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टाटा कैंसर हॉस्पिटल के अध्‍ययन के अनुसार स्‍तन कैंसर के मरीजों के इलाज में योग को शामिल करना बहुत लाभकारी है

टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के एक अध्ययन के अनुसार स्तन कैंसर के रोगियों के उपचार में योग को शामिल करना बहुत लाभकारी है। कैंसर के इलाज में योग को शामिल करने से रोग मुक्त उत्तरजीविता (डीएफएस) में 15 प्रतिशत और समग्र उत्तरजीविता (ओएस) में 14 प्रतिशत सुधार देखा गया है।

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योग परामर्शदाताओं, चिकित्सकों के साथ-साथ फिजियोथेरेपिस्ट से प्राप्‍त जानकारी के साथ-साथ योग उपायों को स्तन कैंसर के रोगियों और इस रोग से मुक्‍त हुए लोगों की जरूरतों के अनुसार, उनके उपचार और रोगमुक्ति के विभिन्न चरणों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया था। योग प्रोटोकॉल में विश्राम और प्राणायाम की नियमित अवधि के साथ आसान और स्‍वास्‍थ्‍यकर आसनो को शामिल किया गया। इन आसनों को योग्य और अनुभवी योग प्रशिक्षकों द्वारा कक्षाओं के माध्यम से लागू किया गया। इसके अलावा, अनुपालन बनाए रखने के लिए प्रोटोकॉल के हैंडआउट्स और सीडी भी उपलब्‍ध कराये गए।

स्तन कैंसर में योग का उपयोग सबसे बड़ी नैदानिक परीक्षण वाली महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह भारतीय परंपरागत उपचार का ऐसा पहला उदाहरण है जिसका मजबूत नमूनों के आकार के साथ रैन्डमाइज़्ड अध्ययन के मजबूत पश्चिमी ढांचे में परीक्षण किया जा रहा है। स्तन कैंसर न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्‍तर पर महिलाओं को प्रभावित करने वाला आमतौर पर होने वाला कैंसर है। इससे महिलाओं में अधिक चिंता व्‍याप्‍त रहती है। इस कारण महिलाओं को पहले कैंसर के डर से जीवन समाप्‍त होने का खतरा और दूसरे इस खतरे के साथ-साथ इस रोग के उपचार के दुष्प्रभाव और उससे निपटने की चिंता के कारण दोहरी मार झेलनी पड़ती है। यह देखकर अत्‍यंत प्रसन्नता हो रही है कि परिश्रम और मजबूती के साथ योग की प्रक्टिस ने जीवन की उत्कृष्ट गुणवत्ता को बनाए रखने में अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर दी है और योग ने इस रोग की पुनरावृत्ति और इससे होने वाली मृत्यु के जोखिम को संख्यात्मक रूप से 15 प्रतिशत तक कम कर दिया है।

डॉ. नीता नायर ने अमरीका में वार्षिक रूप से आयोजित किए जाने वाले विश्‍व के सबसे प्रतिष्ठित स्तन कैंसर सम्मेलनों में से एक, सैन एंटोनियो स्तन कैंसर संगोष्ठी (एसएबीसीएस) में एक स्पॉटलाइट प्रस्तुति के रूप में प्रस्‍तुत स्पॉटलाइट शोध-पत्र प्रस्‍तुत किया। जिसमें स्‍तर कैंसर पर योग के ऐतिहासिक प्रशिक्षण प्रभाव प्रस्‍तुत किए गए हैं। इस सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए हजारों शोध-पत्रों में से कुछ को स्पॉटलाइट विचार-मिमर्श के लिए चुना गया है और उपायों की नवीनता तथा स्तन कैंसर के परिणामों को प्रभावित करने वाले पहले भारतीय उपाय के कारण हमारा अध्ययन सर्वथा इसके योग्य है।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में “भारत भाषा उत्सव” और “सुब्रह्मण्यम भारती जयंती” के उपलक्ष में विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित

कानपुर 13 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारत के आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत भारत सरकार के निर्देशानुसार “भारत भाषा उत्सव” महाकवि सुब्रह्मण्यम भारती की जयंती (11 दिसंबर) के उपलक्ष्य में क्राइस्ट चर्च कॉलेज, कानपुर के हिंदी विभाग द्वारा निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता एवं वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस प्रतियोगिता के शीर्षक थे – ‘भाषाई एकता’, ‘अखंड भारत’, ‘भारत भाषा उत्सव’. हिंदी विभाग के ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन पुस्तकालय’ में दिनांक 13.12.2022 को आयोजित इस कार्यक्रम में छात्रों ने बहुत सुन्दर और प्रासंगिक निबंधों की रचना की. साथ ही बहुत सृजनात्मक एवं कलात्मक पोस्टर बनाए. इनमें से कुछ पुरस्कृत पोस्टर्स को हिंदी विभाग की पटल पत्रिका (वॉल मैगज़ीन) ‘भित्ति लेख’ पर प्रदर्शित किया गया है.
वैचारिक संगोष्ठी के अंतर्गत विभागाध्यक्ष प्रो. अरविन्द सिंह ने सभी का स्वागत करते हुए सुब्रह्मण्यम भारती के आरंभिक जीवन एवं उनके अल्पायु में लिखित महत साहित्य की चर्चा की. विशिष्ट वक्ता के रूप में श्री अवधेश मिश्र ने भारती जी की साहित्यिक एवं वैचारिक पृष्ठभूमि पर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी दी. उनके लेखन, विशेषकर काव्य लेखन पर प्रकाश डालते हुए मिश्र जी ने उन्हें केवल तमिल भाषा का ही साहित्यकार नहीं माना, वरन वे वास्तव में भारत के भारती थे. बनारस उनके साहित्य में, व्यक्तित्व में बोलता था और वे बहुभाषिकता के ज़ोरदार समर्थक थे. इसीलिए वे कहते थे –
“तीस कोटि मुख उसके, किन्तु एक प्राण है
बोलें अट्ठारह भाषाएँ वह, किन्तु एक चिंतन, एक ध्यान है”
इस संगोष्ठी के अंत में प्रो. सुजाता चतुर्वेदी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. सभी प्रतिभागियों एवं श्रोतागण का धन्यवाद देते हुए मिश्र जी के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस विषय को व्यापक फलक पर प्रस्तुत करके छात्रों के लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक वक्तव्य प्रस्तुत किया.
प्रतियोगिताओं में विजयी छात्रों को पुस्तकें एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएँगे.
निबंध प्रतियोगिता के विजयी छात्र इस प्रकार हैं –
प्रथम पुरस्कार – राहुल श्रीवास्तव (एम.ए. द्वितीय वर्ष) ‘भाषाई एकता’
द्वितीय पुरस्कार – हर्षिता आर्या (बी.ए. तृतीय सेमेस्टर) ‘भारतीय भाषा उत्सव’
तृतीय पुरस्कार – अंजलि सचान (बी.ए. तृतीय वर्ष) ‘अखंड भारत’
सांत्वना पुरस्कार – तिषा सागर (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) ‘भाषाई एकता
पोस्टर प्रतियोगिता के विजयी छात्र इस प्रकार हैं –
प्रथम पुरस्कार – प्रियांशी सिंह (बी.कॉम प्रथम सेमेस्टर) – ‘भाषाई एकता’
द्वितीय पुरस्कार – शची शुक्ला (बी.ए. हिंदी तृतीय सेमेस्टर) – ‘अखंड भारत’
तृतीय पुरस्कार – अंजलि सचान (बी.ए. तृतीय वर्ष) – ‘अखंड भारत’
सांत्वना पुरस्कार – ईशा विश्वकर्मा (बी.ए. प्रथम सेमेस्टर) – ‘अखंड भारत’

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एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज कानपुर में विविधा 2022 के अंतर्गत अंतर विभागीय प्रतियोगिताएं तीन विभागों द्वारा आयोजित की गई

कानपुर 13 दिसंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता,  एसएन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज कानपुर में विविधा 2022 के अंतर्गत अंतर विभागीय प्रतियोगिताएं तीन विभागों द्वारा आयोजित की गई। संगीत विभाग द्वारा सुगम संगीत एवं मॉडल प्रतियोगिता डॉ सुनीता दिवेदी प्रोफेसर जुहारी देवी डिग्री कॉलेज द्वारा” समाज में बढ़ते मनो विकारों” के निवारण में संगीत की भूमिका पर व्याख्यान अंग्रेजी विभाग द्वारा” कॉसस एंड प्रीवेंशन कम्युनिकेबल डिसीसिस” तथा हिंदी विभाग द्वारा “स्वच्छ नागरिक स्वच्छ भारत “विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर सुनीता दि्वेदी प्रबंध तंत्र सचिव पी के सेन सदस्य दीपाश्री मैम तथा महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्वलन द्वारा किया गया। संगीत विभागाध्यक्ष डॉ ममता अग्रवाल  सुषमा बाजपेई गुलशन मोगा हिंदी विभागाध्यक्ष रचना शर्मा डॉ शोभा बाजपेई, रेशमा, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अल्का टंडन डॉ पूजा गुप्ता डॉ कोमल सरोज ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई प्रतियोगिता में विजेता छात्राओं के नाम निम्न वत है माडल प्रतियोगिता मे प्रथम स्थान सुरभि वर्मा, द्वितीय स्थान ,नेहा ,संध्या शर्मा, तृतीय स्थान अदिति दीक्षित और निधि ने प्राप्त किया।अंग्रेजी निबंध मे वैष्णवी मिश्रा,अनुष्का सिंह प्रथम, द्वितीय स्थान आर्ची वर्मा, तृतीय स्थान सुमैय्या नफीज ने प्राप्त किया। हिंदी निबंध मे प्रथम खुशी दि्वेदी,द्वितीय स्थान शिवांगी शुक्ला, तृतीय स्थान रजनेश यादव ने प्राप्त किया।

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प्रधानमंत्री ने ‘नागपुर मेट्रो के चरण-2’ का शिलान्यास किया और ‘नागपुर मेट्रो के चरण-1’ को राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज ‘नागपुर मेट्रो चरण-1’को राष्ट्र को समर्पित किया और खापरी मेट्रो स्टेशन पर ‘नागपुर मेट्रो चरण-2’ का शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने खापरी से ऑटोमोटिव स्क्वायर और प्रजापति नगर से लोकमान्य नगर तक पहली बार चलने वाली दो मेट्रो ट्रेनों को हरी झंडी भी दिखाई। नागपुर मेट्रो का पहला चरण 8650 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया गया है, जबकि दूसरा चरण 6700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री फ्रीडम पार्क मेट्रो स्टेशन से नागपुर मेट्रो में यात्रा करके खापरी मेट्रो स्टेशन पहुंचे। फ्रीडम पार्क मेट्रो स्टेशन पर मेट्रो में सवार होने से पहले, प्रधानमंत्री ने नागपुर मेट्रो रेल परियोजना और ‘सपनों से बेहतर’प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री ने एएफसी गेट पर खुद के लिए एक ई-टिकट खरीदा और छात्रों, नागरिकों एवं अधिकारियों के साथ यात्रा की। उन्होंने यात्रा के दौरान उन लोगों से बातचीत भी की।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया:

“मैं नागपुर मेट्रो के पहले चरण के उद्घाटन पर नागपुर के लोगों को बधाई देना चाहता हूं। मैंने दो मेट्रो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई और मेट्रो में यात्रा भी की। यह मेट्रो आरामदायक और सुविधाजनक है।”

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प्रधानमंत्री मोदी ने नागपुर में महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री ने आज नागपुर में हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के पहले चरण का उद्घाटन किया। इसकी लंबाई 520 किलोमीटर है और यह महामार्ग नागपुर और शिरडी को जोड़ता है।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट संदेश में कहा, “हम उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और नागपुर और शिरडी के बीच महामार्ग इस प्रयास का एक उदाहरण है। इस आधुनिक सड़क परियोजना का उद्घाटन किया और महामार्ग पर यात्रा भी की। मुझे विश्वास है कि यह महाराष्ट्र की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने में योगदान देगा।

प्रधानमंत्री के नागपुर पहुंचने पर उनका अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी भी उनके साथ थे।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने हिंदू हृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के पहले चरण का उद्घाटन किया। इस महामार्ग की लंबाई 520 किलोमीटर की है। यह सड़क परियोजना नागपुर और शिरडी को आपस में जोड़ती है।

समृद्धि महामार्ग या नागपुर-मुंबई सुपर कम्युनिकेशन एक्सप्रेसवे परियोजना देश भर में बेहतर संपर्क और बुनियादी ढांचा उपलबध कराने के प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह एक्सप्रेसवे 701 किलोमीटर लंबा है और लगभग 55,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है। यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के 10 जिलों और अमरावती, औरंगाबाद और नासिक के प्रमुख शहरी क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे आसपास के 14 अन्य जिलों में संपर्क को बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह एक्सप्रेसवे विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र के क्षेत्रों सहित राज्य के लगभग 24 जिलों के विकास में सहायता करेगा।

प्रधानमंत्री गति शक्ति परियोजना के अंतर्गत बुनियादी ढांचा संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन की प्रधानमंत्री की परिकल्पना का समर्थन करते हुए, समृद्धि महामार्ग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जवाहरलाल नेहरू पत्तन न्यास और अजंता एलोरा गुफाओं, शिरडी, वेरुल, लोनार आदि जैसे पर्यटन स्थलों से जुड़ जाएगा। समृद्धि महामार्ग महाराष्ट्र के आर्थिक विकास को प्रमुखता से बढ़ावा प्रदान करने में एक परिवर्तन करने वाला सिद्ध होगा।

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उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया की उपस्थिति में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस 2022 सम्‍मेलन का उद्घाटन किया

उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया की उपस्थिति में वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) के दो दिवसीय सम्मेलन का आभासी रूप से उद्घाटन किया। इस आयोजन में कई राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों ने भी भाग लिया। इनमें राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश डॉ दया शंकर मिश्रा, श्रीमती विदादला रजनी (आंध्र प्रदेश), श्री बन्ना गुप्ता (झारखंड), डॉ प्रभुराम चौधरी (मध्य प्रदेश), श्री धन सिंह रावत (उत्तराखंड), श्री रवींद्र जायसवाल (उत्तर प्रदेश), श्रीमती चंद्रिमा भट्टाचार्य (पश्चिम बंगाल), डॉ. सपम रंजन (मणिपुर) और डॉ. एम के शर्मा (सिक्किम) शामिल थे।

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उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में अंतिम छोर तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य एवं आरोग्‍य केंद्रों के कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मुझे यह जानकर प्रसन्‍नता हुई कि 1.33 लाख से अधिक एचडब्ल्यूसी अब चालू हो चुके हैं और टेली-परामर्श सेवाओं के केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं”।  उन्होंने इन केंद्रों पर सेवारत चिकित्सा पेशेवरों को विभिन्न बीमारियों की जांच के बारे में स्थानीय आबादी के बीच जागरूकता फैलाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्‍होंने इस बात पर बल दिया कि राष्‍ट्र से रोगों का उन्‍मूलन करने के लिए सहयोगपूर्ण प्रयास आवश्यक है। निक्षय-मित्र पहल की भावना और प्रगति की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, “केंद्र, राज्यों, समुदायों और व्यक्तियों के सहयोगपूर्ण प्रयास से हम वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। आइए, हम सब आगे आएं और टीबी रोगियों की सहायता के लिए निक्षय मित्र बनें।” कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. मनसुख मांडविया ने निस्वार्थ सेवा और विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान कर्तव्य के प्रति संकल्‍पबद्धता  प्रदर्शित  करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) का आभार व्‍यक्‍त किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने डिजिटल स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत सरकार की प्रमुख पहल ई-संजीवनी के महत्वपूर्ण प्रभाव की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसकी बदौलत इलाज के लिए रोगी की 21.59 किमी प्रति यात्रा की सफलतापूर्वक बचत हुई, और प्रत्‍येक यात्रा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से आने वाली 941.51 रुपये की लागत की बचत संभव हो सकी और इस प्रकार देश भर में 7,522 करोड़ रुपये की बचत हुई। ये टेली-परामर्श एबी-एचडब्‍ल्‍यूसी पर उपलब्ध हैं। इस गति को बरकरार रखने और एचडब्ल्यूसी में प्रदान की जा रही 12 स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने जांच, निदान और उपचार के माध्यम से एकीकृत स्वास्थ्य और आरोग्‍य के बारे में व्यापक अभियान चलाने के लिए महीने में एक बार स्वास्थ्य मेला आयोजित करने का आग्रह किया।

 

यूएचसी दिवस 2022 की थीम “हम जैसा विश्व बनाना चाहते हैंउसका निर्माण करें :सभी के लिए स्वस्थ भविष्य” (बिल्ड द वर्ल्ड वी वांट: अ हेल्दी फ्यूचर फॉर ऑल) है । सभी के लिए स्वस्थ भविष्य के निर्माण में स्वास्थ्य कवरेज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, यूएचसी यह सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि इन सेवाओं के लिए भुगतान करते समय सभी लोगों को बिना वित्तीय कठिनाइयों का सामना किए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच प्राप्त हो। इसके महत्व को देखते हुए जी-20 इंडिया हेल्थ ट्रैक में भी यूएचसी को एक प्रमुख प्राथमिकता के रूप में और वर्ष 2030 के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में एक प्रमुख लक्ष्य के रूप में शामिल किया गया है।

 

सम्‍मेलन के पहले दिन, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निम्नलिखित श्रेणियों के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया:

1. लक्ष्य के सामने एचडब्ल्यूसी के परिचालन की उपलब्धि,

2. टेली परामर्श, और

3. एबीएचए आईडी बनाना

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पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) और 15वें वित्तीय आयोग के कार्यान्वयन पर एक मंत्रिस्तरीय सत्र भी आज आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में डॉ आर एस शर्मा, सीईओ, एनएचए, श्री राजेश भूषण, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, सुश्री रोली सिंह, एएस एंड एमडी (एनएचएम), केंद्र, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों और विकास साझेदारों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।

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प्रधानमंत्री ने एम्स नागपुर राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज एम्स नागपुर राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने नागपुर एम्स परियोजना मॉडल का निरीक्षण भी किया और इस अवसर पर प्रदर्शित माइलस्टोन प्रदर्शनी गैलरी का अवलोकन किया। देश भर में स्वास्थ्य अवसंरचना को सुदृढ़ बनाने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को एम्स नागपुर के राष्ट्र को समर्पित किए जाने से और मजबूती मिलेगी। इस अस्पताल, जिसका शिलान्यास भी जुलाई 2017 में प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था, की स्‍थापना केंद्रीय क्षेत्र स्‍कीम प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत की गई है।

1575 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जा रहा एम्स नागपुर, अत्याधुनिक सुविधाओं वाला एक अस्पताल है, जिसमें ओपीडी, आईपीडी, नैदानिक सेवाएं, ऑपरेशन थिएटर और 38 विभाग हैं, जिसमें चिकित्सा विज्ञान के सभी प्रमुख स्पेशियलिटी और सुपर स्पेशियलिटी विषयों को कवर किया गया है। यह अस्पताल महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र को आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है और गढ़चिरौली, गोंदिया और मेलघाट के समीपवर्ती जनजातीय क्षेत्रों के लिए एक वरदान है।

प्रधानमंत्री के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी भी थे।

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प्रधानमंत्री ने नागपुर रेलवे स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

प्रधानमंत्री मोदी ने आज नागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 से नागपुर और बिलासपुर को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बों का निरीक्षण किया और ऑनबोर्ड सुविधाओं का जायजा लिया। श्री मोदी ने वंदे भारत एक्सप्रेस के लोकोमोटिव इंजन के नियंत्रण केंद्र का निरीक्षण किया और नागपुर एवं अजनी रेलवे स्टेशनों की विकास योजनाओं का भी जायजा लिया। इससे नागपुर से बिलासपुर की यात्रा में लगने वाला समय 7-8 घंटे से घटकर 5 घंटे 30 मिनट हो जाएगा।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट में कहा:

“नागपुर और बिलासपुर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इस ट्रेन से कनेक्टिविटी काफी बढ़ जाएगी। ”प्रधानमंत्री जब नागपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे तो वहां महाराष्ट्र के राज्यपाल  भगत सिंह कोश्यारी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी भी उपस्थित थे ।

पृष्ठभूमि

ट्रेन की शुरूआत से इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और यात्रा का एक आरामदायक और तेज माध्यम उपलब्ध होगा। नागपुर से बिलासपुर की यात्रा में लगने वाला समय घटकर 5 घंटे 30 मिनट हो जाएगा। यह देश में शुरू की जाने वाली छठी वंदे भारत ट्रेन होगी और पहले की तुलना में उन्नत है, जो बहुत हल्की है और कम अवधि में उच्च गति तक पहुंचने में सक्षम है। वंदे भारत 2.0 अधिक उन्नत और बेहतर सुविधाओं से लैस है। यह केवल 52 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की गति और 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति तक पहुंच सकती है। पिछली वंदे भारत एक्सप्रेस का वजन 430 टन होता था, जबकि इस उन्नत वंदे भारत एक्सप्रेस का वजन 392 टन होगा। इसमें वाई-फाई कंटेंट ऑन डिमांड सुविधा भी होगी। यात्रियों को सूचना प्रदान करने एवं उनके मनोरंजन के लिए प्रत्येक कोच में 32” स्क्रीन लगी हैं, जबकि पिछली वंदे भारत एक्सप्रेस में 24” की स्क्रीन लगी थी। वंदे भारत एक्सप्रेस भी पर्यावरण के अनुकूल होगी, क्योंकि एसी 15 प्रतिशत अधिक ऊर्जा की बचत करेगा। ट्रैक्शन मोटर की धूल रहित स्वच्छ एयर कूलिंग के साथ, यात्रा अधिक आरामदायक हो जाएगी। पहले केवल एक्जीक्यूटिव श्रेणी के यात्रियों को दी जाने वाली साइड रिक्लाइनर सीट की सुविधा अब सभी श्रेणियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। एक्जीक्यूटिव कोच में 180 डिग्री घूमने वाली सीटें इसकी अन्य विशेषताओं में शामिल है। वंदे भारत एक्सप्रेस के नए डिजाइन में एयर प्यूरिफिकेशन के लिए रूफ-माउंटेड पैकेज यूनिट (आरएमपीयू) में फोटो-कैटेलिटिक अल्ट्रावॉयलेट एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगाया गया है। केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ), चंडीगढ़ द्वारा की गई अनुशंसा के अनुसार, इस प्रणाली को आरएमपीयू के दोनों सिरों पर डिजाइन और स्थापित किया गया है, ताकि ताजी हवा और वापसी हवा के माध्यम से आने वाले कीटाणुओं, बैक्टीरिया, वायरस आदि से मुक्त हवा को फिल्टर और साफ किया जा सके। वंदे भारत एक्सप्रेस 2.0 विभिन्न बेहतर और विमान जैसी यात्रा का अनुभव प्रदान करता है। यह स्वदेशी रूप से विकसित ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली – कवच सहित उन्नत अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित है।

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भारत की जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत वित्त और केंद्रीय बैंकों के उप-प्रमुखों की पहली बैठक मंगलवार से बेंगलुरु में शुरू होगी

जी-20 वित्त और केंद्रीय बैंकों के उप-प्रमुखों (एफसीबीडी) की पहली बैठक 13-15 दिसंबर 2022 के दौरान बेंगलुरु में आयोजित की जाएगी। यह बैठक, जो भारतीय जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत वित्त ट्रैक एजेंडे पर चर्चा की शुरुआत को रेखांकित करेगी, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जाएगी।

जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के नेतृत्व में जी-20 वित्त ट्रैक, आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर केंद्रित है। यह वैश्विक आर्थिक संवाद और नीति समन्वय के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करता है। वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की पहली बैठक 23-25 फरवरी, 2023 के दौरान बेंगलुरु में आयोजित की जाएगी।  प्रधानमंत्री ने बाली जी-20 शिखर सम्मेलन के अपने संबोधन में कहा था कि आज आवश्यकता इस बात की है कि विकास के लाभ सार्वभौमिक और सर्व-समावेशी हों। वित्त मंत्रालय ने इस विचार को जी-20 वित्त ट्रैक एजेंडे में शामिल किया है। उन्होंने हमें एक विज़न भी दिया है- भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि जी-20, अगले एक साल में नए विचारों की परिकल्पना करने और सामूहिक कार्रवाई में तेजी लाने के लिए एक वैश्विक “सर्वाधिक प्रमुख शक्ति” के रूप में कार्य करे। जी-20 वित्त और केंद्रीय बैंक के उप-प्रमुखों की आगामी बैठक की सह-अध्यक्षता, श्री अजय सेठ, सचिव, आर्थिक कार्य विभाग और डॉ. माइकल डी. पात्रा, डिप्टी गवर्नर, आरबीआई द्वारा की जाएगी। इस दो दिवसीय बैठक में उनके जी-20 सदस्य देशों के समकक्ष और कई अन्य देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के समकक्ष भाग लेंगे, जिन्हें भारत द्वारा आमंत्रित किया गया है। जी-20 वित्त ट्रैक के तहत वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रमुख प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना, अवसंरचना विकास और वित्तपोषण, सतत वित्त, वैश्विक स्वास्थ्य, अंतर्राष्ट्रीय कराधान और वित्तीय समावेशन सहित वित्तीय क्षेत्र के विषय शामिल हैं।

बेंगलुरु की बैठक में, विचार-विमर्श, भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत वित्त ट्रैक के एजेंडे पर केंद्रित होंगे। इनमें शामिल हैं- 21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों को फिर से उन्मुख करना, भविष्य के शहरों का वित्तपोषण, वैश्विक ऋण की कमजोरियों का प्रबंधन, वित्तीय समावेश और उत्पादकता लाभ को आगे बढ़ाना, जलवायु कार्रवाई और एसडीजी के लिए वित्तपोषण, गैर-समर्थित क्रिप्टो संपत्तियों के लिए विश्व स्तर पर समन्वित दृष्टिकोण और अंतर्राष्ट्रीय कराधान एजेंडा को आगे बढ़ाना आदि। बैठक के दौरान, ’21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों का सशक्तिकरण’ विषय पर एक पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी। ‘हरित वित्तपोषण में केंद्रीय बैंकों की भूमिका’ पर एक सेमिनार भी आयोजित किया जाएगा।

भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ जी-20 वित्त ट्रैक चर्चाओं का मार्गदर्शन करेगी। वित्त ट्रैक की लगभग 40 बैठकें भारत के विभिन्न स्थानों पर आयोजित की जाएंगी, जिनमें जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठकें भी शामिल हैं। जी-20 वित्त ट्रैक के अंतर्गत होने वाले विचार-विमर्श, अंततः जी-20 राजनेताओं की घोषणा में परिलक्षित होंगे। भारत ने वर्तमान समय की विभिन्न चुनौतियों के बीच जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है, जिनमें कोविड-19 महामारी से हुई क्षति, तीव्र भू-राजनीतिक तनाव, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा की बढ़ती चिंताएं, बढ़ते ऋण संकट, मुद्रास्फीति के दबाव और मौद्रिक तंगी आदि शामिल हैं। जी-20 की एक प्रमुख भूमिका, ऐसी चुनौतियों से निपटने में मार्गदर्शन प्रदान करना है। भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, सबसे ज्यादा जरूरतमंद देशों का समर्थन करना और विकासशील देशों की चिंताओं और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करना; जी-20 के प्रयासों में सबसे प्रमुख होगा। वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक जी-20 वित्त ट्रैक एजेंडे को समावेशी तरीके से आगे बढ़ाएंगे, जिसका उद्देश्य आज की वैश्विक आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ बेहतर भविष्य की

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सोनी सब के ‘अलीबाबा: दास्‍तान ए काबुल’ में क्‍या होगा जब अलीबाबा का भाई कासिम पहुँचेगा सिमसिम की गुफा

सोनी सब का शो ‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’ अली (शेहजान खान) की जिन्‍दगी के एडवेंचर्स, कहानी में नये ट्विस्‍ट्स और आकर्षक दृश्‍यों से दर्शकों का लगातार मनोरंजन कर रहा है। मौजूदा कहानी में अली वाम की मौत का बदला मल्लिका-ए-तबाही, सिमसिम (सायंतनी घोष) से लेना चाहता है, लेकिन उसे पता नहीं है कि इस काम में उसके अपने भाई कासिम (विनीत रैना) की जिन्‍दगी खतरे में पड़ जाएगी।
‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’ के पिछले एपिसोड्स में हमने अली को मल्लिका-ए-तबाही, सिमसिम द्वारा भेजे गये खतरनाक सांप फकरी को हराते और वाम को तबाही से बचाने में कामयाब होते देखा था। अली अब वाम की जिन्‍दगी छीनने का बदला सिमसिम से लेना चाहता है। फकरी की मौत की खबर सुनकर सिमसिम भी गुस्‍से में है और बदला लेने की योजना बना रही है। इन घटनाओं के बाद से दोनों ही एक-दूसरे पर गुस्‍सा हैं, लेकिन वे नहीं जानते हैं कि आगे क्‍या होगा। दूसरी ओर, अली का भाई पता लगाने की कोशिश करेगा कि अली क्‍या योजना बना रहा है और उत्‍सुक होकर उसका पीछा करेगा। इसके बाद से अली और सिमसिम की जिन्‍दगी में घटनाएं एक मोड़ लेंगी। आने वाले एपिसोड्स में कई ट्विस्‍ट्स और टर्न्‍स आएंगे, जो दर्शकों को एक बार फिर एडवेंचर और जादू से भरे सफर पर लेकर जाएंगे!
क्‍या कासिम को पता चलेगा कि अली क्‍या करने जा रहा है, या सिमसिम उसकी जिन्‍दगी छीन लेगीᣛ?
अलीबाबा का किरदार निभा रहे शेहज़ान खान ने इस रोमांचक स्‍टोरीलाइन पर अपनी बात रखते हुए कहा, “अलीबाबा अपने लोगों और प्रियजनों से बहुत प्‍यार करता है। मेरी शख्सियत अली से काफी मिलती-जुलती है। बाबा अपने लोगों को तकलीफ में नहीं देख सकता, इसलिये तबाही के बाद वह सिमसिम से बदला लेने का फैसला करता है। इन एपिसोड्स की शूटिंग करना रोलर कोस्‍टर राइड जैसा था, क्‍योंकि उसमें एडवेंचर, ड्रामा और इमोशंस साथ-साथ चल रहे थे। आने वाले एपिसोड्स आपको एडवेंचर से भरे सफर पर लेकर जाएंगे और दर्शक कई ट्विस्‍ट्स देखेंगे। घटनाओं का मोड़ अली पर क्‍या असर डालता है, यह देखने लायक होगा। उम्‍मीद है कि दर्शक इस कहानी का मजा लेंगे और ‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’ को अपना प्‍यार देते रहेंगे। हमारे साथ बने रहिये और देखते रहिये ‘अलीबाबा दास्‍तान-ए-काबुल’, सोमवार से शनिवार रात 8 बजे, सिर्फ सोनी सब पर!

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