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सरकार दूरसंचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू करेगी

सभी नागरिकों को सस्ती, अत्याधुनिक उच्च गुणवत्ता वाली दूरसंचार सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता के अनुरूप सरकार स्पेक्ट्रम नीलामी का आयोजन कर रही है। वर्तमान दूरसंचार सेवाओं को बढ़ाने और निरंतरता बनाए रखने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने स्पेक्ट्रम नीलामी शुरू कर दी है और 08 मार्च, 2024 को आवेदन आमंत्रण सूचना (एनआईए) जारी की गई है। संचार मंत्रालय ने घोषणा की है कि आगामी नीलामी में स्पेक्ट्रम बैंड बोली के लिए 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज शामिल हैं।

नीलाम किए जाने वाले स्पेक्ट्रम की कुल मात्रा विभिन्न बैंडों में 10,522.35 मेगाहर्ट्ज है, जिसका मूल्य आरक्षित मूल्य पर 96,238.45 करोड़ रुपये है।

 

बैंड

नीलामी में रखा गया कुल स्पेक्ट्रम (मेगाहर्ट्ज में) एलएसए की संख्या जहां स्पेक्ट्रम बेचा जाता है आरक्षित मूल्य पर स्पेक्ट्रम का मूल्य (करोड़ में)
800 मेगाहर्ट्ज 118.75 19 21341.25
900 मेगाहर्ट्ज 117.2 22 15619.6
1800 मेगाहर्ट्ज 221.4 22 21752.4
2100 मेगाहर्ट्ज 125 15 11810
2300 मेगाहर्ट्ज 60 6 4430
2500 मेगाहर्ट्ज 70 5 2300
3300 मेगाहर्ट्ज 1110 22 16251.2
26 गीगाहर्ट्ज 8700 21 2734
कुल 10,522.35 96,238.45

 

स्पेक्ट्रम नीलामी की मुख्य विशेषताएं:

· नीलामी में तीन बोलीदाता – मैसर्स भारती एयरटेल लिमिटेड, मैसर्स वोडाफोन आइडिया लिमिटेड और मैसर्स रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड भाग लेंगे।

· नीलामी की प्रक्रिया: यह नीलामी एक समकालिक बहु-चरणीय आरोही (एसएमआरए) ई-नीलामी होगी।

· स्पेक्ट्रम की अवधि : स्पेक्ट्रम बीस (20) वर्ष की अवधि के लिए आवंटित किया जाएगा।

· भुगतान : सफल बोलीदाताओं को 8.65 प्रतिशत की ब्याज दर पर एनपीवी की विधिवत सुरक्षा करते हुए 20 समान वार्षिक किस्तों में भुगतान करने की अनुमति दी जाएगी।

· स्पेक्ट्रम का अवधि – इस नीलामी के माध्यम से प्राप्त स्पेक्ट्रम को न्यूनतम दस वर्ष की अवधि के बाद वापस किया जा सकता है।

· स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क : इस नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम के लिए कोई स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) नहीं लगेगा।

· बैंक गारंटी : सफल बोलीदाता को वित्तीय बैंक गारंटी (एफबीजी) और निष्पादन बैंक गारंटी (पीबीजी) प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं है।

बोलीदाताओं को ई-नीलामी प्लेटफॉर्म से सहजता के लिए 03 जून 2024, 13 जून 2024 और 14 जून 2024 को मॉक नीलामी आयोजित की गई। इसके बाद , बोलीदाताओं के डेटा में कोई अशुद्धि न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए 24 जून 2024 को सुबह 09:00 बजे नीलामी सूची प्रकाशित की गई।

स्पेक्ट्रम नीलामी के अन्य विवरण, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ, आरक्षित मूल्य, पूर्व-योग्यता शर्तें, बयाना राशि जमा (ईएमडी), नीलामी नियम आदि तथा उपरोक्त अन्य नियम व शर्तें शामिल हैं, एनआईए में निर्दिष्ट हैं, जिन्हें दूरसंचार विभाग की वेबसाइट https://dot.gov.in/spectrum पर देखा जा सकता है ।

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देश की राजनीति में वो होगा जो पहले कभी नहीं हुआ

दैनिक भारतीय स्वरूप , संवाद सूत्र मनोज अग्निहोत्री देश की राजनीति में जो पहले कभी नहीं हुआ वो अब होने जा रहा है।कल यानी 26 जून की सुबह लोकसभा स्पीकर के पद के लिए वोटिंग होगी। स्पीकर पद पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति ना बनने के कारण चुनाव की नौबत आई है। एनडीए ने एक बार फिर ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, आईएनडीआईए की तरफ से के सुरेश ने पर्चा दाखिल किया है।

लोकसभा स्पीकर को लेकर मंगलवार सुबह से ही सियासी माहौल गरमाया हुआ था। शुरुआत में उम्मीद जताई जा रही थी कि स्पीकर पद पर दोनों पक्षों के बीच सहमति बन गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर केंद्र को समर्थन देने का भी एलान किया था। हालांकि, घंटेभर बाद ही विपक्ष ने ओम बिरला के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतार दिया।

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दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया

कानपुर 22 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता. 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दयानंद गर्ल्स पीजी कॉलेज, कानपुर की वॉलिंटियर्स के द्वारा कु. अनुराधा चंदेल के नेतृत्व में ग्रीन पार्क में आयोजित कार्यक्रम में योग किया गया। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का थीम *स्वयं और समाज के लिए योग* रहा। इसी संकल्प को दोहराते हुए समस्त वॉलिंटियर्स ने योग को अपने जीवन शैली में नियमित रूप से अपनाने का संकल्प लेते हुए यह भी प्रण लिया कि वह अपने परिवार तथा समाज को योग के लाभों से अवगत कराते हुए योग करने के लिए प्रेरित करेंगी। योगासनों के साथ-साथ छात्राओं ने विभिन्न यौगिक कक्रियाओं, ध्यान, प्राणायाम, साधना आदि के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त की। इस अवसर पर जिला प्रशासन के द्वारा वॉलिंटियर्स को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हेतु विशेष रूप से तैयार की गई टी-शर्ट का वितरण भी किया गया।

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भजनो के बीच छात्र नेता को दी गई श्रद्धांजलि , पुण्य तिथि पर शहर के दिगज्जो ने किया याद

कानपुर 22 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता। कानपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय पुष्पेन्द्र सिंह “पिंकू यादव” (एडवोकेट) की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजन किया गया । पुष्पेंद्र चौराहा परमट में हुई इस श्रद्धांजलि सभा मे भजन संध्या में कलाकारों ने अपने भजनों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया । गणमान्य हस्तियों की मौजूदगी में भंडारे में प्रसाद भी वितरित किया गया । कानपुर की महापौर श्रीमती प्रमिला पांडे सहित बड़ी संख्या मे राजनेताओं , समाज सेवियों और छात्र नेताओं ने अपने श्रद्धां सुमन अर्पित किये । वक्ताओं ने कहा कि पुष्पेंद्र सिंह उर्फ पिंकू यादव ने राजनीति के नये आयाम स्थापित किये थे । महापौर प्रमिला पांडे ने कहा कि अपनी लोकप्रियता के चलते डीएवी कालेज में पहली बार में ही पुष्पेंद्र सिंह अध्यक्ष पद पर विजयी हुए ।उन्होंने कम उम्र में ही सेवा कार्य के बल पर प्रसिद्धि हासिल की थी । इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी पुष्पेंद्र सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला । पूर्व पार्षद कीर्ति अग्निहोत्री और परमट व्यापार मंडल अध्यक्ष राम सिंह यादव के संयोजन में हुए समारोह में पूर्व सांसद सत्यदेव पचौरी , विधायक अमिताभ बाजपेई , पूर्व विधायक सतीश निगम , कांग्रेस नेता आलोक मिश्रा , भाजपा जिलाध्यक्ष दीपू पाण्डे , भाजपा नेता सुरेश अवस्थी , पप्पू यादव सहित बड़ी संख्या में राजनैतिक और सामाजिक हस्तियों के अलावा छात्र नेताओं व अधिवक्तओ ने हिस्सा लिया ।

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एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज में “दसवां अंतराष्ट्रीय योग दिवस” धूम-धाम से मना

कानपुर 22 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस ऍन सेन बी वी पी जी कॉलेज की ऍन एस एस यूनिट द्वारा “दसवां अंतराष्ट्रीय योग दिवस” को धूम-धाम से मनाया गया। फूलबाग बस्ती में ऍन एस ऐस की स्वयंसेविकाओं ने योग पर बस्ती वासियों को जागरूक किया साथ ही योग प्रशिक्षक भूमि तिवारी ने स्वयंसेविकाओं को योग का प्रशिक्षण दिया । ४० स्वयंसेविकाओं ने, बस्ती वासियों ने तथा अनेक शिक्षक व शिक्षिकाओं एवम शिक्षिनेतर्र कर्मचारियों ने योग का अभ्याहस किया। ऍन एस एस प्रभारी प्रो चित्रा सिंह तोमर ने योग के समापन पर स्वयंसेविकाओं को फल एवम मिष्ठान का वितरण किया।

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छोटे व मझोले अखबारों को खत्म करने की साजिशः के. डी. चंदोला

~छोटे व मझोले अखबारों का उत्पीड़न बन्द करे केन्द्र सरकारः चंदोला
-प्रेस सेवा पोर्टल की जटिलताओं का दूर करने की मांग
-प्रेस सेवा पोर्टल व विज्ञापन पालिसी की विसंगितयों को दूर करवाने का प्रयास करूंगाः के. सतीश नम्बूदरीपद्
-अनेक जटिलतायें पैदा करके छोटे व मझोले अखबारों को बन्द करने की साजिशः चंदोला
-अखबार प्रकाशन में प्रयुक्त होने वाली सामग्री जी. एस. टी. मुक्त की जायेः श्याम सिंह पंवार
गुवाहाटी। एसोसियेशन ऑफ स्माल एण्ड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इण्डिया की राष्ट्रीय परिषद् (नेशनल काउंसिल) की बैठक असम राज्य के गुवाहाटी के पलटन बाजार स्थित होटल स्टार लाइन में आयोजित की गई।
बैठक में छोटे व मझोले वर्ग के अखबारों को प्रभावित करने वाली नीतियों व उनकी समस्याओं का निराकरण करने की मांग की गई। अनेक राज्यों से पधारे प्रकाशकों ने आरोप लगाया कि केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीनस्थ आर. एन. आई. कार्यालय व सी. बी. सी. कार्यालय के अधिकारियों की मनमानी के चलते छोटे व मझोले वर्ग के अखबार मालिक परेशान हैं। इन दिनों नया प्रेस सेवा पोर्टल परेशानी का एक बड़ा कारण बना हुआ है जिसके चलते अखबारों के प्रकाशकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और प्रकाशकगण अपने-अपने अखबारों का वार्षिक विवरण नहीं भर पा रहे हैं। अतः प्रेस सेवा पोर्टल की जटिलताओं को दूर करने के साथ-साथ वार्षिक विवरण भरने का समय अगस्त 2024 तक बढ़ाया जाये। वहीं सी. बी. सी. की विज्ञापन पालिसी के चलते छोटे व मझोले अखबारों की विज्ञापन की हिस्सेदारी प्रभावित हो रही है और उनका हक मारा जा रहा है। अतः विज्ञापन नीति में संशोधन किया जाये ताकि छोटे व मझोले अखबारों की विकासदर प्रभावित ना हो। अखबार मालिकों ने यह माँग भी रखी कि अखबारों के मालिकों का परिचय पत्र भी आर. एन. आई. द्वारा जारी किया जाये।
मुख्य अतिथि रहे प्रेस इन्फॉर्मेंशन ब्यूरो (पूर्वोत्तर जोन) के डायरेक्टर जनरल के. सतीश नम्बूदरीपद् ने प्रकाशकगणों की अनेक समस्याओं को सुनकर आश्वासन दिया कि आर. एन. आई. व सी. बी. सी. के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर छोटे व मझोले अखबारों की जटिल समस्याओं का निस्तारण अवश्य करवायेंगे और जहाँ जिस तरह की जरूरत होगी, उसमें परिवर्तन व संशोधन करवायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि नई-नई तकनीकों का सामना करने के लिये तैयारी करने की जरूरत है अन्यथा पिछड़ जाओगे। लेकिन मैं अपने स्तर से यही प्रयास करूंगा कि प्रकाशकों की हर समस्या का समाधान हो जाये।
इस मौके पर एसोसियेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला ने कहा, ‘‘हम केन्द्र सरकार से कहना चाहते हैं कि हम प्रकाशकगण, नई तकनीक के विरोधी नहीं हैं, लेकिन विज्ञापन नीति व प्रेस सेवा पोर्टल में जो विसंगतियाँ हैं, उन्हें तत्काल दूर किया जाये अन्यथा देशभर के छोटे व मझोले वर्ग के अखबारों के प्रकाशकगण विरोध करने पर बाध्य होंगे।’’
उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने कहा, ‘‘अखबारों को प्रकाशित करने में प्रयुक्त होने वाली सभी सामग्री को जी. एस. टी. मुक्त किया जाये, जिससे कि छोटे व मझोले वर्ग के अखबार प्रकाशकों को जटिलता से राहत मिल सके।’’
उन्होंने यह भी मांग कि अखबारों की पिं्रट लाइन के अनुसार ही प्रेस सेवा पोर्टल पर प्रकाशकों/स्वामियों की प्रोफाइल बनाने की सुविधा दी जाये क्योंकि आधार में दर्ज विवरण भिन्न होने के चलते प्रकाशकों का विवरण मेल नहीं खा रहा है जिसके प्रकाशकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बैठक में एसोसियेशन की कोषाध्यक्ष भगवती चंदोला, उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, अखिलेश सिंह, असम इकाई अध्यक्ष गिरिन्द्र कुमार कार्जी, किरि रांगहेंग, उत्तराखण्ड इकाई अध्यक्ष अतुल दीक्षित, मध्य प्रदेश से अकरम खान, सबरूनिशा, आन्ध्र प्रदेश से एस. कोण्डलाराव, के. वेंकटेश रेड्डी, राजस्थान से गोपाल गुप्ता, तरूण कुमार जैन, धर्मेन्द्र सोनी, अन्जू लता सोनी, कर्नाटक से वेनुगोपाल के. नाइक सहित अनेक प्रकाशक मौजूद रहे।

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पुलिस कमिश्नरेट को भूमाफिया की खुली चुनौती, दबंगई से किसान के मकान पर कर लिया कब्जा

कानपुर 20 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता यूपी में दूसरी बार सरकार बनने के बाद सीएम योगी का अवैध कब्जों को लेकर सख्त रुख अतियार किए हैं। इसके बावजूद भू माफियों के हौसले बुलंद है। ऐसा एक मामला कानपुर के हनुमंत विहार थाना क्षेत्र में सामने आया है। जहाँ दबंगों ने बुजुर्ग किसान के बंद मकान में कब्जा कर लिया और पुलिस में शिकायत करने पर धमका रहे है। पीड़ित किसान ने पुलिस आयुक्त के यहाँ न्याय की गुहार लगाई पीड़ित के अनुसार पुलिस आयुक्त की स्टाफ अफसर अंकिता सिंह ने थाना हनुमंत विहार पुलिस को एफआईआर के निर्देश दिए है।

पुलिस आयुक्त कार्यालय में गुरुवार को थाना हनुमंत विहार के उस्मानपुर में रहने वाले मिहीलाल ने बताया कि वो अक्सर बीमार रहता है। इसलिए पिछले तीन वर्ष से वो अपने गाँव भीमसेन में रहता है। उसका उस्मानपुर स्थित पुस्तैनी मकान बन्द था। जिसका फायदा उठाते हुए पड़ोस में रहने वाले दबंग सतीश मौर्या, सतेन्द्र मौर्या, जितेन्द्र मौर्या और राकेश मौर्या ने मकान का ताला तोडकर जबरन घुस गए और सारा सामान गायब कर मकान पर कब्जा कर लिया। बकौल मिहीलाल बीती 10 जून को जब वो अपने गाँव से पुस्तैनी मकान पर आया तो देखा की मकान पर एक वकील का बोर्ड लगाकर सतीश मौर्या, सतेन्द्र मौर्या व जितेन्द्र मौर्या और राकेश मौर्या ने कब्जा कर लिया है। और पीड़ित के विरोध करने पर उसे धमकाया जिसकी शिकायत थाना हनुमंत विहार से लेकर डीसीपी साउथ तक से की गई लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की आरोप है कि बुधवार को मिहीलाल को जितेंद्र मौर्या और सतीश मौर्या ने जबरन रोक कर गाली-गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए दबंगो ने रंगदारी माँगी जिसके बाद से पीड़ित मिहीलाल दहशत में जीने को मजबूर है।

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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पूर्व जागरूकता कार्यक्रम

कानपुर 20 जून भारतीय स्वरूप संवाददाता दयानंद गर्ल्स पी जी कॉलेज, कानपुर में राष्ट्रीय सेवा योजना तथा मिशन शक्ति के संयुक्त तत्वावधान में एन एस एस कार्यक्रम अधिकारी डॉ संगीता सिरोही के कुशल निर्देशन में 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अयोजन हेतु उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल महोदया आदरणीया श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देशानुसार योग शपथ का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने हेतु बड़े पैमाने पर छात्राओं के द्वारा स्वयं तथा अपने परिवार के सदस्यों के द्वारा ऑनलाइन शपथ ली गई तथा महाविद्यालय में भी शपथ का आयोजन किया गया। छात्राओं ने योग के संबंध में जागरूकता फैलाने एवं विभिन्न योगासनों का अभ्यास भी किया जिनमे मुख्य रूप से ताड़ासन, त्रिकोणासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, भुजंगासन, धनुरासन पवनमुक्तासन आदि तथा प्राणायाम व विभिन्न योगिक क्रियाओं यथा अनुलोम-विलोम, कपालभाति, शीत प्राणायाम, भ्रमर गुंजन, ओम् ध्वनि उच्चारण आदि के अभ्यास कराए गए। कार्यक्रम में आपसी सौहार्द, प्रेम, सद्भाव, शांति व देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत मंत्रोच्चारण व भजन का गायन भी किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य प्रो अर्चना वर्मा, चीफ प्रॉक्टर प्रो अर्चना श्रीवास्तव, डॉ अर्चना दीक्षित, डॉ मंजुला श्रीवास्तव एवम् कार्यालय अधीक्षक श्री कृष्णेंद्र श्रीवास्तव समेत महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापिकाएं उपस्थित रही।

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मज़े की लाइफ

दैनिक भारतीय स्वरूप, कुछ ख्याल अक्सर अचानक आते हैं यूंकि बेमतलब से लगते हैं लेकिन सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम जिंदगी को किस नजर से देखते हैं और शायद हमारा नजरिया हमारी जिंदगी के रास्ते भी तय करता है। कितने ही दुख सुख आते जाते हैं, कितने ही लोग मिलते बिछड़ते हैं जिंदगी में, पता नहीं कब कौन दोस्त बन जाता है और कब किसका साथ छूट जाता है। ये वक्त, ये पल ऐसे होते हैं जिनमें डूबकर हम बह जाते हैं या फिर मौन साधकर तटस्थ हो जाते हैं। कुछ ऐसे अपनों से भी वास्ता रहता है जो जिंदगी में नमक और शक्कर की तरह घुले से रहते हैं लेकिन फिर भी जिंदगी नींबू निचोड़ कर शरबत बना ही देती है क्योंकि हमेशा मुस्कुराते हुए हमें संबंधों को स्वीकारना होता है। कभी-कभी लगता है कि यह सब प्रपंच छोड़कर “मजे की लाइफ” का आनंद लेना चाहिए कोई कुछ बोल रहा हो तो बोलने दो उसे हम अपने ही गीत में मगन रहें, कोई पैर खींचना चाहे तो उसके साथ बैठकर बतिया ही लिया जाए। यह रफ्तार भरी जिंदगी कब थम जाती है यह भी हमें देर से मालूम पड़ता है। लब्बोलुआब कुछ यूं है कि पंचायती स्वभाव वाले प्राणी हमेशा खुश रहते हैं। तांक – झांक, लगाई – बुझाई शगल रहता है उनका और कुछ नहीं तो मनोरंजन ही हो जाता है। मोहल्ले में सबसे ज्ञानी भी वही रहते हैं।

“मोहल्ले में सबसे ज्ञानी हम ही हैं ऐसा हम मानते हैं अब क्या करें सबको मालूम हो या ना हो हमारा काम है ज्ञान बांटना और कुछ इधर-उधर करना। अब घर में बहुरिया है तो घर की चिंता से हम मुक्त है सारा जीवन खट लिया तो अब हम मजे से अपनी लाइफ जिएंगे।”
“पता नहीं लड़कियाँ एक ही शहर में शादी करके मायके में काहे पड़ी रहती है, समझ में नहीं आया आज तक। अब हम पूछे तो बुरे बन जाए फिर भी मन की कुलबुलाहट पर काबू कैसे पाएं तो पूछ ही लेते हैं कि का हो लल्लन की दुल्हिन बिटिया घर में है? सब कुसल मंगल तो है ना ?”
सवाल हम पूछा तो जवाब मा सवाल हम ही से पूछ लिया गया।
“अरे चाची! तुमका काहे चिंता हो रही है?”
चाची:- “अरे कुछू नाहीं! मुन्नी को देखा तो पूछ लिया। कौउनो बात नहीं सुखी रहो। रामदुलारी हमका मिलीं रहीं तो उनहीं बताइन कि मुन्नी आई है तो हाल-चाल लेक खातिर आए गयन और तुमरी सहेली बबीता के घर से झगड़े की आवाज आवत रही। लागत भय कि बहुरिया सास का खूब खरीखोटी बोलत रही। रोना धोना मचा रहै खूब, आवाज आवत रही।”
“अरे चाची! सब घर में कुछ ना कुछ होत है तुम काहे परेसान होती हो? घर मा बैइठ के भजन किया करो।”
चाची:- “हां बिटिया! अब यही करना ही है मगर आंख कान नाक बंद थोड़ी कर लेंगे।”
“चाची तुम तुमरी कहो कल तुम्हार बिटेवा तुमका का बोलत रहै ? काहे डांटत रहै?”
अरे कुछ नहीं! चलो हम जा रहे हैं, देर हो रही है। बिटिया लोगन का बहुत दिन मायका मा नाही रहेक चाही। ससुराल मा ही नीक लगतीं हैं और सुनो लल्लन की दुल्हिन हम अपना समझ कै बोलत हन नहीं तो हमका का पड़ी है। राधे-राधे..”
गली के नुक्कड़ पर सहेली नंदा मिल गई दोनों बतियाने लगी। कहां से आ रही हो जी?
“अरे लल्लन के घर पर रुक गये रहन पता है पंदर दिन से घर पर है मुन्नी, हमका तो दाल में कुछ काला नजर आ रहा है?”
“अरे कुछ नहीं! सब कामचोरी है ससुराल में काम करना पड़ता है तो भाग कर मायके आ जाती हैं।”
“हम्म यही बात होई! अच्छा सुनो तुम मंदिर गई रहौ का? बहुत चोट्टा पंडित है सब डकार लेत है फिर भी पेट नहीं भरत है उका ऊपर से ही – ही करत रहत है बस।”
“ऐजी तुम फालतू ना बोला करो उ अपना काम करत हय बेचारा, जो बुलावत है तय कर लेत है उतना मा ही सब होई जात है।”
“का हमका कुत्ता काटा है जो हम ई मेर बोलब? हंय?. हम देखा है कल रजनी कहत रही।”
“अच्छा छोड़ो तुम जाय के खुदही तय कर लो हम का देर हो रही है राधे-राधे।”
चाची:- “ठीक है! राधे-राधे। आजकल कौउनो से कुछू कहे वाला नहीं उल्टे हमरे ऊपर बरस पड़त हैं।”
घर पहुंचते ही… अम्मा जी आ गई? चौधरी वाले काम हो गए हों आपके तो जरा सब्जी काट दो हमको!”
“हां! लाओ दे दो अब यही करेंगे!”
कहने का मतलब यही है कि आप अपनी जिंदगी को अपने मनमुताबिक जियें। जिंदगी में कुछ हासिल करें या ना करें मगर सुकून जरूर हासिल करें। लोगों से जुड़ाव लगाव और संबंध इस जीवन की कमाई है और इसे निभाना वास्तव में कसौटी है कसौटी पर खरा उतरना भी कसौटी ही है आसान नहीं होता मगर यही हमारी पूंजी भी है। अपनी इच्छाओं अपनी भावनाओं और खुद अपने आप को नकारात्मकता से दूर रख कर जीवन का आनंद लेना चाहिए।- – प्रियंका वर्मा माहेश्वरी 

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आखिर लगा ही दी नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमन्त्री पद पर हैट्रिक

दैनिक भारतीय स्वरुप, जैसा कि पूर्वानुमान था, नरेन्द्र दामोदर दास मोदी ने हैट्रिक लगाते हुए 9 जून को तीसरी बार भारत के प्रधानमन्त्री पद की शपथ ली| यद्यपि विपक्षी पार्टियों के गठबन्धन इण्डिया ने राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबन्धन को कड़ी टक्कर दी है| जिससे भाजपा का 400 पार का स्वप्न साकार नहीं हो सका| इसके कारणों पर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को गहन विचार करना पड़ेगा| क्योंकि पार्टी के चाणक्यों ने 400 से अधिक सीटें प्राप्त करने हेतु जो रणनीति बनायी थी, वह कहीं न कहीं विफल साबित हुई| जिसके चलते भाजपा को बहुमत से बहुत कम 240 सीटें ही प्राप्त हुईं| परन्तु उसके नेतृत्व वाले गठबन्धन राजग ने 292 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में सफलता प्राप्त की| जनवरी 2023 से फरवरी 2024 के बीच विभिन्न एजेंसियों द्वारा कराये गये चुनावी सर्वेक्षणों में भी नरेन्द्र दामोदर दास मोदी हैट्रिक लगाते हुए दिखाई दे रहे थे| जो एकदम सही साबित हुआ| लेकिन सीटों को लेकर सर्वेक्षणों का आकलन गलत सिद्ध हुआ| देश की 13 अलग-अलग एजेंसियों द्वारा कराये गये सर्वेक्षणों के आधार पर भाजपा गठबन्धन को 44.30 प्रतिशत वोट के साथ 341 के आसपास सीटें मिलने की सम्भावना थी| लेकिन भाजपा को मात्र 36.56 प्रतिशत मतों के साथ 240 सीटें ही प्राप्त हुईं और उसके गठबन्धन राजग को 41.56 प्रतिशत मतों के साथ 292 सीटों से सन्तोष करना पड़ा| सर्वेक्षण में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को 36.52 प्रतिशत मतों के साथ 146 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था| जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले इण्डिया गठबन्धन को 39.21 प्रतिशत मतों के साथ 234 सीटें प्राप्त हुईं| सर्वेक्षण के आधार पर अन्य दलों को 56 सीटें मिलनी चाहिए थीं| परन्तु वास्तविक परिणाम मात्र 17 सीटों का ही रहा| यहाँ विचार करने योग्य बात यह है कि इण्डिया गठ्बन्धन को 234 सीटें तब प्राप्त हुई हैं जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की आधारभूत इकाइयाँ संगठनात्मक रूप से भाजपा की तरह मजबूत नहीं हैं|

अयोध्या के बहुचर्चित श्रीराम मन्दिर के निर्माण से भाजपा की बांछे खिली हुई थीं और उसे पूर्ण विश्वास था कि आस्था का शैलाव ऐसा उमड़ेगा कि भाजपा अकेले दम पर 400 से अधिक सीटें प्राप्त करने में सफल होगी| परन्तु परिणाम पूरी तरह उल्टा निकला| पूरे देश में जो हुआ सो हुआ ही अयोध्या से सम्बन्धित फ़ैजाबाद सीट ही भाजपा के हाँथ से निकल गयी| जिसके कारण अयोध्यावासी कट्टर भाजपाइयों द्वारा सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं| श्रीराम के प्रति उनकी आस्था पर ही सवाल खड़े किये जा रहे हैं| संविधान ने देश के प्रत्येक नागरिक को स्वतन्त्र रूप से मतदान करने का अधिकार दिया है| इसके लिए कोई किसी पर न तो दबाव डाल सकता है और न ही अपनी मर्जी थोप सकता है| अब यदि किसी दल को उसकी अपेक्षा के अनुरूप मत नहीं प्राप्त हुए हैं तो उस दल को मतदाताओं के प्रति दुर्भावना व्यक्त करने की अपेक्षा अपनी कार्यशैली की समीक्षा करनी चाहिए| जनतन्त्र में जनता ही सर्वोपरि है| सरकारों के काम-काज की समीक्षा करते हुए उसके समर्थन या विरोध का निर्णय वह मतदान के माध्यम से ही सुनाती है| जो हुआ भी और आगे भी होगा| किसी एक मुद्दे के बल पर कोई भी दल लम्बे समय तक पूर्ण बहुमत की अपेक्षा नहीं कर सकता और न ही करना चाहिए| आशा है भाजपा के रणनीतिकार इस बात को गम्भीरता पूर्वक समझेंगे और पुनः उन्हें जो सुअवसर मिला है उसका भरपूर सदुपयोग करेंगे| गरीबी, मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, किसानो की दुर्दशा, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली तथा शिक्षा का गिरता स्तर जैसे ज्वलन्त मुद्दे चुनौती बनकर सामने खड़े हैं| इन मुद्दों को बहुत लम्बे समय तक हासिये पर नहीं डाला जा सकता| निश्चित ही नरेन्द्र मोदी अपने नये कार्यकाल में इन मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करेंगे और इनसे निबटने के लिए स्थाई योजना बनाते हुए उसे प्रभावी ढंग से लागू भी करेंगे| उन्हें विशेष रूप से याद रखना होगा कि उनकी सत्ता में वापसी का मार्ग विकल्पहीनता के कारण भी प्रशस्त हुआ है| लोगों ने इण्डिया गठबन्धन को गुस्से में वोट दिया है| कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को उनका आधारभूत संगठनात्मक ढांचा मजबूत न होने के बावजूद इतना वोट मिलना सिर्फ और सिर्फ लोगों के अन्दर भाजपा सरकार के प्रति व्याप्त गुस्से का परिणाम है| वहीँ असन्तुष्टों के एक बड़े वर्ग ने इण्डिया और राजग के बीच तीसरा और मजबूत विकल्प न देखकर राजग को चुना है| इस बार मतदान का प्रतिशत भी कम रहा| इसके मूल में भी कहीं न कहीं लोगों में सरकार के प्रति उत्साह का अभाव रहा| देशवासी कांग्रेस और सपा के शासन की विफलताओं को अभी भूले नहीं हैं| जिनके विकल्प में उन्होंने भाजपा और उसके सहयोगी दलों पर अपना विश्वास जताया था| परन्तु इन दस वर्षों में मंहगाई, बेरोजगारी, गरीबी, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सरकार कोई करिश्मा नहीं कर सकी| बल्कि विफलता ही उसके हिस्से में आयी| जिसको लेकर आम जन में रोष होना स्वाभाविक था| परन्तु भाजपा और कांग्रेस की जगह किसी तीसरे और मजबूत विकल्प के अभाव में यह रोष जनाक्रोश में परिवर्तित नहीं हो सका| जैसा 2014 में हुआ था| ईडी और सीबीआई की कार्रवाई के दायरे में आने वाले विपक्षी दलों के नेताओं का बड़ी संख्या में चुनाव पूर्व भाजपा में शामिल होना, उसके बाद उन पर ईडी और सीबीआई की कार्रवाई रूक जाना और पार्टी में तत्काल उन्हें विशेष स्थान मिल जाना भी भाजपा के लिए घातक बना| क्योंकि इससे न केवल भारतीय जनता पार्टी के रूढ़ नेता एवं समर्पित कार्यकर्ता अन्दरखाने नाराज हुए| बल्कि आम जन में भी इसका गलत सन्देश गया| जिसका सीधा असर भाजपा के वोट प्रतिशत पर पड़ा| अतः प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी तथा उनके सहयोगियों को अपने नये कार्यकाल में पुरानी रणनीतियों का परित्याग करते हुए नई कार्यशैली अपनानी चाहिए| जो भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं, रूढ़ नेताओं तथा आम जन को सन्तुष्ट करने वाली हो| यद्यपि इस बार सरकार को गठबन्धन के दबाव में निर्णय लेने पड़ सकते हैं| परन्तु नरेन्द्र मोदी की व्यक्तिगत छवि दृढ़ निश्चयी व्यक्ति वाली रही है| इसीलिए वह देश ही नहीं विदशों तक के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं| अतएव गठबन्धन के दबाव की परवाह किये बिना उन्हें जनहित के निर्णय लेने में कतई संकोच नहीं करना चाहिए! — डॉ.दीपकुमार शुक्ल (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)

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