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डी एम ने जनसुनवाई के दौरान कई मामलों का किया तुरंत निस्तारण

दैनिक भारतीय स्वरूप (जिला सूचना)”मेरी बहू दोनों कानों से नहीं सुन सकती है इसलिए मैं और मेरा परिवार इस बात के लिए कई महीनो से चिंतित और प्रयासरत थे और आज जिलाधिकारी को समस्या बताते ही उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर हमारी मदद की, जिसके लिए हम उन्हें आभार व्यक्त करते हैं ।”
– बृजेश कुमार, रमिता कुमारी के ससुर

कानपुर नगर, 28 अप्रैल, 2025 जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह द्वारा आज कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई की गई।
जनसुनवाई के दौरान हरदेव नगर, बर्रा निवासी बृजेश कुमार ने अपनी बहू रमिता कुमारी के इलाज़ के संबंध में जिलाधिकारी के समक्ष गुहार लगाई। प्रार्थी का कहना है कि मूलतः बिहार की रहने वाली उनकी बहू को दोनों कानों से सुनाई नहीं देता है तथा उन्होंने 8 महीने से कई सरकारी अस्पतालों की दौड़ लगाई परंतु उनके बहू की समस्या का हल नहीं निकाला जा सका। उन्होंने प्रार्थी ने यह भी कहा कि सरकारी अस्पताल वाले प्रार्थी को इलाज करने के बजाय किसी प्राइवेट संस्थान में इलाज कराने की बात कही। इस पर जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए दूरभाष पर एक निजी चिकित्सालय के डायरेक्टर से बात करके रमिता की समस्या का निवारण करने की गुजारिश की। इस पर डायरेक्टर ने सहमति व्यक्त करते हुए प्रार्थी को अपने हॉस्पिटल में बुलाया और उसका इलाज निशुल्क करना प्रारम्भ कर दिया।।
वहीं, जनसुनवाई के दौरान जनपद के कुली बाजार निवासिनी स्नेहा ने अपनी माता अनीता देवी की मृत्यु के पश्चात जुलाई 2024 से मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनाए जाने की शिकायत की। जिस पर जिलाधिकारी ने तुरंत संज्ञान लेते हुए संबंधित को मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के निर्देश दिए तत्पश्चात 1 घंटे में मृत्यु प्रमाण पत्र बना दिया गया।

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शिक्षा व्यवस्था रोजगार के अवसरों से भरपूर होनी चाहिए ~ श्रीलेखा मिश्रा

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर किदवई नगर स्थित सोशल रिसर्च फाउंडेशन कानपुर में आज दिनांक 27 अप्रैल, 2025 को बहुत ही समसामयिक विषय “रोजगारपरक शिक्षण व्यवस्था : आवश्यकता एवं चुनौतियाँ” पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपने विशिष्ट योगदान के लिए दिल्ली, पंजाब राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, उन्नाव, प्रयागराज, कानपुर आदि से आए लगभग 15 विद्वतजनों को सम्मानित भी किया गया।
संगोष्ठी का उद्घाटन अमेरिका से आई “Ohio University, USA की रिसर्च साइन्टिस्ट डॉ श्रीलेखा मिश्रा, हमीरपुर जिला कारागार के अधीक्षक श्री मँजीव विश्वकर्मा, कानपुर परिक्षेत्र के उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो मुरलीधर राम गुप्ता, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित के. ए. दुबे “पद्दमेश” जी के कर कमलों से हुआ। मुख्य अतिथि श्री लेखा मिश्रा जी ने रोजगारपरक शिक्षण व्यवस्था के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि एक ओर जहा शिक्षा व्यवस्था रोजगार के अवसरों से भरपूर होनी चाहिए वही रोजगार पाने वाले मे भी कार्य करने की ईमानदार चाहत होनी चाहिए। उच्च शिक्षा के विकास के प्रति प्रतिबद्ध हैं– नई शिक्षा नीति ऐसे प्रयासों का प्रमाण है। हमारे प्रयासों से शीघ्र ही सकारात्मक परिणाम आने लगेंगे।
सोशल रिसर्च फाउंडेशन की उपाध्यक्ष, महिला महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ० आशा त्रिपाठी ने सभी सम्मानित अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उच्च शिक्षा में व्याप्त प्रदूषण की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह एक चिंतनीय यक्ष प्रश्न है जिसका उत्तर हमें खोजना होगा।
संस्था के संस्थापक सचिव राजीव मिश्रा ने संस्था की 15 वर्षों की गौरवमयी यात्रा का विस्तृत परिचय दिया और बताया कि संस्थान के साथ जुड़कर इस देश के लाखों शिक्षक गण लाभान्वित हो रहे हैं। संस्थान के 6 रिसर्च जर्नल विश्व के 25000 जनरल्स के मध्य स्थान रखते हैं जो कानपुर के लिए भी एक गौरवपूर्ण बात है।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रो0 मुरलीधर राम गुप्ता जी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर गहन प्रकाश डालते हुए कहा कि इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को और ज्यादा समावेशी, प्रभावी, रोजगारपरक और बेहतर बनाना है। यह 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है। इस नीति का उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना है। उन्होंने शिक्षकों से सकारात्मक सहयोग का आवाहन भी किया।
हमीरपुर जिला कारागार के अधीक्षक श्री मँजीव विश्वकर्मा ने कहा कि नई शिक्षा नीति ऐसी शिक्षा प्रणाली की आधारशिला है जो विज्ञान के साथ-साथ ज्ञान से भी परिपूर्ण है, परंतु सोशल मीडिया के बढ़ते दुष्प्रभाव और नैतिकता के ह्रास के चलते अब व्यक्ति कड़े परिश्रम के बजाय शॉर्टकट अपनाता है और कभी भी बेईमानी करके कोई अच्छे रोजगार का अवसर नहीं प्राप्त कर सकता है । अतः इस शैक्षिक व्यवस्था मे कही न कही नैतिक शिक्षा का भी प्राविधान होना चाहिए।
जाने माने ज्योतिषाचार्य पंडित के ए दुबे ‘पद्मेश’ जी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में नई शिक्षा नीति का भविष्य उज्जवल बताते हुए सरकार द्वारा जमीनी स्तर पर भी काम करने की आवश्यकता पर बल दिया .
तकनीकी सभा में शोध पत्र प्रस्तुत किए गए जिनमें उच्च शिक्षा की दशा और संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किए। यह संगोष्ठी “रोजगारपरक शिक्षण व्यवस्था : आवश्यकता एवं चुनौतियाँ” के संदर्भ में एक मील का पत्थर साबित हुई।
सोशल रिसर्च फाउंडेशन के संरक्षक और डीबीएस कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ० शिव कुमार दीक्षित द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ गोष्ठी का समापन हुआ।
गोष्ठी का कुशल संचालन संस्था के संस्थापक सचिव राजीव मिश्रा द्वारा किया गया। इस सेमिनार का संयोजन संस्थान की जनरल मैनेजर और जर्नल्स की उपसंपादक कुमारी भावना निगम द्वारा किया गया।
संगोष्ठी में संस्थान की कोषाध्यक्ष दीप्ति मिश्रा, यशस्वी मिश्रा, तेजस्वी मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर अर्चना दीक्षित, दिलीप कुमार मिश्रा, डॉ प्रदीप अवस्थी, अमन निगम, रचना गुप्ता, डॉ पी एन शर्मा, कार्तिकेय अवस्थी, शुभम तिवारी, कृष्ण गोपाल तिवारी,  प्रकाश शुक्ला,  राम द्विवेदी सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहें।

सम्पादक, मुद्रक, प्रकाशक

अतुल दीक्षित

द्वारा कानपुर उत्तराखंड एवं महाराष्ट्र से प्रकाशित

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पोषण पखवाड़ा” के अंतर्गत जनमानस में स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूक किया गया

भारतीय स्वरूप संवाददाता राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज कानपुर द्वारा “पोषण पखवाड़ा” 8 अप्रैल से 22 अप्रैल के मध्य चलाये जाने वाले कार्यक्रम के अंतर्गत जनमानस में स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने तथा संतुलित आहार और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु दिनांक 21 अप्रैल 2025 को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान पोषण पर चर्चा, पोषण थाली , और कुपोषण पर जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। बच्चों, महिलाओं और किशोरियों में स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी का प्रसार करना इसका मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पोषण पखवाड़ा हमें यह याद दिलाता है कि एक स्वस्थ राष्ट्र की नींव एक स्वस्थ समाज से ही रखी जा सकती है। एनएसएस वॉलिंटियर्स ने स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखें तथा परिचर्चा में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में भूगोल विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ अंजना श्रीवास्तव तथा समस्त छात्राओं का विशेष योगदान रहा।

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विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में जनपद कानपुर के समग्र विकास के कार्यों की समीक्षा बैठक संपन्न

विधानसभा अध्यक्ष उ प्र सतीश महाना की अध्यक्षता में जनपद कानपुर के समग्र विकास के कार्यों की समीक्षा बैठक नवीन सभागार सरसैया घाट में सम्पन्न हुई।
कानपुर रिंग रोड के निर्माण की समीक्षा में एन0एच0ए0आई0 के अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया की कानपुर रिंग रोड का कार्य 04 पैकेज में होना है, जिसके अन्तर्गत 03 पैकेज में कार्य प्रारम्भ हो गया है एक पैकेज के टेण्डर का कार्य प्रक्रियाधीन है और अधिग्रहण का कार्य किया जा रहा है।
कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की समीक्षा में एन0एच0ए0आई0 द्वारा अवगत कराया गया कि 02 पैकेज में कार्य पूर्ण होना है। परियोजना का निर्माण कार्य मैसर्स पी0एन0सी0 इन्फ्राटेक लि0 द्वारा कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है कार्य तेजी से चल रहा है, परियोजना का निर्माण छः लेन में शहीद पथ जंक्शन से प्रारम्भ होकर बनी पर समाप्त होगा। पैकेज 02 ऊपरगामी बनाया जाएगा तथा आउटर रिंग रोड के निकट नीचे उतरेगा। आउटर रिंग रोड पर जंक्शन का निर्माण किया जाएगा, उक्त परियोजना का निर्माण कार्य मैसर्स पी0एन0सी0 द्वारा प्रारम्भ कर दिया गया है जो कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। उक्त परियोजना जल्द ही पूर्ण होगी।
माननीय विधानसभा अध्यक्ष द्वारा कानपुर नगर दक्षिण वासियों की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुये बैठक में विचार-विमर्श किया गया विभागीय समंजन स्थापित करते हुए कार्य कराए जाने के निर्देश दिए गए। सैबसी झील के निर्माण की समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए गए की इसका स्वरूप बेहतर सुरक्षित बनाया जाए इसके लिए कार्य करना सुनिश्चित करें । जाजमऊ से चकेरी एयरपोर्ट को जाने वाले मार्ग के निर्माण में आ रही बढ़ाओ को दूर करते हुए युद्ध स्तर पर कार्य करना सुनिश्चित किया जाए।
पनकी पड़ाव पुल में चार लेन मार्ग बनाये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया कि सेतु निगम द्वारा प्रस्ताव बनाकर कार्य योजना में सम्मिलित कर लिया गया है। मेगा लेदर क्लस्टर के संबंध में 31 मई तक जो भी कार्य किया जाना है, उसे पूर्ण करें अन्यथा वैकल्पिक रास्ता तलाशते हुए निस्तारण कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिए,कानपुर विकास प्राधिकरण अपनी भूमि को संरक्षित करते हुए पर को एवं तालाबों को जल संचयन हेतु विकसित करने हेतु कार्य करना सुनिश्चित करें।
एमडी केस्को को निर्देशित किया गया कि लाल बंगला बाजार में अंडरग्राउंड विद्युत केबल का कार्य यथाशीघ्र आरंभ कराया जाए इस हेतु जो भी प्रक्रियाएं हैं या जो भी कार्य किए जाने हो, उन्हें युद्ध स्तर पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
पुलिस कमिश्नर यह सुनिश्चित कराए कि शहर में जो भी बरात निकले, वह सड़क के एक साइड से ही निकाला जाए एवं सुगम यातायात व्यवस्था को दृष्टिगत रखते हुए ही बरात निकले।डिफेंस कॉरिडोर की समीक्षा के दौरान निर्देशित करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण का कार्य पूर्ण कराते हुए आ रही बधाओं को शीघ्र दूर कराया जाए।
नगर आयुक्त को निर्देशित करते हुए कहा कि जीके फर्स्ट में सड़क पर लगने वाली सब्जी मंडी को पुल के नीचे से अन्य स्थान पर व्यवस्थित कराना सुनिश्चित करें। बनियापुरवा एसपी की समीक्षा के दौरान निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक स्थिति में जुलाई में एसपी प्रारंभ करना सुनिश्चित करें। नगर आयोग को निर्देश दिए, नाला सफाई का जो भी कार्य कराया जाए, उसमें से प्रत्येक स्थिति में सिल्ट उठाई जाए , साथ ही प्रत्येक गली, मोहल्लों,सड़को की सफाई हो यह भी सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी सफाई कर्मचारी नियमित रूप से उपस्थित होकर सफाई करें। वहीं, एमडी केस्को को निर्देशित करते हुए कहा कि संवाद की स्थिति रहे और फाल्ट होने पर उसका निराकरण युद्ध स्तर पर कराया जाए।
बैठक में महापौर प्रमिला पाण्डेय, विधायक नीलिमा कटियार, सरोज कुरील, सुरेन्द्र मैथानी, महेश त्रिवेदी, मण्डलायुक्त विजयेंद्र पांडियन, पुलिस आयुक्त अखिल कुमार, जिलाधिकारी श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह, संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरिश्चंद्र, एम0डी0 केस्को सैमुअल पॉल, नगर आयुक्त सुधीर कुमार, मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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अंबेडकर जयंती पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत वार्षिक खेल कूद प्रतियोगिता आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 17 अप्रैल भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय पीजी कॉलेज में स्वतंत्रता के अमृत काल में भारत रत्न बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती के उपलक्ष्य में अंबेडकर जयंती पखवाड़ा (14/04/25-28/04/25) कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय की वार्षिक खेल कूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ कार्यक्रम प्रभारी प्रोफेसर प्रीति पांडेय विभागाध्यक्ष शारीरिक शिक्षा विभाग एवं संचालिका प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर ने मुख्य अतिथि माननीय अमिताभ बाजपेई , वाइस प्रेसिडेंट श्री गोपाल शर्मा ,श्रीमती दीपा सेन, कोषाध्यक्ष महाविद्यालय के सचिव श्री पीके सेन ,अध्यक्ष श्री पीके मिश्रा एवं प्राचार्य प्रोफेसर सुमन ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया ।मुख्य अतिथि का स्वागत प्राचार्य ने पुष्प गुच्छ देकर किया। कार्यक्रम संयोजिका प्रीति पांडे ने अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ एवं बैज अलंकरण द्वारा किया। महाविद्यालय की वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि माननीय अमिताभ बाजपेई जी ने गुब्बारे उड़ा कर किया ।मुख्य अतिथि ने छात्राओं को खेल के महत्व बताएं तथा आज के जीवन में इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए संयोजिका ने आज आयोजित होने वाले खेलो जैसे लेमन रेस ,क्रॉस कंट्री रेस ,होप
निशानेबाजी, कैरम, हॉपिंग चेस ,puzzle, डार्ट एंड एरो आदि के बारे में संक्षेप में बताया। पजल गेम की विजेता प्रथम महविश और द्वितीय स्थान पर मुस्कान रहीं । चेस प्रतियोगिता में अदिति ओझा को प्रथम स्थान दिव्यांशी शर्मा को द्वितीय स्थान और अदिति सिंह को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। कैरम प्रतियोगिता में निशि राठौड़ ने प्रथम स्थान प्राप्त किया रिया ने द्वितीय तथा अदितिओझा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। क्रॉस कंट्री रेस में स्वाति नट ने प्रथम स्थान चांदनी ने द्वितीय स्थान तथा कुमकुम ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। हॉपिंग में स्वाति नट प्रथम चांदनी द्वितीय स्थान पर तथा कुमकुम तृतीय स्थान पर रही। बैलून रेस में प्रिया नट प्रथम स्थान पर महविश परवीन द्वितीय स्थान पर तथा मुस्कान तृतीय स्थान पर रहीं ।माला बनाने की प्रतियोगिता में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमन प्रथम स्थान पर विजेता घोषित की गई तथा द्वितीय स्थान पर महाविद्यालय की कोषाध्यक दीपा श्री मैम रही।बॉल इन द बास्केट प्रतियोगिता में बी बी ए विभाग अध्यक्ष सपना राय का प्रथम स्थान रहा प्रोफेसर निशा वर्मा अर्थशास्त्र विभाग की विभाग अध्यक्ष द्वितीय स्थान पर रही तथा इतिहास विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर श्वेता रानी का तृतीय स्थान रहा। बैलून रेस में प्रथम स्थान पर असिस्टेंट प्रोफेसर रोली मिश्रा,अर्थशास्त्र विभाग एवं श्वेता रानी असिस्टेंट प्रोफेसर इतिहास विभाग द्वितीय स्थान पर डॉक्टर कोमल एवं प्रीति यादव विजेता रही।आर्चरी प्रतियोगिता में असिस्टेंट प्रोफेसर श्वेता रानी प्रथम स्थान पर द्वितीय स्थान पर डॉक्टर पूजा यादव असिस्टेंट प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग तथा तृतीय स्थान पर डॉक्टर सपना राय रही। डार्ट एंड एरो प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर डॉक्टर पूजा गुप्ता ,द्वितीय स्थान पर डॉक्टर संगीता सिंह एवं तृतीय स्थान पर डॉक्टर कमल सरोज विजेता रही।लेमन स्पून रेस में प्रथम स्थान पर एसोसिएट प्रोफेसर किरण , द्वितीय स्थान पर प्रोफेसर अलका एवं तृतीय स्थान पर प्रोफेसर निशा वर्मा विजेता घोषित की गई कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य सुमन ने सभी अतिथियों ,शिक्षिकाओं, छात्राओं एवं तृतीय श्रेणी, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके उपरांत विजेता छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के बाद किया गया।

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दयानंद गर्ल्स कॉलेज में मनाया गया अंबेडकर जयंती समारोह

भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर 14 अप्रैल, दयानंद गर्ल्स कॉलेज में अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में समारोह आयोजित किया गया। सर्वप्रथम प्राचार्या प्रोफेसर वंदना निगम एवं निदेशक प्रोफेसर अर्चना वर्मा के द्वारा माल्यार्पण किया गया। प्राचार्या जी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत रत्न बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादाई ह। उन्होंने अपनी मेहनत, लगन एवं शिक्षा के द्वारा विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनाई। राजनीति विज्ञान विभाग से असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विशाखा के द्वारा छात्राओं को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के जीवन वृतांत तथा उनके अविस्मरणीय योगदान पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया। इस अवसर पर सभी ने संविधान की शपथ भी ली तथा छात्राओं *”डॉ भीमराव अंबेडकर तथा संविधान निर्माण”* विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर संगीता सिरोही, प्रोफेसर अर्चना श्रीवास्तव, समस्त विभाग प्रभारियों, प्राध्यापिकाओं, कर्मचारी तथा छात्राओं ने हर्षोल्लास के साथ हिस्सा लिया। सभी ने बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए।

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*बवाल ए पनकी पर कमिश्नर और डीसीपी से सीखे थाना प्रभारी*

भारतीय स्वरूप कानपुर संवाद सूत्र विकास बाजपेई बीते दिनों मेस्टन रोड़ पर शुरू होती अराजकता को डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह द्वारा जिस तरह रोका गया, उसकी तारीफ में शब्द कम पड़ सकते है,या फिर आप कह सकते हैं कि श्रवण कुमार सिंह को अराजकता मुक्त वातावरण निर्मित करने में पूर्व से ही महारत हासिल है, जिसने मुजफ्फरनगर दंगों जैसे बिगड़ते हालातो को संभालने में अहम भूमिका अदा की हो उसके लिए मेस्टन रोड़ घटनाओं को संभालना बेहद आसान जैसा है,कानपुर कमिश्नर अखिल कुमार की भाषा शैली का हर कोई मुरीद है..फरियादी से बात करने का उनका लहजा इतना सादगी पूर्ण है,कि फरियादी बात करते समय यह बात समझ ही नहीं पता कि वह बात कानपुर कमिश्नर को बता रहा है या किसी अपने को!कुछ ऐसी ही सादगी वाली फोटो बीते दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी, जिस फोटो में एक किसान जैसे व्यक्ति से दिखने वाले शख्स से कानपुर कमिश्नर अखिल कुमार उन्हीं के सामने खड़े होकर बातचीत कर रहे थे… ऐसे में आपको यह लग रहा होगा कि आखिरकार इस समय इन सब घटनाओं को पुनः स्मरण करवाने कि आवश्यकता क्या है? तो वह भी समझ लीजिए,बीते दिनों एक शिवम शुक्ला नामक व्यक्ति थाने पर चोरी कि शिकायत लेकर पहुंचा, उनका कहना था कि खाली पड़े फ्लैट से चोरी हुआ सामान उसने एक कबाड़ कि दुकान के पास रखा देखा है उसने मौके पर पुलिस को भी फोन किया लेकिन पुलिस के आने से कुछ समय पूर्व ही एक अन्य स्थानीय बड़ा कबाड़ कि दुकान का मालिक समझौता करने का दवाब बनाने लगा,अब यह व्यक्ति कौन था? यह जाँच का विषय है…अब उस व्यक्ति का चोरी हुए कबाड़ से क्या लेना देना है यह बात भी जांच के दायरे में है… खैर हम बता रहे थे कि व्यक्ति थाने पहुंचा, उसने पहले पूरी बात एक दरोगा को बताई… दारोगा नाम मुझे ठीक ठीक याद नहीं .. और बताने कि भी विशेष आवश्कता भी नहीं है, क्योंकि वह तो अधिकारी के द्वारा दिए गए आदेश का पालन ही कर रहा था, अब यही दरोगा चोरी की घटना का प्रार्थना पत्र दे रहे तीन लोगों को वर्तमान थाना प्रभारी पनकी के पास ले गया, प्रार्थी ने अपनी बात बताई…थाना प्रभारी ने पूछा वहां का केयरटेकर कौन है? प्रार्थी शिवम ने मुँह हिलाते हुए कहा साहब मैं !इसके बाद जो जवाब दिया गया उन शब्दों को लेख में कोड करना सही नहीं है,लेकिन फिर भी थाना प्रभारी का वह जवाब बिल्कुल भी संतोषजनक नहीं था,इस जवाब का उद्देश्य समझा जाए तो वह यह था कि चोरी की घटना को लेकर आए व्यक्ति पर कार्रवाई का दवाब बनाया जाना!

यह सब मैं इतनी सरलता से इसलिए जानता हूँ क्योंकि उस समय मैं वहीं एक कुर्सी पर बैठकर चुपचाप पूरे घटनाक्रम को देख रहा था,खैर अब आगे की बात सुनिए,यह पूरी बातचीत करने के बाद वह लोग जब बाहर निकले, तो लिखकर दिया गया कि हमें मामले पर कोई कार्रवाई नहीं चाहिए,अब यह किस तरह से और किसकी वजह से लिख कर दिया गया होगा…यह बात आप लोग भी भली-भांति समझते होंगे,इस वक्त यह भी बात भी ध्यान देने योग्य है कि आखिरकार वह व्यक्ति कौन था जो प्रार्थी को कबाड़ की दुकान में मिला था,और मामले को दबाने के लिए कह रहा था क्या उसने पहले से पुलिस से बात करके रखी थी?और क्या इसीलिए मामले में विभिन्न तरह की पुलिसिया बातें करके समझौता करवा दिया गया…!खैर यही वह समय था जब इस मामले में अहम मोड़ आया,और प्रार्थी का एक अपना थाने में अधिक साउंड का प्रयोग करने के मामले में पकड़कर लाया गया, पहले से ही पुलिस कि कार्यशैली से रुष्ट प्रार्थी अब अपनी बात थाना प्रभारी को बताने कि गुस्ताखी नहीं करना चाहता था,क्योंकि इस बार भी उसे लग रहा था कि पुलिस उल्टा उस पर दवाब बनाएगी, यही कारण रहा कि उसने अपनी माता जी को घटना बताई,मोहल्ले के कुछ लोगों को फोन किया…वह लोग थाने आ गए, हो हल्ला शुरू हो गया है, थाना प्रभारी मय फोर्स बाहर आए और पुलिसिया बल पर माहौल को शांति मय तब्दील करने का प्रयास किया, उक्त घटना का वीडियो भी मैंने अपने फोन में कैद किया लेकिन वीडियो के वायरल होने पर निर्दोषों पर भी कार्रवाई हो जाती.. इसलिए मैंने वीडियो को डिलीट कर दिया! इन सब घटनाक्रम को देखने के बाद यह बात मन को बार बार उलझन मय कर रही थी कि शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए अगर थाना प्रभारी ने कुछ सहजता दिखाई होती, प्रार्थी को अपना समझकर मामले को हल करने का प्रयास किया होता तो इतना बवंडर ना होता!काश! थाना प्रभारी भी कमिश्नर अखिल कुमार की भावनाओं को समझते और प्रार्थी के साथ वैसा ही व्यवहार करते जैसा कमिश्नर अखिल कुमार करते हैं,और खास शांति व्यवस्था को बाहल रखने में थाना प्रभारी डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह कि रणनीति को समझ कर फॉलो कर पाते…!

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शिक्षा का स्रोत अब शुद्ध नहीं रहा

‘शिक्षा’ पाना हो गया दूभर,
जब से यह व्यापार बनी।
ज्ञान की गंगा सूख रही है,
शातिरों की दुकान चली।।”

👉शिक्षा के व्यावसायीकरण और उससे उपजी समस्याओं पर गहरा कटाक्ष करती मेरी शायरी न केवल एक भावनात्मक अभिव्यक्ति है, बल्कि समाज में शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे पतन को भी उजागर करती है।
👉 एक कड़वी हकीकत यह है कि
शिक्षा, जो कभी ज्ञान, नैतिकता और जीवन मूल्यों की आधारशिला मानी जाती थी, आज एक विशाल व्यवसाय बन चुकी है। प्राचीन भारत में गुरुकुलों की परंपरा थी, जहां गुरु अपने शिष्यों को बिना किसी भेदभाव के ज्ञान प्रदान करते थे। लेकिन आज के दौर में शिक्षा एक ऐसा बाजार बन गया है, जहां डिग्रियां, सर्टिफिकेट और रैंकिंग्स की कीमत तय होती है, न कि ज्ञान की।
👉 अच्छी शिक्षा अब गरीब और मध्यम वर्ग के लिए एक बोझ बन गई है। महंगी फीस, कोचिंग संस्थानों की लूट, और निजी स्कूलों-कॉलेजों की मनमानी ने इसे एक ऐसा सपना बना दिया है, जो हर किसी की पहुंच से बाहर होता जा रहा है।
👉 शिक्षा का असली मकसद है व्यक्ति का सर्वांगीण विकास: बौद्धिक, नैतिक और सामाजिक। लेकिन आज शिक्षा केवल नौकरी पाने का जरिया बनकर रह गई है। स्कूलों और कॉलेजों में रट्टा मारने की संस्कृति, परीक्षा में नंबर लाने की होड़, और प्रतिस्पर्धा ने ज्ञान के प्रति जिज्ञासा को खत्म कर दिया है। बच्चे किताबों को बोझ की तरह ढोते हैं, लेकिन उनमें जीवन के लिए जरूरी समझ और संवेदनशीलता का विकास नहीं हो पाता।
इसके अलावा, शिक्षा का स्तर भी असमान है। सरकारी स्कूलों में संसाधनों की कमी और शिक्षकों की उदासीनता है, तो निजी संस्थानों में मुनाफे की भूख। दोनों ही स्थितियों में असली हानि विद्यार्थियों की होती है। यह कटु सत्य है कि, “शिक्षा का स्रोत अब शुद्ध नहीं रहा, बल्कि प्रदूषित होकर केवल दिखावे का रह गया है।”
👉शिक्षा क्षेत्र में माफिया तंत्र की मौजूदगी को उजागर करता है। कोचिंग संस्थान, निजी विश्वविद्यालय, और डिग्री बेचने वाली दुकानें इस माफिया तंत्र का हिस्सा हैं। ये संस्थान मोटी फीस वसूलते हैं, लेकिन बदले में न गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देते हैं और न ही नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं। कई बार तो फर्जी डिग्रियां और पेपर लीक जैसे घोटाले भी सामने आते हैं, जो इस तंत्र की गहरी जड़ों को दिखाते हैं।
उदाहरण के लिए, भारत में इंजीनियरिंग, मेडिकल और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग संस्थानों का बोलबाला है। ये संस्थान लाखों रुपये की फीस लेते हैं, लेकिन हर छात्र को सफलता की गारंटी नहीं दे सकते। फिर भी, माता-पिता और छात्र सामाजिक दबाव और भविष्य की चिंता में शातिरों के चक्कर में पड़ जाते हैं। यह शातिरों की ऐसी दुकान है, जो सपनों को बेचती है, लेकिन हकीकत में केवल मुनाफा कमाती है।
👉शिक्षा के इस व्यावसायीकरण का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। सबसे बड़ा प्रभाव है। अमीर लोग अपने बच्चों को महंगे स्कूलों और विदेशी विश्वविद्यालयों में पढ़ा सकते हैं, लेकिन गरीब और मध्यम वर्ग के लिए यह संभव नहीं। नतीजा यह है कि सामाजिक गतिशीलता रुक रही है, और गरीब हमेशा गरीब बना रहता है।
इसके अलावा, शिक्षा का यह रूप युवाओं में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को भी बढ़ा रहा है। आत्मविश्वास की जगह असुरक्षा, और जिज्ञासा की जगह रटने की आदत ने नई पीढ़ी को खोखला कर दिया है।
👉 मेरी निजी राय है कि, “निजी संस्थानों पर सरकारी नियंत्रण की जरूरत है ! फीस व शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सख्त नियम बनाए जाएं, ताकि शिक्षा माफिया की मनमानी पर लगाम लगे।”
👉 शिक्षा की वर्तमान स्थिति पर अनेक सवाल उठाती है और हमें सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपनी भावी पीढ़ियों को क्या दे रहे हैं ?

✒️श्याम सिंह पंवार कानपुर।

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का दो-दिवसीय चिंतन शिविर संपन्न; देशभर के 34 राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों और 19 मंत्रियों ने इसमें भाग लिया

केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा देहरादून में आयोजित चिंतन शिविर 2025 के दूसरे दिन रचनात्मक संवाद, नीतिगत सुसंगतता और जमीनी स्तर पर बदलाव पर जोर दिया गया। शिविर के पहले दिन की गति को आगे बढ़ाते हुए, आज व्यावहारिक समस्याओं के समाधान खोजने, केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों तथा अन्य कार्यान्वयन संबंधी भागीदारों के बीच सहयोग पर चर्चा की गई। इसका शिविर उद्देश्य अधिक प्रभावी शासन की शुरुआत करना एवं प्रभाव को गहरा करना, समावेशिता सुनिश्चित करना और मंत्रालय के तहत विभिन्न योजनाओं एवं पहलों के वितरण तंत्र को मजबूत करना था।

इस कार्यक्रम में देशभर के 34 राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों और 19 मंत्रियों ने भाग लिया। समापन सत्र में विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों के मंत्रियों ने अपने संबोधन में संघीय सहयोग की भावना को मजबूती दी। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता (एसजेएंडई) मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने अपने समापन भाषण में चिंतन शिविर के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि यह शिविर रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देता है, सहयोगात्मक सोच को प्रेरित करता है और साक्ष्य-आधारित नीतिगत परिष्करण का मार्ग प्रशस्त करता है। अन्य गणमान्य व्यक्तियों में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री श्री बी.एल. वर्मा और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

दिन की शुरुआत सामाजिक सशक्तिकरण पर एक सत्र से हुई, जिसमें नशीली दवाओं की मांग में कमी (एनएपीडीडीआर) और नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) पर राष्ट्रीय कार्य योजना के तहत राष्ट्रीय प्रयासों पर प्रकाश डाला गया। विभिन्न राज्यों ने मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने में क्षेत्र-स्तर की चुनौतियों एवं नवाचारों को प्रस्तुत किया, जिसमें सामुदायिक एकजुटता एवं जागरूकता अभियानों की भूमिका पर जोर दिया गया। इसके बाद भीख मांगने के कार्य में संलग्न व्यक्तियों के व्यापक पुनर्वास पर चर्चा हुई, जिसमें विभिन्न राज्यों ने जमीनी स्तर पर व्यावहारिक समस्याओं और मुख्यधारा के समाज में एकीकरण से संबंधित विभिन्न रणनीतियों पर बहुमूल्य इनपुट दिए।

दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना (डीडीआरएस) पर भी चर्चा की गई, जिसमें भाग लेने वाले राज्यों ने सर्वोत्तम कार्यप्रणाली प्रस्तुत किए और विस्तार के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की, खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में। इन सत्रों ने एक साथ काम करने के महत्व को दर्शाया, क्योंकि केन्द्र और राज्यों ने यह सुनिश्चित करने के प्रयासों को समन्वित किया कि कोई भी व्यक्ति पीछे न छूटे।

तकनीकी सत्र में एकल नोडल एजेंसी (एसएनए) प्रणाली, सामाजिक लेखा परीक्षा और एनआईएसडी के नेतृत्व में क्षमता निर्माण से संबंधित पहलों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इन चर्चाओं में सहयोग एवं समन्वय के प्रति सामूहिक दृष्टिकोण को दर्शाया गया, जिसका उद्देश्य पारदर्शिता, निगरानी और योजनाओं के कुशल कार्यान्वयन को बेहतर बनाना है।

मंत्रालय के चार राष्ट्रीय वित्त एवं विकास निगमों – एनएसएफडीसी, एनबीसीएफडीसी, एनडीएफडीसी और एनएसकेएफडीसी – की समीक्षा से अनुसूचित जाति (एससी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), दिव्यांगों और सफाई कर्मचारियों के बीच आय सृजन के प्रयासों और आजीविका संवर्धन के बारे में जानकारी मिली। विभिन्न हितधारकों ने वित्त की सुलभता को सरल बनाने और हाशिए पर पड़े समूहों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के बारे में विचार-विमर्श किया।

शिविर के पहले दिन राज्यों की ओर से 11 और दूसरे दिन 10 प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें से कुछ प्रस्तुतियां संबंधित राज्यों के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागों के प्रभारी मंत्रियों द्वारा दी गईं। इन प्रस्तुतियों के अलावा, विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों ने मौजूदा योजनाओं के क्रियान्वयन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाया और भविष्य में सुधार के लिए सुझाव भी दिए।

विविध विषयों और सत्रों के दौरान विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र-शासित प्रदेशों ने अपने अनुभव, चुनौतियों एवं उपलब्धियों को साझा किया, जिससे चिंतन शिविर के साझा ज्ञान और सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों के मूल्यवान पूल में योगदान मिला। इस सहभागी माहौल ने ज़मीनी स्तर पर व्यावहारिक मुद्दों – डिजिटल बुनियादी ढांचे की कमी से लेकर कौशल एवं जागरूकता अभियान की आवश्यकता तक – पर ठोस इनपुट को संभव बनाया जिससे कार्रवाई योग्य परिणाम सामने आए।

यह कार्यक्रम साझा दृष्टिकोण एवं जिम्मेदारी के भाव के साथ संपन्न हुआ, जिसमें सभी हितधारकों ने एक ऐसे विकसित भारत के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया, जो प्रत्येक नागरिक के लिए समावेशी, न्यायसंगत एवं सशक्त हो।

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कैबिनेट ने हाइब्रिड एन्युटी मोड पर पंजाब और हरियाणा में 1878.31 करोड़ रुपये की लागत से 19.2 किलोमीटर लंबे 6 लेन एक्सेस कंट्रोल्ड

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने पंजाब और हरियाणा राज्य में एनएच (ओ) के तहत हाइब्रिड एन्युटी मोड पर एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के साथ जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के साथ जंक्शन पर समाप्त होने वाले 6 लेन जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दे दी है, जिसकी कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर है। यह पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान सिद्धांत के तहत एकीकृत परिवहन इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

परियोजना की कुल पूंजी लागत 1878.31 करोड़ रुपये है।

जीरकपुर बाईपास, जीरकपुर में एनएच-7 (चंडीगढ़-बठिंडा) के जंक्शन से शुरू होता है और पंजाब में पंजाब सरकार के मास्टर प्लान का अनुसरण करता है तथा हरियाणा के पंचकूला में एनएच-5 (जीरकपुर-परवाणू) के जंक्शन पर समाप्त होता है, जिससे पंजाब में जीरकपुर और हरियाणा में पंचकूला के अत्यधिक शहरीकृत और भीड़भाड़ वाले हिस्से से बचा जा सकेगा।

इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य पटियाला, दिल्ली, मोहाली एरोसिटी से यातायात को हटाकर हिमाचल प्रदेश को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करके ज़ीरकपुर, पंचकूला और आसपास के क्षेत्रों में भीड़भाड़ को कम करना है। वर्तमान प्रस्ताव का उद्देश्य यात्रा के समय को कम करना और एनएच-7, एनएच -5 और एनएच -152 के भीड़भाड़ वाले शहरी खंड में निर्बाध यातायात सुनिश्चित करना है।

सरकार ने चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली शहरी क्षेत्र में भीड़भाड़ कम करने के लिए सड़क नेटवर्क विकसित करने का काम शुरू किया है, जो मानचित्र में दर्शाए अनुसार रिंग रोड का रूप लेगा। जीरकपुर बाईपास इस योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है।

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