कानपुर 17 मार्च भारतीय स्वरूप संवाददाता, राजनीति विज्ञान विभाग, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर और भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (मुख्यालय नई दिल्ली) कानपुर शाखा ने संयुक्त रूप से 17 और 18 मार्च 2023 को “जी20: समावेशी और टिकाऊ की विकासकी पहल” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया है।
यह संगोष्ठी कानपुर शहर में किसी भी शैक्षणिक संस्थान द्वारा आयोजित एक अहम् पहल है। आज भारत के लिए G20 अध्यक्षत्ता का एक गौरवशाली काल है.भारत सरकार “वसुधैव कुटुम्बकम” के मूल्यों के तहत के अपने G20 लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में शैक्षणिक संस्थानो की अहम् भूमिका एवं भागीदारी की अपेक्षा रखती है। यह राष्ट्रीय संगोष्ठी भारतीय जी20 अध्यक्षत्ता के तहत वैश्विक मुद्दों के एजेंडे में पहल और उपलब्धियों के विषय में जागरूकता पैदा करने की दिशा में उठाए गए कदमों में से एक है। इसमें भारत के विभिन्न प्रान्तों से लोगों ने भागीदारी की है.
इस अवसर पर उपस्थित विशिष्ट अतिथियों और दिग्गजों की सूची में मुख्य अतिथि डॉ. उमा शंकर(सीमा शुल्क और जीएसटी लखनऊ के प्रधान मुख्य आयुक्त), सम्मानित अतिथियों में श्री एस.के. सिंह, (प्रधान आयुक्त, सीमा शुल्क एवं जीएसटी कानपुर)और श्री आर. रमानी, (पूर्व मुख्य सचिव, यू.पी. और वर्तमान में अध्यक्ष, IIPA U.P. क्षेत्रीय शाखा), मुख्य वक्ता स्क्वाड्रन लीडर तूलिका रानी उत्तर प्रदेश G20 की ब्रांड एम्बेसडर और प्रो. एन.के.सक्सेना (अध्यक्ष आईआईपीए कानपुर शाखा) शामिल थे। क्राइस्ट चर्च कॉलेज के प्रिंसिपल एवं कॉलेज गवर्निंग बॉडी के सचिव डॉ. जोसेफ डेनियल ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की। दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारम्भ विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। डॉ. आशुतोष सक्सेना, (विभागाध्यक्ष, राजनीति विज्ञान विभाग और उपाध्यक्ष, आईआईपीए) ने संगोष्ठी के उद्देश्यों और संरचना के विषय में बताया, और डॉ. जी. एल. श्रीवास्तव, (आईआईपीए कानपुर शाखा के सचिव और संगोष्ठी संयोजक) ने सम्मानित अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
Sqnldr तूलिका रानी, जी20 ब्रांड एंबेसडर, यूपी सरकार ने संगोष्ठी में मुख्य अभिभाषण दिया. उन्होंने अपने प्रेरक विचारों से जीवन में चुनौतियों का सामना करने और राष्ट्र के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने के लिए युवाओं का आह्वान किया। उन्होंने भारत के जी20 एजेंडे को बढ़ावा देने और इसकी सफलता में योगदान देने के लिए उत्तर प्रदेश कैसे अग्रणी हो सकता है, इस बारे में अपने विचार साझा किये । विशिष्ट अतिथि श्री आर. रमानी ने सभी के बीच मानवतावाद और राष्ट्रवाद के मूल्यों को स्थापित करने के लिए इस तरह के और राष्ट्रीय सेमिनारों की आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने जी20 की अध्यक्षता के लिए भारतीय एजेंडे और उसके विभिन्न पहलुओं के बारे में कुछ मूल्यवान जानकारियां साझा कीं। मुख्य अतिथि डॉ. उमा शंकर ने जी20 की भारतीय अध्यक्षता की भूमिका और महत्व के बारे में अपनी अंतर्दृष्टि साझा की, उनके अनुसार भारत को वैश्विक शासन में अपने वैचारिक और दार्शनिक आधार को आगे बढ़ाने का यह सुअवसर मिला है. उन्होंने कहा कि भारत समानता, समावेशिता और सामान्य भलाई के लक्ष्यों का अनुसरण करते हुए शासन व्यवस्था का विशव पटल पर एक अनूठा उदाहरण स्थापित करता है।
इस अवसर पर गणमान्य अतिथियों ने प्रो. आशुतोष सक्सेना एवं डॉ. विभा दीक्षित द्वारा लिखित द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर की राजनीति विज्ञान की स्नातक पाठ्यपुस्तकों का विधिवत विमोचन किया।
सत्र के अध्यक्ष के रूप में अपने संबोधन में, प्रो. जोसेफ डेनियल ने जी20 और भारतीय अध्यक्षता के महत्व के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए इस तरह के कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए आयोजन टीम के प्रयासों की सराहना की। प्रो. एन.के. सक्सेना (अध्यक्ष आईआईपीए कानपुर शाखा) ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। उद्घाटन सत्र का डॉ. विभा दीक्षित (सह प्रवक्ता राजनीतिक विज्ञान विभाग एवं संगोष्ठी आयोजन सचिव ) ने प्रभावी ढंग से संचालन किया।
पहले दिन संगोष्ठी में तीन तकनीकी सत्र थे जो G20 के चार महत्वपूर्ण पहलुओं पर आधारित थे.
पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता विशिष्ट अतिथि श्री एस.के. सिंह ने की और संचालन प्रो. आशुतोष सक्सेना ने किया। G20: टिकाऊ और न्यायसंगत वैश्विक विकास के पहलु पर विचार-विमर्श केंद्रित था. श्री एस.के. सिंह ने वैश्विक शासन में समानता और टिकाऊ विकास के विषय में अपने विचार रखे. आमंत्रित वक्ता, प्रो. राजेश कुमार और प्रज्ञा त्रिपाठी ने अपनी महत्त्वपूर्ण प्रस्तुतियों से सभा को सोचने पर विवश किया। अभिनव शाक्य और ऋचा यादव ने इसी थीम पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
दूसरे तकनीकी सत्र में दो विषयों पर विमर्श को शामिल किया गया: ए) जी20: “वसुधैव कुटुम्बकम” दृष्टिकोण के तहत समावेशी वैश्विक विकास, और बी) जी20: पर्यावरण संकट, हरित ऊर्जा, हरित शासन और आपदा प्रबंधन। पीपीएन कॉलेज के प्राचार्य प्रो. अनूप सिंह ने इस सत्र की अध्यक्षता की और अपने ज्ञानवर्धक अभिभाषण से सबको सोचने पर विवश किया. उन्होंने “वसुधैव कुटुमकम” के दर्शन पर विस्तार से अपने मत प्रस्तुत किये। डॉ अनुज मिश्रा ने वसुधैव कुटुमकम के भारतीय वैश्विक शासन के दर्शन की विशिष्टता के बारे में अपने दृष्टिकोण साझा किए। डॉ. कीर्ति मिश्रा ने खाद्य सुरक्षा और बाजरा परियोजनाओं में भारतीय पहल पर एक प्रस्तुति दी। सोनू त्रिवेदी और ऐश्वर्या अवस्थी ने मानवता और मानव अस्तित्व के लिए पर्यावरण की महत्वपूर्ण अन्योन्याश्रितता पर प्रस्तुतियां दीं।
दिन के अंतिम तकनीकी सत्र में “विकास, व्यापार और सुरक्षा के लिए ग्लोबल साउथ में G20 राष्ट्रों द्वारा संकट प्रबंधन” विषय पर विचार-विमर्श किया गया। डॉ. पद्मा अय्यर ने सत्र की अध्यक्षता की और सतत विकास के लिए जी20 देशों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों में किये गए कायों के बारे में चर्चा की। डॉ. रश्मि मिश्रा और प्रो. अनुराग रत्न ने अंतर्राष्ट्रीय संकट और उस पर भारतीय प्रतिक्रियाओं और पहल के बारे में मंत्रणा की। उन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप में सुरक्षा संकट से संबंधित मुद्दों पर विचार प्रस्तुत किये। आमिर ने एक बहु-ध्रुवीय दुनिया में नई भारतीय विदेश नीति की पहल पर एक पेपर प्रस्तुत किया जहां एक बहु-संरेखित दृष्टिकोण सबका ध्यान आकर्षित कर रहा है.
राष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन G20 पर कुछ व्यावहारिक एवं महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया गया और उन पर वृहत विवेचना हुई. इस संगोष्ठी ने विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण दृष्टिकोण एवं उठे सवालों ने सबका ध्यान आकर्षित किया. सभी के लिए यह एक सार्थक प्रयास सिद्ध हुआ है.इस संगोष्ठी के पहले दिन के सफल आयोजन में क्राइस्ट चर्च कॉलेज की आयोजन समिति ने कड़ी मेहनत की है जिसमे मुख्य रूप से डॉ. अर्चना हिना, साक्षी, इशिता, ऋचा, शैली, अभिनव, आमिर, उज्जवल अभिषेक, ईशान, मानवी, श्रजल शामिल हैं.।आईआईपीए की आयोजन टीम के सदस्य सीए विनय जैन और धीरेंद्र कुमार ने भूमिका निभाई।