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लोकतंत्र का सटीक स्‍वरूप | एक बार में एक वोट

चुनावी प्रक्रिया के दूसरे चरण में 26 अप्रैल, 2024 को 12 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 88 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में लोकतंत्र के महापर्व की स्‍पष्‍ट झलक देखने को मिली। आज मतदान के दिन समाज के हर वर्ग की भागीदारी देखी गई जो लोकतंत्र की समावेशी भावना को रेखांकित करती है। चाहे पहली बार अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने के लिए अत्‍यंत उत्सुक मतदाता हों या महिलाएं, बुजुर्ग नागरिक और दिव्यांगजन हों, आज मतदान में समाज के विभिन्न वर्गों की व्‍यापक भागीदारी देखने को मिली। यह फोटो फीचर चुनाव के दिन समावेशी लोकतंत्र के स्‍पष्‍ट नजारे के साथ-साथ मतदाताओं की सामूहिक आवाज और आकांक्षाओं को भी बखूबी दर्शाता है।

लोकतंत्र के महापर्व की झलक  

पहली बार मतदान करने वाले मतदाता भारत का भविष्य तय कर रहे हैं

A first time female voter showing mark of indelible ink after casting her vote at a polling booth during the 2nd Phase of General Elections-2024 at Khangshim, in Chandel, Manipur on April 26, 2024.   

चंदेलमणिपुर       मेरठउत्तर प्रदेश

नागरिक कर्तव्य की अमिट छाप

 

मेरठ, उत्तर प्रदेश    बेंगलुरू, कर्नाटक

लोकतंत्र पर महिला मतदाताओं की गहरी छाप

बेंगलुरू, कर्नाटक

 

बेंगलुरू, कर्नाटक       नानक नगर, जम्मू

 

मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो रहे हैं मतदाता

त्रिपुरा

दिव्यांग मतदाताओं ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया

 

टोंक जिला, राजस्थान                         सतना, मध्य प्रदेश

 

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कानपुर विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय एवं छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय (बहुविषयक) राष्ट्रीय संगोष्ठी Vibrant India@ 2047% Gateway to Social Economic Progress’ का आयोजन

भारतीय स्वरूप संवाददाता, कानपुर विद्या मंदिर (केवीएम) महिला महाविद्यालय स्वरूप नगर के समाजशास्त्र विभाग द्वारा दिनांक 27/04/2024 एवं 28/04/2024 को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा प्रायोजित दो दिवसीय (बहुविषयक) राष्ट्रीय संगोष्ठी Vibrant India@ 2047% Gateway to Social Economic Progress’ का आयोजन किया जा रहा है. राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि माननीय श्री योगेन्द्र उपाध्याय उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश, विशिष्ट अतिथि श्री श्रीराम जी, प्रांत प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कानपुर, माननीय प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, कुलपति छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर हैं. गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में प्रिंसिपल प्रोफेसर पूनम विज ने बताया कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य स्वतंत्र भारत के 2047 में सौ वर्ष पूर्ण होने पर भारत की सामाजिक और आर्थिक प्रगति और वैश्विक स्तर पर इसकी भूमिका पर चर्चा करना है. प्रोफेसर बिजली बताया कि अभी तक 300 से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं, जिसमें 100 ज्यादा रजिस्ट्रेशन बाहर जिले और प्रदेश से आने वाले लोगों के हैं. 27 अप्रैल को सुबह 10:00 बजे इनॉग्रेशन सेशन के बाद सिंपोजियम होगा जिसमें सीएसजेएमयू के सीडीसी डायरेक्टर प्रोफेसर आर के द्विवेदी, डीएवी कॉलेज के प्रोफेसर विक्रमादित्य राय, मास्को से संजय कुमार तिवारी और बीएचयू से प्रोफेसर अरविंद कुमार द्विवेदी आदि रहेंगे. 27 और 28 दोनों दिन पेपर प्रेजेंटेशन होगा. दूसरे दिन के सेशन के चीफ गेस्ट क्रिस्प संस्था के अध्यक्ष प्रोफेसर बलराज चौहान होंगे. पार्टिसिपेट्स की बात करें तो बिहार, एमपी, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, झारखंड, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान आदि से लोग आ रहे हैं. इसके अलावा मैरीलैंड यूनिवर्सिटी से दो पार्टिसिपेट ऑनलाइन पेपर प्रजेंट करेंगे.
सेमिनार के संयोजिका डॉक्टर पूर्णिमा शुक्ला ने बताया कि संगोष्ठी में भारत के प्रमुख संस्थानों के समाजशास्त्र एवं अन्य विषय के प्रबुद्ध जन अधिक संख्या में प्रतिभाग कर रहे है, जिसमें एंटरप्रेन्योर, बैंकर, रिसर्च स्कॉलर और रेलवे बोर्ड के मेंबर आदि शामिल है. सेमिनार के बाद एक कंक्लुजन रिपोर्ट बनाकर यूनिवर्सिटी को दी जाएगी. सेमिनार वाले दिन ऑन स्पॉट रजिस्ट्रेशन की फैसिलिटी भी अवेलेबल रहेगी. कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर शोभा मिश्रा और नेहा सिंह मौजूद रही!

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आरईसी लिमिटेड जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ में किरू जल विद्युत परियोजना के लिए सावधि ऋण के रूप में ₹1,869 करोड़ प्रदान करेगी

विद्युत मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनी और अग्रणी एनबीएफसी- आरईसी लिमिटेड ने चिनाब घाटी विद्युत परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत आरईसी, सीवीपीपीएल को सावधि ऋण (टर्म लोन) के रूप में 1,869.265 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इस ऋण का उपयोग जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर ग्रीनफील्ड 4×156 मेगावाट किरू जल विद्युत परियोजना के विकास, निर्माण और परिचालन के लिए किया जाएगा।

624 मेगावाट क्षमता की किरू जलविद्युत परियोजना एक रन-ऑफ-रिवर योजना है। इसमें 135 मीटर ऊंचाई के बांध और 156 मेगावाट की 4 इकाइयों के साथ एक भूमिगत पावर हाउस के निर्माण की परिकल्पना की गई है।

इस अवसर पर सीवीपीपीपीएल के प्रबंध निदेशक श्री रमेश मुखिया, महाप्रबंधक (सीएंडपी) श्री वसंत हुरमाडे व महाप्रबंधक (वित्त) श्री संजय कुमार गुप्ता और आरईसी लिमिटेड के उप महाप्रबंधक श्री प्रमोद कुमार सोनी व उप महाप्रबंधक श्री ऋषभ जैन उपस्थित थे।

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सीवीपीपीएल के बारे में

सीवीपीपीपीएल, एनएचपीसी (51 फीसदी) और जेकेएसपीडीसी (49 फीसदी) के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। यह भारत सरकार व जम्मू और कश्मीर सरकार की एक संयुक्त पहल है। इसकी स्थापना साल 2011 में चिनाब नदी की विशाल जलविद्युत क्षमता का उपयोग करने के लिए किया गया। सीवीपीपीएल को किरू जल विद्युत परियोजना (624 मेगावाट), पकल दुल जल विद्युत परियोजना (1000 मेगावाट), क्वार जल विद्युत परियोजना (540 मेगावाट) और किरथाई-II जल विद्युत परियोजना (930 मेगावाट) के निर्माण, स्वामित्व, संचालन और रख-रखाव (बीओओएम) के आधार पर काम सौंपा गया है। इन परियोजनाओं की कुल स्थापित क्षमता 3094 मेगावाट की है।

आरईसी लिमिटेड के बारे में

आरईसी विद्युत मंत्रालय के तहत ‘महारत्न’ केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का एक उद्यम है। यह आरबीआई के अधीन गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) और अवसंरचना वित्तपोषण कंपनी (आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों सहित संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है। नई प्रौद्योगिकियों में इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाएं शामिल हैं। हाल ही में आरईसी ने गैर-विद्युत अवसंरचना क्षेत्र में भी अपने कदम रखे हैं। इनमें सड़क और एक्सप्रेस-वे, मेट्रो रेल, हवाईअड्डा, आईटी संचार, सामाजिक और व्यावसायिक अवसंरचना (शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल), पत्तन और इस्पात व तेल शोधन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इलेक्ट्रो-मैकेनिक (ईएंडएम) कार्य शामिल हैं।

आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करती है। यह विद्युत क्षेत्र के लिए सरकार की प्रमुख योजनाओं में महत्वपूर्ण रणनीतिक भूमिका निभा रही है। इसके अलावा यह प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य), दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई), राष्ट्रीय विद्युत निधि (एनईएफ) योजना के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करती है। इसके परिणामस्वरूप देश के सुदूर क्षेत्र तक विद्युत वितरण प्रणाली को मजबूत किया गया और 100 फीसदी गांवों का विद्युतीकरण व घरेलू विद्युतीकरण किया गया। इसके अलावा आरईसी को पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) को लेकर कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए नोडल एजेंसी भी बनाया गया है। 31 दिसंबर, 2023 तक आरईसी की ऋण पुस्तिका (लोन बुक) 4.97 लाख करोड़ रुपये होने के साथ नेटवर्थ 64,787 करोड़ रुपये है।

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एफटीआईआई के छात्र की फिल्म “सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो” 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में चुनी गई

भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्‍थान (एफटीआईआई) के छात्र चिदानंद नाइक की फिल्म “सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो” को फ्रांस के 77वें कान्स फिल्म फेस्टिवल के ‘ला सिनेफ’ प्रतिस्पर्धी खंड में चुना गया है। इस फेस्टिवल का आयोजन 15 से 24 मई 2024 तक होने जा रहा है। ‘ला सिनेफ’ इस फेस्टिवल का एक आधिकारिक खंड है, जिसका उद्देश्य नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करना और दुनिया भर के फिल्म स्कूलों की फिल्मों की पहचान करना है।

यह फिल्म दुनिया भर के फिल्म स्कूलों द्वारा प्रस्तुत कुल 2,263 फिल्मों में से चुनी गई 18 शॉर्ट फिल्‍मों (14 लाइव-एक्शन और 4 एनिमेटेड फिल्मों) में से एक है। यह कान्स के ‘ला सिनेफ’ खंड में चुनी गई एकमात्र भारतीय फिल्म है। 23 मई को बुनुएल थिएटर में जूरी सम्मानित फिल्मों की स्क्रीनिंग से पहले एक समारोह में ला सिनेफ पुरस्कार प्रदान करेगी।

“सनफ्लॉवर्स वर फर्स्ट वन्स टू नो” एक बुजुर्ग महिला की कहानी है जो गांव का मुर्गा चुरा लेती है, जिससे समुदाय में अव्‍यवस्‍था फैल जाती है। मुर्गे को वापस लाने के लिए एक भविष्यवाणी लागू की जाती है, जिसमें बूढ़ी महिला के परिवार को निर्वासन में भेज दिया जाता है।

यह पहला अवसर है जब 1-वर्षीय टेलीविजन पाठ्यक्रम के किसी छात्र की फिल्म को प्रतिष्ठित कान्स फिल्म फेस्टिवल में चुना गया है।

एफटीआईआई की अनूठी अध्‍यापन कला तथा सिनेमा और टेलीविजन के क्षेत्र में शिक्षा के लिए अभ्यास आधारित सह-शिक्षण दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप संस्थान के छात्रों और इसके पूर्व छात्रों ने पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में सराहना बटोरी है।

एफटीआईआई की यह फिल्म टीवी विंग एक वर्षीय कार्यक्रम का निर्माण है, जहां विभिन्न विषयों यानी निर्देशन, इलेक्ट्रॉनिक सिनेमैटोग्राफी, संपादन, साउंड के चार छात्रों ने वर्षांत समन्वित अभ्यास के रूप में एक परियोजना पर एक साथ काम किया। फिल्म का निर्देशन चिदानंद एस नाइक ने किया है, फिल्मांकन सूरज ठाकुर ने किया है, संपादन मनोज वी ने किया है और साउंड अभिषेक कदम ने दी है।

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने बीआईएस के उच्चतम खतरा स्तर 6 से सुरक्षा के लिए सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट विकसित किया

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के कानपुर स्थित रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई) ने 7.62 x 54 आर एपीआई (बीआईएस 17051 का स्तर 6) गोला-बारूद से सुरक्षा के लिए देश में सबसे हल्का बुलेट प्रूफ जैकेट सफलतापूर्वक विकसित किया है। हाल ही में चंडीगढ़ की टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला में बीआईएस 17051-2018 के अनुसार इस बुलेट प्रूफ जैकेट का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था। यह जैकेट नए डिजाइन दृष्टिकोण पर आधारित है, जहां पर नवीन प्रक्रियाओं के साथ ही नई तरह की सामग्री का इस्तेमाल भी किया गया है। इस जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) आईसीडब्ल्यू (इन-कंजंक्शन विद) और स्टैंडअलोन डिजाइन दोनों 7.62 x 54 आर एपीआई (स्नाइपर राउंड) की कई गोलियों (06 शॉट्स) को निष्क्रिय कर देता है। श्रम-दक्षता की दृष्टि से प्रभावी रूप से तैयार किया गया फ्रंट एचएपी पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है, जो किसी भी अस्त्र-शस्त्र के साथ होने वाली कार्रवाई के दौरान पहनने की क्षमता तथा सहूलियत को बढ़ा देता है। आईसीडब्ल्यू हार्ड आर्मर पैनल (एचएपी) और स्टैंडअलोन एचएपी का क्षेत्रफल घनत्व क्रमशः 40 किलोग्राम/मीटर2 तथा 43 किलोग्राम/मीटर2 से कम है।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष ने उच्चतम स्तर के खतरे से सुरक्षा के लिए इस सबसे हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट के सफल विकास के लिए रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान को बधाई दी है।

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राष्ट्रपति ने एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में भाग लिया

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (23 अप्रैल, 2024) उत्तराखंड के ऋषिकेश में एम्स ऋषिकेश के चौथे दीक्षांत समारोह में भाग लिया और उसे संबोधित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में विश्वस्तरीय शिक्षा और सेवा प्रदान करना एम्स ऋषिकेश सहित सभी एम्स की एक बड़ी राष्ट्रीय उपलब्धि है। सभी एम्स सर्वोत्तम और किफायती उपचार प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में अनेक एम्स की स्थापना इस उद्देश्य से की जा रही है कि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके और अधिक से अधिक मेधावी छात्र एम्स में शिक्षा प्राप्त कर सकें।

एम्स ऋषिकेश के कुल विद्यार्थियों में छात्राओं की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक होने के तथ्य को रेखांकित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि नीति निर्माण से लेकर तृतीयक स्तर की स्वास्थ्य संबंधी देखभाल तक के क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक बड़े और सकारात्मक सामाजिक बदलाव की तस्वीर प्रस्तुत करती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के हित में नवीनतम तकनीक का उपयोग करना एम्स ऋषिकेश जैसे संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि एम्स ऋषिकेश सीएआर टी-सेल थेरेपी और स्टेम सेल रिसर्च के क्षेत्र में आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने इस संस्था से ऐसे क्षेत्रों में सहयोग कर तेजी से आगे बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि निदान और उपचार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं रोबोटिक्स की भूमिका निरंतर बढ़ती रहेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन बदलावों का एम्स ऋषिकेश द्वारा तेजी से कारगर उपयोग किया जाएगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तराखंड में धूप की कमी और स्थानीय खान-पान की आदतों के कारण लोग, खासकर महिलाएं ऑस्टियोपोरोसिस और एनीमिया जैसी बीमारियों से प्रभावित होती हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक चिकित्सा के इस युग में भी चिकित्सा से संबंधित राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और स्थानीय समस्याओं के बारे में अनुसंधान एवं समाधान एम्स ऋषिकेश जैसे संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने एम्स ऋषिकेश से सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामुदायिक सहभागिता पर अधिकतम ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि ऐसा करके यह संस्थान ‘स्वस्थ भारत’ और ‘विकसित भारत’ के निर्माण में योगदान दे सकेगा।

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मध्यम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण

स्ट्रैटेजिक फोर्सेज कमान के तत्वावधान में मध्यम दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल के नए संस्करण का 23 अप्रैल, 2024 को सफल प्रक्षेपण किया गया। इस प्रक्षेपण ने कमान की परिचालन क्षमता साबित की और नई प्रौद्योगिकियों की पुष्टि कर दी है।

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लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में 1351 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण में 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 1351 उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। इसमें मध्य प्रदेश के 29-बैतूल (अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र में स्थगित चुनाव के लिए लड़ रहे 8 उम्मीदवार शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, गुजरात के सूरत संसदीय क्षेत्र से एक उम्मीदवार को निर्विरोध चुना गया है। सभी 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल, 2024 थी।

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के मतदान के लिए 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के 95 संसदीय क्षेत्रों (29-बैतूल सहित) के लिए कुल 2963 नामांकन दाखिल किए गए। सभी 12 राज्यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 अप्रैल 2024 थी। दाखिल सभी नामांकनों की जांच के बाद 1563 नामांकन वैध पाए गए।

तीसरे चरण में, गुजरात में 26 संसदीय क्षेत्रों से अधिकतम 658 नामांकन दाखिल किए गए थे, इसके बाद महाराष्ट्र में 11 संसदीय क्षेत्रों से 519 नामांकन थे। महाराष्ट्र में 40-उस्मानाबाद संसदीय क्षेत्र में अधिकतम 77 नामांकन प्राप्त हुए, इसके बाद छत्तीसगढ़ में 5-बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में 68 नामांकन प्राप्त हुए।

लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण के लिए राज्य/केन्‍द्र शासित प्रदेशवार विवरण:

राज्‍य/केन्‍द्र शासित प्रदेश तीसरे चरण में निर्वाचन क्षेत्रों की संख्‍या प्राप्‍त नामांकन जांच के बाद वैध नामांकन नाम वापस लेने के बाद,चुनाव लड़ रहे उम्‍मीदवार
असम 4 126 52 47
बिहार 5 141 54 54
छत्तीसगढ़ 7 319 187 168
दादरा और नगर हवेली तथा

दमन और दीव

2 28 13 12
गोवा 2 33 16 16
गुजरात 26 658 328 266
जम्‍मू और कश्‍मीर 1 28 21 20
कर्नाटक 14 503 272 227
मध्‍य प्रदेश 9 236 140 127
महाराष्‍ट्र 11 519 317 258
उत्‍तर प्रदेश 10 271 104 100
पश्चिम बंगाल 4 101 59 57
कुल 95 2963 1563 1352

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मनोरंजन के अपने डेली डोज़ के लिए तैयार हो जाइए… डीडी फ्री डिश पर ज़ी लेकर आ रहा है एक नया मूवी चैनल ज़ी अनमोल सिनेमा 2

भारतीय स्वरूप संवाददाता एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट – अपनी रोजमर्रा की भागदौड़ और व्यस्त ज़िंदगी के तनाव से छुटकारा पाने के लिए सबकी बस यही एक जरूरत होती है। ऐसे में डीडी फ्री डिश पर अलग-अलग कार्यक्रमों की बेतहाशा मांग को पूरा करने के लिए एक नया हिंदी मूवी चैनल ज़ी अनमोल सिनेमा 2 आ रहा है। ज़ी के व्यापक लाइनअप में यह बिल्कुल नया चैनल 26 अप्रैल से डीडी फ्री डिश चैनल नंबर 73 पर उपलब्ध होगा।

ज़ी अनमोल सिनेमा 2 को 15-30 साल की उम्र के दर्शकों को आकर्षित करने के लिहाज से तैयार किया गया है। युवा दर्शकों की बढ़ती रुचि और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, यह चैनल साउथ की डब और हिंदी फिल्मों का एक जोरदार मिश्रण पेश करता है, जो दर्शकों को दोनों फिल्म उद्योगों के मनोरंजन से जोड़े रखेगा। जहाँ युवा ग्रामीण दर्शकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई दूसरा हिंदी फिल्म चैनल नहीं है वहीं ज़ी अनमोल सिनेमा 2 ने इस बात का खास ख्याल रखा है। इस चैनल का लक्ष्य दर्शकों के साथ व्यक्तिगत रूप से जुड़कर, ‘नए भारत का नया साथी’ के रूप में एक खास पहचान बनाकर इस कमी को पूरा करना है।

ज़ी हिंदी मूवीज़ क्लस्टर के बिज़नेस हेड – श्री रुचिर तिवारी ने कहा, “ज़ी अनमोल सिनेमा 2 हमारे लाखों भारतीय दर्शकों की अलग-अलग पसंद को ध्यान में रखते हुए मनोरंजन प्रदान करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता की एक मिसाल है। यह चैनल युवा दर्शकों के नजरिए और उनके जज़्बातों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। हम जो कुछ भी करते हैं, उसके जरिए हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दर्शक कभी मनोरंजन के अपने डेली डोज़ से अछूते ना रहें।”
300 से ज्यादा फिल्म टाइटल्स के व्यापक संग्रह के साथ, इस चैनल का लक्ष्य देश भर में लाखों डीडी फ्री डिश दर्शकों के लिए टेलीविजन देखने के अनुभव को बेहतर बनाना है।
26 अप्रैल से ज़ी अनमोल सिनेमा 2 देखिए और अपने घरों के सुकून भरे माहौल में मनोरंजन की दुनिया में खो जाइए।

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एस एन सेन महाविद्यालय में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI )मशीन लर्निंग (ML )इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स अर्थात् (आई ओ टी) ,हार्डवेयर बोर्ड्स ,सेंसर , एप्लीकेशन प्रोटोकॉल पर व्याख्यान आयोजित

भारतीय स्वरूप संवाददाता एस एन सेन ब वि पी जी कॉलेज में चल रही आठ दिवसीय व्याख्यान माला के तीसरे दिन दलहन अनुसंधान संस्थान के डॉ मनमोहन देव का व्याख्यान हुआ ।
व्याख्यान का शुभारंभ माँ सरस्वती के वंदन और माल्यार्पण के साथ हुआ । डॉ देव , प्रो सुमन , प्रो गार्गी यादव ,डॉ प्रीति सिंह ने दीप प्रज्वलित किया
डॉ मनमोहन देव का व्याख्यान मुख्यतः आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI )मशीन लर्निंग (ML )इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स अर्थात् (आई ओ टी) ,हार्डवेयर बोर्ड्स ,सेंसर , एप्लीकेशन प्रोटोकॉल ,पीथन, ज्यूपिटर नोटबुक, कूगर आदि के बारे में जानकारी दी ।आज ९ बिलियन आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस डिवाइस हैं पर ये इतनी तेज़ी से बढ़ रहा है कि २०२५ तक १९ बिलियन होने की संभावना है।सुपरवाइज्ड लर्निंग और अनसुपर्विज़्ड लर्निंग में क्या अंतर है। किस प्रकार डीआईएस फोरकास्ट और वेदर फोरकास्ट होता है ।कोई भी सेंसर अल्ट्रासोनिक वेव के सिद्धांत पर कैसे काम करता है।ड्रोन और कृषि में उसका उपयोग , प्रधानमंत्री जी की योजना महिला किसान ड्रोन निधि और डिजिटल स्काई की जानकारी दी साथ ही ड्रोन ख़रीदने के लिए सरकार की नियमावली भी बतायी।नयी नयी जानकारी पाकर छात्राओ की ख़ुशी देखते ही बनती थी। व्याख्यान में डा शैल बाजपेयी , डॉ शिवंगी यादव ,डॉ अमित सिंह ,डॉ रश्मि गुप्ता तथा श्री अवधेश मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।

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