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अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि पर योगी की सर्जिकल स्टाइक

उत्तरप्रदेश मे योगी सरकार द्वारा दो ही बच्चे अच्छे नारे के साथ लाये गए जनसंख्या नियंत्रण कानून ने मानों अराजक तत्वों और धर्म की राजनीति करने वाले सभी आकाओं की नींद उड़ा दी l आये दिन इस कानून को मुस्लिम विरोधी बता कर एक समूह को न सिर्फ विकास से दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है बल्कि उन्हें वास्तविकता से भी दूर रखने का पूरा प्रयास किया जा रहा है l परन्तु वास्तव में ये भारत में रहने वाला प्रत्येक नागरिक जानता है कि बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाना कितना जरूरी है
इसी विषय पर उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री मोहिसन रजा ने कहा कि ‘ जनसंख्या नियत्रंण कानून से समाज कल्याण होगा’। हमें एक देश एक कानून एक बच्चा पर काम करना चाहिए
“हम मुस्लिम समाज को ऊपर बढ़ाना चाहते हैं टोपी से टाई तक ले जाना चाहते है, लेकिन बाकि विरोधी दल ये चाहते हैं कि ये लोग पंक्चर लगाते रह जाए। इनका विकास न हो, जब से हम सरकार में आए है तब से ही शिक्षा के क्षेत्र में काम किया जा रहा है, अलग-अलग जगह पर स्कूल खोले जा रहे है। शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। जनता तक बेहतर सुविधाए पंहुचाने के लिए जनसख्या कानून जरूरी है”
मोहिसन रज़ा द्वारा कही गई ये बात उस वास्तविकता को बताती है जिसे नज़रअंदाज़ ना तो किया जा सकता है और न ही किया जाना चाहिए l लेकिन जब कभी सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर कोई कानून बनाती है तो अक्सर देश में इस मुददे पर प्रारंभ होने वाले वैचारिक विमर्श को कुछ लोगों द्वारा एक हक छीनने जैसी प्रतिक्रिया मिलती है। ऐसा लगता है जैसे उनके निजी जीवन पर हमला किया गया हो। कुछ बुद्धिजीवी वर्ग इसे धार्मिक रंग चढ़ाने से भी पीछे नहीं हटते और जरूरी मुददों के प्रति जागरूकता को लेकर समाज को भटकाने का प्रयास करते है।
जनसंख्या की द्ष्टि से भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है, एवं जनघनत्व के मामले में भी भारत काफी उपर है। भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण भूमि एवं अन्य संसाधनों पर काफी दबाव महसूस किया जाता रहा है। मसलन जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव किस तरह पड़ता है इसे समझना जरुरी है l किसी भी देश की जनसंख्या को घटाने या बढ़ाने में मुख्यतः दो कारक प्रमुख होते है, जब जन्म दर, मुत्यु दर से अधिक हो तो जनसंख्या में वृद्धि आती है। दूसरा यदि दूसरे देशों से आने वालों की संख्या विदेश जाने वाले लोगों की संख्या से अधिक होगी तो जनसंख्या में वृद्धि होगी एवं विपरीत स्थिति में जनसंख्या में कमी आएगी।
संयुक्त राष्ट्र की द वल्र्ड पापुलेशन प्रोस्पोट्स 2019 हाईलाइट्स नामक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2027 तक चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2050 तक भारत की कुल आबादी 1.64 बिलियन के आंकड़े को पार कर जाएगी एवं वैश्विक जनसंख्या में 2 बिलियन हो जाएगी। रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि इस अवधि में भारत में युवाओं की बड़ी संख्या मौजूद होगी l लेकिन आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों के अभाव में इतनी बड़ी आबादी की आधारभूत आवश्यकताओं जैसे- भोजन, आश्रय, चिकित्सा और शिक्षा को पूरा करना भारत के लिये सबसे बड़ी चुनौती होगी l बढ़ती आबादी किसी देश के विकास के लिए कितनी घातक होंगी इसका भान शायद गाँधी जी को पहले से ही पता था इसी लिए उन्होंने कहा था कि प्रकृति के पास लोगो की अवश्यक्ताओ को पूरा करने के लिए परिपूर्ण संसाधन है परन्तु बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण संसाधनों की कमी से बचने का एकमात्र तरीका है ताकि भावी पीढ़ी को संसाधनों की कमी ना हो l
किसी भी देश कि स्थिरता उस देश की आर्थिक स्थिति के द्वारा सुनिश्चित होती है, परन्तु एक अन्य वास्तविकता यह भी है कि जनसंख्या वृद्धि के कारण अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। जिससे बेरोजगारी, पर्यावरण का अवनयन, आवासों की कमी, निम्न जीवन स्तर जैसी समस्याए जुड़ी रहती है। इसका उदहारण यह है कि वर्तमान में भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों की संख्या काफी अधिक है। यह गरीबी और अभाव, अपराध, चोरी, भ्रष्टाचार, कालाबाजारी व तस्करी जैसी समस्याओं को जन्म देती है। पर्यावरण की दृष्टि से भी जनसंख्या वृद्धि हानिकारक है। बढ़ती आवश्यकताओं के कारण प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहने किया जा रहा है जिसके परिणाम विनाशकारी सिद्ध हो रहे है। जनसंख्या वृद्धि को जल-प्रदूषण, वायु प्रदूषण एवं मृदा प्रदूषण के लिये भी दोषी माना जा रहा है l ऐसा इसलिए क्योंकि जनसंख्या वृद्धि का सबसे गंभीर प्रभाव पर्यावरण पर ही देखा गया है l
यूपी की जनसंख्या पर योगी प्लान
विगत कई वर्षो से भारत में जनसंख्या नियंत्रण एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक मुददा रहा है। देश में एक बड़ा वर्ग जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग लम्बे समय से कर रहा है। पिछले वर्ष 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी जी ने लाल किले की प्राचीर से बढ़ती हुई जनसंख्या तथा इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित किया था। उसके बाद न्यायालयों में याचिकाएं दर्ज होनी शुरू हुई तथा प्रधानमंत्री को पत्र लेखन द्वारा विभिन्न सगंठनों तथा प्रभुद्ध लोगों ने इससे संबधित अधिनियम पारित करने की पेशकश की। वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में दर्ज याचिका में कहा गया है, कि 42 वे संविधान संशोधन 1976 के द्वारा समवर्ती सूची में जनसंख्या नियंत्रण एवं परिवार नियोजन विषय जोड़ा गया l
इसलिए केंद्र तथा राज्य सरकारों का यह कर्तव्य बनता है कि वे इससे संबधित अधिनियम पारित करें। जिसक अंतर्गत हालही में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर यूपी की योगी सरकार ने नई जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट पेश किया l इस ड्राफ्ट के अंतर्गत अब यूपी में 2 से ज्यादा बच्चों के होने पर उत्तरप्रदेश के किसी भी निवासी को किसी भी सरकारी योजना का फायदा नहीं मिलेगा l सरकारी नौकरियों में मौका भी नहीं मिलेगा, स्थानीय निकाय, पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक होंगी और राशन कार्ड में चार से अधिक सदस्य नहीं होंगे।
यूपी विधि आयोग ने कहा कि पास होने के 1 साल बाद कानून लागू होगा। कानून से प्रोत्साहन ज्यादा और हत्सोत्साहन नहीं होगा। सभी जाति धर्म को देखते हुए मसौदे पर काम किया जाएगा किसी विशेष जाति को टारगेट नहीं किया जाएगा।
बच्चा एक फायदे अनेक
कानून में यह सुनिश्चित किया गया है कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को अनेक फायदे मिल पांएगें l 1 बच्चे के बाद नसबंदी कराने पर स्वास्थ्य सुविध होगी. एकल बच्चा लड़का है तो 80 हजार रूपये की मदद मिलेगी और अगर एकल बच्चा लड़की है तो 1 लाख रूपए दिए जाएंगे, साथ ही बच्चे के 20 साल का होने तक बीमा कवरेज होगा और उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिले पर बच्चे को फायदा मिलेगा। सरकारी नौकरियों में एकल बच्चे को प्राथमिकता मिलेगी और एक बच्चा लड़की हो तो ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्ष दी जाएगी। सबसे ज्यादा आबादी का राज्य की जनसंख्या 23 करोड़ है l यूपी में जन्म दर राष्ट्रीय औसत से अभी 2.2 प्रशित अधिक है। आखिरी बार जनसंख्या नीति साल 2000 में पारित हुई थी जिसमें जन्म दर 2.7 प्रशित का 2026 तक 2.1 प्रतिशत लाने का लक्ष्य था। 2021-2030 के लिए प्रस्तावित नीति के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी l
विरोधजीवियों के द्वारा इस प्रगतिशील कानून पर हल्ला उठाना वास्तव में उनकी निम्न मानसिकता और त्रुटिपूर्ण राजनीति का उदाहरण है l बाहरहाल हमें यह समझना होगा कि जनसंख्या वृद्धि किसी एक राज्य की समस्या ना होकर संपूर्ण भारत की समस्या है जिसका निवारण भी राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए  – प्रीती राठौर

लेखिका शिवाजी कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं

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स्वतंत्रता दिवस, 2021 के अवसर पर 1,380 पुलिस कर्मियों पदक से सम्मानित

स्वतंत्रता दिवस, 2021 के अवसर पर कुल 1,380 पुलिस कर्मियों को पदक से सम्मानित किया गया है। विवरण इस प्रकार है-

वीरता पदक

पदकों का नाम प्रदान किए गए पदकों की संख्या
वीरता के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएमजी) 02
वीरता के लिए पुलिस पदक (पीएमजी) 628

 

सेवा पदक

पदकों का नाम प्रदान किए गए पदकों की संख्या
विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक (पीपीएम) 88
सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक (पीएम) 662

 

628 वीरता पुरस्कारों में से अधिकांश में, जम्मू-कश्मीर पुलिस को 01 पीपीएमजी और सीआरपीएफ (मरणोपरांत) को 01 पीपीएमजी से सम्मानित किया जा रहा है, 398 कर्मियों को जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्र में उनके वीरतापूर्ण कार्य के लिए सम्मानित किया जा रहा है, 155 जवानों को वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में उनके वीरतापूर्ण कार्यों के लिए तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में 27 जवानों को उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित किया जा रहा है। वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले जवानों में से 256 जम्मू-कश्मीर पुलिस के हैं, 151 सीआरपीएफ से हैं, 23 आईटीबीपी से हैं तथा 67 ओडिशा पुलिस से हैं, 25 महाराष्ट्र से हैं और 20 छत्तीसगढ़ से हैं तथा शेष अन्य राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों तथा सीएपीएफ से हैं।

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राष्ट्रपति ने टोक्यो ओलंपिक 2020 के भारतीय दल की ‘हाई टी’ पर मेजबानी की

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद नेराष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आज (14 अगस्त, 2021) टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाग लेने वाले भारतीय दल की ‘हाई टी’ कार्यक्रम की मेजबानी की। उप-राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

टोक्यो ओलंपिक, 2020 के भारतीय दल के साथ संवाद करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र को गौरवान्वित करने के लिए पूरे देश को उन पर गर्व है। इस दल ने अभी तक ओलंपिक में हमारी भागीदारी के इतिहास में सबसे ज्यादा पदक हासिल किए हैं। उन्होंने कहा किउनकी उपलब्धियों ने युवाओं को खेलों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया है, साथ ही माता-पिता के बीच खेलों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण भी पैदा हुआ है।

राष्ट्रपति ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन न सिर्फ उपलब्धियों के मामले में, बल्कि क्षमता के मामले में भी उत्कृष्ट रहा। ज्यादातर खिलाड़ी अपने करियर की शुरुआत में हैं।राष्ट्रपति ने कहा किउन्होंने जिस भावना और कौशल के साथ टोक्यो में प्रदर्शन किया है, भारत आने वाले समय में खेल जगत में प्रभावशाली उपस्थिति दर्ज करेगा।

राष्ट्रपति ने पूरे भारतीय दल को उसके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने कोच, सहायक स्टाफ, परिवार के सदस्यों और शुभचिंतकों द्वारी निभाई गई भूमिका की भी सराहना की, जिन्होंने उनकी तैयारियों में योगदान किया।

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हमारा मान, हमारा राष्ट्रगान, बना कीर्तिमान

पूरा भारत देश आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए उत्साह से तैयार हो गया है। सारे देश ने इसका जयघोष एक साथ राष्ट्रगान गाकर कर दिया है । डेढ़ करोड़ देशवासियों द्वारा अपना गाया राष्ट्रगान वेबसाइटपर अपलोड किया जाना एक असाधारण कीर्तिमान बना है। यह भारत की एकता, अखंडता और समरसता का उदघोष है ।

विगत 25 जुलाई को  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में देशवासियों से एक साथ राष्ट्रगान गाने का आह्वान किया था । यह आह्वान किसी मंत्र की तरह समूचे भारत वासियों के मन मे समा गया और देखते ही देखते सबने मिलकर एक अपराजेय कीर्तिमान रच डाला ।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की पहल पर 15 अगस्त तक  राष्ट्रगान गाकर वेबसाइट पर अपलोड करने का कार्यक्रम रचा गया। इसमे देश का सभी हिस्सों से , सभी वर्गों से लोगो ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया । बच्चे, बुजुर्ग,युवा, महिलाएं मानो कोई किसी से पीछे नही रहना चाहता था। नामी गिरामी कलाकार, जाने माने विद्वान, बड़े से बड़े नेता, आला अफसर, जाबांज सिपाही, मशहूर खिलाड़ियों से लेकर किसान, मजदूर, दिव्यांग तक सभी ने बराबरी से इसमे भाग लिया और एक स्वर में राष्ट्रगान गाया।कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और अरुणाचल प्रदेश से लेकर कच्छ तक सभी दिशाओं से जन गण मन के ही  स्वर गूंज रहे हैं। भारत के बाहर रहने वाले देशवासियों ने भी इसमे उत्साह से हिस्सा लिया और दिखा दिया कि तन उनका भले ही दूसरे देश मे हो लेकिन मन तो उनका इसी भारत भूमि में रचा बसा है। हज़ारो मील दूर किसी कोने में बैठे भारत वासी ने जब अकेले में  राष्ट्रगान गाया तो उसका स्वर एक सौ छत्तीस करोड़ देशवासियो एकाकार हो गया।सिर्फ इकीस दिन में डेढ़ करोड़ की संख्या पार हो जाना प्रतीक है इस बात का कि अगर भारत वासीठानलें तो कोई लक्ष्य कठिन नही हैं। यह इस बात का भी प्रतीक है कि डिजिटल इंडिया का भी स्वप्न साकार होने वाला है क्योंकि हर भारत वासी ने डिजिटल तकनीक का उपयोग करके अपना गान अपलोड किया है।

राष्ट्रगान हमारी आन बान शान का प्रतीक है।राष्ट्रगान गाने के इस कार्यक्रम से सभी मे उत्साह और उमंग का तो संचार हुआ ही है साथ पूरे विश्व को भी भारत की मजबूत एकता का संदेश मिल गया है।

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सरकार ने रक्षा बलों में ऑनरेरी कमीशन की रिक्तियों में वृद्धि को अनुमति प्रदान की

सशस्त्र बलों में सेवारत जूनियर कमीशंड अधिकारियों को उनकी अनुकरणीय सेवा और योगदान के सम्मान स्वरूप सेवा के अंतिम वर्ष में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर ऑनरेरी कमीशन प्रदान किया जाता है। ऑनरेरी लेफ्टिनेंट के लिए दिए जाने वाले ऑनरेरी कमीशन का अनुपात 1984 से 12:1000 और कैप्टन के लिए भी इसी अनुपात में रिक्तियां रहा है। जूनियर कमीशंड अधिकारियों के योगदान को देखते हुए ऑनरेरी लेफ्टिनेंट के लिए अनुपात अब 15:1000 कर दिया गया है।  यह जूनियर कमीशंड अधिकारियों को उनकी सेवानिवृत्ति से पहले ऑनरेरी कमीशन प्राप्त अधिकारी बनने के लिए बेहतर अवसर प्रदान करेगा।

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केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने के फ़ैसले का अभिनंदन किया

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने के फ़ैसले का अभिनंदन किया है।अपने ट्वीट्स में श्री अमित शाह ने कहा कि “देश के विभाजन के समय हिंसा व घृणा के साये में विस्थापित हुए हमारे असंख्य बहनों व भाइयों के त्याग, संघर्ष व बलिदान की याद में मोदीजी ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस संवेदनशील निर्णय पर मैं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूँ”।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि “देश के विभाजन का घाव व अपनों को खोने के दुःख को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता।मुझे विश्वास है कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ समाज से भेदभाव व द्वेष की दुर्भावना को खत्म कर शांति, प्रेम व एकता को बल देगा”।

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‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत बीआरओ द्वारा चिकित्सा शिविर

प्रमुख बातें:

  • 75 चिकित्सा शिविर सीमावर्ती राज्यों और मित्र देशों में आयोजित किए जा रहे हैं
  • जरूरतमंदों को निशुल्क मेडिकल चेकअप और निशुल्क दवाइयां
  • कोविड-19 के बारे में स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना
  • फेस मास्क और हैंड सैनिटाइजर्स का मुफ्त वितरण

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत सीमावर्ती राज्यों और मित्र देशों में 75 चिकित्सा शिविर आयोजित कर रहा है। जम्मू और कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम, मिजोरम और त्रिपुरा के साथ-साथ भूटान में भी बड़ी संख्या में शिविर आयोजित किए जा रहे हैं।

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अभियान के अंतर्गत सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) दूरदराज के एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले जरूरतमंद लोगों को मुफ्त चिकित्सा जांच और मुफ्त दवाएं प्रदान कर रहा है। यह शिविर सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय आबादी के बीच कोविड -19 महामारी के बारे में जागरूकता भी बढ़ा रहे हैं । लोगों को अच्छी स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने के महत्व के बारे में भी बताया जा रहा है। इस पहल के अंतर्गत स्थानीय लोगों को मुफ्त फेस मास्क और हैंड सैनिटाइज़र वितरित किए जाते हैं।

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एस एन सेन बालिका विध्यालय पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के एन एस एस सेल द्वारा catch the rain ,when it falls where it falls के अन्तर्गत कार्यक्रमआयोजित

कानपुर 13 अगस्त, एस एन सेन बालिका विध्यालय पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज के एन एस एस सेल के द्वारा catch the rain ,when it falls where it falls के अन्तर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया
इस कार्यक्रम के अन्तर्गत छात्रो द्वारा पोस्टर और स्लाइड के माध्यम से जल संचयन के महत्व पर प्रकाश डाल गया साथ ही छात्रों ने भाषण के माध्यम से जल संचयन की उपादेयता पर भी प्रकाश डाला गया
इससे पूर्व प्राचार्या ड़ा निशा अग्रवाल ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा की जल ही जीवन है उनोने जल संसाधन की जानकारी देते हुये जल संचयन के महत्व पर प्रकाश डाला साथ ही जल संचयन की उपादेयता के प्रति जागरुक होने के लिये छात्रों को प्रेरित किया
इकाई की इंचार्ज ड़ा चित्रा सिंह तोमर ने महाविद्यालय की प्राचार्या का स्वागत किया तथा n s s की छात्राओ द्वारा उक्त विषय पर बनए गये पोस्टर एवं स्लाइड्स से अवगत कराया।

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वक्त ही नहीं मिलता

दोस्तों बात तो यह पुरानी ही है मेरी भी बस, इक कोशिश है ख़ुद को या किसी और को याद दिलाने के लिए।

नमस्कार दोस्तों🙏
बेशक दौलत की इस भूख मे कहाँ फ़ुरसत है हर किसी के पास
मगर ,यक़ीनन फ़ुरसत ऐसी भी चीज़ नही जिसको निकाला न जा सकता हो 🙏

आज के दौर में इक बहुत ही प्रसिद्ध लाइन है कि “हम बहुत बीज़ी रहते हैं वक़्त ही नहीं
मिलता ,काम बहुत ज़्यादा रहता है.”

ऐसा बिलकुल भी नहीं होता कि हम चौबीस घंटे में किसी के लिए चंद लम्हे भी न निकाल पाये ।ये अलग बात है कि वो लोग हमारी प्राथमिकताओं की लिस्ट में नहीं होते। या ये कहा जा सकता है कि शायद वो हमारे लिए इतने अहम नहीं होते।

आज कल का माहौल कुछ अलग सा हो गया है हर कोई व्यस्त अपनी अपनी ज़िन्दगी जी रहा है और होना भी चाहिए।

आज लोग कहते तो है कि हम किटी पार्टियों मे जाते रहते हैं हमारे बहुत दोस्त है हमारा सोशल सर्कल बहुत बड़ा है ।आज वाटसऐप फ़ेसबुक और कई ज़रिये है लोगो से बात करने के ,सब मिलते भी हैं इक दूसरे से।
मस्ती भी करते है फ़ैशन की बातें ,ब्रांडस के चर्चे, अपने आसपास
की दुनिया के क़िस्से,इन्टरनेट और टेक्नोलॉजी
से जुड़ी बातें,
एजुकेशनल बातें ।पार्टियाँ भी चलती है डांस भी होता है पीना पिलाना .. गाना बजाना सब होता है ।और मज़ा भी आता है थोड़ी देर के लिए हम सब भूल भी जाते है।

मगर ..दोस्तों !
इतना सब होते हुए भी हर इन्सान अन्दर से अकेला महसूस कर रहा है फिर भी लोग अपने हालातों से जैसे ख़ुश नहीं है वजह कोई भी हो सकती है ..इक खोखलापन का अहसास।जैसे है तो सभी आसपास.. मगर ऐसा कोई भी नहीं,जिससे हम अपनी तकलीफ़ अपने दिल की बात कह सके। जिस की वजह से आज बहुत से लोग मानसिक रोगों से जूझ रहे है।
माना पाजीटिव सोच रखना अच्छी बात है मगर कभी अपने किसी ख़ास दोस्त या माँ बाप कोई रिश्तेदार ..भाई बहन के काँधे पर सर रख अपने दिल की बात कह भी देनी चाहिए अगर मन रोने का हो तो रो भी लेना चाहिए।हम ये सोच कर ,दिल की बात नहीं कह पाते कि लोग हमारे लिये क्या सोचेंगे “हम किसी से कम नहीं “ये दिखाने
के चक्कर में हमारे रिश्तों की नज़दीकियाँ खो रही हैं कही..

मिलो चाहे कभी कभी दोस्तों !मगर यू मिलो कि न वक़्त का ध्यान आप को रहे ,न ही आप से मिलने वाले को। हर मुलाक़ात इक शानदार यादगार हो ,जिसे भुलाना न मुमकिन हो और लोग आप से फिर मिलना चाहे।जो भी करें ..जो भी कहे ..दिल से कहें। दिमाग़ से ज़्यादा दिल से की गई मुलाक़ात हमेशा लोगों के दिलों पर इक छाप छोड़ती ज़रूर है 🙏

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सभा आयोजित

भारतीय स्वरूप संवादाता, कानपुर 11 अगस्त, भारत उत्थान न्यास, शिक्षा समिति की सभा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, कार्यक्रम का प्रारंभ डा0रोचना विश्नोई के द्वारा माँ सरस्वती की वन्दना से हुआ। शिक्षा समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष डा0 नवीन मोहिनी निगम ने स्वागत भाषण दिया। सबका स्वागत करते हुए उन्होने शिक्षा नीति 2020 के मूल उद्देश्यों पर विचार व्यक्त किये। भारतीय युवाओं को कैसे एक वैश्विक स्तर के युवा के रूप मे तैय्यार किया जा सकता है उन गुणों पर विचार व्यक्त किये।
डा0 चित्रा सिह तोमर ने अपने उद्बोधन मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उच्च शिक्षा मे क्रियान्वयन पर बल दिया। उन्होने वैदिक शिक्षा, मूल्यपरक शिक्षा, व्यक्तित्व विकास, लचीली शिक्षा प्रणाली, सम्पूर्ण साक्षरता, अकादमिक बैंक क्रेडिट , वैश्विकरण परिदृश्य के अनुरूप शिक्षा, कौशल, क्षेत्रीय भाषाओं एवम् व्यवहारिक योग्यता के उद्देश्य को ध्यानगत् रखते हुए बनाई गयी शिक्षा नीति की चर्चा की, प्रशंसा की एवम् आशा व्यक्त की यह शिक्षा नीति भारत को बहुत आगे ले जाएगी।
श्रीमती राम रानी पालीवाल जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यमिक शिक्षा पर प्रकाश डाला ।उन्होने शतप्रतिशत साक्षरता, व्यवहारिक अंक ज्ञान, भारतीय संस्कृति, भाषा सुदृणीकरण, मातृ भाषा पर बल, शिक्षक प्रशिक्षण, बजीफा पोर्टल, प्रयोगशाला क्लस्टर व 6%जी डी पी के शिक्षा मे निवेश के लिए शिक्षा नीति की चर्चा एवम् सराहना की।
इस बैठक मे मेरठ, इन्दौर, अहमदाबाद से शिक्षा समिति के सदस्य उपस्थित रहे।

डा0 प्रीति पाण्डेय ने अपने उद्बोधन मे शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि पढाई के अतिरिक्त व्यावसायिक शिक्षा, जीविकोपार्जन के लिए अतिरिक्त आवश्यक विषयो को मुख्य विषयो की श्रेणी मे लाना युवाओं के लिए अत्यन्त लाभप्रद होगा। विद्यार्थी केन्द्रित शिक्षा नीति युवाओं के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास मे सहायक होगी।

कार्यक्रम के अध्यक्ष भारत उत्थान न्यास के बौद्धिक प्रमुख एवम् सुविख्यात के शिक्षाविद डा0गोविन्द शंकर निगम ने कहा कि राष्ट्र एकता के लिए क्षेत्रीय भाषाओं का समन्वय, भाषाये सीखना एक एकता सूत्र का कार्य करेगा। उन्होने आशा व्यक्त की कि इस शिक्षा नीति की पूर्ण क्रियान्वयन मे कठिनाई तो हो सकती पर यह सफल अवश्य होगी। समिति की सचिव डा0 अल्का सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कल्याण मंत्र के साथ सभा संपन्न हुई।

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