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गोवा के पणजी कला अकादमी में 28वें हुनर हाट का आयोजन

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने आज केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी की गरिमामय उपस्थिति में पणजी के कैंपल स्थित कला केंद्र में स्वदेशी कारीगरों और दस्तकारों के लिए 28वें हुनर हाट का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद नायक, राज्यसभा सदस्य श्री विनय दीनू तेंदुलकर, गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सदस्य श्री फ्रांसिस्को सारदीना, गोवा के उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रकांत कावलेकर, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय में सचिव श्री पीके दास, वरिष्ठ अपर सचिव श्री एस के देव वर्मन, मानस अध्यक्ष श्री पीके ठाकुर और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा की हुनर हाट सरकार की स्वदेशी की प्रतिबद्धता को पूर्ण करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। ‘हुनर हाट’, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के विचार को भी मजबूती दे रहा है और जरूरतमंद कारीगरों व दस्तकारों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि हुनर हाट न सिर्फ कारीगरों और दस्तकारों को प्रोत्साहित कर रहा है बल्कि यह गोवा के पर्यटन क्षेत्र के लिए मददगार हो रहा है। देश के विभिन्न भागों में हुनर हाट का आयोजन ‘जान भी जहान भी’ की प्रतिबद्धता के क्रम में आयोजित किया जा रहा है। कोरोना महामारी के समय यह आवश्यक समझा गया की ‘अफरा-तफरी’ की नहीं एहतियात की आवश्यकता है।

डॉक्टर सावंत ने कहा कि हुनर हाट भारत की सांस्कृतिक एकता को भी मजबूती दे रहा है। हुनर हाट भारत के विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक विविधता को समझने का मंच उपलब्ध कराता है।

उन्होंने गोवा के नागरिकों और गोवा आने वाले पर्यटकों से हुनर हाट में सम्मिलित होने का आह्वान किया ताकि कारीगरों और दस्तकारों को प्रोत्साहन मिले।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री श्रीपद नायक ने कहा कि हुनर हाट सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और वोकल फॉर लोकल मुहिम को मजबूती दे रहा है। उन्होंने कहा कि हुनर हाट की इस व्यवस्था ने देश के कारीगरों और दस्तकारों को बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं और यह युवा प्रतिभाशाली कारीगरों तथा दस्तकारों के लिए एक प्रभावशाली मंच बनकर उभरा है।

गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सदस्य श्री फ्रांसिस्को सारदीना ने कहा कि हुनर हाट भारत की विविधता में एकता को सशक्त कर रहा है। देश की कला और संस्कृति की झलक हुनर हाट जैसे एकीकृत मंच पर उपलब्ध है। राज्यसभा सदस्य श्री विनय दीनू तेंदुलकर ने हुनर हाट का आयोजन करने और कारीगरों तथा काश्तकारों को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी के प्रयासों की प्रशंसा की।

गोवा के उपमुख्यमंत्री श्री चंद्रकांत कावलेकर ने कहा कि हुनर हाट के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की कारीगरी और कलात्मकता का प्रदर्शन देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि हुनर हाट गोवा के कारीगरों और दस्तकारों के भी लाभ का माध्यम बनेगा।

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय 26 मार्च से 4 अप्रैल के बीच 28वें हुनर हाट का आयोजन गोवा के पणजी में कर रहा है जिसकी थीम है “वोकल फॉर लोकल” और इस आयोजन में 30 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 500 से अधिक कारीगर, दस्तकार भाग ले रहे हैं।

आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, गोवा, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पुदुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा,उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों के कारीगर तथा कलाकार स्वनिर्मित स्वदेशी उत्पादों को “हुनर हाट” में बिक्री और प्रदर्शन के लिए लेकर आए हैं।

राज्यों से आए कलाकारों ने हुनर हाट में विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित किया है जिसमें कलमकारी, बिदरी के बर्तन, उदयगिरि की लकड़ी की बनी कटलरी, बाँस और जुट से बने उत्पाद, मधुबनी पेंटिंग, मूंगा सिल्क, तुसार सिल्क, चमड़े से बने उत्पाद, संगमरमर के उत्पाद, चंदन की लकड़ी से बने उत्पाद, कपड़ों पर खूबसूरत कढ़ाई, चंदेरी साड़ी, काली मिट्टी के बर्तन, कुंदन आभूषण, कांच के उत्पाद, लकड़ी और मिट्टी से बने खिलौने, ब्रास से बने उत्पाद और हैंडलूम इत्यादि शामिल हैं।

हुनर हाट में आने वाले लोगों को भारत के विभिन्न राज्यों के जायके का भी लुफ्त उठाने का मौका है।यहां बावर्ची खाना में मुगलई से लेकर दक्षिण भारतीय, गोवा, मलयाली, पंजाबी, बंगाली व्यंजन उपलब्ध हैं।

हुनर हाट में आने वाले लोगों को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ़ उठाने का भी अवसर होगा। लोकप्रिय कलाकारों के कार्यक्रम इस प्रकार होंगे: श्री रूप सिंह राठौर (27 मार्च); श्री सुदेश भोंसले (28 मार्च); श्री अल्ताफ राजा और सुश्री रानी इंद्राणी (29 मार्च); निज़ामी बंधु (30 मार्च); गुरदास मान जूनियर (31 मार्च); श्री प्रेम भाटिया (1 अप्रैल); श्री विनोद राठौर और हास्य कलाकार श्री सुदेश लेहरी (2 अप्रैल); गुरु रंधावा (3 अप्रैल); सुश्री शिबानी कश्यप (4 अप्रैल)।

इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री नकवी ने कहा कि हुनर हाट का आयोजन देश के विभिन्न भागों में किया जा रहा है। इसे जबरदस्त प्रोत्साहन मिल रहा है क्योंकि उसमें 5,50,000 से ज़्यादा कारीगर और दस्तकार तथा अन्य लोग जुड़े जिन्हें हुनर हाट के माध्यम से रोजगार या रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए हैं।

श्री नक़वी ने कहा कि हुनर हाट ऑनलाइन पोर्टल http://hunarhaat.org और जीईएम पोर्टल पर उपलब्ध है, जहां से देश और दुनिया के लोग स्वदेशी कारीगरों और दस्तकारों द्वारा बनाए गए उत्पाद ऑनलाइन खरीद सकते हैं।

अगले हुनर हाट का आयोजन देहरादून और सूरत में किया जाएगा। इन दोनों स्थानों के अलावा कोटा, हैदराबाद, मुंबई, जयपुर, पटना, प्रयागराज, रांची, गुवाहाटी, भुवनेश्वर और जम्मू कश्मीर इत्यादि में भी इस वर्ष हुनर हाट के आयोजन की तैयारी है।

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पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सैफई में खेली फूलों वाली होली

सैफई,इटावा। देशभर में जनता होली का त्यौहार अपने अपने रंगों के साथ बनाती है वहीं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हर साल होली का त्यौहार फूलों के साथ मनाते हैं और इस बार भी अखिलेश यादव ने अपने गांव सैफई पहुंचकर फूलों की होली खेली इस दौरान उनके चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे।सैफई में अखिलेश यादव ने खेली होली (तस्वीर: ट्विटर) इटावा जिले के सैफई में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव होली का त्योहार मनाने पहुंचे इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ फूलों की होली खेली। इस दौरान उनके साथ उनके चाचा और सपा महा प्रमुख प्रोफेसर रामगोपाल यादव भी मौजूद रहे। जहां पर रामगोपाल यादव ने माइक उठाकर आल्हा गाकर जनता को आल्हा सुनाई वही अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा है कि इटावा में हमारी सरकार के द्वारा लायन सफारी बनाई गई थी और लायन सफारी में शेरों को लाया गया था| जिससे इटावा को नई पहचान मिल सके लेकिन इस सरकार के द्वारा जो शेर हमारी सरकार में लाए गए थे। उन शेयरों को दूसरी जगह पर भेज दिया गया सरकार नहीं चाहती है कि इटावा में लायन सफारी खुल सके वहीं उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार कोरोनावायरस का हवाला देकर कर्मचारियों का वेतन काट रही है वहीं आज के दौर में बेरोजगारी दिन.ब.दिन बढ़ती जा रही है। युवा वर्ग रोजगार के लिए दर.दर भटक रहा है, लेकिन सरकार रोजगार नहीं दे रही है वही उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंत्री पद पर यह आखरी होली है क्योंकि जनता उन्हें सबक जरूर सिखाएगी और उनको गद्दी से जरूर हटाइए वही भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार में भेदभाव चरम पर पहुंच रहा है यह सरकार जातिवाद धर्म के आधार पर जनता को बांटने की कोशिश करती है लेकिन जनता इन्हें 2022 में सबक जरूर सिखाएगी।

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प्रधानमंत्री ने एग्जाम वारियर्स के अद्यतन संस्करण की घोषणा की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एग्जाम वारियर्स के अद्यतन संस्करण की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि एग्जाम वारियर्स के नए संस्करण को छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से प्राप्त मूल्यवान जानकारी से समृद्ध किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि नए भागों को जोड़ा गया है, जो विशेष रूप से माता-पिता और शिक्षकों के लिए रुचिकर सिद्ध होंगे।

उन्होंने कहा, “हम सभी को अपने नौजवानों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि वे परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे हैं!”

ट्वीट्स की एक श्रृंखला में, प्रधानमंत्री ने कहा, “चूँकि परीक्षा सत्र शुरू हो रहे हैं, मुझे यह साझा करने में खुशी हो रही है कि #ExamWarriors का अद्यतन संस्करण अब उपलब्ध है।

पुस्तक में नए मंत्र और कई रोचक गतिविधियाँ हैं। पुस्तक परीक्षा से पहले तनाव मुक्त रहने की आवश्यकता की पुष्टि करती है।

परीक्षा की तैयारी को मजेदार कैसे बनाएं?

क्या कुछ दिलचस्प चीज़ें है, जो हम तैयारी के दौरान घर पर बैठकर कर सकते हैं?

इसका एक समाधान है … नमो (NaMo)  एप पर एक नया #ExamWarriors मॉड्यूल।

इसमें छात्रों और अभिभावकों के लिए कई संवाद आधारित गतिविधियाँ हैं।

#ExamWarriors के नए संस्करण को छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के प्राप्त बहुमूल्य इनपुट से समृद्ध किया गया है।

नए भागों को जोड़ा गया है, जो विशेष रूप से माता-पिता और शिक्षकों को रुचि प्रदान करेंगे।

हम सभी को अपने नौजवानों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि वे परीक्षाओं में शामिल होने जा रहे हैं!”

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महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप ने एक अभिनव वायरलेस उत्पाद विकसित किया है जो ग्रामीण क्षेत्रों में कम लागत में विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेगा

महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप एस्ट्रम ने एक अभिनव वायरलेस उत्पाद विकसित किया है जो टेलीकॉम ऑपरेटरों को उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में कम लागत वाली विश्वसनीय इंटरनेट सेवाएं देने में मदद करेगा। यह फाइबर की कीमत के कुछ हिस्से में ही फाइबर की बैंडविड्थ प्रदान करता है।

भारत जैसे देशों में दूरदराज के स्थानों तक इंटरनेट पहुंचना मुश्किल है क्योंकि फाइबर बिछाना बहुत महंगा है। वायरलेस बैकहॉल उत्पादों की आवश्यकता है जो कम लागत, उच्च डेटा क्षमता और व्यापक पहुंच प्रदान कर सकें। वर्तमान में उपलब्ध, वायरलेस बैकहॉल उत्पाद या तो पर्याप्त डेटा गति या आवश्यक सीमा प्रदान नहीं करते हैं या उन्हें लगाना बहुत महंगा है।

गीगा मेश नामक वायरलेस उत्पाद दूरसंचार ऑपरेटरों को 5 गुना कम लागत पर गुणवत्ता, उच्च गति वाले ग्रामीण दूरसंचार बुनियादी ढांचे को तैनात करने में सक्षम बना सकता है। ग्रामीण संपर्क ग्राहक और रक्षा क्षेत्र के ग्राहक जिन्होंने पहले ही इस उत्पाद के लिए साइन अप कर लिया है, जल्द ही एस्ट्रम द्वारा इस उत्पाद के प्रदर्शन का गवाह बनेंगे।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर में इस स्टार्टअप को तैयार किया गया है और इसे भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के डीएसटी-एबीआई महिला स्टार्टअप प्रोग्राम द्वारा समर्थन प्राप्त है। इस स्टार्टअप ने अपने मिलीमीटर-वेव मल्टी-बीम टेक्नोलॉजी को 2018 में लैब में प्रमाणित किया था जिसके लिए कंपनी को भारत और अमेरिका में पेटेंट दिया गया है। तब सेप्रौद्योगिकी को गीगा मेश नामक एक शक्तिशाली और स्केलेबल उत्पाद में बदल दिया गया है, जो हमारे देश के आखिरी छोर तक कनेक्टिविटी टेलीकॉम जरूरतों का बहुत कुछ हल कर सकता है। उत्पाद ने खुद को अपने क्षेत्र में साबित किया है और इसके आगामी व्यावसायीकरण के लिए भागीदार उत्पादों के साथ भी एकीकृत किया गया है।

 

एस्ट्रम में सह-संस्थापक और सीईओ डॉ. नेहा साटक ने कहा, “भारतीय विज्ञान संस्थान ने निवेशकों के साथ जुड़ने में मदद करने, व्यावसायिक सलाह प्रदान करने और हमारे उत्पाद क्षेत्र के परीक्षणों को संचालित करने के लिए हमें जगह देने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”  उन्होंने यह बात डीएसटी-एबीआई महिला स्टार्टअप पहल के तहत सप्ताह भर की यात्रा के अनुभव को याद करते हुए की जिसने अमेरिकी बाजार में लॉन्च के लिए तैयार करने के लिए यूएस वीसी इकोसिस्टम से बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।

एस्ट्रम को कनेक्टिविटी में मोस्ट प्रॉमिसिंग इनोवेटिव सॉल्यूशन के लिए आईटीयू एसएमई अव़ॉर्ड भी मिला। यह इस उत्पाद के लिए इंटरनेशनल टेलीकम्यूनिकेशन यूनियन से मिली एक प्रमुख पहचान है। उन्हें ईवो नेक्सस नामक एक प्रतिष्ठित 5-जी त्वरक कार्यक्रम (क्वालकॉम द्वारा प्रायोजित) द्वारा भी चुना गया जो उन्हें वैश्विक बाजार में अपने उत्पाद को लॉन्च करने में मदद करेगा।

मल्टी-बीम ई-बैंड उत्पाद गीगा मेश, एक में 6 पॉइंट-टू-पॉइंट ई-बैंड रेडियो पैक करता है जिससे डिवाइस की लागत कई लिंक पर वितरित होती है और इसलिए पूंजीगत व्यय कम हो जाता है। रेडियो प्रत्येक लिंक पर लंबी दूरी और मल्टी-जीबीपीएस डेटा थ्रूपुट प्रदान करता है। स्वचालित लिंक अलाइनमेंट, लिंक के बीच गतिशील बिजली आवंटन, और दूरस्थ लिंक गठन जैसी विशेषताएं ऑपरेटरों को महत्वपूर्ण परिचालन व्यय लागत में कमी लाने में मदद करती हैं।

एस्ट्रम वर्तमान में भारतीय विज्ञान संस्थान (विश्वविद्यालय परिसर) में एक क्षेत्र परीक्षण कर रहा है। इस फील्ड ट्रायल में कंपनी ने पहले ही कैंपस में मल्टी-जीपीएस स्पीड पर डेटा स्ट्रीमिंग हासिल कर ली है।

अधिक जानकारी के लिए डॉ. नेहा साटक (neha@astrome.co) से संपर्क किया जा सकता है।

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एस्ट्रोम सीईओ और इंजीनियरिंग निदेशक आईईईई टेक्नॉलजी स्टार्टअप अव़ॉर्ड 2020 प्राप्त करते हुए।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के कैंपस में कनेक्टिविटी ट्रायल्स के लिए लगे गीगा मेश की तस्वीर।

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कमल कुमार आंध्र प्रदेश के प्रतिष्ठित नंदी अवार्ड से सम्मानित

विजयवाड़ा आंध्र प्रदेश, एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूज पेपर्स ऑफ इंडिया के आंध्र प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी श्री कमल कुमार को नंदी अवार्ड से सम्मानित किया गया, इस अवॉर्ड को एक भव्य आयोजन में द फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड वैदिक क्रिएटिविटी कल्चरल टैलेंट सोसायटी ने प्रदान किया, कमल कुमार मानवाधिकार आयोग के NCRC के सक्रिय सदस्य भी हैं,

कमल कुमार की इस उपलब्धि पर असोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री केशवदत्त चंदोला सहित अन्य गणमान्य लोगों ने बधाई दी

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नहीं रहे प्रख्यात लेखक, निर्देशक सागर सरहदी सागर सरहदी साहब

मुंबई: महान फ़िल्म निर्देशक, लेखक, नाटककार सागर सरहदी नहीं रहे। आयु संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते रविवार रात उनका निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे। उन्होंने ‘बाज़ार’ जैसी क्लासिकल फ़िल्म दी। इसके अलावा उन्होंने नूरी, कभी-कभी, सिलसिला और चांदनी जैसी सुपरहिट फ़िल्में भी दीं।सागर सरहदी

सागर सरहदी के भतीजे तथा फिल्मकार रमेश तलवार ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने यहां सियोन के निकट अपने आवास पर अंतिम सांस ली।

तलवार ने कहा, ‘मध्यरात्रि से कुछ देर पहले उनका निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे और उन्होंने खाना तक छोड़ दिया था।’

उन्होंने कहा कि सरहदी का अंतिम संस्कार आज दोपहर के आसपास सियोन शवदाह गृह में किया जाएगा।

पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर के निकट बफ्फा शहर में पैदा हुए सरहदी का नाम गंगा सागर तलवार था। सीमांत प्रांत से संबंध होने के चलते उन्होंने अपने नाम के आगे ‘सरहदी’ जोड़ लिया था। 12 साल की आयु में वह दिल्ली आकर रहने लगे थे।

सरहदी ने उर्दू लघु कथाओं से अपने करियर की शुरुआत की और फिर उर्दू नाट्य लेखक बन गए। फिल्मकार यश चोपड़ा की 1976 में आई अमिताभ बच्चन तथा रेखा अभिनीत फिल्म ‘कभी कभी’ से उन्होंने बॉलीवुड में प्रवेश किया।

सरहदी ने चोपड़ा की ‘सिलसिला’ (1981) और श्रीदेवी तथा ऋषि कपूर अभिनीत ‘चांदनी’ जैसी फिल्मों के लिए संवाद लेखन किया।

साल 1982 में सरहदी ने निर्देशन में हाथ आजमाए और सुप्रिया पाठक शाह, फारूक शेख, स्मिता पाटिल तथा नसीरुद्दीन शाह अभिनीत फिल्म ‘बाज़ार’ का निर्देशन किया।

सरहदी ने 1992 में आई अभिनेता शाहरुख खान की पहली फिल्म ‘दीवाना’ और ऋतिक रोशन की पदार्पण फिल्म ‘कहो ना प्यार है’ के संवाद भी लिखे।

सरहदी प्रगतिशील आंदोलन से हमेशा जुड़े रहे। शुरुआत में उन्होंने भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) के लिए भी खूब लिखा। भगत सिंह और अशफ़ाक़ उल्ला खां पर लिखे उनके नाटक खूब मशहूर हुए। उनके निधन से फ़िल्म के साथ बौद्धिक और कला-संस्कृति जगत में भी शोक छा गया है।

सागर सरहदी ने शादी नहीं की थी। उनके परिवार में उनके भतीजे-भतीजियां हैं।

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बरसाना में लठमार होली क्यों होती है – मीनाक्षी शर्मा

**जिस समय कंस का अत्याचार बहुत ज्यादा बढ़ गया था बृषभान बाबा गोकुल जाकर नंद बाबा को अपने पास बुला लाए । वहां आकर नंदबाबा ने ब्रज की पहाड़ियों पर नंद गांव बसा लिया और जहां तक भी श्री वृषभानु जी का राज्य था प्रथम तो वहां राक्षस आते नहीं थे और अगर

कोई आ जाता था तो श्री जी की कृपा से गोपी भाव में आ जाता था!

**बरसाने की लट्ठमार होली संपूर्ण जगत में नारी सशक्तिकरण का अनूठा प्रमाण है नंदगांव बरसाने की यह प्रेम पगी परंपरा आज भी चली आ रही है स्वयं श्री कृष्ण ठाकुर जी ने बरसाना व अष्ट सखियों के गांवों की गोपियों को इकट्ठा करके श्री पूर्णमासी प्रोतानि जी की देख रेख में गोपियों का दल बनाया पूर्णमासी प्रोतानी ने स्वयं गोपियों को लाठी चलाना सिखाया!

**स्वयं श्री ठाकुर जी ने गोपियों को उद्दत करते हुए कहा था कि हे गोपियों हम नंद गांव से आएंगे तुम अगर हमारे ऊपर लाठियों की बौछार कर देती हो तो हम यह मान लेंगे कि हमारी अनुपस्थिति में तुम राक्षसों (कंस के सैनिकों ) को मारकर ढेर कर सकती हो बरसाने की लट्ठमार होली का मूल उद्देश्य यही है!

** कैसा देश निगोड़ा जग होरी और बृज में होरा ,बरसाना की होरी वैसे ही होरा नहीं है किसी कवि ने कहा है कि फागुन में रसिया घरवारी ,ब्रज बरसाना में ग्वाल बाल रसिया नहीं होते हैं होरी में ब्रज की गोपी ही सही मायने में रसिया होती है!

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एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में छोटे व मझोले वर्ग के समाचारपत्रों की समस्याओं पर हुई चर्चा।

भारतीय स्वरूप संवाददाता, जयपुर। एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ इंडिया की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक व अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन राजस्थान इकाई के तत्वावधान में होटल वेस्टा मौर्या में किया गया। इस अवसर पर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव दत्त चंदोला ने कहा कि छोटे व मझोले समाचार पत्रों पर शिकंजा कसने के लिए केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकारों ने जो कदम उठाए हैं वो छोटे व मझोले समाचार पत्रों पर अप्रत्यक्ष रूप से आघात है । चंदोला ने साफ तौर पर कहा कि जिस सरकार ने जब भी छोटे व मझोले समाचार पत्रों के विरुद्ध काम किया है। वो सफल नहीं हुआ है, बल्कि उन्होंने बुरा अंजाम भुगता है। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने इसे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा बताया। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि छोटे व मझोले समाचार पत्रों के विरुद्ध बनाई गईं गलत नीतियों को तुरंत खत्म किया जाए। उ0प्र0 राज्य के अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार ने कहा कि डी ए वी पी की नई नीति में कई ऐसे मानक बनाये गए हैं। जिनसे साफ तौर पर जाहिर होता है कि वो छोटे और मझोले समाचार पत्रों के विरुद्ध एक साजिश है जिसे खत्म किया जाए। पंवार ने कहा कि डी ए वी पी की नई नीति से मार्किग सिस्टम को हटाया जाए व रीडर शिप प्रोफाइल के फार्म को हटाया जाए। यह भी मांग की कि विज्ञापन के निर्धारित कोटे के मुताबिक विज्ञापन जारी किए जाएं। एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव शंकर कतीरा ने केंद्र सरकार से अखबारी कागज न्यूज प्रिंट से जी एस टी हटाने की मांग रखी।
वहीं राजस्थान इकाई के अध्यक्ष डॉ अनंत शर्मा ने कहा कि कोविड के कारण छोटे व मझोले समाचार पत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। अतः छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों के उत्थान के लिए आर्थिक पैकेज जारी किया जाए।
कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य अशोक चतुर्वेदी ने कहा कि कहा कि केंद्र सरकार को बेमतलब के नियमों को छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों पर ना थोपा जाए। अनिल यादव ने कहा कि केंद्र सरकार ने छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों का गला घोंटने का काम किया है। जबकि छोटे अखबार ही सच्ची व जमीनी खबरों को सबके सामने लाते हैं।इस मौके पर राजस्थान इकाई के द्वारा एसोसिएशन के सभी पदाधिकारियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए। और भव्य स्वागत किया गया। साथ ही छोटे व मझोले वर्ग के समाचार पत्रों के मालिकों की समस्याओं को हल कराने के लिए हेल्पलाइन नम्बर की घोषणा की गई। वहीं बृजेन्द्र प्रकाश हलचल ने उपसमितियां बनाने की बात रखी।इस मौके पर मध्यप्रदेश से राजेन्द्र प्रसाद बिंजवे, गुजरात से शंकर कतीरा, मयूर बोरीचा, असम से किरी रॉन्ग हेंग, राजस्थान से डॉक्टर अनंत शर्मा, अमृता मौर्य, अशोक चतुर्वेदी, अनिल यादवए ब्रजेन्द्र प्रकाश हलचल, उप्र से इकाई अध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, डी के मैथानी, शलभ जायसवाल, अरविंद्र यादव, भगवती चंदोला, के. सी. चंदोला, राजस्थान से गोपाल गुप्ता, अशोक सिंघल सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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