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सीएसआईआर-सीएसआईओ और केएएमपी: 100 से अधिक युवा छात्रों को एक प्रेरक यात्रा के जरिए भविष्य के वैज्ञानिक मस्तिष्कों को प्रोत्साहित किया गया

6 नवंबर, 2023 को चंडीगढ़ स्थित सीएसआईआर-केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन ने नॉलेज और अवेयरनेस मैपिंग प्लेटफॉर्म (केएएमपी) के सहयोग से एक गतिशील वैज्ञानिक भ्रमण की मेजबानी की। संगठन ने राजस्थान स्थित गुढ़ा इंटरनेशनल स्कूल के 100 से अधिक उत्साही छात्रों का स्वागत किया।

इस परिवर्तनकारी भ्रमण ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र को विस्तृत रूप से सामने रखा, जिससे छात्रों में वैज्ञानिक अन्वेषण को लेकर जिज्ञासा और उत्साह उत्पन्न हुआ।

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/WhatsAppImage2023-11-06at19.09.50JWKX.jpeg  इस कार्यक्रम की शुरुआत आशिता स्वामी (परियोजना सहायक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) के नेतृत्व में सीएसआईआर-सीएसआईओ- चंडीगढ़ के एक व्यावहारिक अवलोकन के साथ हुई। इस छात्रों को संस्थान के अग्रणी कार्यों की एक व्यापक समझ प्रदान की। सीएसआईआर-सीएसआईओ के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने संवादात्मक व्याख्यान और आकर्षक गतिविधियों के जरिए युवा मस्तिष्कों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके तहत उल्लेखनीय योगदान के रूप में डॉ. अपर्णा अकुला (प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) ने ‘इंटेलिजेंट सेंसिंग सिस्टम’ के बारे में जानकारी दी, श्री उज्ज्वल प्रकाश भूषण (पीएचडी इंजीनियरिंग, बीएमए विभाग, सीएसआईआर-सीएसआईओ) ने ‘मल्टी-सेंसर फ्यूजन-आधारित डायनेमिक ऑब्स्टैकल्स डिटेक्शन’ के बारे में बताया और श्री राहुल झा (आईडीडीपी शोधकर्ता, सीएसआईआर-सीएसआईओ) ने ‘शुरुआती क्षय जांच के लिए इंट्राओरल डेंटल इंस्पेक्शन’ पर चर्चा की।

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इन समृद्ध व्याख्यानों के बाद श्रीमती मीनाक्षी श्रीवास्तव (परियोजना सहायक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) और श्रीमती ईशा (परियोजना सहायक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) के संचालन में आयोजित एक प्रेरक विज्ञान-आधारित प्रतियोगिता ने छात्रों की प्रतिस्पर्धी भावना को बढ़ाने के साथ टीम वर्क और अभिनव सोच को प्रोत्साहित किया।

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इस भ्रमण के दौरान छात्रों को प्रयोगशाला परिचालन की जटिलताओं और विभिन्न उपकरणों की कार्यक्षमता को समझने का अवसर प्राप्त हुआ।

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इस कार्यक्रम के समापन पर श्री अनिकेत अरोड़ा (केएएमपी में आउटरीच गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी) ने जिज्ञासा कार्यक्रम की सफलता के पीछे की प्रमुख शख्सियत- डॉ. नीरजा गर्ग (पीआई जिज्ञासा, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) और डॉ. पूजा देवी (सीओ पीआई जिज्ञासा, प्रधान वैज्ञानिक, सीएसआईआर-सीएसआईओ) के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत में विज्ञान और अन्य प्रगति में गहरी रुचि उत्पन्न करने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा की शक्ति में केएएमपी के अटूट विश्वास को रेखांकित करते हुए ऐसी पहलों के महत्व पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने रोमांचक आगामी गतिविधियों को साझा किया। इनमें 23 नवंबर को इसरो-यूआरएससी के साथ एक ऑनलाइन ज्ञान साझाकरण सत्र, दिसंबर में सीएसआईआर-आईआईटीआर में एक वैज्ञानिक भ्रमण और भारत के प्रतिष्ठित सीएसआईआर प्रयोगशालाओं और अनुसंधान संगठनों में छात्रों को वास्तविक विश्व के वैज्ञानिक प्रयासों से परिचय कराने के लिए डिजाइन की गई योजनाबद्ध गतिविधियों की एक श्रृंखला शामिल है।

सीएसआईआर-सीएसआईओ के बारे में

सीएसआईआर-केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ), वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक प्रमुख मूल इकाई है। यह वैज्ञानिक और औद्योगिक उपकरणों के अनुसंधान, डिजाइन और विकास के लिए प्रतिबद्ध एक अग्रणी राष्ट्रीय प्रयोगशाला के रूप में सक्रिय है। यह बहु-विषयक दृष्टिकोण के साथ भारत में विविध अनुप्रयोगों में उपकरण उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

केएएमपी के बारे में

केएएमपी, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)- राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (निस्पर) और औद्योगिक भागीदार मैसर्स निसा कम्युनिकेशन्स प्राइवेट लिमिटेड (एनसीपीएल) के नेतृत्व में एक गठबंधन है। इसके तहत छात्रों की छिपी हुई क्षमता को सामने लाने और वैज्ञानिक परीक्षण के लिए उनके उत्साह को प्रज्वलित करने के उद्देश्य से रचनात्मकता, सार्थक शिक्षण, आलोचनात्मक अध्ययन और  चिंतन कौशल को विकसित करने के प्रयास किए जाते हैं।