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भारत उत्थान न्यास, महिला समिति द्वारा मातृदिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल संगोष्ठी: *आधुनिक परिप्रेक्ष्य में नारी का स्वरूप* गूगल मीट पर आयोजित की गई

कानपुर भारतीय स्वरूप संवाददाता, भारत उत्थान न्यास, महिला समिति द्वारा मातृदिवस के अवसर पर अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल संगोष्ठी: *आधुनिक परिप्रेक्ष्य में नारी का स्वरूप* गूगल मीट पर आयोजित की गयी। कानपुर आकाशवाणी की उद्घोषिका रंजना यादव के संचालन में आयोजित संगोष्ठी के संयोजक व न्यास के केन्द्रीय अध्यक्ष सुजीत कुंतल ने अतिथि के रूप में उपस्थित समस्त मातृशक्ति को प्रणाम करते हुए उनका स्वागत किया। मुख्य वक्ता डॉ. चित्रा तोमर ने कहा कि यही सत्य है कि महिलाएं अनेक रूपों मे सशक्त है यदि वे स्वम पर दया खाना छोड़ दें क्योंकि सदियों की विरासत ने हमें यही सिखाया है अपने स्वाभिमान एवं दृण इच्छा शक्ति को आधार बनाकर बधाओं कों नष्ट करने का सामर्थ्य है नारी मे और एक माँ क़े रूप मे तो वह जीवनदायिनी है अतः सकारात्मक सोच रखना आवश्यकत है। मुख्य अतिथि डॉ. शशि अग्रवाल ने आधुनिक परिप्रेक्ष्य में महिलाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सम्पूर्ण विश्व आज महिलाओं का नेतृत्व स्वीकार कर उनका अनुसरण कर रहा है। इसलिए अब दुनिया की आधी आबादी के रूप में हम सभी महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। आबूधाबी से विशिष्ट अतिथि ललिता मिश्रा ने अपनी कविता, भविष्य बाहें पसारे करता उसका इंतजार। युग निर्माता वो जननी, लक्ष्य भेदने को तैयार। इतिहास रचाकर करती है वो अपना सोलह श्रृंगार। आज की नारी है जो, सबल, सचेत, सृजनकार सुनाई। अमेरिका से रेखा भाटिया ने कहा कि मानसिक सोच में बदलाव ज़रूरी समय बीतने के साथ वर्तमान आधुनिक और भौतिकवादी काल में नारी का स्वरुप बदला है। उच्च शिक्षा ग्रहण कर नारी हर क्षेत्र में अग्रणी है। समाज, देश और विश्व के सामाजिक और आर्थिक विकास में अपना विशिष्ठ योगदान दे रही है। घर, बाहर कड़ी मेहनत से, लगन से, निष्ठा से सभी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वाह कर नारी ने संतुलन और सांमजस्य बनाने की भरपूर कोशिश की है। स्त्रियों की सामाजिक दशा में बदलाव ज़रूर हुआ है लेकिन उपभोक्तावादी इस आधुनिक काल में नारी के सशक्तिकरण का आकलन केवल आर्थिक और भौतिक दृष्टी से किया जा रहा है, नारी को मात्र प्रदर्शन और भोग की वस्तु की तरह पेश किया जाता है। यह सुधार केवल सतही स्तर पर है जैसे रहन-सहन-पहनावा ,नौकरी इत्यादि तक ही सिमित होकर रह गया है। आधुनिकता के नाम पर थोपी गई संस्कृति- संस्कार और पहनावे में स्वतंत्रता को शक्तिकरण का मापक बनाकर विभिन्न प्रचार माध्यमों से स्त्रियों के शरीर को वस्तु की तरह नुमाइश कर स्त्री की गरिमा पर गंभीर और भयंकर कुठाराघात होने लगा है। इस काल में नर-नारी के एकदूसरे के पूरक भाव की जगह विरोधी भाव को अधिक उभारा गया। आर्थिक आत्मनिर्भरता हासिल कर लेने के बाद भी स्त्रियों के विरुद्ध अपराध, यौन हिंसा, घरेलु हिंसा,अत्याचार,सामाजिक, मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न और शोषण में वृद्धि ही हुई है। बलात्कार की घटनाएँ भारत ही नहीं वरन अमेरिका में भी ज्यादा घटती हैं। नारी स्वरुप का सशक्तिकरण सम्पूर्ण रूप से अभी भी मात्र एक छलावा है, जिसमें नारी स्वयं भी छली जा रही है।
आधुनिक परिप्रेक्ष्य में सही मायनों में नारी को लैंगिक समानता, विचारों की समानता, समान अवसर और अधिकार मिले हैं , एक भ्रम है। लेकिन यह सोचकर संतोष होता है कि पितृसत्तात्मक सोच से नारी मुक्त होना चाहती है और निरंतर अग्रसर है। लेकिन सशक्तिकरण वैचारिक स्तर पर होना चाहिए, लैंगिक समानता, समान अधिकार और समान अवसर मिलने चाहिए जिसके लिए आवश्यक है नारी के प्रति सम्मान, संवेदनशील व्यवहार की भावना बढ़ाने के साथ ही सहिष्णुता उनकी सुरक्षा, जीवनशैली चुनने की उसे स्वतंत्रता होनी चाहिए। जिसके लिए सामाजिक और मानसिक सोच में बदलाव लाना बेहद ज़रूरी है। हिसार, हरियाणा की विशिष्ट वक्ता डॉ. गीतू भुटानी ने कहा कि कितनी बड़ी शक्ति आज हमारे हाथ में है। जिसे हमने पहचाना ही नहीं है। वी आर होम मेकर, हम जेनरेशन मेकर। बाहर से आने वाला आपको नहीं जीत सकता, जो आपके अंदर बैठा है, आपका स्वावलंबन, आत्मविश्वास। वही सब कुछ बदल सकता है। महिलाओं को अपने भीतर जीतना है, उन्हें बाहरी ताकत की ज़रूरत नहीं। हरियाणा से नेहा धवन और दुबई से निशा गिरि द्वारा वक्तव्य और कविता प्रस्तुत की ग्रीन। लखनऊ से डॉ. आनंदेश्वरी अवस्थी ने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा किभारतीय नारी को शक्ति का पुंज बताया उन्होंने कहा कि सहनशीलता और सृजनात्मक गुण नारी की अदम्य शक्तियां हैं। बनारस की प्रो. चम्पा कुमारी सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। यहां डॉ. के सुवर्णा, डॉ. अनीता निगम, डॉ. रोचना विश्वनोई, शशि सिंह आदि उपस्थित रहे।

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ओला कंपनी के इशारे पे नांच रहे सम्भागीय परिवहन अधिकारी

कानपुर, भारतीय स्वरूप संवाददाता ‘ओला’ कैब कम्पनी अनफिट टैक्सियों द्वारा यात्रा करवाकर एक तरफ जहाँ लोगों की जानमाल से खिलवाड़ कर रही है तो दूसरी ओर सम्भागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारियों को भी ठेंगे पर नचा रही है।
बताते चलें कि विगत दिनों कानपुर स्मार्ट सिटी में ओला एप के माध्यम से फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया था। इस मामले की खबरें जब अनेक समाचारपत्रों, न्यूजपोर्टलों में प्रकाशित हुई तो एक तरफ जहाँ ओला कैब कम्पनी पर कार्यवाई करने पर कानपुर पुलिस कमिश्नरेट किनारा करते दिखी तो दूसरी तरफ सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) सुधीर कुमार ने मे0 ओला फ्लीट टैक्नोलॉजी प्रा0 लि0, सिविललाइन्स कानपुर नगर को 231 गाड़ियों में अनियमितता पकड़ते हुए ‘‘एक करोड़ इक्यावन लाख उन्नीस हजार दो सौ तैतीस रुपये’’ की नोटिस 26 अप्रैल 2023 को जारी करते हुए 30 अप्रैल 2023 तक जमा करने का समय दिया था, साथ ही हिदायत दी थी कि 30 अप्रैल 2023 तक उपरोक्त धनराशि जमा ना करने पर जिलाधिकारी द्वारा वसूली करवा ली जायेगी।
मिली जानकारी के मुताबिक अभी तक ‘ओला’ कैब कम्पनी ने सम्भागीय परिवहन कार्यालय में कोई भी धनराशि जमा नहीं की है। इस बाबत सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) सुधीर कुमार से जब जानकारी मांगी तो उन्होंने बताया कि ओला की टीम ने ‘बॉस’ से विगत दिनों एक वार्ता कर ली है और मौखिक रूप से मोहलत मांग ली है।
अब ऐसे सवाल यह उठता है कि क्या सहायक सम्भागीय परिवहन कार्यालय का निर्देश सिर्फ ‘कुछ’ के चक्कर में जारी किया गया है या सम्भागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारी ‘ओला कैब कम्पनी’ के ठेंगे पर नाचते हैं ? अगर ऐसा नहीं तो जो निर्देश लिखित में जारी किया गया है उसमें मौखिक का खेल क्यों खेला जा रहा है ? नियत अवधि गुजरने के बावजूद धनराशि की वसूली हेतु टैक्सियों से बकाया सम्बन्धित विवरण जिलाधिकारी कानपुर नगर को क्यों नहीं उपलब्ध करवाया गया ?

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अनुराग सिंह ठाकुर और योगी आदित्यनाथ ने आज लखनऊ में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 के लोगो, शुभंकर, मशाल, गान और जर्सी का शुभारंभ किया

केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने लखनऊ में बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 के आधिकारिक लोगो, शुभंकर, मशाल, गान और जर्सी को पूरे उत्साह के साथ लॉन्च किया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, “आज मुझे बहुत संतुष्टि मिली है कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की परिकल्पना के अनुरूप खेलो इंडिया अभियान ने एक क्रांति का रूप ले लिया है और यह क्रांति आज भारत के सबसे बड़े राज्य, उत्तर प्रदेश में पहुंच गई है। इन खेलों में भाग लेने वाले विश्वविद्यालय के एथलीट अनुभव करेंगे कि जीवन के सबसे कठिन सबक सीखने के लिए खेल अपने आप में एक महत्वपूर्ण तरीका है। खेलो इंडिया प्लेटफार्म, खेल में उत्कृष्टता और राष्ट्र की सेवा में अनुशासित, समर्पित तथा कर्त्तव्य-केंद्रित युवाओं के निर्माण से संबंधित है। योगी जी के प्रभावी नेतृत्व में, मुझे विश्वास है कि उत्तर प्रदेश अब तक का सबसे अच्छा खेलो इंडिया गेम प्रस्तुत करने के लिए तैयार है।

 

सभा को संबोधित करते हुए, योगी आदित्यनाथ ने कहा, “आज उत्तर प्रदेश के वातावरण और राज्य के प्रति धारणा में, शांति और कानून के शासन के साथ बड़े पैमाने पर परिवर्तन हुआ है, यही कारण है कि यहां खेल और खिलाड़ी फल-फूल रहे हैं। मैं तीसरे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स उत्तर प्रदेश 2022 में भाग लेने वाले सभी एथलीटों, कोचों, अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों का स्वागत करता हूं और राज्य में उनके सुखद प्रवास की कामना करता हूँ। मुझे विश्वास है कि हमारी टीम इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए सर्वोत्तम परिस्थितियां, खेल सुविधायें और खेल अवसंरचना सुनिश्चित करेगी। खेलेगा इंडिया, बढ़ेगा इंडिया।”

“खेलो इंडिया पहल देश के खेल इकोसिस्टम के लिए भी महत्वपूर्ण बनी हुई है। अभी कुछ हफ्ते पहले, हमने खेलो इंडिया के 5 साल पूरे होने का उत्सव मनाया। पिछले 5 वर्षों में भारतीय खेलों के परिदृश्य में भारी बदलाव आया है। ऐसे कई खेलो इंडिया एथलीट हैं, जिन्हें पिछले कुछ वर्षों में उनके प्रदर्शन के आधार पर विशिष्ट लक्ष्य ओलंपिक पोडियम योजना में शामिल किया गया है और आज वे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में देश को गौरवान्वित कर रहे हैं। इन प्रतिस्पर्धाओं और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से तैयार किये गए खेल इकोसिस्टम के बीच तालमेल ने वास्तव में हमारे एथलीटों को स्पर्धा के एक स्तर से दूसरे स्तर तक आसानी से आगे बढ़ने में मदद की है।”

कौशल, नीति और धैर्य की विचारधारा से प्रेरित होकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में आधिकारिक तौर पर खेल 25 मई से शुरू होकर 3 जून 2023 तक चलेंगे। अभूतपूर्व भव्य लॉन्च और 3डी डिस्प्ले के साथ एनामॉर्फिक विज़ुअल देखने के आनंद से परिपूर्ण एक शानदार उद्घाटन समारोह; शानदार लॉन्च; तकनीकी चमत्कार, जिसने चकाचौंध और कुछ अद्भुत सांस्कृतिक प्रदर्शनों के जरिये प्रभावित किया। लॉन्च ने प्रौद्योगिकी की एक विशाल वर्चुअल दुनिया को प्रदर्शित किया, जो मनोरंजन से भरपूर था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने चार मशाल रिले को भी झंडी दिखाई, जो अगले 20 दिनों के दौरान भारत के इस सबसे बड़े राज्य के पश्चिमी, पूर्वी, मध्य और बुंदेलखंड इलाके से होकर गुजरेगी। मुख्यमंत्री, केन्द्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल तथा सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ दो घंटे तक चले इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भी थे।

इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में उत्तर प्रदेश सरकार के खेल मंत्री श्री गिरीश चंद्र यादव, उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दया शंकर सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार के खेल और युवा कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री नवनीत सहगल, आईएएस, भारतीय खेल प्राधिकरण की उप-महानिदेशक श्रीमती एकता विश्नोई, एआईयू के महासचिव डॉ. पंकज मित्तल, भारतीय खेल प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक श्री संजय सारस्वत और कई प्रतिष्ठित हस्तियां शामिल थीं।

श्री गिरीश चंद्र यादव ने कहा: “उत्तर प्रदेश एक खेल प्रेमी राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है और जल्द ही यह देश के ‘खेलों के केन्द्र’ के रूप में जाना जाएगा। हम मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के मार्गदर्शन में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 की मेजबानी करने और राज्य की खेल संबंधी यात्रा में एक और उपलब्धि हासिल करने के लिए उत्सुक हैं। मैं सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को शुभकामनाएं देता हूं।”

शुभारंभ समारोह की शुरुआत सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री द्वारा यूनिवर्सिटी गेम्स के प्रतीक चिन्ह (लोगो) का शुभारंभ किए जाने से पहले उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री श्री गिरीश चंद्र यादव के  स्वागत भाषण के साथ हुई। इसके बाद श्री अनुराग ठाकुर ने प्रसिद्ध गायक पलाश सेन द्वारा रचित और गाए गए “खेलो इंडिया – हर दिल में देश” शीर्षक खेलों के गान का विमोचन किया।

इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी गेम्स की आधिकारिक जर्सी को लॉन्च किया, जिसे ललित उपाध्याय, सुधा सिंह और दिव्या काकरान जैसे उत्तर प्रदेश के प्रमुख खिलाड़ियों ने पहना और मंच पर आत्मविश्वास के साथ उसे प्रदर्शित किया।

इस अवसर पर यूनिवर्सिटी गेम्स के शुभंकर जीतू बारासिंघा, जो आकर्षक जीवंत राजकीय पशु  और “गर्व से गौरव” का प्रतीक है, का अनावरण किया गया।

अंतिम अनावरण यूनिवर्सिटी गेम्स के मशाल का किया गया, जिसे उत्तर प्रदेश के दिग्गज खिलाड़ियों- ललित उपाध्याय, वंदना कटारिया, सुधा सिंह, विजय यादव, दानिश मुज्तबा द्वारा एक-एक करके मंच पर लाया गया। खेल जगत के दिग्गजों द्वारा मशाल सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री ने एनामॉर्फिक स्क्रीन पर इन्हें जलाया और कैंटर पर चार दिशाओं में जाने वाली चार मशाल रिले को झंडी दिखाने के लिए पार्किंग क्षेत्र में गए।

प्रतीक चिन्ह (लोगो)

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2022 उत्तर प्रदेश का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह (लोगो ) भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रतीक चिन्ह राज्य की समृद्ध पारंपरिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है, जो शिक्षा, बुनियादी ढांचा और खेल जैसे सभी पहलुओं में इसके विकास का आधार रहा है।

शुभंकर

शुभंकर जीतू, बारासिंघा का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक अद्भुत स्तनधारी है, जो एक शक्तिशाली शारीरिक बनावट और उल्लेखनीय गति वाला होता है। यह अपने स्वभाव में कौशल, नीति और धैर्य को प्रदर्शित करता है और अनुग्रह एवं सूक्ष्मता की प्रतिमूर्ति होता है, जो वास्तव में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश की भावना का प्रतिनिधित्व करता है। यह उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की शक्ति और प्रचुरता को प्रदर्शित करता है।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आधिकारिक शुभंकर के रूप में, जीतू उत्साह के स्रोत के रूप में काम करेगा, प्रशंसकों के जुड़ाव को बढ़ावा देगा और पूरे प्रतियोगिता के दौरान टीम भावना का निर्माण करेगा। उत्तर प्रदेश के प्रशंसक पूरे राज्य में जीतू को देखने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि उसका उपयोग नए प्रशंसकों को आकर्षित करने और अधिक से अधिक लोगों को खेलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु किया जाएगा। यह शुभंकर टीम के प्रायोजकों, सामानों और अन्य विपणन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा, जिससे वह इस आयोजन की सफलता का एक अनिवार्य हिस्सा बन जाएगा।

पिछले खेलो इंडिया खेलों के शुभंकर जया और विजय ने मंच पर जीतू का स्वागत किया।

मशाल

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक मशाल ‘शक्ति’ न केवल अपनी विरासत और भावना की प्रतीक है, बल्कि एक ऐसी जीवंत इकाई भी है जो ऊर्जा से भरी हुई है। प्रत्येक एथलीट को अपने अंतिम लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने हेतु गंगा नदी को ‘शक्ति’ पर उकेरा गया है और इस पर अंकित ऊपर की ओर इशारा करते हुए, भविष्य की ओर उन्मुख दिखने वाला तीर गौरवशाली अतीत और उत्तर प्रदेश के भविष्य का उत्सव मनाता है। शक्ति के प्रकाश प्रदान करने वाले मूल में मोर पंख और कमल की पंखुड़ियां भी अंकित हैं, जो पहाड़ों को भी हिला सकने वाली अपनी शांत ऊर्जा को इंगित करती हैं और प्रेरणा और इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली स्रोत है।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स

इस 12-दिवसीय केआईयूजी यूपी 2022 का आयोजन वाराणसी, नोएडा और गोरखपुर के अलावा राज्य की राजधानी लखनऊ में किया जाएगा। दिल्ली के डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में निशानेबाजी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। कबड्डी प्रतियोगिता 23 मई, 2023 को नोएडा में शुरू होगी, जबकि कुछ अन्य स्पर्धाएं 24 मई, 2023 को विभिन्न स्थानों पर भी शुरू होंगी।

इस यूनिवर्सिटी गेम्स, जो आधिकारिक तौर पर 25 मई से 03 जून, 2023 तक होंगे, में 200 भारतीय विश्वविद्यालयों के 4000 से अधिक एथलीट 21 खेल स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करेंगे। उद्घाटन समारोह 25 मई, 2023 को लखनऊ में आयोजित किया जाएगा। यूनिवर्सिटी गेम्स उत्कृष्टता के स्तर को ऊपर उठाते हुए और सच्ची खेल भावना, हिम्मत एवं गौरव के उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा, खेल तथा जीत के सम्मान के लिए बेहतरीन खेल भावना का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।

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 शांतनु ठाकुर ने तूतीकोरिन से मालदीव के बीच सीधी शिपिंग सेवा को वी.ओ. चिदम्बरनर  बंदरगाह से झंडी दिखाकर रवाना किया

आज आयोजित एक समारोह में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्यमंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने पोत एम बी एमएसएस गैलाना को तुतीकरण से मालदीव के लिए सीधी शिपिंग सेवा के रूप में रवाना किया।

जून 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी की मालदीव यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री और मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत और मालदीव के बीच सम्पर्क बढ़ाने हेतु बुनियादी संरचना के विकास पर विचार किया था, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को भी बढ़ावा देने वाला होगा।

यह सेवा दोनों देशों के बीच आपसी समझ की पुष्टि करने और इसे आगे बढ़ाने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री की मालदीव के आधिकारिक यात्रा के दौरान ०८.०६ २०१९  को मालदीव सरकार के नागर विमानन मंत्रालय और भारत सरकार के पतन पोत परिवहन और जल मार्ग मंत्रालय के बीच समुद्री मार्ग द्वारा यात्री और कार्गों सेवा को संचालित करने के लिए हस्ताक्षरित ज्ञापन की परिणति के रूप में संचालित की जा रही है. यह कदम ‘पड़ोसी पहले’ और क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास की भारत की नीति  के अनुरूप भी है.

पोत एमवी एमएस गैलेना की भार वहन क्षमता 421 TEUs और इसमें बल्क कार्गों ले जाने का प्रावधान भी है. शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा तैनात यह पोत  कंटेनर टर्मिनल पर 04.05.2023 पर तो पहुंचा इसे PSA SICAL कंटेनर टर्मिनल पर 270 TEU कंटेनर से लोड किया गया. एम.वी एमएस गैलेना  तूतीकोरिन से मालदीव  के लिये 05.05.2023 को रवाना होगी इसके माले पहुंचने की तिथि 07.05 2023 निर्धारित की गई है. इस शिपिंग सेवा  का मार्ग तूतीकोरिन- माले- तूतीकोरिन है और और इसका  इस मार्ग पर महीने में तीन चक्कर लगना तय है।

इस अवसर पर बोलते हुए  शांतनु ठाकुर ने कहा कि इस ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक सेवा की शुरुआत करने के पीछे हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी द्वारा मालदीव   यात्रा के दौरान की गई प्रतिबद्धता को पूरा करना था। इस पहल से न केवल रसद और अन्य लागतों में कटौती करने में मदद मिलेंगी बल्कि यह सेवा  दोनों देशों के बीच संपर्क को बढ़ाकर माल परिवहन  में लगने वाले समय को भी कम करेगी । दोनों देशों के द्वारा ली गई इस नई संपर्क पहल से न केवल हिंद महासागर क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी बल्कि यह भारतीय और मालदीव बंदरगाहों के बीच स्थिर और विकसित संपर्क को भी बढ़ाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इससे भारत और मालदीव के बीच द्विपक्षीय व्यापार को और गति मिलेगी। इस प्रकार व्यापार और आर्थिक अवसरों में वृद्धि होगी और दोनों देशों के बीच नए जोश के साथ समुद्री व्यापार संबंधों में वृद्धि होगी। पहले तूतीकोरिन से मालदीव जाने वाले बल्क कार्गों को बजरों और समुद्री जहाजों के माध्यम से भेजा जाता था और माल्दीव जाने वाले कंटेनरों को कोलंबो के रास्ते   भेजा जाता था. SCI द्वारा तूतीकोरिन – कोच्चि – कुल्लूधुफुसी  माले  के बीच एक सेवा संचालित की गई थी 200 TEU कंटेनरों और 3000 टन सामान्य कार्गों की क्षमता वाले पोत MCP Linz को 21.09 2020 को लॉन्च किया गया था जिसका अनुबंध 28.08.2022 को समाप्त हो गया.

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रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को नवरत्न का दर्जा मिला

रेल मंत्रालय के केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) को नवरत्न कंपनी का दर्जा हासिल हो गया है।

आरवीएनएल को 24 जनवरी, 2003 को पीएसयू के रूप में निगमित किया गया था, जिसका उद्देश्य फास्ट ट्रैक आधार पर रेलवे के बुनियादी ढांचे की क्षमताओं के निर्माण और वृद्धि से संबंधित परियोजनाओं का कार्यान्वयन और एसपीवी परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त बजटीय संसाधनों को जुटाना था। निदेशक मंडल की नियुक्ति के साथ 2005 में कंपनी का परिचालन शुरू हुआ था। कंपनी को सितंबर, 2013 में मिनी रत्न का दर्जा दिया गया था। कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी 3000 करोड़ रुपये है, जिसकी चुकता शेयर पूंजी 2085 करोड़ रुपये है।

आरवीएनएल को निम्नलिखित काम सौंपे गए हैं :

  1. पूर्ण परियोजना जीवन चक्र को कवर करने वाली परियोजना के विकास और कार्यों का निष्पादन करना।
  2. यदि आवश्यक हो, तो व्यक्तिगत कार्यों के लिए परियोजना केंद्रित एसपीवी बनाना।
  3. आरवीएनएल द्वारा एक रेलवे परियोजना पूरी किए जाने पर, संबंधित क्षेत्रीय रेलवे इसका संचालन और रखरखाव करेगा।

आरवीएनएल को “नवरत्न” का दर्जा मिलने से उसके अधिकार, परिचालन स्वतंत्रता और वित्तीय स्वायत्तता में बढ़ोतरी हो गई है, जिससे आरवीएनएल की प्रगति को पर्याप्त प्रोत्साहन मिलेगा। यह विशेष रूप से इसलिए भी अहम है, क्योंकि आरवीएनएल रेलवे से परे और यहां तक कि विदेश स्थित परियोजनाओं में भी अपना विस्तार कर रही है।

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पिछले पांच वर्षों के दौरान घरेलू कोयले का उत्पादन लगभग 23 प्रतिशत बढ़ा

वित्त वर्ष 2018-2019 में 728.72 मिलियन टन की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के कुल कोयला उत्पादन में लगभग 22.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 893.08 मिलियन टन का उत्पादन हुआ। प्रतिस्थापन योग्य कोयले के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए घरेलू कोयला उत्पादन को बढ़ाना कोयला मंत्रालय की प्राथमिकता है। पिछले 5 वर्षों में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन वित्त वर्ष 2018-2019 में 606.89 मिलियन टन की तुलना में 15.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 703.21 मिलियन टन बढ़ा है। एससीसीएल ने वित्त वर्ष 2018-19 में 64.40 मिलियन टन से 4.3 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2022-23 में 67.14 मिलियन टन उत्पादन कर प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है। कैप्टिव और अन्य खदानों ने भी 113.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्त वर्ष 2022-23 में 122.72 मिलियन टन उत्पादन दर्ज किया है, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 57.43 मिलियन टन था।


कोयला मंत्रालय ने सभी क्षेत्रों की मांग को पूरा करने और ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित कर आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए घरेलू कोयला उत्पादन में तेजी लाने के लिए कई उपाय शुरू किए हैं। कोयला उत्पादन में असाधारण वृद्धि ने देश की ऊर्जा सुरक्षा का मार्ग प्रशस्त किया है। वित्त वर्ष 2023- 2024 के लिए निर्धारित वार्षिक कोयला उत्पादन का लक्ष्य 1012 मिलियन टन है। इसके अलावा, कोयला मंत्रालय पर्यावरण संरक्षण, संसाधन संरक्षण, सामाजिक कल्याण और हमारे वनों और जैव विविधता को संरक्षित करने के उपायों पर जोर देकर कोयला उत्पादन के साथ सतत विकास को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से कार्यरत है।  मंत्रालय ने खानों में कोयले के सड़क से ढुलाई को समाप्त करने के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण विकसित करने के लिए एक रणनीति तैयार की है और ‘फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी’ परियोजनाओं के तहत मशीनीकृत कोयला ढुलाई और लोडिंग सिस्टम को अपग्रेड करने के लिए कदम

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नई दिल्ली नगरपालिका परिषद् के 4400 कर्मियों के नियमितीकरण पर नियुक्ति पत्र वितरित किए और विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ किया

अमित शाह ने विभिन्न योजनाओं का शुभारंभ भी किया। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना, केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी और केन्द्रीय गृह सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने फैसले लेने की अपनी क्षमता के कारण कई क्षेत्रों में अनिश्चितताओं का अंत करने में सफलता प्राप्त की है और उसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण आज का ये कार्यक्रम है। उन्होंने कहा कि देश का हर बुज़ुर्ग, बच्चा और युवा यही कहता है कि मोदी है तो मुमकिन है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं भारत सरकार के हर मंत्रालय में नौकरी की शर्तों और भर्ती के नियमों में समयानुकूल बदलावों पर बहुत थ्रस्ट दिया है और उसी का नतीजा है कि आज एक मायने में सिर्फ 4400 कर्मचारियों के लिए ही नहीं बल्कि आने वाले समय में कई कर्मचारियों के लिए भी सुविधा देने का काम मोदी जी ने किया है।केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी जी के इस निर्णय के कारण आज समाज के पिछड़े वर्ग के लोगों को गौरव, सम्मान और भविष्य की सुनिश्चितता भी प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव में आज जब भारत G-20 की अध्यक्षता कर रहा है, उस वक्त आपका बढ़ा हुआ उत्साह दिल्ली को संवारने में बहुत काम आएगा। श्री शाह ने कहा कि NDMC का क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां देश की नीतियों का निर्धारण होता है, विदेशी मेहमान आते हैं और पूरे विश्व में भारत के संदेश और सुगंध को फैलाने के लिए ये क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि NDMC के 43 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लाखों लोगों के लिए मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना एनडीएमसी के ज़िम्मेदारी है।

अमित शाह ने कहा कि NDMC का काम देशभर की अपनी समकक्ष इकाईयों में सबसे अच्छा माना जाता है और AA+ क्रेडिट रेटिंग के साथ आर्थिक रूप से भी NDMC आत्मनिर्भर है। इसका विकास मिनिमम इकोलॉजिकल इम्पैक्ट के साथ करने के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि NDMC की 13,000 कर्मयोगियों की इस टीम में 4400 लोग आज अधिकृत रूप से जुड़ गए हैं, उससे ये परिवार बड़ा हो गया है। उन्होंने कहा कि इन 4400 कर्मयोगियों का परिचय नाम से अधिक काम से होता है। चाहे सफाई हो, क्षेत्र को हरा-भरा बनाना हो, निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई हो, हर वाहवाही के मूल में इन 4400 कर्मयोगियों का पसीना और एनडीएमसी के प्रति इनकी निष्ठा और मेहनत दिखाई देते है। उन्होंने कहा कि अब तक इन लोगों को अपनी मेहनत से नाम मिला था लेकिन आज मोदी जी ने इन्हें नाम के साथ सम्मान और सुरक्षा भी दी है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भर्ती के नियमों में ज़रूरी बदलाव करने और इन लोगों को रेग्युलर करने में आ रही एडमिनिस्ट्रेटिव बाधाओं को दूर करने में गृह मंत्रालय के अधिकारियों और DoPT ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि लगभग 900 अतिरिक्त पद सृजित किए गए जिसके बाद 4400 लोगों को नियमित किया जा सका है। उन्होंने कहा कि नियमित होने के बाद औसतन 32000 रूपए का वेतन सुनिश्चित हो जाएगा और कुछ लोगों को इससे ऊपर का लेवल भी मिलेगा, एनडीएमसी की कैशलैस स्वास्थ्य योजना, एलटीसी, पदोन्नति के अवसर और एनडीएमसी के सरकारी मकानों पर भी इनका अधिकार सुनिश्चित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि ये सभी लोग इन सुविधाओं के हकदार काफी पहले से थे लेकिन मोदी जी के इस फैसले के कारण इन्हें अपना हक आज मिल रहा है। अमित शाह ने कहा कि आज पुष्प विहार हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में 120 नए फ्लैट्स का भी लोकार्पण हो रहा है। इसके अलावा रंजीत सिंह फ्लाईओवर और सफदरजंग फ्लाईओवर का अपग्रेडेशन और सौंदर्यीकरण भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी कई क्षेत्रों में विकास की नींव डालने वाले व्यक्ति हैं। श्री शाह ने कहा कि 2014 से पहले अर्बन डेवलपमेंट के क्षेत्र में सरकार की कोई नीति ही नहीं थी, लेकिन 2014 के बाद मोदी जी ने हर क्षेत्र में विकास करने के लिए आगे बढ़कर ज़िम्मेदारी उठाई और विस्तृत, परिणामलक्षी और एकीकृत अर्बन डेवलपमेंट की नीति बनाई, जो 5 स्तंभों पर आधारित है, जिसके तहत शहर के गवर्नेंस को सुधारने का बीड़ा उठाया, ई-गवर्नेंस, स्मार्ट सिटी मिशन, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और सीसीटीवी नेटवर्क के माध्यम से शहर के शासन को सुधारने का काम किया। इसके साथ ही शहर के इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी कई योजनाओं के अंतर्गत भारत सरकार ने कई बदलाव किए, जैसे, अमृत मिशन, रेरा कानून, मेट्रो के जाल और इलेक्ट्रिक बसों से शहरों के इन्फ्रास्ट्रक्चर और वातावरण में बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि शहर की स्वच्छता पर भी ध्यान दिया गया, ग्रीन एनर्जी, स्वच्छ भारत अभियान और पब्लिक शौचालयों का निर्माण, क्लीन एनर्जी, सोलर रूफटॉप और एलईडी लाइट्स के माध्यम से शहर की स्वच्छता को अड्रेस करने का काम नरेन्द्र मोदी सरकार ने किया। श्री शाह ने कहा कि शहरी गरीबों के कल्याण के लिए लगभग 1 करोड़ 50 लाख शहरी गरीबों के लिए घर बनाने का काम किया, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के माध्यम से रेहड़ी-पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया और डिजिटल लेनदेन के माध्यम से उन्हें आसानी से बैंकिंग सुविधा मिल सके, इस प्रकार का काम किया और राज्यों और शहरों के बीच एक स्वस्थ स्पर्धा बढ़ाने का काम भी किया। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि मोदी जी की परिणामदायी शहरी विकास की नीति के कारण आज देश के शहर बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में एनडीएमसी को और मज़बूत करना है, सेवाओं को स्पेसिफिक और विस्तृत बनाना है और स्वच्छता को परम धर्म मानकर पूरे एनडीएमसी क्षेत्र में स्वच्छता के संस्कार को रोपित करना है। श्री शाह ने कहा कि आज मोदी जी के एक महत्वपूर्ण निर्णय के कारण 4400 कर्मचारियों के जीवन में उत्साह, उमंग और नई आशा की किरण आई है।

 

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पूर्वोत्तर का विकास भारत की विकास गाथा का अभिन्न अंग है- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि भारत सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति को ‘लुक ईस्ट’ नीति से अपग्रेड करके पूर्वोत्तर क्षेत्र को गति दी गई है और इसके समग्र विकास के लिए रास्ता बनाया है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर का विकास भारत की विकास गाथा का अभिन्न अंग है। उपराष्ट्रपति के रूप में मणिपुर राज्य की अपनी पहली यात्रा पर श्री धनखड़ ने धनमंजुरी विश्वविद्यालय, मणिपुर और बाद में मणिपुर विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। धनमंजुरी विश्वविद्यालय में बोलते हुए, श्री धनखड़ ने उन्नत रेल कनेक्टिविटी, हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि, अन्य पहलों का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में तेजी से सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की संस्कृति, विविधता, नृत्य और प्राकृतिक वनस्पति दुनिया में अद्वितीय हैं। उन्होंने कहा कि वह मणिपुरी लोगों की गर्मजोशी और आतिथ्य से प्रभावित हुए हैं और इससे स्पष्ट तौर पर पता चलता है कि राज्य का खुशी सूचकांक वास्तव में उच्च है।

छात्रों को 2047 के अगुआ बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि छात्रों को न केवल बड़े सपने देखने चाहिए बल्कि उन्हें वास्तविकता बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। उन्हें विकास के अवसरों का उपयोग करना चाहिए और नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी सृजक बनना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक नीति- 2020 एक दूरदर्शी दस्तावेज और एक गेम चेंजर है क्योंकि यह कल्पना करता है कि शिक्षा को एक डिग्री तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि कौशल में सुधार और मूल्यों को स्थापित करना चाहिए।

मणिपुर विश्वविद्यालय में उपराष्ट्रपति

मणिपुर विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने उन्हें विभिन्न विचारों के साथ प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि ‘डर नवाचार के लिए सबसे घातक’ है। उन्होंने इच्छा जताई कि सभी बच्चे अपने सपनों को साकार करें।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया भारत के विकास को देख रही है, जो इसके फलते-फूलते स्टार्टअप इकोसिस्टम के जरिए सबके सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसी जगह के रूप में देखा जा रहा है जहां अवसरों की भरमार है। दुनिया में हर निवेशक भारत के समृद्ध मानव संसाधन और तेजी से पारदर्शी होती सरकारी प्रक्रियाओं के कारण भारत पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने छात्रों से राष्ट्र को हमेशा पहले रखने और इसकी उपलब्धियों पर गर्व करने का आह्वान किया।

मणिपुर की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके, मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन. बिरेन सिंह, भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री विदेश एवं शिक्षा डॉ. राजकुमार रंजन सिंह, मणिपुर के शिक्षा मंत्री श्री बसंत सिंह, धनमंजुरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन. राजमुहोन सिंह, मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एन लोकेंद्र सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति इन कार्यक्रमों में उपस्थित थे।

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मप्र में पत्रकार पर किये गये कातिलाना हमले पर प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया ने लिया संज्ञान

मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव, सचिव (गृह) पुलिस विभाग, जिला अधिकारी रायसेन, डीजीपी मध्य प्रदेश और पुलिस अधीक्षक रायसेन से दो हफ्ते के अन्दर मांगा जवाब
भोपाल/कानपुर। मप्र के जिलेे के मंडीदीप थाना क्षेत्र में पत्रकार व उसके परिजनों पर दबंगों द्वारा किये कातिलाना हमले के मामले को प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया ने संज्ञान लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की रात को रायसेन जिला अन्तर्गत औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप निवासी पत्रकार अरविन्द सिंह जादौन और उनके परिवार के ऊपर दबंगों द्वारा लाठी डंडों और छूरी चाकू से कातिलाना हमला किया गया जिसमें उनको और परिजनों को गम्भीर रूप से चोटें आई हैं और सभी अस्पताल में भर्ती हैं जिनका इलाज चल रहा है।
सूत्रों द्वारा यह भी पता चला है कि नगरपालिका चुनाव से सम्बन्धित प्रत्याशी नारायण साहू के भ्रष्टाचार आदि से जुड़ी खबरों का प्रकाशन उनके द्वारा किया गया था जिसके चलते अरविन्द सिंह जादौन उनके परिजनों पर नारायण साहू व उसके समर्थकों द्वारा कातिलाना हमला किया गया है।
ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर कोई पत्रकार किसी के विरोध में खबर लिखता है तो क्या हमला करना ही एक विकल्प है? कानून व्यवस्था का कोई मतलब नहीं रह गया ? सवाल यह भी उठता है कि क्या शासन की लचर कानून व्यवस्था के चलते ही अपराधियों एवम माफियाओं के हौसलें लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। सुशासन की डींगे हांकने वालों को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है क्या ?
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य श्याम सिंह पंवार की जानकारी में जैसे ही मामला सामने आया तत्काल ही उन्होंने प्रेस काउंसिल के संबंधित अधिकारियों को पूरे मामले से अवगत करवाया।
मामले से अवगत होते ही प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष ने संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव, सचिव (गृह) पुलिस विभाग, जिला अधिकारी रायसेन, डीजीपी मध्य प्रदेश और पुलिस अधीक्षक रायसेन से दो हफ्ते के अन्दर जवाब मांगा है।

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भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधानसभा के लिए चल रहे आम चुनाव में प्रचार-प्रसार के गिरते स्तर को ध्यान में रखते हुए सभी स्टार प्रचारकों, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और राज्य के राजनीतिक दलों के लिए चेतावनी जारी की

भारत निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधान सभा में चल रहे आम चुनाव के दौरान अभियान के स्तर में गिरावट को गंभीरता से लेते हुए सभी राष्ट्रीय और राज्य के दलों और उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान अपने बयानों में सावधानी और संयम बरतने और चुनाव के माहौल को खराब न करने की सलाह जारी की है। आयोग का ध्यान हाल ही में व्यक्तियों द्वारा, विशेष रूप से स्टार प्रचारक के रूप में वैधानिक दर्जा वाले लोगों द्वारा चल रहे अभियान के दौरान उपयोग की जाने वाली अनुचित शब्दावली और बोली के मामलों की ओर दिलाया गया है। इस तरह के मामलों ने विभिन्न शिकायतों, एक दूसरे के प्रति शिकायतों को जन्म दिया है और नकारात्मक मीडिया का ध्यान भी आकर्षित किया है।

उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, सभी राजनीतिक दलों को सख्त अनुपालन के लिए जारी की गई एक चेतावनी में, आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय दलों और स्टार प्रचारकों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के भीतर अतिरिक्त सक्षमता का अधिकार मिलता है। चेतावनी में कहा गया है, “सभी पार्टियों और हितधारकों के लिए चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता और उनके बयानों में कानूनी ढांचे के दायरे में रहना अनिवार्य है ताकि राजनीतिक संवाद की गरिमा को बनाए रखा जा सके और चुनावी अभियान के माहौल को खराब न किया जा सके।” इस प्रकार उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे “मुद्दे” पर आधारित बहस के स्तर को बनाए रखने और बढ़ाने में योगदान दें, अखिल भारतीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करें, स्थानीय संवाद को गहराई प्रदान करें और निर्वाचकों के सभी वर्गों को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में पूरी तरह से और निडर होकर भाग लेने के लिए आश्वस्त करें। ”

चेतावनी में, भारत निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों का ध्यान आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और अन्य वैधानिक प्रावधानों की ओर आकृष्ट किया है जो क्षेत्र में सक्रिय हैं और अपेक्षित अभियान भाषण की रूपरेखा तय करते हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने नोट किया कि आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों के अनुसार, उकसावा और भड़काऊ बयानों का उपयोग, शालीनता की सीमा का उल्लंघन करने वाली असंयमित और अपमानजनक भाषा का उपयोग और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के व्यक्तिगत चरित्र और आचरण पर हमले से सबके लिए समान अवसर की परंपरा को दूषित करते हैं। आदर्श आचार संहिता की भावना केवल प्रत्यक्ष उल्लंघन से बचना नहीं है, बल्कि यह विचारोत्तेजक या अप्रत्यक्ष बयानों या आक्षेपों के माध्यम से निर्वाचन के माहौल को दूषित करने के प्रयासों पर भी रोक लगाती है।

आदर्श आचार संहिता (एमसीसीके प्रावधान:

(ए) खंड 3.8.2 (ii) में कहा गया है, “किसी को भी ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होना चाहिए या ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए जो किसी भी व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन पर हमला करने के लिए हो या ऐसे बयान , जो दुर्भावनापूर्ण या शालीनता और नैतिकता को ठेस पहुंचा सकता है।”

(बी) खंड 4.3.1 में कहा गया है, “राजनीतिक दल और उम्मीदवार निजी जीवन के सभी पहलुओं की आलोचना से दूर रहेंगे, जो अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की सार्वजनिक गतिविधियों से जुड़ा नहीं है। इसमें यह भी प्रावधान है कि कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती है या आपसी नफरत पैदा कर सकती है या तनाव पैदा कर सकती है।”

(सी) खंड 4.3.2 में बताया गया है, “चुनाव अभियान के उच्च स्तर को बनाए रखें।”

(डी) खंड 4.3.2 (ii) में कहा गया है, “निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक खुलासों के उत्तरोत्तर गिरते स्तर पर गहरी पीड़ा व्यक्त करते हुए, राजनीतिक दलों को नोटिस दिया कि आदर्श आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन उनके खिलाफ कार्रवाई को आमंत्रित कर सकता है।”

(ई) खंड 4.4.2 (बी) (iii) में कहा गया है, “कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकता है या आपसी घृणा पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषाई के बीच तनाव पैदा कर सकता है।”

(एफ) खंड 4.4.2 (बी) (वी) में कहा गया है, “अन्य पार्टियों या उनके कार्यकर्ताओं की असत्यापित आरोपों या विकृतियों के आधार पर आलोचना नहीं की जाएगी।”

आईपीसी के प्रावधान

(ए) आईपीसी की धारा 171 जी- “एक चुनाव के संबंध में झूठा बयान।”

(बी) आईपीसी की धारा 499 में कहा गया है कि “मानहानि। जो कोई भी, बोले गए या पढ़े जाने के लिए आशयित शब्दों द्वारा, या संकेतों द्वारा या दृश्य अभ्यावेदन द्वारा किसी भी व्यक्ति के संबंध में कोई लांछन बनाता या प्रकाशित करता है, जो किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने का इरादा रखता है या जानता है या यह मानने का कारण है कि इस तरह के लांछन से ऐसे व्यक्ति की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा, इसके बाद उस व्यक्ति को बदनाम करने की संभावना के मामलों को छोड़कर कहा जाता है।

(सी) धारा 500 आईपीसी में कहा गया है कि “मानहानि के लिए सजा- जो कोई भी दूसरे को बदनाम करता है, उसे साधारण कारावास से दंडित किया जाएगा जो दो साल तक बढ़ सकता है, या जुर्माना, या दोनों के साथ।”

(डी) आईपीसी की धारा 504 – “जो कोई भी जानबूझकर अपमान करता है, और इस तरह किसी भी व्यक्ति को उकसाता है, यह इरादा या यह जानने की संभावना है कि इस तरह के उकसावे से सार्वजनिक शांति भंग होगी, या कोई अन्य अपराध होगा, दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।”

आयोग, सभी हितधारकों, विशेष रूप से, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के सहयोग और परामर्श से, सभी हितधारकों को प्रचार के दौरान राजनीतिक संवाद के स्तर को बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयासों में लगाया गया है, जो दुनिया भर में भारतीय लोकतंत्र की व्यापक प्रशंसा और प्रतिष्ठा के अनुरूप है।

आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे इस चेतावनी का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें और इसका अनुपालन न करने पर मौजूदा नियामक और कानूनी ढांचे के अनुसार उचित कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।

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