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ससुराल गेंदा फूल

नेहा इंजीनियरिंग की डिग्री तो मिल गई है अब तुम्हारा आगे का क्या विचार है? स्मिता:- यार ! मेरे विचार से क्या होता है? घरवाले लड़का देख रहे हैं। एक जगह बात भी चल रही है। मम्मी कह रही थी कि अगर अच्छा लड़का मिल गया तो हाथ पीले कर दूंगी।

नेहा:-  तो जॉब के लिए ट्राई नहीं करेगी?
स्मिता:- करना तो चाह रही लेकिन पता नहीं क्या कर पाती हूं और अनमनी होकर घर जाने लगी।
स्मिता के बारे में सोचते सोचते नेहा घर पहुंच गई।
नेहा:- मां क्या बनाया है खाने में?
मां:- कढ़ी चावल है, फ्रेश हो जाओ फिर खा लो। फिर आराम से बात करते हैं। नेहा ने सवालिया नजर से मां की तरफ देखा।
मां:- तेरी बुआ ने एक लड़का बताया है। अच्छा घर परिवार है ऐसा बोल रही थी जीजी। अच्छा घरबार होगा तो रिश्ता तय कर सकते हैं।
नेहा:- मां मेरी पढ़ाई अभी बाकी है। मुझे एमबीए करना है फिर जॉब करना है। इस बारे में फिर सोचूंगी।
मां:- देखो ! लोग अच्छे होंगे तो रिश्ता तय कर देंगे फिर चाहे शादी बाद में करें। नेहा कुछ नहीं बोली। नेहा शाम की राह देखने लगी कि वह पापा से इस विषय पर बात करेगी। पढ़ाई कर लेने के बाद में क्या तुरंत शादी कर देना ही सही होता है? क्या यही एक जिम्मेदारी रह जाती है हमारी हम लड़कियों के प्रति? यही सब सोचते सोचते नेहा की आंख लग गई। शाम को पापा आए तो नेहा ने चाय बना कर दी और कहा, “पापा मुझे आपसे कुछ बात करनी है।”
पापा बोले, “बोलो बेटा क्या चल रहा है दिमाग में?
नेहा:- पापा मुझे अभी एमबीए करके जॉब करनी है फिर उसके बाद मेरी शादी की जाये पर मम्मी और बुआ अभी से मेरे पीछे पड़ी है!
पापा:- देखो बेटा तुमको कुछ करने के लिए मना नहीं किया है और हम अभी से देखेंगे तब जाकर एक-दो साल में कुछ ढंग के रिश्ते आएंगे और तुमको जो करना है उसके लिए कोई मना थोड़ी कर रहे है। जब तुम आर्थिक रूप से मजबूत हो जाओगी हम तभी तुम्हारी शादी करेंगे।
इधर स्मिता के घर में उसके ऊपर लगातार शादी के लिए दबाव बन रहा था। स्मिता भी चाह रही थी कि वह जॉब करें और उसके बाद ही उसकी शादी हो लेकिन उसकी मां यह बात नहीं समझ पा रही थी।
इधर नेहा को प्लेसमेंट मिल गया था और वह अपनी नौकरी के साथ साथ एमबीए की तैयारी में लग गई थी।
स्मिता ने भी अपने पापा से परमिशन लेकर अपनी जॉब शुरू कर दी लेकिन स्मिता के पापा ने स्पष्ट कह दिया था कि यदि ससुराल वाले नौकरी नहीं पसंद करेंगे तो तुझे नौकरी छोड़नी पड़ेगी। स्मिता कुछ नहीं बोली यह सोच कर कि चलो घर से बाहर काम कदम तो निकले। दोनों सहेलियां अपनी अपनी राह पर चलने लगी। दोनों में अक्सर फोन के जरिए बातचीत होते रहती थी।
नेहा:- हेलो स्मिता ! मेरी शादी पक्की हो गई है मेरा कलीग ही है। अजय नाम है उसका। बस हाय हेलो ही थी, ज्यादा कुछ बातचीत भी नहीं थी हमारी। अजय मुझे पसंद करते हैं यह बात मुझे पता नहीं थी। उसके घरवालों ने पापा से मिलकर मेरा हाथ मांग लिया।
स्मिता:- अरे वाह! कांग्रेचुलेशन ! शादी की तारीख कब निकली है ? मुझे भी तो शॉपिंग करनी है, अभी से शुरू करनी होगी।
नेहा:- तीन महीने बाद की तारीख निकली है।
स्मिता:- वाह़़….. बढ़िया!
शादी के दिन करीब आ रहे थे और तैयारियां शुरू हो चुकी थी। नेहा ऑफिस के काम के साथ-साथ शादी की तैयारी भी कर रही थी । आखिर वह दिन भी आ गया जब नेहा शादी करके ससुराल चली गई। अजय को पति रूप में पाकर नेहा खुश थी लेकिन एक अनजाना सा डर भी था उसके मन में कि पता नहीं हम दोनों में सामंजस्य हो पाएगा कि नहीं? मैं नौकरी छोड़ना नहीं चाहती थी और पता नहीं अजय के मन में क्या है? अजय क्या चाहते हैं मैंने कभी इस विषय पर बात भी नहीं की? उसका ससुराल में पहला दिन बहुत अच्छा रहा। घर के माहौल और तौर-तरीकों को समझने का प्रयास करते रही। किचन में सब देखती समझती रही, यथासंभव काम में हाथ बंटाती रही। मेरे ऑफिस की छुट्टियां अब खत्म होने वाली थी। कुछ दिनों में मुझे ऑफिस ज्वाइन करना था और मुझे अब अजय से बात करना जरूरी हो गया था। शाम को जब वह घर आए तो चाय मैं कमरे में ही ले आई।
नेहा:- सुनो! कुछ बात करनी है आपसे।
अजय:- हां…. बोलो ।
नेहा:- मेरे ऑफिस ज्वाइन करने का समय आ रहा है, छुट्टियां खत्म हो रही है।
अजय:-  हां तो दिक्कत क्या है? समय से ऑफिस ज्वाइन कर लो।
नेहा:- वो…. मम्मी पापा से बात….
अजय:-  उन्हें कोई दिक्कत नहीं है। तुम ऑफिस जाना शुरु कर दो।
मैं मुस्कुरा कर रह गई। मम्मी को बताना जरूरी था कि मैं ऑफिस जाने वाली हूं। सुबह किचन में काम करते हुये मैंने कहा, मम्मी जी मैं मंडे से ऑफिस जाना शुरू कर रही हूं।
मम्मी:- हां ठीक है… सारे मेहमान चले गये हैं और रस्में भी पूरी हो गई है तो तुम अपना ऑफिस शुरू कर सकती हो। मुझे आश्चर्य हो रहा था कि सब इतनी आसानी और नॉर्मल तरीके से कैसे हो रहा है। रात में खाना खाने के बाद जब मैं अजय के साथ वॉक पर निकली तो उनसे पूछा कि घर में किसी को एतराज नहीं है मेरे काम करने पर?
अजय:-  जब हमारे रिश्ते की बात चल रही थी तब तुम्हारे पापा ने हमें पहले ही बता दिया था कि तुम नौकरी करना चाहती हो और उन्होंने कहा भी था कि लड़की आर्थिक रूप से मजबूत रहे तो ज्यादा अच्छा है। मम्मी ने बस इतना ही कहा था कि घर बाहर मैनेज कर लेगी तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। तुम्हारे पापा ने कहा कि आप लोगों का साथ और समय उसे जरुर मदद करेगा और मैं भी चाहता हूं कि तुम अपनी नौकरी नहीं छोड़ो।
मुझे पापा पर बहुत प्यार आया। मैं खुश थी।
सुबह मम्मी ने पूछा, “ऑफिस के लिए कितने बजे निकलेगी?”
नेहा:- मैं 9:00 बजे निकल जाऊंगी मम्मी ।
मम्मी:-  अरे अजय! इसे ऑफिस छोड़ते हुए चले जाना।
अजय:- हम दोनों का रूट अलग है मम्मी! इसे छोड़ने के चक्कर में मुझे लेट हो जाएगा।
नेहा:- कोई बात नहीं मैं रिक्शा से चली जाऊंगी।
मम्मी:- ठीक है कुछ दिन एडजस्ट कर लो। (अजय से कहते हुये) इसे टू व्हीलर दिला दो ताकि आने-जाने में सुविधा रहे।
मैं देख रही थी कि मम्मी मेरे सभी कामों में मदद करती थी और मैं धीरे-धीरे घर में सेट होते जा रही थी मम्मी धीरे धीरे जिम्मेदारियां मेरे ऊपर डाल रही थी मेरे मन का डर निकलते जा रहा था और घर में मैं रमते जा रही थी।
इधर स्मिता की भी शादी तय हो गई थी। मन में डर भी था और खुशी भी थी। कुछ नये सपने सजने लगे थे। नेहा को जब शादी का पता चला तो वह स्मिता को छेड़ने लगी।
नेहा:- अब तो महारानी के भाव नहीं मिलेंगे ! अब तो नखरे ही नखरे दिखेंगे! अब कहां मुझे याद रखोगी! अच्छा तुम जीजू से कब मिलवा रही हो ?
स्मिता:- फोन पर बात कर लो और फिर किसी दिन मिलवा भी दूंगी।
नेहा:- अच्छा यह बताओ तुम तो यहां ही बड़ी मुश्किल से नौकरी कर रही हो वहां पर लोग क्या बोल रहे हैं?
स्मिता:- अभी तक किसी ने कुछ कहा नहीं है आलोक को भी एतराज नहीं है मेरे काम करने से। सासू जी बोल रही थी कि मेरी तबीयत ठीक नहीं रहती है, मुझसे घर के काम अब संभाले नहीं जाते।
नेहा के मन में घर लौटते समय यही सवाल घूम रहा था कि स्मिता ससुराल में एडजस्ट कर पाएगी क्या? उसे सबका सपोर्ट मिलेगा क्या?
तय समय पर स्मिता की शादी हो गई। पहले ही दिन से स्मिता ने घर के काम संभाल लिए। ऑफिस की छुट्टी खत्म होते ही स्मिता ने घर में कहा कि कल से वह ऑफिस जा रही है। सास ने कहा, “नाश्ता खाना निपटा कर जाना मेरी तबीयत ठीक नहीं है।”
स्मिता:- जी मम्मी !
अगले दिन जब स्मिता ऑफिस जाने लगी तो सास में टोक दिया, “नई नई शादी हुई है थोड़ा बहुत तैयार होकर, साड़ी पहन कर जाया करो। तुमको तो कोई कुछ कहेगा नहीं मुझे ही सब कहेंगे कि बहू बहुत तेज है।”
स्मिता:- जी मम्मी ।
शादी के कुछ दिन गुजरने के बाद इस स्मिता अपनी सुविधानुसार कपड़े पहनकर ऑफिस जाने लगी। सास मुंह तो बना लेती पर कहती कुछ नहीं। बस बड़बड़ाते रहती कि हमारे वक्त में मजाल था कि हम अपने बड़ों के कहने से बाहर जाए और आजकल के बच्चे हैं जिन्हें कुछ सुनना ही नहीं।”
घर के रीति-रिवाज और तौर-तरीकों पर मम्मी जी मेरे मायके से तुलना करती रहती और मेरी कोशिश होती कि मैं जल्दी से जल्दी घर से ऑफिस चली जाऊं अगर आलोक का साथ ना होता तो शायद मैं ससुराल में सामंजस्य नहीं बैठा पाती। आलोक हर बात को हल्के में लेकर हंसी मजाक में उड़ा देते और मैं चैन की सांस लेती थी। कितना फर्क है है मेरे और नेहा के ससुराल में। नेहा की सास हर काम में मदद करती है और मुझे मदद की उम्मीद रखनी पड़ती है। मैं आलोक के सहारे सफर तय कर रही हूं। ससुराल और उनसे जुड़े रिश्तो के बारे में न जाने कितनी बातें होती रहती हैं यह सच है कि हम हर एक को एक ही तराजू मैं नहीं तोल सकते हैं।
प्रियंका वरमा माहेश्वरी
गुजरात

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छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय प्लेसमेन्ट सेल एवं क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय हेतु रोजगार मेले का आयोजन

कानपुर 9 जुलाई, भारतीय स्वरूप संवाददाता,  कुलपति प्रो० विनय कुमार पाठक के निर्देशन में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय प्लेसमेन्ट सेल एवं क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में समस्त सम्बद्ध महाविद्यालय के स्नातक एवं परास्नातक छात्र छात्राओं हेतु रोजगार मेले का आयोजन क्राइस्ट चर्च महाविद्यालय में किया गया। रोजगार मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ० आर०के० द्विवेदी निदेशक सी. डी. सी. छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, डॉ० आशुतोष सक्सेना समन्वयक सी.जी.पी.सी. काइस्ट चर्च कॉलेज, डॉ० प्रभात द्विवेदी, विश्वविद्यालय प्लेसमेन्ट सेल, डॉ० सबीना बोदरा उपप्राचार्या क्राइस्ट चर्च कालेज, डॉ० प्रशान्त त्रिवेदी सहायक प्रभारी प्लेसमेंट सेल, श्री सौरभ गुप्ता ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेन्ट अधिकारी, श्री अभिषेक मिश्रा, सी.जी. पी. सी. टीम काइस्ट चर्च के सदस्य डॉ शिप्रा श्रीवास्तव, डॉ. आरिफ खान, डॉ. अरविन्द सिंह, डॉ. हिमान्शु दीक्षित आदि द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि डॉ० आर०के० द्विवेदी निदेशक सी.डी.सी. ने सभी छात्रों को प्लेसमेन्ट के साथ-साथ उद्यमिता के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों के विषय में भी बताया।

डॉ० सबीना बोदरा उपप्राचार्या काइस्ट चर्च कालेज में छात्रों को अपने स्किल्स विकसित करने को कहा, डॉ० आशुतोष सक्सेना समन्वयक सी जी.पी.सी. ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय की प्लेसमेन्ट टीम का आभार व्यक्त कर छात्रों को रोजगार मेले में सहभाग करने के लिए प्रेरित किया। रोजगार मेले में विभिन्न प्रतिष्ठित कम्पनियों के प्रतिनिधियों ने रोजगार मेले में प्रतिभाग कर छात्र छात्राओं का साक्षात्कार लिया। जॉब फेयर में लगभग 500 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग कर साक्षात्कार दिये जिनमें साक्षात्कार उपरान्त कम्पनी प्रतिनिधियों द्वारा वीक ग्लोबल, डिजिटल पहचान, जस्ट डायल एवं लोहिया कार्पोरेशन में इन्टर्न हेतु लगभग छात्र-छात्राओं को विभिन्न पदों पर 15 से 3 लाख तक के सालाना पैकेज पर चयनित एवं अगले चरण के लिए शार्टलिस्ट किया।

इस अवसर पर डॉ० आशुतोष सक्सेना समन्वयक सी.जी.पी.सी काइस्ट चर्च, डॉ० प्रभात द्विवेदी प्रभारी विश्वविद्यालय प्लेसमेन्ट सेल, डॉ. हिमान्शु दीक्षित सी.जी.पी.सी. विश्वविद्यालय प्लेसमेन्ट सेल के सहायक प्रभारी डॉ० प्रशान्त त्रिवेदी एवं ट्रेनिंग एण्ड प्लेसमेन्ट अधिकारी सौरभ गुप्ता ने सभी कम्पनी प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया, उन्होनें बताया कि माननीय कुलपति महोदय के निर्देशानुसार आगामी माहों में विभिन्न महाविद्यालयो एवं विश्वविद्यिालय में छात्र- छात्राओं हेतु समय-समय पर रोजगार मेलों का आयोजन होता रहेंगे। रोजगार सम्बन्धी सभी सूचनाएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट प्लेसमेन्ट सेल की वेबसाइट, कॉलेज लॉगिन एवं प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के माध्यम से उपलब्ध कराई जायेगी। विश्वविद्यालय सभी प्रोफेशनल टेक्निकल व नॉनटेक्निकल छात्र-छात्राओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रयत्नशील है। रोजगार मेले में मुख्य रूप से अख्तर, मानसी, मुकेश कुमार ने जॉब फेयर का सुचारू रूप से क्रियान्वयन किया एवं जॉब फेयर के सफल आयोजन पर प्लेसमेन्ट प्रभारी डॉ० प्रभात द्विवेदी जी ने पूरी प्लेसमेन्ट टीम को बधाई दी व सभी को प्रोत्साहित किया।

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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केन्द्रीय इस्पात मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज यहां उद्योग भवन में नागरिक उड्डयन मंत्री के अपने मौजूदा प्रभार के अलावा केन्द्रीय इस्पात मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। इस्पात मंत्रालय के सचिव श्री संजय सिंह ने मंत्रालय में उनका स्वागत किया।

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इस्पात मंत्रालय का नया कार्यभार संभालने के बाद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री और देश के उनमें दर्शाए गए विश्वास और अपेक्षाओं को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई। मंत्री ने कहा, “यह सब जानते हैं कि इस्पात क्षेत्र राष्ट्र निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमारा उद्देश्य इस क्षेत्र को अपनी उच्चतम क्षमता तक ले जाना है, ताकि यह आत्मानिर्भर भारत की परिकल्पना के तहत विकास का एक मजबूत इंजन बन सके।”  सिंधिया राज्यसभा में सांसद के रूप में मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं और नागरिक उड्डयन मंत्रालय और इस्पात मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री हैं। वह पांच बार से संसद सदस्य हैं और इसमें उनके लोकसभा में चार कार्यकाल (2002-04, 2004-09, 2009-14 और 2014-19) शामिल हैं। श्री सिंधिया ने 2002 में जनसेवा शुरू की। 2008 में उन्होंने दूरसंचार, डाक और आईटी राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया; 2009 में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में और फिर 2012 में विद्युत मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में कार्य किया।

सिंधिया के पास अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री और अमेरिका की ही स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की डिग्री है।

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आईएनएस तरकश की – लंबी दूरी की विदेशी तैनाती

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भारतीय नौसेना के कई अत्याधुनिक उपकरणों से लैस और रडार की पहुंच से बचने में सक्षम आईएनएस तरकश ने अपनी लंबी दूरी की विदेशी तैनाती के हिस्से के रूप में जिबूती का दौरा किया और उसके बाद सूडान की नौसेना के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास किया। यह पोत ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में तैनात है, जिसका उद्देश्य भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में दक्षिण अमरीका में तिरंगा फहराना है।https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/Pix(2)(2)3A57.jpeg

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह पर आईएनएस तरकश के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन अब्राहम सैमुअल ने जिबूती में भारत के माननीय राजदूत श्री रामचंद्रन चंद्रमौली से मुलाकात की। भारतीय नौसेना अपने मिशन-आधारित तैनाती सिद्धांत के हिस्से के रूप में अदन की खाड़ी में निरंतर अपनी उपस्थिति बनाए रखती है।

आईएनएस तरकश ने 07 जुलाई 2022 को सूडान के नौसेना बेस के पास लाल सागर में सूडान नौसेना के जहाजों अल्माज (पीसी 411) और निमेर (पीसी 413) के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास भी किया। इस युद्धाभ्यास के दौरान दाव-पेंच, हेलीकॉप्टर द्वारा समुद्री जहाजों की पुनः पूर्ति के लिए उड़ान संचालन, यात्रा और बोर्ड संचालन तथा संचार प्रक्रियाएं शामिल थीं। साझेदारी अभ्यास से पेशेवर अनुभवों के आदान-प्रदान और दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करने का अवसर प्राप्त हुआ।

आईएनएस तरकश एक अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म है और इसमें एक हथियार-सेंसर फिट है, जो इसे अपने सामने आने वाले खतरों से निपटने के सभी आयामों में सक्षम बनाता है। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, पश्चिमी नौसेना कमान के संचालन कमान के तहत कार्य करता है।

 

 

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जापान के पूर्व प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे के निधन पर सम्मान स्वरूप कल एक दिन का राष्ट्रीय शोक

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे का 08 जुलाई 2022 को निधन हो गया। दिवंगत गणमान्य व्यक्ति के सम्मान में, भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि कल पूरे भारत में एक दिन का राष्ट्रीय शोक होगा।

पूरे भारत में शोक के दिन राष्ट्रीय ध्वज उन सभी भवनों पर आधे पर झुके रहेंगे, जहां राष्ट्रीय ध्वज नियमित रूप से फहराये जाते हैं और इस दिन कोई आधिकारिक मनोरंजन नहीं होगा।

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श्री अनुराग ठाकुर ने खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कार, राष्ट्रीय कल्याण एवं पेंशन की संशोधित योजनाओं का शुभारंभ किया

केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज नई दिल्ली में खिलाड़ियों के लिए नकद पुरस्कार, राष्ट्रीय कल्याण और पेंशन की संशोधित योजनाओं, खेल विभाग की योजनाओं के लिए वेब पोर्टल (dbtyas-sports.gov.in) और राष्ट्रीय खेल विकास कोष वेबसाइट (nsdf.yas.gov.in) का भी शुभारंभ किया। अनुराग ठाकुर ने बताया कि युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने खेल विभाग की इन योजनाओं को उपयोगकर्ता के लिए अधिक अनुकूल, उपयोग में आसान और पारदर्शी बनाने की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं एवं उनके प्रशिक्षकों के लिए नकद पुरस्कार की योजना, खिलाड़ियों के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष (पीडीयूएनडब्ल्यूएफएस) और मेधावी खिलाड़ी पेंशन योजना में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। केंद्रीय मंत्री ने नागरिकों को सशक्त बनाने तथा सरकार एवं नागरिकों के बीच की खाई को कम करने, प्रणाली और सुविधाओं, समस्याओं व समाधानों का उपाय करने के साथ-साथ न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए डिजिटल इंडिया की दिशा में एक और कदम के रूप में इस विकास की सराहना की। श्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इन संशोधित योजनाओं से रिकॉर्ड समय में खिलाड़ियों को लाभ देने के लिए अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही आयेगी।

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श्री ठाकुर ने कहा कि अब कोई भी खिलाड़ी अपनी पात्रता के अनुसार तीनों योजनाओं के लिए सीधे आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा, “पहले खेल संघों/भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से प्रस्ताव प्राप्त भेजे जाते थे, जो प्रस्तावों को प्रस्तुत करने में काफी समय लेते थे। कभी-कभी प्रस्ताव को स्वीकृत करने में 1-2 वर्ष से अधिक समय लग जाता था। नकद पुरस्कार की समय पर प्रस्तुति और बाद में अनुमोदन सुनिश्चित करने के लिए, आवेदक को अब विशेष आयोजन के समापन की अंतिम तिथि से छह महीने के भीतर नकद पुरस्कार योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए तीनों योजनाओं में सत्यापन प्रक्रिया को काफी हद तक आसान कर दिया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रशिक्षक को समय पर नकद पुरस्कार प्रदान करने के उद्देश्य से, योजना में आवश्यक बदलाव किए गए हैं। डेफलिम्पिक्स के एथलीटों को भी पेंशन का लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा, “खेल विभाग ने इन योजनाओं में उपरोक्त सुविधाओं को लागू करने के लिए, खेल विभाग की उपरोक्त योजनाओं के तहत लाभ लेने के लिए आवेदन करने में खिलाड़ियों की सुविधा के लिए वेब पोर्टल dbtyas-sports.gov.in विकसित किया है।” ठाकुर ने कहा कि यह ऑनलाइन पोर्टल खिलाड़ियों द्वारा आवेदनों के वास्तविक समय का पता लगाने और उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजे गए वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के माध्यम से प्रमाणीकरण की सुविधा प्रदान करेगा। आवेदकों द्वारा मंत्रालय को व्यक्तिगत रूप से आवेदन जमा करने की अब आवश्यकता नहीं होगी। पोर्टल को डीबीटी-एमआईएस के साथ भी जोड़ दिया गया है, जो भारत सरकार के डीबीटी मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए खिलाड़ियों को सीधे उनके बैंक खातों में धन के हस्तांतरण को  संभव बनाएगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि पोर्टल न केवल समयबद्ध तरीके से सभी आवेदनों के त्वरित निपटान में विभाग की मदद करेगा, बल्कि इसका उपयोग विभिन्न प्रकार की आवश्यक रिपोर्ट और खिलाड़ियों के डेटा प्रबंधन के लिए भी किया जाएगा। खिलाड़ियों की आवश्यकता व प्रचलित परिदृश्यों के अनुरूप समय-समय पर ऑनलाइन पोर्टल को और उन्नत किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विभाग ने ‘राष्ट्रीय खेल विकास कोष’ (एनएसडीएफ) के लिए एक समर्पित इंटरैक्टिव वेबसाइट nsdf.yas.gov.in भी विकसित की है। यह कोष देश में खेलों के प्रचार और विकास के लिए केंद्र व राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी कंपनियों और व्यक्तियों आदि के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के माध्यम से प्राप्त योगदान पर आधारित है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि पोर्टल के माध्यम से अब खिलाड़ी, खेल सुविधाओं और खेल आयोजनों के लिए व्यक्तिगत, संस्था और कॉर्पोरेट संगठन सीधे योगदान कर सकते हैं। एनएसडीएफ कोष का उपयोग लक्ष्य ओलंपिक पोडियम (टीओपी) योजना, प्रख्यात खिलाड़ियों और खेल संगठनों द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास आदि के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा, “यह समर्पित वेबसाइट न केवल खिलाड़ियों को बल्कि सीएसआर के लिए योगदानकर्ताओं को भी आसान और पारदर्शी पहुंच प्रदान करेगी। यह वेबसाइट देश में खेलों के विकास के लिए एनएसडीएफ को बड़ी सफलता दिलाने में हमारी मदद करेगी।”

 

 

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वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की अध्यक्षता की

केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामले मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के प्रमुखों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के दौरान, आरआरबी में परिचालन और शासन सुधारों एवं पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के प्रदर्शन की समीक्षा की गई।

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वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने प्रायोजक बैंकों के प्रमुखों और आरआरबी के अध्यक्षों के साथ आरआरबी के प्रदर्शन की समीक्षा की। वित्त मंत्री ने वित्तीय समावेशन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ऋण जरूरतों को पूरा करने में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित किया। वित्त मंत्री ने प्रायोजक बैंकों से आरआरबी को और मजबूत करने और महामारी के बाद आर्थिक सुधार का समर्थन करने के लिए समयबद्ध तरीके से एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने का आग्रह किया। श्रीमती सीतारमण ने आईबीए और प्रायोजक बैंकों को आगामी समय में आरआरबी में तकनीकी प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाने की सलाह दी। वित्त मंत्री ने आरआरबी की एक कार्यशाला आयोजित करने का सुझाव दिया ताकि वे एक दूसरे के साथ सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को साझा कर सकें।

श्रीमती सीतारमण ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जुलाई के अंत तक ऑन एकाउंट एग्रीगेटर सिस्टम ऑनबोर्ड करने का निर्देश दिया।

दूसरे सत्र में, श्रीमती सीतारमण ने बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के साथ पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र को केसीसी जारी करने की प्रगति की समीक्षा की। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला भी इस सत्र में शामिल हुए। दोनों सत्रों के दौरान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किसानराव कराड भी मौजूद रहे। अधिक से अधिक किसानों को केसीसी ऋण का लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से, 2 लाख करोड़ रुपए के ऋण प्रोत्साहन के साथ केसीसी के तहत 2.5 करोड़ किसानों को आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत कवर करने के लिए एक विशेष केसीसी संतृप्ति अभियान का शुभारंभ किया गया था। उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई, 2022 तक 3.26 करोड़ किसानों (19.56 लाख पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन किसानों सहित) को केसीसी योजना के तहत कवर किया गया है, जिसकी स्वीकृत ऋण सीमा 3.70 लाख करोड़ रुपए है। अर्थव्यवस्था में पशुपालन और मत्स्य पालन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रदर्शन की विस्तृत समीक्षा के दौरान, वित्त मंत्री ने बैंकों को लंबित केसीसी आवेदनों का समयबद्ध निपटान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। एफएम ने बैंकों को केसीसी के साथ पशु पालन और मछली पकड़ने में लगे सभी लोगों को लाभान्वित करने के लिए शिविर आयोजित करने का भी निर्देश दिया। श्री रूपाला ने पशुपालन और मत्स्य पालन किसान को केसीसी प्रदान करने में बैंकों के प्रयासों की सराहना की और उनसे केसीसी योजना के तहत ऋण स्वीकृत करते समय छोटे मछुआरों और पशुपालन में शामिल लोगों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखने का आग्रह किया। श्रीमती सीतारमण ने अधिकारियों को सभी हितधारकों के साथ केसीसी योजना के प्रदर्शन की समय-समय पर समीक्षा करने का निर्देश दिया ताकि योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों की अधिकतम संख्या तक पहुंच सके।

 

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प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे शिंजो के दुःखद निधन पर गहरा शोक और दुःख व्यक्त किया

प्रधानमंत्री मोदी ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री आबे शिंजो के दुःखद निधन पर गहरा शोक और दुःख व्यक्त किया है। श्री मोदी ने श्री आबे के साथ अपने संबंध एवं दोस्ती को भी रेखांकित किया और भारत-जापान संबंधों को एक विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी स्तर तक लाने में उनके महती योगदान की चर्चा की। श्री मोदी ने आबे शिंजो के प्रति गहरा सम्मान दर्शाते हुए 9 जुलाई 2022 को एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने टोक्यो में आबे शिंजो के साथ अपने हाल की बैठक की एक तस्वीर भी साझा की।

ट्वीट की एक श्रृंखला के माध्यम से, प्रधानमंत्री ने कहा;

“मैं अपने सबसे प्रिय दोस्तों में से एक शिंजो आबे के दुःखद निधन से स्तब्ध और दुखी हूं। वो एक महान वैश्विक राजनीतिज्ञ, एक उत्कृष्ट नेता और एक योग्य प्रशासक थे। उन्होंने जापान और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया।”

“श्री आबे के साथ मेरे संबंध कई साल पुराने हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मेरा उनसे परिचय हुआ और मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद भी हमारी दोस्ती जारी रही। अर्थव्यवस्था और वैश्विक मामलों पर उनकी तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि ने हमेशा मुझ पर गहरी छाप छोड़ी।”

“मेरी हाल की जापान यात्रा के दौरान, मुझे श्री आबे से एक बार फिर मिलने और कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। वो हमेशा की तरह विनोदपूर्ण और तीक्ष्ण थे। मुझे क्या पता था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। मेरी हार्दिक संवेदनाएं उनके परिवार और जापान के लोगों के साथ हैं।”

“श्री आबे ने भारत-जापान संबंधों को एक विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी स्तर तक लाने में महती योगदान दिया। आज पूरा भारत जापान के साथ शोक मना रहा है और इस मुश्किल घड़ी में हम अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ खड़े हैं।”

“पूर्व प्रधानमंत्री आबे शिंजो के प्रति हमारे गहरे सम्मान के प्रतीक के रूप में, 9 जुलाई 2022 को एक-दिवसीय राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा।”

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सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीतरगांव के चिकित्सा अधीक्षक एवं आशा बहू की बातचीत का आडियो हुआ वायरल डिलीवरी कराने के नाम पर उत्कोच मांगने संबंधी आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भीतरगांव के चिकित्सा अधीक्षक एवं आशा बहू की बातचीत का आडियो वायरल हुआ जिसमे डिलीवरी कराने के नाम पर उत्कोच मांगने संबंधी आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उक्त वायरल आडियों को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी श्री विशाख जी द्वारा प्रकरण की जांच हेतु उप जिलाधिकारी, नर्वल एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी को नामित किया गया। समिति द्वारा प्रकरण की जांच की आख्या उपलब्ध करायी गयी, जिसमें जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा डा0 अजय मौर्य के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु शासन को संस्तुति की गयी है एवं संबंधित आशा बहू के विरूद्ध कार्यवाही हेतु मुख्य चिकित्साधिकारी, कानपुर नगर को निर्देशित किया गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर डॉक्टर अजय मौर्य को एम आई सी भीतरगांव के पद से हटाते हुए डॉक्टर एम0पी0 तिवारी को एमओआईसी भीतरगांव के रूप में तैनात किया गया है।

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गुजैनी थाना के पुलिसकर्मियों पर लगा 43000 रुपए छीनने का आरोप

कानपुर 8 जुलाई, भारतीय स्वरूप संवाददाता, बिगत दिनों थाना क्षेत्र गुजैनी में लूट व चोरी के माल को फर्जी बरामद करने के मामले में थानाध्यक्ष सहित खुलासा करने वाली पुलिस टीम पर लूट के मामले में एक निर्दोष को जेल भेजने का गम्भीर आरोप स्वयं वादी मुकदमा व मौके के चश्मदीद गवाह द्वारा लगाया जा चुका है। इसी क्रम में गुजैनी थाना के सिपाहियों पर एक युवक द्वारा रुपये छीन लेने व फर्जी तौर पर जुआ खेलते दिखाने का गम्भीर आरोप लगाया गया है। जानकारी के अनुसार, गुजैनी थाना क्षेत्र में रामगोपाल चौराहे में दो युवकों को जुआ खेलने के आरोप में पकड़ा गया था। जिसमे दोनों युवकों पर धारा 13 जी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई थी जिसमें युवकों के पास 9500 रुपये की रकम बरामदी पुलिस द्वारा बताई गई थी। किन्तु आज इनमें से एक आरोपी सुमित कुमार द्वारा डीसीपी साउथ के यहां प्रार्थना पत्र दिया गया है जिसमें सुमित ने गुजैनी थाना के पुलिसकर्मियों पर रुपये छीनने का आरोप लगाया है। सुमित के अनुसार, विगत 6 जुलाई को दिन में करीब 3 बजे बोरिंग का काम करने वाले मिस्त्री के यहां रामगोपाल चौराहे कच्ची बस्ती में गए थे। तभी अचानक वहां पीछे से गुजैनी थाना के उप निरीक्षक गौरव शौलिया व कांस्टेबल सुधीप, अजय, रामबाबू आ धमके और सुमित व मिस्त्री महेश मिश्रा को पकड़ लिया। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों ने जोर जोर धमकाकर कहा कि जुआ खेल रहे हो और यह कहते हुए कांस्टेबल सुधीप ने सुमित की जेब में रखे 43000 रुपए छीन लिए। इसके बाद दोनों को थाने में लाकर बंद कर दिया। सुमित न आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने रुपये हजम करने के उद्देश्य से जुआ खेलता दिखाकर चालान कर दिया गया। आज सुमित ने डीसीपी साउथ के यहां गुजैनी थाना के पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर डीसीपी साउथ से न्याय की गुहार लगाई है। इस संदर्भ में जब गुजैनी थाना प्रभारी रवि शंकर त्रिपाठी से जानकारी की गई तो उन्होंने कहा कि सुमित द्वारा लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। बताते चलें कि गुजैनी थाना क्षेत्र के गुजैनी नहर के पास घटित दो घटनाओं को एक बनाकर, एक घटना के पीड़ित को वादी व एक घटना के पीड़ित को चश्मदीद गवाह बनाकर, तीन में आरोपियों को गिरफ्तारी दिखाते हुए गुडवर्क के चक्कर में मनगढ़न्त कहानी बनाकर फर्जी खुलासा करने का गम्भीर आरोप लग चुका है जो सुर्खियों में बना हुआ है। इस मामले में एक आरोपी को निर्दोष को जेल भेज देने का आरोप थानाध्यक्ष रवि शंकर त्रिपाठी, तत्कालीन उप निरीक्षक राकेश दीक्षित, उप निरीक्षक अरुण कुमार, उप निरीक्षक रिन्कू कुमार, हे. का. देवेन्द्र सिंह, का. ऋषि यादव व का अजय कुमार पर लग चुका है।

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