Breaking News

माँ तेरे रूप अनेक विषय पर अंतरराष्ट्रीय ई-संगोष्ठी संपन्न

कानपुर 9 मई भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारत उत्थान न्यास महिला समिति के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी माँ तेरे रूप अनेक का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया गया। संगोष्ठी की शुरुआत कविता सिंह व सोनल बादल द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक प्रस्तुति और न्यास की राष्ट्रीय सचिव डॉ नीरा तोमर के स्वागत भाषण से हुई। मुख्य अतिथि कानपुर महानगर की महापौर प्रमिला पांडे ने उपस्थित अतिथियों व वक्ताओं को अपनी शुभकामनाएं दीं। विशिष्ट अतिथियों में पोर्टलैंड प्रभु सतीश ने बताया कि कर्नाटक के मध्यम परिवार में उनका जन्म हुआ और बचपन से ही संघर्षों का सामना करते हुए आज पोर्टेलेंड में एक कंपनी के निदेशक पद पर कार्यरत हैं तो इसके पीछे उनकी माँ ही प्रेरणा बनीं जिन्होंने उन्हें प्रत्येक अवसर पर उनका साथ दिया। पीएसआईटी की वाइस चेयरमैन निर्मला सिंह ने उपस्थित सभी महिलाओं को समाज में बढ़ चढ़कर अपनी सहभागिता प्रदान करने की बात कही। न्यास की राष्ट्रीय मंत्री कल्पना पांडे ने बताया कि वे झांसी में जरूरतमंदों के लिए सेवाकार्य करने के साथ-साथ ज्योतिष के

क्षेत्र में भी सफलतापूर्वक कार्य कर रही हैैं। संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए मथुरा से डॉ दीपा अग्रवाल ने अपने वक्तव्य के माध्यम से संगोष्ठी को सार्थकता प्रदान की उन्होंने प्राचीन काल से लेकर आधुनिक भारत की सभी विद्वान व वीरांगना महिलाओं की पृष्ठभूमि से अवगत कराकर उपस्थित सभी मातृशक्ति को प्रेरित करने का कार्य किया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉक्टर चंपा कुमारी सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बबोधन में भावुक होते हुए कहा की पुराने समय में अभावों में भी रहकर परिवार अपनी माताओं और बहनों का ख्याल रखता था और उन्हें कभी वृद्धआश्रम की ओर जाना नहीं पड़ता था लेकिन आज आधुनिकता की अंधी दौड़ में अनेकों परिवारों की माता और बहने वृद्ध आश्रम जाने को मजबूर हैं। इसके पीछे उन्होंने कई कारण बताऐ जिसमें प्रमुख कारण बच्चों का विदेश जाना बताया। वक्ताओं में मथुरा से डॉ सुनीता अवस्थी बंगलुरु से मंजुला पै ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन न्यास की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ चित्रा सिंह तोमर ने किया धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष डॉ के. स्वर्णा ने किया। इस अवसर पर गोष्ठी के संरक्षक व न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुजीत कुंतल डॉ अनीता निगम मंजुला गुप्ता निवेदिता चतुर्वेदी डॉ आनंदेश्वरी अवस्थी, संजय कुमार मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

Read More »

स्वदेशी जागरण मंच के कानपुर प्रांत एक़ाई ने स्वावलंबी भारत अभियान के अंतर्गत ११ परिषदों ने संयुक्त रूप से देश को स्वावलंबी बनाने का बीड़ा उठाया है।

कानपुर 8 मई, भारतीय स्वरूप संवाददाता, दीनदयाल उपाध्याय सभागार, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्विद्यालय, कानपुर में स्वदेशी जागरण मंच के कानपुर प्रांत एक़ाई ने स्वावलंबी भारत अभियन के अंतर्गत ११ परिषदों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद,विश्व हिंदू परिषद,लघु उद्योग भारती, वनवासी कल्याण आश्रम,ग्राहक पंचायत, भारतीय मज़दूर संघ,भारतीय किसान संघ, भारतीय जनता पार्टी, सहकार भारती एवं राष्ट्रीय सेवा भारती ने संयुक्त रूप से देश कोस्वावलंबी बनाने का बीड़ा उठाया है।
कार्यक्रम का शुभारंभ दूध दही के देश में पेप्सी कोला नहि चलेगा…के नारे के साथ हुआ। दीप प्रज्वलन तथा ज्ञान की देवी सरस्वती और पंडित दीं दयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण के साथ ही सभागार में स्वावलंबी स्वाभिमानी भाव जगाना है,चलो गाँव की ओर हमें फिर देश बनाना है- गीत गूँज उठा। नोयडा विश्वविद्यालय के कुलपति एवं प्रसिद्ध अर्थशास्त्रविद प्रोफ़ेसर भगवती शरण शर्मा ने देश की इकॉनमी का विश्लेषण किया उनके अनुसार विश्व की इकॉनमी में भारत का योगदान शून्य से १५०० ईश्वी तक ३४% था पर आज मात्र ३% है हमें वापस अपना स्वावलम्बन जगाना है। हमारा देश १४० करोड़ जनसंख्या वाला देश है और हमारे पास १८ करोड़ हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है, जो विश्व में सर्वाधिक है। दुनिय में पर कैपिटा मिल्क प्रडक्शन ३५० लीटर है जबकि हमारे भारत की पर कैपिटा प्रडक्शन ५०० ली है। हमें अपने देश में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करके देश को स्वावलंबी बनाना है। इससे पहले भारत का युवा अलगाववादी ताक़तों के चंगुल में चला जाए उनको रोज़गार के अवसर उपलब्ध कराना है और I HATE FOR APPLYING JOBS का भाव जगाकर रोज़गार दाता बनाना है।
ग्राहक पंचायत के श्री हरिभाऊ खांडेकर,बी जे पी के श्री राम किशोरसाह सहकार भारती के गजेंद्र जी कानपुर के ज़िला सम्पर्क प्रमुख श्री प्रवीण कुमार मिश्रा ,यू पी टेक्स्टायल के निदेशक श्री पी सी ठाकुर तथा एम एस एम ई के कमिशनर श्री सर्वेश्वर शुक्ला जी ,चंद्र शेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक श्री वी के यादव ने युवाओं को नयीं रोज़गारपरक योगनाओ की जानकारी दी|
धन्यवाद ज्ञापन श्री पी के मिश्रा ने दिया प्रांत महिला प्रमुख श्रीमती शलिनी कपूर,क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री अजय उपाध्याय जी तथा प्रांत के सभी कार्यकरता उपस्थित रहे, कार्यक्रम में मुख्य रूप से ड़ा सत्यनारायण मिश्रा को स्वदेशी जागरण मंच का समन्वयक मनोनीत किया गया जिससे मंच का कार्य तेज़ी से हो सकेगा

Read More »

हाउस वाइफ

पालक के पत्तों में खो जाती है वो, मेथी बारीक कटी या नहीं इसी उधेड़बुन में घर के बाकी सारे काम कर जाती है वो!!
सबकी फरमाइश पूरी करती है वो, किसी ने घर मे तेज़ आवाज़ दी तो सारे काम छोड़ कर दौड़ पड़ती है वो,बच्चे भी क़भी- क़भी ढंग से बात नहीं करते उससे फिर भी अपनी ममता में कमी नहीं रखती है वो!!
पालक के पत्तों में खो जाती है वो,
याद नहीं उसको कब सँवारी थी आईने के सामने बैठ कर देर तक खुद में झांकी थी,वही जुड़ा जल्दी
वाला बनकर किचन की और बस भागी थी
अकेले बैठी थी सोच रही थी कि मैं भी कुछ कर सकती हूँ क्या,मग़र फिर याद आया सब्जी चढ़ा कर आई हो गैस पर वो ना जला जाये कहीं,इसे छोड़ो अभी सब्जी ज्यादा जरूरी है,खाने का स्वाद ना बिगड़ जाये इसलिए ये ज्यादा जरूरी है!!
पालक के पत्तों में खो जाती है वो,
कितनी ऐसी स्त्रियां है जो गुम हो गई रोज़मर्रा की इन्ही उधड़बुन मैं,खुद को भूल चुकी भरे पूरे परिवार में खो चुकी है,मग़र जब भी वक़्त मिलता है तो सोचती है ऊँचा उड़ाने की,देखे थे कुछ सपने उन्हें पूरा करने की,मग़र उसी दाफा फ़िर से एक और आवाज़ आती है और वो तेज़ी से फ़िर दौड़ लगती है
फ़िर सपनो की दुनिया से निकलकर हकीकत में खो जाती है!!
पालक के पत्तों में खो जाती है वो…..श्रद्धा श्रीवास्तव

Read More »

एस. एन. सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज, एन. एस. एस. इकाई तथा ‘रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘ वैदिक विज्ञान एवं गहन ध्यान’ विषय पर एक कार्यशाला आयोजित

कानपुर 6 मई, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस. एन. सेन बी. वी. पी.जी. कॉलेज, कानपुर के कोदोम्बिनी देवी एन. एस. एस. इकाई तथा ‘रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘ वैदिक विज्ञान एवं गहन ध्यान’ विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल, एन. एस. एस. इंचार्ज डॉ. चित्रा सिंह तोमर,’रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ के अध्यक्ष श्री अभिषेक शर्मा, उपाध्यक्ष श्रीमती अंजलि सिंह, सचिव श्री आशीष , कोषाध्यक्ष सुश्री प्रीति जी एवं सदस्य सुश्री दीपाली यादव आदि ने माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर किया ।
सर्वप्रथम प्रार्थना के पश्चात प्राचार्या डॉ. निशा अग्रवाल जी ने स्वागत वक्तव्य दिया तथा छात्राओं को योग एवं ध्यान को समझने के लिए प्रोत्साहित किया।
अतिथियों के स्वागत के पश्चात ‘रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ की सदस्य ,प्रथम वक्ता एवं मनोविज्ञान की शोधार्थी सुश्री दीपाली यादव विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।
अगली श्रृंखला में उपाध्यक्ष श्रीमती डॉ. अंजली सिंह आधुनिक जीवनशैली में बढ़ते तनाव एवं दबाव के युग में ध्यान के महत्व के विषय मे बताया। उन्होंने कहा कि, ध्यान स्वप्रबंधन तथा बिखरी हुई ऊर्जा को नियंत्रित करने की कला है ।
इसके पश्चात ‘रुद्र समागम सेवा एवं शिक्षा समिति’ के फाउंडर एवं अध्यक्ष श्री अभिषेक शर्मा जी ने भारतीय पौराणिक कथाओं के प्रतीकात्मक महत्त्व तथा भारतीय वैदिक परंपरा की वैज्ञानिकता पर प्रकाश डाला साथ ही संतुलित जीवन के प्रबंधन के लिए “ध्यान” के वैज्ञानिक महत्व को समझाया।
अंत में कार्यक्रम संयोजिका डॉ. चित्रा सिंह तोमर ने सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
राष्ट्रगान के साथ कार्यशाला का औपचारिक समापन किया गया ।

Read More »

ग्लैमर की चमक में खोते लोग~ प्रियंका वर्मा महेश्वरी

कुछ दिन पहले मैंने मेरी बेटी के मुंह से डेट शब्द सुना। तभी उसके पिताजी ने उससे पूछा कि यह डेट क्या होता है? डेट पर जाना मतलब क्या? ऐसा नहीं था कि उन्हें पता नहीं था लेकिन वो बेटी के मुंह से सुनना चाह रहे थे। बेटी जरा झेंप गई, उसे समझ में नहीं आया कि वो इस बात को किस तरह से बताये। सोचती हूं कि वक्त कितनी तेजी से बदल रहा है। एक वक्त था जब हम डेट जैसे शब्द नहीं पहचानते थे। फोन पर बात करना भी मुश्किल होता था और मिलना तो हमारी कल्पना से बाहर की बात थी लेकिन आज बच्चे छोटी सी उम्र में डेट का मतलब जानते हैं और वो इस चलन को अपनाने में भी बड़ी खुशी महसूस करते हैं। बच्चे गर्व से बताते हैं (अगर बच्चा आपसे बहुत फ्री है तो) कि मैं फला लड़के या लड़की के साथ डेट पर गया था।

बदलते वक्त ने ग्लैमर को बहुत बढ़ावा दिया है आज लोग सेलिब्रिटी जैसी लाइफ स्टाइल अपना रहे हैं। वह खुद को किसी सेलिब्रिटी से कम नहीं समझते। तमाम वीडियो, रील्स देखने पर तो यही लगता है। अब शादी ब्याह की रस्मों को को ही ले लीजिए। हर रस्म के लिए अलग डेकोरेशन और ड्रेस कोड रहते हैं। गर्मी है तो समर डेकोरेशन और समर ड्रेस कोड और खाना भी कुछ माहौल से मिलता जुलता ही होगा। कोशिश यही रहती है कि इवेंट के हिसाब से सब व्यवस्था की जाये।
अब यदि हल्दी की रस्म है तो सब तरफ पीले रंग का डेकोरेशन रहेगा और कपड़े भी पीले रंग के रहेंगे। मुझे मेरा वक्त याद आता है कि जब मेरी हल्दी की रस्म हुई थी तो एक कैमरा वाला नहीं था, कोई वीडियो नहीं और तो और कोई बाहर बाहरी व्यक्ति भी नहीं था। एक नाउन और घर के करीबी सदस्य और पुराने कपड़े में बैठी मैं सबने हल्दी लगाई गीत गाये और हल्दी की रस्म पूरी हो गई।
इधर कुछ समय से शादियों में प्री वेडिंग शूट का चलन बहुत जोरों पर है। शादी के पहले एक जगह पर जाना और रोमांटिक शॉट देना और बाद में प्री वेडिंग ऑकेजन रखकर लोगों को बुला कर उस शूट को दिखाना बड़ा अजीब लगता है। कुछ लोग तो बाकायदा ड्रेस कोड भी रखते हैं जैसे ग्रीन वैली में शूट किया तो ग्रीन ड्रेस कोड। जो बातें शादी के बाद व्यक्ति अपने गृहस्थ जीवन में शुरू करता है क्या वह शादी के पहले करना जरूरी है और लोगों को दिखाकर आप क्या जताना चाहते हैं। साथ ही ड्रेस कोड भी लोगों पर थोपना क्या सही है? मकसद सिर्फ एक ही होता है कि मेरे बच्चे इतनी महंगी जगह पर प्री वेडिंग शूट के लिए गए हैं और वह बहुत खुश है और हमने इतना खर्चा किया है। एक एक आकेजन पर लाखों का खर्च आता है और इस चमक दमक की भाग दौड़ में लोगों को खुश करने के चक्कर में मिडिल क्लास पिसता जाता है।
और एक रस्म होती है गोद भराई जिसमें लड़की को सात महीने का गर्भ होता है। हमारे हिंदू परंपरा में यह रस्म बहुत पारंपरिक तरीके से निभाई जाती है लेकिन आजकल इस रस्म पर भी चमक दमक भारी पड़ रही है। तरीके से तो जो लड़की गर्भवती होती है उसे ही हरे रंग का वस्त्र पहनना होता है लेकिन दिखावे और ग्लैमर की होड़ में ड्रेस कोड रखकर हर एक को हरे रंग का पहनावा अनिवार्य कर कर दिया जाता है और सजावट भी हरे रंग की ही होती है और तो और खाना भी हरे रंग का होता है जैसे हरा डोसा, हरी चटनी, हरे चावल वगैरह वगैरह।
आज के दौर में संगीत संध्या, मेहंदी, रिसेप्शन, जयमाला, मुंह दिखाई और भी घरेलू रस्में है जिनमें  ग्लैमर ने अपनी जगह बना ली है। अब गर्भ धारण की बात को ही लें आजकल बेबी बंप शूट का चलन बहुत है। जो नितांत निजी एहसास है वह आजकल सोशल साइट पर दिखते हैं। समझ में नहीं आता कि ममता बाजारू हो गई है या जमाने से कदम मिलाने की होड़ में यह बेतुकापन जरूरी हो गया है। मैं इस नए दौर के नए चलन के खिलाफ नहीं हूं लेकिन मैं सोचती हूँ कि कितनी तेजी से लोगों की सोच में बदलाव आ रहा है। बदलाव जरूरी भी है लेकिन सही गलत फर्क भी जरूरी है। शादियों के रस्म रिवाज परंपरा निभाने के साथ साथ एंजॉय करने के तरीकें भी हैं। दिखावा होना चाहिए लेकिन अगर उस दिखावे में आपकी आंतरिक खुशियाँ छिप जाती है तो दिखावे की खुशी का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। इनसे जुड़ना अच्छा जरूर लगता है लेकिन मर्यादा हर जगह जरूरी है।

Read More »

अटल घाट गंगा नदी में गंगा को निर्मल बनाने व मत्स्य संरक्षण हेतु 80 से 100 मिली मी0 की 40 हजार मछलियों प्रवाहित

कानपुर नगर 6 मई, (सू0वि0) कैबिनेट मंत्री, मत्स्य, उ0 प्र0 सरकार डॉ0 संजय निषाद ने आज अटल घाट गंगा नदी में गंगा को निर्मल बनाने व मत्स्य संरक्षण हेतु 80 से 100 मिली मी0 की 40 हजार मछलियों को प्रवाहित किया। उन्होंने गंगा नदी में मछलियों को प्रवाहित करते हुये कहा कि ये विभिन्न प्रकार की मछलियॉ गंगा में हानिकारक शैवाल को खाकर गंगा को स्वच्छ बनाने में मदद करेगी। उन्होंने बताया कि रोहू, कतला, नैन प्रजातियों की मछलियॉ नदी के तल में जमा कचरे को साफ करती है और इसके साथ ही मत्स्य संपदा को बढाती है। पानी में इन मछलियो के प्रवाहित होने से गंगा में स्वच्छता के साथ मत्स्य संपदा में तेजी से बढोतरी होगी और गंगा को निर्मल बनाने में यह मछलियॉ कारगर होगी।
उन्होंने कहा कि मत्स्य संपदा में बढोतरी होने से मछुआ समुदाय के लोगो को मत्स्य पालन के साथ लाभ भी प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि रोहू मछली पानी के ऊपरी सतह सरफेस फीडर में मौजूद असुद्धियो को खाती है, कतला मछली पानी के बीच की गन्दगी को खाकर नष्ट करती तथा नैन मछली पानी की निचली सतह में रहकर गन्दगी को खत्म करती है और जो भी गैसे आदि कचरे में दबी होती है उन्हें नष्ट करती है।
उन्होंने मत्स्य पालन विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अन्तर्गत मत्स्य पालको को निःशुल्क रुपये 05 लाख की धनराशि की दुर्घटना बीमा योजना की जानकारी देते हुये कहा कि मत्स्य पालक इस योजना का लाभ प्राप्त करे। उन्होंने मत्स्य पालकों को जागरुक करते हुये कहा कि वह सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ प्राप्त करे और स्वास्थ्य, शिक्षा व अपने रोजगार पर विशेष ध्यान देकर जीवन स्तर को बेहतर बनाये। उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को इस योजना से मत्स्य पालकों को लाभान्वित करने के लिये इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु कैम्प लगाकर योजना का लाभ दिलाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को मत्स्य पालकों के हितो में संचालित योजनाओं की अधिक से अधिक मछुआ समुदाये के लोगों को जानकारी देते हुये समयबद्ध क्रियान्वन कराये जाने के निर्देश दिये।
इससे पश्चात उन्होंने डीएवी कालेज में मत्स्य संपदा सेक्टर के डिप्लोमा प्रशिक्षणार्थियों से संवाद करते हुये मत्स्य पालन सेक्टर को और उपयोगी बनाये जाने तथा वैज्ञानिकों से मत्स्य पालन व मत्स्य संपदा को और बेहतर तथा उपयुक्त बनाने के लिये सुझाव प्राप्त किये। जिससे की मत्स्य पालन को बढावा देने के साथ और अधिक लोगो को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।
कार्यक्रम में उप निदेशक मत्स्य डा0 नरुलहक, सहायक निदेशक मत्स्य एन0के0 अग्रवाल, नमामि गंगे के सचिव, प्रभागी वन अधिकारी व अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

Read More »

एस एन सेन बालिका विद्यालय में पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित

कानपुर 6 मई, भारतीय स्वरूप संवाददाता, एस एन सेन बालिका विद्यालय में रसायन शास्त्र विभाग द्वारा पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता का शुभारंभ महाविद्यालय की प्रबंध समिति के सचिव पी के सेन, प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल, डॉ पूनम अरोड़ा, डॉ गार्गी यादव, डॉ प्रीति सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया। कार्यक्रम का संचालन रसायन विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ गार्गी यादव ने किया। पोस्टर प्रतियोगिता का निर्णय निर्णायक मंडल की सदस्या जन्तु विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ पूनम अरोड़ा एवं वनस्पति विज्ञान की विभागाध्यक्षा डॉ प्रीति सिंह ने किया। उन्होंने प्रत्येक पोस्टर का विश्लेषण बहुत ही बारीकी से किया और सम्बंधित प्रश्न पूछ कर छात्राओं का उत्साह वर्धन किया। प्राचार्या डॉ निशा अग्रवाल ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं से छात्राओं की विषयों के प्रति अभिरुचि उत्पन्न होती है और उन्हें अपने विषयों को समझना आसान हो जाता है . नई शिक्षा नीति में छात्राओं के लिए इस तरह के कार्यक्रमों को करवाने पर विशेष बल दिया गया है.
प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे:

प्रथम :रिया राणा,अनन्या अवस्थी
द्वितीय : महक विश्वकर्मा, नेहा श्रीवास्तव
तृतीय : सरिया सलमान, निकिता मिश्रा, गौरी ओमर

सभी विजेताओं को निर्णायक मंडल एवं प्राचार्या द्वारा पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर डॉ निशा वर्मा, श्रीमती किरण, डॉ कीर्ति पांडे, डॉ प्रीता अवस्थी, कु वर्षा सिंह, कु तैय्यबा ,श्रीमती प्रतिभा, डॉ राई घोष आदि शिक्षिकायें उपस्थित रहीं।

Read More »

एक साथ 78,220 तिरंगे लहराकर भारत ने बनाया विश्व रिकार्ड

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भारत ने एक साथ सबसे ज़्यादा राष्ट्रीय ध्वज लहराने का रिकॉर्ड बनाया है। 23 अप्रैल 2022 को बिहार के भोजपुर के जगदीशपुर स्थित दुलौर मैदान में वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव कार्यक्रम में 78 हज़ार 220 तिरंगे झंडों को एक साथ लहराकर भारत ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज किया।

मौका था जगदीशपुर के तत्कालीन राजा वीर कुंवर सिंह का अंग्रेजों के खिलाफ विजय प्राप्त करने का, जिन्हें 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में से एक माना जाता है। यह कार्यक्रम भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत गृह मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय ने आयोजित किया था।

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों के सामने बनाये गए इस रिकॉर्ड के लिए कार्यक्रम में उपस्थित लोगों की भौतिक पहचान के लिए बैंड पहनाए गए थे और पूरे कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग हुई थी।

केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कल्पना की है कि 2047 में पूरी दुनिया में हर क्षेत्र में भारत शीर्ष पर होना चाहिए और वीर कुंवर सिंह जी जैसे सभी वीर सेनानियों को यही हमारी सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है। बाबू कुंवर सिंह जी बहुत बड़े समाज सुधारक भी थे और उन्होंने पिछड़े और दलितों का कल्याण करने का एक विचार उस जमाने में देश के सामने रखा। इतिहास ने बाबू कुंवर सिंह के साथ अन्याय किया, उनकी वीरता, योग्यता, बलिदान के अनुरूप उन्हें इतिहास में स्थान नहीं दिया गया, लेकिन आज बिहार की जनता ने बाबू जी को श्रद्धांजलि देकर वीर कुंवर सिंह का नाम एक बार फिर इतिहास में अमर करने का काम किया है

बाबु वीर कुंवर सिंह 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख नेता के रूप में उभरे, जिन्होंने लगभग 80 वर्ष की उम्र में भी विदेशी हुकूमत का डट कर मुकाबला किया। वे जगदीशपुर के परमार राजपूतों के उज्जयिनी वंश के परिवार से संबंधित थे, जो वर्तमान में भोजपुर जिले, बिहार, भारत का एक हिस्सा है। 80 साल की उम्र में, उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की कमान के तहत सैनिकों के खिलाफ सशस्त्र सैनिकों के एक चयनित बैंड का नेतृत्व किया। वह बिहार में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई के मुख्य नायक थे। उन्हें वीर कुंवर सिंह के नाम से जाना जाता है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की उपस्थिति में इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री आरके सिंह, श्री अश्विनी चौबे और श्री नित्यानंद राय मौजूद रहे। इनके अलावा उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी की भी उपस्थिति रही। सभी ने हज़ारों की तादाद में जुटे आमजन के साथ मिलकर एक साथ पांच मिनट तक तिरंगा लहराया और राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ का गायन किया।

 

Read More »

प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ बातचीत की

प्रधानमंत्री मोदी ने आज यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष महामहिम उर्सुला वॉन डेर लेयेन की अगवानी की।

प्रधानमंत्री ने इस साल रायसीना डायलॉग में उद्घाटन भाषण देने के लिए सहमति प्रदान करने पर यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष का धन्यवाद किया और कहा कि वे आज दिन में उनका संबोधन सुनने के लिए उत्सुक हैं।

दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि एक बड़े और जीवंत लोकतांत्रिक समाज के रूप में, भारत तथा यूरोप विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर एक जैसे मूल्य और साझा दृष्टिकोण रखते हैं।

दोनों नेताओं ने एक मुक्त व्यापार समझौते एवं निवेश समझौते पर वार्ता की पुन: शुरुआत सहित भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक साझेदारी में प्रगति की समीक्षा की। भारत और यूरोपीय संघ के आपसी संबंधों के सभी पहलुओं का राजनीतिक-स्तरीय प्रबंधन करने तथा सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में समन्वय सुनिश्चित करने के लिए एक उच्चस्तरीय व्यापार एवं प्रौद्योगिकी आयोग स्थापित करने पर सहमति बनी।

दोनों नेताओं ने हरित हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में भारत और यूरोपीय संघ के बीच सहयोग की संभावनाओं सहित जलवायु संबंधी विभिन्न मुद्दों पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने कोविड-19 की निरंतर चुनौतियों पर भी चर्चा की और दुनिया के सभी हिस्सों में टीकों एवं चिकित्सा विज्ञान की समान पहुंच सुनिश्चित करने के प्रयासों पर जोर दिया।

इसके अलावा, इस बैठक के दौरान यूक्रेन की स्थिति और भारत-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित विभिन्न घटनाक्रमों सहित सामयिक महत्व के कई भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की गई।

Read More »

गडकरी ने महाराष्ट्र के सोलापुर में 8,181 करोड़ रुपये की लागत वाली 292 किलोमीटर की 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आज महाराष्ट्र के सोलापुर में 8,181 करोड़ रुपये की लागत वाली 292 किलोमीटर की 10 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image001RTW8.jpg

मंत्री ने कहा कि इन सड़क परियोजनाओं में सोलापुर जिले और इसके आसपास के क्षेत्र को देश की मुख्य धारा में लाने की क्षमता है। उन्होंने आगे कहा कि ये परियोजनाएं सोलापुर के लोगों के कल्याण और विकास के लिए महत्वपूर्ण होंगी। श्री गडकरी ने बताया कि इन परियोजनाओं से शहर में यातायात को सुचारू करने और दुर्घटनाओं व पर्यावरण प्रदूषण की घटनाओं को कम करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि इनके माध्यम से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों को शहर से जोड़ना आसान होगा।

श्री गडकरी ने कहा कि सिद्धेश्वर मंदिर, अक्कलकोट, पंढरपुर जैसे महत्वपूर्ण मंदिरों के सोलापुर जिले में स्थित होने के कारण यहां सड़क नेटवर्क को मजबूत करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि इन कारकों को ध्यान में रखते हुए इन राजमार्ग परियोजनाओं से शहर और जिले में आध्यात्मिक स्थलों तक पहुंच की सुविधा होगी व कृषि उत्पादों के परिवहन को सुगम बनाने में भी सहायता मिलेगी।

मंत्री ने बताया कि सोलापुर जिले में लगातार उत्पन्न होने वाली जल संकट की स्थिति को दूर करने के लिए 2016-17 से एनएचएआई ने बुलढ़ाणा प्रारूप के अनुरूप सोलापुर जिले में कई तालाबों का निर्माण किया है। उन्होंने आगे बताया कि कई उपलब्ध जलाशयों को और गहरा किया गया है व उनसे प्राप्त मिट्टी और पत्थरों का उपयोग सड़क निर्माण के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे सोलापुर जिले के करीब 73 गांवों में जल उपलब्ध हो गया है। इसके अलावा क्षेत्र में भूजल स्तर 6,478 टीएमसी बढ़ गया है और 561 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो गई है। मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से 2 जलापूर्ति योजनाओं को लाभ हुआ है और क्षेत्र के 747 कुओं को रिचार्ज (फिर से जल का भराव) किया जा चुका है।

Read More »