इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह, अयोध्या के सांसद श्री लल्लू सिंह और अहमदाबाद से संसद सदस्य डॉ. किरीट प्रेमजीभाई सोलंकी उपस्थित थे।
विमान सेवा इंडिगो इस मार्ग पर परिचालन करेगी और निम्नलिखित समय-सारणी के अनुसार 11 जनवरी 2024 से अहमदाबाद – अयोध्या – अहमदाबाद (सप्ताह में तीन बार) के बीच उड़ान शुरू होगी:
फ्लाइट नं. | से | तक | फ्रिक्वेंस | प्रस्थान समय | आगमन समय | विमान | से प्रभावी |
6ई-6375 | अहमदाबाद | अयोध्या | .2.4.6. | 09:10 | 11:00 बजे | एयरबस | 11 जनवरी, 2024 |
6ई-112 | अयोध्या | अहमदाबाद | .2.4.6. | 11:30 | 13:40 |
नागर विमानन और इस्पात मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि अयोध्या से अहमदाबाद के लिए सीधी उड़ान से दोनों शहरों के बीच हवाई कनेक्टिविटी को और बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि दोनों शहर सही अर्थ में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर अहमदाबाद भारत की आर्थिक शक्ति का प्रतीक है तो दूसरी ओर अयोध्या भारत की आध्यात्मिक और सभ्यतागत शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। दोनों शहरों के बीच हवाई संपर्क से आर्थिक विकास होगा, यात्रा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने 20 महीने के रिकॉर्ड समय में अयोध्या हवाई अड्डे के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि आवंटित करने में सहयोग के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ को भी धन्यवाद दिया।
मंत्री महोदय ने यह भी दोहराया कि हवाईअड्डा प्रधानमंत्री के इस विचार को पूरा कर रहा है कि हवाईअड्डे केवल ‘हवाईअड्डे’ नहीं हैं बल्कि किसी क्षेत्र के लोकाचार, संस्कृति और इतिहास के प्रवेश द्वार भी हैं। महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की बाहरी संरचना राम मंदिर से प्रेरित है, और टर्मिनल भवन सुंदर चित्रों और कलाकृतियों के माध्यम से भगवान राम की जीवन यात्रा को दर्शाता है।
मंत्री महोदय ने उत्तर प्रदेश में पिछले 9 वर्षों में विमानन क्षेत्र की वृद्धि के बारे में कहा कि 2014 में उत्तर प्रदेश में केवल 6 हवाई अड्डे थे और अब राज्य में 10 हवाई अड्डे हैं, जिनमें अयोध्या में महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भी शामिल है। उत्तर प्रदेश में अगले महीने तक 5 और हवाई अड्डे होंगे, जिनमें आज़मगढ़, अलीगढ़, मोरादाबाद, श्रावस्ती और चित्रकूट में एक-एक हवाई अड्डा होगा। इसके अलावा 2024 के अंत तक जेवर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी तैयार हो जाएगा। कुल मिलाकर भविष्य में यूपी में 19 हवाई अड्डे होंगे।
मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि वर्तमान में महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा 6500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में बनाया गया है, जिसमें व्यस्त समय में 600 हवाई यात्रियों को संभालने की क्षमता है, जिसे अगले चरण में 50,000 वर्ग मीटर तक विस्तारित किया जाएगा और क्षमता को 3000 यात्रियों तक बढ़ाया जाएगा। इसी प्रकार 2200 मीटर लंबे रनवे को बढ़ाकर 3700 मीटर तक किया जाएगा ताकि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बड़े विमान भी अयोध्या से ही चल सकें।
मंत्री महोदय ने विमानन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश सरकार के काम की भी सराहना की क्योंकि पिछले 9 वर्षों में हवाई कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ी है। राज्य 2014 में केवल 18 शहरों से जुड़ा था और अब 41 शहरों से जुड़ा है। इसी प्रकार राज्य में 2014 में साप्ताहिक रूप से केवल 700 उड़ानों की आवाजाही होती थी, जो अब बढ़कर प्रति सप्ताह 1654 उड़ानों की आवाजाही हो गई है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने महर्षि वाल्मिकी अयोध्या अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का विकास निर्धारित समय में पूरा कराने के लिए श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या से इस नई हवाई कनेक्टिविटी से पर्यटन, व्यापार और निवेश के और रास्ते खुलेंगे।
कार्यक्रम में नागर विमानन सचिव श्री वुमलुनमंग वुअलनाम, संयुक्त सचिव श्री असुंगबा चुबा आओ, इंडिगो के विशेष निदेशक श्री आरके सिंह भी उपस्थित थे।