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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने चेन्नई में सीडीएससीओ भवन, दक्षिण क्षेत्र की नई इमारत का आभासी रूप से उद्घाटन किया

“आजादी का अमृत महोत्सव की भावना को संत रामानुज की धरती की विशेषज्ञता से जोड़ते हुए देश स्वस्थ और समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में कार्य कर रहा है। भारत सरकार देश में औषधियों, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा और प्रभावकारिता बरकरार रखते हुए उनकी उच्चतम गुणवत्ता सुनिश्चित कर सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा करने और उसमें वृद्धि करने के मिशन को आगे बढ़ा रही है। सीडीएससीओ, दक्षिण क्षेत्र का नया भवन विशेष रूप से तमिल नाडु, पुडुचेरी, केरल और लक्षद्वीप सहित दक्षिणी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सुरक्षा और नियामक सर्वोत्तम प्रथाओं को प्रदान करने के सरकार के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा।” यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज चेन्नई में सीडीएससीओ भवन, दक्षिण क्षेत्र की नई इमारत का आभासी रूप से उद्घाटन करते हुए कही।

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सीडीएससीओ के महत्व को रेखांकित करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि “सीडीएससीओ सुरक्षा प्रभावकारिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के सा‍थ ही साथ स्वास्थ्य उत्पादों के निर्माण, आयात और वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से कोविड महामारी के दौरान, हमारे नागरिकों के लिए सही समय पर सही दवा प्रदान करने में सहायता की है।” उन्होंने कहा कि “सीडीएससीओ के महत्व को देखते हुए भारत सरकार ने इसकी क्षमताओं में विस्तार किया है। देश में दवा नियामक प्रणाली को मजबूती देने के लिए भारत सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत विभिन्न परियोजनाओं, नए सीडीएससीओ कार्यालयों, नई औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं के निर्माण और मौजूदा प्रयोगशालाओं, बंदरगाहों पर मिनी प्रयोगशालाओं आदि के उन्नयन को मंजूरी दी है।”

https://static.pib.gov.in/WriteReadData/userfiles/image/image003ZH8I.jpgऔषधीय, निदान और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में तेजी से हो रही प्रगति को देखते हुए डॉमांडविया ने माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किए गए “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” के आह्वान को दोहराया। उन्‍होंने कहा कि इससे चिकित्सा उत्पादों के स्वदेशी तकनीक से निर्माण को बल मिला है और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लक्ष्यों को प्रोत्‍साहन प्राप्‍त हुआ है। उन्होंने कहा, “भारत सरकार दवाओं की गुणवत्ता, पहुंच, सामर्थ्य जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही साथ उद्योग से जुड़े लोगों और अन्य हितधारकों को भी प्रोत्साहित कर रही है।” उन्होंने ह्यूमनॉइड चिप्स के माध्यम से नई तकनीकों और औषधियों के परीक्षण जैसे नवाचारों को अपनाने की  सरकार की इच्छा भी रेखांकित की। उन्होंने कहा, “सरकार नया औषधि, प्रसाधन सामग्री और चिकित्‍सा उपकरण विधेयक भी ला रही है, जो मौजूदा अधिनियम और नियमों का स्‍थान लेगा। इन कदमों से हमें व्यापार करने में सुगमता, नवोन्‍मेषकों  का उत्पीड़न रोकने और एक मजबूत नियामक प्रणाली के साथ जीवंत औषधि और प्रसाधन सामग्री उद्योग का निर्माण करने में मदद मिलेगी।”

578 ब्लड सेंटर, 700 औषधि निर्माण इकाइयां, 251 प्रसाधन सामग्री निर्माण इकाइयां,  9 वैक्सीन निर्माण इकाइयां, 85 चिकित्‍सा उपकरण निर्माण इकाइयां, 40 विश्‍लेषणात्‍मक प्रयोगशालाएं और 12 बीए/बीई सेंटर्स के साथ सीडीएससीओ भवन, दक्षिण क्षेत्र संयुक्‍त निरीक्षण के माध्‍यम से दवाओं और  ब्लड बैंक लाइसेंस, टीके और सेरा, बड़ी मात्रा में पैरेनटेल, आर-डीएनए उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों आदि जैसे लाइसेंसों की गुणवत्ता की निगरानी में सहायता करेगा। वे नियमित दवाओं के नमूने लेने के साथ-साथ संयुक्त /स्वतंत्र रूप से औचक निरीक्षण/छापेमारी करके नैदानिक परीक्षण सुविधाओं और सार्वजनिक औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के निरीक्षण में भी सहायता करेंगे। सीडीएससीओ अंतरराष्ट्रीय नियामक एजेंसियों के साथ सहयोग करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

इस कार्यक्रम में डॉ. मनदीप के. भंडारी, संयुक्त सचिव, केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, डॉ. वी.जी. सोमानी, ड्रग्‍स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया, डॉ. बी. कुमार  डिप्‍टी ड्रग्‍स कंट्रोलर और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।