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प्रदर्शनी ‘भारत: लोकतंत्र की जननी’ भारतीय लोकतांत्रिक लोकाचार के सार को दर्शाती है

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने 8-10 सितंबर 2023 के दौरान जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए आईटीपीओ के हॉल नं. 14 (फोयर एरिया) में ‘भारत: लोकतंत्र की जननी’ विषय पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया। यह प्रदर्शनी हमारे देश की लोकतांत्रिक परंपराओं को प्रदर्शित करती है।

(भारत की लोकतांत्रिक विशेषता के इतिहास को 26 इंटरैक्टिव पैनलों के माध्यम से विभिन्न भाषाओं में प्रदर्शित किया गया।)

(बीच में सिंधु-सरस्वती सभ्यता की लड़की की मूर्ति)

(स्वागत कक्ष के पीछे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं के दृश्य प्रदर्शित करती एक विशाल वीडियो स्क्रीन)

(आईजीएनसीए के सदस्य सचिव श्री सच्चिदानंद जोशी भारत: लोकतंत्र की जननी‘ प्रदर्शनी के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए)

केंद्र में सिंधु-सरस्वती संस्कृति की एक लड़की की मूर्ति है। वह आत्मविश्वास से खड़ी है और दुनिया को देख रही है। वह स्वतंत्र, मुक्त, आश्वस्त, आत्मविश्वास से परिपूर्ण है और दुनिया को आंखों से आंखें मिलाकर देख रही है। वह अपने शरीर पर आभूषण पहनती है, जो पश्चिमी भारत की महिलाओं द्वारा प्रतिदिन पहने जाने वाले आभूषणों से काफी मिलते-जुलते हैं। कलाकृति की वास्तविक ऊंचाई 10.5 सेमी है लेकिन प्रतिकृति 5 फीट ऊंचाई और 120 किलोग्राम वजन के साथ कांस्य में बनाई गई थी।

यहां भारत के लोकतांत्रिक इतिहास को विभिन्न भाषाओं में 26 इंटरैक्टिव पैनलों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है, जहां आगंतुक 16 विभिन्न भाषाओं में सामग्री पढ़ सकते हैं और ऑडियो द्वारा सुन सकते हैं। पैनल में स्थानीय स्वशासन, आधुनिक भारत में चुनाव, कृष्ण देव राय, जैन धर्म सहित अन्य चीजें शामिल हैं। प्रदर्शनी को जी-20 एप्लिकेशन पर डिजिटल रूप से एक्सेस किया जा सकता है।

भारत में लोकतंत्र एक सदियों पुरानी अवधारणा है। भारतीय लोकाचार के अनुसार, लोकतंत्र में समाज में स्वतंत्रता, स्वीकार्यता, समानता और समावेशिता के मूल्य शामिल होते हैं और यह अपने आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देता है। सबसे पहले उपलब्ध पवित्र ग्रंथ – ऋग्वेद और अथर्ववेद की पंक्तियों में सभा, समिति और संसद जैसी सहभागी संस्थाओं का उल्लेख किया गया है। अंतिम शब्द ‘संसद’ हमारे देश की संसद को दर्शाते हुए प्रचलित है। इस भूमि के महान महाकाव्य रामायण और महाभारत भी निर्णय प्रक्रिया में लोगों को समावेशित करने की बात करते हैं। भारतीय लिखित उदाहरणों में यह भी पाया जाता है कि शासन करने का अधिकार योग्यता या आम सहमति के माध्यम से अर्जित किया जाता है और यह वंशानुगत नहीं है। परिषद और समिति जैसी विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थाओं में मतदाता की वैधता पर लगातार चर्चा होती रही है। भारतीय लोकतंत्र वास्तव में लोगों की सत्यता, सहयोग, समन्वय, शांति, सहानुभूति और सामूहिक शक्ति का उत्सवपूर्ण उद्घोष है।

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केंद्र सरकार ने हाल ही में खुली बाजार बिक्री योजना (डी) के माध्यम से 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन चावल की बिक्री की

चावल, गेहूं और आटे के खुदरा मूल्यों को नियंत्रित करने के बाजार उपाय के रूप में भारत सरकार की पहल के अंतर्गत गेहूं और चावल दोनों की साप्ताहिक ई-नीलामी आयोजित की गई है। वर्ष 2023-24 की 11वीं ई-नीलामी दिनांक 06.09.2023 को आयोजित की गई। पूरे देश में 500 डिपो से 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 337 डिपो से 4.89 लाख मीट्रिक टन चावल की बिक्री की पेशकश की गई।

ई-नीलामी में 1.66 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 0.17 लाख मीट्रिक टन चावल बेचा गया। एफएक्यू गेहूं के लिए भारित औसत विक्रय मूल्य 2169.65 रुपए प्रति क्विंटल था, जबकि इसका पूरे देश में आरक्षित मूल्य 2150 रुपए प्रति क्विंटल था। यूआरएस गेहूं का भारित औसत बिक्री मूल्य 2150.86 रहा जबकि इसका आरक्षित मूल्य 2125 रुपए प्रति क्विंटल था।

चावल का भारित औसत विक्रय मूल्य 2956.19 रुपए प्रति क्विंटवल था, जबकि देशभर में इसका आरक्षित मूल्य 2952.27 रुपए प्रति क्विंटल था।

ई-नीलामी की वर्तमान किश्त में एक खरीदार के लिए गेहूं की अधिकतम 100 टन और चावल की 1000 टन तक की पेशकश करके इनके खुदरा मूल्यों में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। यह निर्णय छोटे और सीमांत उपयोगकर्ताओं को प्रोत्साहित करने तथा यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है ताकि प्रतिभागी आगे आ सकें और अपनी पसंद के डिपो से आवश्यक मात्रा के लिए बोली लगा सकें।

स्टॉक की जमाखोरी रोकने के लिए व्यापारियों को ओएमएसएस (डी) के अंतर्गत गेहूं की बिक्री के दायरे से बाहर रखा गया है और ओएमएसएस (डी) के तहत गेहूं खरीदने वाले प्रोसेसरों की आटा मिलों की नियमित जांच/निरीक्षण किया जा रहा है। दिनांक 05.09.23 तक देशभर में ऐसी 898 जांच की जा चुकी हैं।

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एस.एन. बालिका विद्यालय पी.जी. कॉलेज में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के उपलक्ष्य में एक निबंध प्रतियोगिता एवं ध्यान सत्र आयोजित

कानपुर 9 सितम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता एस.एन. बालिका विद्यालय पी.जी. कॉलेज कानपुर के मनोविज्ञान विभाग द्वारा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के उपलक्ष्य में एक निबंध प्रतियोगिता एवं ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम मां सरस्वती जी की वंदना कर दीप प्रज्वलन किया गया। उक्त अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो० सुमन एवं कार्यक्रम के निर्णायक मंडल प्रोफेसर चित्रा सिंह तोमर एवं डॉक्टर संगीता सिंह अतिथि वक्ता के रूप में मनोज शुक्ला (आना पान सती ध्यान विशेषज्ञ) उपस्थित रहे। प्राचार्या जी ने कहा कि यह दिवस एक माध्यम है आत्महत्या और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए। देश में आत्महत्या करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है इसीलिए ऐसे कार्यक्रम का बहुत महत्व है, ताकि उसकी रोकथाम समय पर हो सके निबंध प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के रूप में प्रो० चित्रा सिंह तोमर विभागाध्यक्षा शिक्षा शास्त्र एवं डॉ संगीता सिंह प्रवक्ता शिक्षा शास्त्र विभाग थे। निर्णय इस प्रकार रहा
प्रथम पुरस्कार -अमरीन बी. ए. प्रथम वर्ष
द्वितीय पुरस्कार-महिमा यादव बी.ए. द्वितीय वर्ष
तृतीय पुरस्कार- प्रिया वर्मा बी.ए. प्रथम वर्ष
सांत्वना पुरस्कार – अंशिका बाजपेई बी.ए. प्रथम वर्ष तथा संजोली गुप्ता बी.ए. द्वितीय वर्ष
सभी विजेता छात्रों को मेडल तथा सर्टिफिकेट वितरित हुआ इसके पश्चात श्री मनोज शुक्ला ने आना पान सती ध्यान करवाया। अंत में सबने अपने अनुभव साझा किये और ध्यान से संबंधित अपनी शंकाएं दूर किया इसके पश्चात मनोविज्ञान की अध्यक्षा डॉ मोनिका सहाय ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को ध्यान के लिए रोज समय निकालना बहुत जरूरी है ताकि हम मानसिक रूप से स्वस्थ रह सके । कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग विभाग की प्रवक्ताएं सुश्री प्रीति यादव,  मयूरिका गुप्ता आदि का रहा।

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एस. एन.सेन बालिका विद्यालय पी. जी. कॉलेज मे एक दिवसीय व्याख्यान आयोजित

कानपुर 9 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता एस. एन.सेन बालिका विद्यालय पी. जी. कॉलेज के विज्ञान संकाय मे एक दिवसीय अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्रबंध तंत्र के संयुक्त सचिव श्री शुभ्रो सेन प्राचार्या प्रो सुमन विशिष्ट अतिथि तिलक महाविद्यालय औरैया के प्राचार्य डा रवि कुमार तथा मुख्य वक्ता डॉ शशि बाला ने दीप प्रज्वलित करके किया एवं छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए किया। मंच का संचालन रसायन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.गार्गी यादव ने किया। अतिथि वक्ता के रूप में रामजस कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) की असिस्टैंट प्रोफेसर शशि बाला ने (Carbon capture and storage: A solution for environmental Carbon di oxide)कार्बन डाई आक्साइड के प्रपाशन एवं भंडारण के द्वारा ग्रीन हाउस गैसों से निपटने का एवं पर्यावरण को बचाने का मार्ग दिखाया , साथ ही उन्होंने बताया कि इस विषय में अभी उनका शोध कार्य चल रहा हैl
व्याख्यान से सभी छात्राओं मे जिज्ञासा एवं उत्साह दिखाई दिया। मंच पर आसीन सयुंक्त सचिव श्री शुब्रो सेन ने कार्यक्रम की प्रसंसा की। वनस्पति विभाग की विभागध्यक्ष डॉ प्रीति सिंह ने छात्राओं का उत्साहवर्धन किया साथ ही जंतु विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ शिवांगी यादव, वनस्पति विज्ञान की डॉ समीक्षा सिंह सहित महाविद्यालय की अन्य शिक्षका भी उपस्थित रहीं।

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क्राइस्ट चर्च कॉलेज में सिविल सर्विसेज की तैयारी कैसे करें विषय पर कार्यक्रम आयोजित

कानपुर 9 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता आज क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर में सिविल सर्विसेज की तैयारी कैसे करें विषय पर अवध ओझा के वक्तत्व का अयोजन कॉलेज के प्रचार्य जोसेफ डेनियल के दिशानिर्देशन में कैरियर काउंसिल सेल द्वारा आयोजित किया गया जिसकी संयोजिका प्रो मीत कमल है। कार्यक्रम में इकरा आईएएस के संस्थापक शाह फैसल एवं सदस्य सतेंद्र सिंह ,मयंक सिंह मोजूद रहे।
अवध ओझा सिर ने बताया बिना फाउंडेशन के कुछ नही हो सकता। आज के समय में जिसकी न्यूज पेपर में कमांड है वही आईएएस है। उन्होंने सबसे अच्छी बात कही की डर की आगे जीत नही डर के आगे डिप्रेशन है। पावर और अचीवमेंट जरूरी चीज है। एक प्रॉपर टाइम टेबल बनाओ जो सबसे ज्यादा जरूरी है। प्रैक्टिस इतनी गजब चीज है। शक्ति और उत्साह बहुत जरूरी है। ९८% लोग सेल्फ डिसीजन लेने की क्षमता नहीं रखते। जितने मानसिक ताकत होगी तो अच्छा रहेगा।
जीवन में सब चढ़कर यूटिलिटी पर ध्यान दो। ओझा सर ने चार मुख्य चीजों पर ध्यान देने को कहा पहला अवेयरनेस ,रिस्पेक्ट साधना और फाउंडेशन । उन्होंने बताया कि जहां विकल्प है वहां कन्फ्यूजन है।सफल होने के लिए क्वेश्चन फ्रेमिंग बहुत जरूरी हैं ।सिविल सर्विस एग्जाम में मीडियम कोई भी हो सफलता मिलती है ।इस कार्यक्रम में कॉलेज की उपप्राचार्या सबीना बोदरा, डॉ अंकिता जैस्मिन लाल , प्रो अरुणेश शुक्ला , प्रो आशीष दुबे , प्रो आशीष ओमर, प्रो मनीष कपूर , प्रो शालिनी कपूर एवम करियर काउंसलिंग सेल के छात्र प्रतिनिधि अंजली सचान,उज्ज्वल त्रिवेदी , प्राची गुप्ता , वैष्णवी दीक्षित, सुंदरम मिश्रा ,अभिषेक श्रीवास्तव , कृष्णा कनौजिया, विवेक पॉल, वीर मूर्ति मल्होत्रा ,यश विश्वकर्मा, अनुराधा शर्मा आदि का सहयोग रहा ।

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में प्रदर्शनी आयोजित

कानपुर 9 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय ,स्वरूप नगर के गृह विज्ञान विभाग द्वारा एक प्रदर्शन का आयोजन किया गया ।जिसमे पेडिलाइट कंपनी के श्री अनिल मल्होत्रा द्वारा छात्राओं को लिप्पन कला को विस्तार पूर्वक करके दिखाया। कार्यक्रम प्रभारी प्रो.अनुपम कुमारी द्वारा बताया कि यह बहुत पुरानी कच्छ,गुजरात की पारंपरिक शिल्प कला है। जिसको गोबर, मिट्टी के मिश्रण से शीशे लगाकर बनाते है जो घर के अंदरूनी हिस्सों को ठंडा रखती है। छात्राओं को इस तरह की कलाओं को सीख कर अपने अंदर छिपी प्रतिभा को प्रदर्शित करने की तरफ प्रेरित किया। इस प्रदर्शन में महाविद्यालय की लगभग 20 छात्राओं ने भाग लिया।

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कानपुर विद्या मन्दिर महिला महाविद्यालय में “रोजगार मेला” आयोजित

कानपुर 9 सितंबर भारतीय स्वरूप संवाददाता कानपुर विद्या मन्दिर महिला महाविद्यालय ,स्वरूप नगर’ कानपुर में  मुख्यता छात्राओं के लिये “रोजगार मेला” का आयोजन किया गया। जिनमें स्कोप लाइफ, जीवाथम, ए एस वर्ड ग्रुप आदि विभिन्न कंपनियों ने लगभग 200 से अधिक वेकैंसी के लिये जॉब ऑफर की। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय से सम्बद्ध विभिन्न महाविद्यालयों की छात्राओं ने जॉब के लिये इंटरव्यू दिए। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर पूनम विज़ ने कहा कि बेटियो को आगे बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमारा महाविद्यालय हमेशा ही प्रतिबद्ध रहा है । समय समय पर छात्राओं को ट्रेनिंग देकर रोजगार मेले का आयोजन करते रहेंगे। आयोजन करते रहेंगे।कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्रोफेसर निशा पाठक, प्रोफेसर अनुपमा कुमारी ,डॉ. आंचल तिवारी, महाविद्यालय की मीडिया प्रभारी डॉ. पूर्णिमा शुक्ला ,डॉ. शालिनी गुप्ता , डॉ. रमा कटियार, डॉ. जसमीत कौर, निक्की वेदी, डॉ.सोनम सिंह, डॉ. स्निग्धा मिश्रा, सुश्री नम्रता भट्टाचार्य, सुश्री कल्पना देवी, डॉ. ऋतु नारंग, सुश्री नेहा सिंह आदि शिक्षिकाओं ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। रोजगार मेला में लगभग 300 छात्राओं ने जॉब के लिये इंटरव्यू दिए।

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय में शिक्षक संघ की नई कार्यकारिणी का गठन

कानपुर 9 सितम्बर भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय मे शिक्षक संघ इकाई की नई कार्यकारिणी का चुनाव हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. निशा पाठक उपस्थित रहीं। शिक्षक संघ इकाई की पूर्व अध्यक्षा प्रो अनुपमा कुमारी ने नई कार्यकारिणी सदस्यों को शपथ दिलवाई । नई कार्यकारिणी में अध्यक्ष पद हेतु डॉ आंचल तिवारी,सचिव पद हेतु डॉ पूर्णिमा शुक्ला, कोषाध्यक्ष पद हेतु निक्की वेदी ने शपथ ग्रहण की। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रो निशा पाठक ने शिक्षक संघ इकाई से निष्पक्षता और ईमानदारी से कार्य करने की अपेक्षा की। कार्यक्रम में महाविद्यालय शिक्षक संघ इकाई के सभी सदस्य उपस्थित रहे।

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राष्ट्रपति ने शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (5 सितंबर, 2023) शिक्षक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में देशभर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा का किसी के भी जीवन में मौलिक महत्व होता है। उन्होंने कहा कि कई शिक्षाविद् बच्चों के संतुलित विकास के लिए थ्री-एच फॉर्मूले की बात करते हैं, जिसमें पहला एच हार्ट (ह्रदय), दूसरा एच हेड (सिर) और तीसरा एच हैंड (हाथ) है। उन्होंने बताया कि हृदय का संबंध संवेदनशीलता, मानवीय मूल्यों, चरित्र की मजबूती एवं नैतिकता से है। उन्होंने कहा कि सिर या मस्तिष्क का संबंध मानसिक विकास, तर्क शक्ति और पढ़ाई से है और हाथ का संबंध शारीरिक कौशल एवं शारीरिक श्रम के प्रति सम्मान से है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के समग्र दृष्टिकोण पर बल देकर ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव होगा।

राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षण के पेशे में महिलाओं की भागीदारी को देखते हुए शिक्षक पुरस्कार प्राप्त करने वाली शिक्षिकाओं की संख्या और अधिक होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महिला सशक्तिकरण के लिए छात्राओं और शिक्षकों को प्रोत्साहित करना बेहद महत्वपूर्ण है।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार माना जाता है और इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र-निर्माता के रूप में शिक्षकों के महत्व को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी स्पष्ट रूप से रेखांकित किया गया है।

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षकों के साथ-साथ माता-पिता का भी यह कर्तव्य है कि वे प्रत्येक बच्चे की अनूठी क्षमताओं को पहचानें और संवेदनशीलता के साथ उन क्षमताओं को विकसित करने में बच्चे की मदद करें। उन्होंने कहा कि हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे पर विशेष ध्यान दिया जाए तथा उनके साथ स्नेहपूर्ण व्यवहार किया जाए और माता-पिता बड़े विश्वास के साथ अपने बच्चों को शिक्षकों को सौंपते हैं। उन्होंने कहा कि एक कक्षा के 40-50 बच्चों के बीच प्यार बांटने का अवसर मिलना प्रत्येक शिक्षक के लिए बेहद सौभाग्य की बात है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हर कोई अपने शिक्षकों को याद करता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षकों से जो प्रशंसा, प्रोत्साहन या सजा मिलती है वह उनकी यादों में बसी रहती है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों में सुधार लाने के इरादे से उन्हें सजा दी जाती है, तो उन्हें इसका अहसास बाद में होता है। उन्होंने कहा कि उन्हें ज्ञान देने से ज्यादा महत्वपूर्ण प्यार और स्नेह देना है।

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मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना, 2017 के अंतर्गत अतिरिक्त धन की आवश्यकता को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना (आईडीएस), 2017 के लिए 1164.53 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी दी है।

भारत सरकार ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य के लिए 23 अप्रैल 2018 की अधिसूचना संख्या 2 (2)/2018-एसपीएस के माध्यम से 2018 में औद्योगिक विकास योजना, 2017 की घोषणा की थी। इस योजना के अंतर्गत कुल वित्तीय परिव्यय 131.90 करोड़ रुपये था। यह आवंटित निधि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान समाप्त हो गई है। इसके अलावा, 2028-2029 तक प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा करने के लिए 1164.53 करोड़ रुपये की अतिरिक्त निधि की आवश्यकता है।  इसके अतिरिक्त वित्तीय परिव्यय के आवंटन के लिए औद्योगिक विकास योजना, 2017 के अंतर्गत मंत्रिमंडल की स्वीकृति मांगी गई थी।

मंत्रिमंडल ने आज अपनी बैठक में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना, 2017 के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के प्रस्ताव पर विचार किया और 2028-29 तक योजना के तहत प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता के लिए मंजूरी दे दी। उपर्युक्त योजना के अंतर्गत अतिरिक्त निधियों की स्वीकृति के अनुसार इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित प्रोत्साहन लाभान्वित होंगे।

  1. ऋण तक पहुंच के लिए केंद्रीय पूंजी निवेश प्रोत्साहन (सीसीआईआईएसी):

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में कहीं भी मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र में पर्याप्त विस्तार करने वाली सभी पात्र नई औद्योगिक इकाइयों और मौजूदा औद्योगिक इकाइयों को 5.00 करोड़ रुपये की ऊपरी सीमा के साथ संयंत्र और मशीनरी में निवेश के लिए क्रेडिट तक पहुंच (सीसीआईआईएसी) @ 30 प्रतिशत के लिए केंद्रीय पूंजी निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।

  1. केंद्रीय व्यापक बीमा प्रोत्साहन (सीसीआईआई):

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में कहीं भी सभी पात्र नई औद्योगिक इकाइयों और मौजूदा औद्योगिक इकाइयों को वाणिज्यिक उत्पादन/संचालन शुरू होने की तिथि से अधिकतम 5 वर्ष की अवधि के लिए भवन और संयंत्र और मशीनरी के बीमा पर 100 प्रतिशत बीमा प्रीमियम की प्रतिपूर्ति के लिए पात्र होंगे।

iii. शामिल व्यय:

हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य के लिए आईडीएस, 2017 का वित्तीय परिव्यय केवल 131.90 करोड़ रुपये था, जिसे 2021-2022 के दौरान जारी किया गया था। इसके अतिरिक्त 2028-29 तक योजना के अंतर्गत धन की अतिरिक्त आवश्यकता के माध्यम से प्रतिबद्ध देनदारियों को पूरा करने के लिए मंत्रिमंडल ने योजना के अंतर्गत 1164.53 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय परिव्यय को मंजूरी दी है।

अनुमान है कि 774 पंजीकृत इकाइयों द्वारा लगभग 48607 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित किये जाएंगे।

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