श्री रेड्डी ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को राष्ट्र के विकास इंजन के रूप में स्थापित करना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का महान दृष्टिकोण है और हम उस लक्ष्य की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। पिछले नौ वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र उग्रवाद, राजनीतिक अस्थिरता और विकास तथा उन्नति व समृद्धि को अवरुद्ध करने सम्बंधी विमर्श में होने वाले आमूल बदलाव का गवाह रहा है। उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया गया है और हम सीमावर्ती गांवों में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित कर रहे हैं, ताकि उन्हें विकास और व्यापार के केंद्र के रूप में स्थापित किया जा सके। उन्होंने बड़े पैमाने पर कनेक्टिविटी परियोजनाओं के संबंध में उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 1.06 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सड़क परियोजनाएं चल रही हैं, रेलवे कनेक्टिविटी के लिए 78,000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं और 121 रेलवे परियोजनाओं पर काम चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 2014 तक पूर्वोत्तर क्षेत्र में केवल नौ हवाई अड्डे थे, जो अब बढ़कर 17 हो गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार 500 दिनों में पूर्ण दूरसंचार कनेक्टिविटी के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में भी काम कर रही है।
मंत्री महोदय ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के साथ संयुक्त रूप से राज्य में केन्द्र सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन की भी समीक्षा की। उन्होंने योजनाओं की अधिकतम कवरेज और उनकी अधिकतम स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए राज्य को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय संबंधित मंत्रालयों के साथ समन्वय के लिए पूर्ण सहयोग देगा। श्री जी. किशन रेड्डी ने प्रसाद योजना के तहत निर्माण और मंदिर परिसर की प्रगति और त्रिपुर सुंदरी मंदिर के विकास की भी समीक्षा की।
श्री रेड्डी ने अगरतला की अपनी यात्रा के दूसरे दिन अगरतला अखौरा रेल परियोजना स्थल का भी दौरा किया। श्री जी. किशन रेड्डी ने अगरतला रेलवे स्टेशन, निश्चिंतपुर यार्ड और अगरतला अखौरा रेलवे परियोजना के जीरो प्वाइंट का भी अवलोकन किया। श्री किशन रेड्डी ने सभी स्थानों पर तैनात अधिकारियों के साथ बातचीत की और उन्हें तेज गति से काम करने तथा निर्धारित तिथि तक उसे पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री किशन रेड्डी ने अधिकारियों के साथ बातचीत की और परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि अगरतला अखौरा रेलवे परियोजना भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक गेम चेंजर साबित होगी। उन्होंने आगे कहा कि इससे ढाका होते हुये अगरतला और कोलकाता के बीच यात्रा का समय 31 घंटे से घटकर 10 घंटे हो जायेगा। इसके अलावा पूरे क्षेत्र में आर्थिक प्रगति में तेजी आयेगी और गतिशीलता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगरतला अखौरा रेलवे परियोजना एक्ट ईस्ट नीति के लिए महत्त्वपूर्ण है।
अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, श्री रेड्डी ने एशिया कॉन्फ्लूयंस थिंक-टैंक द्वारा आयोजित तीसरे भारत-जापान बौद्धिक सम्मेलन में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर दक्षिण पूर्व एशिया के लिए भारत का द्वार है और भारत की एक्ट ईस्ट नीति का प्रमुख स्तंभ है। भारत और जापान प्राचीन काल से सभ्यतागत साझेदार रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपने सांस्कृतिक संपर्कों को और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के तहत ठोस कदम उठाये हैं और हम बांग्लादेश व जापान के साथ गहरे और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों के लिये प्रतिबद्ध हैं।
मंत्री महोदय ने राज्य में संस्कृति मंत्रालय के विभागों के कामकाज की भी समीक्षा की और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के क्षेत्रीय कार्यालयों के अधिकारियों के साथ बातचीत की।
श्री जी. किशन रेड्डी ने सीएपीएसआई द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर निजी सुरक्षा रोजगार सम्मेलन में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि निजी सुरक्षा क्षेत्र सबसे अधिक रोजगार पैदा करने वाले क्षेत्रों में से एक है और इस क्षेत्र में बड़ी क्षमता है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के हमारे युवा विश्व भर में अपनी व्यावसायिकता, विश्वसनीयता और कड़ी मेहनत करने वाले स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने निजी सुरक्षा एजेंसियों का आह्वान किया कि वे युवाओं को बेहतर और अधिक विविध रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के लिए विश्वस्तरीय कौशल के अवसर प्रदान करें।