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भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 27 जनवरी 2022 को डिजिटल माध्यम से पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इसमें कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने हिस्सा लिया। भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ पर यह पहली भारत-मध्य एशिया समिट आयोजित की गई।

शिखर सम्मेलन के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और मध्य एशियाई नेताओं ने भारत-मध्य एशिया संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए अगले कदमों पर चर्चा की। एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए, नेताओं ने हर दो साल में शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर सहमति व्यक्त जताई। वे शिखर सम्मेलन की बैठकों को लेकर आवश्यक तैयारी के लिए विदेश मंत्रियों, वाणिज्य मंत्रियों, संस्कृति मंत्रियों और सुरक्षा परिषद के सचिवों की नियमित बैठकों पर सहमत हुए। नई व्यवस्था का सहयोग करने के लिए नई दिल्ली में एक भारत-मध्य एशिया सचिवालय स्थापित किया जाएगा।

नेताओं ने व्यापार और संपर्क, विकास सहयोग, रक्षा और सुरक्षा तथा विशेष रूप से सांस्कृतिक व लोगों से लोगों के बीच संपर्क के क्षेत्रों में आगे सहयोग के लिए दूरगामी प्रस्तावों पर चर्चा की। इसमें ऊर्जा और संपर्क पर गोलमेज बैठक; अफगानिस्तान और चाबहार बंदरगाह के इस्तेमाल पर वरिष्ठ आधिकारिक स्तर पर संयुक्त कार्य समूह; मध्य एशियाई देशों में बौद्ध प्रदर्शनी और सामान्य शब्दों का भारत-मध्य एशिया शब्दकोश, संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास, मध्य एशियाई देशों से भारत में हर साल 100 सदस्यीय युवा प्रतिनिधिमंडल की यात्रा और मध्य एशियाई राजनयिकों के लिए विशेष पाठ्यक्रम शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य एशियाई नेताओं के साथ अफगानिस्तान में उभरती स्थिति पर भी चर्चा की। नेताओं ने एक वास्तविक प्रतिनिधि और समावेशी सरकार के साथ शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए अपने मजबूत समर्थन को दोहराया। प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान की जनता को निरंतर मानवीय सहायता प्रदान करने की भारत की प्रतिबद्धता से अवगत कराया।

नेताओं की ओर से एक व्यापक संयुक्त घोषणा पत्र भी जारी किया गया, जिसमें स्थायी और व्यापक भारत-मध्य एशिया साझेदारी के लिए उनके साझा दृष्टिकोण को व्यक्त किया गया।

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एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में गणतंत्र दिवस मनाया गया

कानपुर 26 जनवरी, एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में हर साल की तरह इस साल भी पूरे जोश के साथ 26 जनवरी को 73 वा गणतंत्र दिवस मनाया गया, इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष श्री पी के मिश्रा, सचिव श्री पी के सेन ,संयुक्त सचिव श्री शुब्रो सेन, सदस्या श्रीमती दीपाश्री सेन, प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल ने ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया lइसके बाद सभी ने राष्ट्रगान गाया l संगीत विभाग की छात्राओं ने देशभक्ति से सराबोर गीत प्रस्तुत किए जिसे सुनकर सभी लोग भावविभोर हो गए कैप्टन ममता अग्रवाल ने अपनी एनसीसी कैडेट के छात्राओं द्वारा अतिथियों को सलामी दी l गणतंत्र दिवस पर निदेशक उच्च शिक्षा विभाग का प्रेषित विशेष संदेश समाजशास्त्र की विभागाध्यक्क्षा डॉ निशी प्रकाश ने पढ़ा, महाविद्यालय की प्राचार्य ने सभी को गणतंत्र दिवस का महत्व बताया और सभी से कोरोनावायरस से बचाव हेतु दिशा निर्देशों को पालन करने का आग्रह किया ताकि महाविद्यालय में होने वाली परीक्षाएं एवं सभी महत्वपूर्ण कार्य सुचारू रूप से संपन्न हो सके, महाविद्यालय के संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन जी ने अपने ओजस्वी वक्तव्य के माध्यम से सभी को संकल्प लेने को प्रेरित किया कि हम अपने देश की रक्षा ,गौरव और उत्थान के लिए सदा समर्पित रहेंगे l कार्यक्रम का सफल संचालन शिक्षा शास्त्र की प्रवक्ता एवं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ चित्रा सिंह तोमर ने किया, महाविद्यालय के सभी प्रवक्ता गण डॉ अलका टंडन, डॉ रचना शर्मा, डॉ मोनिका सहाय, डॉ प्रीति सिंह एवं सभी शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित थे कार्यक्रम का समापन मिष्ठान वितरण के साथ हुआ।

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जिलाधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने आज जनपद कानपुर नगर की दसों विधानसभाओं की फ्लाइंग स्कॉट टीम के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक

lकानपुर नगर। जिलाधिकारी जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने आज जनपद कानपुर नगर की दसों विधानसभाओं की फ्लाइंग स्कॉट टीम के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक की। जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने फ्लाइंग स्कॉट टीम को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए ,इसके लिए आपकी पैनी निगाह 24 घंटे रहनी चाहिए। बिना अनुमति के कोई भी होडिंग, बैनर, पोस्टर ,झंडे इत्यादि को तत्काल हटाया जाए ।किसी भी वाहन पर यदि कोई झण्डा मिलता तो तत्काल उसकी परमिशन मांगी जाए यदि बिना परमिशन के कोई भी झंडा किसी भी वाहन में लगा मिले तो तत्काल उसे हटाया जाए। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि फ्लाइंग स्कॉट टीमें पैनी निगाह रखते हुए निर्भीक होकर प्रभावी कार्यवाही करें ।उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त फ्लाइंग स्कॉट टीमें अपनी- अपनी विधानसभाओं में भ्रमण शील रहते हुए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले लोगों पर कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित करें, किसी भी स्थिति में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नही होना चाहिए। बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त राजस्व , उप निदेशक कृषि कंट्रोल रूम प्रभारी उपस्थित रहे।

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कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों को मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ दिलाई गई

कानपुर 25जनवरी उप जिला निर्वाचन अधिकारी/अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) श्री दयानन्द प्रसाद की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर उपस्थित अधिकारियों/कर्मचारियों को मतदाताओं द्वारा ली जाने वाली शपथ दिलाई। उन्होंने स्लोगन देते हुये कहा कि सही लोकतंत्र की क्या पहचान, जागरुक मतदाता, नैतिक मतदान, आइए लोकतंत्र का जश्न मनायें, राष्ट्रीय मतदाता दिवस को सफल बनायें, इसके उपरान्त शपथ दिलाते हुये कहा कि हम, भारत के नागरिक, लोकतंत्र में अपनी पूर्ण आस्था रखते हुए यह शपथ लेते हैं कि हम अपने देश की लोकतांत्रिक परम्पराओं की मर्यादा को बनाए रखंेगे तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वाचन की गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुये, निर्भीक होकर, धर्म, वर्ग, जाति, समुदाय, भाषा अथवा अन्य किसी भी प्रलोभन से प्रभावित हुए बिना सभी निर्वाचनों में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि आज हम सब लोगो ने जो शपथ ली है उसे शतप्रतिशत पालन करते हुये विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 को स्वतंत्र, निष्पक्ष व निर्वाचन आयोग की मंशा के अनुरुप सकुशल सम्पन्न करायें और अपने-अपने क्षेत्रो में जिन्हे जो कार्य/दायित्व सौपे गये उनका भली प्रकार से निर्वहन करें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी (एल.ए.) श्री सतेन्द्र कुमार सिंह, ए.सी.एम. सहित अनेक पटलों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।

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स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज के ऍन एस एस यूनिट कादम्बिनी देवी द्वारा ऑनलाइन वेबिनार और पोस्टर कम्पीटीशन आयोजित

कानपुर 24 जनवरी स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय बालिका दिवस एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज के ऍन एस एस यूनिट कादम्बिनी देवी के द्वारा एक ऑनलाइन वेबिनार और पोस्टर कम्पीटीशन का आयोजन किया गया,कार्यक्रम का शुभ आरम्भ महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ निशा अग्रवाल के स्वागत भाषण से हुआ । प्राचार्य ने छात्राओं का आवाहन करते हुए कहा की आज के परिदृश्य में बालिकाओं को बालकों से काम न आंक कर उन्हें आगे बढ़ने के सामान अवसर प्रदान करने चाहिए । ऍन एस एस की कार्यक्रम अधिकारी तथा संयोजिका डॉ चित्रा सिंह तोमर ने कहा की बालिकाओं को न सिर्फ सामान अवसर प्रदान करना सर्कार का दायित्व है वरन समाज का भी, इस दिशा में सहयोग होना इस दिशा में आव्यशक है । १०० से अधिक छात्राओं ने इस कार्यक्रम में अपनी उपस्तिथि दर्ज कराई । कार्यक्रम की मुख्य वक्ता, महिला जाग्रति संस्था की अध्यक्षा, श्रीमती विजेता श्रीवास्तव ने छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा के समाज में फैली कुरीतिओं के प्रति कार्य करने से पहले समाज में बालिकाओं एवम महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना आव्यशक है । कार्यक्रम की सेह-प्रभारी डॉ प्रीति सिंह ने ऍन एस एस यूनिट द्वारा किये गए कार्यों की आख्या प्रस्तुत की । शिक्षा शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर, श्रीमती ऋचा सिंह और श्रीमती रीता ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे। धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ चित्रा सिंह तोमर ने किया ।

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साथी

नंदा लेट हो रहा है जल्दी चलो हम वैसे ही लेट हो गये हैं। मूवी निकल जाएगी

नंदा:- “हां! बस आ रही लॉक लगाकर।”

नितिन जल्दी-जल्दी गाड़ी ड्राइव कर रहा थे ताकि समय पर पहुंच कर मूवी शुरू से देख सके।
नितिन:- “तुम्हारी भी बड़ी खराब आदत है एकआध काम छोड़ दिया करो, बाद में कर लेना था। जब पता था कि मूवी जाना है तो समय से काम निपटा लेना था। इस तरह से भाग दौड़ तो नहीं होती।”
नंदा:- “अब तुम मुझे ही दोष दो, सुबह से लगी हुई हूं काम में। जल्दी-जल्दी सब काम निपटा तो रही थी। घर में पचासों काम होते हैं। वापस आने में देर हो जाएगी तो बाद के काम भी निपटा रही थी।”
नितिन:- “अच्छा छोड़ो! इस बहस में मूड खराब हो रहा है। निकले हैं मूवी देखने और इस बहस से मूवी देखने के मूड का सत्यानाश हो रहा है।”
नंदा कुछ बोली नहीं लेकिन उसका मूड खराब हो गया था यह बात नितिन ने भांप लिया था। पार्किंग में गाड़ी खड़ी रखकर दोनों जल्दी-जल्दी थिएटर हॉल में पहुंचे। आधी मूवी नंदा ने अनमने ढंग से देखी। ब्रेक में नितिन दो कॉफी और पॉपकॉर्न ले आया। थोड़ी देर बाद नंदा नॉर्मल हो गई। दोनों मूवी देख कर बाहर निकले तो नितिन बोला, “चलो डोसा खाने चलते हैं।”
नंदा:- “और जो घर पर बनाया है वह?”
नितिन:- “अरे बाबा वह सुबह खा लेंगे, अभी डोसा खाने का मन है तो बोलो।”
नंदा:- ” ठीक है! चलो।”
एक साउथ इंडियन रेस्त्रां में दोनों गए और डोसे का आर्डर दिया। आर्डर आने में समय था तो नितिन ने पूछा, “नीलू का कुछ फोन आया क्या ?”
नंदा:- “हां आया था तो मैंने कह दिया था कि तेरे जीजा जी से बात करके बताऊंगी। क्या सोचा आपने उस बारे में?”
नितिन:- “तुम बताओ जैसा कहोगी हो जाएगा।”
नंदा:- “दो लाख मांग रहा है नीलू, इस कोविड में काम धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है। मदद तो करनी ही चाहिए लेकिन पैसे जल्दी वापस नहीं आएंगे यह बात तय है।”
नितिन:- “ठीक है। वह कोई चिंता नहीं। देखता हूं कि क्या कर सकता हूं मैं।”
दोनों डोसा खाकर घर आ गये। दूसरे दिन सुबह नाश्ते की टेबल पर नंदा ने नितिन से कहा कि, “तुम सोच समझकर ही पैसे देना, बाद में परेशान मत होना।”
नितिन:- “वह मैं देख लूंगा, तुम परेशान मत हो उसके लिए। मैं नीलू से बात करके उसे रुपए भिजवा देता हूं।” नंदा सिर हिला कर किचन में चली गई।
घर के काम निपटा कर नंदा अपने मायके चली गई। नंदा:- “मम्मी नीलू कहां है? मुझे उससे बात करनी है।” मां:- “ऊपर कमरे में है। क्या हुआ?”
नंदा:- “कुछ नहीं! बस ऐसे ही। आती हूं उससे मिलकर।” और वह ऊपर जाने लगी।
नंदा:- ” नीलू तुम्हें तुम्हारे जीजा जी का फोन आया था क्या?”
नीलू:- “हां दीदी आया था। उन्हीं के पास जाने के लिए तैयार हो रहा हूं लेकिन तुम इस वक्त यहां? कुछ काम था क्या?”
नंदा:- “नहीं! कुछ काम नहीं था, बस तुमसे यही कहने आई थी कि कोशिश करना कि समय से पैसे वापस कर दो ताकि भविष्य में वह फिर से मदद कर सके।” नीलू:- “हां दीदी कोशिश तो पूरी रहेगी बाकी देखते हैं।” और नीलू चला जाता है।
नंदा भी मम्मी, भाभी से मिलकर घर वापस आ जाती है।
कुछ समय बाद नितिन नंदा से पूछता है, “अरे नंदा! नीलू का काम कैसा चल रहा है? इस बीच उसका कोई फोन भी नहीं आया और मैं भी जरा काम में व्यस्त रहा तो बात ही नहीं हो पाई।”
नंदा:- “हां…. ठीक है। अब गाड़ी पटरी पर तो आ गई है। फिर से काम जमा रहा है तो थोड़ा वक्त तो लगेगा ही।”
नितिन:-  “हम्म। अरे कभी अपने जीजा जी को भी याद कर लिया करे। सिर्फ काम के समय ही याद करेगा क्या?”
बात सही थी लेकिन यह व्यंग्य नंदा को चुभ गया वह मुस्कुरा कर बोली, “सही है। अब मेहनत कर रहा है तो समय नहीं मिलता होगा उसे लेकिन उसे बोलूंगी कि आप से बात कर ले।”
नितिन:- “अरे नहीं! मैंने तुमसे मजाक में कही यह बात। अब क्या तुमसे मस्ती भी नहीं कर सकता।” नंदा हंसकर रह गई।
दिवाली का त्यौहार करीब आ रहा था और मेरा काम भी बढ़ता जा रहा था। एक पैर घर में तो एक बाजार में रहता। दिन कैसे जा रहे थे मालूम ही नहीं पढ़ रहा था। दोपहर में आराम करने लेटी तो ध्यान आया कि इस बीच घर से कोई फोन नहीं आया। मम्मी का भी नहीं। भाभी भी शायद काम में बिजी होंगी। शाम को चाय पीते हुए घर पर फोन लगाया।
मैं:- “हेलो, हां भाभी कैसी हो? क्या बात है बहुत व्यस्त हो? एक फोन भी नहीं!”
भाभी:- “हां… नंदा दीवाली करीब आ रही है तो घर की साफ सफाई चल रही है। साथ में घर के पचासों और काम तो रहते ही है। बच्चों को भी ट्यूशन छोड़ने जाना लाने जाना यह भी तो एक काम ही रहता है। कितनी बार तुम्हारे भैया से कहा है कि एक गाड़ी दिला दो बच्चों को। बच्चे अपने आप ट्यूशन आना जाना कर लेंगे, मगर वह सुनते ही नहीं। अब देखो कल अम्मा की तबीयत भी खराब हो गई। डॉक्टर के पास ले गए थे चेकअप चल रहा है, पैरों में दर्द बहुत था। उनके घुटने में सूजन थी चल ही नहीं पा रही थी। तुम्हारे भैया गए हैं एक्सरे निकलवाने फिर डॉक्टर के पास जाएंगे। देखो रिपोर्ट में क्या आता है?
मैं:- “अरे ! आपने कुछ बताया ही नहीं! रिपोर्ट आए तो मुझे भी बताना। मैं कल आती हूं।”
भाभी:- “हां ठीक है।”
फोन काट कर मैं सोचने लगी कि एक ना एक परेशानी लगी रहती है। अब यह नई परेशानी और मैं अपने काम में बिजी हो गई। रात के खाने पर मैंने नितिन से कहा, “सुनो! मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है उन्हें पैरों में तकलीफ है तो मैं कल उनसे मिलने घर जा रही हूं।”  नितिन:- “हां ठीक है।”
सुबह होते ही घर के सारे काम जल्दी जल्दी निपटा कर मैं मम्मी के पास जाने के लिए तैयार होने लगी। बच्चे स्कूल से दोपहर तक आएंगे तो निश्चिंत थी मैं।
घर पहुंच कर मैं मां के पास गई। मम्मी लेटी हुई थी और उनके कराहने की आवाज आ रही थी।
मैं:- “मम्मी अचानक घुटने में दर्द क्यों होने लगा?”
मम्मी:- “अरे बेटा, बुढ़ापा है तो कुछ ना कुछ तो लगा ही रहेगा। एक घुटना घिस गया हैं इसी से बहुत दर्द है। डॉक्टर ने ऑपरेशन बताया है। अब डॉक्टर को कैसे बोलूं कि अभी ऑपरेशन नहीं करवा सकते। पास में इतने पैसे नहीं है। तीन लाख का खर्चा बता रहा है। कैसे हो पाएगा यह सब। मैं भी यह सब सुनकर परेशान हो गई लेकिन मां को तसल्ली दी, “सब हो जाएगा परेशान मत हो।” घर वापस आते समय रास्ते भर यही सोचती रही कि भैया कैसे कर पाएंगे ये सब? नीलू ने नितिन से अभी-अभी आर्थिक मदद ली थी, अब वापस नितिन को कैसे बोलूं?
रात में खाना परोसते समय नितिन ने पूछा, “घर गई थी क्या?”
मैं:- “हां गई थी। मम्मी के घुटने में दर्द है। डॉक्टर ने ऑपरेशन बताया है आपरेशन का खर्चा भी बहुत ज्यादा है।”
नितिन:- “हम्म…. कितना बताया है?”
नंदा:- “तीन लाख बोल रहा डॉक्टर।”
नितिन कुछ बोले नहीं और सोचनीय मुद्रा में बैठे रहते हैं। हम दोनों ही कुछ कह नहीं पा रहे थे। सुबह नितिन ने भैया से बात की।
नितिन:- “हेलो! नीलू अरे भाई कैसे हो? बिल्कुल भूल ही गए? अरे कुछ खोज खबर अपने जीजा जी की भी ले लिया करो।
नीलू:- “अरे जीजा जी! प्रणाम! सब ठीक है। बस ऑफिस ही जा रहा था। नंदा ने बताया होगा कि मम्मी के बारे में, बस उसी में परेशान लगा पड़ा हूं।”
नितिन:- “हां बताया मुझे। कितनी रकम है तुम्हारे पास?
नीलू:- “पौने दो लाख तक जैसे-तैसे अरेंज कर लूंगा। बाकी का देखता हूं कि कैसे अरेंज होता है।”
नितिन:- “ठीक है। ऑपरेशन कब करवाना है।”
नीलू:- “डाक्टर महीने के आखिर में बोला है तभी तारीख भी देंगे।”
नितिन:- “ठीक है।”
अगले दिन सुबह नंदा भाभी से पूछती है।
नंदा:- “भाभी! मम्मी कैसी है? और भैया ने कितना जमा कर लिया है?”
भाभी:- “मम्मी ऐसे तो ठीक है, बस चलना फिरना दूभर है। तुम्हारे भैया टेंशन में दुबले हुए जा रहे हैं इस बीमारी और पैसे के कारण। अभी तक कुछ भी व्यवस्था नहीं हो पाई है।”
नंदा:- “देखती हूं इनसे बात करके लेकिन हिम्मत नहीं होती, इतनी बड़ी रकम जो है।”
भाभी:- “हां यह बात तो है। जमाई बाबू पहले ही इतनी मदद कर चुके हैं कि अब और कैसे कहें मदद के लिए फिर भी एक बार बात करके देखो।”
नंदा:- “हां भाभी देखती हूं।”
नंदा:- “एक हफ्ता बचा है मम्मी के ऑपरेशन को और भैया अभी तक पूरा पैसा नहीं जमा कर सके हैं। भैया भाभी दोनों बहुत परेशान लग रहे थे।”
नितिन:- “तुम परेशान मत हो वह जो डेढ़ लाख की एफडी पड़ी है उसे तोड़ दो और नीलू को दे दो। पैसा जमा ही इसीलिए किया जाता है कि वक्त पर काम आ सके। रखे रखे तो कुछ काम आएगा नहीं।”
नंदा रोने लगती है। नितिन का हाथ अपने हाथ में लेकर कहा कि, “मैं कितनी खुशनसीब हूं कि आप जैसा पति मिला। मेरे पीहर के दुख को अपना दुख समझकर मेरा साथ देते हैं और मुझे समझते हैं।”
नितिन:- “तुम मेरी अर्धांगिनी हो मतलब आधा अंग हो तो मैं मेरे आधे अंग को कष्ट में कैसे देख सकता हूं। तुम्हारा दुख मेरा दुख है और यह जरूरी नहीं कि बेटी की शादी हो गई तो वह मायके से संबंध तोड़ दे या मायके की तकलीफ में काम ना आये या मायके के लोग बेटी से मदद की अपेक्षा नहीं रख सकते। तुम वह पैसे ले जाओ और नीलू को दे दो तो उसे राहत मिलेगी। नंदा खुशी-खुशी घर जाने के लिए तैयार होने लगी। उसके चेहरे पर संतोष था।

प्रियंका वर्मा महेश्वरी

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क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय द्वारा ऑनलाइन संगोष्ठी इंपैक्ट ऑफ नॉइस पोलूशन ऑन एनवायरनमेंट का आयोजन

कानपुर 24 जनवरी क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय द्वारा एक ऑनलाइन संगोष्ठी जिसका शीर्षक इंपैक्ट ऑफ नॉइस पोलूशन ऑन एनवायरनमेंट का आयोजन किया गया / इस संगोष्ठी में समस्त छात्र छात्राओं को ध्वनि प्रदूषण के बचाव से संबंधित उपाय तथा होने वाली हानियों से अवगत कराया गया कार्यक्रम का प्रारंभ डॉ श्वेता चंद ने प्रार्थना द्वारा किया प्राचार्य  प्रोफेसर जोसफ डेनियल ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा संगोष्ठी को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया मुख्य वक्ता के रूप में डॉ श्रद्धा सिन्हा प्रोफेसर बाबू बनारसी दास कॉलेज लखनऊ ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण से कैसे बचा जा सकता है तथा दूसरे मुख्य वक्ता डॉ डी एस राव, मैनेजर ,एन टी पी सी ओडीशा  ने बताया कि आज का युवा कैसे एक फैशन के तौर पर मॉडिफाइड साइलेंसर का इस्तेमाल करते हैं जो कि इल्लीगल है तथा सेंटर मोटर व्हीकल एक्ट के सेक्शन 190 का उल्लंघन करता है ध्वनि प्रदूषण से हमारे मस्तिष्क पर घातक प्रभाव पड़ता है तथा सुनने की शक्ति भी लगातार घटती जाती है हृदय गति बढ़ जाती है जिससे रक्तचाप सर दर्द अनिद्रा जैसे रोग भी उत्पन्न होते हैं संयोजिका डॉ मीत कमल ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय एवं उच्च शिक्षा विभाग प्रयागराज की प्रेक्षा के क्रम में   यह बहुत ही अच्छी पहल है जिसमें कि युवाओं को इस विषय में जागृत करना बहुत ही अहम है तथा पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखना हमारी प्रथम जिम्मेदारी है  विभागाध्यक्ष डॉ सुधीर गुप्ता ने छात्रों को सभी प्रकार के मानकों का पालन करने  का सुझाव दिया धन्यवाद ज्ञापन डॉ आनंदिता भट्टाचार्य ने करा कार्यशाला का कुशल संचालन जूही सिंह ने किया डॉ ज्योत्सना ,डॉ असीम के साथ कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागी मौजूद रहे

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शो के माध्यम से समृद्ध कानपुर इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा, विशेष अवसरों और त्योहारों पर, एक विशेष शो का आयोजन होगा

आयुक्त राज शेखर ने आगामी प्रोजेक्शन मैपिंग शो के लिए 21 जनवरी, 2022 को गांधी भवन, फूल बाग का दौरा किया।

इस परियोजना का उद्देश्य शो के माध्यम से समृद्ध कानपुर इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करना है।विशेष अवसरों और त्योहारों पर, एक विशेष शो का आयोजन किया जाएगा।अलग-अलग टाइमिंग के अलग-अलग शो आयोजित किए जाएंगे। पार्क में आने वाले लोगों के बैठने की जगह होगी।इस शो से नाइट टूरिज्म को बढ़ाया जाएगा। केडीए, स्मार्ट सिटी कानपुर जैसे विभिन्न विभागों को परियोजना के उचित प्रबंधन और कामकाज के लिए आयुक्त महोदय द्वारा निर्देश दिए गए थे।प्रोजेक्शन मैपिंग शो बुर्ज खलीफा दुबई, गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई, इंडिया गेट दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित स्थानों पर प्रसिद्ध हैं और अब कानपुर में होने की योजना है।शो की अवधारणा चार पहलुओं में कानपुर शहर में संस्कृति की समृद्धि का जश्न मनाती है – पौराणिक इतिहास, इतिहास, वर्तमान और उज्ज्वल भविष्य।यह शो ध्रुव, भ्रामवर्त घाट और सीता की कहानी की पौराणिक कहानियों का समापन करता है।

कानपुर का समृद्ध इतिहास उन पहले शहरों में से एक है जहां 1857 के विद्रोह की शुरुआत तात्या टोपे, रानी लखमी बाई और नाना राव के साथ हुई थी। यह विभिन्न ब्रिटिश प्रतिष्ठानों के विकास पर भी जोर देता है जो उस अवधि के बाद लाल इमली मिल्स – एशिया की सबसे बड़ी कपास मिल जैसी थी।वहाँ से लेकर आज तक कानपुर, जहाँ विभिन्न प्रकार के भोजन जैसे कि थग्गू के लड्डू और बदनाम कुल्फी, इसके होली समारोह और कई अन्य के लिए लोकप्रिय है।

कानपुर आज स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के साथ अपार प्रगति और समृद्धि की यात्रा पर है, जैसे कि कानपुर मेट्रो और आईआईटी कानपुर में डिजिटल इंडिया की पहल कई में से कुछ हैं।

शो में एक प्रेरक स्वर है और यह शहर और इसके लोगों के लिए गर्व की भावना पैदा करता है।
यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी. नगर निगम, केडीए और ज़िला प्रशासन का संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है।यह प्रोजेक्ट आगामी 3 माह में पूर्ण कर लिया जाएगा।

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विकास भवन सभागार में मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी विशाख जी0 द्वारा आज विकास भवन सभागार में मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए समस्त मास्टर ट्रेनर को निर्देशित करते हुए कहा कि आप द्वारा जो भी ट्रेनिंग प्राप्त की गई है, उसमें किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन नहीं होना चाहिए। जो भी कंफ्यूजन हो तत्काल उसका समाधान आज ही कर लिया जाए। जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद कानपुर नगर में आप सभी मास्टर ट्रेनर को ही कार्मिकों को प्रशिक्षण देना है, इसके लिए आपको बेहतर तरीके से प्रशिक्षित होना आवश्यक है ।उन्होंने समस्त मास्टर ट्रेनर का डैमो भी देखा उनके द्वारा कैसे प्रशिक्षण दिया जायेगा । मास्टर ट्रेनर द्वारा बेहतर तरीके से एक एक बिंदुवार विस्तार से ट्रेंनिग दी गई । जिलाधिकारी ने निर्देशित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग द्वारा प्राप्त ट्रेनिंग वीडियो का लिंक सभी मास्टर ट्रेनर को उपलब्ध करा दिया जाए , सभी मास्टर ट्रेनर वीडियो से भी अपना कन्फ्यूजन दूर कर ले । उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि समस्त मास्टर ट्रेनर जिन भी कार्मिकों की ट्रेनिंग कराएंगे उन सभी कार्मिकों का ट्रेनिंगवार अलग अलग वाट्सप ग्रुप भी बनाएंगे । आज कार्यशाला में 75 मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण हुआ। मुख्य विकास अधिकारी डॉ0 महेंद्र कुमार , जिला विकास अधिकारी आदि अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

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जब तक हम इजाज़त न दे कोई “डर “हमें छू भी नहीं सकता।

क्यो डरते हो, किससे डरते हो और किस लिए।जब तक हम इजाज़त न दे कोई “डर “हमें छू भी नहीं सकता।हर डर का कारण ही “मोह” है अगर “मोह “को ही हटा दिया जाये तो सोचो ..दोस्तों ज़िन्दगी क्या होगी।
कई बार हम सोचते है मेरा घर परिवार, औलाद ,धन ,व्यापार ,मेरा वैभव ,मेरी गाड़ी ये सब मेरा है हम ही इसके स्वामी है ।
अगर देखा जाये तो ये हमारा ही इक तरफ़ा मोह होता है ।
ये सब दुनियावी चीज़ें ..
“हमारे लिए बहुत अहमियत रखते है।क्या वाक़ई में हम भी उनके लिए उतने ही अहम है ये सरासर हमारा वहम है”।
घर आज मेरा ,कल किसी और का होगा।आज चमचमाती महँगी गाड़ी हमारे घर के बाहर खड़ी है हम कहते है ये मेरी गाड़ी है
मगर सोचो दोस्तों !
जब इक रोज़ गाड़ी चोरी हो जाये तो दुख किसे हुआ आप को या गाड़ी को।आप को हुआ न,ये हमारा इक तरफ़ा मोह या लगाव ही था।यही हमे तंग करता है ।आप तो उसके मालिक थे।आप ने ही तो उसे ख़रीदा था मगर वो तो चुपचाप चोरों के साथ चली गई बिना बताए ,आप से इजाज़त भी नहीं ली।ऐसे ही ज़ेवर व्यापार मान सम्मान जो हमने ही बनाये होते है कई बार हमारे ही सामने हमारे हाथों से निकल कर दूसरे के हो जाते है।
दुनिया की ये मैटिरियल चीज़ें है हमें सुविधा तो दे सकती हैं मगर आनन्द नहीं दे सकती और हम सब अन्धाधुन्ध इन्हीं के पीछे भाग रहे हैं।इन्हीं को ही जुटाने में लगे हैं जो आज तक किसे के नही हुए।
अगर सच मे मालिक बनना चाहते हो तो अच्छे विचारों और अच्छे दिल के बने। वहाँ पर आप की मलकियत हमेशा बनी रहेंगी ।
दोस्तों!
इक बार इक मां बेटी किसी गाँव मे रहते थे।उसकी बेटी कई सालों से बीमार चल रही थी।डाक्टरों ने हर इलाज किया मगर कोई सुधार नही हो रहा था।माँ बेटी का बहुत प्यार था।हर वक़्त कहती!
हे भगवान !ये ठीक हो जाये इसकी जगह मुझे उठा लो। इक रात को कही से किसी का बैल खूँटी से छूट कर इधर-उधर भाग रहा था।कही पर बैल ने इक देग मे मुँह डाला तो उसके सींग उसमे फँस गये।देग नीचे से काली जली हुई थी।सींग फँसने पर बैल और भी घबरा कर इधर-उधर भागते भागते उस मां के दरवाज़े पर आ पहुँचा।माँ ने देख कर सोचा कि मौत का फ़रिश्ता आया है मेरी बेटी को लेने के लिये है।माँ डर गई और झट से हाथ जोड़ बोली,मै तो भली चंगी हूँ अभी जिस को लेने आये हो वो अन्दर कमरे मे लेटी हुई है।
दोस्तों ।
जब कभी रिश्तों में भी ऐसी स्थिति आती है तो पता लगता है कि हम वाक़ई मे किसी के लिए कितने अहम है माँ और बेटी का रिश्ता कितना गहरा होता है मगर जब वक़्त आया तो सब बदल गया ।
हम सोचते है हमारी बहुत अहमियत है किसी की ज़िन्दगी मे, मगर असलियत कुछ और ही निकलती है।
इक लड़का बहुत प्यार करता है इक लड़की से।इक दूजे के बग़ैर रह भी नही पाते।साथ रहने की ,साथ मरने की ,जन्मों जन्मों की क़समें खाते है मगर कई बार घर वालो के दवाब के कारण या कारण कोई भी हो सकता है या उन्हें कोई और आप से बेहतर रिश्ता मिल जाये तो अहमियत सामने आ ही जाती।वहाँ बहुतों का प्यार धरा का धरा रह जाता है …या अगर कोई पंडित जी कुंडली देख कर ये कह दे ,की अगर इन दोनों की शादी हो गई तो घर का सारा धन ,शोहरत ,व्यापार सब खतम हो जायेगा।ऐसी स्थिति मे भी लोग सब भूल कर रिश्ता तोड देते है।यहाँ पर भी हम इक वहम ही पाल कर बैठे होते है।
आज लोग रिश्ते बनाते हैं अपनी ज़रूरतों के हिसाब से।सच्चा प्यार तो किसी विरले शख़्स को ही मिल पाता है ।रिश्ते आज तराज़ुओं में तोले जाते है जो बहुत दुख की बात है।जैसे रिश्तो का बाज़ार लगा हो।ये नहीं तो और सही।ऐसे माहौल मे कोई कैसे सकून से रह सकता है। दोस्तों संसार कभी किसी का न हुआ ,न ही हो सकता है।
किसी पर भी अपना आधिपत्य न समझे, न ही जमाये ।
सुख से रहना है तो संसार मे निर्लेप हो कर रहे ,क्योंकि यहाँ हर कदम पर ,कोई आयेगा कोई जायेगा।अगर मोह मे रहेंगे तो दुख तकलीफ़ बैचेनी हमीं को होगी किसी और को नही। जुड़ाव दुख का कारण है जितना जितना लगाव होगा,उतना ज़्यादा दुख।
दोस्तों !आप सब समझदार है। रिश्तों मे इक बैलेंस बनाये।आज कहीं न कहीं रिश्तों मे बहुत अनिश्चितता है।जो लोगों को डिप्रेशन की ओर ले जा रही है।खुद पर नियंत्रण रखे।बंधन किसी को भी प्यारा नही।हर कोई ख़ुश रहना चाहता है।किसी को बांधने की कोशिश न करे।दूसरो को अहमियत दे मगर उतनी ,जितने के वो हक़दार है। कुछ लोग देना नही जानते .. सिर्फ़ लेना ही जानते है चाहे वो आप के अल्फ़ाज़ हो ,आप का वक़्त हो ,आप का प्यार हो ,आप की वफ़ा हो ,या फिर आप की निष्ठा हो।
दोस्तों।
अपने बहुमूल्य भावों को वही समर्पित करें जहां लोग इसकी क़दर करें ।उस की अहमियत समझे
🙏 स्मिता

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