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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में भारत के संविधान दिवस की प्रस्तावना के रूप में भारतीय संविधान: अपेक्षाएं एवं वास्तविक चलन विषय पर व्याख्यान आयोजित

कानपुर 9 नवम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज में भारत के सविधान दिवस की प्रस्तावना के रूप में "भारतीय संविधान: अपेक्षाएं एवं वास्तविक चलन (Practices)" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत मेंकार्यक्रम की संयोजिका विभा दीक्षित ने अतिथियों का स्वागत और व्याख्यान के विषयवस्तु के परिचय से किया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल औरसचिव, प्रोफेसर जोसेफ डैनियल ने भारत में संविधान के महत्व और प्रासंगिकता पर बहुतयुक्तिपूर्ण टिप्पणियाँ साझा कीं। उन्होंने भारतीय संविधान के मूल्य और पवित्रता को बनाए रखने में संविधान एवं कानून निर्माताओं के संघर्ष और योगदान पर प्रकाश डाला. मुख्य अतिथि वक्ता वीएसएसडी कॉलेज के विधि विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर ए.बी. जायसवाल ने कानूनविद के दृष्टिकोण से एक बहुत ही अर्थपूर्ण व्याख्यान दिया।

उन्होंने भारतीय संविधानकी 75 वर्षों के कालयात्रा की विशिष्टता, गतिशीलता और अनुकूलनशीलता पर गंभीर चर्चाकी। प्रोफेसर आशुतोष सक्सेना ने सत्र की अध्यक्षीय व्याख्यान में कहा कि संविधान केवलसरकार चलाने के लिए एक कोड बुक नहीं है, बल्कि इसका लोकतंत्र के सभी स्तंभों द्वारा उचित व्याख्या करते हुए सही दिशा में निर्णय लेने एवं कार्यान्वयन की आवश्यकता है.
संवैधानिक सरकार को अपने व्यवहार में संविधान के मूल दार्शनिक मूल्यों, अपेक्षाओं और समय के साथ बदलाव को अपनाना चाहिए। कार्यक्रम की आयोजक समिति में हिना अज़मत, अर्चना वर्मा, साक्षी, इशिता, विवेक और अमित शामिल थे। विद्यालय के सभी शिक्षक एवं छात्रों ने बड़ी रुचि के साथ वार्ता में भागीदारी की.

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दीपावली: अज्ञान पर ज्ञान के प्रकाश की विजय का पर्व -डॉ.दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)

अन्तर्मन में व्याप्त अज्ञान के तम को ज्ञान के प्रकाश से आलोकित किये बिना प्रकाश पर्व का कोई अर्थ नहीं है| ऐसी मान्यता है कि रावण को मारकर अयोध्या लौटे श्रीराम के आगमन पर नगरवासियों ने दीप श्रृंखलाएं प्रज्ज्वलित करके अपनी प्रसन्नता व्यक्त की थी| वह कार्तिक मास की अमावस्या का दिन था| तभी से प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को दीपावली का त्यौहार मनाया जाने लगा| श्रीराम को ज्ञान का प्रतिरूप तथा जगत का प्रकाशक बताया गया है| वहीँ रावण अहंकार रुपी अन्धकार का प्रतीक माना जाता है| इस दृष्टि से रावण पर राम की विजय अन्धकार पर प्रकाश की विजय का द्योतक है| रावण महापण्डित होते हुए भी अज्ञान के वशीभूत होकर अंहकार से युक्त रहा| जिसका परिणाम यह हुआ कि भौतिक प्रगति के उच्चतम शिखर पर पहुँच कर सोने की लंका का स्वामी बनने के बाद उसे पराभव के सबसे न्यूनतम बिन्दु पर आना पड़ा| वह भी एक वनवासी के हाथों| भौतिक प्रगति की प्रतिस्पर्धा जब अन्धी दौड़ बन जाती है तब ज्ञान का अलोक अज्ञान के तिमिर में कब बदल जाये इसका पता तक नहीं चलता| इसके साथ ही कर्तापन का अहंकार कब इस अन्धकार को घनघोर अन्धकार में परिवर्तित कर देगा, इसका भी भान व्यक्ति को नहीं हो पाता| घनघोर अन्धकार अर्थात जब आँख अपनी सम्पूर्ण शक्ति लगाने के बाद भी अपने ही शरीर के अंगों को नहीं देख पाती है, तब हम यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि हम किस दिशा में और कहाँ जा रहे हैं| कदाचित अज्ञान की भी यही स्थिति है| जिसके वशीभूत होकर प्रायः व्यक्ति अनुचित मार्ग का अनुकरण कर बैठता है| जो अक्सर उसे पराभव के सबसे निचले स्तर पर ले जाकर खड़ा कर देता है| वहीँ जब कोई व्यक्ति ज्ञान के प्रकाश में प्रगति के सोपान चढ़ता है तो भले ही वह उच्चतम शिखर को न प्राप्त कर सके परन्तु पराभव की सम्भावना से सदैव मुक्त रहकर स्थाईत्व को अवश्य प्राप्त कर लेता है| प्रतिवर्ष दीपावली का पर्व यही सन्देश लेकर आता है| परन्तु कई बार प्रकाश के अतिरेक की चकाचौंध भी दिग्भ्रमित कर देती है| प्रकाश अन्धकार की समस्या का समाधान है| परन्तु यह भी सर्वविदित है कि प्रकाश की अधिकता से आखें चौंधिया जाती हैं| वह स्थिति भी अन्धकार से भिन्न नहीं होती, जिसमें कुछ भी देख पाना सम्भव नहीं है|

प्रतिस्पर्धा के चलते दीपावली की चकाचौंध साल दर साल बढ़ रही है| गाँव से लेकर महानगरों तक हर कोई प्रकाश की इस प्रतिस्पर्धा में आगे निकलना चाहता है| लेकिन घर-आंगन की सजावट से लेकर खान-पान तक, सब में मंहगाई का ग्रहण लगा हुआ है| जिसके कारण अब इसे अमीरों का त्यौहार कहा जाने लगा है| क्योंकि जिस गति से देश में मंहगाई बढ़ रही है उस गति से लोगों की आमदनी नहीं बढ़ रही है| अतएव आम आदमी के लिए रोजमर्रा के खर्चों को पूरा कर पाना मुश्किल हो रहा है| ऐसे में रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य आदि बुनियादी जरूरतें पूरी करके दीपावली जैसे खर्चीले त्योहारों के लिए पैसा बचा पाना अत्यन्त कठिन दिखाई देता है| बीते 75 वर्षों से गरीबी हटाओ का नारा दिया जा रहा है| लेकिन गरीबी है कि हटने का नाम ही नहीं ले रही है| उलटे गरीबी का ग्राफ साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है| गरीबी और बेरोजगारी के अभिशाप से अभिशप्त लोगों के लिए क्या दीवाली और क्या होली| कोई कितना भी बड़ा दावा क्यों न करे किन्तु देश की एक बड़ी आबादी ऐसी है जो अपनी बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करने की स्थिति में नहीं है| लेकिन इस दिशा में कुछ भी ठोस होते हुए दिखाई नहीं दे रहा है| खोखली बातें, खोखले वादे, खोखले दावे और जुमलेबाजी आज की राजनीति का शगल बन गया है| दीवाली हो या होली, शायद ही कोई ऐसा त्यौहार हो, जब हमारे नीति नियन्ताओं की ओर से बधाई के बड़े-बड़े सन्देश वैनर-पोस्टर से लेकर पत्र-पत्रिकाओं तक में न दिये जाते हों| इससे आम जन के प्रति उनकी सहृदयता तथा निष्ठा का पता चलता है| परन्तु यह भी किसी से छुपा नहीं है कि आम जन की स्थिति को सुधारने के लिए धरातल पर किया क्या जा रहा है| गरीबी के आगोश में बढ़ती बेरोजगारी और उस पर मंहगाई का दंश, जिसने देश की एक बड़ी आबादी का भविष्य पूरी तरह से अन्धकारमय बना दिया है| इस अन्धकार को मिटाने के लिए प्रकाश की जिस किरण की आवश्यकता है, उसकी पूर्ति दीपावली की जगमगाहट से नहीं हो सकती है| उलटे हर दीवाली इस अन्धकार को और भी अधिक गहरा कर जाती है| आज जब आरोप-प्रत्यारोप, छींटाकशी और जुमलेबाजी के बल पर सत्ता हांसिल करने की घुड़दौड़ चल रही हो तब गरीबी और बेरोजगार के लिए समुचित नीति बनाकर, उसे क्रियान्वित करने की जहमत भला कौन उठाएगा| अब तो आम आदमी को स्वयं ही इस दिशा में सोचना होगा| वह भी गम्भीरता पूर्वक| विशेष रूप से उन लोगों को, जिन्होंने ‘कोउ नृप होउ हमहि का हानी’ को जीवन का मूल मन्त्र बनाकर स्वयं को देश और समाज से विमुख कर लिया है| दीपावली तो प्रतिवर्ष आती है, आती रहेगी| लेकिन देश में गरीबों की संख्या साल दर साल बढ़ते हुए एक दिन इतनी अधिक हो जायेगी कि दीवाली की रात अमीरों के घरो को छोड़कर पूरा देश अन्धकार के आगोश में डूबा हुआ दिखाई देगा| अमीरों के बच्चे पटाखे फोड़ेंगे और गरीबों के बच्चों के दिल टूटेंगे| कुछ घरों में तो पकवानों का ढेर लगा होगा| परन्तु अनगिनत परिवार रोटी तक को तरसेंगे| अतः हमें ज्ञान का ऐसा प्रकाश बिखेरने की महती आवश्यकता है जो गरीबी और बेरोजगारी का अन्धकार समाप्त कर सके| परन्तु समाज को भौतिक प्रगति की अन्धी दौड़ से मुक्त रखकर|

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नव विकसित सस्ता रेडिएटिव पेंट भवनों को ठंडा करने के लिए बिजली की खपत को कम कर सकता है

एक नया सस्ता, पर्यावरण-अनुकूल रेडिएटिव (विकिरण वाला) कूलिंग पेंट, जिसे विशेष रूप से गर्म मौसम की स्थिति में इमारतों, पेवर्स (फर्श बनाने वाली सामग्री) और टाइल्स जैसी संरचनाओं को प्रभावी ढंग से ठंडा करने के लिए विकसित किया गया है। यह बिजली की खपत को कम कर सकता है और गर्मी के दिनों में जरूरी राहत दे सकता है।

वैश्विक तापमान (ग्लोबल वार्मिंग) के बढ़ने और शहरी ताप द्वीप प्रभावों के कारण शीतलन प्रौद्योगिकियां मानव जीवन का एक अभिन्न अंग हैं। एयर-कंडीशनर (एसी), बिजली के पंखे और रेफ्रिजरेटर जैसे सक्रिय शीतलन उपकरण भारी मात्रा में बिजली की खपत करते हैं। बड़े पैमाने पर बिजली की इस मांग के साथ सक्रिय शीतलन उपकरण भी काफी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं, जिससे पृथ्वी की सतह के तापमान में बढ़ोतरी होती है। इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विकिरण शीतलन तकनीक विकसित की गई है, जो बिजली की खपत के बिना वायुमंडलीय संचरण विंडो (8-13 माइक्रोमीटर) के माध्यम से शीतल वातावरण (लगभग 3 केल्विन) में सीधे तापीय विकिरण उत्सर्जित करके ठंडी सतह प्रदान करती है। इसके परिणामस्वरूप हाल ही में पैसिव डेटाइम रेडिएटिव कूलिंग (पीडीआरसी) ने पेवर्स, टाइल्स, बिल्डिंग और ऑटोमोबाइल कूलिंग, सौर सेल और व्यक्तिगत थर्मल प्रबंधन जैसे कई अनुप्रयोगों के लिए काफी अधिक रुचि उत्पन्न की है।

बेंगलुरु स्थित जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) में प्रोफेसर बिवास साहा ने शोधकर्ताओं- प्रसन्ना दास, सौरव रुद्र, कृष्ण चंद मौर्य के सहयोग से अपने नेतृत्व में एक शानदार रेडिएटिव कूलिंग पेंट प्रस्तुत किया है। इसे एक अभिनव एमजीओ-पीवीडीएफ पॉलिमर नैनोकम्पोजिट से विकसित किया गया है। कम लागत वाला यह समाधान-संसाधित पेंट उच्च सौर परावर्तन और अवरक्त तापीय उत्सर्जन के साथ महत्वपूर्ण शीतलन क्षमताओं को प्रदर्शित करता है। जेएनसीएएसआर, जो कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का एक स्वायत्त संस्थान है, के वैज्ञानिकों के प्रयोगात्मक निष्कर्षों से यह बात सामने आई है कि उपचारित पेवर की सतह का तापमान तेज धूप के नीचे लगभग 10 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है। यह पारंपरिक सफेद पेंट की तुलना में लगभग दोगुना है।

इन शोधकर्ताओं ने एक सरल समाधान-संसाधित तकनीक का उपयोग करके पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पेंट विकसित किया। इसके लिए उन्होंने पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध, सस्ते, गैर विषैले और गैर-हानिकारक पदार्थों से तैयार अल्ट्रा-व्हाइट और अल्ट्रा-एमिसिव मैग्नीशियम ऑक्साइड (एमजीओ)- पॉलीविनाइलिडीन फ्लोराइड (पीवीडीएफ) नैनो-कंपोजिट का उपयोग किया। शुरुआत में पॉलिमर पाउडर को विलायक का उपयोग करके एक सॉल्यूशन में बदल दिया गया और इसके बाद डाईइलेक्ट्रिक नैनोकणों को पॉलिमर मैट्रिक्स के अंदर प्रसारित किया गया। इस तैयारी के बाद विकसित पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पेंट के ऑप्टिकल गुणों को चिह्नित करने के लिए विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों का उपयोग किया गया। थर्मोकपल का उपयोग करके पेंट के तापमान को मापकर, तेज धूप के तहत उत्कृष्ट शीतलन प्रदर्शन को प्रदर्शित किया गया।

डाईइलेक्ट्रिक नैनो कणों के साथ अनुकूलित एमजीओ-पीवीडीएफ के परिणामस्वरूप पॉलिमर से 96.3 फीसदी का बड़ा सौर परावर्तन और एमजी─ओ बॉन्ड कंपन व अन्य स्ट्रेचिंग/बॉन्डिंग कंपन के कारण 98.5 फीसदी का रिकॉर्ड उच्च तापीय उत्सर्जन हुआ। नैनोकम्पोजिट पेंट में जल-प्रतिरोधी हाइड्रोफोबिक गुण दिखते हैं और इसे उच्च एकरूपता व अच्छे आसंजन के साथ पेवर्स, लकड़ी की छड़ियों आदि पर आसानी से लेपित किया जा सकता है।

जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (जेएनसीएएसआर) में एसोसिएट प्रोफेसर  प्रोफेसर बिवास साहा ने कहा, “हमारे अभिनव अनुसंधान ने एक लागत प्रभावी और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ पेंट को तैयार किया गया है, जो गर्मी के दिनों में सतह के तापमान (इमारतों, टाइलों, पेवर्स आदि सहित) को 10 डिग्री सेल्सियस से अधिक कम करने में सक्षम है। हम मानना है कि इस पेंट के सीधे उपयोग से चिलचिलाती गर्मी के दिनों में यह काफी राहत मिलेगी, जिससे शहरी और ग्रामीण, दोनों क्षेत्रों को समान रूप से लाभ होगा।”

यह कार्य एक विली प्रकाशन एडवांस्ड मेटेरियल टेक्नोलॉजीज में प्रकाशित किया गया है। यह  कूलिंग अनुप्रयोगों के निर्माण के लिए रेडियेटिव कूलिंग पेंट के उपयोग को लेकर उद्योगों को प्रेरित कर सकता है। इन निष्कर्षों से संकेत मिलता है कि विनिर्माण में एमजीओ-पीवीडीएफ कूलिंग पेंट को अपनाने से एयर कंडीशनिंग पर निर्भरता को काफी कम किया जा सकता है, जिससे इसके कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में में कमी आएगी।

प्रकाशन:

1. पी. दास, एस. रुद्र, के. सी. मौर्य, और बी. साहा, “पैसिव डेटाइम रेडिएटिव कूलिंग के लिए अल्ट्रा-एमिसिव एमजीओ-पीवीडीएफ पॉलिमर नैनोकम्पोजिट पेंट” एडवांस्ड मटेरियल टेक्नोलॉजी 2023 2301174 https://doi.org/10.1002/admt.202301174

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चित्रसस्तेहाइड्रोफोबिकसमाधानसंसाधित नैनोकम्पोजिट रेडिएटिव कूलिंग पेंट का विकास विशेष रूप से भूमध्यरेखीय क्षेत्रोंदक्षिणपूर्व एशियामध्यपूर्व और अफ्रीका में शहरी ताप द्वीप प्रभावों का समाधान करेगा। यहां एमजीओपीवीडीएफ नैनोकम्पोजिट पेंट को अल्ट्राहाई सौर परावर्तन (96.3 फीसदीऔर रिकॉर्डउच्च तापीय उत्सर्जन (98.5 फीसदीके साथ विकसित किया गया है। तापमान में ~10 की कमी प्रदर्शित करना, इसके उल्लेखनीय विकिरणीय शीतलन प्रदर्शन को दिखाता है।

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चित्र 1: (रेडिएटिव कूलिंग पेंट से रंगी गई बिल्डिंग का रेखाचित्र। (बीएमजीओपीवीडीएफ कोटिंग का प्रतिबिंब स्पेक्ट्रा और एएम 1.5 सौर स्पेक्ट्रम के साथ एक वाणिज्यिक सफेद पेंट। (सीएमजीओपीवीडीएफ मिश्रित फिल्मवाणिज्यिक पेंट, 300 केल्विन पर ब्लैकबॉडी (बीबीस्पेक्ट्रम और वायुमंडलीय ट्रांसमिशन प्रोफाइल का तापीय उत्सर्जन स्पेक्ट्रा प्रदर्शित किया गया है। (डी) भारत के बेंगलुरु में एक सपाट छत पर क्षेत्र परीक्षण के लिए नियोजित विकिरण शीतलन माप सेटअप का चित्र। (उपपरिवेश के संबंध में एमजीओपीवीडीएफ कोटिंग के बाहरी रियल टाइम शीतलन के नतीजे। (एफबाहर में एक लेपित और एक बिना लेपित सिरेमिक पेवर की तस्वीर और तापीय चित्र।

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54वां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव गोवा में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा

• अंतर्राष्ट्रीय खंड में 198 फिल्में दिखाई जाएंगी, जिनमें 13 का विश्व प्रीमियर भी शामिल हैं।

• कैचिंग डस्ट’ ओपनिंग फिल्म होगी; ‘अबाउट ड्राई ग्रासेज’ मिड-फेस्ट फिल्म होगी और ‘द फेदरवेट’ समापन फिल्म होगी।

• इस साल विभिन्न प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों की 19 पुरस्कार विजेता फिल्मों  को इफ्फी कैलिडोस्कोप में शामिल किया गया है।

• फिल्म बाजार के 17वें संस्करण में इस वर्ष 300 अंतर्राष्ट्रीय फिल्म परियोजनाओं को उत्पादन, वितरण या बिक्री के लिए क्यूरेट और प्रदर्शित किया गया।

• प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं, छायाकारों और अभिनेताओं के साथ 20 से अधिक ‘मास्टरक्लास’ और ‘इन कन्वर्सेशन’ सत्र आयोजित किए जाएंगे।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने आज घोषणा की कि 54वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई-इफ्फी) 20 नवंबर 28 नवंबर 2023 तक गोवा में आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर श्री ठाकुर ने कहा कि भारत के बाजार की विश्व रैंकिंग 5वें नंबर पर है, जो भारत की मीडिया और मनोरंजन उद्योग की शक्ति दर्शाती है। उन्होंने कहा कि यह बाजार पिछले तीन वर्षों में 20 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि के साथ हर साल बढ़ रहा है। भारत में बनी फिल्में देश के कोने-कोने में छा गई हैं और अब दुनिया के दूर-दराज स्थानों तक पहुंच रही हैं।

मंत्री महोदय ने कहा कि इस वर्ष सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार विश्व सिनेमा के दीप्तिमान सितारे श्री माइकल डगलस को प्रदान किया जाएगा, जिन्हें सिनेमाई जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है।

श्री ठाकुर ने बताया कि इफ्फी के अंतर्राष्ट्रीय खंड में प्राप्त फिल्मों की संख्या में तीन गुना वृद्धि देखी गई है और यह इफ्फी के लिए अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उद्योग के आकर्षण का परिचायक है।

नए शुरू किए गए ओटीटी पुरस्कारों के बारे में उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद से ओटीटी उद्योग ने भारत में बहुत अधिक वृद्धि की है और यह मंच हजारों लोगों को रोजगार दे रहा है। इस क्षेत्र के सालाना 28 प्रतिशत वृद्धि वाली गतिशीलता को देखते हुए मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफार्मों पर उत्कृष्ट कंटेंट क्रिएटर्स को मान देते हुए इस पुरस्कार की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि 15 ओटीटी प्लेटफार्मों से 10 भाषाओं में कुल 32 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं और विजेता को दस लाख रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा।

श्री अनुराग ठाकुर ने देश में तेजी से बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम के बारे कहा कि सरकारें ऐसी संस्थाओं को पोषित करने के लिए एक समर्थन प्रणाली बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म क्षेत्र में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने और देश के दूरदराज के इलाकों से प्रतिभाओं को पहचानने के लिए हमने क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो पहल की शुरुआत की थी। मंत्री महोदय ने बताया कि इस वर्ष के लिए इस खंड में 600 से अधिक प्रविष्टियां मिली हैं। इस वर्ष 75 विजेताओं के चयन से तीन वर्षों में ऐसे विजेताओं की कुल संख्या 225 हो जाएगी।

मंत्री महोदय ने इस बात का विशेष उल्लेख किया कि इस वर्ष के इफ्फी के सभी स्थलों में सभी सुविधाएं होंगी और उन तक दिव्यांगों की पहुंच होगी। दृष्टिबाधितों के लिए ऑडियो डिस्क्रिप्शन, श्रवणबाधितों के लिए सांकेतिक भाषा, कई भाषाओं में कंटेंट की डबिंग सबका साथ सबका विकास के मंत्र का प्रतीक होगा।

राज्य मंत्री डॉ. एल मुरूगन ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में कहा कि इफ्फी विश्व के सबसे बड़े फिल्म और सांस्कृतिक समारोहों में से एक है। उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी का नेतृत्व जाने-माने फिल्म निर्माता श्री शेखर कपूर कर रहे हैं।

यहां भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 54वें संस्करण की झलकियां पेश की जा रही हैं:

  1. इफ्फी के मुख्य आकर्षण में से एक सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (एसआरएलटीए) है, जो विश्व सिनेमा में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है। हॉलीवुड अभिनेता और निर्माता माइकल डगलस, जो वर्तमान में विश्व सिनेमा में सबसे महान अंतर्राष्ट्रीय हस्तियों में से एक हैं, उन्हें अपनी पत्नी और प्रसिद्ध अभिनेत्री कैथरीन ज़ीटा-जोन्स के साथ इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को स्वीकार करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

फिल्म और टेलीविजन उद्योग में 50 से अधिक वर्षों के साथ, माइकल डगलस को दो ऑस्कर, पांच गोल्डन ग्लोब पुरस्कार, एक प्राइमटाइम एमी पुरस्कार और अनगिनत अन्य सम्मान मिला है। वर्ष 2023 में, उन्हें 76वें फेस्टिवल डी कान में पाल्मे डी’ओर नामक लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार मिला है। उन्हें ‘वॉल स्ट्रीट’ में गॉर्डन गेको की भूमिका के लिए अकादमी पुरस्कार से लेकर फेटल एट्रेक्शन, द अमेरिकन प्रेसिडेंट, बेसिक इंस्टिंक्ट, ट्रैफिक और रोमांसिंग द स्टोन जैसी समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों तक की भूमिकाओं के लिए जाना जाता है। माइकल न केवल एक अभिनेता हैं, बल्कि एक कुशल निर्माता भी हैं। उनकी कृतियों में वन फ्लाई ओवर द कुकूज नेस्ट और द चाइना सिंड्रोम जैसी दमदार फिल्में शामिल हैं। श्री डगलस अपने मानवीय प्रयासों के लिए जाने जाते हैं। वह न्यूक्लियर थ्रेट इनीशिएटिव संगठन के बोर्ड में हैं, जो मानवता को संकट में डालने वाले परमाणु और जैविक खतरों को कम करने पर केंद्रित है। उन्हें 1998 में संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत के रूप में भी नियुक्त किया गया था।

  1. 270 से अधिक फिल्मों को महोत्सव के दौरान चार स्थानों पर प्रदर्शित किया जाएगा – आईनॉक्स पंजिम (4), माक्विनेज पैलेस (1), आईनॉक्स पोरवोरिम (4), जेड स्क्वायर सम्राट अशोक (2)।
  2. 54वें इफ्फी के ‘अंतर्राष्ट्रीय खंड‘ में 198 फिल्में होंगी। इस बार इस खंड में 53वें इफ्फी की तुलना में 18 फिल्में अधिक हैं। इसमें 13 विश्व प्रीमियर, 18 अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर, 62 एशिया प्रीमियर और 89 इंडिया प्रीमियर होंगे। इस वर्ष इफ्फी को 105 देशों से रिकॉर्ड 2926 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं, जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तुतियां हैं।
  3. भारतीय पैनोरमा’ खंड में भारत की 25 फीचर फिल्में और 20 गैर-फीचर फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी। फीचर सेक्शन में ओपनिंग फिल्म मलयालम फिल्म, अट्टम है, और गैर-फीचर सेक्शन में मणिपुर से एंड्रो ड्रीम्स है।
  4. सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) पुरस्कारः इस साल बेस्ट वेब सीरीज (ओटीटी) अवॉर्ड की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य ओटीटी प्लेटफार्मों के समृद्ध कंटेंट और इसके रचनाकारों को मान देना, प्रोत्साहित करना और सम्मानित करना है। 15 ओटीटी प्लेटफॉर्म से 10 भाषाओं में 32 प्रविष्टियां प्राप्त हुई हैं। समापन समारोह में घोषित होने वाली सीरीज को पुरस्कार राशि के रूप में प्रमाण-पत्र और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
  5. इस वर्ष के इफ्फी का अंतर्राष्ट्रीय फिल्म खंड- इसमें आठ क्यूरेटेड सेक्शन होंगे। महत्वपूर्ण फिल्मों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं –
  • ओपनिंग फिल्मकैचिंग डस्ट | निर्देशक: स्टुअर्ट गैट | यूनाइटेड किंगडम | (इंटरनेशल प्रीमियर)- इस थ्रिलर फिल्म में प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय अभिनेता, एरिन मोरियार्टी, जय कर्टनी, दीना शिहाबी, रयान कोर, जोस अल्टिट, गैरी फैनिन और ओल्वेन फॉरे काम कर रहे हैं। स्टुअर्ट गैट मिश्रित एशियाई विरासत के एक पुरस्कार विजेता ब्रिटिश फिल्म निर्माता हैं जिनकी कहानियां अक्सर सामयिक सामाजिक विषयों से प्रभावित होती हैं।
  • मिड-फेस्ट फिल्मअबाउट ड्राई ग्रासेज | निर्देशन: नूरी बिल्गे सीलान | फ्रांस | (इंडिया प्रीमियर)- यह प्रसिद्ध निर्देशक का एक तुर्की ड्रामा है, जिन्होंने कई प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते हैं। उनकी फ़िल्म विंटर स्लीप (2014) ने कान फिल्म फेस्टिवल में पाल्मे डी’ओर पुरस्कार प्राप्त किया था, जबकि उनकी छह फिल्मों को सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय फीचर फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए तुर्की की प्रस्तुति के रूप में चुना गया है। इसमें ‘अबाउट ड्राई ग्रासेज’ भी शामिल है। यह फिल्म इस साल कान फिल्म फेस्टिवल के कॉम्पिटिशन सेक्शन में भी थी। इसकी प्रसिद्ध अभिनेत्री मर्व दिज़दार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए पुरस्कृत किया गया था
  • समापन फिल्मद फेदरवेट | निर्देशक: रॉबर्ट कोलोडनी | संयुक्त राज्य अमेरिका | (एशिया प्रीमियर)- यह 2023 की एक अमेरिकी बायोग्राफिकल स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म है, जो एक स्टार एथलीट की बायोपिक के माध्यम से मिथकीय और आधुनिक स्टारडम की कल्पना को उजागर करती है। इसे क्लासिक “सिनेमा वेरिटे” (यथार्थवादी सिनेमा) शैली में तैयार किया गया है। रॉबर्ट कोलोडनी एक बहुमुखी अमेरिकी निर्देशक, लेखक और छायाकार हैं। फिल्म का प्रीमियर सितंबर, 2023 में 80वें वेनिस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ था। रॉबर्ट ने कई फिल्मों के लिए फोटोग्राफी निर्देशक के रूप में कार्य किया और विभिन्न पुरस्कार विजेता फिल्मों और वृत्तचित्रों का निर्देशन भी किया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में 15 फीचर फिल्मों (12 अंतर्राष्ट्रीय + 3 भारतीय) को प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ फिल्म पुरस्कार, गोल्डन पीकॉक और 40 लाख रुपये के लिए प्रतिस्पर्धा करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अलावा ज्यूरी सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष), सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला), विशेष जूरी पुरस्कार श्रेणी में भी विजेताओं का निर्धारण करेगी। फिल्मों की सूची अनुलग्नक में दी गई है और उनका विवरण इफ्फी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है।
  • बेस्ट फीचर फिल्म डेब्यू डायरेक्टर– 5 अंतर्राष्ट्रीय + 2 भारतीय फिल्में प्रतिष्ठित सिल्वर पीकॉक के लिए इस खंड में प्रतिस्पर्धा करेंगी, नकद पुरस्कार के रूप में 10 लाख रुपये और प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। फिल्मों की सूची अनुलग्नक में दी गई है और उनका विवरण इफ्फी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है।
  • अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी– जाने-माने भारतीय फिल्म निर्माता और अभिनेता श्री शेखर कपूर (अध्यक्ष), पुरस्कृत स्पेनिश सिनेमैटोग्राफर जोस लुइस अल्केन, मार्चे डु कान के प्रतिष्ठित पूर्व प्रमुख जेरोम पैलार्ड, फ्रांस के विपुल फिल्म निर्माता कैथरीन डसार्ट, ऑस्ट्रेलिया से प्रसिद्ध फिल्म निर्माता हेलेन लीके।
  • फेस्टिवल कैलिडोस्कोप इस वर्ष प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों की सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार विजेता फिल्मों को इफ्फी कैलिडोस्कोप में शामिल किया गया है। 19 फिल्में कान, वेनिस, साओ पाउलो, रॉटरडैम, सांता बारबरा, स्टॉकहोम आदि जैसे समारोहों से ली गई हैं।
  • दुनिया का सिनेमा खंड में प्रविष्टियों के माध्यम से 103 फिल्में शामिल हैं, जो दुनिया भर के सिनेमाघरों से सौंदर्यबोध और कथा वस्तुओं वाली फिल्मों में शामिल हैं। पिछले वर्षों (77) की तुलना में इनकी संख्या इस बार अधिक है।
  • डॉक्यू-मोंटाज खंड का परिचय- दुनिया भर के मनमोहक वृत्तचित्रों का समुच्चय है।
  • एनिमेशन खंड के हवाले से अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय एनिमेशन फिल्मों को क्यूरेट करने के लिए महोत्सव का विस्तार किया गया है, जिसमें एक व्यापक लाइन अप शामिल है। सौंदर्यवादी रूप से सरल और कथात्मक रूप से अचंभित कर देने वाली पोलैंड की आधिकारिक फिल्म ओसर की प्रविष्टि सहित एनिमेटेड फिल्में – द पीजेंट्स (डीआईआर: डीके वेल्चमैन, ह्यूग वेल्चमैन) फिल्में शामिल हैं। इनमें भारतीय एनिमेशन फिल्मों को भी रखा गया है।
  • पुनर्स्थापित क्लासिक्स खंड की शुरुआत- राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन (एनएफएचएम) के तहत एनएफडीसी-एनएफएआई द्वारा भारतीय क्लासिक्स के क्षतिग्रस्त सेल्युलाइड रीलों से सात विश्व स्तरीय फिल्मों को दुरुस्त किया गया है, जिनकी सूची इस प्रकार है-
    • विद्यापति (1937) बांग्ला, निर्देशक: देवकी बोस
    • श्यामची आई (1953), मराठीनिर्देशक: पी.के.
    • पाताल भैरवी (1951), तेलुगुनिर्देशक: के.वी. रेड्डी
    • गाइड (1965), हिंदीनिर्देशक: विजय आनंद
    • हकीकत (1964), हिंदीनिर्देशक: चेतन आनंद
    • कोरस (1974) बांग्लानिर्देशक: मृणाल सेन
    • बीस साल बाद (1962), हिंदीनिर्देशक: बीरेन नाग
    • इसके अलावा, इस खंड में तीन अंतर्राष्ट्रीय पुनर्स्थापित फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी, जिनमें वेनिस के द एक्सोरिस्ट एक्सटेंडेड डायरेक्टर कट और सर्गेई परजानोव की शैडोज़ ऑफ फॉरगॉटन एनसेस्टर्स शामिल हैं।
  • यूनेस्को फिल्में– यूनेस्को के आदर्शों को प्रतिबिंबित करने वाली फिल्में: 7 अंतर्राष्ट्रीय + 3 भारतीय फिल्में। फिल्मों की सूची अनुलग्नक में दी गई हैं और उनका विवरण इफ्फी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है।
  • सुलभ फिल्में 54वें इफ्फी में यह सुनिश्चित करने की सुविधा होगी कि विशेष रूप से दिव्यांग महोत्सव प्रतिनिधि सभी स्क्रीनिंग और अन्य स्थानों तक पहुंच सकें। उत्सव को सभी के लिए एक समावेशी और सुलभ अवसर बनाना समावेशिता की दिशा में उठाया गया एक कदम है।
    • विशेष रूप से दिव्यांग प्रतिनिधि
      • दृष्टिबाधितों के लिए: फिल्मों के साथ एम्बेडेड ऑडियो विवरण– सिर्फ एक बंदा काफी है और शेरशाह
      • श्रवण-बाधितों के लिए: फिल्मों के साथ एम्बेडेड साइन लैंग्वेज – 83 और भाग मिल्खा भाग
    • एकाधिक भाषा डबिंग– कई भारतीय पैनोरमा फिल्में अपने “स्मार्टफोन और ईयरफोन” का उपयोग करके पसंदीदा भाषा में डबिंग के साथ देखने के लिए उपलब्ध होंगी। इफ्फी ने इसके लिए ‘सिनेडुब्स’ ऐप के साथ साझेदारी की है, जिसे निःशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा। ऐप के माध्यम से कई डब उपलब्ध होंगे। जिस भाषा में थिएटर में फिल्म चलाई जा रही है, उसके अलावा अन्य भाषाओं में भी यह उपलब्ध होगी।
  • इफ्फी के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में 40 से अधिक महिला फिल्म निर्माताओं की फीचर फिल्में।
  1. मास्टर क्लासेस और इन-कन्वर्सेशन सत्र- प्रतिष्ठित फिल्म निर्माताओं, छायाकारों और अभिनेताओं के साथ 20 से अधिक ‘मास्टरक्लास’ और ‘इन कन्वर्सेशन’ सत्रों के साथ यह एक रोमांचक सप्ताह होगा। फेस्टिवल माइल, पणजी, गोवा में पुनर्निर्मित और नवीनीकृत कला अकादमी में होगा। माइकल डगलस, ब्रेंडन गाल्विन, ब्रिलेंटे मेंडोज़ा, सनी देओल, रानी मुखर्जी, विद्या बालन, जॉन गोल्डवाटर, विजय सेतुपति, सारा अली खान, पंकज त्रिपाठी, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, केके मेनन, करण जौहर, मधुर भंडारकर, मनोज बाजपेयी, कार्तिकी गोंजाल्विस, बोनी कपूर, अल्लू अरविंद, थियोडोर ग्लक, गुलशन ग्रोवर और इस सूची में कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सितारे शामिल हैं।
  2. गाला प्रीमियर- पिछले साल शुरू हुए गाला प्रीमियर्स का विस्तार किया जा रहा है। इफ्फी में इन फिल्म प्रीमियर में उनके अभिनेता और प्रतिभाएं अपनी फिल्मों का प्रचार करने के लिए इफ्फी में मौजूद रहेंगी।
  3. वर्चुअल इफ्फी– मास्टरक्लास, इन-कन्वर्सेशन सत्र, पैनल चर्चा और इफ्फी के 54वें संस्करण के उद्घाटन/समापन समारोह को बुक माय शो ऐप के माध्यम से ऑनलाइन देखा जा सकता है। पंजीकरण शुल्क मामूली रखा जाएगा।
  4. फिल्म बाजार- इफ्फी संक्षेप में “विश्व सिनेमा का उत्सव” है। इसके साथ ही एनएफडीसी द्वारा “सिनेमा के व्यवसाय” के लिए एक फिल्म बाजार का आयोजन किया जाता है। इफ्फी का फिल्म बाजार दक्षिण एशिया में सबसे बड़े वैश्विक फिल्म बाजार में से एक के रूप में विकसित हुआ है। यह अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं, निर्माताओं, बिक्री एजेंटों और उत्सव प्रोग्रामर के हवाले से संभावित रचनात्मक और वित्तीय सहयोग के संबंध में एक आदर्श इकोसिस्टम के रूप में कार्य करता है। इस तरह “एनएफडीसी फिल्म बाजार के 17वें संस्करण में इसके कार्यक्षेत्र का विस्तार किया जाएगा
    • फिल्म बाजार में मंडप और स्टॉल –
      1. वीएफएक्स और टेक पवेलियन– एक नए क्यूरेटेड “वीएफएक्स एंड टेक पवेलियन” को फिल्म बाजार में एकीकृत किया गया है, जिसे समुद्र के सामने तैयार किया गया है। यह फिल्म निर्माताओं को नवीनतम नवाचारों से अवगत कराएगा, न केवल “टेकिंग द शॉट” के पारंपरिक तरीके से कहानी कहने की संभावनाओं की पड़ताल करने के लिए, बल्कि अनंत संभावनाओं के साथ “क्रिएटिंग द शॉट” के बारे में भी।
      2. अंतर्राष्ट्रीय फिल्म आयोगों और भारतीय राज्यों के कई स्टॉल उनके स्थानों व प्रोत्साहन योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए होंगे।
      3. फिल्म से संबंधित प्रोडक्शंस हाउस, संस्थानों, संघों आदि के कई स्टॉल।
    • वृत्तचित्र और गैर-फीचर परियोजनाओं/फिल्मों का परिचय
    • ज्ञान श्रृंखला” फिल्म निर्माण और वितरण के महत्वपूर्ण पहलुओं के साथ-साथ चयनित फिल्म निर्माताओं, देशों और राज्यों के मद्देनजर गहन चर्चा सत्र शामिल करने के लिए तैयार किया गया।
    • पिछले साल शुरू हुए, ‘बुक टू बॉक्स ऑफिस खंड ने ‘द स्टोरी इंक’ के साथ साझेदारी की है। इसका मुख्य उद्देश्य रचनात्मक लेखकों को अपना काम प्रस्तुत करने के लिए एक मंच प्रदान करना और इन कहानियों को निर्माताओं और मंच के प्रमुखों को पेश करना है।
    • कुल मिलाकर उत्पादनवितरण या बिक्री के लिए फिल्म बाजार के 17वें संस्करण में 300 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म परियोजनाएं क्यूरेट और प्रदर्शित की जाएंगी।
  1. 75 क्रिएटिव माइंड्स ऑफ टुमॉरो (सीएमओटी): माननीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर की पहल। इस पहल का उद्देश्य फिल्म निर्माण के विभिन्न व्यवसायों से युवा रचनात्मक प्रतिभाओं की पहचान करना, प्रोत्साहित करना और पोषण करना है। शॉर्ट्स टीवी वैचारिक प्रोग्रामिंग पार्टनर है, जो टीवी पर, मोबाइल पर, ऑनलाइन और सिनेमाघरों में उपलब्ध उच्च गुणवत्ता वाली लघु फिल्मों और श्रृंखलाओं की दुनिया की सबसे बड़ी श्रृंखला पेश करता है। इन चयनित ‘क्रिएटिव माइंड्स’ को ‘फिल्म चैलेंज’ के लिए 5 टीमों में विभाजित किया गया है। यह 48 घंटों में एक लघु फिल्म बनाने के लिए है। इस वर्ष उम्मीदवारों के पास विशेष रूप से सिनेमा के मास्टर्स द्वारा क्यूरेट की गई पेशेवर कक्षाएं भी होंगी और भर्ती के लिए 20 से अधिक अग्रणी कंपनियों के साथ एक “प्रतिभा शिविर” आयोजित किया जाएगा।
  2. इफ्फी सिने-मेलाइफ्फी न केवल सिनेमाई उत्कृष्टता का प्रदर्शन है, बल्कि सांस्कृतिक विविधता का उत्सव भी है। इस वर्ष, इफ्फी सिने-मेला सिनेमाई उत्सवों के लिए एक शानदार पहल होगी। इसके लिए उपस्थित लोग और यहां तक कि अन्य लोग जैसे कि स्थानीय लोग और पर्यटक जो इफ्फी के लिए पंजीकृत नहीं हैं, वे भी सिनेमा, कला, संस्कृति, शिल्प, खान-पान आदि से संबंधित रोमांचक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
  3. अन्य आकर्षण: इफ्फी को दुनिया के लिए भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक समारोहों में से एक के रूप में बढ़ाने के लिए ओपन एयर स्क्रीनिंग, कारवां, शिगमोत्सव, गोवा कार्निवल, सेल्फी पॉइंट, इफ्फी मर्चेंडाइज आदि का आयोजन किया गया।
  4. महोत्सव स्थलों की ब्रांडिंग और सजावट : एनएफडीसी और ईएसजी ने महोत्सव स्थलों की पूरी सजावट और ब्रांडिंग के लिए एनआईडी, अहमदाबाद के साथ साझेदारी की है।
  5. भारत की संस्कृतियों का उत्सव (5 दिन) फिल्म स्क्रीनिंग को रेखांकित करते हुए, गाला प्रीमियर्स और अपने-अपने क्षेत्रों का प्रदर्शन करने के लिए फिल्म प्रतिभाएं अपनी प्रतिभा का परिचय देंगी।
      • 22 वीं: पूर्व: बांग्लाउड़ियाअसमियामणिपुरी और उत्तर पूर्वी बोलियां
      • 23 वां: दक्षिण 1: तमिल और मलयालम
      • 24 वीं: उत्तर: पंजाबीडोगरीभोजपुरीराजस्थानीउर्दूछत्तीसगढ़ी
      • 25 वां: पश्चिम: कोंकणीमराठीगुजराती
      • 26 वां: दक्षिण 2: कन्नड़ और तेलुगू

6. इफ्फी की आधिकारिक वेबसाइट https://iffigoa.org/. पर दैनिक घोषणाएं और अपडेट देखे जा सकते हैं।

7. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) के माध्यम से गोवा राज्य सरकार के साथ संयुक्त रूप से अपनी एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) के माध्यम से 20 से 28 नवंबर, 2023 तक गोवा में 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) का आयोजन कर रहा है।

8. इफ्फी दुनिया के 14 सबसे बड़े और सबसे प्रतिष्ठित ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता फीचर फिल्म समारोहों’ में से एक है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय फेडरेशन ऑफ फिल्म प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (एफआईएपीएफ) द्वारा मान्यता प्राप्त है। यह विश्व स्तर पर फिल्म समारोहों को नियंत्रित करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। कान, बर्लिन और वेनिस जैसे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह ऐसे अन्य प्रतिष्ठित उत्सव हैं, जो इस श्रेणी के तहत एफआईएपीएफ द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।

9. यह वार्षिक सिनेमाई समारोह वर्षों से विश्व और भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों का गंतव्य रहा है, जिसमें भारत के फिल्म उद्योग के साथ-साथ दुनिया भर के दिग्गज प्रतिनिधि, अतिथि और वक्ता इसकी शोभा बढ़ाते हैं।

अनुलग्नक

54वां इफ्फी 2023

फिल्म सूची– प्रतियोगिताएं

अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता (आईसी)- 15 फिल्में

अंड्रेगोगी | निर्देशक : रेगास भानुतेजा | इंडोनेशिया | 2023 | इन्डोनेशियाई | 110′ | आईसी
ब्लागाज लेसंस | निर्देशक: स्टीफन कोमांदारेव | बुल्गारिया, जर्मनी | 2023 | बल्गेरियाई | 114′ | आईसी
बोस्नियाई पॉट | निर्देशन: पावो मारिनकोविच | क्रोएशिया | 2023 | क्रोएशियाई, जर्मन | 103′ | आईसी
एंडलेस बॉर्डर्स | निर्देशक: अब्बास अमीनी | इस्लामी गणराज्य ईरान | 2023 | फारसी | 111′ | आईसी
हॉफमैन्स फैरी टेल्स | निर्देशक: टीना बरकलाया | रूसी संघ | 2023 | रूसी | 88′ | आईसी
लुबो | निर्देशन: जियोर्जियो डिरिट्टी | इटली, स्विट्ज़रलैंड | 2023 | इतालवी, स्विस जर्मन, जेनिश | 181′ | आईसी
मेजर्स ऑफ मैन | निर्देशन: लार्स क्रुम | जर्मनी | 2023 | जर्मन | 116′ | आईसी
पार्टी ऑफ फूल्स | निर्देशन:­ अरनॉड डेस पल्लीरेस | फ्रांस | 2023 | फ्रेंच | 122′ | आईसी
द अदर विंडो | निर्देशक: मा’अयान रिप्प | इज़राइल | 2022 | हिब्रू | 83′ | आईसी
वुमन ऑफ | निर्देशक: स्ज़ुमोव्स्का, माइकल एंगलर्ट | पोलैंड | 2023 | पोलिश | 132′ | आईसी
असोग | निर्देशक: शान डेवलिन | कनाडा | 2023 | अन्य, तागालोग | 99′ | आईसी
डाइ बिफोर डेथ | निर्देशक: अहमद इमामोविच | बोस्निया और हर्जेगोविना | 2023 | बोस्नियाई | 94′ | आईसी
कंतारा | निर्देशक: ऋषभ शेट्टी | भारत | 2022 | कन्नड़ | 150′ | आईसी
सना | निर्देशक: सुधांशु सरिया | भारत | 2023 | हिंदी | 119′ | आईसी
मीरबेन | निर्देशक: मृदुल गुप्ता | भारत | 2022 | कर्बी | 89′ | आईसी

 

बेस्ट डेब्यू फीचर फिल्म ऑफ ए डायरेक्टर अवार्ड (बीडी) – फिल्में

 

ऑलमोस्ट एंटायरली अ स्लाइट डिजास्टर | निर्देशक : उमुत सुबासी | तुर्की | 2023 | अंग्रेज़ी, तुर्की | 88′ | बीडी
लेट मी गो | निर्देशन: मैक्सिम रैपज़ | स्विट्ज़रलैंड | 2023 | फ्रेंच | 92′ | बीडी
ओकारिना | निर्देशक: अल्बान ज़ोगजानी | अल्बानिया | 2023 | अल्बेनियन, अंग्रेज़ी | 92′ | बीडी
स्लीप | निर्देशक: जेसन यू | दक्षिण कोरिया | 2023 | कोरियाई | 95′ | बीडी
वेन द सीडलिंग्स ग्रो | निर्देशक : रेगर आजाद काया | सीरियाई अरब गणराज्य | 2022 | अरबी, कुर्द | 83′ | बीडी
ढाई आखर | निर्देशक: परवीन अरोड़ा | भारत | 2023 | हिंदी | 98′ | बीडी
इरत्ता | निर्देशक: रोहित एम.जी. कृष्णन भारत | 2023 | मलयालम | 112 ‘ | बीडी

 

आईसीएफटी यूनेस्को गांधी पदक पुरस्कार – 10 फिल्में

ए हाउस इन यरूशलेम | निर्देशक: मुयाद अलायन | फिलिस्तीन, ब्रिटेन, जर्मनी, नीदरलैंड, कतर | 2022 | अंग्रेज़ी, अरबी, हिब्रू | 103′ | आईसीएफटी यूनेस्को
सिटिजन सेंट  निर्देशक: तिनातिन कजिरिश्विली | जॉर्जिया | 2023 | जॉर्जियाई | 100′ | आईसीएफटी यूनेस्को
ड्रिफ्ट | निर्देशक: एंथनी चन | ब्रिटेन, फ्रांस, ग्रीस | 2023 | अंग्रेज़ी, ग्रीक | 93′ | आईसीएफटी यूनेस्को
इट्स सिरा | निर्देशन: एपोलिन ट्राओरे | बुर्किना फासो, फ्रांस, जर्मनी, सेनेगल | 2023 | फ्रेंच, फुला | 122′ | आईसीएफटी यूनेस्को
कालेव | निर्देशक: ओव मस्टिंग | एस्टोनिया | 2022 | एस्टोनियाई, रूसी | 94′ | आईसीएफटी यूनेस्को
द प्राइज! | निर्देशक: पॉल फौजान अगस्ता | इंडोनेशिया | 2022 | इन्डोनेशियाई | 96′ | आईसीएफटी यूनेस्को
द सुगर एक्सपेरिमेंट | निर्देशक: जॉन टॉर्नब्लैड | स्वीडन | 2022 | स्वीडिश | 91′ | आईसीएफटी यूनेस्को
मंडली | निर्देशक: राकेश चतुर्वदी ओम | भारत | 2023 | हिंदी | 118′ | आईसीएफटी यूनेस्को
मलिकापुरम | निर्देशक: विष्णु शशि शंकर | भारत | 2022 | मलयालम | 121′ | आईसीएफटी यूनेस्को
रबिन्द्र काब्य रहस्य | निर्देशक: सायंतन घोसन | भारत | 2023 | बांग्ला | 115′ | आईसीएफटी यूनेस्को

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केन्द्र सरकार ने नवंबर 2023 के लिए सभी राज्य सरकारों को किए जाने वाले 72,961.21 करोड़ रुपये के कर हस्तांतरण को जारी करने को सामान्य तिथि यानी 10 नवंबर से तीन दिन पहले ही स्वीकृति दी

आगामी त्योहारों के सीजन को देखते हुए, केंद्र सरकार ने नवंबर 2023 के महीने के लिए राज्य सरकारों को किए जाने वाले 72,961.21 करोड़ रुपये के कर हस्तांतरण को सामान्य तिथि 10 नवंबर के बजाय 7 नवंबर 2023 को जारी करने के लिए स्वीकृति दी है।

इससे राज्य सरकारें समय पर जारी कर सकेंगी और लोग त्योहार व उत्सव मनाने में सक्षम होंगे। जारी की गई राशि का राज्य-वार ब्यौरा निम्नलिखित तालिका में दिया गया हैः

नवंबर 2023 के लिए केंद्रीय करों और शुल्कों की कुल प्राप्ति का राज्य-वार वितरण

क्र.सं. राज्य का नाम कुल (₹ करोड़)
1 आंध्र प्रदेश 2952.74
2 अरुणाचल प्रदेश 1281.93
3 असम 2282.24
4 बिहार 7338.44
5 छत्तीसगढ़ 2485.79
6 गोवा 281.63
7 गुजरात 2537.59
8 हरियाणा 797.47
9 हिमाचल प्रदेश 605.57
10 झारखंड 2412.83
11 कर्नाटक 2660.88
12 केरल 1404.50
13 मध्य प्रदेश 5727.44
14 महाराष्ट्र 4608.96
15 मणिपुर 522.41
16 मेघालय 559.61
17 मिजोरम 364.80
18 नगालैंड 415.15
19 ओडिशा 3303.69
20 पंजाब 1318.40
21 राजस्थान 4396.64
22 सिक्कम 283.10
23 तमिलनाडु 2976.10
24 तेलंगाना 1533.64
25 त्रिपुरा 516.56
26 उत्तर प्रदेश 13088.51
27 उत्तराखंड 815.71
28 पश्चिम बंगाल 5488.88
  कुल 72961.21

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सीएसआईआर-सीएसआईओ और केएएमपी: 100 से अधिक युवा छात्रों को एक प्रेरक यात्रा के जरिए भविष्य के वैज्ञानिक मस्तिष्कों को प्रोत्साहित किया गया

6 नवंबर, 2023 को चंडीगढ़ स्थित सीएसआईआर-केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन ने नॉलेज और अवेयरनेस मैपिंग प्लेटफॉर्म (केएएमपी) के सहयोग से एक गतिशील वैज्ञानिक भ्रमण की मेजबानी की। संगठन ने राजस्थान स्थित गुढ़ा इंटरनेशनल स्कूल के 100 से अधिक उत्साही छात्रों का स्वागत किया।

इस परिवर्तनकारी भ्रमण ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र को विस्तृत रूप से सामने रखा, जिससे छात्रों में वैज्ञानिक अन्वेषण को लेकर जिज्ञासा और उत्साह उत्पन्न हुआ।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/WhatsAppImage2023-11-06at19.09.50JWKX.jpeg  इस कार्यक्रम की शुरुआत आशिता स्वामी (परियोजना सहायक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) के नेतृत्व में सीएसआईआर-सीएसआईओ- चंडीगढ़ के एक व्यावहारिक अवलोकन के साथ हुई। इस छात्रों को संस्थान के अग्रणी कार्यों की एक व्यापक समझ प्रदान की। सीएसआईआर-सीएसआईओ के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने संवादात्मक व्याख्यान और आकर्षक गतिविधियों के जरिए युवा मस्तिष्कों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके तहत उल्लेखनीय योगदान के रूप में डॉ. अपर्णा अकुला (प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) ने ‘इंटेलिजेंट सेंसिंग सिस्टम’ के बारे में जानकारी दी, श्री उज्ज्वल प्रकाश भूषण (पीएचडी इंजीनियरिंग, बीएमए विभाग, सीएसआईआर-सीएसआईओ) ने ‘मल्टी-सेंसर फ्यूजन-आधारित डायनेमिक ऑब्स्टैकल्स डिटेक्शन’ के बारे में बताया और श्री राहुल झा (आईडीडीपी शोधकर्ता, सीएसआईआर-सीएसआईओ) ने ‘शुरुआती क्षय जांच के लिए इंट्राओरल डेंटल इंस्पेक्शन’ पर चर्चा की।

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इन समृद्ध व्याख्यानों के बाद श्रीमती मीनाक्षी श्रीवास्तव (परियोजना सहायक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) और श्रीमती ईशा (परियोजना सहायक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) के संचालन में आयोजित एक प्रेरक विज्ञान-आधारित प्रतियोगिता ने छात्रों की प्रतिस्पर्धी भावना को बढ़ाने के साथ टीम वर्क और अभिनव सोच को प्रोत्साहित किया।

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इस भ्रमण के दौरान छात्रों को प्रयोगशाला परिचालन की जटिलताओं और विभिन्न उपकरणों की कार्यक्षमता को समझने का अवसर प्राप्त हुआ।

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इस कार्यक्रम के समापन पर श्री अनिकेत अरोड़ा (केएएमपी में आउटरीच गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी) ने जिज्ञासा कार्यक्रम की सफलता के पीछे की प्रमुख शख्सियत- डॉ. नीरजा गर्ग (पीआई जिज्ञासा, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) और डॉ. पूजा देवी (सीओ पीआई जिज्ञासा, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत में विज्ञान और अन्य प्रगति में गहरी रुचि उत्पन्न करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा की शक्ति में केएएमपी के अटूट विश्वास को रेखांकित करते हुए ऐसी पहलों के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने रोमांचक आगामी गतिविधियों को साझा किया। इनमें 23 नवंबर को इसरो-यूआरएससी के साथ एक ऑनलाइन ज्ञान साझाकरण सत्र, दिसंबर में सीएसआईआर-आईआईटीआर में एक वैज्ञानिक भ्रमण और भारत के प्रतिष्ठित सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और अनुसंधान संगठनों में छात्रों को वास्तविक विश्व के वैज्ञानिक प्रयासों से परिचय कराने के लिए डिजाइन की गई योजनाबद्ध गतिविधियों की एक श्रृंखला शामिल है।

सीएसआईआर-सीएसआईओ के बारे में

सीएसआईआर-केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक प्रमुख मूल इकाई है। यह वैज्ञानिक और औद्योगिक उपकरणों के अनुसंधान, डिजाइन और विकास के लिए प्रतिबद्ध एक अग्रणी राष्ट्रीय प्रयोगशाला के रूप में सक्रिय है। यह बहु-विषयक दृष्टिकोण के साथ भारत में विविध अनुप्रयोगों में उपकरण उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

केएएमपी के बारे में

केएएमपी, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)- राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (निस्पर) और औद्योगिक भागीदार मैसर्स निसा कम्युनिकेशन्स प्राइवेट लिमिटेड (एनसीपीएल) के नेतृत्व में एक गठबंधन है। इसके तहत छात्रों की छिपी हुई क्षमता को सामने लाने और वैज्ञानिक परीक्षण के लिए उनके उत्साह को प्रज्वलित करने के उद्देश्य से रचनात्मकता, सार्थक शिक्षण, आलोचनात्मक अध्ययन और  चिंतन कौशल को विकसित करने के प्रयास किए जाते हैं।

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डीजीजीआई मेरठ के अधिकारियों ने एक बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, जिसमें 102 फर्जी प्रतिष्ठान शामिल थे और जिसका टर्नओवर 1,481 करोड़ रुपये का था; चार गिरफ्तार

एक महत्वपूर्ण सफलता अर्जित करते हुए, वस्तु एवं सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई), मेरठ जोनल यूनिट ने बड़े पैमाने पर फर्जी चालान जारी करने वाले एक सिंडिकेट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह सिंडिकेट 1,481 करोड़ रुपये के कर योग्य टर्नओवर के साथ फर्जी चालान जारी करता था। इस सिंडिकेट द्वारा 102 फर्जी फर्मों के माध्यम से 1,000 से अधिक लाभार्थी कंपनियों को 275 करोड़ रुपये का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट जारी किया गया।

सावधानीपूर्वक आंकड़ों की खोजबीन और दिमाग के प्रयोग के जरिए, डीजीजीआई मेरठ जोनल यूनिट ने चार मास्टरमाइंडों द्वारा संचालित एक प्रमुख सिंडिकेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया है। इनमें से एक मास्टरमाइंड, एक ऐसे प्लेसमेंट कंसल्टेंसी फर्म में काम करता था, जो पैन, आधार, बिजली बिल, पता प्रमाण और जीएसटी पंजीकरण के लिए आवश्यक अन्य दस्तावेजों की व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार था। इन दस्तावेजों को हासिल करने हेतु इस मास्टरमाइंड ने उम्मीदवारों को अपने केवाईसी दस्तावेज प्रदान करने के बदले में मामूली वित्तीय लाभ देने का लालच दिया। फिर ये केवाईसी दस्तावेज अन्य दो मास्टरमाइंडों को दे दिए गए, जिन्होंने उनका इस्तेमाल फर्जी कंपनियां बनाने के लिए किया। ये लोग बैंक खाते खोलने, नकदी प्रवाह का प्रबंधन करने और इन नकली उद्यमों के सभी वित्तीय लेनदेन की देखरेख करने का भी काम करते थे। चौथे आरोपी मास्टरमाइंड ने चुपचाप एक गुप्त कार्यालय का प्रबंधन किया, जहां से चालान निर्माण, ई-वे बिल निर्माण, जीएसटी रिटर्न दाखिल करने और धोखाधड़ी वाली फर्मों के बिक्री-खरीद बही-खाते को बनाए रखने जैसी महत्वपूर्ण परिचालन संबंधी गतिविधियां संचालित की जाती थीं। अपने कामकाज में सहायता के लिए, इस सिंडिकेट ने कई सहायकों की भर्ती की। इसके अलावा, सिंडिकेट ने ऐसे कई बिचौलियों के साथ संबंध बनाए रखा जो अंतिम लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए नकली चालान बनाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करते थे। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, फर्जी फर्मों के नाम से बैंक खाते खोलने में बैंक अधिकारियों की संलिप्तता का भी पता चला।

इस अभियान के दौरान, डीजीजीआई अधिकारियों ने कई स्थानों पर समन्वित रूप से छापेमारी की और लैपटॉप, डेस्कटॉप, इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइस, पैन कार्ड, आधार कार्ड, चेक-बुक, 25 से अधिक मोबाइल फोन, ओटीपी हासिल करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सिम कार्ड, शेल प्रतिष्ठानों के रबर स्टांप सहित भारी मात्रा में आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए।

सभी चार आरोपी व्यक्तियों को 04.11.2023 को मेरठ में आर्थिक अपराध न्यायालय के समक्ष पेश किया गया और उन्हें 17.11.2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में पीसीओएएस वक्तत्व और स्वास्थ्य शिविर आयोजित

कानपुर 8 नवम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में पीसीओएएस वक्तत्व और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए गए मिशन शक्ति के अंतर्गत किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रचार्य जोसेफ डेनियल के दिशानिर्देशन में मीत कमल द्विवेदी (मिशन शक्ति की संयोजिका) द्वारा किया गया कार्यक्रम में चिरायु हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉ पूनम सचान और उनके सहसहयोगी धर्मेंद्र सर ,अंकित सर मौजूद रहें । डॉ पूनम सचान ने सभी विद्यार्थियों को पीसीओएस के लक्षणों के बारे में बताया ।उन्होंने बताया कि पीसीओएस में अनियमित पीरियड्स , बालों का झड़ना, स्ट्रेस, डिप्रेशन, अनबैलेंसेड हार्मोन्स , हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलोस्ट्रोल इसके कारण है , उन्होंने इस समस्या से कैसे निदान पाया जा सकता है इसके बारे में भी बताया ।उन्होंने ये भी बताया कि इस समस्या से योगा , जीवन शैली में सुधार करके भी खतम किया जा सकता उन्होंने एनीमिया के बारे में भी बताया। इस कार्यक्रम में मिशन शक्ति के छात्र प्रतिनिधि अंजली सचान,वैष्णवी दीक्षित ,प्राची गुप्ता , सुंदरम मिश्रा ,अनामता, मानवी , उजाइफा, ,हर्षिता,सुप्रिया, साहिल ,कावेरी आदि उपस्थित रहे।

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में मतदाता जागरूकता अभियान एवं वोटर रजिस्ट्रेशन हेतु कैंप आयोजित

कानपुर 7 नवंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय, स्वरूपनगर में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं महाविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से शासन द्वारा संचालित “*SVEEP*” योजना के अंतर्गत *मतदाता जागरूकता अभियान* एवं *वोटर रजिस्ट्रेशन हेतु कैंप* का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को उनके मताधिकार के प्रति जागरूक करना तथा 18 वर्ष एवं उससे अधिक आयु की समस्त छात्राओं का वोटर रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करना था। जिलाधिकारी, कानपुर नगर एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से नियुक्त की गई सुमन वर्मा एवं अन्य बी.एल.ओ. की टीम द्वारा पंजीकरण का कार्य संपन्न किया गया। महाविद्यालय की लगभग 200 छात्राओं का वोटर पंजीकरण कराया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मतदाता जागरूकता अभियान के साथ किया गया। प्राचार्या प्रो. पूनम विज जी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि अपने मताधिकार का प्रयोग करके हम अपने भविष्य के निर्माण में एक सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। आज मतदान की प्रक्रिया पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक, पारदर्शी एवं सुरक्षित है, जिससे हम सभी स्वतंत्र रूप से एक मतदाता के रूप में अपने अधिकारों का समुचित प्रयोग कर सकते हैं।
कार्यक्रम की संयोजिका, राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. आँचल तिवारी ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सशक्त जनाधार का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। संचालन कर रहीं कल्पना देवी ने कहा कि हम सभी को मतदान करके समाज के निर्माण में स्वयं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना चाहिए।
इस कार्यक्रम में “मताधिकार: लोकतंत्र का आधार” विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा “मतदाता जागरूकता” विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता में 12 छात्राओं ने प्रतिभाग किया जिनमें से सुरभि झा, छवि सोनकर एवं अनुपमा तिवारी को क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान के लिए चयनित किया गया। पोस्टर प्रतियोगिता में 10 छात्राओं ने प्रतिभाग किया जिनमें से रिया गुप्ता, निधि एवं ख़ुशी सोनकर ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त किया।
महाविद्यालय की समस्त शिक्षिकाएं कार्यक्रम में उपस्थित रहीं, जिनके सहयोग से रजिस्ट्रेशन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संयोजन राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ऑंचल तिवारी ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन SVEEP नोडल अधिकारी सुश्री कल्पना देवी द्वारा किया गया।

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“शिक्षा में रोचकता का समावेश” विषयक शैक्षिक दक्षता वृद्धि व्याख्यानमाला आयोजित

कानपुर 4 नवम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, इरा ज्ञान सरोवर जूनियर हाई स्कूल, सताँव, रायबरेली के तत्त्वावधान में नक्षत्र फाउण्डेशन द्वारा *”शिक्षा में रोचकता का समावेश* विषयक* शैक्षिक दक्षता वृद्धि व्याख्यानमाला* की सातवीं प्रस्तुति का आयोजन किया गया।

उक्त कार्यक्रम में वक्ता के रूप में

*आलोक कुमार यादव* यूजीसी-एसआरएफ जैव रसायन प्रभाग सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ, एवं *चन्द्र पाल मौर्य** (सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य)
उ0 प्रा0 वि0 सहजौरा उपस्थित रहे।
आलोक कुमार यादव ने अपने व्याख्यान में बताया कि बच्चों को अपने शिक्षकों से प्रश्न अवश्य पूछने चाहिए और अनुशासन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। श्री चन्द्र पाल मौर्य ने बताया कि विद्यार्थियों के अंदर शिक्षको का भय नहीं होना चाहिए, यदि भय का भाव रहा जो बच्चे अपने शिक्षकों से प्रश्न पूछने से घबराएंगे।
उक्त दिवस पर **निर्मल प्रकाश श्रीवास्तव* प्रधानाचार्य
इरा ज्ञान सरोवर जूनियर हाई स्कूल, सताँव, रायबरेली रेखा झा, डॉ0 ऋचा आर्या, डॉ0 उदय प्रताप सिंह, सोनम सिंह उपस्थित रहे।

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