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Bharatiya Swaroop

भारतीय स्वरुप एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र है। सम्पादक मुद्रक प्रकाशक अतुल दीक्षित (published from Uttar Pradesh, Uttrakhand & maharashtra) mobile number - 9696469699

स्ट्रीट वेंडरों के लिए विशेष रूप से मोबाइल ऐप डिजाइन किया गया

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने 1 जून, 2023 को स्ट्रीट वेंडरों के लिए पीएम स्वनिधि का मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। मोबाइल ऐप की मदद से, स्ट्रीट वेंडर पीएम स्वनिधि योजना के तहत ऋण और अनुशंसा पत्र (एलओआर) के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्ट्रीट वेंडर उनके ऋण आवेदन की स्थिति और कैशबैक के विवरण की भी जांच कर सकता है।

आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के दिनांक 26 अप्रैल, 2022 के निर्णय के अनुसार, दिसंबर 2024 तक पीएम स्वनिधि योजना के तहत पहले, दूसरे और तीसरे ऋण के लिए निर्धारित लक्ष्य क्रमशः 42 लाख, 12 लाख और 3 लाख है।

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना स्ट्रीट वेंडरों को अपना व्यवसाय फिर से शुरू करने के लिए कोलेटरल फ्री कार्यशील पूंजी ऋण की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। 20 जुलाई, 2023 तक इस योजना ने 38.53 लाख स्ट्रीट वेंडरों को 50.63 लाख ऋण सफलतापूर्वक वितरित किए हैं, जिनकी राशि 6,492.02 करोड़ रुपये है।

पीएम स्वनिधि योजना शहरी क्षेत्रों में वेंडिंग करने वाले सभी स्ट्रीट वेंडरों के लिए उपलब्ध कराई गई है। इसके अलावा, योजना के तहत ऋण देने की अवधि को मार्च 2022 से दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इससे अधिक से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को योजना के दायरे में लाने में मदद मिलेगी।

पीएम स्वनिधि योजना के तहत ‘स्वनिधि से समृद्धि’ घटक, लाभार्थियों के परिवारों के रहन-सहन की स्थितियों में सुधार के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए 04 जनवरी, 2021 को शुरू किया गया।

यह लाभार्थियों के परिवारों को उनके समग्र विकास और सामाजिक-आर्थिक उत्थान को लक्षित करते हुए भारत सरकार की मौजूदा आठ कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ता है। इन योजनाओं में पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना, पीएम जन धन योजना, वन नेशन वन राशन कार्ड, पीएम श्रम योगी मानधन योजना, भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों (बीओसीडब्ल्यू) के तहत पंजीकरण, जननी सुरक्षा योजना और पीएम मातृ वंदना योजना शामिल हैं।

यह जानकारी आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने सेवा शुल्क से संबंधित अपने निर्देशों का पालन न करने पर रेस्तरां और होटल एसोसिएशनों पर 1,00,000 रुपये का जुर्माना लगाया

माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई, 2023 को आदेश पारित कर नेशनल रेस्‍टोरेंट  एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्‍टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) को 12 अप्रैल , 2023 के अपने आदेश के अनुसार निर्देशों का पूर्ण गैर-अनुपालन करने पर जुर्माने के रूप में प्रत्येक को 1,00,000 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। माननीय न्यायालय के निर्देश के अनुसार जुर्माने का भुगतान भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग को किया जाएगा ।

उल्लेखनीय है कि 12 अप्रैल, 2023 के आदेश के अनुसार न्यायालय ने निर्देश दिया था कि:-

(i) दोनों एसोसिएशन 30 अप्रैल 2023 तक अपने सभी सदस्यों की पूरी सूची दाखिल करेंगे जो वर्तमान रिट याचिकाओं का समर्थन कर रहे हैं।

(ii) दोनों एसोसिएशन निम्नलिखित पहलुओं पर अपना पक्ष रखेंगे और एक विशिष्ट हलफनामा दायर करेंगे: –

(ए) उन सदस्यों का प्रतिशत जो अपने बिलों में अनिवार्य शर्त के रूप में सेवा शुल्क लगाते हैं

(बी) क्या एसोसिएशन को सेवा शुल्क शब्द को वैकल्पिक शब्दावली से बदलने पर आपत्ति होगी ताकि उपभोक्ता के मन में यह भ्रम पैदा न हो कि यह ‘कर्मचारी कल्याण निधि’, ‘कर्मचारी कल्याण अंशदान’, ‘कर्मचारी शुल्क’, ‘कर्मचारी कल्याण शुल्क’ आदि जैसी सरकारी लेवी नहीं है।

(सी) उन सदस्यों का प्रतिशत जो सेवा शुल्क को स्वैच्छिक और अनिवार्य नहीं बनाने के इच्छुक हैं, उपभोक्ताओं को उस सीमा तक अपना अंशदान देने का विकल्प दिया जाता है, जिस सीमा तक वे स्वेच्छा से अधिकतम प्रतिशत के अधीन जो शुल्क चाहते हैं, उसकी वसूली की जा सकती है।

रेस्तरां संघों को उपर्युक्त निर्देशों के अनुसार आवश्यक अनुपालन करना आवश्यक था। हालांकि, किसी भी एसोसिएशन ने उक्त आदेश के संदर्भ में हलफनामा दाखिल नहीं किया।

न्यायालय ने कहा कि यह स्पष्ट धारणा है कि रेस्तरां संघ 12 अप्रैल, 2023 के आदेशों का पूरी तरह से पालन नहीं कर रहे हैं और उन्होंने उत्तरदाताओं को उचित रूप से सेवा दिए बिना हलफनामा दायर किया है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सुनवाई अदालत के समक्ष आगे न बढ़े।

न्यायालय ने प्रत्येक याचिका में लागत के रूप में 1,00,000/- रुपये के भुगतान की शर्त पर 4 दिनों के भीतर इन हलफनामों को ठीक से दाखिल करने का एक आखिरी मौका दिया, जिसका भुगतान वेतन और लेखा कार्यालय, उपभोक्ता मामले विभाग, नई दिल्ली को डिमांड ड्राफ्ट के रूप में किया जाना है। इस निर्देश का अनुपालन न करने पर हलफनामे को रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाएगा। मामले की सुनवाई अब 5 सितंबर, 2023 को होनी है ।

विदित है कि कई उपभोक्ताओं ने राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर सेवा शुल्‍क जबरन वसूलने की शिकायत की है। जुलाई, 2022 में सीसीपीए द्वारा जारी दिशानिर्देशों के बाद से, 4,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं :-

ए) रेस्तरां/होटल द्वारा प्रदान की गई सेवा से असंतुष्ट होने पर भी उपभोक्ताओं को सेवा शुल्क का भुगतान करने के लिए मजबूर करना।

बी) सेवा शुल्क का भुगतान अनिवार्य बनाना।

सी) सेवा शुल्क को ऐसे शुल्क के रूप में चित्रित करना, जो सरकार द्वारा लगाया जाता है या जिसे सरकार की मंजूरी प्राप्त है।

डी) सेवा शुल्क देने का विरोध करने पर बाउंसरों सहित उपभोक्ताओं को शर्मिंदा करना और परेशान करना।

ई) ऐसे शुल्‍क के नाम पर 15 प्रतिशत, 14 प्रतिशत तक अत्यधिक पैसे वसूलना।

एफ) ‘एस/सी.’, ‘एससी’, ‘एससीआर’ या ‘एस’ चार्ज’ आदि जैसे अन्य कपटपूर्ण नामों से सेवा शुल्क भी वसूला गया है।

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उत्तर प्रदेश

लखनऊ

अगले 3 दिन के लिए मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लिए येलो वा ऑरेंज अलर्ट जारी

आज गाजियाबाद, हापुर, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, औरैया, संभल, बदायूं, जालौन, झांसी एव आसपास इलाकों में मेघ गर्जन वा वज्रपात होने की संभावना

मथुरा, हाथरस, एटा, आगरा, फिरोजाबाद एवं आसपास इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना

सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, अलीगढ़, कासगंज, मैनपुरी, इटावा, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत एवं आसपास इलाकों में भारी वर्षा होने की संभावना

कल कासगंज, एटा, आगरा, मैनपुरी, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, एवं आसपास इलाकों में मेघ गर्जन वा वज्रपात होने की संभावना।

जालौन एवं आसपास इलाकों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना।

अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, बागरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास इलाकों में भारी वर्षा होने की संभावना ।

तो वही 28 जुलाई को प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, बाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, हरदोई, लखनऊ, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकरनगर, बागरा, फिरोजाबाद, इटावा, औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं बासपास इलाकों में मेघ गर्जन एवं वज्रपात होने की संभावना।

बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, रायबरेली, अमेठी, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, हापुर, कासगंज, एटा, मैनपुरी, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा एवं बासपास इलाकों में भारी वर्षा होने की संभावना।

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कानपुर

*उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश बृजेश पाठक का आज 3 बजे मर्चेंट चेंबर हाल सिविल लाइंस कानपुर नगर में कार्यक्रम*
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*पनकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत रतनपुर के गोविंद चौराहा के पास डूडा कॉलोनी में करंट की चपेट में आने से संदिग्ध अवस्था में युवक की मौत, मौके पर मोहल्ले वालों को लगा जमावड़ा*
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: माता-पिता की लापरवाही से 6 साल की मासूम बच्ची की गई जान.

करंट लगने से मासूम बच्ची की गई।

पनकी की रहने वाली है मासूम बच्ची।

कल्याणपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों ने बच्ची को किया मृत्यु घोषित।

बच्चे की मौत की जानकारी मिलते परिवार में मचा कोहराम।

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पीएम किसान सम्मान निधि की 14वीं किस्त में 17 हजार करोड़ रु. किसानों के खातों में जमा

प्रधानमंत्री मोदी ने आज देश के किसानों की आय सहायता के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की 14वीं किस्त के रूप में 17 हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक खातों में जमा किए। सीकर में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा आयोजित वृहद कार्यक्रम में श्री मोदी ने 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएम-केएसके) राष्ट्र को समर्पित किए और सल्फर कोटेड यूरिया (यूरिया गोल्ड) लांच की। साथ ही, ओपन नेटवर्क फार डिजिटल कामर्स (ओएनडीसी) पर 1600 से अधिक कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के ऑनबार्डिंग का शुभारंभ किया। राजस्थान को एक साथ अनेक सौगातें प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री ने 5 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन व 7 मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास किया तथा 6 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों व एक केंद्रीय विद्यालय का शुभारंभ भी किया। समारोह में राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर, रसायन एवं उर्वरक तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी भी मौजूद थे। समारोह में, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज शुरू किए 1.25 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इन्हें किसानों की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप शॉप में विकसित किया जा रहा है। गांव व ब्लॉक लेवल पर इन केंद्रों से करोड़ों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। यहां किसानों को बीज, खाद, खेती के औजार व अन्य मशीनें भी मिलेगी। ये केंद्र खेती से जुड़ी हर आधुनिक जानकारी किसानों को देंगे। वर्षांत से पहले ऐसे और 1.75 लाख केंद्र खोले जाएंगे। ओएनडीसी पर एफपीओ की भागीदारी का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि इससे किसानों के लिए देश के किसी भी हिस्से से उपज को बाजार तक ले जाना आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार किसानों के दर्द और जरूरतों को समझती है व किसानों के खर्चें कम करने और जरूरत के समय उनका समर्थन करने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है। पिछले 9 वर्षों में बीज से बाज़ार तक नई व्यवस्था का निर्माण किया गया हैं। मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के माध्यम से करोड़ों किसान मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान के आधार पर इष्टतम निर्णय ले रहे हैं। मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है जिसमें सीधे किसानों के बैंक खाते में धनराशि ट्रांसफर की जाती है। आज की 14वीं किस्त को मिला लें तो अब तक 2.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं जिससे किसानों को विभिन्न खर्चों को कवर करने में फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि किसानों का सामर्थ्य, किसानों का परिश्रम, मिट्टी से भी सोना निकाल देता है इसलिए सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। हमारी सरकार कैसे अपने किसान भाइयों के पैसे बचा रही है, इसका एक उदाहरण यूरिया की कीमतें भी हैं। हमारी सरकार ने कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध का असर किसानों पर नहीं पड़ने दिया। आज देश में यूरिया की जो बोरी 266 रु. में देते हैं, यहीं बोरी पाकिस्तान में करीब 800 रु. में मिलती है, बांग्लादेश में 720 रु. और चीन में 2100 रु. की मिलती है। अमेरिका में यूरिया की यही बोरी 3000 रु. से ज्यादा की मिल रही है। श्री मोदी ने कहा कि सरकार किसानों को यूरिया की कीमतों से परेशान नहीं होने देगी, जब कोई किसान यूरिया खरीदने जाता है तो उसे विश्वास होता है कि यह मोदी की गारंटी है। प्रधानमंत्री ने श्री अन्न को बढ़ावा देने हेतु उठाए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे श्री अन्न के उत्पादन, प्रसंस्करण, निर्यात में वृद्धि हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का विकास तभी संभव है, जब गांवों का विकास होगा इसीलिए सरकार गांवों में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है जो सिर्फ शहरों में ही मिलती थी।” उन्होंने कहा कि दशकों तक गांवों में अच्छे स्कूलों, शिक्षा की कमी के कारण गांव-गरीब पीछे रह गए, अफसोसजनक रहा कि पिछड़े-आदिवासी समाज के बच्चों के पास सपनों को पूरा करने का कोई साधन नहीं था। श्री मोदी ने उल्लेख किया कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा के लिए बजट और संसाधन बढ़ाएं और एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले जिससे आदिवासी युवाओं को काफी लाभ हुआ है। उन्होंने कहा, ”सफलता तभी बड़ी होती है, जब सपने बड़े हों।” कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने कहा कि आज एक बार फिर कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक अवसर है जब प्रधानमंत्री के कर-कमलों से इतनी सौगातें मिल रही है। उन्होंने इसके लिए करोड़ों किसानों की ओर से प्रधानमंत्री श्री मोदी का अभिनंदन करते हुए कहा कि देश इस बात का साक्षी है कि जबसे प्रधानमंत्री ने कार्यभार संभाला, उनकी प्राथमिकता रही है कि गांव-गरीब-किसानों की प्रगति हों, उनके घरों में खुशहाली आएं, कृषि क्षेत्र में उत्पादन-उत्पादकता बढ़ें, नवाचार बढ़ें, तकनीक का समर्थन हों, छोटे किसानों की ताकत व आमदनी बढ़ें, कृषि की अर्थव्यवस्था मजबूत हों और देश में योगदान दे सकें। इसके लिए मोदी जी के नेतृत्व में अनेक योजनाएं इन 9 वर्षों में शुरू हुई हैं। 2014-15 में कृषि मंत्रालय का बजट 23 हजार करोड़ रु. होता था जो अब करीब पांच गुना अधिक 1.25 लाख करोड़ रु. हो गया है, यह प्रधानमंत्री की प्राथमिकता का परिचय देता है। श्री तोमर ने कहा कि किसान कितना भी परिश्रम कर लें, सरकार की नीतियां अनुकूल हों, फिर भी उन्हें प्रकृति पर निर्भर रहना पड़ता है और जब प्रकृति का प्रकोप आता है तो फसलों को नुकसान होता ही है। इसके लिए श्री मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का बड़ा सुरक्षा कवच किसानों को दिया है। इस योजना अंतर्गत किसानों के अब तक 29 हजार करोड़ रु. प्रीमियम रूप में जमा हुए, जबकि 1.41 लाख करोड़ रु. मुआवजे के रूप में दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि पीएम किसान की किसी ने कल्पना नहीं की थी। श्री मोदी ने जब कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ना चाहिए तो इसके लिए किसानों, वैज्ञानिकों, बैंकों का आह्वान किया, तब अपना फर्ज भी निभाया व किसानों की आय में सालाना छह हजार रु. जोड़ने के लिए पीएम किसान योजना का सृजन किया। अब तक इस योजना से देशभर के 11 करोड़ किसानों के खातों में 2.42 लाख करोड़ रु. से अधिक की राशि बिना किसी बिचौलियों के जमा कराई जा चुकी है। एक कालखंड था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री कहा करते थे कि हम दिल्ली से 100 रु. भेजते हैं और गांव पहुंचते-पहुंचते 15 रु. बचते हैं। आज प्रधानमंत्री छह हजार रु. भेजते हैं, तो पूरी की पूरी राशि किसानों के खाते में जाती है, कहीं कोई बिचौलिया नहीं। आज पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त से सीकर के 2 लाख व राजस्थान के 57 लाख किसानों के खाते में 1278 करोड़ रुपये मिल जाएंगे। राजस्थान के किसानों को इस योजना के अंतर्गत अब तक 17 हजार करोड़ रु. से अधिक की राशि मिल चुकी है। इसी तरह, मध्य प्रदेश के 76 लाख व छत्तीसगढ़ के 20 लाख किसानों को स्कीम का लाभ मिल रहा है।

केंद्रीय मंत्री श्री मांडविया ने स्वागत भाषण में कहा कि देश में सभी वादों से ऊपर उठकर विकासवाद की एक नई राजनीतिक विचारधारा को प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बढ़ावा दिया है। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के कारण देश को तीन दशकों के अंतराल के बाद नई शिक्षा नीति मिली है, जिसकी सकारात्मक चर्चा न केवल देश बल्कि अन्य देशों में भी है। किसानों के जीवन में बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री ने हमेशा प्रयास किया है। पिछले 9 वर्षों में ऐसा कोई माह नहीं गया होगा, जब उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए कोई कदम न उठाया हों।

इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान भाई-बहन व राजस्थान के मंत्री, सांसद-विधायकगण उपस्थित थे, वहीं 732 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) के 100 से ज्यादा संस्थानों, 75 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, पीएम किसान समृद्धि केंद्रों, 50 हजार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों व 4 लाख सामान्य सेवा केंद्रों पर उपस्थित लाखों सदस्यों और करोड़ों किसानों के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डा. भारती प्रवीण व डा. एस.पी. सिंह बघेल सहित मंत्री, सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि वर्चुअल जुड़े थे।

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में सड़क सुरक्षा पखवाड़े के अंतर्गत रैली एवं विचार गोष्ठी आयोजित

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, सड़क सुरक्षा जीवन के लिए मोती है – आर टी ओ राजेश सिंह दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर में सड़क सुरक्षा पखवाड़े के अंतर्गत रैली एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि आरटीओ कानपुर नगर, श्री राजेश सिंह रहे। उन्होंने अपने वक्तव्य में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा के नियम का पालन कर हम स्वयं की तथा राह पर चलने वाले अन्य व्यक्तियों की भी जान बचा सकते हैं। कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि यातायात निरीक्षक, कानपुर नगर,श्री राजवीर सिंह ने छात्राओं को यातायात के नियमों तथा सड़क सुरक्षा से संबंधित आंकड़ों व नियमों के बारे में विस्तार पूर्वक बताते हुए उन्हें रोड सेफ्टी की शपथ दिलवाई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नमामि गंगे विभाग भाजपा उत्तर प्रदेश के प्रदेश संयोजक श्री कृष्णा दीक्षित बड़े जी ने शासन प्रशासन तथा महाविद्यालय द्वारा रोड सेफ्टी क्लब का गठन कर रैली विभिन्न प्रतियोगिताओं विचार गोष्ठियों आदि गतिविधियों के द्वारा इस दिशा में फैलाई जा रही जनजागरूकता की भूरी–भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि यह योजना भविष्य में सड़क दुर्घटनाओं में तेजी से कमी लाने के लिए अत्यंत कारगर साबित होगी। इस अवसर पर महाविद्यालय से ग्रीन पार्क स्टेडियम तक एक जागरूकता रैली भी निकाली गई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा ने, अतिथियों का स्वागत आइ क्यू ए सी इंचार्ज प्रो वंदना निगम ने तुलसी के पौधे भेंट कर किया। कार्यक्रम का संचालन रोड सेफ्टी क्लब की इंचार्ज तथा महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के द्वारा, दीप प्रज्वलन एनसीसी इंचार्ज डॉ मनीष पांडे के द्वारा तथा हॉल व्यवस्था रोवर्स रेंजर्स की प्रभारी प्रो सुमन सिंह के द्वारा की गई। कार्यक्रम को सफल बनाने में कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र कुमार श्रीवास्तव, प्रो स्वाति सक्सेना, डॉ अर्चना दीक्षित, डॉ अंजना श्रीवास्तव, श्रीमती श्वेता गोंड , इलेक्ट्रीशियन रामचंद्र, नरेश कुशवाहा, कु पवित्रा व श्रीमती लक्ष्मी समेत समस्त शोधार्थियों तथा छात्राओं की विशेष भूमिका रहीं।

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प्रधानमंत्री ने राजस्थान के सीकर में विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रख राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री मोदी ने आज राजस्थान के सीकर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया और राष्ट्र को समर्पित की। इन परियोजनाओं में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्रों (पीएमकेएसके) को राष्ट्र को समर्पित करना, सल्फर के साथ लेपित यूरिया की एक नई किस्म यूरिया गोल्ड लॉन्च करना, डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) पर 1600 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को शामिल करना, 8.5 करोड़ लाभार्थियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14वीं किस्त राशि जारी करना, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्रीगंगानगर में 5 नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन, बारां, बूंदी, करौली, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में 7 मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास और उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ व डूंगरपुर जिलों में स्थित 6 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों और केंद्रीय विद्यालय तिंवरी, जोधपुर का उद्घाटन शामिल है।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर पीएम किसान समृद्धि केंद्र के मॉडल को देखा।  प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए देश के विभिन्न स्थानों से आज के कार्यक्रम में शामिल होने वाले करोड़ों किसानों के प्रति सम्मान व्यक्त किया और कहा कि खाटू श्याम जी की भूमि भारत के कोने-कोने से आने वाले तीर्थयात्रियों को आश्वस्त करती है। उन्होंने शेखावाटी की वीर भूमि से विभिन्न विकास कार्यक्रमों की शुरुआत करने का अवसर मिलने पर आभार व्यक्त किया और करोड़ों किसान-लाभार्थियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत किस्त सीधे हस्तांतरित करने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने देश में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्रों को राष्ट्र को समर्पित करने बारे में कहा कि इससे गांव और ब्लॉक स्तर पर करोड़ों किसानों को सीधा लाभ होगा। उन्होंने ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) पर किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के जुड़ने का भी उल्लेख किया और कहा कि इससे किसानों के लिए देश के किसी भी हिस्से से अपनी उपज को बाजार तक ले जाना आसान हो जाएगा। उन्होंने यूरिया गोल्ड, नए मेडिकल कॉलेजों और एकलव्य मॉडल स्कूलों के शुभारंभ का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने आज की विकास परियोजनाओं के लिए भारत के लोगों के साथ-साथ करोड़ों किसानों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने सीकर और शेखावाटी क्षेत्रों के किसानों के महत्व को रेखांकित करते हुए क्षेत्र की कठिनाइयों के बावजूद उनकी कड़ी मेहनत के प्रति सम्मान व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की वर्तमान सरकार किसानों की पीड़ा और जरूरतों को समझती है। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे पिछले 9 वर्षों में बीज से बाजार (बीज से बाजार तक) तक नई प्रणालियां बनाई गई हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2015 में सूरतगढ़ में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम से करोड़ों किसान मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान के आधार पर अधिकतम निर्णय ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1.25 लाख किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इन केंद्रों को किसानों की आवश्कताओं के लिए वन-स्टॉप शॉप के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये केंद्र किसानों को कृषि से संबंधित मुद्दों पर उन्नत आधुनिक जानकारी भी प्रदान करेंगे और सरकार की कृषि योजनाओं के बारे में भी समय पर जानकारी प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री ने किसानों को सलाह दी कि वे केंद्रों का दौरा करते रहें और वहां उपलब्ध ज्ञान का लाभ उठाएं। प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्षांत से पहले अतिरिक्त 1.75 लाख पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) स्थापित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार किसानों के खर्चों को कम करने और जरूरत के समय उनकी सहायता करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए कहा कि यह दुनिया की सबसे बड़ी योजना है जहां किसानों के बैंक खातों में सीधे धन हस्तांतरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि आज की 14वीं किस्त को शामिल किया जाए तो अब तक 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जा चुकी है, जो विभिन्न खर्चों को कवर करने में किसानों के लिए लाभकारी रही है। उन्होंने कहा कि देश में यूरिया की कीमत सरकार द्वारा किसानों का खर्च बचाने का उदाहरण है। कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण उर्वरकों में आई बाधा का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि वर्तमान  सरकार ने इसे देश के किसानों पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। प्रधानमंत्री ने उर्वरकों की कीमतों के बारे में बताया कि यूरिया की जिस बोरी की कीमत भारत में 266 रुपये है, उसका मूल्य पाकिस्तान में लगभग 800 रुपये, बांग्लादेश में लगभग 720 रुपये, चीन में लगभग 2100 रुपये और अमेरिका में लगभग 3000 रुपये है। “सरकार हमारे किसानों को यूरिया की कीमतों से परेशान नहीं होने देगी”, श्री मोदी ने कहा, “जब कोई किसान यूरिया खरीदने जाता है, तो उसे विश्वास होता है कि यह मोदी की गारंटी है।

प्रधानमंत्री ने मोटे अनाजों को बढ़ावा देने और उनकी ब्रांडिंग श्री अन्न के रूप में करने जैसे उपायों के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि श्री अन्न के प्रचार-प्रसार के माध्यम से इसके उत्पादन, प्रसंस्करण और निर्यात में वृद्धि हो रही है। उन्होंने अपनी हील की यात्रा के दौरान व्हाइट हाउस के आधिकारिक रात्रिभोज में मोटे अनाज की उपस्थिति को याद किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत का विकास तभी संभव है जब उसके गांवों का विकास हो। विकसित गांवों के साथ ही भारत विकसित हो सकता है। यही कारण है कि सरकार गांवों में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए काम कर रही है, जो अब तक केवल शहरों में उपलब्ध थीं। प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य अवसंरचना के विस्तार का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान में 9 वर्ष  पहले तक केवल दस मेडिकल कॉलेज थे। आज यह संख्या 35 तक पहुंच गई है। इससे आस-पास के क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं में सुधार हो रहा है और मेडिकल छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज जिन मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया जा रहा है और जिनका शिलान्यास किया जा रहा है, उनसे राज्य के कई क्षेत्रों में चिकित्सा अवसंरचना में सुधार होगा। जैसा कि चिकित्सा शिक्षा को सुलभ बनाया जा रहा है, प्रधानमंत्री ने मातृभाषा में मेडिकल शिक्षा प्रदान करने, इसे और लोकतांत्रिक बनाने और वंचित वर्गों के लिए रास्ते खोलने के कदम का भी उल्लेख किया। अब किसी गरीब का बेटा या बेटी अंग्रेजी न जानने के कारण डॉक्टर बनने के अवसर से वंचित नहीं रहेगा। यह भी मोदी की गारंटी है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों तक गांवों में अच्छे स्कूलों और शिक्षा की कमी के कारण गांव और गरीब भी पीछे छूट गए थे और अफसोस जताया कि पिछड़े और जनजातीय समाज के बच्चों के पास अपने सपनों को पूरा करने का कोई साधन नहीं था। श्री मोदी ने कहा कि वर्तमान सरकार ने शिक्षा के लिए बजट और संसाधनों में वृद्धि की है और एकलव्य आवासीय विद्यालय खोले हैं, जिससे जनजातीय युवाओं को काफी लाभ हुआ है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सफलता तभी बड़ी होती है जब सपने बड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि  राजस्थान एक ऐसा राज्य है जिसके वैभव ने सदियों से दुनिया को आकर्षित किया है। प्रधानमंत्री ने राजस्थान को आधुनिक विकास की ऊंचाई पर ले जाते हुए भूमि की विरासत को संरक्षित करने पर बल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि राजस्थान में आधुनिक अवसंरचना का निर्माण करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में दो हाईटेक एक्सप्रेसवे के उद्घाटन का उल्लेख किया और कहा कि राजस्थान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे के एक प्रमुख खंड के माध्यम से विकास की एक नई गाथा लिख रहा है। उन्होंने राज्य से चलाई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का भी जिक्र किया। श्री मोदी ने कहा कि सरकार अवसंरचना में निवेश कर रही है और पर्यटन से संबंधित सुविधाओं का विकास कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप राजस्थान के लिए भी नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा, “जब राजस्थान ‘पधारो म्हारे देश’ का आह्वान करेगा तो एक्सप्रेसवे और बेहतर रेल सुविधाएं पर्यटकों का स्वागत करेंगी। प्रधानमंत्री ने स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत खाटू श्याम जी मंदिर में सुविधाओं के विस्तार का भी उल्लेख किया और विश्वास व्यक्त किया कि श्री खाटू श्याम के आशीर्वाद से राजस्थान के विकास को और गति मिलेगी। हम सब मिलकर राजस्थान के गौरव और विरासत को पूरे विश्व में एक नई पहचान देंगे।

प्रधानमंत्री ने राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। श्री अशोक गहलोत पिछले कुछ समय से बीमार हैं और इस कार्यक्रम में नहीं आ सके।

इस अवसर पर राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया, केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल और केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी भी उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री ने किसानों को लाभान्वित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में 1.25 लाख से अधिक पीएम किसान समृद्धि केंद्र (पीएमकेएसके) राष्ट्र को समर्पित किए। सभी किसानों की जरूरतों के लिए वन-स्टॉप समाधान प्रदान करने के लिए पीएमकेएसके विकसित किए जा रहे हैं। कृषि इनपुट (उर्वरकों, बीजों, उपकरणों) की जानकारी से लेकर मिट्टी, बीज और उर्वरकों के लिए परीक्षण सुविधाओं तक, विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी तक, पीएमकेएसके को देश में किसानों के लिए एक विश्वसनीय समर्थन प्रणाली बनाने की परिकल्पना की गई है। वे ब्लॉक/जिला स्तर के विक्रय केंद्रों पर उर्वरक खुदरा विक्रेताओं का नियमित क्षमता निर्माण भी सुनिश्चित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने यूरिया गोल्ड की एक नई किस्म का शुभारंभ किया, जो सल्फर के साथ लेपित है। सल्फर लेपित यूरिया की शुरुआत मिट्टी में सल्फर की कमी को दूर करेगी। यह अभिनव उर्वरक नीम-लेपित यूरिया की तुलना में अधिक किफायती और कुशल है, पौधों में नाइट्रोजन उपयोग दक्षता में सुधार करता है, उर्वरक की खपत को कम करता है, और फसल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) से 1600 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को जोड़ने की शुरुआत की। ओएनडीसी एफपीओ को डिजिटल मार्केटिंग, ऑनलाइन भुगतान, बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और बिजनेस-टू-कंज्यूमर लेनदेन तक सीधी पहुंच के साथ सशक्त बनाता है, और स्थानीय मूल्य वर्धन को प्रोत्साहित करता है, ग्रामीण क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स के विकास को उत्प्रेरित करता है।

किसानों के कल्याण के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण पेश करने वाले एक कदम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के अंतर्गत लगभग 17,000 करोड़ रुपये की 14वीं किस्त की राशि 8.5 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण  के माध्यम से जारी की गई।

प्रधानमंत्री ने चित्तौड़गढ़, धौलपुर, सिरोही, सीकर और श्रीगंगानगर में पांच नए मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया और बारां, बूंदी, करौली, झुंझुनू, सवाई माधोपुर, जैसलमेर और टोंक में सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी। मेडिकल कॉलेजों की स्थापना वर्तमान जिला/रेफरल अस्पतालों से संबद्ध नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए केंद्र प्रायोजित योजना के तहत की जा रही है। प्रधानमंत्री ने जिन पांच मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया है, उन्हें 1400 करोड़ रुपये से अधिक की संचयी लागत से विकसित किया गया है, जबकि जिन सात मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी वे 2275 करोड़ रुपये की संचयी लागत से बनाए जाएंगे। 2014 तक राजस्थान में केवल 10 मेडिकल कॉलेज थे। केंद्र सरकार के समर्पित प्रयासों के माध्यम से राज्य में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 35 हो गई है। यह 250 प्रतिशत की वृद्धि है। इन 12 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से राज्य में एमबीबीएस सीटों की संख्या 2013-14 में 1750 सीटों से बढ़कर 6275 हो जाएगी, जो 258 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

प्रधानमंत्री ने इसके अतिरिक्त उदयपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों में छह एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का उद्घाटन किया, जिससे इन जिलों में रहने वाली जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी। वह कार्यक्रम के दौरान जोधपुर में केंद्रीय विद्यालय, तिंवरी का भी उद्घाटन किया।

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वस्तु और सेवाकर आसूचना महानिदेशालय मेरठ के अधिकारियों ने 3,242 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली 246 फर्जी संस्थाओं से जुड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया, इसमें 557 करोड़ का आईटीसी शामिल है, तीन लोग गिरफ्तार

वस्तु और सेवाकर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की मेरठ क्षेत्रीय इकाई ने 246 शेल/फर्जी संस्थाओं से जुड़े दो प्रमुख फर्जी बिलिंग रैकेट का खुलासा किया, जिन्होंने 557 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी वाली आईटीसी जारी की है। इस मामले में अब तक तीन प्रमुख गुर्गों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस रैकेट में से एक की जून, 2023 में नोएडा पुलिस द्वारा उजागर की गई फर्जी फर्मों के साथ गहरी सांठगांठ थी।

नोएडा पुलिस ने मामले से सुराग लेते हुए और मानव खुफिया जानकारी के साथ व्यापक डेटा खनन के आधार पर, फर्जी शेल संस्थाओं को बनाने और संचालित करने में शामिल मास्टरमाइंड श्री आनंद कुमार और श्री अजय कुमार द्वारा संचालित किए जा रहे 2 प्रमुख गिरोहों का भंडाफोड़ किया है। नकली फर्मों से संबंधित कई दस्तावेज़ जैसे जाली स्टाम्प, डेबिट/क्रेडिट कार्ड, चेक बुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि क्रमशः अध्यापक नगर और पश्चिमपुरी, दिल्ली में श्री आनंद कुमार और श्री अजय कुमार के गुप्त कार्यालयों से ज़ब्त किए गए थे। यह इन सरगनाओं की दलालों/एजेंटों के साथ गहरी सांठगांठ को प्रदर्शित करता है जो छोटे आर्थिक लाभों के बदले गरीब, जरूरतमंद और नाज़ुक लोगों के परिचय पत्र प्राप्त करने में माहिर हैं। दोनों मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है।

जब्त किए गए लैपटॉप और मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से टैली/बीजी सिस्टम सॉफ्टवेयर में रखे गए बही-खाते, चालान, ई-वे बिल, बिल्टी आदि की बरामदगी हुई। इसके अलावा, फर्जी वस्तु और सेवाकर (जीएसटी) बिलों और अवैध नकदी प्रवाह के लेनदेन का सबूत देने वाले व्हाट्सएप चैट/वॉइस मैसेज के भंडार भी बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में फर्जी फर्मों के नाम पर बैंक खाते खोलने में बैंक अधिकारियों की मिलीभगत के भी संकेत मिले हैं।

इन 2 गिरोहों ने 3,142 करोड़ रुपये के कर योग्य टर्नओवर वाले चालान जारी किए हैं। 246 फर्जी फर्मों के जरिए 1,500 से ज्यादा लाभार्थी फर्मों को 557 करोड़ रुपये के आईटीसी शामिल है। प्रमुख लाभार्थी फर्में दिल्ली में स्थित हैं और अन्य 26 फर्म अन्य राज्यों में फैली हुई हैं। ऐसी ही एक लाभार्थी फर्म के मालिक श्री विक्रम जैन को भी जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया है।

तीनों आरोपियों को 26.07.2023 को मेरठ में आर्थिक अपराध न्यायालय के समक्ष पेश किया गया और 08.08.2023 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

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डाक विभाग ने जनजातीय उत्पाद ‘कत्था’ पर जारी किया विशेष आवरण

जनजातीय उत्पादों पर जारी विशेष आवरण से देश-दुनिया में होगी इनकी ब्रांडिंग और प्रचार-पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

आजादी का अमृत महोत्सव 2.0 के तत्वावधान में भारतीय डाक विभाग द्वारा पूरे देश में जनजातीय उत्पादों पर 75 विशेष आवरण जारी किये जा रहे हैं। इसी क्रम में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने वाराणसी के प्रगतिशील किसान पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह और प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव संग जनजातीय उत्पाद ‘कत्था’ पर विशेष आवरण व विरूपण का विमोचन प्रधान डाकघर, वाराणसी में आयोजित एक कार्यक्रम में किया। इस विशेष आवरण पर अंतर्राष्ट्रीय श्री अन्न वर्ष पर जारी डाक टिकट लगाकर इसका विरूपण किया गया। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने विशेष आवरण जारी करते हुए कहा कि विभिन्न जनजातीय क्षेत्रों के आदिवासी अपने हस्तशिल्प और जैविक व  प्राकृतिक उत्पादों के माध्यम से न सिर्फ विरासतों को सहेज रहे हैं बल्कि कृषि अर्थव्यवस्था की अभिवृद्धि में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। कत्था खरवार जनजाति का उत्पाद है। इस जनजाति ने सबसे पहले इसके अर्क को अपने व्यवसाय के रूप में एकत्र करना शुरू किया था। लाल कत्थे का इस्तेमाल पान में तो सफ़ेद कत्थे का इस्तेमाल औषधीय रूप में किया जाता है। मनोदैहिक और चिकित्सीय गुणों के कारण प्राचीनकाल से ही भारत में कत्थे का प्रयोग किया जाता है। पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक टिकट और विशेष आवरण अतीत को वर्तमान से जोड़ते हैं। एक जिला-एक उत्पाद, जीआई उत्पादों से लेकर जनजातीय उत्पादों तक पर जारी विशेष आवरण देश-दुनिया में इनकी ब्रांडिंग कर प्रचार-प्रसार बढ़ाते हैं और समावेशी विकास के तहत ‘वोकल फॉर लोकल’ एवं ‘आत्मनिर्भर भारत’ की संकल्पना को मूर्त रूप देते हैं। फिलेटली को हॉबी के रूप में अपनाकर युवा वर्ग भी डाक टिकटों और विशेष आवरणों के माध्यम से तमाम जानकारियां प्राप्त कर ज्ञान में रचनात्मक अभिवृद्धि कर सकेंगे।  विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रगतिशील किसान पद्मश्री श्री चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि डाक विभाग अपने विशाल और विश्वसनीय नेटवर्क के माध्यम से समाज के हर वर्ग तक पहुँचकर उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ रहा है। कृषि से लेकर जनजातीय समाज से जुड़े उत्पादों, विरासतों, विभूतियों और विभिन्न पहलुओं पर डाक टिकट और विशेष आवरण जारी कर उन्हें नई पहचान दे रहा है।  प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव ने बताया कि उक्त विशेष आवरण मय विरूपण 25 रुपए में फिलेटलिक ब्यूरो, वाराणसी प्रधान डाकघर में उपलब्ध होगा। इस अवसर पर प्रवर डाक अधीक्षक राजन, डाक अधीक्षक विनय कुमार, सीनियर पोस्टमास्टर एसपी राय, सहायक अधीक्षक अजय कुमार, दिलीप सिंह यादव, आइपीपीबी मैनेजर सुबलेश सिंह, डाक निरीक्षक सर्वेश सिंह, श्रीकांत पाल, दिलीप पांडेय, श्रीप्रकाश गुप्ता, दीपमणि, जगदीश सडेजा, सुशांत सिंह सहित तमाम अधिकारी, कर्मचारी, फ़िलेटलिस्ट इत्यादि उपस्थित रहे।

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एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 25 जुलाई भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में सड़क सुरक्षा पकवाड़ा के अंतर्गत छात्राओं एवं महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण एवं कर्मचारियों हेतु एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. सुमन एवं प्रशिक्षण देने हेतु उप निरीक्षक यातायात श्री रविकांत , उप निरीक्षक यातायात श्री शिवानंद एवं कॉन्स्टेबल दीपक जी रहे आपने छात्राओं को यातायात संबंधी नियमों, सुरक्षा एवं सावधानियों के बारे में विस्तार से समझाया ।यातायात के संकेत क्या बताते हैं इसका भी छात्र छात्राओं को समझाते हुए शपथ भी ग्रहण करवाई। कार्यक्रम को महाविद्यालय की तीनों प्रकोष्ठ एन.एस.एस प्रभारी प्रो. चित्रा सिंह तोमर ,रेंजर प्रभारी प्रो. प्रीति पांडेय एवं एनसीसी प्रभारी डॉ प्रीति यादव ने मिलकर आयोजित किया। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा सभी महाविद्यालयों को छात्राओं में यातायात संबंधी जागरूकता अभियान चलाने के लिए 17 जुलाई से लेकर 30 जुलाई 2030 तक पखवाड़े मनाने का अवसर प्रदान किया है एसएन सेन महाविद्यालय दिनांक 17 जुलाई से लगातार विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन आयोजन कर छात्राओं में यातायात के प्रति जागरूकता फैलाने का सक्रिय कार्य कर रहा है कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त शिक्षक गण एवं कर्मचारी भी छात्र छात्राओं के साथ मौजूद रहे।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज आंध्रप्रदेश के कुरनूल में 500 करोड़ रुपये से अधिक लागत की भगवान श्री राम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह ने आज आंध्रप्रदेश के कुरनूल में भगवान श्री राम की 108 फीट ऊंची प्रतिमा का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज कुरनूल के मंत्रालयम में 500 करोड़ रुपये से अधिक लागत की श्री राम की भव्य पंचलोहा प्रतिमा का शिलान्यास हुआ है। उन्होंने कहा कि मंत्रालयम में स्थापित यह 108 फीट ऊंची प्रभु श्री राम की प्रतिमा युगों-युगों तक समग्र दुनिया को हमारे सनातन धर्म का संदेश देगी और वैष्णव परंपरा को देश और दुनिया में मजबूत करेगी। श्री शाह ने कहा कि 108 हमारी हिन्दू संस्कृति में बहुत ही पवित्र संख्या है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित मंत्रालयम गाँव में 10 एकड़ क्षेत्रफल में फैला हुआ यह प्रोजेक्ट ढाई साल में पूरा होगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालयम गाँव राघवेन्द्र स्वामी के मंदिर के लिए बहुत प्रसिद्ध स्थान है। साथ ही इस स्थान का ऐतिहासिक महत्व भी है, इसी तुंगभद्रा के किनारे महान विजय नगर साम्राज्य का उद्भव हुआ था जिसने आक्रान्ताओं को खदेड़ कर स्वदेश और स्वधर्म को पुनर्स्थापित किया। श्री शाह ने कहा कि मंत्रालयम दास साहित्य प्रकल्प के तहत आवास, अन्‍न दानम, प्राण दानम, विद्या दानम, पेयजल और गौ संरक्षण के कई सारे विषयों को आगे बढ़ाया गया है। 

अमित शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अयोध्या में कई वर्षों से लंबित श्री राम मंदिर का शिलान्यास कर उसके निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया है। अब जल्द ही श्री राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना होगी और सैकड़ों वर्षों के बाद एक बार फिर प्रभु श्री राम अपने निज गृह में विराजमान होंगे। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने मंत्रालयम में श्री राम की भव्य प्रतिमा के शिलान्यास के अवसर पर मठ के मठाधीश, परम पूजनीय संत माध्वाचार्य जी, संत राघवेन्द्र स्वामी जी तथा दक्षिण की बहुत समृद्ध वैष्णव परंपरा व उसके सभी संतों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की। 

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