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नई कर व्यवस्था और पुरानी कर व्यवस्था लागू होने के संबंध में स्पष्टीकरण

ऐसा देखने में आया है कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नई कर व्यवस्था से जुड़ी भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। इसलिए यह स्पष्ट किया जाता है कि धारा 115बीएसी(1ए) के तहत नई व्यवस्था वित्त अधिनियम 2023 में पेश की गई थी जो मौजूदा पुरानी व्यवस्था (छूट के बिना) की तुलना में इस प्रकार थी:
  वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश की गई नई व्यवस्था 115बीएसी(1) मौजूदा पुरानी व्‍यवस्‍था
  0-3 लाख 0 प्रतिशत 0-2.5 लाख 0 प्रतिशत
  3-6 लाख 5 प्रतिशत 2.5 -5 लाख 5 प्रतिशत
  6-9 लाख 10 प्रतिशत 5-10 लाख 20 प्रतिशत
  9-12 लाख 15 प्रतिशत 10 लाख से उपर 30 प्रतिशत
  12-15 लाख 20 प्रतिशत    
  15 लाख से उपर 30 प्रतिशत    

यह व्यवस्था कंपनियों और फर्मों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफ़ॉल्ट व्यवस्था के रूप में लागू है और इस निर्धारण वर्ष 2024-25 के अनुरूप मूल्यांकन वर्ष है।

नई कर व्यवस्था के तहत, कर दरें काफी कम हैं, हालांकि पुरानी व्यवस्था की तरह विभिन्न छूट और कटौतियों (वेतन से 50,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15,000 रुपये की मानक कटौती के अलावा) का लाभ उपलब्ध नहीं है।

हालाँकिनई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था हैकरदाता वह कर व्यवस्था चुन सकते हैं जो उन्हें लगता है कि उनके लिए फायदेमंद है। नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है। बिना किसी व्यावसायिक आय वाले पात्र व्यक्तियों के पास प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा। इसलिए, वे एक वित्तीय वर्ष में नई कर व्यवस्था और दूसरे वर्ष में पुरानी कर व्यवस्था चुन सकते हैं और इसके विपरीत भी।

01.04.2024 से कोई नया परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।

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राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान और पीटीसी इंडिया सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ विद्युत क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान व विकास कार्य करेंगे

 राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) और पीटीसी इंडिया लिमिटेड ने सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान व विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करने को लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। उत्कृष्टता केंद्र के अनुसंधान व विकास प्रयासों के परिणामों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से विद्युत क्षेत्र तक प्रसारित किया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत एनपीटीआई व पीटीसी इंडिया लिमिटेड उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से अनुसंधान, विकास और ज्ञान साझा करने के लिए सहभागिता करेंगे।

इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 28 मार्च, 2024 को नई दिल्ली स्थित विद्युत मंत्रालय के कार्यालय में एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर और पीटीसी इंडिया लिमिटेड के सीएमडी डॉ. राजीब के मिश्रा की ओर से वरिष्ठ उपाध्यक्ष (एचआर) श्रीमती कोयल सिंघल ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल उपस्थित थे।

 

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समुद्री क्षेत्र में नाविकों की अनुकरणीय भूमिका का कीर्तिगान : प्रधानमंत्री को प्रथम “मर्चेंट नेवी फ्लैग” लगाने के साथ हुई सप्ताह भर के राष्ट्रीय समुद्री समारोहों की शुरुआत

पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री टी.के. रामचंद्रन ने 29 मार्च, 2024 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को ‘मर्चेंट नेवी फ्लैग’ लगाकर 5 अप्रैल के राष्ट्रीय समुद्री दिवस के लिए सप्ताह भर के समारोहों की शुरुआत की। इस अवसर पर पोत परिवहन महानिदेशक श्री श्याम जगन्नाथन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री को एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।

इस उत्सव का महत्व नाविकों की सेवाओं का सम्मान करने और भारत के समुद्री इतिहास की इस गौरवपूर्ण घटना का जश्‍न मनाने में निहित है। 29 मार्च से 5 अप्रैल तक चलने वाला राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह नाविकों के अमूल्य योगदान के प्रति श्रद्धांजलि है। यह मैसर्स सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड, मुंबई के स्‍वामित्‍व वाले पहले भारतीय स्टीमशिप ‘एस. एस. लॉयल्टी’ के वर्ष 1919 में इस दिन मुंबई से लंदन (यूके) तक की अपनी पहली यात्रा के लिए अंतर्राष्ट्रीय जल में प्रवेश करने को चिन्हित करता है। अब इस दिन को “राष्ट्रीय समुद्री दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री टी.के. रामचंद्रन ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में भारतीय नाविकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने दोहराया कि राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह समारोह समुद्र के इन गुमनाम नायकों के प्रति श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा गर्व से मर्चेंट नेवी का झंडा धारण करना सप्ताह भर चलने वाले उत्सव की शुरुआत को इंगित करता है।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, कांडला, विशाखापत्तनम जैसे प्रमुख बंदरगाहों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मध्यवर्ती, छोटे और अंतर्देशीय जल पत्‍तनों सहित देश भर में मनाया जाएगा। ये समारोह आजादी के बाद से भारतीय समुद्री उद्योग द्वारा हासिल की गई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डालते हैं और हमारे राष्ट्रीय जीडीपी में इसके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हैं।

पोत परिवहन को आगे बढ़ाने और देश की समृद्धि को बढ़ावा देने में हमारे नाविकों की बहुमूल्य सेवा और महत्वपूर्ण भूमिका को स्‍वीकार करते हुए सप्ताह भर सिलसिलेवार कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में मर्चेंट नेवी फ्लैग डे, सेमिनार, चिकित्सा शिविर, रक्तदान अभियान तथा प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान समुद्र में अपने प्राणों की आहुति देने वाले नाविकों की बहादुरी और बलिदान के प्रति सम्‍मान व्‍यक्‍त करने के लिए पुष्पांजलि समारोह शामिल है।

हर साल 5 अप्रैल को आयोजित होने वाला मुख्य समारोह इन समारोहों का केंद्र है। यह कार्यक्रम हमारे समुद्री उद्योग की उपलब्धियों के कीर्तिगान और अटल समर्पण के साथ हमारे देश की सेवा करने वाले साहसी नाविकों को श्रद्धांजलि देने का केंद्र बिंदु है ।

पिछले 9 वर्षों में नाविकों की संख्या में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में, सक्रिय भारतीय नाविकों की कुल संख्या 117,090 थी, जो 2023 में 280,000 हो गई। मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के तहत, भारत समुद्री क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण में विश्व स्तरीय मानक स्थापित करके एक प्रमुख समुद्री नाविक देश के रूप में उभरने की आकांक्षा रखता है। भारत ने एसटीसीडब्ल्यू कन्वेंशन और समुद्री श्रम कन्वेंशन (एमएलसी) दोनों पर हस्ताक्षर किए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुद्री नौकरियों में 12 प्रतिशत पर भारतीय नाविकों का कब्‍जा है, और मैरीटाइम विजन 2030 इस आंकड़े को 2030 तक 20 प्रतिशत तक पहुंचाने की अनुशंसा करता है।

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राष्ट्रपति ने विशिष्ट विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (30 मार्च, 2024) राष्ट्रपति भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में इन विशिष्ट विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया।

– पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी. वी. नरसिम्हा राव मरणोपरांत। स्वर्गीय श्री पी. वी. नरसिम्हा राव को दिया गया भारत रत्न उनके सूपुत्र, श्री पी. वी. प्रभाकर राव ने ग्रहण किया।

– पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह मरणोपरांत। स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को दिया गया भारत रत्न उनके पौत्र श्री जयंत चौधरी ने ग्रहण किया।

– डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन मरणोपरांत। स्वर्गीय डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन को दिया गया भारत रत्न उनकी सुपुत्री डॉ. नित्या राव ने ग्रहण किया।

– श्री कर्पूरी ठाकुर मरणोपरांत। स्वर्गीय श्री कर्पूरी ठाकुर को दिया गया भारत रत्न उनके सुपुत्र श्री रामनाथ ठाकुर ने ग्रहण किया।

 

 

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डी जी कॉलेज द्वारा चलाया गया मतदान का पर्व देश का गर्व अभियान

भारतीय स्वरूप संवाददाता 29 मार्च डी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आज दिनांक 29 मार्च, 2024 को *मतदाता जागरूकता अभियान एवं नेकी की दीवार* कार्यक्रम के अन्तर्गत एक दिवसीय चतुर्थ शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वयंसेविकाओं द्वारा *मतदाता जागरूकता रैली* निकाली गई। जिसमें ‘मेरा पहला वोट देश के लिए’, ‘प्रजातंत्र से नाता है, हम भारत के मतदाता है’ आदि नारों के द्वारा मतदान की अपील की गई। वॉलिंटियर्स के द्वारा बस्तिवासियो को संदेश दिया गया कि सभी सम्मानित नागरिकों को जागरूक होकर सही चुनाव के लिए देश हित में मतदान करना चाहिए। युवाओं से मतदान करने की अपील करते हुए टीम लीडर वर्षा सिंह ने उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि जब हम पहली बाहर कोई काम करते हैं तो उसका उत्साह-उमंग कुछ अलग ही हो ती है, यह हमारे लिए किसी पर्व से कम नहीं। अतः देश के विकास के लिए, सुशासन के लिए मतदान ज़रूर करें। मतदान करना हम सब का अधिकार एवम् कर्तव्य दोनो है ताकि एक मज़बूत लोकतंत्र का निर्माण हो।देश के प्रत्येक नागरिक को, जो अट्ठारह वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं, अपनी पसंद से प्रत्याशी चुनने का अधिकार है। आपके द्वारा दिया गया मत बेहतर कल के निर्माण में सहायक होगा। युवा देश के भावी कर्णधार है। अतः स्वस्थ एवं विकसित लोकतंत्र के लिए एक-एक वोट क़ीमती है। इस अवसर पर *मतदाता जागरूकता शपथ* भी दिलवाई गयी।तदुपरांत मलिन बस्ती में नेकी की दीवार कार्यक्रम के अन्तर्गत 30 बच्चो एवम् महिलाओं को पहनने योग्य साफ़ सुथरे वस्त्रों एवं दैनिक जीवन में प्रयोग आने वाली खाद्य सामग्री, साबुन आदि का दान कर सहायता एवं सेवा कार्य किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में में टीम लीडर्स वर्षा सिंह, आदित्री, रूपा, नेहा रावत, काजल, स्नेहा नीलू निषाद, सोनी निषाद, अभिवायंजना सिंह, आकांक्षा यादव एवम् दीपिका समेत समस्त वॉलिंटियर्स तथा बस्तीवासियों का सहयोग सराहनीय रहा।

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गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया

भारत में दूरसंचार क्षेत्र एक परिवर्तनकारी सफलता के शिखर पर है, जो 5-जी, एम2एम/इन्टरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और संबद्ध तकनीक जैसी प्रौद्योगिकियों में प्रगति से प्रेरित है। स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और शिक्षा जगत इस विकास में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया है।

इस केंद्र का लक्ष्य स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), शिक्षा, लाइसेंस, पंजीकरण धारकों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों को न केवल नियामक प्रक्रियाओं को सम्मिलित करने में बल्कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए सहायता प्रदान करने और नवाचार को प्रोत्साहन देने में सहायता करके दूरसंचार क्षेत्र के विकास में सहयोग करना है। विभाग, दूरसंचार गुजरात कार्यालय, आरटीटीसी, एसजी हाईवे, जगतपुर, अहमदाबाद में प्रथम तल पर स्थित है। यह संभावित लाइसेंसधारी (टीएसपी, एनएलडी, आईएलडी, ऑडियोटेक्स, आदि) या पंजीकरण धारक (एम2एमएसपी, एनओसी, आईपी-1, आदि) को लाइसेंस प्राप्त करने और दूरसंचार विभाग से प्राधिकरण और उक्त लाइसेंस के भीतर निर्धारित नियमों और शर्तों को समझने में मार्गदर्शन प्रदान करेगा। यह केंद्र आरओडब्ल्यू, भवन उपनियम 2016 आदि से संबंधित मामलों पर भी सुविधा प्रदान करेगा। दूरसंचार सुविधा केंद्र का लक्ष्य वैश्विक और राष्ट्रीय एम2एम मानकों के माध्यम से मार्गदर्शन करके और पंजीकरण प्रक्रिया और अनुपालन को सुव्यवस्थित करके एम2एम सेवा प्रदाताओं के लिए सहयोग बढ़ाना है। यह पीएम वाणी पीडीओए और ऐप प्रदाताओं के लिए पंजीकरण में भी सहायता करता है, जिससे पूरे गुजरात में वाई-फाई हॉटस्पॉट की तैनाती सक्षम हो जाती है। इसके अलावा, केंद्र दूरसंचार विभाग की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी देकर दूरसंचार स्टार्ट-अप, सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम (एमएसएमई), इनक्यूबेटर और हब को व्यापक सहायता प्रदान करेगा। ये योजनाएं टीटीडीएफ, डीसीआईएस, 5-जी उपयोग-केस प्रयोगशालाओं, कौशल विकास और हरित दूरसंचार प्रौद्योगिकियों सहित नवाचार, अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो क्षेत्र के भीतर विकास और नवाचार को प्रोत्साहन देती हैं।

विभाग दूरसंचार विभाग, एलएसए गुजरात ऑनलाइन नियुक्तियों को निर्धारित करके दूरसंचार सुविधा केंद्र की सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक हितधारकों को आमंत्रित करता है। आमंत्रण की बुकिंग http://tiny.cc/TelecomFacilitationCentre के माध्यम से या नीचे दिए गए क्यू आर कोड को स्कैन करके की जा सकती है।

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राजस्व खुफिया निदेशालय ने लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्य की 1.5 किलोग्राम से भी अधिक कोकीन जब्त की, एक नाइजीरियाई नागरिक सहित दो व्यक्ति गिरफ्तार

नशीली दवाओं की तस्करी पर अपना शिकंजा कसने का सिलसिला जारी रखते हुए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है और आज नई दिल्ली में लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्‍य की 1.59 किलोग्राम (कुल भार) कोकीन जब्त की। यह गिरोह भारत-नेपाल सीमा के रास्‍ते अफ्रीका से भारत में नशीली दवाओं और साइकोट्रॉपिक पदार्थों (एनडीपीएस) की तस्करी में लिप्‍त है।

विशिष्ट खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक भारतीय नागरिक, जो 22.03.2024 की सुबह बिहार के रक्सौल से एक ट्रेन में दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था, को वहां रोक लिया गया और सफेद पाउडर जैसे पदार्थ वाले हल्के पीले रंग के 92 कैप्सूल उससे बरामद किए गए। एनडीपीएस की फील्ड टेस्टिंग किट का उपयोग करके किए गए नमूना परीक्षण से बरामद पदार्थ में कोकीन की मौजूदगी की पुष्टि हुई।

उस व्‍यक्ति से आगे पूछताछ करने से पता चला कि यह खेप द्वारका, नई दिल्ली में एक व्यक्ति को दी जानी थी। बड़ी तेजी से की गई आगे की कार्रवाई के परिणामस्वरूप एक नाइजीरियाई नागरिक को रोका गया, जो नई दिल्ली के द्वारका में ‘एनडीपीएस’ की डिलीवरी लेने के लिए स्कूटी पर आया था।

तस्करी के इस मामले में यह गिरोह अफ्रीकी देशों से सीधे या हवाई मार्ग से दुबई के रास्‍ते नेपाल के काठमांडू में ट्रॉली बैग में छिपाकर या शरीर में कैप्सूल डालकर प्रतिबंधित पदार्थ की तस्करी का काम करता था। इसके बाद इस गिरोह ने भारतीय नागरिकों का इस्तेमाल किया जिन्होंने नई दिल्ली से काठमांडू के लिए उड़ान भरी, ताकि काठमांडू के विभिन्‍न होटलों सहित पूर्व-निर्धारित स्थानों से प्रतिबंधित सामग्री एकत्र की जा सके और फि‍र भारत-नेपाल सीमा के पार उसकी तस्करी की जा सके। इसके बाद संबंधित वाहक सड़क मार्ग या ट्रेन के जरिए इस खेप को नई दिल्ली ले आएगा।

1.59 किलोग्राम (कुल भार) के 92 कैप्सूलों में छिपाई गई इस बरामद कोकीन, जिसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है, को जब्त कर लिया गया और संबंधित वाहक एवं प्राप्तकर्ता दोनों को ही नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।

इस मामले में आगे जांच जारी है।

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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में 79वें स्टाफ कोर्स की तैयारी कर रहे भारतीय सशस्त्र बलों और मित्र देशों के छात्र अधिकारियों को संबोधित किया

वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वी आर चौधरी ने  आज (22 मार्च 2024) डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज, वेलिंगटन का दौरा किया। उन्‍होंने 79वें स्टाफ कोर्स की तैयारी कर रहे भारतीय सशस्त्र बलों और मित्र देशों के छात्र अधिकारियों और कॉलेज के स्थायी कर्मचारियों को संबोधित किया।

वायुसेना प्रमुख ने अधिकारियों को अपने संबोधन में भारतीय वायुसेना के सामने आनेवाली चुनौतियों, इसकी क्षमता विकास योजना और इसकी संयुक्तता के बारे में बताया। उन्होंने भारतीय वायुसेना को एक आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार एयरोस्पेस फोर्स में बदलने के बारे में बहुत अच्‍छी तरह से व्‍याख्‍या की। उन्होंने भारतीय वायुसेना के सिद्धांत में बताए गए विजन को दोहराया, जिसमें निर्णायक एयरो स्पेस शक्ति प्रदान करने के लिए एक चुस्त और नई परिस्थितियों से परिचित होकर उसके अनुरूप अपने को ढालने वाली वायुसेना की परिकल्पना की गई है। वायुसेना प्रमुख के संबोधन में संघर्षरत क्षेत्रों से भारतीय प्रवासियों को सुरक्षित निकालने के काम और आपदा राहत कार्यों के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा निभाई गई प्रमुख भूमिका को उजागर किया गया। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-हमास संघर्ष जैसे मौजूदा संघर्षों से प्राप्त महत्वपूर्ण वायुशक्ति सीख पर भी प्रकाश डाला।

वायुसेना प्रमुख को चल रही प्रशिक्षण गतिविधियों और डीएसएससी में संयुक्तता के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहन के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसकी प्रशंसा की गई।

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रंग दे गुलाल मोहे…

होली करीब आते जा रही थी और मेरे मन में उमंगे बढ़ती जा रही थी। इस बार पक्का सोच लिया था कि प्रतीक को ढेर सारा गुलाल लगाऊंगी और खुद लगवाऊंगी भी। मैं खास होली के लिए सफेद रंग की ड्रेस भी खरीद कर ले आई थी।

नई-नई शादी और शादी के बाद मेरी पहली होली कुछ ज्यादा ही रोमांच था मेरे भीतर। मैं तरह-तरह के पकवान बनाने में व्यस्त हो गई। होली में गुझिया बहुत पसंद थी मुझे और हमारे यहां तो भांग की गुजिया भी बनाई जाती है। भाभियां अपने देवरों को भांग की गुझिया खिला देती और भांग भी बहुत पी जाती थी हमारे यहाँ। लेकिन मैंने इस सब का इंतजाम नहीं किया था क्योंकि मैं रंग में भंग नहीं डालना चाहती थी। मुझे बस प्रतीक के साथ होली खेलनी थी और उसके साथ समय बिताना था ताकि मेरी पहली होली की यादें हमेशा रंगीन रहे।
नीरजा! नीरजा ! कहां हो तुम? प्रतीक की आवाज आई।
मैं:- “आ रही हूं, बोलो क्या काम है? क्यों घर को सर पर उठा रखा है?”
प्रतीक:-  “चलो बाजार चलते हैं। रंग गुलाल और पूजा का सामान वगैरा ले आते हैं, फिर बाद में मेरे पास वक्त नहीं होगा।”
मैं:-  “अच्छा ठीक है! कुछ देर रुको मैं जरा हाथ का काम निपटा लूं फिर आती हूं।” दस मिनट बाद हम लोग बाजार सामान लेने के लिए निकल गए। रंगों को देखकर मेरा मन मचलने लगा। मन हुआ कि अभी प्रतीक को गुलाल मल दूं लेकिन मैंने अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखा। जरूरत की चीजें खरीद कर हम घर आ गए।
प्रतीक अगली सुबह ही दोस्तों के साथ बाहर चले गए। मैंने फोन किया तो उठाया नहीं और दोपहर में घर आए तो कुछ नशे की हालत में दिखे। मैंने कहा, “आज से ही पीना शुरू कर दिया? होली तो कल है?”
प्रतीक:- “अरे ! दोस्तों के साथ था तो थोड़ी ले ली। अब मुझे खाना दो बहुत भूख लगी है।
मैं:-  “तुम्हारे कपड़े खराब है तो पहले नहा लो और मैं नींबू पानी लाती हूं तुम्हारे लिए।”
प्रतीक:- “नहीं ! मुझे वापस जाना है सब मेरा इंतजार कर रहे हैं बाद में आकर नहाऊंगा मैं।”
मैं:- “प्रतीक तुम्हारी हालत ठीक नहीं है और अब तुम्हें बाहर जाने की जरूरत नहीं है। आराम करो। कल होली खेलेंगे।”
प्रतीक :- “तुम चुप रहो! फालतू बातें मत किया करो, मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं यह तुम मत बताओ। जो कहा है वह करो।”
मुझे प्रतीक का यह व्यवहार अच्छा नहीं लगा लेकिन मैं चुप रही। मेरे बहुत मना करने के बाद भी प्रतीक अपने दोस्तों के पास चले गए। रात को भी बहुत देर से घर आये और बहुत नशे में थे। आते ही सो गये। मैं जो इतने सपना संजो कर बैठी थी वह टूटते दिखाई दे रहे थे। सुबह होली की पूजा थी और प्रतीक सो रहे थे। मैंने प्रतीक को आवाज दी।
मैं:- “प्रतीक उठो आठ बज गए हैं।”
प्रतीक हड़बड़ा कर उठ गया ।
प्रतीक:- “अरे आठ बज गए तुमने मुझे उठाया क्यों नहीं?”
मैं:- “मैंने उठाया था लेकिन तुम उठे नहीं। अब उठ जाओ मैं चाय लेकर आती हूं।”
प्रतीक हाथ मुंह धोने चला गया और चाय पीकर फ्रेश होकर कब चला गया मुझे मालूम ही नहीं पड़ा। मैंने फोन लगाया और पूछा, “अरे! कहां चले गए आप? नाश्ता भी नहीं किया?”
प्रतीक:- “हां! मैं मेरे दोस्तों के साथ हूं। एक दोस्त के फार्म हाउस पर जा रहे हैं हम सब लोग।”
मैं:- “आज के दिन मुझे आपके साथ होली खेलनी थी। मम्मी पापा के यहां जाना था।”
प्रतीक:- “देखो आज तो समय नहीं है कल जाएंगे वहां और मैं आता हूं तब खेल लेना होली। यही एक दो दिन का तो मौका मिलता है जो मैं दोस्तों के साथ बिता सकता हूं और तुम पास में भाभी और दीदी है ना खेल लेना उनके साथ। अच्छा खाने पर मेरा इंतजार मत करना।”
मैं दुखी हो गई और मुझे सारे रंग फीके लगने लगे। मैं काम में लग गई और फिर बाद में तबीयत ठीक नहीं है का बहाना करके कमरे में आ गई। बाहर होली है… होली है की आवाजें… बच्चों की चिल्लाने की आवाजें आ रही थी और मैं अंदर ही अंदर कुढ़ रही थी। थकावट के कारण मेरी आंख लग गई थी कि प्रतीक के आने की आहट हुई। प्रतीक पूरे रंग में रंगे हुए थे।
प्रतीक:- “अरे! लेटी क्यों हो तुम? गई नहीं कहीं?”
मैं:- “नहीं मन नहीं हुआ।”
प्रतीक:- “अच्छा कुछ ले आओ खाने के लिए बहुत भूख लग रही है।”
मैं:- “क्यों वहां कुछ खाया नहीं?”
प्रतीक:- “खाया पर पता नहीं क्यों भूख लग रही है फिर से।”
मैं:- “अच्छा आती हूं लेकर।” मैं गुझिया पापड़ लेकर कमरे में आ गई कि प्रतीक ने गुलाल की थैली मेरे ऊपर पलट दी और आगे बढ़कर अपना गाल मेरे गाल से लगाकर गुलाल लगा दिया और पास आकर कहा “होली है”। मैं खुशी और शर्म से लाल हो गई। मैं प्रतीक को देखे जा रही थी।
प्रतीक:-  “सुबह से तो कह रही थी कि आपके साथ होली खेलनी है, अब सब छोड़ कर आया हूं तो ऐसे क्यों खड़ी हो?”
खाने की प्लेट जो रंग से रंग गई थी मैंने बाजू में रख दी और हाथों में रंग लेकर प्रतीक को रंग दिया। मेरी होली रंगीन होने लगी थी और मन गा रहा था…. मल दे गुलाल मोहे…. कि आई होली आई रे…….। ~प्रियंका वर्मा माहेश्वरी 

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डी जी कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना विशेष शिविर के सांस्कृतिक रंगारंग कार्यक्रम संपन्न

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 23 मार्च, डी जी डिग्री कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पर्यावरण संरक्षण संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कृष्ण दीक्षित एवम विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध समाज सेवी  प्रदीप त्रिपाठी जी रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्या प्रो अर्चना वर्मा ने तथा संचालन टीम लीडर वर्षा सिंह ने किया। शिविर के प्रथम सत्र का शुभारंभ योग व्यायाम, एनएसएस गीत के साथ सरस्वती वंदना तथा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। सर्वप्रथम शहीद दिवस के अवसर पर अमर बलिदानी शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। छात्राओं के द्वारा उनके जीवन चरित्र से संबंधित भाषण एवं कविताएं भी प्रस्तुत की गई तथा देश की अखंडता एवं अक्षुणता को बनाए रखने की शपथ भी ली गई। तत्पश्चात भारत की गौरवशाली संस्कृति तथा अनेकता में एकता को परिलक्षित करते हुए रंगारंग संस्कृत कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर प्रेम के प्रतीक राधा एवं कृष्ण बनकर वॉलिंटियर्स ने ब्रज की होली के गीतों पर भी नृत्य प्रस्तुत किया। प्रेरणाप्रद गान, देशगान तथा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर कविताएं भी वॉलिंटियर्स के द्वारा प्रस्तुत की गई। मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना उत्कृष्ट नागरिकों का निर्माण करती है। प्राचार्य जी ने एनएसएस इकाई के द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें हार्दिक बधाई दी।
मध्याह्न भोजन के पश्चात द्वितीय सत्र में सभी वॉलिंटियर्स ने आपसी प्रेम, सद्भाव, भाईचारे तथा खुशियों के प्रतीक होली का त्योहार उत्साह व उमंग के साथ गुलाल तथा फूलों से होली खेल कर मनाया तथा इसी प्रकार से राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा चलाए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में निरंतर, अविरल कार्य करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ अंजना श्रीवास्तव,  श्वेता गोंड, प्रो अलका श्रीवास्तव, प्रो विजय तिवारी, समस्त टीम लीडर्स, वॉलिंटियर्स, नरेश कुशवाहा, दीपा समेत कार्यक्रम में उपस्थित महाविद्यालय के समस्त कर्मचारियों का योगदान सराहनीय रहा।

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