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केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा और डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईटी- गुवाहाटी में जनजातीय समुदाय के सशक्तिकरण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया

प्रमुख बिंदु:

  • “विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के त्वरित विकास” के लिए डीएसटी का एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया गया
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के समग्र विकास के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में 10 “विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार (एसटीआई) केंद्र” स्थापित किए, अगले एक साल में ऐसे और 15 केंद्र स्थापित किए जाएंगे
  • डीएसटी ने जीन एडिटिंग तकनीकों का उपयोग करके सिकल सेल रोग (एससीडी) के खिलाफ एक स्थायी उपचार विकसित करने के लिए 50 करोड़ रुपये की अनुसंधान व विकास परियोजना की भी सहायता की है

“जनजातीय गौरव दिवस” जो 15 नवंबर को मनाया जाता है, के उपलक्ष्य में केंद्रीय जनजातीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा व विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज आईआईटी- गुवाहाटी में जनजातीय समुदाय के अधिकारिता के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया।

इस अवसर पर श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जनजातियों की पहचान को जीवित रखते हुए उनके एकीकृत विकास पर विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने कहा, “हमें यह गर्व है कि श्री नरेन्द्र मोदी आज विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व कर रहे हैं और हमारे देश में जनजातीय लोगों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।” उन्होंने आगे कहा कि 2047 की ओर देश की विकास यात्रा में आदिवासियों को शामिल किया जाना चाहिए, जब भारत अपनी आजादी के सौ साल पूरे करेगा। श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि यह वास्तव में प्रशंसनीय है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने जनजातियों के विकास के लिए नवाचारों वाली परियोजनाओं को लागू करके इस दिशा में कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह उचित है, क्योंकि जनजातीय प्रकृति के नजदीक रहते हैं और पर्यावरण के बारे में गहन जानकारी रखते हैं। श्री अर्जुन मुंडा ने विस्तार से बताया कि जनजातीय लोग अपने आसपास के वातावरण में, विशेष रूप से वहनीयता के संबंध में लगातार नवाचार करते हैं, लेकिन मुश्किल से ही उनके नवाचार को स्वीकृति प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अब यह समय आ गया है कि नई उपलब्धियां और सुविधाएं प्राप्त की जाएं। केंद्रीय मंत्री ने यह उम्मीद व्यक्त की कि सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से उठाए जा रहे कदम जनजातियों के विकास के लिए नए अवसर उत्पन्न करेंगे।

डॉ. जितेंद्र ने कहा कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदायों के समग्र विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने अब तक देश के विभिन्न हिस्सों में 10 विशेष “विज्ञान प्रौद्योगिकी व नवाचार (एसटीआई) केंद्र” स्थापित किए हैं। उन्होंने आगे कहा कि जनजातीय लोगों की बढ़ती आकांक्षाओं के अनुरूप स्थायी आजीविका के सृजन के माध्यम से समावेशी सामाजिक- आर्थिक विकास के लिए अगले एक साल में ऐसे और 15 केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि 10 में से 4 ऐसे एसटीआई केंद्र उत्तर पूर्वी राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा राज्यों में स्थापित किए गए हैं, जिससे इन राज्यों की एसटी जनसंख्या के लिए स्थायी आजीविका का सृजन किया जा सके।

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इस अवसर पर “आजादी का अमृत महोत्सव” के एक हिस्से के तहत “विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के त्वरित विकास” के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक विशेष कार्यक्रम को शुरू किया गया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सम्मेलन की विषयवस्तु “जनजातीय समुदाय का विज्ञान और प्रौद्योगिकी सशक्तिकरण” प्रधानमंत्री के जय विज्ञान- जन अनुसंधान की सोच को प्रतिध्वनित करता है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार यह इतने बड़े पैमाने पर हुआ है कि जनजातीय समुदायों के जीवन और आजीविका के विभिन्न क्षेत्रों में उनके सशक्तिकरण के लिए डीएसटी के योगदान को प्रदर्शित किया जा रहा है। उन्होंने जनजातीय कार्य मंत्रालय व विभाग के अन्य संगठनों और एएसटीईसी को इस सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री  मोदी ने नवंबर, 2021 में भारतीय आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पूरे साल मनाए जाने वाले उत्सव के एक हिस्से के तहत जनजातीय समुदाय के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को याद करने के लिए 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया था। महान आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा का जन्मदिन 15 नवंबर को मनाया जाता है, जिन्हें पूरे देश के जनजातीय समुदाय भगवान के रूप में पूजते हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से जनजातीय समुदाय के एकीकृत सामाजिक- आर्थिक विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए अपने मंत्रालय के अपनाए गए उपायों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि विभिन्न प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में पिछले तीन वर्षों के दौरान लगभग 100 नई परियोजनाओं की सहायता की गई और इन परियोजनाओं से देश के विभिन्न क्षेत्रों में 50,000 से अधिक अनुसूचित जनजाति के लोगों को लाभ प्राप्त होने की उम्मीद है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डीएसटी ने जीन एडिटिंग तकनीकों का उपयोग करके ऐसे रोगियों के जीवन स्तर में सुधार के व्यापक लाभों के साथ सिकल सेल रोग (एससीडी) के लिए एक स्थायी उपचार विकसित करने को लेकर 50 करोड़ रुपये की लागत वाली अनुसंधान व विकास परियोजना में भी सहायता की थी। उन्होंने आगे यह भी बताया कि गुवाहाटी स्थित विज्ञान और प्रौद्योगिकी उच्च अध्ययन संस्थान में नवाचार, प्रौद्योगिकी व उद्यमिता के लिए उत्तर- पूर्वी क्षेत्र और एसटी समुदाय के नृजातीय खाद्य वस्तुओं के जैव संसाधनों के केंद्र के रूप में 12 करोड़ रूपये की लागत से विरासत खाद्य और पेय अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है। डॉ. जितेंद्र सिंह ने जनजातीय समुदायों के उत्थान के लिए उपायों की अन्य श्रृंखलाओं का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि डीएसटी ने पिछले तीन वर्षों में इंस्पायर फेलोशिप के माध्यम से विज्ञान में करियर बनाने के लिए एसटी छात्रों और विद्वानों को 700 फेलोशिप प्रदान की है।

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लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों की समस्याओं पर हुई चर्चा

भारतीय स्वरूप संवाददाता, लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों की समस्याओं पर हुई चर्चा, न्यूजप्रिंट को जीएसटी से बाहर रखने की उठाई मांग,
प्रकाशकों को परेशान करने का आर एन आई पर लगाया आरोप
सोलापुर, महाराष्ट्र। एसोसियेशन ऑफ स्माल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद की बैठक राज्य अतिथिगृह में आयोजित की गई। बैठक का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस मौके पर मौजूद सदस्यों व पदाधिकारियों ने सर्वप्रथम राष्ट्रगान गाया और अपने अपने विचार व्यक्त किये। बैठक की अध्यक्षता एसोसियेशन के उपाध्यक्ष विनोद महापात्रा ने की। मंचासीन सदस्यों का स्वागत महाराष्ट्र इकाई की ओर से पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया।
इस मौके पर विचार व्यक्त करते हुए एसोसियेशन के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य चन्द्रशेखर गायकवाड़ ने कहा कि टाइटिल कोड जारी कर देने के बाद आर एन आई द्वारा परेशान करना निन्दनीय है। श्री गायकवाड़ ने उप्र सहित अन्य कई राज्यों से प्रकाशित होने वाले लघु वर्ग के अखबारों के प्रति चिन्ता जाहिर की।
नेशनल सेक्रेट्री डॉ0 अनन्त शर्मा ने कहा वर्तमान में लघु श्रेणी के समाचारपत्र इस समय अनेक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सभी राज्यों की इकाइयां प्रकाशकों की समस्याओं को बिन्दुवार लिखकर निराकरण हेतु संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेंजे जिससे कि सम्बन्धित विभागों को पत्राचार किया जा सके। उन्होंने कहा कि श्री चन्दोला जी ने अपना पूरा जीवन लघु एवं मझोले वर्ग के अखबारों के प्रति लगाया है। सभी पदाधिकारी अपने अपने राज्य की समस्याओं से श्री चंदोला जी को अवगत करायें।
श्री शर्मा ने न्यूजप्रिंट पर लागू की गई जी एस टी का मुद्दा उठाते हुए इसे लघु एवं मझोले श्रेणी के अखबारों से हटाने की बात रखी। इसके साथ ही एक हेल्पलाइन जारी करने का प्रस्ताव रखा।
वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के0 डी0 चन्दोला ने बैठक के दौरान मप्र इकाई का अध्यक्ष अरविन्द्र सिंह जादौन को मनोनीत करने की घोषणा की जिस पर सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से अपनी स्वीकृति प्रदान की। इस दौरान श्री चंदोला ने कहा कि सभी राज्यों की इकाइयों को निर्देश दिया कि अपनी सक्रिय भूमिका निभाते हुए प्रकाशकों की समस्याओं को अवगत करायें व एसोसियेशन की मजबूती के लिये कार्य करें।
बैठक के दौरान महाराष्ट्र इकाई द्वारा मंचासीन सभी पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया।
वर्चुअल माध्यम से राष्ट्रीय अध्यक्ष के0 डी0 चंदोला, उप्र राज्य इकाई के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, अतुल दीक्षित, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अप्पा साहिब पाटिल, आन्ध्र प्रदेश के अध्यक्ष कोण्डलाराव सेंड्डीरेड्डी, पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष नारायण चटर्जी, मप्र से अकरम खान शामिल हुए व बैठक के मौके पर महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष प्रदीप कुलकर्णी, एसोसियेशन के महामंत्री गुजरात राज्य से शंकर एम कतीरा, गुजरात राज्य के अध्यक्ष मयूर बोरिचा, एसोसियेशन के राष्ट्रीय मंत्री डॉ0 अनन्त शर्मा व प्रवीण पाटिल, शोभा जयपुरकर, कर्नाटक राज्य के अध्यक्ष वेणुगोपाल, तारिका वेलकर, भूपालम सतीश सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्यगण उपस्थित हुए।

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मण्डलायुक्त, ने कानपुर मण्डल, कानपुर की अध्यक्षता में विकास कार्यों की समीक्षा में दिए निर्देश

कानपुर 10 अक्टूबर को मण्डलायुक्त, कानपुर मण्डल, कानपुर की अध्यक्षता में विकास कार्यों की समीक्षा में योजनावार निम्नलिखित निर्देश दिए गए:-

1. जिलाधिकारीगण विशेष सत्यापन पखवाड़ा के अन्तर्गत जनहानि के दृष्टिगत महत्वपूर्ण स्थलों यथा गैस गोदाम, होटल, माल, निजी/सरकारी अस्पतालों आदि में फायर सैफ्टी व्यवस्था, परिषदीय विद्यालयों में मिड डे मील राशन रखे जाने वाले कमरो के साफ-सफाई एवं सीलन की स्थिति, विद्यालयों के समीप से गुजरने वाले हाई टेंशन विद्युत लाइन, जर्जर कमरों में अध्यापन व आस-पास सुरक्षा व्यवस्था, विभिन्न मार्गो पर पुराने निर्मित पुलों के जर्जर होने की स्थिति तथा स्टेडियम के दर्शक दीर्घा स्टैण्ड की स्थिति का सत्यापन करावें तथा विभिन्न भवनो/चौराहों/मार्गो पर स्थापित सी0सी0टी0वी0 कैमरा के क्रियाशील होने की स्थिति का सत्यापन कराना सुनिश्चित करें।

2. दिनांक 09.11.2022 तक आई0जी0आर0एस0 के अन्तर्गत कानपुर मण्डल में मुख्यमंत्री सन्दर्भ के 14 प्रकरण डिफाल्टर श्रेणी से आच्छादित है। मण्डलायुक्त द्वारा आगामी 03 दिवस में समस्त डिफाल्टर सन्दर्भो को निस्तारित करने के निर्देश दिये गये। जनपद कानपुर देहात और कन्नौज में डिफाल्टर श्रेणी में एक भी प्रकरण नहीं है। समस्त अधिकारियों से कार्यालय दिवस में प्रातः 10ः00 बजे से 12ः00 बजे तक जनता की सुनवाई के उपस्थित होने के निर्देश दिये गये।

3. शासन के निर्देशानुसार ससमय समस्त मार्गों का गढड़ामुक्त किये जाने की समीक्षा की गयी। मुख्य अभियन्ता पी0डब्लू0डी0 द्वारा अवगत कराया गया कि मण्डल में पैच मरम्मत के 4631.98 कि0मी0, नवीनीकरण के 801.24 कि0मी0 व विशेष मरम्मत के 673.63 कि0मी0 लक्ष्य के सापेक्ष क्रमशः 3194.62 कि0मी0, 301.29 कि0मी0 व 203.17 कि0मी0 की क्रमिक प्रगति प्राप्त कर ली गयी है। मण्डलायुक्त ने गड्ढा मुक्त कराये गये सड़कों के दिनांक 15.11.2022 तक शत-प्रतिशत सत्यापन के निर्देश दिये गये तथा मण्डल स्तर पर 02-02 टीमें गठित कर रैण्डम सत्यापन के भी निर्देश दिये गये।

4. क्षेत्रीय खाद्य नियन्त्रक द्वारा अवगत कराया गया कि धान क्रय केन्द्र हेतु मण्डल में लक्षित 239 केन्द्रों के सापेक्ष 174 केन्द्र स्थापित कर लिये गये है एवं 02 केन्द्रों पर खरीद प्रारम्भ हो चुकी है। मण्डल के लक्ष्य 367000 मी0टन के सापेक्ष अद्यतन 40.84 मी0टन की खरीद की जा चुकी है। इसी प्रकार बाजरा में 7000 मी0टन लक्ष्य के सापेक्ष 442.15 मी0टन खरीद हो चुकी है, जबकि मक्के में खरीद प्रारम्भ नहीं हुयी है। निर्धारित समस्त केन्द्रों पर पूर्ण क्षमता के साथ धान क्रय किया जाए। ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कृषकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़ें।

5. पी0एम0स्वनिधि एवं डिजिटल ट्रांजेक्शन के अन्तर्गत समीक्षा में पाया गया कि द्वितीय ऋण वितरण की प्रगति जनपद कानपुर देहात में 70.38 प्रतिशत व इटावा 76.07 प्रतिशत कम है, जबकि डिजटली एक्टिव स्ट्रीट वेण्डर की प्रगति जनपद कानपुर नगर में 35 प्रतिशत को छोड़कर अन्य जनपदांें में अपेक्षाकृत कम है। मण्डलायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि राज्य औसत से अधिक प्रगति सुनिश्चित करायी जाय।

6. अपर निदेशक पशुपालन द्वारा अवगत कराया गया कि वृहद गोवंश संरक्षण स्थलों में मण्डल में अभी भी 05 केन्द्र निर्माणाधीन है, जो कानपुर नगर में ग्राम खोदन वि0ख0 शिवराजपुर, कानपुर देहात में ग्राम जगदीशपुर वि0ख0 मलासा, ग्राम जेसलपुर महादेवा, वि0ख0 राजपुर, इटावा में ग्राम थरी वि0ख0 भरथना व औरैया में ग्राम रजुआमऊ, वि0ख0 अछल्दा हैं। उपस्थित सम्बन्धित जिलाधिकारियों द्वारा माह दिसम्बर, 2022 तक पूर्ण कराने का आश्वासन दिया गया। मण्डलायुक्त द्वारा निर्देश दिये गये कि गोवंश का ठण्ड से बचाव हेतु अभी से सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाय। लम्पी रोग से ग्रसित पशुओं के उपचार में शिथिलता नहीं बरती जाए। अतिरिक्त टीमे लगाकर प्रभावित क्षेत्र में शत-प्रतिशत पशुओं का टीकाकरण कराया जाए।

7. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों के अन्तर्गत डेंगू एवं अन्य संक्रामक रोग से बचाव, हेल्थ ए0टी0एम0, आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड व हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर हेतु भूमि की उपलब्धता के सम्बन्ध में समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये गये। संक्रमक रोग के प्रसार को देखते हुए, इसके रोकथाम हेतु जन सामान्य को जागरुक करें। घर-घर लार्वारोधी दवाओं का छिड़काव कराया जाए। मरीजों को उचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराया जाए। प्रधानमंत्री जन अरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड बनाए जाने की अपेक्षित प्रगति न होने पर खेद व्यक्त करते हुए अपर निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य को निर्देशित किया गया कि मासान्त तक 35 प्रतिशत लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड से आच्छादित कर दिया जाए। संस्थागत प्रसव तथा गोल्डेन कार्ड में अपेक्षित प्रगति हेतु आशाओं का दायित्व निर्धारित करते हुए अपेक्षित प्रगति करने के निर्देश दिए गए।

8. संयुक्त निदेशक कृषि एवं जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि फसल अवशेष जलाए जाने की घटना कहीं भी प्रकाश में न आए, साथ ही पराली प्रबन्धन के दृष्टिगत नियमित समीक्षा की जाय। संयुक्त निदेशक कृषि यह देख ले कि मण्डल में कहीं भी उर्वरक की कमी न रहे।

9. बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत आपरेशन कायाकल्प, डी0बी0टी0 के माध्यम से प्रति छात्र भुगतान, पाठ्य पुस्तकों का वितरण व गोद लिये विद्यालयों की प्रगति के सम्बन्ध में समीक्षा की गयी एवं आवश्यक निर्देश दिये गये। आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत असंतृप्त विद्यालयों की संख्या कानपुर देहात में 309, कन्नौज 302, औरैया 271, कानपुर नगर 268, फर्रूखाबाद 217 व इटावा 46 है। इसी प्रकार डी0बी0टी0 के माध्यम से लक्ष्य के सापेक्ष भुगतान की स्थिति कानपुर नगर में 54.23 प्रतिशत, कन्नौज 62.47 प्रतिशत, फर्रूखाबाद 65.60 प्रतिशत, औरैया 66.79 प्रतिशत, कानपुर देहात 68.04 प्रतिशत व इटावा 69.59 प्रतिशत है।

10. पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में 5000 से अधिक आबादी वाले ग्रामों को मॉडल ओ0डी0एफ0 प्लस ग्रामों में वित्तीय प्रगति, जनपद स्तर पर प्रस्तावित प्रशिक्षण, वर्ष 2022-23 के अन्त्येष्टि स्थल निर्माण हेतु ग्राम पंचायत चयन तथा क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत द्वारा व्यय धनराशि की समीक्षा की गयी। उप निदेशक पंचायत द्वारा अवगत कराया गया कि एस0एल0डब्लू0एम0 के अन्तर्गत मण्डल को धनराशि रू0 87.24 करोड़ प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष व्यय मात्र 3.54 करोड़ हुआ है। इसी प्रकार जनपद कानपुर देहात व फर्रूखाबाद में प्रशिक्षण कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। अन्त्येष्टि स्थल निर्माण हेतु जनपद औरैया व फर्रूखाबाद से प्रस्ताव अप्राप्त है। क्षेत्र पंचायत के अन्तर्गत जनपद कानपुर नगर में व्यय मात्र 14.54 प्रतिशत है, जो मण्डल में सबसे कम है। इसी प्रकार जिला पंचायतों में जनपद कानपुर देहात की वित्तीय प्रगति 16.41 प्रतिशत व इटावा की प्रगति 17.19 प्रतिशत है। मण्डलायुक्त के द्वारा एस0एल0डब्लू0एम0 व क्षेत्र/जिला पंचायत की वित्तीय प्रगति बढ़ाने के साथ-साथ जनपद कानपुर देहात व फर्रूखाबाद में प्रशिक्षण तत्काल प्राारम्भ कराये जाने व जनपद औरैया व फर्रूखाबाद से अन्त्येष्टि स्थल के प्रस्ताव प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये।

11. आज की इस मण्डलीय बैठक में सभी कार्यक्रमों की समीक्षा में जनपदों द्वारा औसत प्राप्तांक के आधार पर रैंकिंग निर्धारित की गयी, जिसमें जनपद फर्रूखाबाद प्रथम 96.54 प्रतिशत, इटावा द्वितीय 96.08 प्रतिशत, औरैया तृतीय 94.04 प्रतिशत, कन्नौज चतुर्थ 92.94 प्रतिशत, कानपुर नगर पांचवा 92.69 प्रतिशत व कानपुर देहात 91.82 प्रतिशत अन्तिम स्थान पर है।

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समाचार कानपुर से

कानपुर समाचार

ख़ाकी ने किया दुष्कर्मी को बचाने के लिए फेर बदल

पीड़ित पिता ने बताया की बेटी के साथ गाँव के ही रहने वाले दबंग ने किया था खेत में दुष्कर्म

वही न्याय की आश लेकर थाने पहुँची पीड़िता की नही हुई कोई सुनवाई

शर्म के मार से पीड़िता ने कर लिया था आत्महत्या

 

पीड़ित पिता ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाज़ा

मुक़दमा पंजीकृत होने पर नही हो रही कोई कार्यवाही

पीड़ित ने बताया की ख़ाकी कर रही समझौते का प्रयास

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*स्वास्थ्य विभाग को ठेंगा दिखाकर खुली चुनौती दे रहा है कल्याणपुर स्थित श्री राम हॉस्पिटल हॉस्पिटल का संचालक नहीं मानता अधिकारियों का आदेश*

*बीती 15 अक्टूबर को सीएमओ ने किया था अस्पताल का लाइसेंस निरस्त*

*अभी तक स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अस्पताल में जाकर नहीं की कोई कार्रवाई*

*लाइसेंस निरस्त होने के बाद भी लगातार अस्पताल में हो रहे मरीज भर्ती*

*स्वास्थ विभाग की छत्रछाया व आशीर्वाद में फल फूल रहा है है अवैध रूप से श्री राम हॉस्पिटल अस्पताल*

*श्री राम हॉस्पिटल संचालक सौरभ कटियार लखनऊ की पहुँच व धौंस दिखा कर चला रहा है अस्पताल*

*आखिर कौन है इसका जिम्मेदार ?????*

योगी सरकार को दे रहे हैं अस्पताल संचालक सौरभ कटियार चुनौती

*दंभ में चूर निरंकुश हॉस्पिटल संचालक को नहीं है स्वास्थ्य विभाग का कोई डर*

जिला प्रशासन क्यों नहीं कर रहा है कोई कार्रवाई

*कल्याणपुर थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर मे अवैध रूप से बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा है श्री राम हॉस्पिटल*

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अग्निवीर परीक्षा में फर्जी अभ्यर्थी हुआ गिरफ्तार

दूसरे के डॉक्यूमेंट लेकर पहुंचा था अभ्यर्थी

अलीगढ़ का रहने वाला आबिद खान गिरफ्तार

बायोमेट्रिक जांच के दौरान पकड़ा गया आबिद

अरमापुर थाने में जालसाजी की धाराओं में दर्ज हुआ मामला
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बुजर्ग महिलाओं के साथ हुई चैन लूट।

इटावा से कानपुर बेटी के घर आई थी बुजुर्ग महिलाएं।

बैट्री रिक्शे पर हुई चैन लूट,,तीन महिलाओं ने की चैन लूट।

रिक्शा चालक ने महिलाओं को पकड़ा।

मौके से लूटी हुई चैन हुई बरामद।

क्षेत्रीय लोगों ने महिलाओं को पकड़कर पुलिस को दिया।

मामला कल्यानपुर थाना क्षेत्र के पुराना शिवली रोड का।

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पुलिस की चौकी ही नही सुरक्षित तो आम जनता का क्या होगा

कानपुर 10 अक्टूबर भारतीय स्वरूप संवाददाता,  जब पुलिस की चौकी ही नही सुरक्षित तो आम जनता की कैसे होगी सुरक्षा।_

थाना बिधनू अंतर्गत न्यू आजाद नगर चौकी में बीती रात चोरों ने चोरी की वारदात को दिया अंजाम चुरा ले गए सरकारी पिस्टल और कपड़े का बॉक्स

सुबह सूचना मिलते ही कप्तान सहित आला अधिकारी/फोरेंसिक सहित आनन फानन में पहुंचे।

आस पास के क्षेत्रों से सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस।

घटना के वक्त चौकी प्रभारी सुधाकर पांडेय चौकी में ही थे मौजूद किए गए निलंबित।

पुलिस जांच पड़ताल में जुटी

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मेडिकल माफियाओं का फैलता संजाल कानून व्यवस्था के लिए एक नयी चुनौती -डॉ.दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)

शिक्षा और भूमि के बाद अब मेडिकल माफियाओं का फैलता संजाल कानून व्यवस्था के लिए एक नयी चुनौती बनकर उभरा है| इसके लिए देश की लचर एवं अदूरदर्शी स्वास्थ्य नीतियाँ ही सर्वाधिक जिम्मेदार हैं| वहीँ सरकारी तन्त्र में व्याप्त भ्रष्टाचार कडुवे करेले को नीम का सम्बल प्रदान कर रहा है| हाल ही में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तथा उड़ीसा के बरहामपुर में मेडिकल माफियाओं के विरुद्ध हुई पुलिसिया कार्रवाई से इस बात को भलीभांति समझा जा सकता है| गोरखपुर के मेडिकल माफिया पर फर्जी दस्तावेज के सहारे मेडिकल कालेज चलाने का आरोप है तो उड़ीसा में एक ऐसा गैंग पुलिस द्वारा पकड़ा गया है जो सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों को बहला-फुसला कर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने के लिए प्रेरित करता था| जिसके बदले प्राइवेट अस्पतालों से उन्हें दलाली के रूप में मोटी रकम मिलती थी| ऐसे मेडिकल माफिया मात्र गोरखपुर और बरहामपुर में ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने में फैले हुए हैं| जो अपनी तिजोरी भरने के लिए सदैव आम जन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करते हैं| मानक को ताक पर रखकर गली-गली चल रहे नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से चिकित्सा सेवा के नाम पर जो कुछ कर रहे हैं वह भी अब धीरे-धीरे उजागर होने लगा है| अनगिनत झोलाछाप डॉक्टर और फार्मासिस्ट स्वयं का नर्सिंग होम खोलकर बैठे हैं और सुबह-शाम डॉक्टर बनकर ओपीडी करते हैं| जिससे इनके झांसे में आने वाले आम जन का जीवन संकट में पड़ना स्वाभाविक है| यह सर्वविदित है कि लगभग सभी सरकारी डॉक्टर अपना छोटा-बड़ा नर्सिंग होम चलाते हैं| लेकिन अब तो सरकारी अस्पतालों के फार्मासिस्ट एवं कर्मचारी तक भी अपना-अपना निजी अस्पताल खोले हुए हैं| जहाँ मानक की धज्जियाँ उड़ती हुई कभी भी देखी जा सकती हैं| ज्यादातर ने अपने यहाँ मानक विहीन ट्रामा सेंटर, आई.सी.यू. (इंटेंसिव केयर यूनिट) तथा एन.आई.सी.यू.(नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) तक खोल रखा है| जिसके नाम पर गम्भीर मरीजों से पहले तो जमकर वसूली होती है और जब मरीज की हालत ज्यादा अधिक गम्भीर हो जाती है तब उनके परिजनों से कहीं और ले जाने के लिए कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है| इस परिस्थिति में दो-चार प्रतिशत सौभाग्यशाली मरीजों को छोड़कर शेष की मृत्यु हो जाना सुनिश्चित है| मरीज की मृत्यु से आहत परिजन यदि हंगामा करते हैं तो कानून के रक्षक अस्पतालों की सुरक्षा में तटस्थ नजर आते हैं| परिणामस्वरूप परिजनों को अपने मरीज की मृत्यु को विधि का लेख मानकर सन्तोष करना पड़ता है और मेडिकल माफिया फिर नये शिकार की प्रतीक्षा में लग जाते हैं| कुछ जागरूक परिजन यदि इलाज में हुई लापरवाही की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से करते हैं तो जाँच के नाम पर उन्हें परेशान करते हुए शासनादेश संख्या 13-1/97-का-1/97 का हवाला देकर शिकायत से सम्बन्धित शपथ-पत्र एवं साक्ष्य के साथ बयान देने हेतु उपस्थित होने का निर्देश दिया जाता है| जो एक सामान्य व्यक्ति के लिए दुरूह कार्य जैसा है| इसलिए कई शिकायतकर्ता जाते ही नहीं हैं| तो कई पर अस्पताल से जुड़े लोग साम, दाम एवं दण्ड की नीति अपनाकर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाते हैं और प्रायः सफल भी होते हैं| दोनों ही मामलों में अपस्ताल सञ्चालकों पर लगाये गये आरोप फर्जी सिद्ध करते हुए उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया जाता है| जो शिकायतकर्ता शपथ-पत्र, साक्ष्य और बयान देने हेतु पहुँच भी जाते हैं| उन्हें तरह-तरह के पश्नों और दलीलें देकर हतोत्साहित करने का प्रयास होता है| मसलन ‘आप उस अपस्ताल में गये ही क्यों?’, ‘आपने उस अपस्ताल के डाक्टरों की डिग्री देखे बिना उनसे इलाज क्यों शुरू करवाया?’, ‘आपके मरीज की रिपोर्ट देखकर लगता है कि उनकी हालत बहुत ख़राब थी लेकिन उनका इलाज जितना हुआ है वह सही हुआ है|’ या ‘उनकी उम्र बहुत ज्यादा थी’ आदि बेतुके सवालों और कुतर्कों के माध्यम से अस्पताल संचालकों को बचाने का पूरा प्रयास किया जाता है| ऐसे में मेडिकल माफियाओं के हौंसले बुलन्द होना स्वाभाविक है|
जहाँ तक निजी अस्पतालों के मानक की बात है तो जानकारों के मुताबिक प्रति 20 बेड वाले अस्पताल में कम से कम एक एमबीबीएस डॉक्टर चौबीस घण्टे उपलब्ध रहना चाहिए| नर्सें भी जीएनएम (जनरल नर्सिग एण्ड मिडवाईफरी) की उपाधि प्राप्त होनी चाहिए| आपरेशन थियेटर में कम से कम एक ओटी टेक्नीशियन चौबीस घण्टे होना अनिवार्य है| इसी प्रकार आई.सी.यू. और एन.आई.सी.यू. में पूर्ण प्रशिक्षित डाक्टरों की टीम चौबीस घण्टे उपलब्ध रहना चाहिए| जिसमें एक बेहोशी का डॉक्टर अर्थात एनेस्थेटिस्ट होना आवश्यक है| लेकिन महज कुछ निजी अस्पतालों को छोड़ दें तो शायद ही कोई ऐसा नर्सिंग होम हो जो उपरोक्त कसौटी पर खरा उतरे| लेकिन चिकित्साधिकारियों की दृष्टि में शत-प्रतिशत अस्पताल पूर्ण मानक के साथ चल रहे हैं| स्वास्थ्य विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि जब भी कोई हमारे पास सम्पूर्ण कागजी औपचारिकताओं के साथ नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन करवाने आता है तो हमारी मजबूरी है कि हमें उसका रजिस्ट्रेशन करना पड़ेगा| इससे सिद्ध होता है कि स्वास्थ्य विभाग की दृष्टि में प्रत्येक अस्पताल कागजी रूप से सभी मानकों से युक्त है| लेकिन यह सुनिश्चित कौन करेगा कि व्यावहारिक धरातल पर भी सम्पूर्ण मानकों के अनुसार सभी नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं? आम आदमी चिकित्साधिकारियों के उस भरोसे पर ही अपना इलाज करवाने किसी निजी अस्पताल में जाता है कि न केवल उसका रजिस्ट्रेशन सभी आवश्यक मानकों को पूरा करने के बाद ही किया गया है बल्कि चिकित्साधिकारियों की सतत निगरानी में उसका सञ्चालन भी मानक के अनुरूप हो रहा है| क्या यह व्यावहारिक रूप से सम्भव है कि मरीज इलाज करवाने से पहले डाक्टरों की डिग्री चेक करे? कदाचित कोई ऐसा प्रयास करे भी तो वह यह कैसे सुनिश्चित करेगा कि उसे जो डिग्री दिखाई जा रही है वह फर्जी है या असली है| गोरखपुर का मेडिकल माफिया फर्जी दस्तावेज दिखाकर ही तो मेडिकल छात्रों के एडमीशन ले रहा था और छात्र उन दस्तावेजों को असली समझकर अपना एडमीशन करवा रहे थे| इससे सिद्ध होता है कि दस्तावेज की जाँच एक एक्सपर्ट ही कर सकता है न कि कोई सामान्य व्यक्ति| शायद इसीलिए विशेषज्ञों की पूरी टीम चिकित्साधिकारियों के रूप में तैनात की जाती है| लेकिन दुर्भाग्य से वह टीम मौका पड़ने पर अपने नकारेपन और लापरवाही का ठीकरा आम आदमी के सर फोड़कर मेडिकल माफियाओं को बचाने का पूरा प्रयास करती है| सरकारी अस्पताल के डाक्टरों, फार्मासिस्टों या अन्य कर्मचारियों द्वारा सञ्चालित निजी अस्पतालों के किसी भी दस्तावेज में उक्त डॉक्टर, फार्मासिस्ट या कर्मचारी का नाम नहीं होता है| जबकि व्यावहारिक रूप से वही उसके वास्तविक सञ्चालक एवं मुख्य चिकित्सक होते हैं| आम आदमी उन्हीं को डॉक्टर मानकर इलाज करवाने जाता है| ऐसे अस्पतालों में हुई लापरवाही की शिकायत प्रायः उसी तथाकथित सञ्चालक के नाम पर होती है और होनी भी चाहिए| तब जाँच दल यह कहते हुए पल्ला झाड़ने का प्रयास करते हैं कि क्या करें हमें कोई डाक्यूमेंट्री प्रूफ नहीं मिला| जबकि यदि वह गंभीरतापूर्वक जाँच करते हुए वहाँ भर्ती मरीजों से पूंछतांछ करें, वहाँ के पुराने मरीजों तथा अस्पताल के आसपास रहने वालों से जानकारी करें तो उन्हें इस बात का व्यावहारिक प्रूफ सहजता से मिल जायेगा कि अस्पताल का वास्तविक डॉक्टर एवं सञ्चालक कौन है| निजी अस्पतालों की एक और विशेषता है कि उनका मेडिकल स्टोर भी उसी परिसर में होता है| वहाँ की दवा बाहर के किसी मेडिकल स्टोर पर नहीं मिलती है| एक्सरे, एम्.आर,आई, से लेकर ब्लड जाँच तक यदि बाहर से करवानी है तो वह भी उन्हीं की बताई पैथालाजी या जाँच सेंटर में होगी| अन्य कहीं की जांच रिपोर्ट स्वीकार्य नहीं होती| कुल मिलाकर चिकित्सा सेवा के नाम पर चारो तरफ लूट मची हुई है| लचर एवं अदूरदर्शी स्वास्थ्य नीतियों तथा चिकित्साधिकारियों की कृपा से मेडिकल माफियाओं का साम्राज्य सतत रूप से देश भर में अपनी जड़े जमा रहा है| लेकिन इस पर नियन्त्रण लगाने का कहीं कोई प्रयास होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है| सिर्फ एक उम्मीद की किरण स्थाई लोक अदालतों से आती हुई अवश्य दिखाई देती है| यदि आपके साथ इलाज में कहीं कोई लापरवाही या अनावश्यक धन उगाही हुई है तो आप अपने जिला न्यायालय परिसर में स्थित स्थाई लोक अदालत जा सकते हैं| जहाँ कम से कम औपचारिकताओं में निःशुल्क एवं त्वरित न्याय आपको प्राप्त होगा|

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पूर्वोत्तर और सिक्किम में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के 3 दिवसीय समीक्षा कार्यक्रम के दौरान, नितिन गडकरी ने परियोजनाओं से जुड़े मुद्दों और उनकी प्रगति पर विचार-विमर्श किया

पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के अपने 3-दिवसीय समीक्षा कार्यक्रम के पहले दिन; केंद्रीय मंत्री  नितिन गडकरी ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वी.के. सिंह तथा मंत्रालय और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों तथा ठेके लेने वाली कंपनियों के साथ असम, मेघालय, सिक्किम और नगालैंड में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।

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भूमि अधिग्रहण के मुद्दों, चल रही परियोजनाओं की प्रगति, प्रस्तावित परियोजनाएँ, नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग, विवाद और मध्यस्थता तथा संभावित वित्तीय हस्तक्षेप आदि से संबंधित मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई।

श्री गडकरी ने विलम्ब के कारणों को समझने के लिए 4 राज्यों में विलंबित परियोजनाओं की भी समीक्षा की और उनके समाधान के लिए विशेष निर्देश जारी किए।

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श्री गडकरी ने सभी अधिकारियों को परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों में शीर्ष श्रेणी की परिवहन अवसंरचना विकसित करने के लिए केंद्र और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय तथा साझेदारी के महत्व पर जोर दिया।

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प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में चिकित्सा शिक्षा के नए युग की सराहना की

प्रधानमंत्री मोदी ने जम्‍मू-कश्‍मीर में चिकित्‍सा शिक्षा के नए युग की सराहना की है। प्रधानमंत्री ने 20 जिला सरकारी अस्पतालों में 265 डीएनबी स्नातकोत्तर मेडिकल सीटें मंजूर करने के सरकारी फैसले की सराहना की और कहा कि यह जम्मू व कश्मीर में युवाओं को सशक्त बनाने एवं चिकित्सा अवसंरचना को और ज्‍यादा मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया के एक ट्वीट को साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया;

‘यह जम्मू व कश्मीर में युवाओं को सशक्त बनाने एवं चिकित्सा अवसंरचना को और ज्‍यादा मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है !’

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कोयला मंत्रालय ने कोयला क्षेत्र में अवसरों के लिए निवेशक सम्मेलन आयोजित किया

कोयला मंत्रालय ने आज इंदौर में पहली बार निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया। केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने इस सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस अवसर पर सांसद श्री शंकर लालवानी उपस्थित थे।

प्रल्हाद जोशी ने इस बात को दोहराया कि कोयले की मांग कम से कम अगले 25-30 वर्षों तक बनी रहेगी और वर्तमान में भारत में प्रति व्यक्ति बिजली की खपत दुनिया के कुछ अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं में प्रति व्यक्ति खपत का दसवां हिस्सा भी नहीं है। अनुमान है कि वर्ष 2040 तक प्रति व्यक्ति यह खपत दोगुनी हो जाएगी जिसके लिए कोयले की आवश्यकता होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वर्तमान सरकार का ध्यान बेहतर तकनीकी प्रक्रियाओं को अपनाकर शुद्ध शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला देश बनने पर है। कोयला मंत्रालय में सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने कोयला उद्योग को समर्थन देने के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराया और यह बताया कि संभावित बोलीदाताओं द्वारा अपेक्षित किसी भी प्रकार की सहायता देने के लिए कोयला मंत्रालय तत्पर है। कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल ने कोयला क्षेत्र के कंपनियों को समर्थन देने हेतु विभिन्न पहल करने और इस तरह भारत को कोयले के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिकोण में योगदान देने के मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। अपर सचिव एवं मनोनीत प्राधिकारी, श्री एम. नागराजू ने मंच को कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला नीलामी की प्रक्रिया में सुधार लाकर इसे आकर्षक और अपेक्षाकृत अधिक निवेशक अनुकूल बनाने के लिए किए गए सुधारों के बारे में बताया। सीएमपीडीआईएल के सीएमडी श्री मनोज कुमार ने अब तक की सबसे बड़ी नीलामी प्रक्रिया में पेश किए जा रहे कोयला ब्लॉकों के तकनीकी विवरण से संबंधित एक प्रस्तुति दी और एसबीआई कैपिटल मार्केट्स के उपाध्यक्ष श्री शुभम गोयल ने नीलामी प्रक्रिया के नियमों एवं शर्तों के संबंध में एक प्रस्तुति दी। कोयला मंत्रालय ने पहले पांच चरणों में 64 कोयला खदानों की सफल नीलामी पूरी कर ली है। मंत्रालय ने व्यावसायिक नीलामी के छठे दौर के तहत 133 कोयला खदानों और व्यावसायिक नीलामी के पांचवें चरण के दूसरे प्रयास के तहत उन 8 कोयला खदानों की नीलामी की प्रक्रिया भी शुरू की, जहां पहले प्रयास में एकल बोलियां प्राप्त हुई थीं।

नीलामी प्रक्रिया की प्रमुख विशेषताओं में अग्रिम राशि एवं बोली की जमानत राशि में कमी, आंशिक रूप से खोजे गए कोयला खदानों के मामले में कोयला खदान के हिस्से को छोड़ने की अनुमति, राष्ट्रीय कोयला सूचकांक एवं राष्ट्रीय लिग्नाइट सूचकांक की शुरुआत, बिना किसी प्रवेश संबंधी बाधाओं के भागीदारी में आसानी, कोयले के उपयोग में पूर्ण लचीलापन, अनुकूलित भुगतान संरचना, शीघ्र उत्पादन के लिए प्रोत्साहन के माध्यम से दक्षता संवर्धन और स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी का उपयोग शामिल हैं।

निविदा दस्तावेज की बिक्री 03 नवंबर, 2022 को शुरू हुई। खदानों का विवरण, नीलामी की शर्तें, समय-सीमा आदि की जानकारी एमएसटीसी की नीलामी से संबंधित प्लेटफॉर्म पर देखी जा सकती है। प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर एक पारदर्शी दो-स्तरीय प्रक्रिया के माध्यम से नीलामी ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, जोकि कोयला खदान की व्यावसायिक नीलामी के लिए कोयला मंत्रालय का एकमात्र लेनदेन सलाहकार है, नीलामी के संचालन में कोयला मंत्रालय की सहायता कर रहा है।

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गृह मंत्री अमित शाह नई दिल्ली में देशभर के इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की

बैठक में काउंटर टेररिज़्मकट्टरवाद से खतरेसाइबर सुरक्षा संबंधित मुद्दों, सीमा से जुड़े पहलुओं और राष्ट्र की अखंडता और स्थिरता को सीमा पार से विरोधी तत्वों के खतरों सहित राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन व्यापक विचार विमर्श हुआ

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार सुरक्षा के सभी पहलुओं को मजबूत कर राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज़ादी से अब तक देश में शांति बनाए रखने में बिना किसी यश के गुमनाम तरीके से आईबी ने बेहद अहम योगदान दिया है

हमारी लड़ाई आतंकवाद के साथ-साथ इसके सपोर्ट सिस्टम के साथ भी है, जब तक हम इन दोनों के खिलाफ सख्ती से नहीं लड़ते तब तक आतंकवाद पर जीत हासिल नहीं हो सकती

राज्यों की आतंकवाद-रोधी और ड्रग्स-रोधी ऐजेंसियों के बीच संपर्क बढ़ाने और सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत

वामपंथी उग्रवाद पर काबू पाने के लिए उसके फायनेंशियल और लॉजिस्टिकल सपोर्ट सिस्टम को खत्म करने की ज़रूरत है

हमें देश की कोस्टल सिक्योरिटी को भी अभेद्य बनाना होगा, इसके लिए सबसे छोटे और सबसे आइसोलेटेड पोर्ट पर भी हमारी पैनी नजर होनी चाहिए

नारकोटिक्स न सिर्फ देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करता है बल्कि इससे कमाया गया पैसा देश की आतंरिक सुरक्षा को भी प्रभावित करता है, इसलिए इसके समूल नाश के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में देशभर के इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और देश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। बैठक में काउंटर टेररिज़्म, कट्टरवाद से खतरे, साइबर सुरक्षा संबंधित मुद्दों, सीमा से जुड़े पहलुओं और राष्ट्र की अखंडता और स्थिरता को सीमा पार से विरोधी तत्वों के खतरों सहित राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन व्यापक विचार विमर्श हुआ।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार सुरक्षा के सभी पहलुओं को मजबूत कर राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है और पिछले 8 वर्षों में देश की आंतरिक सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज़ादी से अब तक देश में शांति बनाए रखने में बिना किसी यश के गुमनाम तरीके से आईबी ने बेहद अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद के साथ-साथ इसके सपोर्ट सिस्टम के साथ भी है, जब तक हम इन दोनों के खिलाफ सख्ती से नहीं लड़ते तब तक आतंकवाद पर जीत हासिल नहीं हो सकती।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने राज्यों की आतंकवाद-रोधी और ड्रग्स-रोधी ऐजेंसियों के बीच संपर्क बढ़ाने और सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि वामपंथी उग्रवाद पर काबू पाने के लिए उसके फायनेंशियल और लॉजिस्टिकल सपोर्ट सिस्टम को खत्म करने की ज़रूरत है।

गृह मंत्री ने कहा कि हमें देश की तटीय सुरक्षा को भी अभेद्य बनाना होगा और इसके लिए सबसे छोटे और सबसे आइसोलेटेड पोर्ट पर भी हमारी पैनी नजर होनी चाहिए। श्री शाह ने कहा कि नारकोटिक्स न सिर्फ देश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करता है बल्कि इससे कमाया गया पैसा, देश की आतंरिक सुरक्षा को भी प्रभावित करता है, इसीलिए इसके समूल नाश के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सीमापार से ड्रोन के माध्यम से हो रही मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए हमें ड्रोन-विरोधी तकनीक का अधिकतम उपयोग करना होगा।

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