की ओर भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बायोई3 और बायोनेस्ट जैसी पहलों के माध्यम से, भारत न केवल ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी के रूप में बल्कि नवाचार के एक गतिशील इनक्यूबेटर के रूप में खुद को स्थापित करता है जो दुनिया भर में सतत विकास में योगदान देने के लिए तैयार है। डॉ. जितेंद्र सिंह का संदेश स्पष्ट था: भारत के कृषि-खाद्य क्षेत्र की उन्नति एक लचीले, दूरदर्शी राष्ट्र के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होगी

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भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C), गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संगठित साइबर अपराधियों द्वारा अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘mule’ बैंक खातों का उपयोग कर बनाए गए उन गैर-कानूनी पेमेंट गेटवे के खिलाफ़ अलर्ट जारी किया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं

भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C), गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय संगठित साइबर अपराधियों (Transnational Organized Cybercriminals) द्वारा अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘mule’ बैंक खातों का उपयोग कर बनाए गए उन गैर-कानूनी पेमेंट गेटवे के खिलाफ़ अलर्ट जारी किया है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त हैं। गुजरात पुलिस (FIR संख्या – 0113/2024) और आंध्र प्रदेश पुलिस (FIR संख्या – 310/2024) द्वारा हाल ही में की गई राष्ट्रव्यापी छापेमारी में पता चला कि अंतरराष्ट्रीय अपराधियों ने ‘mule’ या किसी और के खातों का संचालन कर अवैध डिजिटल पेमेंट गेटवे बनाए हैं। मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त इस अवैध तंत्र का इस्तेमाल साइबर अपराधों से हासिल अवैध धन की लॉन्ड्रिंग के लिए किया जाता है ।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय, सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग से साइबर सुरक्षित भारत के निर्माण के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है।

राज्यों की पुलिस एजेंसियों से प्राप्त जानकारी और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा किए गये विश्लेषण के अनुसार, निम्नलिखित बिन्दुओं की पहचान की गई :

I. चालू खाते (Current Account) और बचत खाते (Savings Account) सोशल मीडिया, खासकर Telegram और Facebook के माध्यम से खोजे जाते हैं; ये खाते shell कंपनियों / एंटरप्राइज या व्यक्तियों के होते हैं।

II. इन mule खातों को विदेशों से संचालित किया जाता है।

III. फिर इन mule खातों का उपयोग कर अवैध पेमेंट गेटवे बनाया जाता है, जिसे आपराधिक सिंडिकेट को फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कैम साइटों, offshore सट्टेबाजी और जुए से जुडी वेबसाइटों, फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म आदि जैसे अवैध प्लेटफार्मों पर जमा हुई धनराशि प्राप्त करने के लिए दिया जाता है।

IV. जैसे ही अपराध से अवैध धन प्राप्त होता है, उसे तुरंत दूसरे खाते में डाल दिया जाता है। इसके लिए बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली Bulk Payout की सुविधा का दुरुपयोग किया जाता है।

 

अभियान के तहत जिन पेमेंट गेटवे की पहचान की गई, उनमें PeacePay, RTX Pay, PoccoPay, RPPay आदि शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ये गेटवे, मनी लॉन्ड्रिंग को एक सेवा के रूप में उपलब्ध कराते हैं और इन्हें विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित किया जाता है।

I4C ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे अपने बैंक खाते/कंपनी पंजीकरण प्रमाणपत्र/’उद्यम आधार’ पंजीकरण प्रमाणपत्र किसी को न बेचें और न ही किराए पर दें। ऐसे बैंक खातों में किसी और द्वारा जमा अवैध धनराशि के लिए गिरफ़्तारी सहित अन्य कानूनी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। बैंक उन खातों के दुरुपयोग की पहचान करने के लिए जाँच कर सकते हैं जिनका इस्तेमाल अवैध पेमेंट गेटवे बनाने के लिए किया जाता है। नागरिक किसी भी साइबर अपराध की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत दें और सोशल मीडिया पर “CyberDost” चैनल/अकाउंट को फ़ॉलो करें

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भारतीय तटरक्षक बल  ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड निर्मित दो फास्ट पैट्रोल वेसल जहाजों का जलावतरण किया जो 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से बने हैं

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/PIC36H4B.jpeg भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने 28 अक्टूबर, 2024 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) निर्मित दो फास्ट पैट्रोल वेसल (एफपीवी) ‘अदम्य’ और ‘अक्षर’ को एक साथ लॉन्च किया। ये दोनों जहाज 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री से बने हैं। ये दोनों जहाज (एफपीवी) जीएसएल के साथ 473 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले आठ ऐसे एफपीवी के लिए किए गए अनुबंध का हिस्सा हैं। ये उन्नत एफपीवी सुरक्षा, निगरानी, ​​नियंत्रण और निगरानी की प्राथमिक भूमिका के साथ आईसीजी को अपतटीय संपत्तियों और द्वीप क्षेत्रों की सुरक्षा में मदद करेंगे।

प्रत्येक एफपीवी की लंबाई 52 मीटर, चौड़ाई 8 मीटर और अधिकतम गति 27 समुद्री मील है। यह नियंत्रण योग्य पिच प्रोपेलर-आधारित प्रणोदन प्रणाली पर कार्य करता है और 320 टन का विस्थापन करता है। इन जहाजों को अमेरिकी शिपिंग ब्यूरो और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के कड़े दोहरे वर्ग प्रमाणन के तहत आईसीजी की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन और निर्मित किया गया है।

पहली बार, अत्याधुनिक शिप लिफ्ट सिस्टम का उपयोग करते हुए एक साथ दो जहाजों का जलावतरण किया गया। आईसीजी के महानिदेशक परमीश शिवमणि और दिग्गजों की उपस्थिति में श्रीमती प्रिया परमीश ने ‘अथर्ववेद’ के मंत्रों के साथ एफपीवी का उद्घाटन और नामकरण किया।

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए, आईसीजी के महानिदेशक परमीश शिवमणि ने आईसीजी की सभी जहाज निर्माण जरूरतों को स्वदेशी रूप से पूरा करना सुनिश्चित करने के लिए जीएसएल और विभिन्न उद्योगों के प्रयासों की सराहना की। श्री विशमणि ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को हासिल करने पर जीएसएल के कर्मचारियों को बधाई देते हुए, उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया कि रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’की ओर कदम सही तरीके से आगे बढ़ाया जाए।

समारोह में जीएसएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री ब्रजेश कुमार उपाध्याय और भारतीय नौसेना, आईसीजी, जीएसएल और वर्गीकरण समितियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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आर्थिक संबंधों को मजबूत करने तथा 8वें फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव में हिस्सा लेने के लिए पीयूष गोयल सऊदी अरब का दौरा करेंगे

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 29-30 अक्टूबर 2024 तक सऊदी अरब का दौरा करेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करते हुए व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग के नए रास्ते तलाशना है। ये क्षेत्र भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक उपस्थिति को दर्शाते हैं। श्री गोयल रियाद में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) के 8वें संस्करण में भी भाग लेंगे। यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक मंच है जो वैश्विक नेताओं, निवेशकों और नवप्रवर्तकों को एक साथ आने का अवसर प्रदान करता है।

श्री गोयल इस यात्रा के दौरान रियाद में लुलु हाइपरमार्केट में दिवाली उत्सव का उद्घाटन करेंगे और भारतीय समुदाय, भारतीय मूल के चार्टर्ड अकाउंटेंट और विभिन्न क्षेत्रों से उभरते भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करेंगे। श्री गोयल भारतीय दूतावास में एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) भित्ति का भी अनावरण करेंगे, जिससे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय शिल्प कौशल को विश्व स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।

श्री पीयुष गोयल की 8वें एफआईआई की यात्रा कारोबार को आगे बढ़ाने और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए ठोस आधार तैयार करेगी। उनकी भागीदारी भारत की तीव्र आर्थिक वृद्धि, सतत विकास, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस पर भारत के ध्यान, अक्षय ऊर्जा, डिजिटल बुनियादी ढांचे और उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में अपार अवसरों को उजागर करेगी।

श्री गोयल एफआईआई के दौरान प्रमुख वैश्विक निवेशकों से मिलेंगे। इन मुलाकातों का उद्देश्य निवेशकों का विश्वास मजबूत करना, निवेश प्रवाह को सुविधाजनक बनाना और मेक इन इंडिया पहल के साथ भारत को एक पसंदीदा वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है। माननीय मंत्री ऊर्जा क्षेत्र में परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन और व्यापार सुविधा में सहयोगी प्रयासों पर चर्चा करने के लिए सऊदी अरब के वाणिज्य मंत्री, उद्योग और खनिज संसाधन मंत्री, निवेश मंत्री और ऊर्जा मंत्री सहित प्रमुख मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। श्री गोयल भारत-सऊदी रणनीतिक भागीदारी परिषद के तहत अर्थव्यवस्था और निवेश समिति की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे, जिसमें कृषि, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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स्पैम कॉल और एसएमएस दुरुपयोग से निपटने के लिए ट्राई का निरंतर प्रयास

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पैम कॉल की समस्या को रोकने और दुर्भावनापूर्ण/धोखाधड़ी वाले संदेशों को प्रसारित करने में अनैतिक तत्वों द्वारा एसएमएस हेडर और सामग्री टेम्पलेट्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन उपायों का उद्देश्य उपभोक्ता हितों की रक्षा करना और एक स्वच्छ और सुरक्षित मैसेजिंग पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करना है।

उठाए गए प्रमुख कदम:

  • स्पैम कॉल के खिलाफ सख्त कदम: ट्राई ने 13 अगस्त 2024  को निर्देश जारी किए, जिसमें कहा गया कि कोई भी इकाई जो नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रमोशनल वॉयस कॉल करती पाई गई,  उसे सख्त परिणाम भुगतने होंगे। इसमें सभी दूरसंचार संसाधनों को डिस्कनेक्ट करना, दो साल तक के लिए ब्लैकलिस्ट करना और ब्लैकलिस्टिंग अवधि के दौरान नए संसाधन आवंटन पर प्रतिबंध शामिल है। इन निर्देशों के परिणामस्वरूप, 800 से अधिक संस्थाओं/व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है, और 18 लाख से अधिक एसआईपी डीआईडी/मोबाइल नंबर/दूरसंचार संसाधनों को डिस्कनेक्ट किया गया है जो व्यावसायिक कॉल की प्रणालियों को स्वच्छ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 
  • अनिवार्य यूआरएल, एपीके और ओटीटी लिंक व्हाइटलिस्टिंग: 20 अगस्त 2024 के ट्राई के निर्देशों का पालन करते हुए, एक्सेस प्रदाताओं ने 1 अक्टूबर 2024 से संदेशों में यूआरएल, एपीके या ओटीटी लिंक की अनिवार्य व्हाइटलिस्टिंग लागू कर दी है।  इस तरह केवल सुरक्षित और स्वीकृत लिंक ही एसएमएस के माध्यम से भेजे जा सकेंगे, जिससे उपभोक्ताओं को हानिकारक या नकली वेबसाइटों, ऐप्स या अन्य ऑनलाइन खतरों से सुरक्षा मिलेगी।
  • टेलीमार्केटिंग कॉल्स का डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (ब्लॉकचेन) प्लेटफॉर्म पर माइग्रेशन: 1 अक्टूबर 2024 से 140xx  नंबरिंग सीरीज से शुरू होने वाली टेलीमार्केटिंग कॉल्स को सख्त निगरानी और नियंत्रण के लिए डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (ब्लॉकचेन) प्लेटफॉर्म पर माइग्रेट किया गया है।
  • संदेश ट्रेसेबिलिटी में वृद्धि: एक्सेस प्रदाताओं ने प्राप्तकर्ताओं को संदेश भेजने में शामिल संस्थाओं (प्रेषक/प्रमुख संस्थाएं) की ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी समाधान लागू किए हैं। यह नई प्रणाली सुनिश्चित करती है कि संदेश को संभालने वाले प्रत्येक व्यक्ति, प्रेषक से लेकर अंतिम डिलीवरी तक, को ट्रैक किया जाता है। इसमें प्रिंसिपल एंटिटी (पीई)- टेलीमार्केटर्स (टीएम) श्रृंखला को परिभाषित करना शामिल है जिसके माध्यम से संदेश एक्सेस प्रदाता तक पहुंचने से पहले यात्रा करते हैं। जागरूकता,  तकनीकी उन्नयन और श्रृंखला घोषणा के लिए एक निर्धारित समय प्रदान करने के लिए,  ट्राई ने 20 अगस्त 2024 के अपने पहले के निर्देश में आंशिक संशोधन करते हुए 28 अक्टूबर 2024 के अपने निर्देश के माध्यम से एक्सेस प्रदाताओं को सभी पीई और टीएम द्वारा जल्द से जल्द पीई-टीएम श्रृंखला घोषणा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है और पीई-टीएम श्रृंखला बाइंडिंग में चूक करने वाले पीई और टीएम को संबंधित एक्सेस प्रदाताओं द्वारा 30 नवंबर 2024 तक दैनिक आधार पर चेतावनी जारी की जाएगी। 1 दिसंबर 2024 से, कोई भी ट्रैफ़िक (संदेश) जहां टेलीमार्केटर्स की श्रृंखला परिभाषित नहीं है या पूर्व-निर्धारित श्रृंखला से मेल नहीं खाती है,  को अस्वीकार कर दिया जाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रोजगार मेले के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में 51,000 से अधिक चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 29 अक्टूबर, 2024 को सुबह 10:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 51,000 से अधिक चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। प्रधानमंत्री रोजगार मेले को संबोधित भी करेंगे।

रोज़गार मेला रोज़गार सृजन को प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह युवाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए सार्थक अवसर प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाएगा।

देश भर में 40 स्थानों पर रोजगार मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें नए कर्मचारी केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों, जैसे राजस्व विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय आदि में शामिल होंगे।

नई भर्तियों को आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन मॉड्यूल ‘कर्मयोगी प्रारम्भ’ के माध्यम से आधारभूत प्रशिक्षण प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। आईजीओटी कर्मयोगी पोर्टल पर 1400 से अधिक ई-लर्निंग पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं जो नई भर्तियों को अपनी भूमिका प्रभावी ढंग से निभाने और विकसित भारत के निर्माण की दिशा में काम करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करें

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने गुजरात के वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण के लिए टा टाएयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री श्री पेड्रो सांचेज ने आज गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) परिसर में सी-295 विमान निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया। दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस अवसर पर लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

प्रधानमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि स्पेन के प्रधानमंत्री श्री पेड्रो सांचेज की यह पहली भारत यात्रा है और आज दोनों देशों के बीच साझेदारी को नई दिशा मिल रही है। सी-295 विमान निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स के उद्घाटन के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे न केवल दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे, बल्कि ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ मिशन को भी गति मिलेगी। श्री मोदी ने इस अवसर पर एयरबस और टाटा की पूरी टीम को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री ने स्वर्गीय श्री रतन टाटा जी को भी श्रद्धांजलि दी।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सी-295 विमान का कारखाना नए भारत की नई कार्य संस्कृति का प्रतिबिंब है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश में किसी भी परियोजना की अवधारणा से लेकर क्रियान्वयन तक भारत की गति यहां देखी जा सकती है। अक्टूबर 2022 में कारखाने के शिलान्यास को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह संयंत्र अब सी-295 विमानों के उत्पादन के लिए तैयार है। परियोजनाओं की योजना बनाने और उनके क्रियान्वयन में होने वाली बेहिसाब देरी को खत्म करने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में वडोदरा में बॉम्बार्डियर ट्रेन कोच निर्माण संयंत्र की स्थापना को याद किया। उन्होंने कहा कि यह कारखाना उत्पादन के लिए रिकॉर्ड समय में तैयार हो गया। उन्होंने कहा, “इस कारखाने में बने मेट्रो कोच आज दूसरे देशों को निर्यात किए जा रहे हैं।” श्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि आज उद्घाटन किए गए नए संयंत्र में बने विमानों का भी निर्यात किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने प्रसिद्ध स्पेनिश कवि एंटोनियो मचाडो को उद्धृत करते हुए कहा कि जैसे ही हम लक्ष्य की ओर बढ़ना शुरू करते हैं, लक्ष्य की ओर जाने वाला रास्ता अपने आप बन जाता है। यह एहसास कराते हुए कि भारत का रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम आज नई ऊंचाइयों को छू रहा है, श्री मोदी ने कहा कि अगर 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए गए होते तो आज इस लक्ष्य तक पहुंचना असंभव होता। उन्होंने कहा कि एक दशक पहले रक्षा विनिर्माण की प्राथमिकता और पहचान आयात को लेकर थी और कोई भी कल्पना नहीं कर सकता था कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर रक्षा विनिर्माण हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने एक नए रास्ते पर चलने का फैसला किया, भारत के लिए नए लक्ष्य तय किए, जिसके परिणाम आज स्पष्ट हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का रक्षा क्षेत्र में परिवर्तन इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक सही योजना और साझेदारी संभावनाओं को समृद्धि में बदल सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि रणनीतिक निर्णयों ने पिछले दशक में भारत में एक जीवंत रक्षा उद्योग के विकास को बढ़ावा दिया है। श्री मोदी ने कहा, “हमने रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी का विस्तार किया, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को अधिक कुशल बनाया, आयुध कारखानों को सात प्रमुख कंपनियों में पुनर्गठित किया और डीआरडीओ तथा एचएएल को सशक्त बनाया।” उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारे स्थापित करने से इस क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। प्रधानमंत्री ने आई-डेक्स (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार) योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसने पिछले पांच से छह वर्षों में रक्षा के क्षेत्र में लगभग 1,000 स्टार्टअप को बढ़ावा दिया है। उन्होंने बताया कि पिछले दशक में भारत के रक्षा निर्यात में 30 गुना वृद्धि हुई है, और देश अब 100 से अधिक देशों को उपकरण निर्यात कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कौशल और रोजगार सृजन पर जोर देते हुए कहा कि एयरबस-टाटा फैक्ट्री जैसी परियोजनाएं हजारों रोजगार पैदा करेंगी। उन्होंने कहा कि यह फैक्ट्री 18,000 विमान पुर्जों के स्वदेशी विनिर्माण को समर्थन देगी, जिससे पूरे भारत में एमएसएमई के लिए अपार अवसर उपलब्ध होंगे। इस ओर ध्यान दिलाते हुए कि भारत आज भी दुनिया की प्रमुख विमान कंपनियों के पुर्जों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, श्री मोदी ने कहा कि नई विमान फैक्ट्री भारत में नए कौशल और नए उद्योगों को बड़ा बढ़ावा देगी।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वे आज के कार्यक्रम को परिवहन विमान के निर्माण से आगे भी देख रहे हैं। श्री मोदी ने पिछले दशक में भारत के विमानन क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि और परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत देश के सैकड़ों छोटे शहरों को हवाई संपर्क प्रदान कर रहा है। इतना ही नहीं, यह भारत को विमानन और एमआरओ डोमेन का केंद्र बनाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह इकोसिस्टम भविष्य में मेड इन इंडिया असैनिक विमानों का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। यह जानकारी देते हुए कि विभिन्न भारतीय एयरलाइनों ने 1200 नए विमानों का ऑर्डर दिया है, श्री मोदी ने कहा कि इसका मतलब यह है कि नवनिर्मित कारखाना भविष्य में भारत और दुनिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए असैनिक विमानों के डिजाइन से लेकर निर्माण तक में प्रमुख भूमिका निभाएगा।

इस बात से अवगत कराते हुए कि वडोदरा शहर एमएसएमई का गढ़ है, श्री मोदी ने कहा कि यह शहर भारत के इन प्रयासों में उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि शहर में एक गतिशक्ति विश्वविद्यालय भी है, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लिए पेशेवरों को तैयार कर रहा है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वडोदरा में फार्मा सेक्टर, इंजीनियरिंग और भारी मशीनरी, केमिकल और पेट्रोकेमिकल, बिजली और ऊर्जा उपकरण जैसे कई क्षेत्रों से जुड़ी अनेक कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि अब यह पूरा क्षेत्र भारत में विमानन निर्माण का एक प्रमुख केंद्र भी बनने जा रहा है। श्री मोदी ने गुजरात सरकार और उसके मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल और उनकी पूरी टीम को उनकी आधुनिक औद्योगिक नीतियों और निर्णयों के लिए बधाई दी।

यह सूचित करते हुए कि वडोदरा भारत का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक शहर भी है, श्री मोदी ने कहा कि वे स्पेन से आए सभी मित्रों का स्वागत करते हुए अत्यधिक प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत और स्पेन के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव का अपना महत्व है।” उन्होंने कहा कि फादर कार्लोस वैले स्पेन से आए थे और गुजरात में बस गए थे और उन्होंने अपने जीवन के पचास साल यहां बिताए। उन्होंने यह भी कहा कि फादर वैले ने अपने विचारों और लेखन से संस्कृति को समृद्ध किया। श्री मोदी ने कहा कि उन्हें फादर वैले से मिलने का भी सौभाग्य मिला और भारत सरकार ने उनके महान योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया।

श्री मोदी ने कहा कि स्पेन में भी योग बहुत लोकप्रिय है और भारत में स्पेनिश फुटबॉल भी पसंद किया जाता है। श्री मोदी ने कल रियल मैड्रिड और बार्सिलोना क्लबों के बीच हुए फुटबॉल मैच के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि बार्सिलोना की शानदार जीत भारत में भी चर्चा का विषय रही और दोनों क्लबों के प्रशंसकों का उत्साह भारत में भी स्पेन की तरह ही था। प्रधानमंत्री ने भारत और स्पेन की बहुआयामी साझेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा, “चाहे वह भोजन हो, फिल्म हो या फुटबॉल, हमारे लोगों के बीच मजबूत जुड़ाव ने हमेशा हमारे संबंधों को मजबूत किया है।” श्री मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत और स्पेन ने 2026 को भारत-स्पेन संस्कृति, पर्यटन और एआई के वर्ष के रूप में मनाने का फैसला किया है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि आज का कार्यक्रम भारत और स्पेन के बीच कई नई संयुक्त सहयोग परियोजनाओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने स्पेनिश उद्योग और नवोन्मेषकों को भारत आने तथा देश की विकास यात्रा में भागीदार बनने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय विदेश मंत्री श्री एस जयशंकर सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

सी-295 कार्यक्रम के तहत कुल 56 विमान वितरित किए जाने हैं, जिनमें से 16 स्पेन से एयरबस द्वारा सीधे वितरित किए जा रहे हैं और शेष 40 भारत में बनाए जाने हैं।

भारत में इन 40 विमानों को बनाने की जिम्मेदारी टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड की है। यह संयंत्र भारत में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) बन गई है। इसमें निर्माण से लेकर असेंबली, परीक्षण और विशिष्टता, विमान के पूरे जीवनचक्र की डिलीवरी और रखरखाव तक एक संपूर्ण इकोसिस्टम का पूर्ण विकास शामिल होगा।

टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड जैसी रक्षा क्षेत्र की अग्रणी सार्वजनिक इकाइयों के साथ ही निजी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इस कार्यक्रम में योगदान देंगे। इससे पहले अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री ने वडोदरा फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) की आधारशिला रखी थी।

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी के 21वें द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया

भारत ने लंबे समय से शांति, सद्भाव, भाईचारे और आध्यात्मिकता के सिद्धांतों का उदाहरण प्रस्तुत किया है। हमारा प्राचीन दर्शन, ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ – जिसका अर्थ है ‘विश्व एक परिवार है’ – भारतीय सभ्यता और संस्कृति का सार है। जब हम पूर्वोत्तर पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो हम अपने जीवन में शांति, सद्भाव, आत्म-खोज और गहन भक्ति चेतना को जगाते हैं। माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज यहां कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी के 21वें द्विवार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा,”हमारे देश की समृद्ध विविधता में एकता का संदेश छिपा है और आध्यात्मिक ज्ञान तथा ध्यान की नींव पर हम एक स्वस्थ समाज तथा राष्ट्र के निर्माण के लिए अपनी क्षमता को मजबूत बनाते हैं।”

इस अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, असम के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा, भारत सरकार के पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, सीईएम, बीटीआर प्रमोद बोरो, भक्तिमातृ कुंतला पटोवारी गोस्वामी, कृष्णागुरु इंटरनेशनल स्पिरिचुअल यूथ सोसाइटी की अध्यक्ष कमला गोगोई भी उपस्थित थीं। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और असम सहित देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु शामिल हुए।

इस अवसर पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कहा, “जब मैं इस कार्यक्रम में पहुंचा तो मुझे ‘गुरु’ गुरुकृष्ण प्रेमानंद प्रभु से मिलकर एक नई ऊर्जा मिली। मैं एक नाम कृष्णगुरु के साथ एक ऊर्जा लेकर जा रहा हूं। कृष्णगुरु का नाम जपने से आध्यात्मिकता और उत्कृष्टता का संगम होता है। मैं इस पल को कभी नहीं भूलूंगा। मैं यहां जो देख रहा हूं वह राष्ट्रवाद के प्रति समर्पित, आध्यात्मिक रूप से इच्छुक तथा समाज के प्रति योगदान देने की भावना रखने वाले युवाओं का एक उल्लेखनीय, शानदार समागम है। इसका कारण एक नाम – कृष्णगुरु में उनका विश्वास है। यहां शक्तिशाली दिव्य ऊर्जा उत्पन्न है जो परमपूज्य कृष्णगुरु से आई है। वे अपने भक्तों के हृदयों को सेवा, प्रेम और मानवता से आलोकित करने वाली दिव्य कृपा के साकार स्वरूप हैं। मैंने असम के मनमोहक दृश्य देखे हैं जो लोगों के दिल और दिमाग को आध्यात्मिकता से समृद्ध करने के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं।”

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मैं पूर्वोत्तर में हूं। यहां की प्राकृतिक सद्भावना लोगों को आत्म-खोज और आंतरिक शांति प्रदान करती है। आज यहां इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुझे आंतरिक शांति का एक नया अनुभव हुआ है। हमारी आध्यात्मिक विरासत, इस विश्व में किसी भी अन्य की तुलना में समृद्ध और अद्वितीय है, तथा ज्ञान का खजाना है जो रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में समाहित है। यह हमारी मूल पहचान है और यह हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को प्रबुद्ध करेगा। इसके प्रचार-प्रसार में जिसने उदारतापूर्वक योगदान दिया है, वह है एक नाम – कृष्णगुरु। भारतीयता हमारी पहचान है और इसके प्रचार-प्रसार और अभेद्यता के लिए जमीन पर मजबूती से खड़ा है – एक नाम, कृष्णगुरु।”

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “मैं पूर्वोत्तर में हूं। यहां की प्राकृतिक सद्भावना लोगों को आत्म-खोज और आंतरिक शांति प्रदान करती है। आज यहां इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मुझे आंतरिक शांति का एक नया अनुभव हुआ है। हमारी आध्यात्मिक विरासत, इस विश्व में किसी भी अन्य की तुलना में समृद्ध और अद्वितीय है, तथा ज्ञान का खजाना है जो रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में समाहित है। यह हमारी मूल पहचान है और यह हमारे युवाओं और आने वाली पीढ़ियों को प्रबुद्ध करेगा। इसके प्रचार-प्रसार में जिसने उदारतापूर्वक योगदान दिया है, वह है एक नाम – कृष्णगुरु। भारतीयता हमारी पहचान है और इसके प्रचार-प्रसार और अभेद्यता के लिए जमीन पर मजबूती से खड़ा है – एक नाम, कृष्णगुरु।” कार्य उच्च उद्देश्य से निर्देशित होना चाहिए, जो आज भी दृढ़ता से प्रतिध्वनित होता है जब मैं परम पूज्य के साथ था।

“हम कृष्ण गुरु द्वारा व्यक्त गहन आध्यात्मिक जागरूकता और शांति एवं भाईचारे के संदेश से समाज को प्रेरित करते रहेंगे। असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने कहा, “परमानंद प्रभु द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए युवा सामाजिक सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण राह उभरती है, जो हजारों लोगों को कल्याणकारी गतिविधियों और आत्मनिर्भरता की खोज में शामिल कर रहा है।”

इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “कृष्णगुरु ने आध्यात्मिकता के माध्यम से आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त किया है। आज हम एक ऐसे समाज को देखते हैं जो उद्यम के लिए तैयार है।” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2047 तक देश आत्मनिर्भरता की यात्रा में एक मजबूत भूमिका निभाएगा। आध्यात्मिक चेतना की यह दिशा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं इस महत्वपूर्ण क्षण पर उपस्थित होकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं और असम के लोगों को प्रेरित करने के लिए आदरणीय उपराष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।”

इस अवसर पर केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “युवा शक्ति महाशक्ति है। हमारे युवा आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और समग्र सामाजिक सशक्तिकरण के माध्यम से राज्य को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। आज के द्विवार्षिक सत्र में शांति, सद्भाव, भाईचारे और लचीलेपन का शक्तिशाली संदेश जोरदार ढंग से गूंजा है। मैं ईश्वर की याद में साहस और शक्ति के साथ आगे बढ़ूंगा। कृष्णगुरु ने अध्यात्म के माध्यम से समाज में परिवर्तनकारी बदलाव की शुरुआत की। उन्होंने समाज सुधार के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक स्वरूप प्रदान किए हैं। मैं गुरु के आशीर्वाद से समाज, राज्य और पूरे देश के उत्थान के लिए काम करने का संकल्प लेता हूं। उनके उदाहरण का अनुसरण करते हुए, मैं जीवन के सभी पहलुओं में सद्भाव और मूल्यों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करूंगा। समाज को मजबूत बनाने के लिए सद्भाव और भक्ति बहुत जरूरी है। मेरे समुदाय में आध्यात्मिकता की बहुत आवश्यकता है। राज्य निर्माण की यात्रा भक्ति और समर्पण के प्रकाश से शक्ति प्राप्त करती है। आज, मैं माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ की उपस्थिति से प्रेरित हूँ। भक्ति चेतना और आध्यात्मिकता ने राष्ट्र को सशक्त बनाने और जीवन की यात्रा को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्राचीन भारतीय ज्ञान, सेवा और मानवता से जुड़ाव बढ़ाते हुए राष्ट्र की बौद्धिक और आध्यात्मिक चेतना को जागृत किया है। हमारे देश के विद्वान आध्यात्मिक ज्ञान, प्रेम, शांति और सद्भाव के संदेशों से समाज को प्रेरित करते रहे हैं। भाईचारे पर आधारित एक स्वस्थ और मजबूत समाज के निर्माण के हमारे प्रयासों में, मैं लगातार तेरासा के आदर्शों और शिक्षाओं के माध्यम से मार्गदर्शन करूंगा। इस संदर्भ में, कृष्णगुरु हमारे मार्गदर्शक देवताओं में से हैं; इससे पहले, सम्मेलन में पहुंचने पर, असम के राज्यपाल, असम के मुख्यमंत्री, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री के साथ उपराष्ट्रपति का पारंपरिक खोल वादकों के एक समूह द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ताल से प्रेरित होकर उपराष्ट्रपति ने भी समारोह में खोल बजाया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने अपनी पत्नी के साथ अतिथियों की उपस्थिति में पौधे भी लगाए। अतिथियों को कृष्णा गुरु शिवाश्रम की गैलरी में भी ले जाया गया जहां आश्रम की विभिन्न गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया था। इस कार्यक्रम में चंद्र मोहन पटवारी, मंत्री, असम सरकार; रानोज पेगु, मंत्री, असम सरकार; यूजी ब्रह्मा, मंत्री, असम सरकार; केशव महंत, मंत्री, असम सरकार; अतुल बोरा, मंत्री, असम सरकार; जयंत मल्ला बरुआ, मंत्री, असम सरकार; जोगेन मोहन, मंत्री, असम सरकार; संजय किशन, मंत्री, असम सरकार; और बिमल बोरा, मंत्री, असम सरकार; तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में दिव्यांग डेवलपमेंट सोसायटी एव समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में दिव्यांग बच्चों ने दीवाली के सुंदर उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में दिव्यांग डेवलपमेंट सोसायटी एवम समाजशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान द्वारा दिव्यांग बच्चों के द्वारा बनाए गए दीवाली के सुंदर उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। प्राचार्या प्रो पूनम विज ने दिव्यांग बच्चों के द्वारा बनाए गए उत्पादों की भूरि भूरि प्रशंसा की और कई उत्पादों की खरीदारी कर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। प्राचार्या ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी समर्थ से दूसरों की सहायता करनी चाहिए। जब हम सभी ऐसा करेंगे, तभी एक अच्छे समाज का निर्माण हो सकेगा । इसी की पहल, कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्याय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी के साथ समझौता ज्ञापन करके की गई है। जो समय समय पर महाविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रमों दिव्यांग बच्चों के लिए भी प्रशंसनीय कार्य करता रहता है। जिससे महाविद्यालय के बच्चों के मन में दिव्यंगता के प्रति सहयोग की भावना उत्पन्न हो सके। इस प्रदर्शनी में सभी शिक्षिकाओं और बच्चों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग लिया। प्रदर्शनी को सफल बनाने हेतु समुचित आयोजन डॉ पूर्णिमा शुक्ला, विभागाध्यक्ष,समाजशास्त्र विभाग द्वारा किया गया।

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