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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में सप्ताहभर की गतिविधियों के दौरान ईएसआईसी ने 9.3 करोड़ रुपये के 3724 मातृत्व लाभ दावों का निपटारा किया

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में इस साल की थीम ‘डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार एवं प्रौद्योगिकी’ के अनुरूप कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के कार्यालयों/अस्पतालों ने सप्ताहभर चलने वाली गतिविधियों की श्रृंखला आयोजित की। इसमें लैंगिक संवेदनशीलता पर सेमिनार, बीमित महिलाओं/मातृत्व लाभ दावों से संबंधित बकाया बिलों का निपटारा, महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य जांच/स्वास्थ्य जांच शिविर शामिल हैं। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए हफ्तेभर चली गतिविधियों की श्रृंखला के दौरान 9.3 करोड़ रुपये की धनराशि के 3724 मातृत्व लाभ दावों का निपटारा किया गया।

हाल ही में ईएसआईसी ने बीमित महिलाओं को ऑनलाइन मातृत्व लाभ का दावा करने की सुविधा शुरू कर ईएसआई योजना के तहत बीमित महिलाओं के लिए विशेष पहल की है। इसका मकसद प्रौद्योगिकी की मदद से लाभ उठाने के प्रयासों को आसान बनाकर उन्हें सशक्त करना है। टेलीमेडिसिन जैसी तकनीक आधारित सुविधाओं ने महिला लाभार्थियों को अपने घरों से ही स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने में काफी मदद की है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सप्ताह भर चली गतिविधियों की श्रृंखला का आज समापन हो गया। इस अवसर पर कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) मुख्यालय, नई दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार की अध्यक्षता ईएसआईसी के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र कुमार ने की। कार्यक्रम में वित्त आयुक्त, ईएसआईसी, टी. एल. यादेन; सीवीओ, ईएसआईसी, श्री मनोज कुमार सिंह; उप महानिदेशक, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) श्रीमती अनुजा बापट; और वरिष्ठ विशेषज्ञ एवं निदेशक, नीति आयोग, डॉ. साक्षी खुराना उपस्थित थे। इस साल की थीम ‘डिजिटऑल: इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फॉर जेंडर इक्वैलिटी’ का जिक्र करते हुए डॉ. राजेंद्र कुमार ने आईटी आधारित प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर महिलाओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया, जिससे वे इस प्रतिस्पर्धी दुनिया में अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनेंगी। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों के माध्यम से महिलाएं अपने घरों से ही स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे समाज की महिलाओं को उच्च महत्व का एहसास कराने और उन्हें प्रदान करने का भी समय है। उन्होंने कहा कि कार्य क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी में रैंकिंग कम होने के बावजूद समावेशी एवं एकीकृत प्रौद्योगिकी के जरिए लैंगिक समानता के दृष्टिकोण को जल्दी हासिल किया जा सकता है।

ईएसआईसी की वित्त आयुक्त सुश्री टी. एल. यादेन ने बीमित महिलाओं के मातृत्व लाभ के ऑनलाइन दावे की सुविधा के लिए ईएसआईसी के प्रयासों की प्रशंसा की। इससे तकनीक की मदद से महिला लाभार्थियों को लाभ पाना आसान बनाकर सशक्त किया जा सकेगा। उन्होंने प्रौद्योगिकी के महत्व को दोहराया, जो भेदभाव कम कर और समाज के सभी सदस्यों के  लिए समान अवसर उपलब्ध कराकर महिलाओं को सशक्त बनाने का माहौल तैयार करने में सक्षम है। ईएसआईसी के सीवीओ श्री मनोज कुमार सिंह ने जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी और योगदान की चर्चा की।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) की उप महानिदेशक श्रीमती अनुजा बापट ने जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने पर जोर दिया। उन्होंने महिलाओं को समाज कल्याण योजनाओं की मुख्यधारा में लाने का भी आग्रह किया।

वरिष्ठ विशेषज्ञ और निदेशक, नीति आयोग, डॉ. साक्षी खुराना ने उन महिलाओं के साथ काम करने के अपने अनुभव साझा किए, जो समाज के हाशिये पर हैं। उन्होंने बताया कि कैसे ईएसआईसी और ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं उनके जीवन की मुश्किलों को कम करने में मदद कर रही हैं।

 

चिकित्सा आयुक्त, ईएसआईसी, डॉ. दीपिका गोविल ने स्वास्थ्य शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी के बारे में बताया। उन्होंने समाज में समानता हासिल करने के लिए समता की भावना को बढ़ावा देने पर जोर दिया। बीमा आयुक्त (पी एंड ए) श्री दीपक जोशी ने दुनियाभर की महिलाओं की उपलब्धियों और उन्हें सशक्त बनाने के तरीकों के बारे में बात की।

कार्यक्रम के दौरान हफ्तेभर की गतिविधियों  के दौरान आयोजित निबंध प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को गणमान्य व्यक्तियों ने नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। समारोह में ईएसआईसी मुख्यालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।