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सुश्री शेफाली शरण ने पत्र सूचना कार्यालय के प्रधान महानिदेशक का पदभार संभाला

सुश्री शेफाली बी. शरण ने कल श्री मनीष देसाई की सेवानिवृत्ति के बाद आज पत्र सूचना कार्यालय के प्रधान महानिदेशक का पदभार ग्रहण कर लिया है। सुश्री शरण भारतीय सूचना सेवा के 1990 बैच की अधिकारी हैं।

तीन दशकों से अधिक के अपने शानदार करियर के दौरान, उन्होंने वित्त, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना और प्रसारण जैसे मंत्रालयों के लिए पत्र सूचना कार्यालय अधिकारी के रूप में बड़े पैमाने पर मीडिया प्रचार कार्यों को संभालने वाले कैडर संबंधी दायित्वों को निभाया है। वह भारत निर्वाचन आयोग की प्रवक्ता के रूप में भी काम कर चुकी हैं।

साथ ही, उन्होंने ओएसडी (सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सूचना नीति, 2000-2002) के कैडर पोस्ट पर काम करने और 2007-2008 में एलएसटीवी, लोकसभा सचिवालय में निदेशक, प्रशासन एवं वित्त के रूप में दायित्व निभाने के अलावा केन्द्रीय कर्मचारी योजना प्रतिनियुक्ति के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय [पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली विभाग/आयुष विभाग (2002-2007)] और वित्त मंत्रालय (आर्थिक कार्य विभाग 2013-2017) में निदेशक के रूप में भी काम किया है।

पदभार संभालने पर, सुश्री शरण का पत्र सूचना कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वागत किया।

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मार्च में मासिक सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1.78 लाख करोड़ रुपये रहा जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मासिक संग्रह है; इस प्रकार वर्ष-दर-वर्ष 11.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई (शुद्ध आधार पर 18.4 प्रतिशत)

मार्च में मासिक सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1.78 लाख करोड़ रुपये रहा जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा मासिक संग्रह है; इस प्रकार वर्ष-दर-वर्ष 11.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई (शुद्ध आधार पर 18.4 प्रतिशत)

मार्च 2024 में सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व में वर्ष-दर-वर्ष 11.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1.78 लाख करोड़ रुपये का रहा, जो अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कर संग्रह है। यह उछाल घरेलू लेनदेन से जीएसटी संग्रह में 17.6 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के कारण आया। मार्च 2024 के लिए रिफंड का जीएसटी शुद्ध राजस्व 1.65 लाख करोड़ रुपये है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 18.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में निरंतर मजबूत प्रदर्शन: वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल सकल जीएसटी संग्रह 20.18 लाख करोड़ रुपये रहा यह पिछले वर्ष की तुलना में हुए 20 लाख करोड़ रुपये के राजस्‍व से अधिक है जो 11.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इस वित्तीय वर्ष का औसत मासिक संग्रह 1.68 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष के औसत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए मार्च 2024 तक रिफंड का जीएसटी शुद्ध राजस्व 18.01 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 13.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

सभी घटकों में सकारात्मक प्रदर्शन:

मार्च 2024 के संग्रह का विवरण:

• केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी): 34,532 करोड़ रुपये;

• राज्य माल एवं सेवा कर (एसजीएसटी): 43,746 करोड़ रुपये;

• एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी): 87,947 करोड़ रुपये, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 40,322 करोड़ रुपये भी शामिल हैं;

• उपकर: 12,259 करोड़ रुपये, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 996 करोड़ रुपये भी शामिल हैं।

पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 के संग्रह में इसी तरह के सकारात्मक रुझान देखे गए हैं:

• केंद्रीय माल एवं सेवा कर (सीजीएसटी): 3,75,710 करोड़ रुपये;

• राज्य माल एवं सेवा कर (एसजीएसटी): 4,71,195 करोड़ रुपये;

• एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी): 10,26,790 करोड़ रुपये, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 4,83,086 करोड़ रुपये को दर्शाता हैं;

• उपकर: 1,44,554 करोड़ रुपये, जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 11,915 करोड़ रुपये शामिल हैं।

अंतर-सरकारी समझौता: मार्च, 2024 के महीने में, केंद्र सरकार ने एकत्रित आईजीएसटी से सीजीएसटी को 43,264 करोड़ रुपये और एसजीएसटी को 37,704 करोड़ रुपये का निपटान किया। यह नियमित निपटान के बाद मार्च, 2024 के लिए सीजीएसटी के लिए 77,796 करोड़ रुपये और एसजीएसटी के लिए 81,450 करोड़ रुपये का कुल राजस्व है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए, केंद्र सरकार ने एकत्रित आईजीएसटी से सीजीएसटी को 4,87,039 करोड़ रुपये और एसजीएसटी को 4,12,028 करोड़ रुपये का निपटान किया।

नीचे दिया गया चार्ट चालू वर्ष के दौरान मासिक सकल जीएसटी राजस्व में रुझान दिखाता है। तालिका-1 मार्च, 2023 की तुलना में मार्च, 2024 के महीने के दौरान प्रत्येक राज्य में एकत्रित जीएसटी के राज्य-वार आंकड़े दर्शाती है। तालिका-2 मार्च, 2024 प्रत्येक राज्य के निपटान के बाद के जीएसटी राजस्व के राज्य-वार आंकड़े दर्शाती है।

चार्ट: जीएसटी संग्रह में रुझान

तालिका 1: मार्च, 2024 के दौरान जीएसटी राजस्व की राज्यवार वृद्धि[1]

राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश मार्च-23 मार्च-24 वृद्धि (%)
जम्मू एवं कश्मीर 477 601 26%
हिमाचल प्रदेश 739 852 15%
पंजाब 1,735 2,090 20%
चंडीगढ़ 202 238 18%
उत्तराखंड 1,523 1,730 14%
हरियाणा 7,780 9,545 23%
दिल्ली 4,840 5,820 20%
राजस्थान 4,154 4,798 15%
उत्‍तर प्रदेश 7,613 9,087 19%
बिहार 1,744 1,991 14%
सिक्किम 262 303 16%
अरुणाचल प्रदेश 144 168 16%
नगालैंड 58 83 43%
मणिपुर 65 69 6%
मिजोरम 70 50 -29%
त्रिपुरा 90 121 34%
मेघालय 202 213 6%
असम 1,280 1,543 21%
पश्चिम बंगाल 5,092 5,473 7%
झारखंड 3,083 3,243 5%
ओडिशा 4,749 5,109 8%
छत्तीसगढ 3,017 3,143 4%
मध्य प्रदेश 3,346 3,974 19%
गुजरात 9,919 11,392 15%
दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव 309 452 46%
महाराष्ट्र 22,695 27,688 22%
कर्नाटक 10,360 13,014 26%
गोवा 515 565 10%
लक्षद्वीप 3 2 -18%
केरल 2,354 2,598 10%
तमिलनाडु 9,245 11,017 19%
पुदुचेरी 204 221 9%
अंडमान व निकोबार द्वीप समूह 37 32 -14%
तेलंगाना 4,804 5,399 12%
आंध्र प्रदेश 3,532 4,082 16%
लद्दाख 23 41 82%
अन्य क्षेत्र 249 196 -21%
केंद्र क्षेत्राधिकार 142 220 55%
कुल योग 1,16,659 1,37,166 18%

 

तालिका-2: आईजीएसटी का एसजीएसटी और एसजीएसटी हिस्सा राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को अप्रैल-मार्च में दिया गया (करोड़ रुपये में)

  निपटान से पूर्व एसजीएसटी निपटान पश्चात एसजीएसटी [2]  
राज्य/केन्द्र शासित  प्रदेश 2022-23 2023-24 विकास 2022-23 2023-24 विकास
जम्मू एवं कश्मीर 2,350 2,945 25% 7,272 8,093 11%
हिमाचल प्रदेश 2,346 2,597 11% 5,543 5,584 1%
पंजाब 7,660 8,406 10% 19,422 22,106 14%
चंडीगढ़ 629 689 10% 2,124 2,314 9%
उत्तराखंड 4,787 5,415 13% 7,554 8,403 11%
हरियाणा 18,143 20,334 12% 30,952 34,901 13%
दिल्ली 13,619 15,647 15% 28,284 32,165 14%
राजस्थान 15,636 17,531 12% 35,014 39,140 12%
उत्‍तर प्रदेश 27,366 32,534 19% 66,052 76,649 16%
बिहार 7,543 8,535 13% 23,384 27,622 18%
सिक्किम 301 420 39% 839 951 13%
अरुणाचल प्रदेश 494 628 27% 1,623 1,902 17%
नगालैंड 228 307 35% 964 1,057 10%
मणिपुर 321 346 8% 1,439 1,095 -24%
मिजोरम 230 273 19% 892 963 8%
त्रिपुरा 435 512 18% 1,463 1,583 8%
मेघालय 489 607 24% 1,490 1,713 15%
असम 5,180 6,010 16% 12,639 14,691 16%
पश्चिम बंगाल 21,514 23,436 9% 39,052 41,976 7%
झारखंड 7,813 8,840 13% 11,490 12,456 8%
ओडिशा 14,211 16,455 16% 19,613 24,942 27%
छत्तीसगढ 7,489 8,175 9% 11,417 13,895 22%
मध्य प्रदेश 10,937 13,072 20% 27,825 33,800 21%
गुजरात 37,802 42,371 12% 58,009 64,002 10%
दादरा नगर हवेली

दमन और दीव

637 661 4% 1,183 1,083 -8%
महाराष्ट्र 85,532 1,00,843 18% 1,29,129 1,49,115 15%
कर्नाटक 35,429 40,969 16% 65,579 75,187 15%
गोवा 2,018 2,352 17% 3,593 4,120 15%
लक्षद्वीप 10 19 93% 47 82 75%
केरल 12,311 13,967 13% 29,188 30,873 6%
तमिलनाडु 36,353 41,082 13% 58,194 65,834 13%
पुदुचेरी 463 509 10% 1,161 1,366 18%
अंडमान निकोबार

द्वीप समूह

183 206 12% 484 528 9%
तेलंगाना 16,877 20,012 19% 38,008 40,650 7%
आंध्र प्रदेश 12,542 14,008 12% 28,589 31,606 11%
लद्दाख 171 250 46% 517 653 26%
अन्य क्षेत्र 201 231 15% 721 1,123 56%
कुल योग 4,10,251 4,71,195 15% 7,70,747 8,74,223 13%

 

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एमजी/एआर/आईपीएस/एसएस

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[1] इसमें माल के आयात पर जीएसटी शामिल नहीं है

[2] निपटान के बाद का जीएसटी राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों के जीएसटी राजस्व और आईजीएसटी के एसजीएसटी हिस्से का संचयी हिस्सा है जो राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों को दिया जाता है।

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नई कर व्यवस्था और पुरानी कर व्यवस्था लागू होने के संबंध में स्पष्टीकरण

ऐसा देखने में आया है कि कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नई कर व्यवस्था से जुड़ी भ्रामक सूचनाएं फैलाई जा रही हैं। इसलिए यह स्पष्ट किया जाता है कि धारा 115बीएसी(1ए) के तहत नई व्यवस्था वित्त अधिनियम 2023 में पेश की गई थी जो मौजूदा पुरानी व्यवस्था (छूट के बिना) की तुलना में इस प्रकार थी:
  वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश की गई नई व्यवस्था 115बीएसी(1) मौजूदा पुरानी व्‍यवस्‍था
  0-3 लाख 0 प्रतिशत 0-2.5 लाख 0 प्रतिशत
  3-6 लाख 5 प्रतिशत 2.5 -5 लाख 5 प्रतिशत
  6-9 लाख 10 प्रतिशत 5-10 लाख 20 प्रतिशत
  9-12 लाख 15 प्रतिशत 10 लाख से उपर 30 प्रतिशत
  12-15 लाख 20 प्रतिशत    
  15 लाख से उपर 30 प्रतिशत    

यह व्यवस्था कंपनियों और फर्मों के अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 से डिफ़ॉल्ट व्यवस्था के रूप में लागू है और इस निर्धारण वर्ष 2024-25 के अनुरूप मूल्यांकन वर्ष है।

नई कर व्यवस्था के तहत, कर दरें काफी कम हैं, हालांकि पुरानी व्यवस्था की तरह विभिन्न छूट और कटौतियों (वेतन से 50,000 रुपये और पारिवारिक पेंशन से 15,000 रुपये की मानक कटौती के अलावा) का लाभ उपलब्ध नहीं है।

हालाँकिनई कर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था हैकरदाता वह कर व्यवस्था चुन सकते हैं जो उन्हें लगता है कि उनके लिए फायदेमंद है। नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न दाखिल करने तक उपलब्ध है। बिना किसी व्यावसायिक आय वाले पात्र व्यक्तियों के पास प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा। इसलिए, वे एक वित्तीय वर्ष में नई कर व्यवस्था और दूसरे वर्ष में पुरानी कर व्यवस्था चुन सकते हैं और इसके विपरीत भी।

01.04.2024 से कोई नया परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।

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राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान और पीटीसी इंडिया सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ विद्युत क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान व विकास कार्य करेंगे

 राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण संस्थान (एनपीटीआई) और पीटीसी इंडिया लिमिटेड ने सतत विकास लक्ष्यों को बढ़ावा देने पर ध्यान देने के साथ ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान व विकास के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करने को लेकर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। उत्कृष्टता केंद्र के अनुसंधान व विकास प्रयासों के परिणामों को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से विद्युत क्षेत्र तक प्रसारित किया जाएगा। इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत एनपीटीआई व पीटीसी इंडिया लिमिटेड उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से अनुसंधान, विकास और ज्ञान साझा करने के लिए सहभागिता करेंगे।

इस समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर 28 मार्च, 2024 को नई दिल्ली स्थित विद्युत मंत्रालय के कार्यालय में एनपीटीआई की महानिदेशक डॉ. तृप्ता ठाकुर और पीटीसी इंडिया लिमिटेड के सीएमडी डॉ. राजीब के मिश्रा की ओर से वरिष्ठ उपाध्यक्ष (एचआर) श्रीमती कोयल सिंघल ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल उपस्थित थे।

 

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समुद्री क्षेत्र में नाविकों की अनुकरणीय भूमिका का कीर्तिगान : प्रधानमंत्री को प्रथम “मर्चेंट नेवी फ्लैग” लगाने के साथ हुई सप्ताह भर के राष्ट्रीय समुद्री समारोहों की शुरुआत

पत्‍तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के सचिव श्री टी.के. रामचंद्रन ने 29 मार्च, 2024 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी को ‘मर्चेंट नेवी फ्लैग’ लगाकर 5 अप्रैल के राष्ट्रीय समुद्री दिवस के लिए सप्ताह भर के समारोहों की शुरुआत की। इस अवसर पर पोत परिवहन महानिदेशक श्री श्याम जगन्नाथन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री को एक स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।

इस उत्सव का महत्व नाविकों की सेवाओं का सम्मान करने और भारत के समुद्री इतिहास की इस गौरवपूर्ण घटना का जश्‍न मनाने में निहित है। 29 मार्च से 5 अप्रैल तक चलने वाला राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह नाविकों के अमूल्य योगदान के प्रति श्रद्धांजलि है। यह मैसर्स सिंधिया स्टीम नेविगेशन कंपनी लिमिटेड, मुंबई के स्‍वामित्‍व वाले पहले भारतीय स्टीमशिप ‘एस. एस. लॉयल्टी’ के वर्ष 1919 में इस दिन मुंबई से लंदन (यूके) तक की अपनी पहली यात्रा के लिए अंतर्राष्ट्रीय जल में प्रवेश करने को चिन्हित करता है। अब इस दिन को “राष्ट्रीय समुद्री दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री टी.के. रामचंद्रन ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखने में भारतीय नाविकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने दोहराया कि राष्ट्रीय समुद्री सप्ताह समारोह समुद्र के इन गुमनाम नायकों के प्रति श्रद्धांजलि है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा गर्व से मर्चेंट नेवी का झंडा धारण करना सप्ताह भर चलने वाले उत्सव की शुरुआत को इंगित करता है।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस समारोह मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, कांडला, विशाखापत्तनम जैसे प्रमुख बंदरगाहों के साथ-साथ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मध्यवर्ती, छोटे और अंतर्देशीय जल पत्‍तनों सहित देश भर में मनाया जाएगा। ये समारोह आजादी के बाद से भारतीय समुद्री उद्योग द्वारा हासिल की गई उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डालते हैं और हमारे राष्ट्रीय जीडीपी में इसके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हैं।

पोत परिवहन को आगे बढ़ाने और देश की समृद्धि को बढ़ावा देने में हमारे नाविकों की बहुमूल्य सेवा और महत्वपूर्ण भूमिका को स्‍वीकार करते हुए सप्ताह भर सिलसिलेवार कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में मर्चेंट नेवी फ्लैग डे, सेमिनार, चिकित्सा शिविर, रक्तदान अभियान तथा प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान समुद्र में अपने प्राणों की आहुति देने वाले नाविकों की बहादुरी और बलिदान के प्रति सम्‍मान व्‍यक्‍त करने के लिए पुष्पांजलि समारोह शामिल है।

हर साल 5 अप्रैल को आयोजित होने वाला मुख्य समारोह इन समारोहों का केंद्र है। यह कार्यक्रम हमारे समुद्री उद्योग की उपलब्धियों के कीर्तिगान और अटल समर्पण के साथ हमारे देश की सेवा करने वाले साहसी नाविकों को श्रद्धांजलि देने का केंद्र बिंदु है ।

पिछले 9 वर्षों में नाविकों की संख्या में 140 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में, सक्रिय भारतीय नाविकों की कुल संख्या 117,090 थी, जो 2023 में 280,000 हो गई। मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के तहत, भारत समुद्री क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण में विश्व स्तरीय मानक स्थापित करके एक प्रमुख समुद्री नाविक देश के रूप में उभरने की आकांक्षा रखता है। भारत ने एसटीसीडब्ल्यू कन्वेंशन और समुद्री श्रम कन्वेंशन (एमएलसी) दोनों पर हस्ताक्षर किए हैं। अंतरराष्ट्रीय समुद्री नौकरियों में 12 प्रतिशत पर भारतीय नाविकों का कब्‍जा है, और मैरीटाइम विजन 2030 इस आंकड़े को 2030 तक 20 प्रतिशत तक पहुंचाने की अनुशंसा करता है।

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राष्ट्रपति ने विशिष्ट विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (30 मार्च, 2024) राष्ट्रपति भवन में आयोजित अलंकरण समारोह में इन विशिष्ट विभूतियों को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया।

– पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी. वी. नरसिम्हा राव मरणोपरांत। स्वर्गीय श्री पी. वी. नरसिम्हा राव को दिया गया भारत रत्न उनके सूपुत्र, श्री पी. वी. प्रभाकर राव ने ग्रहण किया।

– पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह मरणोपरांत। स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को दिया गया भारत रत्न उनके पौत्र श्री जयंत चौधरी ने ग्रहण किया।

– डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन मरणोपरांत। स्वर्गीय डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन को दिया गया भारत रत्न उनकी सुपुत्री डॉ. नित्या राव ने ग्रहण किया।

– श्री कर्पूरी ठाकुर मरणोपरांत। स्वर्गीय श्री कर्पूरी ठाकुर को दिया गया भारत रत्न उनके सुपुत्र श्री रामनाथ ठाकुर ने ग्रहण किया।

 

 

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डी जी कॉलेज द्वारा चलाया गया मतदान का पर्व देश का गर्व अभियान

भारतीय स्वरूप संवाददाता 29 मार्च डी जी कॉलेज, कानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा आज दिनांक 29 मार्च, 2024 को *मतदाता जागरूकता अभियान एवं नेकी की दीवार* कार्यक्रम के अन्तर्गत एक दिवसीय चतुर्थ शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वयंसेविकाओं द्वारा *मतदाता जागरूकता रैली* निकाली गई। जिसमें ‘मेरा पहला वोट देश के लिए’, ‘प्रजातंत्र से नाता है, हम भारत के मतदाता है’ आदि नारों के द्वारा मतदान की अपील की गई। वॉलिंटियर्स के द्वारा बस्तिवासियो को संदेश दिया गया कि सभी सम्मानित नागरिकों को जागरूक होकर सही चुनाव के लिए देश हित में मतदान करना चाहिए। युवाओं से मतदान करने की अपील करते हुए टीम लीडर वर्षा सिंह ने उन्हें प्रेरित करते हुए कहा कि जब हम पहली बाहर कोई काम करते हैं तो उसका उत्साह-उमंग कुछ अलग ही हो ती है, यह हमारे लिए किसी पर्व से कम नहीं। अतः देश के विकास के लिए, सुशासन के लिए मतदान ज़रूर करें। मतदान करना हम सब का अधिकार एवम् कर्तव्य दोनो है ताकि एक मज़बूत लोकतंत्र का निर्माण हो।देश के प्रत्येक नागरिक को, जो अट्ठारह वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं, अपनी पसंद से प्रत्याशी चुनने का अधिकार है। आपके द्वारा दिया गया मत बेहतर कल के निर्माण में सहायक होगा। युवा देश के भावी कर्णधार है। अतः स्वस्थ एवं विकसित लोकतंत्र के लिए एक-एक वोट क़ीमती है। इस अवसर पर *मतदाता जागरूकता शपथ* भी दिलवाई गयी।तदुपरांत मलिन बस्ती में नेकी की दीवार कार्यक्रम के अन्तर्गत 30 बच्चो एवम् महिलाओं को पहनने योग्य साफ़ सुथरे वस्त्रों एवं दैनिक जीवन में प्रयोग आने वाली खाद्य सामग्री, साबुन आदि का दान कर सहायता एवं सेवा कार्य किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में में टीम लीडर्स वर्षा सिंह, आदित्री, रूपा, नेहा रावत, काजल, स्नेहा नीलू निषाद, सोनी निषाद, अभिवायंजना सिंह, आकांक्षा यादव एवम् दीपिका समेत समस्त वॉलिंटियर्स तथा बस्तीवासियों का सहयोग सराहनीय रहा।

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गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया

भारत में दूरसंचार क्षेत्र एक परिवर्तनकारी सफलता के शिखर पर है, जो 5-जी, एम2एम/इन्टरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और संबद्ध तकनीक जैसी प्रौद्योगिकियों में प्रगति से प्रेरित है। स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) और शिक्षा जगत इस विकास में महत्वपूर्ण हितधारक हैं। गुजरात में दूरसंचार विभाग ने 21 मार्च, 2024 को अपने दूरसंचार सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया है।

इस केंद्र का लक्ष्य स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), शिक्षा, लाइसेंस, पंजीकरण धारकों आदि जैसे विभिन्न हितधारकों को न केवल नियामक प्रक्रियाओं को सम्मिलित करने में बल्कि विभाग की विभिन्न योजनाओं के लिए सहायता प्रदान करने और नवाचार को प्रोत्साहन देने में सहायता करके दूरसंचार क्षेत्र के विकास में सहयोग करना है। विभाग, दूरसंचार गुजरात कार्यालय, आरटीटीसी, एसजी हाईवे, जगतपुर, अहमदाबाद में प्रथम तल पर स्थित है। यह संभावित लाइसेंसधारी (टीएसपी, एनएलडी, आईएलडी, ऑडियोटेक्स, आदि) या पंजीकरण धारक (एम2एमएसपी, एनओसी, आईपी-1, आदि) को लाइसेंस प्राप्त करने और दूरसंचार विभाग से प्राधिकरण और उक्त लाइसेंस के भीतर निर्धारित नियमों और शर्तों को समझने में मार्गदर्शन प्रदान करेगा। यह केंद्र आरओडब्ल्यू, भवन उपनियम 2016 आदि से संबंधित मामलों पर भी सुविधा प्रदान करेगा। दूरसंचार सुविधा केंद्र का लक्ष्य वैश्विक और राष्ट्रीय एम2एम मानकों के माध्यम से मार्गदर्शन करके और पंजीकरण प्रक्रिया और अनुपालन को सुव्यवस्थित करके एम2एम सेवा प्रदाताओं के लिए सहयोग बढ़ाना है। यह पीएम वाणी पीडीओए और ऐप प्रदाताओं के लिए पंजीकरण में भी सहायता करता है, जिससे पूरे गुजरात में वाई-फाई हॉटस्पॉट की तैनाती सक्षम हो जाती है। इसके अलावा, केंद्र दूरसंचार विभाग की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी देकर दूरसंचार स्टार्ट-अप, सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्यम (एमएसएमई), इनक्यूबेटर और हब को व्यापक सहायता प्रदान करेगा। ये योजनाएं टीटीडीएफ, डीसीआईएस, 5-जी उपयोग-केस प्रयोगशालाओं, कौशल विकास और हरित दूरसंचार प्रौद्योगिकियों सहित नवाचार, अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो क्षेत्र के भीतर विकास और नवाचार को प्रोत्साहन देती हैं।

विभाग दूरसंचार विभाग, एलएसए गुजरात ऑनलाइन नियुक्तियों को निर्धारित करके दूरसंचार सुविधा केंद्र की सुविधाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक हितधारकों को आमंत्रित करता है। आमंत्रण की बुकिंग http://tiny.cc/TelecomFacilitationCentre के माध्यम से या नीचे दिए गए क्यू आर कोड को स्कैन करके की जा सकती है।

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राजस्व खुफिया निदेशालय ने लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्य की 1.5 किलोग्राम से भी अधिक कोकीन जब्त की, एक नाइजीरियाई नागरिक सहित दो व्यक्ति गिरफ्तार

नशीली दवाओं की तस्करी पर अपना शिकंजा कसने का सिलसिला जारी रखते हुए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है और आज नई दिल्ली में लगभग 15 करोड़ रुपये मूल्‍य की 1.59 किलोग्राम (कुल भार) कोकीन जब्त की। यह गिरोह भारत-नेपाल सीमा के रास्‍ते अफ्रीका से भारत में नशीली दवाओं और साइकोट्रॉपिक पदार्थों (एनडीपीएस) की तस्करी में लिप्‍त है।

विशिष्ट खुफिया सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक भारतीय नागरिक, जो 22.03.2024 की सुबह बिहार के रक्सौल से एक ट्रेन में दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था, को वहां रोक लिया गया और सफेद पाउडर जैसे पदार्थ वाले हल्के पीले रंग के 92 कैप्सूल उससे बरामद किए गए। एनडीपीएस की फील्ड टेस्टिंग किट का उपयोग करके किए गए नमूना परीक्षण से बरामद पदार्थ में कोकीन की मौजूदगी की पुष्टि हुई।

उस व्‍यक्ति से आगे पूछताछ करने से पता चला कि यह खेप द्वारका, नई दिल्ली में एक व्यक्ति को दी जानी थी। बड़ी तेजी से की गई आगे की कार्रवाई के परिणामस्वरूप एक नाइजीरियाई नागरिक को रोका गया, जो नई दिल्ली के द्वारका में ‘एनडीपीएस’ की डिलीवरी लेने के लिए स्कूटी पर आया था।

तस्करी के इस मामले में यह गिरोह अफ्रीकी देशों से सीधे या हवाई मार्ग से दुबई के रास्‍ते नेपाल के काठमांडू में ट्रॉली बैग में छिपाकर या शरीर में कैप्सूल डालकर प्रतिबंधित पदार्थ की तस्करी का काम करता था। इसके बाद इस गिरोह ने भारतीय नागरिकों का इस्तेमाल किया जिन्होंने नई दिल्ली से काठमांडू के लिए उड़ान भरी, ताकि काठमांडू के विभिन्‍न होटलों सहित पूर्व-निर्धारित स्थानों से प्रतिबंधित सामग्री एकत्र की जा सके और फि‍र भारत-नेपाल सीमा के पार उसकी तस्करी की जा सके। इसके बाद संबंधित वाहक सड़क मार्ग या ट्रेन के जरिए इस खेप को नई दिल्ली ले आएगा।

1.59 किलोग्राम (कुल भार) के 92 कैप्सूलों में छिपाई गई इस बरामद कोकीन, जिसकी कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है, को जब्त कर लिया गया और संबंधित वाहक एवं प्राप्तकर्ता दोनों को ही नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया।

इस मामले में आगे जांच जारी है।

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वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन में 79वें स्टाफ कोर्स की तैयारी कर रहे भारतीय सशस्त्र बलों और मित्र देशों के छात्र अधिकारियों को संबोधित किया

वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल वी आर चौधरी ने  आज (22 मार्च 2024) डिफेंस सर्विसेज स्टॉफ कॉलेज, वेलिंगटन का दौरा किया। उन्‍होंने 79वें स्टाफ कोर्स की तैयारी कर रहे भारतीय सशस्त्र बलों और मित्र देशों के छात्र अधिकारियों और कॉलेज के स्थायी कर्मचारियों को संबोधित किया।

वायुसेना प्रमुख ने अधिकारियों को अपने संबोधन में भारतीय वायुसेना के सामने आनेवाली चुनौतियों, इसकी क्षमता विकास योजना और इसकी संयुक्तता के बारे में बताया। उन्होंने भारतीय वायुसेना को एक आधुनिक और भविष्य के लिए तैयार एयरोस्पेस फोर्स में बदलने के बारे में बहुत अच्‍छी तरह से व्‍याख्‍या की। उन्होंने भारतीय वायुसेना के सिद्धांत में बताए गए विजन को दोहराया, जिसमें निर्णायक एयरो स्पेस शक्ति प्रदान करने के लिए एक चुस्त और नई परिस्थितियों से परिचित होकर उसके अनुरूप अपने को ढालने वाली वायुसेना की परिकल्पना की गई है। वायुसेना प्रमुख के संबोधन में संघर्षरत क्षेत्रों से भारतीय प्रवासियों को सुरक्षित निकालने के काम और आपदा राहत कार्यों के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा निभाई गई प्रमुख भूमिका को उजागर किया गया। उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-हमास संघर्ष जैसे मौजूदा संघर्षों से प्राप्त महत्वपूर्ण वायुशक्ति सीख पर भी प्रकाश डाला।

वायुसेना प्रमुख को चल रही प्रशिक्षण गतिविधियों और डीएसएससी में संयुक्तता के लिए दिए जा रहे प्रोत्साहन के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसकी प्रशंसा की गई।

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