हम गुलाम इसलिए हुए क्योंकि हमने अपने देश मे विदेशियों को आने दिया वो तो चले गये लेकिन उनकी भाषा का जाल इस कदर फैला है ।जिस वजह से हम आज हिन्दी दिवस मना रहे । कभी सुना है इंग्लिश डे मनाते हुए नही न? तो अपने देश अपनी भाषा का सम्मान करें जन जन मे यह जागरूकता फैलाए कि हिन्दी पढना ,बोलना ,लिखना आना ही चाहिए । अब बात ये है कि हम हिन्दुस्तानी अपनी ही भाषा हिन्दी को दिवस के रूप मे मनाने कि क्या जरूरत आ पड़ी? क्या हम मजबूर हैं अपने ही देश अपनी मात्र भाषा को बोलने ,पढने ,लिखने मे ? भाषा कोई त्योहार नही जो कुछ दिन मना कर हम भूल जायें।इसलिए मनाए नही इसे अपने जीवन मे गर्व से शामिल करें 💐🙏अपर्णा सिंह लखनऊ