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आरपीएफ के डीजी ने आरपीएफ कर्मचारियों के लिए भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर पुस्तिकाएं जारी कीं

नए कानूनी ढांचे पर अमल किए जाने को सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के महानिदेशक (डीजी)  मनोज यादव ने आज नई दिल्ली में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 और भारतीय साख्य अधिनियम (बीएसए), 2023 पर समग्र पुस्तिकाएं जारी कीं।

ये पुस्तिकाएं आरपीएफ कर्मचारियों के लिए एक आवश्यक मार्गदर्शिका के रूप में काम करने के लिए तैयार की गई हैं, जो नए अधिनियमित कानूनों के अनुसार कानूनी प्रक्रियाओं के बारे में बताती हैं। पुस्तिकाओं का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आरपीएफ कर्मचारी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (आईईए) से संबंधित नए अधिनियमों को लागू करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हैं। विस्तृत स्पष्टीकरण और व्यावहारिक मार्गदर्शन के साथ, पुस्तिकाएं बल (आरपीएफ) को न्याय को बनाए रखने और कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से बनाए रखने में सक्षम बनाएंगी।

आरपीएफ के महानिदेशक ने इन पुस्तिकाओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये पुस्तिकाएं सुचारू और कुशल परिवर्तन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आरपीएफ कर्मचारियों की कानूनी दक्षता बढ़ाने तथा बल के भीतर कानूनी प्रक्रियाओं को सुचारू बनाने की दिशा में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हैं। इससे कानून के शासन को बनाए रखने और न्याय प्रदान करने की बल की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।

मुद्रित संस्करणों के अलावा, आज पुस्तिकाओं की ई-फ्लिपबुक भी जारी की गई। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 के लिए पुस्तिका के साथ ये डिजिटल संस्करण जेआर आरपीएफ अकादमी की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं और मोबाइल फोन और डेस्कटॉप कंप्यूटर दोनों के लिए अनुकूल हैं, जिससे सभी आरपीएफ कर्मियों के लिए इन तक आसान पहुंच सुनिश्चित होती है। फ्लिपबुक के लिंक इस प्रकार हैं: