नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान लगभग 700 लोग व्यक्तिगत रूप से मौजूद थे तथा लगभग 500 गैर-सरकारी संगठनों के एक लाख से अधिक लोग वर्चुअल रूप से जुड़े थे।
इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि नशे की लत को खत्म करने की चुनौती से निपटने के लिए समाज के सभी लोगों को एकजुट होकर इस सामाजिक उद्देश्य के लिए संघर्ष करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा, उन्होंने नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए सभी गैर-सरकारी संगठनों और आध्यात्मिक संगठनों की सराहना की। इसके लिए युवाओं में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एक करोड़ लोगों को जागरूक करेगा और समाज के सामूहिक प्रयासों से 100 दिनों के भीतर देश भर के सभी जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान चलाया जाएगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठावले ने कहा कि नशे की लत न केवल नशा करने वाले व्यक्ति को बल्कि उसके पूरे परिवार को प्रभावित करती है। उन्होंने सभी गैर-सरकारी संगठनों से नशा मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूर्ण समर्पण के साथ काम करने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि मंत्रालय उनके नशा मुक्ति केंद्रों को चलाने में उनकी मदद करेगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा ने अपने भाषण में मंत्रालय की एनएपीडीडीआर योजना पर प्रकाश डाला एवं उसकी सराहना की और बताया कि किस प्रकार नशा मुक्त भारत अभियान ने नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने में मदद की है। उन्होंने नशा मुक्त भारत अभियान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव ने अपने स्वागत भाषण में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।
सुखमंच थियेटर ग्रुप ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से नशे की लत के दुष्प्रभावों तथा पूरे समाज पर इसके प्रतिकूल प्रभाव को बहुत ही खूबसूरती से प्रदर्शित किया।
पृष्ठभूमि
मादक पदार्थ उपयोग विकार एक ऐसा मुद्दा है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। किसी भी मादक पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि उसके परिवार और पूरे समाज को भी बाधित करती है। विभिन्न मनो-सक्रिय पदार्थों के नियमित सेवन से व्यक्ति की उस पर निर्भरता बढ़ जाती है। कुछ मादक पदार्थ यौगिक न्यूरो-मनोवैज्ञानिक विकारों, हृदय संबंधी बीमारियों के साथ-साथ दुर्घटनाओं, आत्महत्याओं और हिंसा का कारण बन सकते हैं। इसलिए, पदार्थ के उपयोग और उस पर निर्भरता को एक मनो-सामाजिक-चिकित्सा समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय देश में नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने के लिए नोडल मंत्रालय है, जो नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम, समस्या की सीमा का आकलन, निवारक कार्रवाई, उपयोगकर्ताओं के उपचार और पुनर्वास, सूचना के प्रसार के सभी पहलुओं का समन्वय और निगरानी करता है।
इस मंत्रालय ने महत्वाकांक्षी नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) शुरू किया है और वर्तमान में यह देश के सभी जिलों में संचालित है। इसका उद्देश्य युवाओं में मादक पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है, जिसमें उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और समुदाय तक पहुंच बनाई जा रही है। इस अभियान में समुदाय की भागीदारी और स्वामित्व को बढ़ाया जा रहा है।
नशा मुक्त भारत अभियान की उपलब्धियां:
- जमीनी स्तर अब तक पर की गई विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से 11 करोड़ से अधिक लोगों को मादक पदार्थों के सेवन के प्रति जागरूक किया गया है, जिनमें 3.50 करोड़ से अधिक युवा और 2.32 करोड़ से अधिक महिलाएं शामिल हैं।
- 3.35 लाख से अधिक शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया है कि इस अभियान का संदेश देश के बच्चों और युवाओं तक पहुंचा है।
- 8,000 से अधिक कुशल स्वयंसेवकों (मास्टर वालंटियर्स-एमवी) की एक मजबूत टीम की पहचान की गई है और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है।
- अभियान के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम के माध्यम से जागरूकता फैलाई जाएगी।
- एनएमबीए गतिविधियों के आंकड़ों को एकत्रित करने और जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एनएमबीए डैशबोर्ड पर प्रदर्शित करने के लिए एनएमबीए मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया गया है।
- एनएमबीए वेबसाइट (http://nmba.dosje.gov.in) उपयोगकर्ता/दर्शक को अभियान, एक ऑनलाइन चर्चा मंच, एनएमबीए डैशबोर्ड, ई-प्रतिज्ञा के बारे में विस्तृत जानकारी और अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
- नशा मुक्त होने के लिए आयोजित राष्ट्रीय ऑनलाइन शपथ में 99,595 शैक्षणिक संस्थानों के 1.67 करोड़ से अधिक विद्यार्थियों ने नशा मुक्त होने की शपथ ली।
- युवाओं व अन्य हितधारकों को जोड़ने और उनसे जुड़ने के लिए ‘नशे से आजादी – एक राष्ट्रीय युवा और छात्र संपर्क कार्यक्रम’, ‘नया भारत, नशा मुक्त भारत’, ‘एनसीसी के साथ नशा मुक्त भारत अभियान संपर्क’ जैसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं।
- नशा मुक्त भारत अभियान को सहयोग देने तथा जन जागरूकता गतिविधियां संचालित करने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग, ब्रह्माकुमारीज, संत निरंकारी मिशन, राम चंद्र मिशन (दाजी), इस्कॉन तथा अखिल विश्व गायत्री परिवार जैसे आध्यात्मिक/सामाजिक सेवा संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
- फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर हैंडल बनाकर और उन पर दैनिक अपडेट साझा करके इस अभियान के संदेश को ऑनलाइन फैलाने के लिए प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया का प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया है।
- जिलों और कुशल स्वयंसेवकों द्वारा वास्तविक समय पर जमीनी स्तर पर होने वाली गतिविधियों का डेटा एकत्र करने के लिए एक एंड्रॉइड आधारित मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया गया है। इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर पर रखा गया है।
- सभी नशामुक्ति सुविधाओं को जियो-टैग किया गया है, ताकि आम जनता आसानी से इसका फायदा उठा सके।
हर साल 26 जून को अन्तर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग और अवैध तस्करी निवारण दिवस के रूप में मनाया जाता है। मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी निवारण दिवस मनाने के लिए 20.06.2024 से 26.06.2024 तक सप्ताह भर चलने वाली ऑनलाइन गतिविधियों का आयोजन किया। इन गतिविधियों में निबंध लेखन प्रतियोगिता, नशा मुक्त जीवनशैली के लिए योग, ध्यान और सचेत रहने को बढ़ावा देना, एनएमबीए के तहत सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन, नशा मुक्त अभियान का नेतृत्व करने के लिए विश्वविद्यालय के छात्रों को शामिल करना, नशा मुक्त भारत बनाने में निचले स्तर से महिलाओं की भूमिका आदि शामिल हैं।
देश भर के सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों और डीसी/डीएम से अनुरोध किया गया कि वे राज्य और जिला स्तर पर एनएमबीए के तहत नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार के साथ-साथ रैलियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, सेमिनार, कार्यशालाएं, शपथ जैसे विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन/आयोजन के लिए आवश्यक कदम उठाएं।