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उद्यमियों की समस्याओं के निराकरण के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक संपन्न

दैनिक भारतीय स्वरूप 29 मई जिला सूचना कार्यालय कानपुर उद्यमियों की विभिन्न विभागों से सम्बन्धित समस्याओं के निराकरण के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में आज मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक का संचालन संयुक्त आयुक्त उद्योग, सुनील कुमार द्वारा किया गया। बैठक में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष, कानपुर विकास प्राधिकरण, अपर श्रमायुक्त, कानपुर, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधिशाषी अभियंता उ0प्र0 जल निगम (नगरीय), अधिशाषी अभियंता केस्को] सहायक आयुक्त जी0एस0टी0, उप महाप्रबंधक यूपीसीडा, उपायुक्त उद्योग कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज, इटावा तथा उद्यमी उमंग अग्रवाल, बृजेश अवस्थी, लाडली प्रसाद, आलोक अग्रवाल, हर्षल अग्रवाल, षिव कुमार गुप्ता, मनोज कुमार शुक्ला एवं मनोज बंका सहित एसोसिएशन के अनेक प्रतिनिधि] उद्यमी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

जैनपुर ग्रोथ सेंटर में सी0ई0टी0पी0 की स्थापना कराये जाने के संबंध में संयोजक, पी0आई0ए0 ने लिखित रूप से अवगत कराया कि छोटी-छोटी 14&15 इकाईयां कार्यरत हैं, जिनका कुल उत्प्रवाह 0-2 एम0एल0डी0 है। अतः उनके लिए 2-0 एम0एल0डी0 के सी0ई0टी0पी0 संयंत्र का रख-रखाव कर पाना सम्भव नहीं है। इस प्रकार पी0आई0ए0 कानपुर देहात ने इस एस0पी0वी0 के गठन करने की असहमति दी। इस संबंध में विचारोपरान्त समिति द्वारा इस प्रकरण को समाप्त किए जाने का निर्णय लिया गया।

कानपुर में औद्योगिक क्षेत्रों में सीवर लाइन डाले जाने के सम्बन्ध में अब तक की स्थिति की समीक्षा की गयी। अधिषाषी अभियंता] उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा अवगत कराया गया कि भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है तथा डिजाइन की जा रही है। जून माह के अंत तक आगणन प्रस्तुत कर दिया जायेगा। इस संबंध में उद्यमियों द्वारा दादा नगर] अपट्रान स्टेट में स्थित औद्यौगिक इकाईयों को भी सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया गया। विचारोपरान्त मंडलायुक्त महादेय द्वारा उ0प्र0 जल निगम के अधिकारी को निर्देषित किया गया कि वे इन क्षेत्रों को भी सम्मिलित कर लें। अनूप अग्रवाल को औद्यौगिक क्षेत्र रूमा में आवंटित भूखण्ड संख्या 46 के प्रकरण में उपमहाप्रबंधक] यूपीसीडा द्वारा अवगत कराया गया कि गांव वालों के विरोध के कारण उक्त भूखण्ड का भौतिक कब्जा दिया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में वैकल्पिक भूखण्ड के रूप में उद्यमी को भूखण्ड संख्या सी-99 दिए जाने हेतु मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। मंडलायुक्त महोदय द्वारा निर्देषित किया गया कि आगामी मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक से पूर्व प्रकरण पर मुख्यालय से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही पूर्ण करा लें।
औद्यौगिक क्षेत्र में उद्यमियों व श्रमिकों के आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में नहर के दोनों ओर बनी सडकों को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने के संबंध में अधीक्षण अभियंता] सिंचाई विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि संबंधित क्षेत्र को पूर्ण रूप से अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया है। अतः मंडलायुक्त महोदय द्वारा इस प्रकरण को निक्षेपित करने का निर्णय लिया गया।

दादा नगर सबस्टेशन के लिए भूमि चिन्हांकन का कार्य कराये जाने हेतु उद्यमियों के अनुरोध पर मंडलायुक्त महोदय द्वारा संयुक्त आयुक्त उद्योग] यू0पी0सी0डा0] जल निगम तथा उद्यमियों के साथ क्षेत्र का संयुक्त सर्वे कर भूमि उपलब्धता की सभी संभावनाओं पर निरीक्षण करने के निर्देष दिए गये।

पनकी औद्यौगिक क्षेत्र में नहर के किनारे बैटरी का अपषिष्ट(सपरेटा) के निस्तारण के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा ऐसी इकाईयों को चिन्ह्ति कर लिया गया है जो इस कार्य को कर रही हैं तथाा उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु संबंधित विभागों से भी अनुरोध किया गया है। मंडलायुक्त महोदय द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बैठक में उपस्थित अधिकारी को निर्देषित किया गया कि ई-रिक्षा और ई0वी0 वाहनों में प्रयुक्त होने वाली बैटरियों के डिस्पोजल के संबंध में मंडलीय उद्योग बंधु समिति को अवगत करायें।

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लोककला, साहित्य और संस्कृति के संगम में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया कानपुर की अंजनी अग्रवाल को सम्मानित

भारतीय स्वरूप संवाददाता  लोककला, साहित्य और संस्कृति के संगम में निखरी प्रतिभाएं: लखनऊ में राज्य स्तरीय कार्यशाला का भव्य आयोजन हुआ जिसमें कानपुर की शिक्षिका और साहित्यकार एवं कवयित्री अंजनी अग्रवाल को माननीय उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया सम्मानित
अंजनी अग्रवाल शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में नित्य नये कार्य तो करती रहती हैँ, साथ ही अभी हाल में उनकी सम्पादित पुस्तक “प्रेरक द्वार ” (बाल कहानी संग्रह ) की काफ़ी प्रशंसा हो रही है l
आज अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ में एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक संगम का साक्षी बना, जहां कलार्पण भारत एवं बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राज्य स्तरीय काव्य, साहित्य, लोककला एवं सांस्कृतिक कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने अपनी कला, साहित्यिक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय लोक परंपरा की गहराई और समृद्धता को मंच पर सजीव कर दिया।कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ, जिसके बाद पूरे वातावरण में साहित्य और संस्कृति की एक दिव्य लहर बहने लगी। इस गरिमामयी

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केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान गुवाहाटी में 55000 पीएमएवाई-जी घरों के वर्चुअल गृह प्रवेश समारोह में शामिल हुए

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/agrYAVQ.png ग्रामीण विकास के लिए असम में एक महत्वपूर्ण कीर्तिमान स्थापित करते हुए, केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज गुवाहाटी में प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 55,000 घरों के वर्चुअल गृहप्रवेश समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर  चौहान ने चालू वित्त वर्ष के लिए पीएमएवाई-जी के तहत 3.76 लाख और घरों को स्वीकृत करने की घोषणा की।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए,  चौहान ने ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और हाशिए पर पड़े व वंचित समुदायों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 20 लाख घरों को पूरा करने की असम की उल्लेखनीय उपलब्धि की सराहना की। कार्यक्रम के एक अंग के तौर पर  पीएमएवाई-जी के उन लाभार्थियों को मंत्री द्वारा सम्मानित किया गया जिन्होंने सफलतापूर्वक अपने नए घरों का निर्माण कर उनमें प्रवेश कर चुके हैं।

ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए, श्री चौहान ने पीएमएवाई-जी के तहत एक महिला राजमिस्त्री पहल – लखिमी मिस्त्री की भी शुरूआत की, जिसका उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए आवश्यक राजमिस्त्री कौशल से लैस करना है। इस शुरूआत के मौके पर लखिमी मिस्त्री पहल के तहत प्रशिक्षित होने वाली पांच महिलाओं को सुरक्षा किट वितरित किए गए।

इस अवसर पर चौहान ने ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत असम भर में 21 ज्ञान केंद्रों का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। ये केंद्र ग्रामीण कृषि अवसंरचना को मजबूत करने और किसानों को समय पर संसाधनों और सूचनाओं तक पहुंच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं।

चौहान ने असम सरकार के प्रयासों की सराहना की और ग्रामीण आवास और विकास पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने में नेतृत्व के लिए मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा को बधाई दी।

कार्यक्रम में उपस्थित मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा ने केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया और कृषि और ग्रामीण आजीविका में सतत विकास के माध्यम से किसानों, महिलाओं और ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के लिए असम की प्रतिबद्धता को दोहराया।

इस अवसर पर असम के कृषि मंत्री अतुल बोरा और असम के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रंजीत कुमार दास भी उपस्थित थे।

 

 

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हम अब यात्रा या आयात के माध्यम से उन देशों को सशक्त बनाने का जोखिम नहीं उठा सकते जो हमारे हितों के प्रतिकूल हैं और संकट के समय हमारे विरूद्ध खड़े हैं: उपराष्ट्रपति

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज कहा, “क्या हम उन देशों को सशक्त बनाने का जोखिम उठा सकते हैं जो हमारे हितों के प्रतिकूल हैं? समय आ गया है जब हममें से प्रत्येक को आर्थिक राष्ट्रवाद के बारे में गहराई से सोचना चाहिए,” उन्होंने कहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि, “हम अब अपनी भागीदारी के कारण उन देशों की अर्थव्यवस्थाओं में सुधार करने के लिए यात्रा या आयात के माध्यम से जोखिम नहीं उठा सकते हैं जो देश संकट के समय हमारे देश के विरूद्ध खड़े होते हैं।”

आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए , श्री धनखड़ ने कहा, “प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र की सुरक्षा में सहायता करने का अधिकार है। व्यापार, व्यवसाय, वाणिज्य और उद्योग विशेष रूप से सुरक्षा के मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसलिए मेरा दृढ़ विश्वास है कि हमें हमेशा एक बात ध्यान में रखनी चाहिए, और वह है: राष्ट्र सर्वप्रथम। हर चीज को गहरी प्रतिबद्धता, अटूट प्रतिबद्धता, राष्ट्रवाद के प्रति समर्पण के आधार पर माना जाना चाहिए और यह मानसिकता हमें अपने बच्चों को पहले दिन से ही सिखानी चाहिए।”

उन्होंने चल रहे ऑपरेशन सिंदूर की भी सराहना की और भारत के सशस्त्र बलों को श्रद्धांजलि दी। “मैं इस अवसर पर- क्योंकि मैं विशेष रूप से देश के युवाओं को संबोधित कर रहा हूँ- चल रहे ऑपरेशन सिंदूर की उल्लेखनीय सफलता के लिए सभी सशस्त्र बलों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का अभिवादन करता हूँ।”

इस ऑपरेशन को पहलगाम में हुए बर्बर हमले का करारा जवाब बताते हुए उन्होंने कहा, “यह एक उल्लेखनीय प्रतिशोध था। यह पहलगाम में हुई बर्बरता के लिए शांति और शांति के हमारे लोकाचार के अनुरूप था। यह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद हमारे नागरिकों पर सबसे घातक हमला था। इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के हृदय स्थल बिहार से पूरे विश्व को एक संदेश दिया। वे खोखले शब्द नहीं थे। विश्व को अब एहसास हो गया है: जो कहा जाता है वह वास्तविकता है। “अब कोई सबूत नहीं मांग रहा है। विश्व ने इसे देखा है और स्वीकार किया है। हमने यह पूर्व में भी देखा है- कैसे वह देश आतंकवाद में गहराई से लिप्त है। “जब सशस्त्र सैनाएं काल बनती है और राजनीतिक शक्ति उनके साथ होती है तो भारत कितनी अच्छी तरह से सिंदूर के साथ न्याय करता है।”

श्री धनखड़ ने कहा कि भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों में एक नया मानक स्थापित हुआ है। “युद्ध के तरीकों और आतंकवाद के विरूद्ध लड़ाई में एक नया मानक स्थापित हुआ है। भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की सीमा के अंदर बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद को निशाना बनाया। अंतरराष्ट्रीय सीमा के पार – जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा, मुरीदके को निशाना बनाया गया। कोई सबूत नहीं मांग रहा है। विश्व ने इसे देखा है और स्वीकार किया है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह भारत की अब तक की सबसे बड़ी सीमा पार की गई स्ट्राइक है। यह स्ट्राइक सावधानीपूर्वक और सटीक तरीके से की गई थी ताकि आतंकवादियों को छोड़कर किसी को कोई नुकसान न पहुंचे।”

श्री धनखड़ ने 2 मई, 2011 को अमेरिका द्वारा की गई कार्रवाई को याद करते हुए कहा, “यह 2 मई, 2011 को हुआ था, जब एक वैश्विक आतंकवादी ने 2001 में अमेरिका के अंदर 11 सितंबर के हमले की योजना बनाई, उसकी निगरानी की और उसे अंजाम दिया। अमेरिका ने भी उसके साथ ऐसा ही किया। भारत ने ऐसा किया है और वैश्विक समुदाय की जानकारी में ऐसा किया है।”

भारत की सभ्यतागत विशिष्टता पर विचार करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा, “एक राष्ट्र के रूप में हम अद्वितीय हैं। विश्व का कोई भी राष्ट्र 5,000 साल पुरानी सभ्यतागत परंपराओं पर गर्व नहीं कर सकता। हमें पूर्व और पश्चिम के बीच की खाई को पाटने की जरूरत है, उसे खत्म करने की नहीं।”

श्री धनखड़ ने कहा, “हम राष्ट्र विरोधी बयानों को कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं या अनदेखा कर सकते हैं? विदेशी विश्वविद्यालयों का हमारे देश में आना ऐसी चीज है जिसमें सावधानी रखने की आवश्यकता है। इसके लिए गहन चिंतन की आवश्यकता है। यह ऐसी चीज है जिसके बारे में हमें बेहद सावधान रहना होगा।”

शिक्षा और शोध के मामले में उपराष्ट्रपति ने व्यावसायीकरण के विरूद्ध सावधान किया। “यह देश शिक्षा के व्यावसायीकरण और वस्तुकरण को बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह निर्विवाद है, यह मौजूद है। हमारी सभ्यता के अनुसार शिक्षा और स्वास्थ्य धनार्जन के लिए नहीं हैं। ये समाज को वापस देने के लिए हैं। हमें समाज के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करना होगा।”

उद्योग जगत के नेताओं से आह्वान करते हुए उन्होंने शोध के महत्व पर जोर दिया। “कॉर्पोरेट जगत को शैक्षणिक संस्थानों को वितीय सहायता उपलब्ध करायी जानी चाहिए। सीएसआर कोष को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि शोध में निवेश आवश्यक है।”

उन्होंने याद दिलाते हुए कहा: “वे दिन चले गए जब हम दूसरों द्वारा प्रौद्योगिकी विकसित करने की प्रतीक्षा करते थे। अगर हम ऐसा करते हैं, तो हम शुरू से ही निर्भर हो जाते हैं, हमें इससे बचना चाहिए।”

इस अवसर पर जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष शरद जयपुरिया, जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष की धर्मपत्नी अंजलि जयपुरिया, जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के उपाध्यक्ष श्रीवत्स जयपुरिया तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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केंद्रीय मंत्री मनोहर ब्राजील में ब्रिक्स ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में भाग लेंगे

केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल, 19 मई को होने वाली ब्रिक्स ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए ब्राजील की आधिकारिक यात्रा पर हैं।

“एम्पावरिंग ग्लोबल साउथ कोऑपरेशन फॉर इंक्लूसिव एंड सस्टेनेबल ग्लोबल गवर्नेंस” विषय के अंतर्गत, माननीय मंत्री ब्रिक्स देशों के ऊर्जा मंत्रियों के साथ ऊर्जा सुरक्षा, पहुंच, सामर्थ्य और स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

भारत इस बैठक में पिछले दशक की अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा, जिसमें विद्युत क्षमता में 90 प्रतिशत की वृद्धि, नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और जैव ईंधन में नेतृत्व के साथ-साथ ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार और सतत विकास शामिल हैं। देश ऊर्जा तक समान पहुंच सुनिश्चित करने और ऊर्जा परिवर्तन में तेजी लाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करेगा।

यह यात्रा भारत के इस दृढ़ संकल्प को रेखांकित करती है कि वह ब्रिक्स देशों के साथ एक मजबूत, भविष्योन्मुखी और टिकाऊ ऊर्जा क्षेत्र के निर्माण में सक्रिय रूप से सहयोग करेगा।

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सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता का भारत का सख्त संदेश देंगे

ऑपरेशन सिंदूर और भारत की सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ जारी लड़ाई के संदर्भ में, सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करने जा रहे हैं।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और मजबूत दृष्टिकोण को प्रदर्शित करेंगे। वे दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ शून्य-सहिष्णु बनाने के देश के मजबूत संदेश को आगे बढ़ाएंगे।

विभिन्न दलों के संसद सदस्य, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे।

निम्नलिखित संसद सदस्य सात प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे:

1)  शशि थरूर, कांग्रेस

2)  रविशंकर प्रसाद, भाजपा

3)  संजय कुमार झा, जदयू

4)  बैजयंत पांडा, भाजपा

5)  कनिमोझी करुणानिधि, डीएमके

6)  सुप्रिया सुले, एनसीपी

7)  श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शिव सेना

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केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने असम के नागांव में लखपति दीदियों से संवाद किया

केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने पूर्वोत्तर दौरे के तीसरे और अंतिम दिन असम, नागांव जिले के भेलुगुड़ी में स्वयं सहायता समूहों की लखपति दीदियों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने लखपति दीदियों से संवाद किया, अनुभव साझा किए और सशक्तिकरण की प्रेरक कहानियाँ सुनीं।

चौहान ने कहा कि नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिला है। मैं प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद दूंगा, असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत जी को भी धन्यवाद दूंगा कि उनके मार्गदर्शन में असम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का काम बहुत अच्छा चल रहा।

चौहान ने कहा कि आगे हमारा संकल्प है कि हर गरीब परिवार की बहन स्वयं सहायता समूह से जुड़े। अलग-अलग व्यवसाय के जरिए जीविकोपार्जन करें। असम में तो असीम क्षमता है। यहां के लोकल उत्पाद, हल्दी से लेकर मिर्ची तक हर उत्पाद को प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के जरिए बढ़ाकर स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की जा सकती है। यहां कि महिलाएं इस दिशा में तेजी से बढ़ भी रही हैं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का ‘लोकल फॉल वोकल’ विजन सार्थक हो रहा है।

चौहान ने कहा कि कल मैं काजीरंगा में था। वहाँ अदरक की प्रोसेसिंग का काम देखा, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी देखी। मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि प्रसन्नता कि बात है कि कई लखपति दीदियों की आमदनी यहां 10 लाख रुपये सालाना तक पहुंच गई है। मैं आपको हृदय से धन्यवाद देना चाहता हूँ। यहां मिलियन दीदी मिल गई जो एक साल में 10 लाख रुपए कमा रही हैं।

अंत में श्री चौहान ने कहा कि उचित प्रशिक्षण और बैंक लिंकेज के कारण 8 लाख 50 हजार दीदियाँ असम में लखपति दीदी बन गई हैं और जो अन्य 33 लाख बहनें, स्वयं सहायता समूहों में काम कर रही हैं, उन्हें भी जल्द ही लखपति दीदी बनाने की दिशा में युद्धस्तर पर प्रयास

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संस्कृति मंत्रालय ने “एक देश एक धड़कन” के माध्यम से राष्ट्रवाद के प्रति उत्साह जगाया

देशभक्ति की अमर भावना को भावभीनी श्रद्धांजलि देने और राष्ट्र के वीरों को सम्मानित करने के लिए, संस्कृति मंत्रालय ने एक शक्तिशाली और बाध्यकारी पहल “एक देश, एक धड़कन” शुरू की है।

राष्ट्रीय गौरव की साझा लय में राष्ट्र को एकजुट करने के लिए तैयार किया गया यह अभियान पहले से ही पूरे भारत में नागरिकों के बीच मजबूती से गूंज रहा है। #एकदेशएकधड़कन (#OneNationOneHeartbeat) का नारा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से अपनाया जा रहा है, जो एकता, देशभक्ति के जोश और तिरंगे के प्रति श्रद्धा की भावना को बढ़ाता है।

यह एक कृतज्ञ राष्ट्र की सामूहिक भावना का प्रतीक है। इसके माध्यम से हम अपने गुमनाम नायकों और बहादुरों की वीरता और बलिदान को सलाम करते हैं।

समन्वित राष्ट्रीय भागीदारी

पिछले 48 घंटों में, संस्कृति मंत्रालय के तत्वावधान में सभी 43 संस्थानों ने एकजुट होकर और उत्साह के साथ भागीदारी की है।

  • हमें एक साथ बांधने वाली इस भागीदारी से सशस्त्र बलों और बहादुरों को सलाम करने के साथ-साथ तिरंगे की भावना व्यक्त की जाती है. साथ ही, सभी संस्थानों ने अपने प्रदर्शन चित्रों (डीपी) को तिरंगे में बदल दिया है।

एएसआई स्मारकों को ध्वज के रंगों में रोशन किया गया

प्रमुख सांस्कृतिक संस्थानों और विरासत स्थलों को भारतीय ध्वज के रंगों में रोशन किया गया है। इनमें शामिल हैं:

• विक्टोरिया मेमोरियल (पश्चिम बंगाल), सालारजंग संग्रहालय (आंध्र प्रदेश), एनजीएमए दिल्ली और क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र, लखनऊ।

• भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार ने भी अपनी प्रतिष्ठित इमारत को रोशन करके इसमें शामिल किया है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की देखरेख में, देश भर में 60 से अधिक विरासत स्मारकों को तिरंगे से रोशन किया गया है, जिनमें शामिल हैं:

  • दिल्ली में लाल किला, किला राय पिथौरा, सफदरजंग मकबरा और पुराना किला।
  • राजस्थान में कुंभलगढ़, चित्तौड़गढ़ और किला घंटा। गुलाब बाड़ी, उत्तर प्रदेश
  • उदयगिरि गुफाएं (ओडिशा), अशोक स्तंभ (बिहार), राहतगढ़ किला (मध्य प्रदेश) और किला बल्लारपुर (महाराष्ट्र), अन्य।
  • रंग घर (असम), चित्रदुर्ग किला (कर्नाटक), लेह पैलेस (लेह)

एकता और स्मरण के एक मार्मिक संकेत के रूप में, संस्कृति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 14 मई 2025 को कुतुब मीनार का दौरा किया, जहां तिरंगे का एक विशेष प्रक्षेपण मानचित्रण प्रदर्शित किया गया। केंद्रीय मंत्री ने सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की और हमारे गुमनाम नायकों और बहादुरों के साहस एवं वीरता से प्रज्वलित राष्ट्रवादी भावना को सलाम किया।

सभी भारतीयों के लिए गौरव के इस क्षण को सामूहिक रूप से मनाने के उद्देश्य से, एमओसी के तहत संस्थान और संगठन विशेष कहानी सुनाने (स्टोरी टेलिंग) के कार्यक्रम, चित्रकारी के माध्यम से श्रद्धांजलि, विशेष प्रदर्शनियां, संगीतमय श्रद्धांजलि, प्रश्नोत्तरी, बैज/कलाईबैंड वितरण, जन भागीदारी के साथ तिरंगा रैलियां जैसे कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं।

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आईआईसीए और डीजीआर ने वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के साथ स्वतंत्र निदेशक के लिए दूसरा प्रमाणन कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा किया

  इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स (आईआईसीए) ने डायरेक्टरेट जनरल रीसेटलमेंट (डीजीआर) के साथ 5 मई 2025 से 16 मई 2025 तक गुरुग्राम के मानेसर स्थित आईआईसीए कैंपस में वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के साथ कार्यक्रम का दूसरा बैच संचालित किया।

सभी तीनों सेवाओं से एयर मार्शल, वाइस एडमिरल, रियर एडमिरल, एयर वाइस मार्शल, मेजर जनरल, ब्रिगेडियर, कर्नल और ग्रुप कैप्टन श्रेणियों के कुल 30 वरिष्ठ अधिकारियों ने द्वि साप्ताहिक प्रमाणन कार्यक्रम में प्रतिनिधित्व किया।

समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता आईआईसीए के डीजी एवं सीईओ श्री ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने की। समापन कार्यक्रम को लेफ्टिनेंट जनरल एसबीके सिंह, एसएम, डायरेक्टर जनरल, डीजीआर एंड वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन ने भी संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सशस्त्र बलों और कॉरपोरेट जगत में होने वाले अनुभवों के बीच समानताएं बताईं। उन्होंने आगे रेखांकित किया कि कॉरपोरेट में सुशासन के लिए आवश्यक शर्तें- नैतिकता और अखंडता, सशस्त्र बलों में पहले से ही मौजूद हैं, और नई स्किल्स, जानकारी और अनुभवों को साथ लेकर बदलते भारतीय कॉरपोरेट परिदृश्य में परिवर्तनकर्ता के तौर पर स्थापित करती हैं।

आईआईसीए के डीजी एवं सीईओ  ज्ञानेश्वर कुमार सिंह ने उभरते भारतीय कॉरपोरेट परिदृश्य में अनुभवी लोगों की ओर से निभाई जाने वाली अपेक्षित भूमिकाओं के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने संबोधन में विशेष प्रकार के क्षेत्रों में सशस्त्र बलों की ओर से अधिक क्षमता और उत्पादन पर जोर दिया और रेखांकित किया कि किस प्रकार से यह अनुभवी लोगों का यह अनुभव भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र का हिस्सा रहते हुए राष्ट्र निर्माण के योग्य बनाएगा। श्री सिंह ने अपने विचार को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सशस्त्र बलों की ओर से मिली दक्षता का इस्तेमाल, उन अनुभवों में इस्तेमाल होने वाले क्षेत्रों में किया जाना चाहिए, जो अंततः विकसित भारत की उपलब्धि का नेतृत्व करेगा। कार्यक्रम के प्रतिभागियों को दिए गए संबोधन में श्री सिंह ने एक विशेष पहलू को कवर करते हुए प्रतिभागियों को उद्यमिता विकास पर ध्यान केंद्रित करने को कहा, जो आगे जाकर रोजगार निर्माण करेगा, जो न केवल दिग्गज साथियों के लिए है, बल्कि बड़े स्तर पर पूरे राष्ट्र के लिए है, जो एमएसएमई क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा।

आईआईसीए में कॉरपोरेट गवर्नेंस एंड पब्लिक पॉलिसी स्कूल के हेड डॉ. नीरज गुप्त ने अपने संबोधन के दौरान सर्वाधिक महत्वपूर्ण हालातों के बावजूद पूरे कार्यक्रम में प्रतिभागियों की उपस्थिति बनाए रखने पर धन्यवाद किया। उन्होंने सार्वजनिक शासन, सैन्य शासन और कॉरपोरेट शासन के विचारों के बीच कन्वर्जेंस और डाइवर्जेंस प्वाइंट्स पर जोर दिया। उन्होंने जोर दिया कि द्वि साप्ताहिक कार्यक्रम का उद्देश्य: (i) प्रतिभागियों को कॉरपोरेट प्रशासन की नियामक समझ और विचारों को समझाना, (ii) स्वतंत्र डायरेक्टर की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में बताना और, (iii) कॉरपोरेट बोर्ड में योगदान देने में मदद करना था।

कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए प्रमाणन कार्यक्रम को आईआईसीए में प्रधान रिसर्च असोसिएट डॉ. अनिंदिता चक्रवर्ती और आईआईसीए में वरिष्ठ रिसर्च असोसिएट सीएस आशीष कुमार ने पूरा किया। कॉरपोरेट मामलों पर जानकारी के भंडार, मंत्रालय, कॉरपोरेट और अन्य इकाइयों जैसे नियामकों के साथ नियामक फ्रेमवर्क पर काम करने वाले आईआईसीए ने एक उत्प्रेरक के तौर पर अपनी भूमिका निभाई।  संस्थान हमेशा से ही सुशासन के प्रचार और जिम्मेदार व्यापार आचरण से जुड़ी पहलों में अग्रणी रहा है।

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पीएम-जनमन सम्पूर्णता अभियान

 
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव विभु नायर ने आवश्यक सेवाओं के संचालन और प्रभावी वितरण पर विशेष ध्यान देने के साथ पीएम-जनमन के तहत विभिन्न पहलों को फिजिकल रूप से पूरा करने की आवश्यकता पर बल दिया। नायर ने कहा कि राज्य अपनी-अपनी योजनाओं का उपयोग जहां भी संभव हो, इन पहलों को समर्थन देने और उन्हें प्राप्त करने के लिए करें तथा सभी पहलों के लिए विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित किये जाने चाहिए। आज नई दिल्ली में पीएम-जनमन की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षी कार्यक्रम पीएम-जनमन के कार्यान्वयन के सभी स्तरों पर शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रत्येक माह के अंतराल पर ऐसी समीक्षा आयोजित की जाएगी।

एक दिवसीय समीक्षा बैठक के दौरान, अभियान के अंतर्गत बुनियादी ढांचे (व्यक्तिगत और सामुदायिक परिसंपत्तियों) के तेजी से और मिशन मोड में पूरा होने से संबंधित प्रमुख पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें सेवा सम्पूर्णता को प्राप्त करने के लिए सभी प्रयासों में सामंजस्य स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। प्रतिभागियों ने संभावित कार्यान्वयन बाधाओं की पहचान करने और उनका समाधान करने के लिए विचार-मंथन सत्रों में भाग लिया। यह भी देखा गया कि समय पर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के भीतर कई स्तरों पर एक व्यवस्थित और नियमित समीक्षा तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए और विभागों के बीच समन्वय को गांव स्तर तक दोहराया जाना चाहिए।

चर्चा के मुख्य बिन्दु इस बात पर केंद्रित थे कि सभी गांवों में अभियान के तहत रेखांकित पहलों का पूर्ण क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।

  • स्वास्थ्य, आंगनवाड़ी और कौशल विकास की आवश्यक सेवाओं के साथ बहुउद्देश्यीय केंद्रों (एमपीसी) का निर्माण पूरा करना और उनका संचालन शुरू करना।
  • सभी वन धन विकास केंद्रों (वीडीवीके) में व्यावसायिक गतिविधियों की शुरुआत
  • पक्के मकानों की स्वीकृति और निर्माण का फिजिकल कार्य पूरा करना तथा आधार जैसे आवश्यक दस्तावेजों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • बस्तियों के स्थान के अनुसार सड़कों की सफाई और चल रही सड़क परियोजनाओं को समय पर पूरा करना
  • सभी आंगनवाड़ी केंद्रों (एडब्ल्यूसी) का संचालन और निगरानी
  • जीपीएस जैसे तकनीकी उपकरणों के उपयोग से मोबाइल मेडिकल यूनिटों (एमएमयू) के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी को मजबूत करना।
  • लक्षित संख्या में पीवीटीजी छात्रावासों की स्वीकृति और निर्माण
  • ऑन-ग्रिड या ऑफ-ग्रिड समाधानों के माध्यम से पीवीटीजी घरों का विद्युतीकरण
  • नल जल आपूर्ति द्वारा गांवों का सम्पूर्ण कवरेज
  • दूरदराज के क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुधारने के लिए मोबाइल टावरों की स्थापना

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) योजना के सम्पूर्णता स्तरों का आकलन करने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय ने नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में इस समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इसमें पीएम-जनमन मिशन में भाग लेने वाले 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जनजातीय कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव/सचिव स्तर के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में भाग लेने वाले मंत्रालयों के अधिकारी भी शामिल हुए।

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के व्यापक विकास और कल्याण को सुनिश्चित करना है। 2023 में जनजातीय गौरव दिवस पर माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित यह अभियान देश में सबसे अधिक वंचित समुदायों के लिए समावेशी विकास और सामाजिक न्याय के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है जो विकसित गांवविकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता करेगा।

अभियान को राज्य सरकारों के सहयोग से 9 मंत्रालयों और विभागों के समन्वित प्रयासों के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है। इससे संबंधित फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरा करने और समयबद्ध तरीके से सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक केंद्रित, मिशन-मोड दृष्टिकोण अपनाया गया है।

 

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