1500 एचपी का यह इंजन सेना की प्रोपल्शन सिस्टम में एक नये बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें उच्च शक्ति-के समक्ष-भार का अनुपात, उंचाई वाले स्थानों, शून्य से नीचे तापमान और रेगिस्तानों सहित कठिन परिस्थितियों में संचालन क्षमता जैसी कई अत्याधुनिक विशेषतायें शामिल हैं। आधुनिक तकनीक से सुसज्जित यह इंजन पूरी दुनिया में उपलब्ध सबसे आधुनिक इंजनों की बराबरी वाला है।
परीक्षण सेल का उद्घाटन करते हुये रक्षा सचिव ने इस उपलब्धि को एक परिवर्तनकारी क्षण बताया जो कि सशस्त्र सेनाओं की क्षमता को बढ़ायेगा। बीईएमएल के सीएमडी श्री शांतनु राय ने कहा कि यह सफलता देश में रक्षा उत्पादन में एक प्रमुख योगदानकर्ता के तौर पर बीईएमएल की स्थिति को और मजबूत बनाती है और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में राष्ट्र की आवश्यकताओं को पूरा करने की उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
1500 एचपी इंजन का यह पहला परीक्षण प्रौद्योगिकी स्थिरीकरण पर ध्यान केन्द्रित करते हुये पहले उत्पादन के पूरा होने का प्रतीक है। दूसरे चरण के उत्पादन में बीईएमएल डीआरडीओ की प्रयोगशाला युद्धक वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान में विभिन्न परीक्षणों के लिये इंजन का उत्पादन करेगी और फिर उनके उपयोगकर्ता परीक्षण के लिये वास्तविक वाहनों में उन्हें लगायेगी। परियोजना 2025 के मध्य तक पूरी होनी है। अगस्त 2020 में शुरू इस परियोजना को पांच पड़ावों के साथ पूरी सावधानी से तैयार किया गया है जिसमें सभी गुणवत्ता मानकों का पालन करते हुये इसे तय समय पर पूरा करना सुनिश्चित किया गया है।
रक्षा सचिव ने इस अवसर पर बीईएमएल टीम द्वारा किये गये असाधारण प्रयासों को मान्यता देने के लिये ‘वॉल ऑफ फेम’ का भी उद्घाटन किया। यह देश की रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण और स्वदेशी प्रौद्योगिकीय नवाचार में नये कीर्तिमान हासिल करने में उनके योगदान का प्रतीक है। कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारी, उद्योग जगत के भागीदार और बीईएमएल लिमिटेड के अधिकारी उपस्थित थे।