भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) के लिए एक महत्वपूर्ण पहल, डीसीजी परियोजना तकनीकी प्रगति की एक व्यापक गाथा प्रस्तुत करेगी, जिसमें एक उन्नत डेटा सेंटर का निर्माण, एक मजबूत आपदा रिकवरी डेटा सेंटर की स्थापना, आईसीजी साइटों पर कनेक्टिविटी का विस्तार और ईआरपी प्रणाली का विकास शामिल है। यह परियोजना सुरक्षित एमपीएलएस/वीएसएटी कनेक्टिविटी का भी लाभ उठाती है, जो स्वयं को अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी में सबसे आगे ले जाती है।
डीसीजी परियोजना नवीनतम तकनीकी क्षमताओं से लैस टियर-III मानक डेटा सेंटर की स्थापना का प्रतीक है। यह शक्ति केंद्र के रूप में कार्य करते हुए आईसीजी द्वारा तैनात एप्लीकेशनों की केंद्रीकृत निगरानी और प्रबंधन को सक्षम बनाता है, जिससे आईसीजी की महत्वपूर्ण आईटी संपत्तियों की सतर्क निगरानी सुनिश्चित होती है।
इस परियोजना से पांच वर्षों की अवधि में लगभग डेढ़ लाख मानव-दिवस के सृजन का अनुमान है, जिससे भारतीय उद्योगों के विभिन्न क्षेत्रों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा और इस प्रकार रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्ति के सरकार के प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।