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वित्त मंत्री ने 141 कोयला खदानों की अब तक की सबसे बड़ी नीलामी शुरू की

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने कहा है कि भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को कोयला उत्पादन और उसके गैसीकरण की परियोजनाओं में अधिक निवेश की आवश्यकता है और वह भी तब जब विश्व स्तर पर, विशेष रूप से गैस के ईंधन की कीमतें बढ़ रही हैं। कोयला मंत्रालय की कोयला खदान नीलामी के छठे दौर का आज नई दिल्ली में शुभारंभ करते हुए वित्त मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत वर्तमान में दुनिया में सबसे अच्छा निवेश गंतव्य है। मंत्री महोदया ने कहा कि वर्तमान सरकार की नीतिगत स्थिरता और पारदर्शी प्रक्रिया के कारण बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में 41% की कमी आई है। वित्त मंत्री ने कहा कि आज की 141 कोयला खदानों की नीलामी से बारह राज्यों को प्रत्यक्ष लाभ होगाI  कोयला क्षेत्र को खोलने (अनलॉक करने) के लिए हाल में ही की गई पहलों के लिए कोयला मंत्रालय की सराहना करते हुए श्रीमती सीतारमन ने कहा कि खनन क्षेत्र में सुधार हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को सही गति प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वित्त मंत्रालय कोयले के गैसीकरण और वाणिज्यिक खनन में प्रोत्साहन के लिए हर संभव सहायता करेगा। समारोह को संबोधित करते हुए कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कोयला मंत्रालय कोयले के उपयोग को बढ़ाने के लिए वैकल्पिक पद्धति ढूँढ रहा है। श्री जोशी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने कोयले के गैसीकरण के लिए 6000 करोड़ रुपये अन्वेषण प्रक्रिया के लिए 250 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया है। अब तक की सबसे बड़ी नीलामी के दौरान आज ग्यारह राज्यों की 141 खदानों की नीलामी की गई। श्री जोशी ने कहा कि पूर्व में नीलाम हो चुकी खदानों में उत्पादन शुरू हो गया है और आशा है कि अगले वर्ष तक नई खदानों से एक से 1.5 करोड़ टन कोयले का उत्पादन होने लगेगाI श्री जोशी ने आगे कहा कि अब तक  की गई समीक्षा के अनुसार कोयला मंत्रालय इस वर्ष 90 करोड़ टन कोयला उत्पादन होने का अनुमान लगा रहा है। समारोह को कोयला, खान एवं रेल राज्य मंत्री श्री रावसाहेब पाटिल दानवे, कोयला सचिव श्री अमृत लाल मीणा और अपर सचिव श्री एम. नागराजू ने भी संबोधित किया।

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वाणिज्यिक नीलामी के छठे दौर में 133 कोयला खदानें नीलामी के लिए रखी गई थीं, जिनमें से 71 नई कोयला खदानें हैं और 62 कोयला खदानें वाणिज्यिक नीलामी के पहले चरणों से चल रही हैं। इसके अतिरिक्त, वाणिज्यिक नीलामी के पांचवें दौर के दूसरे प्रयास के तहत 8 कोयला खदानों को शामिल किया गया था, जिसके लिए पहले प्रयास में एकल बोलियां प्राप्त हुई थीं। नीलामी की इस किश्त के शुभारंभ के साथ ही कोयला मंत्रालय तापीय (थर्मल) कोयले के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

संरक्षित क्षेत्रों, वन्यजीव अभयारण्यों, संवेदनशील बसावटों, 40% से अधिक वन क्षेत्रों, भारी निर्मित क्षेत्र आदि के अंतर्गत आने वाली खदानों को नीलामी से बाहर रखा गया है। जिन क्षेत्रों में घनी बस्ती, उच्च हरित आवरण या महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे आदि की उपस्थिति है, के अंतर्गत आने वाली कुछ ऐसी कोयला खदानों की ब्लॉक सीमाओं में बोलीदाताओं की रुचि और इन कोयला ब्लॉकों में भागीदारी बढ़ाने के लिए हितधारकों के परामर्श के दौरान प्राप्त टिप्पणियों के आधार पर संशोधन किया गया है। नीलाम की जा रही खदानें झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, तमिलनाडु और बिहार के कोयला/लिग्नाइट वाले राज्यों में फैली हुई हैं।

नीलामी प्रक्रिया की प्रमुख विशेषताओं में अग्रिम राशि और बोली सुरक्षा राशि में कमी, आंशिक रूप से खोजी गई कोयला खदानों के मामले में कोयला खदान के कुछ हिस्से को छोड़ने की अनुमति, राष्ट्रीय कोयला सूचकांक और राष्ट्रीय लिग्नाइट सूचकांक की शुरुआत, बिना प्रवेश बाधाओं के भागीदारी में आसानी, कोयला उपयोग में पूर्ण लचीलापन, अनुकूलित भुगतान संरचनाएं, शीघ्र उत्पादन के लिए प्रोत्साहन, कोयला गैसीकरण और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल है।

निविदा दस्तावेज की बिक्री 03 नवंबर, 2022 से शुरू होगी। खदानों, नीलामी की शर्तों, समय सीमा आदि का विवरण मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) के नीलामी मंच पर देखा जा सकता है। प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर एक पारदर्शी दो चरण की प्रक्रिया के माध्यम से नीलामी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के लिए कार्य प्रणाली कोयला मंत्रालय के एकमात्र लेनदेन सलाहकार एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड ने विकसित की थी और वही कोयले की नीलामी प्रक्रिया के संचालन में मंत्रालय की सहायता कर रही है।

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सीमा सड़क संगठन ने स्वच्छता पर विशेष अभियान 2.0 के दौरान सड़क निर्माण में प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल किया

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) पूरे देश में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान 2.0 को तकनीकी प्रोत्साहन प्रदान कर रहा है। संगठन ने भारत के साथ-साथ भूटान में भी बिटुमिनस से सड़क के निर्माण में बड़े पैमाने पर कटे हुए प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़ों का इस्तेमाल करने के लिए परीक्षण किए हैं। बीआरओ सड़कों की ऊपरी परत के निर्माण और पुनर्निर्माण के लिए कटे हुए प्लास्टिक के छोटे टुकड़ों का अधिकतम उपयोग करने के प्रयास कर रहा है।

बीआरओ ने विशेष अभियान 2.0 के दौरान, दंतक परियोजना के तहत फुएंत्शोलिंग-थिम्फू रोड पर 4.5 किलोमीटर की रिसर्फेसिंग में इस तकनीक का इस्तेमाल किया है। दूसरी परियोजना वर्तक के अंतर्गत बालीपारा-चारदुआर-तवांग सड़क पर 2.5 किलोमीटर और अरुणाचल प्रदेश में परियोजना उदयक के तहत रोइंग-कोरोनू-पाया सड़क पर 1.0 किलोमीटर की रिसर्फेसिंग के लिए भी इसी प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है। इसका इस्तेमाल मिजोरम में पुष्पक परियोजना के अंतर्गत हनथियाल-संगौ-सैहा रोड पर 5.22 किलोमीटर और अरुणाचल प्रदेश में अरुणांक परियोजना के तहत हापोली-सरली-हुरी रोड पर 2.0 किलोमीटर के रिसर्फेसिंग में किया गया है।

स्वच्छ भारत मिशन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में वर्ष 2014 में लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए महात्मा गांधी को उचित श्रद्धांजलि के रूप में शुरू किया गया था। गांधीजी ने स्वच्छता को जीवन में एक महत्वपूर्ण आदत के रूप में अपनाने की वकालत की थी। बाद में, सरकारी विभागों और मंत्रालयों में 2021 में लंबित कार्यों को पूरा करने और स्वच्छता के लिए निपटान पर एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। पिछले वर्ष के दौरान विशेष अभियान की सफलता के बाद, 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2022 तक केंद्र सरकार के मंत्रालयों/विभागों, संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों में स्वच्छता पर विशेष अभियान 2.0 आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने भरूच (गुजरात) के आमोद में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्‍यास किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज भरूच (गुजरात) के आमोद में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्‍यास किया। प्रधानमंत्री ने जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क, दहेज में डीप सी पाइपलाइन परियोजना, अंकलेश्वर और पनोली में हवाई अड्डे के पहले चरण और बहुस्तरीय औद्योगिक शेड के विकास की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं को देश को समर्पित किया जो गुजरात में रसायन क्षेत्र को बढ़ावा देंगी। इन परियोजनाओं में जीएसीएल प्लांट, भरूच अंडरग्राउंड ड्रेनेज और आईओसीएल दहेज कोयाली पाइपलाइन का निर्माण शामिल है।

प्रधानमंत्री ने सबसे पहले श्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि दी। उन्‍होंने कहा कि मुलायम सिंह जी के साथ मेरा रिश्ता बहुत खास रहा है। मुख्यमंत्रियों के रूप में जब भी हम मिलते थे, तो हमारे बीच आपसी सम्मान और निकटता की भावना होती थी। प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के बाद जब श्री मोदी विभिन्न दलों के नेताओं के पास पहुंचे थे, उस पल को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुलायम सिंह जी का आशीर्वाद और उनकी सलाह के शब्द आज भी उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। बदलते समय के बावजूद मुलायम सिंह जी ने अपने 2013 के आशीर्वाद को बनाए रखा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पिछले लोकसभा के अंतिम सत्र में मुलायम सिंह जी के आशीर्वाद का भी स्‍मरण किया, जिसमें दिवंगत नेता ने बिना किसी राजनीतिक मतभेद के 2019 में प्रधानमंत्री मोदी की वापसी की भविष्यवाणी की थी। श्री मुलायम सिंह जी के अनुसार, श्री मोदी जी एक ऐसे नेता हैं जो सभी को साथ लेकर चलते हैं। आज गुजरात की इस धरती और मां नर्मदा के तट से आदरणीय मुलायम सिंह जी को नमन। मैं ईश्वर से उनके परिवार और प्रशंसकों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। प्रधानमंत्री ने टिप्पणी करते हुए कि वह आजादी का अमृत महोत्सव के समय भरूच आए हैं और उन्होंने कहा कि इस जगह की मिट्टी ने देश के लिए ऐसे कई बच्चों को जन्म दिया है जिन्होंने देश का नाम नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने संविधान सभा के एक सदस्य और सोमनाथ आंदोलन में सरदार पटेल के प्रमुख साथी कन्‍हैयालाल माणिकलाल मुंशी और भारतीय संगीत के महान संगीतकार पं. ओंकारनाथ ठाकुर को भी स्‍मरण किया। श्री मोदी ने कहा कि गुजरात और भारत के विकास में भरूच की महत्वपूर्ण भूमिका है। जब भी हम भारत के इतिहास को पढ़ते हैं और भविष्य के बारे में बात करते हैं, भरूच की हमेशा गर्व के साथ चर्चा की जाती है। प्रधानमंत्री ने भरूच जिले की उभरती महानगरीय प्रकृति का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि भरूच को रसायन क्षेत्र से संबंधित कई परियोजनाओं के साथ पहला ‘बल्क ड्रग पार्क’ प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी से जुड़ी दो बड़ी परियोजनाओं की भी आज शुरुआत की गई है। श्री मोदी ने यह भी बताया कि अंकलेश्वर में भरूच हवाई अड्डे का शिलान्यास भी किया गया है ताकि भरूच के लोगों को बड़ौदा या सूरत पर निर्भर न रहना पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि भरूच एक ऐसा जिला है जिसमें देश के अन्य छोटे राज्यों की तुलना में सबसे अधिक उद्योग हैं और इस नई हवाईअड्डा परियोजना के साथ, यह क्षेत्र विकास के मामले में तीव्र गति से अग्रसर होगा। श्री मोदी ने कहा कि यह नरेन्द्र-भूपेंद्र की डबल इंजन सरकार का ही परिणाम है जो कार्यों को त्‍वरित गति से पूरा करने का प्रयास करती है। श्री मोदी ने कहा कि यह गुजरात का नया चेहरा है। गुजरात, पिछले दो दशकों में, हर क्षेत्र में एक पिछड़े राज्य से एक संपन्न औद्योगिक और कृषि राज्य में परिवर्तित हो गया है। व्यस्त बंदरगाहों और एक विकासशील समुद्र तट के साथ आदिवासियों और मछुआरे समुदाय का जीवन बदल गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात के लोगों की कड़ी मेहनत के कारण आजादी के अमृत महोत्सव में राज्य के युवाओं के लिए एक सुनहरे दौर का शुभारंभ हो गया है। उन्होंने कहा कि हमें बाधाओं से मुक्त एक सक्षम वातावरण बनाना चाहिए और इस अवसर को नहीं गंवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सपनों को साकार करने के लिए नीति और नियत दोनों की आवश्‍यकता होती है। उन्होंने भरूच क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार के बारे में बात की। उन्होंने यह भी स्‍मरण किया कि कैसे पिछले कुछ वर्षों में कृषि, स्वास्थ्य और पेयजल की स्थिति में व्‍यापक सुधार हुआ है। उन्होंने इस बात को भी स्‍मरण किया कि कैसे मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने एक समय में एक ही मुद्दे का सामना किया और उसे हल किया। आज, बच्चे कर्फ्यू शब्द को नहीं जानते हैं, जो पहले एक आम शब्‍द था। आज हमारी बेटियां न केवल सम्मान के साथ जी रही हैं और देर तक काम भी कर रही हैं, बल्कि समुदायों का नेतृत्‍व भी कर रही हैं। इसी तरह भरूच में शिक्षा की सुविधाएं आई हैं, जिससे युवाओं को नए अवसर मिल रहे हैं। लंबी अवधि की योजना और कम उपयोग किए गए संसाधनों का लाभ उठाने के कारण, गुजरात एक विनिर्माण, औद्योगिक और व्यावसायिक केंद्र के रूप में उभरा है और कई विश्व स्तरीय सुविधाएं भी यहां सुलभ हुई हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार दोहरे लाभ का एक बड़ा उदाहरण बन गई हैं। प्रधानमंत्री ने वोकल-फॉर-लोकल के अपने आह्वान को दोहराया। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों को अपनाकर और आयातित उत्पादों से दूर रहकर हर नागरिक ‘आत्मनिर्भर’ भारत के निर्माण में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने दिवाली के दौरान स्थानीय रूप से बनी चीजों का उपयोग करने का अनुरोध किया, क्योंकि इससे स्थानीय व्यवसायों और कारीगरों की मदद होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था जो 2014 में 10वें स्थान पर थी वह आज पांचवें स्थान पर पहुंच गई है। इस उपलब्धि को इस तथ्य ने और भी अधिक महत्वपूर्ण बना दिया कि अब भारत ने अपने पूर्व औपनिवेशिक आकाओं को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए युवा, किसान, श्रमिक, छोटे व बड़े व्यवसायी और उद्योगपति बधाई एवं श्रेय के पात्र हैं। उन्होंने भरूच के लोगों को दवाइयों के निर्माण द्वारा लोगों का जीवन बचाने के नेक कार्य में शामिल होने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि महामारी ने फार्मा क्षेत्र के महत्व को बिल्‍कुल स्पष्ट कर दिया है। गुजरात ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देश की बहुत मदद की है। देश के फार्मा निर्यात में गुजरात की हिस्सेदारी 25 फीसदी है।

प्रधानमंत्री ने उस समय को भी स्‍मरण किया जब भरूच में कुछ उपद्रवियों ने विकास के मार्ग में बाधाएं डाली थीं। उन्होंने कहा, “जब हम 2014 में सत्ता में आए और गुजरात ने नरेन्द्र और भूपेंद्र की डबल इंजन शक्ति को महसूस किया, तो सभी बाधाएं दूर हो गईं।” प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर बांध के विकास के दौरान शहरी नक्सलियों द्वारा उत्‍पन्‍न की गई बाधाओं की ओर इशारा किया। झारखंड, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में नक्सलियों की व्यापकता की ओर इशारा करते हुए प्रधानमंत्री ने गुजरात के आदिवासी समुदायों की प्रशंसा की, जिन्होंने गुजरात राज्य में नक्सलियों का विस्‍तार नहीं होने दिया और राज्य के लोगों का जीवन बचाया। प्रधानमंत्री ने राज्य में शहरी-नक्सलवाद को पैर जमाने नहीं देने के प्रति आगाह किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान और गणित में अच्छी शिक्षा सुनिश्चित किए बिना सरकारी प्रयासों से हो रही सकारात्मक कार्रवाई और अन्य योजनाओं का उचित लाभ उठाना संभव नहीं है। आज आदिवासी युवा पायलट प्रशिक्षण प्राप्त कर डॉक्टर, वैज्ञानिक और एडवोकेट बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि आदिवासी समुदाय ने राज्य और देश के विकास की यात्रा में बहुत योगदान दिया है। उनके योगदान को सम्मान देने के लिए सरकार ने जनजातीय गौरव दिवस को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर बहादुर जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित करने की घोषणा की है। बिरसा मुंडा को देश भर के जनजातीय समुदायों द्वारा सम्मानित किया जाता है। संबोधन के समापन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भरूच एवं अंकलेश्वर का विकास अहमदाबाद और गांधीनगर की तरह विकास के ‘ट्विन सि‍टी मॉडल ऑफ डेवलेपमेंट’ की तर्ज पर किया जा रहा है। लोग, भरूच और अंकलेश्वर के बारे में इसी प्रकार बात करने वाले हैं जैसे वे न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी के बारे में बात करते हैं। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री, श्री मनसुख मांडविया, संसद सदस्य श्री सी आर पाटिल और श्री मनसुख वसावा भी उपस्थित थे।

पृष्‍ठभूमि

भारत को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने जंबूसर में बल्क ड्रग पार्क की आधारशिला रखी। 2021-22 में, बल्‍क ड्रग्‍स का कुल दवा आयात में 60 प्रतिशत से अधिक का योगदान था। यह परियोजना आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने और थोक दवाओं के लिए भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। प्रधानमंत्री ने दहेज में ‘डीप सी पाइपलाइन परियोजना’ की आधारशिला भी रखी, जो औद्योगिक सम्पदाओं से शोधित अपशिष्ट जल के निपटान में सहायता करेगी। जिन अन्य परियोजनाओं की आधारशिला प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी, उनमें अंकलेश्वर हवाई अड्डे का चरण 1 और अंकलेश्वर और पनोली में बहुस्तरीय औद्योगिक शेड का विकास शामिल है। इससे एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कई औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए भी शिलान्यास किया। इनमें चार जनजातीय औद्योगिक पार्क शामिल हैं, जो वालिया (भरूच), अमीरगढ़ (बनासकांठा), चकालिया (दाहोद) और वनार (छोटा उदयपुर) में बनेंगे; मुडेथा (बनासकांठा) में एग्रो फूड पार्क; काकवाड़ी दांती (वलसाड) में सी फूड पार्क; और खांडिवव (महिसागर) में एमएसएमई पार्क का निर्माण किया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने कई परियोजनाओं को राष्‍ट्र को समर्पित किया जो रसायन क्षेत्र को बढ़ावा देंगी। उन्होंने दहेज में 130 मेगावाट के कोजेनरेशन पावर प्लांट के साथ एकीकृत 800 टीपीडी कास्टिक सोडा संयंत्र को समर्पित किया। इसके साथ ही उन्होंने दहेज में मौजूदा कास्टिक सोडा संयंत्र के विस्तार का भी लोकार्पण किया, जिसकी क्षमता 785 मीट्रिक टन/दिन से बढ़ाकर 1310 मीट्रिक टन/दिन कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने दहेज में प्रति वर्ष एक लाख मीट्रिक टन से अधिक क्लोरोमीथेन के निर्माण की एक परियोजना का भी लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित अन्य परियोजनाओं में दहेज में हाइड्राज़िन हाइड्रेट प्लांट भी शामिल है जो इस उत्पाद के आयात को कम करने में मदद करेगा, इसके अलावा आईओसीएल दहेज-कोयली पाइपलाइन परियोजना, भरूच भूमिगत जल निकासी और एसटीपी कार्य एवं उमला आसा पनेथा सड़क को चौड़ा और मजबूत बनाने की परियोजनाएं शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री ने पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज पहले स्वदेशी विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को राष्ट्र की सेवा में समर्पित किया। इस कार्यक्रम के दौरान औपनिवेशिक अतीत से अलग तथा समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत के अनुरूप प्रधानमंत्री ने नौसेना के नये ध्वज (निशान) का भी अनावरण किया।उपस्थितजनों को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां केरल के समुद्री तट पर भारत, हर भारतवासी, एक नये भविष्य के सूर्योदय का साक्षी बन रहा है। आईएनएस विक्रांत पर हो रहा यह आयोजन विश्व क्षितिज पर भारत के बुलंद होते हौसलों की हुंकार है। उन्होंने कहा कि आज हम सब स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को सच होता देख रहे हैं, जिसमें उन्होंने सक्षम और शक्तिशाली भारत की परिकल्पना की थी। प्रधानमंत्री ने कहा, “विक्रांत विशाल, विराट और विहंगम है। विक्रांत विशिष्ट है, विक्रांत विशेष भी है। विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं है। यह 21वीं सदी के भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यदि लक्ष्य दूरंत हैं, यात्राएं दिगंत हैं, समंदर और चुनौतियां अनन्त हैं- तो भारत का उत्तर है विक्रांत। आजादी के अमृत महोत्सव का अतुलनीय अमृत है विक्रांत। आत्मनिर्भर होते भारत का अद्वितीय प्रतिबिंब है विक्रांत।”

राष्ट्र के नये माहौल पर टिप्पणी करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के भारत के लिये कोई भी चुनौती मुश्किल नहीं रही। उन्होंने कहा, “आज भारत विश्व के उन देशों में शामिल हो गया है, जो स्वदेशी तकनीक से इतने विशाल एयरक्राफ्ट कैरियर का निर्माण करते हैं। आज आईएनएस विक्रांत ने देश को एक नये विश्वास से भर दिया है, देश में एक नया भरोसा पैदा कर दिया है।” प्रधानमंत्री ने नौसेना, कोचीन शिपयार्ड के इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और खासतौर से उन कामगारों के योगदान की सराहना की, जिन्होंने इस परियोजना पर काम किया है। उन्होंने कहा कि ओणम के आनन्ददायी और पवित्र अवसर ने आज के इस अवसर को और अधिक आनन्ददायी बना दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएनएस विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है। उन्होंने कहा कि यह स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है। इसके एयरबेस में जो इस्पात लगा है, वह इस्पात भी स्वदेशी है, जिसे डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है तथा भारतीय कंपनियों ने निर्मित किया है। विमान वाहक पोत की विशालता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक तैरते हुए शहर की तरह है। यह इतनी बिजली पैदा करता है जो 5000 घरों के लिये पर्याप्त होगी और इसमें जितने तार का इस्तेमाल हुआ है, उसे फैलाया जाये, तो वह कोच्चि से काशी पहुंच जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आईएनएस विक्रांत पांच प्रणों की भावना का समुच्चय है, जिसका उद्घोष उन्होंने लाल किले की प्राचीर से किया था।

प्रधानमंत्री ने भारतीय सामुद्रिक परंपरा और नौसैन्य क्षमताओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि छत्रपति वीर शिवाजी महाराज ने इस समुद्री सामर्थ्य के दम पर ऐसी नौसेना का निर्माण किया, जो दुश्मनों की नींद उड़ाकर रखती थी। जब अंग्रेज भारत आये, तो वे भारतीय जहाजों और उनके जरिये होने वाले व्यापार की ताकत से घबराये रहते थे, इसलिये उन्होंने भारत के समुद्री सामर्थ्य की कमर तोड़ने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि कैसे उस समय ब्रिटिश संसद में कानून बनाकर भारतीय जहाजों और व्यापारियों पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये गये थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 2 सितंबर, 2022 वह ऐतिहासिक तारीख है, जब भारत ने गुलामी के एक निशान, गुलामी के एक बोझ को सीने से उतार दिया है। आज से भारतीय नौसेना को एक नया ध्वज मिला है। उन्होंने कहा कि अब तक भारतीय नौसेना के ध्वज पर गुलामी की पहचान बनी हुई थी, लेकिन अब आज से छत्रपति शिवाजी से प्रेरित, नौसेना का नया ध्वज समंदर और आसमान में लहरायेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विक्रांत जब हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिये उतरेगा, तो उस पर नौसेना की अनेक महिला सैनिक भी तैनात रहेंगी। समंदर की अथाह शक्ति के साथ असीम महिला शक्ति, ये नये भारत की बुलंद पहचान बन रही है। अब भारतीय नौसेना ने अपनी सभी शाखाओं को महिलाओं के लिये खोलने का फैसला किया है। जो पाबंदियां थीं, वे अब हट रही हैं। जैसे समर्थ लहरों के लिये कोई दायरे नहीं होते, वैसे ही भारत की बेटियों के लिये भी अब कोई दायरा या बंधन नहीं होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बूंद-बूंद जल से विराट समंदर बन जाता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस बार स्वतंत्रता दिवस पर स्वदेशी तोपों से सलामी दी गई थी। इसी तरह भारत का एक-एक नागरिक ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को जीना प्रारंभ कर देगा, तो देश को आत्मनिर्भर बनने में अधिक समय नहीं लगेगा।

बदलती भू-रणनीतिक परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले समय भारत-प्रशांत क्षेत्र और हिंद महासागर में सुरक्षा चिंताओं को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता रहा, लेकिन आज ये क्षेत्र हमारे लिये देश की बड़ी रक्षा प्राथमिकता हैं। इसलिये हम नौसेना के लिये बजट बढ़ाने से लेकर उसकी क्षमता बढ़ाने तक हर दिशा में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि शक्तिशाली भारत शांतिपूर्ण और सुरक्षित विश्व का मार्ग प्रशस्त करेगा।

इस अवसर पर केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मुहम्मद खान, मुख्यमंत्री श्री पिनराई विजयन, केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह, श्री सर्बानन्द सोनोवाल, श्री वी. मुरलीधरन, श्री अजय भट्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार तथा अन्य उपस्थित थे।

 

आईएनएस विक्रांत

आईएनएस विक्रांत का डिजाइन भारतीय नौसेना की अपनी संस्था वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो ने तैयार किया है तथा इसका निर्माण पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र की शिपयार्ड कंपनी, कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है। विक्रांत का निर्माण अत्याधुनिक स्वचालित विशेषताओं से लैस है और वह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे विशाल निर्मित पोत है।

स्वदेशी वायुयान वाहक का नाम उसके विख्यात पूर्ववर्ती और भारत के पहले विमान वाहक पोत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह पोत तमाम स्वदेशी उपकरणों और यंत्रों से लैस है, जिनके निर्माण में देश के प्रमुख औद्योगिक घराने तथा 100 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम संलग्न थे। विक्रांत के लोकार्पण के साथ भारत के पास दो सक्रिय विमान वाहक पोत हो जायेंगे, जिनसे देश की समुद्री सुरक्षा को बहुत बल मिलेगा।

इस कार्यक्रम के दौरान औपनिवेशिक अतीत से अलग तथा समृद्ध भारतीय सामुद्रिक विरासत के अनुरूप प्रधानमंत्री ने नौसेना के नये ध्वज (निशान) का अनावरण किया।

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केंद्र ने हिमाचल प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश में कुल तीन बल्क ड्रग पार्कों के निर्माण की ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दी

औषध विभाग ने “बल्क ड्रग पार्कों को बढ़ावा देने” की योजना के तहत तीन राज्यों- हिमाचल प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश के प्रस्तावों को ‘सैद्धांतिक’ मंजूरी दी है। यह देश में बल्क ड्रग विनिर्माण को सहायता देने के लिए शुरू की गई एक प्रमुख पहल है। इस योजना को साल 2020 में 3,000 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था। यह बल्क ड्रग पार्कों की स्थापना के लिए तीन राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार द्वारा समर्थित विश्व स्तरीय सामान्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करके बल्क ड्रग के विनिर्माण की लागत को कम करना है और इसके माध्यम से घरेलू थोक दवा उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोतरी करना है।

भारतीय औषध उद्योग आकार के आधार पर विश्व में तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है। भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1,75,040 करोड़ रुपये के दवाओं का निर्यात किया, जिसमें बल्क ड्रग्स/ड्रग इंटरमीडिएट शामिल हैं। इसके अलावा भारत विश्व में सक्रिय औषधीय घटकों (एपीआई) या थोक दवाओं के प्रमुख उत्पादकों में से एक है। भारत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 33,320 करोड़ रुपये मूल्य की बल्क ड्रग्स/ड्रग इंटरमीडिएट्स का निर्यात किया।

हालांकि, भारत में कई देशों से दवाओं के विनिर्माण के लिए विभिन्न बल्क ड्रग्स/एपीआई का भी आयात किया जाता है। देश में बल्क ड्रग/एपीआई का अधिकांश आयात आर्थिक कारणों से किया जा रहा है।

सरकार, आयात पर देश की निर्भरता को कम करने और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। औषध विभाग, देश को एपीआई और ड्रग इंटरमीडिएट्स में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू कर रहा है। इसके तहत प्रमुख पहलों में से एक बल्क ड्रग पार्क की योजना भी है।

इस योजना के तहत विकसित किए जाने वाले बल्क ड्रग पार्क एक ही स्थान पर सामान्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेंगे, जिससे देश में बल्क ड्रग विनिर्माण के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण होगा और विनिर्माण लागत में भी काफी कमी आएगी। इस योजना से आयात निर्भरता को कम करने के लिए थोक दवाओं के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और मानक परीक्षण व बुनियादी सुविधाओं तक आसान पहुंच प्रदान करके वैश्विक बाजार में एक पैंठ बनाने की उम्मीद है। यह योजना उद्योग को सामान्य अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली के अभिनव तरीकों के जरिए कम लागत पर पर्यावरण के मानकों को पूरा करने और संसाधनों के अनुकूलन व पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं के कारण उत्पन्न होने वाले लाभों को प्राप्त करने में भी सहायता करेगी।

इस योजना के तहत 13 राज्यों से प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इसके लिए विभाग को मात्रात्मक और साथ ही गुणात्मक पद्धति के आधार पर प्रस्तावों के मूल्यांकन में नीति आयोग के सीईओ के अधीन एक सलाहकार समिति की सहायता प्रदान की गई थी।

गुजरात और आंध्र प्रदेश में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क के लिए वित्तीय सहायता सामान्य बुनियादी सुविधाओं की परियोजना लागत का 70 फीसदी होगा। वहीं, पहाड़ी राज्य होने के चलते हिमाचल प्रदेश के लिए वित्तीय सहायता कुल परियोजना लागत का 90 फीसदी होगा। एक बल्क ड्रग पार्क के लिए योजना के तहत अधिकतम सहायता 1,000 करोड़ रुपये तक सीमित होगी।

इन राज्यों की ओर से प्रस्तुत प्रस्तावों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में ऊना जिले के तहसील हरोली में 1402.44 एकड़ भूमि पर, गुजरात के भरूच जिले के जम्बूसर तहसील में 2015.02 एकड़ जमीन पर और आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के थोंडागी मंडल के केपी पुरम व कोढ़ाहा के 2000.45 एकड़ भूमि पर बल्क ड्रग्स पार्कों का निर्माण किया जाएगा। इन तीनों राज्यों को योजना के तहत अगले 90 दिनों में अपनी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने, उसका मूल्यांकन करने और अंतिम अनुमोदन के लिए प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया गया है।

यह योजना सहकारी संघवाद की भावना को दिखाती हैं, जहां केंद्र सरकार और राज्य सरकारें क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के लिए बल्क ड्रग पार्क विकसित करने के लिए भागीदार होंगी। बल्क ड्रग्स के घरेलू विनिर्माण को सुनिश्चित करने में विभाग के अन्य पहलों में निम्नलिखित योजनाएं शामिल हैं :

  • केएसएम/ड्रग इंटरमीडिएट्स (डीआई) और एपीआई के घरेलू विनिर्माण के लिए उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना : इस योजना के तहत कुल 51 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 14 परियोजनाएं पहले ही चालू हो चुकी हैं और दवाओं का विनिर्माण शुरू हो गया है।
  • औषध के लिए पीएलआई को तीन श्रेणियों के तहत चिह्नित किए गए उत्पादों के विनिर्माण के लिए 55 चयनित आवेदकों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और इस योजना के तहत पात्र दवाओं में एपीआई शामिल हैं।

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एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक सम्पन्न

-लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं पर हुई चर्चा
-एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक सम्पन्न
-लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों के प्रकाशकों ने केन्द्र सरकार की नीतियों के प्रति जताया रोष
-बैठक में केन्द्रीय संचार ब्यूरो व आर. एन. आई. की कार्यशैली की निन्दा की
गौहाटी, असम, भारतीय स्वरूप संवाददाता। एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक आज पलटन बाजार स्थित होटल स्टार लाइन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला ने की व संचालन एसोसिएशन की उप्र इकाई के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने किया।
राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में पिछली बैठक की कार्यवाई की पुष्टि की गई। बैठक के दौरान विनोद महापात्रा व अप्पा साहिब पाटिल को एसोसिएशन का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, प्रवीण पाटिल व डॉ0 अनन्त शर्मा को राष्ट्रीय सचिव सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया। वहीं निशा रस्तोगी को संगठनमन्त्री पुनः मनोनीत किया गया। इस मौके पर उड़ीसा राज्य का अध्यक्ष चन्द्रकांत सुतर, महाराष्ट्र राज्य का अध्यक्ष प्रदीप कुलकर्णी, राजस्थान राज्य का अध्यक्ष विजेन्द्र प्रकाश, आन्ध्र प्रदेश का अध्यक्ष सेंडीरेड्डी कोण्डलाराव, कर्नाटक राज्य का अध्यक्ष वेणु गोपाल नायक व उप्र राज्य का अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार को पुनः मनोनीत किया गया।
राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चन्दोला ने कहा कि प्रत्येक राज्य की इकाई अपने-अपने राज्य से प्र्रकाशित होने वाले लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं के बारे में बिन्दुवार अवगत करायें ताकि समस्याओं को सम्बन्धित विभागों जैसे-केन्द्रीय संचार ब्यूरो, प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, आर. एन. आई. सहित सभी राज्यों के सूचना सम्पर्क विभाग से सम्पर्क कर उनका निदान करवाने का प्रयास किया जाये।
बैठक में उपस्थित डॉ0 अनन्त शर्मा ने कहा कि लघु एवं मझोले वर्ग की समस्याओं को निदान करवाने के साथ-साथ एसोसिएशन को और मजबूत करने पर जोर दिया जायेगा। जिस पर सभी पदाधिकारियों ने सहयोग करने पर जोर दिया।
वहीं विनोद महापात्रा ने कहा कि लघु एवम् मझोले वर्ग की राज्य स्तरीय समस्याओं को सभी राज्यों के अध्यक्ष अपने-अपने स्तर से जानकारी बिन्दुवार एकत्र करके राष्ट्रीय अध्यक्ष के समक्ष प्रेषित करें ताकि उनका निदान करवाया जा सके।
उप्र राज्य के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने कहा कि लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों के प्रति केन्द्र सरकार की नियति ठीक नहीं है और वे ऐसी नीतियों को लागू कर रही हैं जिससें लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्र प्रभावित हो जायें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लघु श्रेणी के समाचारपत्रों का अस्तित्व संकट में है। ऐसे में सरकार को चाहिये कि लघु श्रेणी के समाचारपत्रों को आर्थिक पैकेज की घोषणा करे, साथ ही ऐसी नीतियों को लागू करे जिससे लघु श्रेणी के समाचारपत्रों की विकासदर प्रभावित ना हो।
बैठक में मौजूद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि लघु एवं मझोले वर्ग के समाचारपत्रों के अस्तित्व पर संकट मड़राने लगा है जबकि जनता की प्रमुख समस्याओं को लघु श्रेणी के अखबार ही प्रकाश में लाते हैं। इसी लिये सरकारें भी लघु श्रेणी के समाचारपत्रों के प्रति विद्वेष की भावना से कार्य कर रहीं हैं। इस दौरान एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा लागू की जा रही नीतियों के प्रति विरोध जाहिर किया और उनकी निन्दा की। साथ ही सरकारों को आगाह किया है कि अगर उन्होंने विद्वेष की भावना से कार्य करना बन्द नहीं किया तो देशभर के लघु श्रेणी के अखबार आन्दोलनरत हो जायेंगे।
अन्त में असम राज्य के अध्यक्ष जी0 के0 काँजी ने सभी अतिथियों व आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर सभी पदाधिकारियों व सदस्यों को किरिरांग हेंग के करकमलों द्वारा कारबी अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया। साथ असम राज्य इकाई के अध्यक्ष जी. के. कांजी द्वारा असमी झप्पी व गमझा भेंट कर सभी को सम्मानित किया गया। इसी दौरान महाराष्ट्र इकाई द्वारा केशव दत्त चन्दोला सहित अन्य पदाधिकारियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मान किया गया। केशव दत्त चंदोला सर्व सम्मति से पुनः राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।
राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, आन्ध्रप्रदेश इकाईयों के पदाधिकारी सहित लघु व मध्यम श्रेणी के अनेक समाचारपत्रों के प्रकाशकगण उपस्थित रहे।

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हर घर तिरंगा अभियान के तहत ‘हर घर तिरंगा’ वेबसाइट पर 6 करोड़ से ज्यादा तिरंगा सेल्फी अपलोड की गईं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर हर घर में तिरंगा लाने और उसे फहराने हेतु लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए “हर घर तिरंगा” अभियान शुरू किया। इस पहल का मकसद लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाना और जनभागीदारी की भावना से आजादी का अमृत महोत्सव मनाना था। राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों ने पूरे जोश के साथ इस अभियान में बड़े पैमाने पर भाग लिया। विभिन्न स्थानों के गैर सरकारी संगठनों और स्वयं सहायता समूहों ने भी हर घर तिरंगा को आजादी के अमृत महोत्सव की कामयाबी के रास्ते में एक प्रतिष्ठित बेंचमार्क बनाने में योगदान दिया। पूरे मुल्क की देशभक्ति और एकता को चित्रित करने के लिए स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को शामिल करते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।

इस अभियान के दौरान कई नए कीर्तिमानों को छुआ गया जैसे चंडीगढ़ के सेक्टर 16 के क्रिकेट स्टेडियम में 5,885 लोगों की भागीदारी से ‘राष्ट्रीय ध्वज लहराती हुई दुनिया की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला की तस्वीर’ का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया। आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान को मजबूत करने के लिए एनआईडी फाउंडेशन और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

एक और शानदार उपलब्धि ये रही कि हर घर तिरंगा की वेबसाइट पर 6 करोड़ से ज्यादा तिरंगा सेल्फी अपलोड की गई हैं। हाइब्रिड प्रारूप में तैयार किए गए इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत तौर पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ वास्तविक और भावनात्मक जुड़ाव की परिकल्पना की गई थी। साथ ही साथ इस पहल के लिए बनाई गई विशेष वेबसाइट (www.harghartirang.com) पर एक सेल्फी अपलोड करने के जरिए सामूहिक उत्सव और देशभक्ति की उमंग को बढ़ाने की भी परिकल्पना की गई थी।

इसके अलावा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के एक हिस्से के तौर पर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत सेलिब्रेशंस को चिन्हित करने के लिए श्रीनगर जिला प्रशासन ने स्वतंत्रता के 75वें साल का जश्न मनाने के लिए बख्शी स्टेडियम में 1850 मीटर लंबे राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करके एक राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।

केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने देश के नागरिकों को धन्यवाद दिया और कहा, हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए पूरा देश साथ आया है। विभिन्न क्षेत्रों के लोगों का इस तरह का उत्साह राष्ट्र की एकता और अखंडता की अटूट भावना का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “पूरे देश ने हर घर तिरंगा अभियान में हिस्सा लिया और तिरंगे के साथ 6 करोड़ से अधिक सेल्फी ली गईं और अपलोड की गईं। ये इस महान राष्ट्र के लिए हमारे प्यार और गर्व को दर्शाता है। जिन लोगों ने तिरंगे के साथ सेल्फी ली हैमैं उन सभी से अनुरोध करूंगा कि उत्सव की इस भावना को जारी रखने के लिए हर घर तिरंगा पोर्टल पर तस्वीरें अपलोड करना जारी रखें।श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, हर घर तिरंगा अभियान में शामिल होने के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आह्वान को सफल करने के लिए धन्यवाद भारत।” उन्होंने आगे कहा, “जब भी प्रधानमंत्री जी ने देश के नागरिकों से आह्वान किया हैतब लोगों ने काफी उत्साह के साथ प्रतिक्रिया दी है। चाहे लोगों से आग्रह किया गया हो कि जिन्हें एलपीजी सब्सिडी की जरूरत नहीं है वे इसे त्याग देंया फिर कोविड-19 फ्रंटलाइन योद्धाओं के प्रयासों को मान सम्मान देने की बात होया फिर हर घर तिरंगा अभियान हो।” भारत स्वतंत्रता के अपने 76वें वर्ष की ओर अब बढ़ रहा है और उससे पहले हर घर तिरंगा अभियान ने 15 अगस्त 2022 तक 75 सप्ताह की उलटी गिनती को पूरा किया। ये अभियान आजादी का अमृत महोत्सव के नोडल मंत्रालयसंस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित था।

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एक ऐतिहासिक पहल के तहत, प्रधानमंत्री 30 जुलाई को विद्युत क्षेत्र के लिए पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारंभ करेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 जुलाई को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य – पावर @ 2047’ के समापन समारोह में भाग लेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारंभ करेंगे। वे एनटीपीसी की विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री नेशनल सोलर रूफटॉप पोर्टल का भी शुभारंभ करेंगे।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने बिजली क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पहलों की शुरुआत की है। इन सुधारों से इस क्षेत्र में बदलाव आया है, सभी के लिए किफायती बिजली उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित करते हुए ये सुधार किये गए हैं। लगभग 18,000 गांवों का विद्युतीकरण, जिनके पास पहले बिजली आपूर्ति की सुविधा नहीं थी, अंतिम सिरे पर खड़े व्यक्ति को लाभ देने से जुड़ी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

एक ऐतिहासिक पहल के अंतर्गत, प्रधानमंत्री बिजली मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम, पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का शुभारंभ करेंगे, जिसका उद्देश्य डिस्कॉम कंपनियों और बिजली विभागों की परिचालन क्षमता तथा वित्तीय स्थिति में सुधार करना है। वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के परिव्यय के साथ, इस योजना का उद्देश्य बिजली वितरण के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और सुदृढ़ीकरण के लिए डिस्कॉम कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि उपभोक्ता के लिए आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार हो सके। इसका उद्देश्य परिचालन क्षमता में सुधार करके 2024-25 तक एटी एंड सी (कुल तकनीकी और वाणिज्यिक) नुकसान को 12-15% के अखिल भारतीय स्तर और एसीएस-एआरआर (आपूर्ति की औसत लागत – औसत राजस्व प्राप्ति) के अंतर को शून्य तक कम करना भी है। इसके लिये सभी सार्वजनिक क्षेत्र की डिस्कॉम कंपनियों और बिजली विभागों की वित्तीय स्थिति में सुधार करने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री 5200 करोड़ रुपये से अधिक की एनटीपीसी की विभिन्न हरित ऊर्जा परियोजनाओं का शिलान्यास तथा लोकार्पण भी करेंगे। वे तेलंगाना के 100 मेगावाट रामागुंडम फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट और केरल के 92 मेगावाट कायमकुलम फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। वे राजस्थान में 735 मेगावाट की नोख सौर परियोजना, लेह में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना और गुजरात में कावास प्राकृतिक गैस के साथ ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना की आधारशिला रखेंगे।

रामागुंडम परियोजना भारत की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना है, जिसमें 4.5 लाख ‘मेड इन इंडिया’ सोलर पीवी मॉड्यूल हैं। कायमकुलम परियोजना दूसरी सबसे बड़ी फ्लोटिंग सोलर पीवी परियोजना है, जिसमें पानी पर तैरते 3 लाख ‘मेड इन इंडिया’ सोलर पीवी पैनल शामिल हैं।

राजस्थान के जैसलमेर के नोख में 735 मेगावाट की सौर पीवी परियोजना घरेलू सामग्री की आवश्यकता पर आधारित भारत की सबसे बड़ी सौर परियोजना है, जिसमें एक ही स्थान पर 1000 मेगावाट पैनल हैं, जिनमें ट्रैकर सिस्टम के साथ उच्च-वाट क्षमता से युक्त दो तरफ वाले पीवी मॉड्यूल लगे हैं। लेह, लद्दाख में ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट एक पायलट परियोजना है, जिसका उद्देश्य लेह और उसके आसपास पांच फ्यूल सेल बसों का परिचालन करना है। इस पायलट परियोजना के तहत भारत में सार्वजनिक उपयोग के लिए फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वाहनों की पहली तैनाती की जाएगी। एनटीपीसी कवास टाउनशिप स्थित ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण की पायलट परियोजना; प्राकृतिक गैस के उपयोग को कम करने में मदद करने वाली भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन सम्मिश्रण परियोजना होगी।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सोलर रूफटॉप पोर्टल का भी शुभारम्भ करेंगे, जो रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना की प्रक्रिया की ऑनलाइन ट्रैकिंग को सक्षम करेगा, जिसमें आवेदन दर्ज करने से लेकर आवासीय उपभोक्ताओं के बैंक खातों में संयंत्र की स्थापना और निरीक्षण के बाद सब्सिडी जारी करना तक शामिल हैं।

‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत 25 से 30 जुलाई तक ‘उज्ज्वल भारत उज्जवल भविष्य- पावर @2047’ का आयोजन किया जा रहा है। देश भर में आयोजित, इस कार्यक्रम में पिछले आठ वर्षों के दौरान बिजली क्षेत्र में हुए परिवर्तनों को प्रदर्शित किया गया है। इसका उद्देश्य सरकार की बिजली संबंधी विभिन्न पहलों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी में सुधार करके उन्हें सशक्त बनाना है।

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आज के मुख्य समाचार

भारतीय स्वरूप संवाददाता

लखनऊ-उत्तर प्रदेश में सक्रिय हुआ पूरी तरह मानसून,36 येलो तो 9 रेड अलर्ट जिलों में बारिश का अलर्ट,जुलाई के पहले सप्ताह तक ऐसा ही रहेगा मौसम,बीती देर रात से राजधानी लखनऊ में बूंदाबांदी जारी,बीते 24 घंटे में 6.4 मिलीमीटर बारिश यूपी में हुई,राजधानी में बारिश होने से लोगों को राहत मिली है,तापमान भी 27 सेल्सियस से भी नीचे पहुंच गया है,पूर्वांचल में ज्यादा सक्रिय है मानसून,पश्चिम में सामान्य,मौसम विभाग ने 36 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया,9 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है,लखनऊ, मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, सीतापुर में रेड अलर्ट,उन्नाव, कानपुर नगर और देहात में भी रेड अलर्ट जारी,रायबरेली में भी मौसम विभाग का रेड अलर्ट जारी।

वाराणसी- डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का वाराणसी दौरा,5 बजे वाराणसी पहुंचेंगे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक,शिवपुर में अस्पताल का उद्घाटन करेंगे ब्रजेश पाठक,ऑक्टेविया अस्पताल के उद्घाटन समारोह में करेंगे शिरकत,लगभग 6.30 बजे सर्किट हाउस पहुंचेंगे डिप्टी सीएम,रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कवि सम्मेलन में होंगे शामिल,रात 9.15 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होंगे।

प्रयागराज- जुमे की नमाज के बाद हिंसा से जुड़ी बड़ी खबर,पेश इमाम अली अहमद को रिमांड पर लेगी पुलिस,अटाला की बड़ी मस्जिद के पेश इमाम अली अहमद,रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की तैयारी में पुलिस,हिंसा के लिए भीड़ किसने जुटाई जानकारी की जाएगी,आरोपी अखलाक,अब्दुल रहमान से लंबी पूछताछ की थी,दोनों को नैनी सेंट्रल जेल में दाखिल कर दिया गया था,अखलाक से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं,अखलाक ने पुलिस को एक हाफिज के बारे में जानकारी दी है,हाफिज ने ही उसका ब्रेनवाश किया था,अखलाक ने करेली की एक मस्जिद की भी जानकारी दी है,अखलाक ने फोटो में मौजूद कई आरोपियों की पहचान की है।

प्रयागराज- जुमे की नमाज के बाद हिंसा से जुड़ी बड़ी खबर,जावेद पंप की कॉल डिटेल से बड़ा खुलासा हुआ,जावेद की 2 पूर्व विधायकों से हुई थी लंबी बातचीत,दोनों पूर्व विधायकों से भी पूछताछ हो सकती है,पुलिस ने दो नंबरों की कॉल डिटेल निकलवाई थी,दोनों पूर्व विधायकों से बातचीत के रिकॉर्ड मिले हैं,दो बड़े कारोबारियों का नाम भी सामने आ रहा है,जावेद ने AIMIM समेत कई नेताओं से भी बात की थी,जावेद की जिनसे बात हुई है पूछताछ की जाएगी-SSP।

प्रयागराज- उदयपुर घटना को लेकर प्रयागराज में भी अलर्ट,सोशल मीडिया पर है पुलिस की खास नज़र,पुलिस की 11 सदस्यीय टीम 24 घंटे कर रही निगरानी,व्हाट्सअप,फेसबुक,इंस्ट्राग्राम,ट्विटर पर रखी जा रही विशेष नज़र,भड़काउ पोस्ट से बचने की एसएसपी ने दी सलाह,आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट करने,अभद्र टिप्पणी पर केस दर्ज,एक व्यक्ति पर नवाबगंज थाने में केस हुआ दर्ज।

प्रयागराज- जिले में 20 अगस्त तक धारा 144 बढ़ाई गई,त्यौहारों,बीएड प्रवेश परीक्षा को लेकर बढ़ाई गई धारा 144,नियम विरुद्ध काम करने,धारा 144 के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई,डीएम संजय खत्री ने जारी किया आदेश।

हापुड़- रामा हॉस्पिटल में डॉक्टर करते रहे मुर्दे का इलाज,परिजनों से 2 दिनों तक मंगाते रहे दवा और रुपए,पथरी के ऑपरेशन के दौरान हुई थी व्यक्ति की मौत,परिवार ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप,सीएमओ रेखा शर्मा ने रामा हॉस्पिटल पर मेहरबान,अस्पताल,लापरवाह डॉक्टरों पर अभी तक कार्रवाई नहीं,परिवार पुलिस प्रसाशन से लगा रहा न्याय की गुहार।

अमरोहा- अमरोहा में कुत्तों के झुंड का आतंक,महिला को कुत्तो ने नोंचकर मार डाला,दूसरी महिलाओं ने पेड़ पर चढ़कर जान बचाई,आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा काटा,ग्रामीणों ने आवारा कुत्तों को पकड़ने की मांग की,आवारा कुत्ते अब तक ले चुके कई जान,विधायक, एसडीएम ने ग्रामीणों को समझाया,थाना हसनपुर क्षेत्र के गांव दीपपुर का मामला।

आगरा- आगरा में स्वास्थ्य विभाग पर नहीं पड़ रहा कोई असर,प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बाहरी व्यक्तियों का कब्जा,डॉक्टर की जगह मरीज देख रहा फार्मासिस्ट,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं पहुंचते डॉक्टर,चिकित्सा व्यवस्था की बदहाली का वीडियो वायरल,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कागारौल का मामला।

मेरठ- ग्रेजुएशन की दो छात्राओं ने रचाई शादी,शादी करके नोएडा नौकरी करने गयी छात्राएं,परिजनों को पता चलने पर नोएडा से बुलाया,थाने में हुई पंचायत का नहीं निकला कोई हल,शादी के बाद से साथ रहने पर आमादा है छात्राएं,मेडिकल थाने में छात्राओं के परिजन उन्हें छोड़ गये,हंगामा, बयान के बाद दोनों छात्राएं नोएडा हुईं रवाना।

मेरठ- कांवड़ यात्रा को लेकर पुलिस-प्रशासन की माथापच्ची,2 दिन में एसपी ट्रैफिक पेश करेंगे यात्रा की कार्ययोजना,तहसील स्तर पर कंट्रोल रूप स्थापित करने के आदेश,यात्रा में पड़ने वाले कॉलेज बनेंगे कांवड़ियों के विश्राम गृह,रूट डायवर्जन प्लान तैयार करके प्रस्तुत करना होगा।

मेरठ- कोरोना के मरीजों में अचानक आई तेजी़,मेरठ में 24 घंटे में 14 नए मरीज मिले,कोरोना पॉजटिव किशोर की हुई मौत,सुभारती अस्पताल में भर्ती था किशोर,कोरोना के चार मरीज अस्पतालों में भर्ती,कोरोना के 34 होम आइसोलेटिड किए गए।

मेरठ- मेरठ से मुजफ्फरनगर जाना हुआ अब मंहगा,सिवाया टोल प्लाजा पर बढ़ गयी टोल की दरें,निजी वाहनों से 95 के बजाय 110 की वसूली,कमर्शियल वाहन 165 के बजाय 195 देंगे,बस,ट्रक से 335 के बजाय 385 की वसूली।

हाथरस- व्यक्ति का नहर में शव मिलने से सनसनी,पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से शव निकाला,पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा,मुरसान क्षेत्र के पटैनी गांव में मिला शव।

देहरादून- कश्मीर में मारे गए आतंकी के तार देहरादून से जुड़े,आतंकी देहरादून से कर रहा था होटल मैनेजमेंट,दून के शिक्षण संस्थान से होटल मैनेजमेंट कर रहा था,इस पर दून पुलिस और खुफिया विभाग अलर्ट,छात्र के अन्य साथियों के होने की भी आशंका जताई,कुलगाम में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था।

देहरादून- उत्तराखंड में 9 दिन की देरी से पहुंचा मानसून,मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया,5 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश के आसार,नैनीताल,उत्तरकाशी,चमोली में हो सकती भारी बारिश,बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भी हो सकती भारी बारिश,देहरादून,उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग में भी भारी बारिश के आसार,आपदा प्रबंधन विभाग ने सतर्क रहने के दिए निर्देश।

देहरादून- हादसों से जान गंवाने पर मिलेगा दोगुना मुआवजा,परिवहन विभाग शासन को भेजेगा प्रस्ताव,मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन को भेजेगा प्रस्ताव,अभी तक परिवार को एक लाख का मुआवजा मिलता था,अब पीड़ित परिवारों को मिलेगा दो लाख तक मुआवजा।

ऋषिकेश- ऋषिकेश में राफ्टिंग का आज आखिरी दिन,मानसून की दस्तक के साथ बंद होगी राफ्टिंग,शुक्रवार से बंद हो जाएगी राफ्टिंग की गतिविधियां,1 जुलाई से 31 अगस्त तक बंद रहेगी राफ्टिंग,गंगा नदी में नहीं हो पाएगी रिवर राफ्टिंग।

रुद्रप्रयाग- मलबा आने से बद्रीनाथ हाईवे 6 घंटो से बंद,सिरोबगड में आज सुबह से बंद पड़ा चारधाम यात्रा मार्ग,सड़क के दोनों तरफ भारी संख्या वाहनों का लगा जाम,यात्रियों के सामने भारी दिक्कतें, कई घण्टों से परेशानी,वाहनो को सुरक्षित जगहों पर किया जा रहा शिफ्ट,एक ही बारिश मे निकाल दी यातायात व्यवस्था की हवा।

मुंबई- मुंबई में सरकार बनाने की कवायद में जुटी बीजेपी,11 बजे फडणवीस के आवास पर होगी कोर ग्रुप की बैठक,सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे देवेंद्र फडणवीस,गोवा में बागी गुट के नेताओं की भी होगी बैठक,एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में बागियों की होगी बैठक,बागी ग्रुप के नेता दोपहर बाद मुंबई जा सकते हैं,शाम को बीजेपी और बागी गुट के नेताओं की हो सकती मुलाकात।

दिल्ली- दिल्ली में पूरी तरीके से सक्रिय हुआ मानसून,आज सुबह से राजधानी दिल्ली में हो रही बारिश,दिल्ली में कई जगह हो रही बूंदाबांदी, बादल छाए,दिल्लीवासियों को भीषण गर्मी से राहत मिली,अगले 10 दिनों तक ऐसे ही मौसम रहेगा।

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केंद्रीय मंत्रीअर्जुन राम मेघवाल ने मंगोलिया से वापस लाए गए भगवान बुद्ध के पवित्र कपिलवस्तु अवशेष प्राप्त किए

मंगोलियाई बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव के तहत मंगोलिया के गंडन बौद्ध विहार परिसर ​स्थित बत्सगान मंदिर में 12 दिनों तक प्रदर्शित होने के बाद भगवान बुद्ध के चार पवित्र अवशेष अब भारत वापस आ गए। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने आज गाजियाबाद में इन पवित्र अवशेषों को प्राप्त किया। मंगोलियाई लोगों की जबरदस्त मांग पर पवित्र अवशेषों के प्रदर्शन की अवधि कुछ दिनों के लिए बढ़ानी पड़ी।

मंगोलिया के राष्ट्रपति, मंगोलियाई संसद के अध्यक्ष, मंगोलिया के विदेश मंत्री, संस्कृति मंत्री, पर्यटन मंत्री, ऊर्जा मंत्री, 20 से अधिक सांसद, मंगोलिया के 100 से अधिक बौद्ध विहार के शीर्ष मठाधीश उन हजारों लोगों में शामिल थे जिन्होंने गंडन बौद्ध विहार परिसर ​स्थित बत्सगान मंदिर में 12 दिनों तक की इस प्रदर्शनी के दौरान अवशेषों को अपनी श्रद्धांजलि दी। महोत्सव के अंतिम दिन मंगोलिया के आंतरिक संस्कृति मंत्री अनुष्ठान के लिए उपस्थित थे।

 

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प्रदर्शनी के पहले दिन (14 जून को) लगभग 18 से 20 हजार भक्तों ने पवित्र बुद्ध अवशेषों को श्रद्धांजलि दी। कार्य दिवसों के दौरान औसतन 5 से 6 हजार श्रद्धालुओं ने गंडन बौद्ध विहार का दौरा किया जबकि सप्ताहांत के दौरान औसतन 9 से 10 हजार श्रद्धालुओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। अंतिम दिन लगभग 18 हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र अवशेषों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए गंडन बौद्ध विहार का दौरा किया। समापन के दिन आंतरिक संस्कृति मंत्री अनुष्ठान के लिए उपस्थित थे।

पवित्र बुद्ध अवशेषों को ‘कपिलवस्तु अवशेष’ के रूप में जाना जाता है क्योंकि उनकी खोज 1898 में बिहार की एक जगह से की गई थी जिसे कपिलवस्तु का प्राचीन शहर माना जाता है। इन अवशेषों को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया गया था और उन्हें उसी नियंत्रण परिवेश में रखा गया था जैसा वर्तमान में राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया है। एक विशेष हवाई जहाज सी-17 ग्लोब मास्टर के जरिये इन पवित्र अवशेषों को भारत वापस लाया गया है। वर्ष 2015 में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली मंगोलिया यात्रा के दौरान श्री नरेन्द्र मोदी ने गंडन मठ का दौरा किया था और हंबा लामा को एक बोधि वृक्ष का पौधा भी भेंट किया था। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने बौद्ध संबंधों की ओर इशारा करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने मंगोलियाई संसद को संबोधित करते हुए भारत और मंगोलिया को आध्यात्मिक पड़ोसी बताया था। पिछली बार 2012 में इन अवशेषों को देश से बाहर ले जाया गया था। उस दौरान श्रीलंका में कई स्थानों पर उन्हें प्रदर्शित किया गया था। हालांकि बाद में दिशानिर्देश जारी किए गए और इन पवित्र अवशेषों को ‘एए’ श्रेणी के पुरावशेष एवं कला खजाने के तहत रखा गया ताकि इन अवशेषों की नाजुक प्रकृति को देखते हुए उन्हें प्रदर्शनी के लिए देश से बाहर न ले जाया जा सके।

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