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सशक्त ग्रामीण समुदायों के बिना विकसित भारत संभव नहीं है: केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर पेम्मासानी

केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री श्री चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कहा है कि सशक्त ग्रामीण समुदायों के बिना विकसित भारत संभव नहीं है। गोवा के मीरमार में आज प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के अंतर्गत क्षेत्रीय ग्रामीण कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्री पेम्मासानी ने कहा कि जब हमारे गांव समृद्ध होंगे, तो भारत समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना अंत्योदय की सच्ची भावना – अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का उत्थान- को मूर्त रूप देती है।

श्री पेम्मासानी ने कहा कि पीएमएवाई-ग्रामीण एक नीति से कहीं अधिक है, इस योजना के तहत उम्मीदें साकार हुई हैं, सपनों को मूर्त रूप दिया गया है और परिवारों को अनिश्चितता से सुरक्षा की ओर ले जाया गया है। उन्होंने कहा, “मार्च 2029 तक 4.95 करोड़ घरों के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ, हमने पहले ही उल्लेखनीय प्रगति की है। आज तक, कुल 3.90 करोड़ लक्ष्य आवंटित किए गए हैं, 3.69 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई है और 2.76 करोड़ घरों का निर्माण पूरा हो चुका है। योजना के तहत बने घरों की प्रत्येक संख्या एक परिवार को शांति से नींद लेते हुए, बच्चों को सुरक्षित रूप से पढ़ते हुए और बुजुर्गों को सम्मान के साथ जीवन गुजारते हुए दर्शाती है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह बदलाव केवल घर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सरकार पीएमएवाई-जी को उज्ज्वला, जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत जैसी प्रमुख योजनाओं के साथ जोड़ रही है, ताकि केवल घर ही नहीं, बल्कि समग्र आवास का निर्माण किया जा सके। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को स्वच्छ जल, स्वच्छता और खाना पकाने का स्वच्छ ईंधन मिले।

श्री पेम्मासानी ने कहा कि सरकार की सोच ईंटों और गारे से कहीं आगे की है। राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से, हम ग्रामीण भारत में कुशल कारीगरों का एक समूह तैयार कर रहे हैं। यह अपने शुद्धतम रूप में आर्थिक सशक्तिकरण है। हमारा उद्देश्य नौकरियां पैदा करना, विशेषज्ञता का निर्माण करना और यह सुनिश्चित करना है कि ग्रामीण युवा अपनी समृद्धि के लेखक स्वयं बनें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हम ग्रीन हाउसिंग की ओर जा रहे हैं,

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भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल होगा एंटी सबमरीन वॉरफेयर-शैलो वाटर क्राफ्ट श्रेणी का पहला पोत अर्नाला

भारतीय नौसेना 18 जून 2025 को विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में पहला एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट – अर्नाला अपने बेड़े में शामिल करेगी। समारोह की अध्यक्षता चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान करेंगे। समारोह की मेज़बानी पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर करेंगे। नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी, विशिष्ट अतिथि तथा पोत के निर्माण से जुड़ी विभिन्न अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधि समारोह में शामिल होंगे।

सोलह एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट श्रेणी के जहाजों में से पहले पोत को भारतीय नौसेना में औपचारिक रूप से शामिल किए जाने का यह अवसर होगा। इस जहाज का निर्माण कोलकाता की गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने लॉर्सन एंड टुब्रो शिपबिल्डर्स के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी में किया है। अर्नाला रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर भारत की पहल की सफलता का प्रमाण है ।

पोत निर्माण निदेशालय के मार्गदर्शन और कोलकाता और कट्टुपल्ली में युद्धपोत निरीक्षण टीमों की देखरेख में निर्मित, अर्नाला को 08 मई 2025 को भारतीय नौसेना को सौंपा गया था। ( https://www.pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=2127729 )। महाराष्ट्र के वसई में स्‍थित ऐतिहासिक अर्नाला किले के नाम परयह युद्धपोत भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को दर्शाता है। विभिन्न खतरों के खिलाफ मजबूती से खड़े किले की तरह यह जहाज समुद्र में दुर्जेय उपस्थिति दर्ज कराएगा। इसका मजबूत निर्माण और उन्नत क्षमताएं सुनिश्चित करती हैं कि यह समुद्री क्षेत्र की चुनौतियों का सामना कर उभरते खतरों से जलीय क्षेत्र में भारत की रक्षा करेगा।

80 प्रतिशत स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित यह पोत भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड – एमईआईएल सहित प्रमुख भारतीय रक्षा फर्मों की उन्नत प्रणालियों से युक्‍त है। इस परियोजना में घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने और संबंधित आर्थिक गतिविधियां उत्पन्न करने वाले 55 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम शामिल रहे हैं।

एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट ऑपरेशन श्रृंखला के लिए डिज़ाइन और निर्मित गया, अर्नाला पोत, उपसतह-तटीय इलाकों में खुफिया निगरानी, तटीय सुरक्षा, खोज और बचाव तथा कम तीव्रता वाले समुद्री अभियानों में सक्षम है। 1490 टन से अधिक वजन का 77.6 मीटर लंबा भारतीय नौसेना का यह सबसे बड़ा डीजल इंजन-वॉटरजेट संयोजन से चलने वाला युद्धपोत है।

अर्नाला पोत के नौसेना बेड़े में शामिल होने से यह भारत की नौसैनिक क्षमताओं में  परिवर्तनकारी बदलाव लाएगा। इससे तटीय सुरक्षा मजबूत होगी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद महासागर क्षेत्र में यह आत्मनिर्भर समुद्री शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को और सुदृढ़ बनाएगा।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मूकश्मीर के कटरा में 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित किया। वीर जोरावर सिंह की भूमि को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम भारत की एकता और दृढ़ संकल्प का भव्य उत्सव है। श्री मोदी ने कहा कि माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से कश्मीर घाटी अब भारत के विशाल रेल नेटवर्क से जुड़ गई है। प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने हमेशा गहरी श्रद्धा के साथ ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक कहते हुए मां भारती का आह्वान किया है, आज यह हमारे रेल नेटवर्क में भी एक वास्तविकता बन गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उधमपुरश्रीनगरबारामुल्ला रेल लाइन परियोजना केवल एक नाम नहीं है, बल्कि यह जम्मूकश्मीर की नई ताकत और भारत की बढ़ती क्षमताओं का प्रतीक है। क्षेत्र में रेल बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता के अनुरूप, उन्होंने चिनाब और अंजी रेल पुलों का उद्घाटन किया और जम्मूकश्मीर के भीतर कनेक्टिविटी को बढ़ाते हुए वंदे भारत ट्रेनों को झंडी दिखाई। इसके अतिरिक्त, श्री मोदी ने जम्मू में एक नए मेडिकल कॉलेज की आधारशिला भी रखी, जिससे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को बल मिला। उन्होंने कहा कि 46,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं जम्मूकश्मीर में विकास को गति देंगी, जिससे प्रगति और समृद्धि आएगी। प्रधानमंत्री ने विकास और परिवर्तन के इस नए युग के लिए लोगों को शुभकामनाएं और बधाई दीं।

 मोदी ने कहा कि जम्मूकश्मीर की पीढ़ियों ने रेलवे कनेक्टिविटी का सपना लंबे समय से देखा था, आज यह सपना सच हो गया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के हाल ही में दिए गए वक्तव्य का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सातवीं या आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र के रूप में भी  अब्दुल्ला इस परियोजना के पूरा होने का इंतजार कर रहे थे। श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि लंबे समय से प्रतीक्षित इस आकांक्षा की पूर्ति जम्मूकश्मीर के लाखों लोगों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है, जो बेहतर कनेक्टिविटी और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है।

उन्होंने कहा कि यह उनकी सरकार के लिए सौभाग्य की बात है कि इस महत्वाकांक्षी रेलवे परियोजना ने उनके कार्यकाल के दौरान गति पकड़ी और अब सफलतापूर्वक पूरी हो गई है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस परियोजना में कई चुनौतियां थीं, जैसे कि कठिन भूभाग, खराब मौसम की स्थिति और पहाड़ों में गिरती चट्टानें, जिससे यह परियोजना बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण हो गई थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा चुनौतियों का सामना करने और दृढ़ संकल्प के साथ उन पर विजय पाने का विकल्प चुना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मूकश्मीर में चल रही सभी मौसमों में कार्यशील रहने वाली कई बुनियादी ढांचा परियोजनाएं इस प्रतिबद्धता का उदाहरण हैं। उन्होंने हाल ही में खोली गई सोनमर्ग सुरंग और चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज पर यात्रा करने के अपने अनुभव को उल्लेखनीय उपलब्धि बताया। श्री मोदी ने भारत के इंजीनियरों और श्रमिकों की इंजीनियरिंग प्रतिभा और अटूट समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज चिनाब ब्रिज भारत की महत्वाकांक्षा का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि जहां लोग एफिल टॉवर देखने के लिए पेरिस जाते हैं, वहीं चिनाब ब्रिज की ऊंचाई उससे भी अधिक है, जिससे यह न केवल एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा उपलब्धि बन गया है, बल्कि एक उभरता हुआ पर्यटक आकर्षण भी बन गया है। इसी तरह, प्रधानमंत्री ने अंजी ब्रिज को इंजीनियरिंग का चमत्कार बताया, जो भारत का पहला केबलसमर्थित रेलवे ब्रिज है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये संरचनाएं केवल स्टील और कंक्रीट से बनी नहीं हैं, बल्कि भारत की शक्ति के जीवंत प्रतीक हैं, जो पीर पंजाल पहाड़ों के ऊबड़खाबड़ ऊंचे स्थान पर खड़े हैं। श्री मोदी कहा कि ये उपलब्धियां एक विकसित राष्ट्र के लिए भारत के विजान का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो साबित करती हैं कि भारत की प्रगति का सपना जितना बड़ा है, उतना ही उसका लचीलापन, क्षमता और दृढ़ संकल्प भी है। इसके अतिरिक्त उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि शुद्ध इरादे और अथक समर्पण भारत के रूपांतरण के पीछे की प्रेरक शक्तियां हैं।

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि चिनाब ब्रिज और अंजी ब्रिज दोनों ही जम्मूकश्मीर में समृद्धि के उत्प्रेरक के रूप में काम करेंगे। उन्होंने कहा, “ये ऐतिहासिक परियोजनाएं न केवल पर्यटन को बढ़ावा देंगी बल्कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को भी लाभान्वित करेंगी, जिससे व्यवसायों और उद्योगों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि जम्मू और कश्मीर के बीच बेहतर रेल संपर्क स्थानीय उद्यमियों के लिए अवसरों के नए द्वार  खोलेगा, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। श्री मोदी ने कहा कि कश्मीर के सेब अब कम लागत पर देशभर के प्रमुख बाजारों तक पहुंचेंगे, जिससे व्यापार में अधिक कुशलता आएगी। इसके अतिरिक्त, सूखे मेवे और कश्मीर के प्रसिद्ध पश्मीना शॉल और अन्य पारंपरिक हस्तशिल्प अब आसानी से देश के हर कोने में पहुंचाए जा सकेंगे, जिससे क्षेत्र के कारीगरों और उद्योग को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बेहतर संपर्क जम्मू और कश्मीर के लोगों के लिए आवाजाही और अधिक सुविधाजनक बनाएगा, जिससे भारत के विभिन्न हिस्सों में आवागमन सुगम हो सकेगा।

श्री मोदी ने संगलदान के एक विद्यार्थी की मार्मिक टिप्पणी साझा की, जिसने कहा कि अब तक केवल उन लोगों ने ही वास्तविक जीवन में रेलगाड़ी देखी थी जिन्होंने गांव से बाहर कदम रखा था। अधिकांश ग्रामीणों ने केवल वीडियो में ही रेलगाड़ियां देखी थीं। उन्हें विश्वास नहीं था कि शीघ्र ही उनकी आंखों के सामने से एक वास्तविक रेलगाड़ी भी गुजरेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि कई लोगों ने अब रेलगाड़ियों की समय-सारिणी को भी याद करना शुरू कर दिया है और वे नई कनेक्टिविटी को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने एक युवती की एक विचारशील टिप्पणी पर प्रकाश डाला, जिसमें उसने कहा कि अब मौसम यह तय नहीं करेगा कि सड़कें खुली रहेंगी या बंद। यह नई रेल सेवा सभी मौसमों में लोगों की मदद करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, “जम्मू और कश्मीर भारत माता का मुकुट है, जो उज्ज्वल रत्नों से सुसज्जित है – प्रत्येक रत्न इस क्षेत्र की असीम शक्ति और सौंदर्य का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने इसकी प्राचीन संस्कृति, परंपराओं, आध्यात्मिक चेतना, मनमोहक परिदृश्यों, औषधीय जड़ीबूटियों, फलतेफूलते बागों और जीवंत युवा प्रतिभा की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये गुण भारत के मुकुट में बहुमूल्य रत्नों की तरह चमकते हैं। दशकों से जम्मूकश्मीर का दौरा कर रहे प्रधानमंत्री ने क्षेत्र की क्षमता के बारे में अपनी गहरी समझ की पुष्टि की और जम्मूकश्मीर के निरंतर विकास और उत्थान के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिससे वहां के लोगों की समृद्धि सुनिश्चित हो सके।

प्रधानमंत्री ने कहा, “जम्मू और कश्मीर लंबे समय से भारत की शिक्षा और सांस्कृतिक विरासत का एक स्तंभ रहा है।” उन्होंने कहा कि जैसेजैसे भारत खुद को वैश्विक ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है, इस रूपांतरण में जम्मू और कश्मीर की सहभागिता बढ़ रही है। श्री मोदी ने जम्मू और श्रीनगर में केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथसाथ आईआईटी, आईआईएम, एम्स और एनआईटी जैसे प्रमुख संस्थानों की उपस्थिति की ओर इंगित किया, जो इस क्षेत्र में अकादमिक उत्कृष्टता को सुदृढ़ बना रहे हैं। उन्होंने अनुसंधान इको-सिस्टम के विस्तार, नवोन्मेषण और सीखने के अवसरों को और बढ़ाने का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि स्वास्थ्य सेवा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और हाल के वर्षों में दो राज्य स्तरीय कैंसर संस्थान स्थापित किए गए हैं। पिछले पांच वर्षों में, सात नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, जिससे रोगियों और आकांक्षी मेडिकल छात्रों दोनों को ही काफ़ी लाभ हुआ है। श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जम्मू और कश्मीर में एमबीबीएस की सीटें 500 से बढ़कर 1,300 हो गई हैं, जिससे चिकित्सा शिक्षा की सुविधा बढ़ गई है। इसके अतिरिक्त, रियासी जिले में एक नया मेडिकल कॉलेज बनने वाला है, जिससे इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ेंगी। प्रधानमंत्री ने श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल एक्सीलेंस की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह न केवल एक आधुनिक अस्पताल है, बल्कि यह भारत की कल्याण की समृद्ध परंपरा का प्रतीक भी है। उन्होंने पूरे भारत के भक्तों के योगदान की भी सराहना की, जिनके दान से इस संस्थान की स्थापना में मदद मिली। अपनी शुभकामनाएं देते हुए, श्री मोदी ने इस नेक काम में समर्पित प्रयासों के लिए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को बधाई दी। उन्होंने यह भी घोषणा की कि अस्पताल की क्षमता 300 से बढ़ाकर 500 बिस्तर की जाएगी, जिससे चिकित्सा सेवाओं में और सुधार होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विकास से कटरा में माता वैष्णो देवी के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा मिलेगी।

इस बात को रेखांकित करते हुए कि उनकी सरकार ने अब अपने कार्यकाल के 11 वर्ष पूरे कर लिए हैं, प्रधानमंत्री ने इस अवधि को गरीबों के उत्थान और नागरिकों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित किया तथा कई प्रमुख कल्याणकारी पहलों पर प्रकाश डाला, जिन्होंने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना का उल्लेख किया, जिसने 4 करोड़ निर्धन परिवारों को पक्के घर देकर उनके सपने को पूरा किया है। उज्ज्वला योजना ने 10 करोड़ घरों से धुएं को खत्म करने में मदद की है और महिलाओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा की है। आयुष्मान भारत ने 50 करोड़ वंचित नागरिकों को 5 लाख रुपये तक की निशुल्क  स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की, हर थाली को पर्याप्त पोषण से भर दिया, जबकि जन धन योजना ने 50 करोड़ से अधिक निर्धन व्यक्तियों के लिए बैंकिंग सुविधा प्रदान की, जिससे वे वित्तीय प्रणाली में शामिल हो गए। प्रधानमंत्री ने सौभाग्य योजना का भी उल्लेख किया, जिसने अंधेरे में रहने वाले 2.5 करोड़ परिवारों को बिजली पहुंचाई। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ शौचालय बनाए गए, जिससे खुले में शौच की चुनौती खत्म हुई। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन ने 12 करोड़ घरों को नल का जल उपलब्ध कराया, जिससे महिलाओं पर बोझ कम हुआ, जबकि पीएम किसान सम्मान निधि ने 10 करोड़ छोटे किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे ग्रामीण भारत मजबूत हुआ।

श्री मोदी ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में 25 करोड़ से अधिक लोगों ने गरीबी को सफलतापूर्वक दूर किया है और वे नवमध्यम वर्ग में परिवर्तित हो गए हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार गरीबों और उभरते मध्यम वर्ग दोनों को मजबूत करने, प्रमुख सुधारों के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने वन रैंक, वन पेंशन, 12 लाख रुपये तक के वेतन पर कर छूट, घर खरीदारों के लिए वित्तीय सहायता और सस्ती हवाई यात्रा के लिए सहायता जैसी पहलों का हवाला देते हुए कहा कि सरकार लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और सभी के लिए प्रगति ला रही है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार उनकी सरकार ने ईमानदार, कर चुकाने वाले मध्यम वर्ग के लिए काम किया है।

श्री मोदी ने रेखांकित किया कि उनकी सरकार लगातार युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है, पर्यटन आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी के एक महत्वपूर्ण वाहक के रूप में उभर रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पर्यटन न केवल रोजगार पैदा करता है बल्कि लोगों के बीच एकता को भी बढ़ावा देता है। इस प्रगति को बाधित करने के पाकिस्तान के बारबार के प्रयासों की निंदा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मानवता, सामाजिक सद्भाव और आर्थिक समृद्धि के विरुद्ध है। पहलगाम में 22 अप्रैल की घटना का उल्लेख करते हुए, श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीरियत और मानवता दोनों पर हमला किया, जिसका उद्देश्य भारत में हिंसा भड़काना और मेहनतकश कश्मीरियों की आजीविका को प्रभावित करना था। उन्होंने बताया कि पर्यटकों पर यह जानबूझकर किया गया हमला जम्मू और कश्मीर में फलतेफूलते पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाने के लिए था, जहां पिछले कुछ वर्षों में पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के दुर्भावनापूर्ण इरादे ने स्थानीय श्रमिकों, जिनमें घुड़सवारी कराने वाले, कुली, गाइड, गेस्ट हाउस के मालिक और दुकानदार शामिल हैं, को सीधे प्रभावित किया। उनका उद्देश्य उनकी आजीविका को नष्ट करना था। उन्होंने युवा आदिल के साहस की प्रशंसा की, जो आतंकवादियों के खिलाफ खड़ा रहा और ईमानदारी से काम करके अपने परिवार का भरणपोषण करने के प्रयास में दुखद रूप से अपनी जान गंवा दी। श्री मोदी ने जम्मूकश्मीर के लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई तथा यह सुनिश्चित किया कि आतंकवाद कभी भी क्षेत्र की प्रगति को रोकने में सफल नहीं होगा।

जम्मूकश्मीर के लोगों की गतिशीलता की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की साजिश के खिलाफ उनका दृढ़ रुख एक शक्तिशाली संदेश देता है। उन्होंने कहा कि जम्मूकश्मीर के युवा अब आतंकवाद का डटकर मुकाबला करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। श्री मोदी ने आतंकवाद के विनाशकारी प्रभाव की निंदा की और याद दिलाया कि कैसे इसने स्कूलों को जला दिया, अस्पतालों को तबाह कर दिया और घाटी में पीढ़ियों को नष्ट किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को भी एक बड़ी चुनौती बना दिया है, जिससे लोगों को अपने प्रतिनिधियों को चुनने के अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मूकश्मीर के लोगों द्वारा प्रदर्शित की गई ताकत और दृढ़ संकल्प एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो शांति, प्रगति और उज्जवल भविष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का संकेत देता है।

श्री मोदी ने कहा कि जम्मूकश्मीर ने वर्षों तक आतंकवाद को झेला, जिसके कारण कई लोगों को अपने सपनों को त्यागने और हिंसा को अपनी नियति मान लेने को विवश होना पड़ा। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार ने अब इस स्थिति को बदल दिया है, जिससे जम्मूकश्मीर के युवा फिर से सपने देख पा रहे हैं और उन सपनों को पूरा कर पा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर के युवा अब चहलपहल भरे बाजारों, जीवंत शॉपिंग मॉल और फलतेफूलते सिनेमा हॉल को देखकर खुश होते हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोग जम्मूकश्मीर को फिल्म शूटिंग के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में पुनर्जीवित करने और इसे खेलों के केंद्र के रूप में विकसित करने की इच्छा रखते हैं। श्री मोदी ने माता खीर भवानी मेले का उदाहरण दिया, जहां हजारों श्रद्धालु एकत्रित हुए, जो जम्मूकश्मीर के नए, आशावादी चेहरे को दर्शाता है। उन्होंने आगामी अमरनाथ यात्रा और ईद के उत्सव की भावना को भी उजागर किया, जो क्षेत्र के लचीलेपन और प्रगति को दर्शाता है। इस बात पर दृढ़ता से जोर देते हुए कि पहलगाम हमले से जम्मूकश्मीर में विकास की गति नहीं डगमगाएगी, प्रधानमंत्री ने लोगों को आश्वस्त किया कि इस क्षेत्र के विकास में कोई बाधा नहीं आएगी, उन्होंने घोषणा की कि जम्मूकश्मीर के युवाओं के सपनों को चुनौती देने वाली किसी भी बाधा का सामना उन्हें स्वयं करना होगा।

प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि ठीक एक महीने पहले, भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया गया था। उन्होंने कहा, “जब भी पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा, उसे अपनी अपमानजनक हार की याद आएगी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की सेना और आतंकी नेटवर्क ने भारत के इस साहसिक कदम की कभी कल्पना नहीं की थी और कुछ ही मिनटों में दशकों से उनके द्वारा बनाए गए आतंकी ढांचे को बर्बाद कर दिया गया। श्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान सदमे और हताशा में है और जम्मू, पुंछ और अन्य जिलों में निर्दोष नागरिकों को निशाना बना रहा है। उन्होंने पाकिस्तान के क्रूर हमलों की निंदा की और कहा कि दुनिया ने देखा कि कैसे उसने घरों को नष्ट कर दिया, स्कूलों और अस्पतालों पर बमबारी की और मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों पर गोलाबारी की। प्रधानमंत्री ने जम्मूकश्मीर के लोगों की जीवंतता की सराहना करते हुए कहा कि पाकिस्तान की आक्रामकता का सामना करने में उनके साहस को हर भारतीय ने देखा है। उन्होंने कहा कि हर नागरिक पूरी शक्ति से प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है और यह अटूट समर्थन और एकजुटता सुनिश्चित करता है।

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि सीमा पार से गोलीबारी के कारण अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों को पहले ही सरकारी सहायता के लिए नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं। गोलाबारी से प्रभावित 2,000 से अधिक परिवारों द्वारा झेली जा रही कठिनाई के प्रति संवेदनशीलता जताते हुए श्री मोदी ने पुष्टि की कि उन लोगों की पीड़ा पूरे देश की पीड़ा है। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें उनके घरों की मरम्मत के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी, जिससे प्रभावित लोगों को राहत मिली। प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि केंद्र सरकार ने अब इस सहायता को बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे प्रभावित परिवारों को अधिक सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री ने उन परिवारों के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता की घोषणा की जिनके घर सीमा पार से गोलाबारी के कारण क्षतिग्रस्त हो गए थे। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त परिवारों को अब 2 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों को पहले दी गई सहायता के अलावा एक लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। श्री मोदी ने प्रभावित परिवारों के साथ खड़े रहने, उन्हें निरंतर राहत सुनिश्चित करने और उनके घरों और जीवन को फिर से खुशहाल बनाने में उनकी मदद करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

प्रधानमंत्री ने कहा, “सरकार सीमा पर रहने वाले लोगों को देश के अग्रिम पंक्ति का रक्षक मानती है।” उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में सीमावर्ती जिलों में विकास और सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए अभूतपूर्व प्रयास किए गए हैं। प्रमुख पहलों को रेखांकित करते हुए, श्री मोदी ने कहा कि लगभग 10,000 नए बंकरों का निर्माण किया गया है, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रधानमंत्री ने जम्मू और कश्मीर संभाग के लिए दो नई सीमा बटालियनों के गठन की घोषणा की, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा अभियानों को और मजबूती मिलेगी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि दो समर्पित महिला बटालियनों की भी सफलतापूर्वक स्थापना की गई है, जिससे रक्षा क्षमताओं को मजबूती मिली है और सशस्त्र बलों में महिलाओं को सशक्त बनाया गया है।

भारत के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण इलाकों में हो रहे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि कनेक्टिविटी और सुरक्षा में सुधार के लिए अरबों रुपये का निवेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कठुआजम्मू राजमार्ग को छह लेन वाले एक्सप्रेसवे में अपग्रेड किया जा रहा है, जबकि अखनूरपुंछ राजमार्ग को सुगम यात्रा की सुविधा के लिए चौड़ा किया जा रहा है। वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती गांवों में विकास पहलों में तेजी लाई गई है, जिससे निवासियों के लिए बेहतर जीवन स्तर और अवसर सुनिश्चित हुए हैं। श्री मोदी ने उल्लेख किया कि जम्मूकश्मीर के 400 गांव पहले खराब मौसमों में कनेक्टिविटी से वंचित रहते थे, अब उन गांवों के लिए 1,800 किलोमीटर नई सड़कें बना दी गई हैं। उन्होंने घोषणा की कि सरकार इन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 4,200 करोड़ रुपये से अधिक आवंटित कर रही है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक विकास और क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने जम्मूकश्मीर के युवाओं से विशेष अपील की और उनसे भारत की विनिर्माण क्रांति में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऑपरेशन सिंदूर ने आत्मनिर्भर भारत की ताकत को प्रदर्शित किया और आज दुनिया भारत के रक्षा इको-सिस्टम को पहचान रही है। इस सफलता का श्रेय सशस्त्र बलों के ‘मेक इन इंडिया’ पर भरोसे को देते हुए कहा कि अब हर भारतीय को उनकी प्रतिबद्धता का अनुकरण करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के बजट में घोषित मिशन विनिर्माण पहल पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य भारत के विनिर्माण क्षेत्र में तेजी लाना है। उन्होंने जम्मूकश्मीर के युवा नवोन्मेषकों और उद्यमियों से इस मिशन में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए भारत को उनकी आधुनिक सोच, नवोन्मेषक, विचारों और कौशल की आवश्यकता है। श्री मोदी ने कहा कि भारत पिछले एक दशक में एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभरा है और अगला लक्ष्य भारत को विश्व के शीर्ष रक्षा निर्यातकों में शामिल करना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत जितनी तेजी से इस लक्ष्य की ओर बढ़ेगा, उतने ही अधिक रोजगार के अवसर देश भर में पैदा होंगे और इससे लाखों लोगों को लाभ होगा।

प्रत्येक भारतीय से भारत में बने उत्पादों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता करने की अपील करते हुए श्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि ये उत्पाद देशवासियों की कड़ी मेहनत और समर्पण का सच्चा प्रतिबिंब हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में बने उत्पादों का उपयोग करना राष्ट्र की वास्तविक सेवा है जिससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और श्रमिक सशक्त बनेंगे। प्रधानमंत्री ने आग्रह किया कि जिस तरह देश सीमाओं पर अपने सशस्त्र बलों का सम्मान करता है, उसी तरह उसे बाजार में भी ‘मेड इन इंडिया’ के गौरव को बनाए रखना चाहिए जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि देश की ताकत रक्षा और वाणिज्य दोनों में परिलक्षित हो रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मूकश्मीर का भविष्य उज्ज्वल और समृद्ध है, क्योंकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर विकास की दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित करते हुए कि शांति और समृद्धि इस यात्रा का आधार बनी रहे, सहयोग और प्रगति की भावना पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने माता वैष्णो देवी के आशीर्वाद से प्रेरित विकास पथ को मजबूत करने के अपने दृढ़ संकल्प को व्यक्त किया। उन्होंने विकसित भारत और विकसित जम्मूकश्मीर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और दृढ़ संकल्प तथा एकता के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करने की बात की। श्री मोदी ने इन उल्लेखनीय परियोजनाओं के लिए लोगों को हार्दिक बधाई देते हुए, उन्नति की भावना की अपील के साथ अपने संबोधन का समापन किया।

इस कार्यक्रम में जम्मूकश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, जम्मूकश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला, केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, श्री वी. सोमन्ना और डॉजितेंद्र सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पृष्ठभूमि

चिनाब और अंजी रेल पुल

नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित वास्तुकला का चमत्कार चिनाब रेल पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्च ब्रिज है जिसे भूकंप और तेज हवा की स्थिति में दृढता के साथ अडिग रहने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस पुल का एक प्रमुख लक्ष्य जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बढ़ाना है। पुल पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के ज़रिए कटरा और श्रीनगर के बीच यात्रा करने में सिर्फ़ 3 घंटे लगेंगे, जिससे विद्यमान यात्रा समय में 2-3 घंटे की कमी आएगी।

अंजी ब्रिज भारत का पहला केबलस्टेड रेल ब्रिज है जो इस चुनौतीपूर्ण भूभाग में राष्ट्र की सेवा करेगा।

कनेक्टिविटी परियोजनाएं और अन्य विकास पहल

प्रधानमंत्री ने उधमपुरश्रीनगरबारामुल्ला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना, जिसका निर्माण लगभग 43,780 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है, में 36 सुरंगें (119 किलोमीटर तक फैली हुईऔर 943 पुल शामिल हैं। यह परियोजना कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसमों में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करती है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय गतिशीलता को बदलना और सामाजिकआर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री ने श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर और वापस जाने वाली दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को भी झंडी दिखाई। ये ट्रेन निवासियों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों के लिए शीघ्र, आरामदायक और विश्वसनीय यात्रा विकल्प प्रदान करेंगी।

प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अंतिम मील तक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए कई सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग701 पर राफियाबाद से कुपवाड़ा तक सड़क चौड़ीकरण परियोजना और एनएच444 पर शोपियां बाईपास सड़क के निर्माण की आधारशिला रखी, जिसकी लागत 1,952 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने श्रीनगर में राष्ट्रीय राजमार्ग1 पर संग्राम जंक्शन और राष्ट्रीय राजमार्ग44 पर बेमिना जंक्शन पर दो फ्लाईओवर परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। इन परियोजनाओं से यातायात की भीड़ कम होगी और यात्रियों के लिए यातायात प्रवाह में सुधार होगा।

प्रधानमंत्री ने कटरा में 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस की आधारशिला भी रखी। यह रियासी जिले का पहला मेडिकल कॉलेज होगा जो इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने उमीद सेंट्रल पोर्टल का शुभारम्भ किया, जो वक्फ संपत्तियों की वास्तविक समय पर अपलोडिंग, सत्यापन और निगरानी के लिए केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म है

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने आज नई दिल्ली में उमीद केंद्रीय पोर्टल का शुभारंभ करने के बाद कहा कि उमीद पोर्टल भारत में वक्फ संपत्ति प्रबंधन एवं संचालन के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल पारदर्शिता आएगी, बल्कि आम मुसलमानोंविशेषकर महिलाओं और बच्चों को भी मदद मिलेगी।

इस पोर्टल को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने विकसित किया है। इसका औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्य मंत्री श्री जॉर्ज कुरियन की उपस्थिति में किया गया।

इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए श्री रिजिजू ने जोर देकर कहा कि उमीद सेंट्रल पोर्टल महज एक तकनीकी उन्नयन से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि यह अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की रक्षा करने और समुदाय के स्वामित्व वाली वक्फ संपत्तियों का उन गरीब मुसलमानों के लिए प्रभावी और निष्पक्ष उपयोग सुनिश्चित करने की सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिनके लिए वक्फ संपत्ति को मूल रूप से बनाया गया था।

उमीद सेंट्रल पोर्टल यूनिफाईड वक्फ़ मैनेजमेंट, एंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट एक्ट, 1995 यानी एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995 का संक्षिप्त रूप है। यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों की वास्तविक समय पर अपलोडिंग, सत्यापन और निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा। इस पोर्टल से देश भर में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही और जनभागीदारी से व्यापक बदलाव आने की उमीद है।

पोर्टल की मुख्य विशेषताएं हैं:

  • सभी वक्फ संपत्तियों की जियो-टैगिंग के साथ डिजिटल सूची का निर्माण
  • बेहतर समाधान के लिए ऑनलाइन शिकायत निवारण प्रणाली
  • पट्टे पर देने और उसके उपयोग की पारदर्शी ट्रैकिंग
  • जीआईएस मैपिंग और अन्य ई-गवर्नेंस उपकरणों के साथ एकीकरण
  • सत्यापित अभिलेखों और रिपोर्टों तक सार्वजनिक पहुंच

जॉर्ज कुरियन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह पोर्टल एक लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार है जो वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकेगा और उसके प्रबंधन को आम लोगों के करीब लाएगा। उन्होंने कहा, “यह प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि प्रत्येक संपत्ति का हिसाब रखा जाए और उसका उपयोग उस उद्देश्य के अनुसार किया जाए जिसके लिए उसे दान किया गया था।”

अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार ने कहा कि उन्हें उमीद है कि उमीद पोर्टल डिजिटल वक्फ प्रबंधन की रीढ़ बनेगा , जिससे यह सुनिश्चित होगा कि वक्फ संपत्तियां विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के वंचित वर्गों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आजीविका सृजन और सामाजिक कल्याण में सार्थक योगदान देंगी।

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भारत के युवाओं ने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, हमारी युवा शक्ति गतिशीलता, नवाचार और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है: प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज देश के युवाओं की विश्व स्तरीय उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के युवाओं ने दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई है। युवाओं को गतिशीलता, नवाचार और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में देश का विकास युवा शक्ति की बेजोड़ ऊर्जा और दृढ़ विश्वास से प्रेरित ह
मोदी ने कहा कि हमारे युवाओं ने स्टार्टअप, विज्ञान, खेल, सामुदायिक सेवा और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान दिया है। उन्होंने कहा, “पिछले 11 वर्षों में हमने ऐसे युवाओं के उल्लेखनीय उदाहरण देखे हैं जिन्होंने कल्पना से परे काम किए हैं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 11 वर्षों में युवाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से सरकारी नीतियों के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया। श्री मोदी ने कहा कि स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जैसी सरकारी पहल इस दृढ़ विश्वास पर आधारित हैं कि युवाओं को सशक्त बनाना सबसे महत्वपूर्ण काम है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में सरकार ने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। नई शिक्षा नीति और कौशल विकास तथा स्टार्ट-अप पर ध्यान केंद्रित करने से युवा ‘विकसित भारत’ के संकल्प में महत्वपूर्ण भागीदार बन गए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि सरकार युवा शक्ति को निखरने के सभी संभव अवसर प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;

“भारत के युवाओं ने विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। हमारी युवा शक्ति गतिशीलता, नवाचार और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। हमारे युवाओं ने बेजोड़ ऊर्जा और दृढ़ विश्वास के साथ भारत के विकास को आगे बढ़ाया है।”

पिछले 11 वर्षों में, हमने ऐसे युवाओं के उल्लेखनीय उदाहरण देखे हैं जिन्होंने स्टार्टअप, विज्ञान, खेल, सामुदायिक सेवा, संस्कृति आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में कल्पना से परे काम किए हैं।

पिछले 11 वर्षों में युवा सशक्तिकरण के उद्देश्य से नीति और कार्यक्रमों में निर्णायक बदलाव भी देखने को मिले हैं। स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जैसी सरकारी पहल इस दृढ़ विश्वास पर आधारित हैं कि युवाओं को सशक्त बनाना सबसे महत्वपूर्ण काम है।

मुझे विश्वास है कि हमारे युवा विकसित भारत के निर्माण के प्रयासों को मजबूत करते रहेंगे।

“पिछले 11 वर्षों में हमारी सरकार ने युवा शक्ति को मजबूत बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। नई शिक्षा नीति के साथ कौशल विकास और स्टार्टअप पर फोकस से हमारे युवा ‘विकसित भारत’ के संकल्प के अहम साथी बने हैं।

“हम अपनी युवा शक्ति को हमेशा निखरने के सभी संभव अवसर देंगे! वे विकसित भारत के प्रमुख निर्माता हैं।

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भारत ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर ‘एक देश, एक मिशन: बंद करें प्लास्टिक प्रदूषण’ थीम के साथ वैश्विक मुहिम का नेतृत्व किया

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केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘एक देश, एक मिशन: बंद करें प्लास्टिक प्रदूषण’ के नारे के साथ विश्व पर्यावरण दिवस 2025 मनाया। कार्यक्रम में प्रसारित एक वीडियो संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बात को रेखांकित किया कि पर्यावरण संतुलन बनाए रखना भारतीय संस्कृति का अंग है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे की ओर ध्‍यान आकृष्‍ट होने से बहुत पहले ही भारत ने इससे निपटने की कार्रवाई शुरू कर दी थी।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, दिल्ली सरकार के पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्री सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा और दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में उद्योग जगत के सदस्यों, सिविल सोसायटी, छात्रों और राज्यों तथा संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों के सरकारी अधिकारियों ने भी ‘संपूर्ण सरकार’ और ‘संपूर्ण समाज’ के दृष्टिकोण का पालन करते हुए भाग लिया।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने मुख्य भाषण में इस बात को रेखांकित किया कि दिल्ली में वाहनों से होने वाला प्रदूषण एक महत्वपूर्ण समस्‍या है और इलेक्ट्रिक बसों के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यमुना नदी के प्रदूषण की समस्‍या को राज्यों द्वारा सामूहिक रूप से हल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि प्लास्टिक एक महत्वपूर्ण सामग्री है, लेकिन प्लास्टिक अपशिष्‍ट का उचित रूप से निपटान न होना प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को जन्म दे रहा है। यादव ने दिल्ली के नागरिकों से 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक थैलों का उपयोग न करने और एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग से बचने का आग्रह किया। उन्होंने प्लास्टिक अपशिष्‍ट का पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण करने का अवसर देने वाली तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और प्लास्टिक प्रदूषण में कमी लाने के लिए नवोन्‍मेषी प्रौद्योगिकी को व्यावसायिक अवसरों से जोड़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया। श्री यादव ने इस बात पर जोर दिया कि ईपीआर दिशानिर्देश सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देते हैं और प्लास्टिक अपशिष्‍ट का पर्यावरण के अनुकूल प्रबंधन सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने मिशन लाइफ के सिद्धांतों को अपनाने और अछूते प्राकृतिक संसाधनों की खपत कम करने के लिए पुनर्चक्रण को बढ़ावा देने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अपने संबोधन में पिछले तीन वर्षों में दिल्ली में की गई हरित पहलों पर जोर दिया और कहा कि दिल्ली का वृक्ष आवरण बढ़ा है। उन्होंने अरावली की हरियाली के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने संबोधन में प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए सामूहिक कार्रवाई और व्यवहार परिवर्तन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए नवोन्‍मेषी तकनीकों की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

आज दो महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन किया गया। इनमें पहले प्रकाशन गवर्नमेंट इनिशिएटिव्‍स ऑन एंडिंग प्लास्टिक पल्‍यूशन में प्लास्टिक प्रदूषण की समस्‍या से निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को शामिल किया गया है। इस पुस्तक में सरकार और उद्योग सहित सभी हितधारकों की सामूहिक कार्रवाई की ताकत को दर्शाया गया है। कंपोडियम ऑन इको ऑल्‍टरनेटिव्‍ज टू बैन्‍ड सिंगल यूज प्लास्टिक का भी विमोचन किया गया। यह संग्रह देश भर में उपलब्ध पर्यावरण के अनुकूल-विकल्पों का एक व्यापक संकलन है।

इस कार्यक्रम के दौरान नेशनल प्लास्टिक वेस्‍ट रिपोर्टिंग पोर्टल भी लॉन्च किया गया, जो बहु-चरणीय फिजीकल रिपोर्टिंग से हटकर ऑनलाइन रिपोर्टिंग की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। यह पोर्टल पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करते हुए कचरा बीनने वालों से लेकर कचरे के प्रसंस्करण और निपटान तक के पूरे प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकोसिस्‍टम को कवर करता है। बेहतर नियोजन और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए देश भर के सभी शहरी स्थानीय निकायों और जिला पंचायतों के लिए प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित डेटा उपलब्ध हो जाएगा।

गणमान्य व्यक्तियों ने सात लाइफ थीमों में आइडियाज4लाइफ‘ के 21 विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए। एक महीने तक चली प्री-कैंपेन गतिविधियों के अंतर्गत, देश भर में 69,000 कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें लगभग 21 लाख लोगों ने भाग लिया।

योजनाबद्ध पहलों की श्रृंखला के साथ राष्ट्रीय प्लास्टिक प्रदूषण न्यूनीकरण अभियान भी आज शुरू किया गया। इस अभियान में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत बाघ अभ्‍यारण्‍यों तथा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने की गतिविधियाँ शामिल हैं। विशेष रूप से विशेष अभियान 5.0 के दौरान सरकारी कार्यालयों में उपयोग में न आने वाले एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। एकल उपयोग प्लास्टिक के लिए पर्यावरण-विकल्पों पर एक हैकथॉन तथा प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करने की थीम पर कविता लेखन, नारा लेखन और स्किट (नुक्कड़ नाटक) जैसी रचनात्मक प्रतियोगिता के माध्यम से युवाओं को शामिल करना अभियान का हिस्सा है।

प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने पर सरकार के फोकस को ध्यान में रखते हुए, प्रतिबंधित एकल-उपयोग प्लास्टिक के लिए पर्यावरण के अनुकूल-विकल्पों पर एक राष्ट्रीय प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में भारत भर से 150 स्टार्टअप, रिसाइकिलर्स और स्थानीय निकायों ने पर्यावरण के अनुकूल-विकल्पों और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन पर नवीन तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करते हुए जीवंत भागीदारी की। इस प्रदर्शनी में मिशन लाइफ के लिए एक अलग मंडप भी था। छात्रों के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय (एनएमएनएच) द्वारा आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता की चयनित प्रविष्टियों को भी एक अलग मंडप में प्रदर्शित किया गया।

इस दौरान, ‘प्लास्टिक अपशिष्‍ट पर स्थानीय निकायों के दृष्टिकोण’; ‘पर्यावरण के अनुकूल-विकल्पों और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन में स्टार्टअप को बढ़ावा देना’; और ‘प्लास्टिक पैकेजिंग पर ईपीआर: अवसर और आगे की राह’ विषय पर तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए । स्थानीय निकायों पर सत्र में शहरी क्षेत्रों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन में सर्वोत्तम प्रथाओं और स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण II के तहत कदमों को शामिल किया गया। स्टार्टअप पर सत्र में वैकल्पिक पैकेजिंग सामग्री, प्लास्टिक-पैकेजिंग-मुक्त दूध वितरण और लचीली पैकेजिंग में उपयोग की जाने वाली डिंकिंग तकनीकों के संबंध में नवोन्‍मेषी तकनीकों को शामिल किया गया। ईपीआर पर सत्र में कठोर प्लास्टिक पैकेजिंग के पुन: उपयोग, रासायनिक पुनर्चक्रण, डिपोजिट रिफंड सिस्‍टम, प्लास्टिक पैकेजिंग के निर्माण में पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक सामग्री के उपयोग के अभिनव मॉडल शामिल रहे।

 

 

 

 

 

 

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प्रधानमंत्री को कनाडा के प्रधानमंत्रीमार्क कार्नी से कनानसकीस में जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रण मिला

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी का फोन आया। परस्पर बातचीत के दौरान, मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को हाल ही में हुए चुनाव में मिली जीत के लिए बधाई दी तथा इस महीने के अंत में कनानसकीस में होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

दोनों नेताओं ने भारत और कनाडा के लोगों के बीच गहरे संबंधों को स्वीकार किया तथा आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर नए उत्साह के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि वे शिखर सम्मेलन में उनकी मुलाकात की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

एक एक्स पोस्ट में श्री मोदी ने लिखा;

“कनाडा के प्रधानमंत्री @MarkJCarney से फोन पर बात करके प्रसन्नता हुई। हाल ही में हुए चुनाव में उनकी जीत पर उन्हें बधाई दी और इस महीने के अंत में कनानसकीस में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे संबंधों से बंधे जीवंत लोकतंत्रों के रूप में, भारत और कनाडा आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर नए जोश के साथ मिलकर काम करेंगे। शिखर सम्मेलन में हमारी मुलाकात का आतुरता से इंतजार है।”

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“राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की विरासत देश को न्याय, सेवा और सशक्तिकरण के मूल्यों से प्रेरित करती रहेगी” – जयंत चौधरी

राजमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में इंदौर स्थित राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (महिला) में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस विशेष अवसर पर केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी ने एक विशेष संदेश भेजा, जिसे महानिदेशक (प्रशिक्षण) त्रिशलजीत सेठी द्वारा पढ़ा गया।

कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयन्त चौधरी ने अपने संदेश में कहा, “राजमाता अहिल्याबाई होलकर की विरासत आज भी राष्ट्र को सेवा, न्याय और महिला सशक्तिकरण के मूल्यों से प्रेरित कर रही है। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और दूरदृष्टि से नेतृत्व की नई परिभाषा गढ़ी जा सकती है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की हर पहल, चाहे वह एनएसटीआई, पीएमकेवीवाई, निस्बड या स्किल इंडिया डिजिटल हब हो, सभी का उद्देश्य महिलाओं को बेहतर अवसर, प्लेटफॉर्म और मार्गदर्शन देना है।” जयन्त चौधरी ने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राजमाता अहिल्याबाई के नाम पर एक विशेष कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्वीकृति दी गई है, जो उनके विचारों को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह आयोजन भारत सरकार के “कुशल नारी, सशक्त भारत” के विज़न को साकार करता है। जब एक महिला आर्थिक रूप से सक्षम होती है तो न केवल उसका आत्म-सम्मान बढ़ता है, बल्कि उसका सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान अधिक होता है।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंदौर के लोकसभा सांसद शंकर लालवानी ने अपने संबोधन में कहा, “राजमाता अहिल्याबाई होल्कर का जीवन सेवा, न्याय और नारी गरिमा की एक प्रेरणादायक मिसाल है। आज जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में नारी शक्ति के सशक्तिकरण के लिए अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं—चाहे वह बेटियों की शिक्षा हो, कौशल प्रशिक्षण हो या महिला उद्यमिता को बढ़ावा देना—तो यह अहसास होता है कि राजमाता की विरासत आज जन-जन के जीवन में जीवंत हो रही है। ग्रामीण और सामान्य पृष्ठभूमि की महिलाएं जब हुनर के ज़रिए आत्मनिर्भर बनती हैं, तो यह ‘उद्यमिता से आत्मनिर्भरता’ की वही भावना है, जिसकी नींव राजमाता ने अपने शासन में डाली थी।”

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की विशेष सचिव और प्रशिक्षण महानिदेशालय की महानिदेशक श्रीमती त्रिशलजीत सेठी ने कहा, “यह अत्यंत प्रतीकात्मक है कि आज उनके 300वीं जयंती पर यह आयोजन राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (महिला), इंदौर में हो रहा है—एक ऐसा संस्थान जो महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम—प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, जन शिक्षण संस्थान, निस्बड और एनएसटीआई के माध्यम से—हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर महिला को तकनीकी प्रशिक्षण, उद्यमिता के अवसर और टिकाऊ आजीविका का मार्ग मिल सके। आज जिन महिलाओं ने अपनी यात्रा साझा की है, वे स्वयं राजमाता की विरासत की जीवंत मिसाल हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है—’माता अहिल्याबाई राष्ट्र निर्माण में हमारी नारी शक्ति के अमूल्य योगदान का प्रतीक हैं।’ उनकी प्रेरणा हमारे हर प्रयास की दिशा तय करती है।”

कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय की संयुक्त सचिव हेना उस्मान ने अपने संबोधन में कहा, “राजमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम न केवल उनके अतुलनीय योगदान का सम्मान है बल्कि उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर हम एक ऐसे भारत का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं जो समावेशी, कुशल और उद्यमशील हो। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय अपने स्वायत्त संस्थानों जैसे निस्बड और आईआईई के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक इको-सिस्टम तैयार कर रहा है, जिसमें उद्यमी सोच और क्षमताओं का निर्माण तथा उद्यमों को विकसित करना शामिल है। इतना ही नहीं, निस्बड द्वारा मध्यप्रदेश में संकल्प, स्ट्राइव, पीएम जनमन, पीएम स्वनिधि तथा पीएम सूर्य घर निशुल्क बिजली योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के द्वारा 22 हजार से अधिक उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें से 2400 से अधिक उद्यम रजिस्ट्रेशन स्थापित हुए हैं और लगभग 2800 रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं।”

इस कार्यक्रम के अवसर पर एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। इस प्रदर्शनी में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), प्रधानमंत्री विश्‍वकर्मा योजना, जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (निस्बड) और एनएसटीआई (महिला) से जुड़ी महिलाओं ने अपने उत्पादों, हस्तकला और प्रशिक्षण की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया। इस कार्यक्रम में अनेक महिलाओं ने मंच से अपने अनुभव साझा किए, जिनमें से अधिकांश ग्रामीण और साधारण सामाजिक पृष्ठभूमि से थीं।

राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान (महिला), इंदौर में कार्यक्रम की शुरुआत सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ हुई और इसका समापन स्टॉल प्रदर्शनी के साथ हुआ। इस आयोजन ने “कुशल नारी-सशक्त भारत” के मंत्र को मूर्त रूप देते हुए राजमाता की प्रेरणा को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है।

 

 

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उद्यमियों की समस्याओं के निराकरण के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक संपन्न

दैनिक भारतीय स्वरूप 29 मई जिला सूचना कार्यालय कानपुर उद्यमियों की विभिन्न विभागों से सम्बन्धित समस्याओं के निराकरण के लिए मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में आज मण्डलीय उद्योग बंधु की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक का संचालन संयुक्त आयुक्त उद्योग, सुनील कुमार द्वारा किया गया। बैठक में मुख्य रूप से उपाध्यक्ष, कानपुर विकास प्राधिकरण, अपर श्रमायुक्त, कानपुर, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग, अधिशाषी अभियंता उ0प्र0 जल निगम (नगरीय), अधिशाषी अभियंता केस्को] सहायक आयुक्त जी0एस0टी0, उप महाप्रबंधक यूपीसीडा, उपायुक्त उद्योग कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरैया, कन्नौज, इटावा तथा उद्यमी उमंग अग्रवाल, बृजेश अवस्थी, लाडली प्रसाद, आलोक अग्रवाल, हर्षल अग्रवाल, षिव कुमार गुप्ता, मनोज कुमार शुक्ला एवं मनोज बंका सहित एसोसिएशन के अनेक प्रतिनिधि] उद्यमी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

जैनपुर ग्रोथ सेंटर में सी0ई0टी0पी0 की स्थापना कराये जाने के संबंध में संयोजक, पी0आई0ए0 ने लिखित रूप से अवगत कराया कि छोटी-छोटी 14&15 इकाईयां कार्यरत हैं, जिनका कुल उत्प्रवाह 0-2 एम0एल0डी0 है। अतः उनके लिए 2-0 एम0एल0डी0 के सी0ई0टी0पी0 संयंत्र का रख-रखाव कर पाना सम्भव नहीं है। इस प्रकार पी0आई0ए0 कानपुर देहात ने इस एस0पी0वी0 के गठन करने की असहमति दी। इस संबंध में विचारोपरान्त समिति द्वारा इस प्रकरण को समाप्त किए जाने का निर्णय लिया गया।

कानपुर में औद्योगिक क्षेत्रों में सीवर लाइन डाले जाने के सम्बन्ध में अब तक की स्थिति की समीक्षा की गयी। अधिषाषी अभियंता] उत्तर प्रदेश जल निगम (नगरीय) द्वारा अवगत कराया गया कि भूमि का चिन्हांकन कर लिया गया है तथा डिजाइन की जा रही है। जून माह के अंत तक आगणन प्रस्तुत कर दिया जायेगा। इस संबंध में उद्यमियों द्वारा दादा नगर] अपट्रान स्टेट में स्थित औद्यौगिक इकाईयों को भी सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया गया। विचारोपरान्त मंडलायुक्त महादेय द्वारा उ0प्र0 जल निगम के अधिकारी को निर्देषित किया गया कि वे इन क्षेत्रों को भी सम्मिलित कर लें। अनूप अग्रवाल को औद्यौगिक क्षेत्र रूमा में आवंटित भूखण्ड संख्या 46 के प्रकरण में उपमहाप्रबंधक] यूपीसीडा द्वारा अवगत कराया गया कि गांव वालों के विरोध के कारण उक्त भूखण्ड का भौतिक कब्जा दिया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में वैकल्पिक भूखण्ड के रूप में उद्यमी को भूखण्ड संख्या सी-99 दिए जाने हेतु मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है। मंडलायुक्त महोदय द्वारा निर्देषित किया गया कि आगामी मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक से पूर्व प्रकरण पर मुख्यालय से अनुमति प्राप्त करने की कार्यवाही पूर्ण करा लें।
औद्यौगिक क्षेत्र में उद्यमियों व श्रमिकों के आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में नहर के दोनों ओर बनी सडकों को अतिक्रमण मुक्त कराये जाने के संबंध में अधीक्षण अभियंता] सिंचाई विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि संबंधित क्षेत्र को पूर्ण रूप से अतिक्रमण मुक्त करा दिया गया है। अतः मंडलायुक्त महोदय द्वारा इस प्रकरण को निक्षेपित करने का निर्णय लिया गया।

दादा नगर सबस्टेशन के लिए भूमि चिन्हांकन का कार्य कराये जाने हेतु उद्यमियों के अनुरोध पर मंडलायुक्त महोदय द्वारा संयुक्त आयुक्त उद्योग] यू0पी0सी0डा0] जल निगम तथा उद्यमियों के साथ क्षेत्र का संयुक्त सर्वे कर भूमि उपलब्धता की सभी संभावनाओं पर निरीक्षण करने के निर्देष दिए गये।

पनकी औद्यौगिक क्षेत्र में नहर के किनारे बैटरी का अपषिष्ट(सपरेटा) के निस्तारण के संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि उनके द्वारा ऐसी इकाईयों को चिन्ह्ति कर लिया गया है जो इस कार्य को कर रही हैं तथाा उनके विरूद्ध कार्यवाही हेतु संबंधित विभागों से भी अनुरोध किया गया है। मंडलायुक्त महोदय द्वारा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के बैठक में उपस्थित अधिकारी को निर्देषित किया गया कि ई-रिक्षा और ई0वी0 वाहनों में प्रयुक्त होने वाली बैटरियों के डिस्पोजल के संबंध में मंडलीय उद्योग बंधु समिति को अवगत करायें।

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लोककला, साहित्य और संस्कृति के संगम में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया कानपुर की अंजनी अग्रवाल को सम्मानित

भारतीय स्वरूप संवाददाता  लोककला, साहित्य और संस्कृति के संगम में निखरी प्रतिभाएं: लखनऊ में राज्य स्तरीय कार्यशाला का भव्य आयोजन हुआ जिसमें कानपुर की शिक्षिका और साहित्यकार एवं कवयित्री अंजनी अग्रवाल को माननीय उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने किया सम्मानित
अंजनी अग्रवाल शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में नित्य नये कार्य तो करती रहती हैँ, साथ ही अभी हाल में उनकी सम्पादित पुस्तक “प्रेरक द्वार ” (बाल कहानी संग्रह ) की काफ़ी प्रशंसा हो रही है l
आज अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ में एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक संगम का साक्षी बना, जहां कलार्पण भारत एवं बेसिक एजुकेशन मूवमेंट ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय राज्य स्तरीय काव्य, साहित्य, लोककला एवं सांस्कृतिक कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रतिभागियों ने अपनी कला, साहित्यिक अभिव्यक्ति और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारतीय लोक परंपरा की गहराई और समृद्धता को मंच पर सजीव कर दिया।कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की वंदना से हुआ, जिसके बाद पूरे वातावरण में साहित्य और संस्कृति की एक दिव्य लहर बहने लगी। इस गरिमामयी

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